DNA टेस्ट क्या है और कैसे DNA टेस्ट करवाया जा सकता है

DNA टेस्ट एक प्रकार का परीक्षण होता है जिसका प्रयोग आजकल संबंधों का निर्धारण करने के लिए भारत के अंदर बहुत अधिक किया जा रहा है। जैसे भाई बहन का DNA आपस मे मैच करेगा । माता पिता का आपस मे DNA मैच करेगा । कई बार पिता को ‌‌‌अपने बच्चे पर शक होता है कि यह बच्चा उसका नहीं है। ऐसी स्थिति के अंदर पिता अपने बच्चे का डिएनए टेस्ट करवा सकता है। जिसकी मदद से आसानी से जाना जा सकता है कि बच्चे और पिता के बीच कोई रिश्ता है या नहीं ।‌‌‌इस लेख के अंदर हम आपको पूरी डिटेल के अंदर बताने वाले हैं कि किस तरह से आप डिएनए टेस्ट करवा सकते हैं और इसका कितना पैसा लग जाता है।

DNA ‌‌‌क्या है

‌‌‌डीएनए का पूरा नाम डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल है। जीवित कोशिकाओं के अंदर पाए जाने वाले तंतु नुमा अणु को डीएनए कहा जाता है। डीएनए अणु घुमावदार सीढी कि तरह होते हैं। डीएनए अलग अलग चार पदार्थो से बना होता है जिसको न्यूक्लियो टाईड कहा जाता है।डी एन ए की रूपचित्र की खोज अंग्रेजी वैज्ञानिक जेम्स वॉटसन और फ्रान्सिस क्रिक के द्वारा सन 1953 के अंदर की थी।

‌‌‌1. डीएनए सभी कोशिकाओं के अंदर मौजूद रहता है। इसके अंदर अनुवांशिकी जानकारी रहती है।

  1. डीएनए शरीर के हर घटक को कंट्रोल करता है।
  2. सभी के अंदर डीएनए पैर्टन अलग अलग होता है।
  3. आधा डिएनए पिता का होता है और आधा माता का ।

पितृत्व DNA टेस्ट क्या है?

यह एक विशेष प्रकार का डिएनए टेस्ट होता है। जिसके अंदर कोई पति अपने बच्चे का डिएनए टेस्ट करवा के यह पता लगा सकता है कि बच्चा उसका है या नहीं । इसके लिए दोनों के सैंपल लिये जाते हैं। जैसे बाल नाखून आदि । यदि दोनो का डिएनए मैच हो जाता है तो यह साबित हो जाता ‌‌‌कि बच्चे का पिता सही है। लेकिन DNA मैच नहीं करता है तो इसका मतलब बच्चे का पिता कोई और है।

‌‌‌अस्पतालों के अंदर बच्चे की अदलाबदली का शक

यदि आपके बच्चे के जन्म के समय आपको लगता है कि आपके बच्चे की अदलाबदली हो गई है तो आप डिएनए परीक्षण का सहारा ले सकते हैं। जिससे यह साबित हो जाएगा कि आपका असली बच्चा कौन है?

‌‌‌पत्नी पर विश्वास की कमी की वजह से

कई बार पति को अपनी पत्नी पर विश्वास नहीं होता है और उसे शक होता है कि उसकी पत्नी को होने वाला बच्चा उसका नहीं है तो वह डिएनए परीक्षण का मांग कर सकता है। जिससे साबित हो जाता है कि बच्चा किसका है।

‌‌‌परिवार विवाद और तलाक

कई बार पति अपनी पत्नी की बेवहफाई की वजह से उससे तलाक लेना चाहता है और दावा करता है कि उसके जो बच्चा है वह उसका नहीं है। इस आधार पर उसे तलाक दिया जाए । इस विवाद को निपटाने के लिए अदालते बच्चे का डिएनए परीक्षण करने का आदेस दे सकती हैं।

‌‌‌विवाद निपटारे के लिए

कई बार विवाद हो जाता है कि बेटा यह कहता है कि अमुख व्यक्ति उसका पिता है। लेकिन पिता यह मानने को तैयार नहीं होता है। ऐसी दसा के अंदर भी अदालते DNA टेस्ट करने का आदेस दे सकती हैं ताकि बेटे को उसका अधिकार मिल सके । इस संबंध मे प्रसिद्व मामला ‌‌‌उतराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण तिवार और उनके बेटे रोहित शेखर का डिएनए परीक्षण हुआ था । उसके बाद ही तीवारी ने उसे अपना बेटा स्वीकार किया था ।

पितृत्व DNA टेस्ट के लिए किसके नमूनों की आवश्यकता है?

इस डिएनए टेस्ट के लिए यदि बच्चा पैदा हो चुका है तो उसके नमूने और पिता के नमूने की आवश्यकता होती है। आप चाहें तो बच्चे के बाल और पिता के बाल भी ले सकते हैं। या दोनों का रक्त लिया जा सकता है। लेकिन यदि बच्चा मां के पेट के अंदर है तो ‌‌‌ऐसी दसा के अंदर मां का नमूना भी आवश्यक होता है।

पितृत्व DNA टेस्ट कितना सही है?

बच्चे का जन्म होने से पहले पितृत्व DNA टेस्ट किया जा सकता है?

DNA टेस्ट से आने वाले परीणाम 100 प्रतिशत सही होते हैं और इसके द्वारा आसानी से यह साबित हो जाता है कि कौन किसका बेटा है और कौन किसका पिता है।

पितृत्व DNA परीक्षण के लिए DNA कैसे निकाला जाता है?

भारत में, DNA निष्कर्षण का सबसे आम रूप परीक्षण में शामिल व्यक्तियों का खून है। रक्त नमूना एकत्र किया जाता है यदि खून से डिएनए परीक्षण संभव नहीं है तो दोनों के बाल नाखून आदि की मदद से डिएनए परीक्षण किया जा सकता है।

‌‌‌लेकिन भारत के अंदर डिएनए परीक्षण के लिए खून का नमूना अधिक प्रयोग मे लाया जाता है।

buccal swab क्या होता है

DNA परीक्षण के लिए व्यक्ति के गाल के अंदर के उतक का नमूना भी लिया जाता सकता है। जिसको बुकल swab कहा जाता है। यह परीणाम को और अधिक सटीकता से पेश करता है।

बच्चे के जन्म से पहले भी डिएनए टेस्ट किया जा सकता है?

गर्भ के 8 माह के बाद या तीन माह के बाद बच्चे का डिएनए टेस्ट किया जा सकता है। इसके लिए मां का खून लिया जाता है मां के खून के अंदर बच्चे का डिएनए होता है। और पिता का खून ‌‌‌लेकर दोनों के खून को मैच करवाया जाता है। उसके आधार पर यह तय किया जा सकता है कि होने वाले बच्चे का पिता कौन है।

नमूना एकत्र किए जाने के बाद परिणामों को प्राप्त करने में कितना समय लगता है?

नमूना लेब के अंदर भेजने के बाद आपको परीणाम प्राप्त करने के लिए 10 से 15 दिन का समय लग जाता है। यह समय लेब के उपर निर्भर करता है कि वह आमतौर पर कितना समय लेती है।

परीक्षण के लिए औपचारिकताएं क्या हैं?

इसके लिए दोनों की सहमति आवश्यक होती है जिनका डिएनए परीक्षण होना है। और दोनों का पहचान दस्तावेज की भी आवश्यकता होती है।

‌‌‌इंडिया के अंदर DNA परीक्षण की फीस कितनी है।

इंडिया मे कई प्रयोगशालाएं हैं जोकि डिएनए परीक्षण करती हैं। जिनकी अलग अलग फीस होती है। ‌‌‌और ली जाने वाली फीस इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप कोनसा DNA टेस्ट करवा रहे हैं।

Cost of DNA Paternity Test (Father + 1 Child) in Chennai 14000 रूपये है।

Cost of DNA Paternity Test (Father + 1 Child) in Bengaluru 14 हजार रूपये है

Cost of DNA Paternity Test (Father + 1 Child) in Delhi 14 हजार है

‌‌‌लेकिन यदि आप पिता और माता का डिएनए टेस्ट करवाना चाहते हैं तो इसमे आपके एक लाख रूपये लग जाते हैं।

‌‌‌बेस्ट DNA टेस्ट लेब इन इंडिया

  1. DNA Labs India

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Vadodara, Gujarat

https://www.dnalabsindia.com

079 3068 4184

2.Shreeyash Diagnostics (DNA Labs India)

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Osmanabad, Maharashtra

022 3969 8181

  1. Gandhi Thyro (DNA Labs India)

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Mumbai, Maharashtra

022 3969 8181

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Agra, Uttar Pradesh

011 3912 8834

This post was last modified on November 1, 2018

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