कुत्ते की मौत शायरी dog death shayari in hindi डॉग की मौत पर शायरी दोस्तों कुत्ता को अक्सर हम पालतू जानवर बनाकर अपने घर के अंदर रखते हैं। लेकिन कई बार जब मौत का समय आता है तो वह मर भी जाता है। जिसकी वजह से हम खेद प्रकट करना चाहते हैं और खेद प्रकट करना शायरी के अंदाज मे काफी अधिक दिलस्प होता है तो हम आपको कुत्ते की मौत पर कुछ शायरी बता रहे हैं।
प्यार सा फूल ,
बर्फ की तरह कूल ,
लगता है हमारे डॉग
की मौत खुदा की है भूल ।
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आज डॉग को दफनाकर आया हूं ,
क्या बताउं यारो ,
उसकी मौत मे दर्द लेकर आया हूं ।
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अब डॉग नहीं भौकता ,
अब वह मेरे पैरों मे नहीं गिरता ,
अंधेरे को प्रकाश की तरह नहीं चिरता ,
जब मौत आएगी तो सबको मरना ही है ,
भला इसमे डॉग भी क्या करता ।
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दिल का उजाला था तू ,
घर का रखवाला था तू ,
सोने के बर्तन मे खाता था ,
आज दुनिया को छोड़कर चला गया ,
बड़ा किस्मत वाला था तू
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जब डॉग छोटा था तो
एक गली से तुझे पाया था ,
उठान बैठना सब कुछ
हमने तुझे सिखाया था ,
मगर वफादारी का सही
मतलब तुमने हमें बताया था।
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दोस्त तोड़ दिया हमारा दिल,
फिर भी दोस्ती का नाम रहा है,
डॉग तू जंहा भी हो खुश रहो ,
तेरे जाने के बाद तेरी यादों मे ,
हर गमगीन हर शाम रहा है।
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डॉग तुझे खुदा जन्नत नसीब करे ,
हाथ रखे तेरे उपर ,
और कम तेरी तकलीफ करे ।
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डॉग घर मे उड़ती पतंग की तरह था तू ,
अपने यहां हंसती उमंग की तरह था तू ,
हमारे लिए दोस्त जैसे संग की तरह था तू ।
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जब गया डॉग तू दुनिया छोड़कर ,
कसम से हम रोये थे खूब ,
यही सवाल था तुम से ,
क्यों गया हमारा दिल तोड़कर ।
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डॉग अपना कम नहीं था इंसानों से ,
वह पूरी तरह से वाकीफ था ,
अपने दिल के अरमानों से ।
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जो दिल के अरमान हमने किसी को नहीं बताए ,
वो हमने डॉग तुझे बताए ,
अगर बीच राहों मे छोड़कर जाना था तुझे ,
तो क्यों हंसी पल अपने संग बिताएं ।
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जिदंगी मुश्किल जरूर थी ,
मगर अपने डॉग ने आसान बना दिया ,
आज जब वह छोड़कर दुनिया चला गया ,
तो फिर से इस दिल को विरान बना दिया ।
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अपने डॉग की मौत पर खून के आंसू रोये हैं ,
लोग कह रहें हैं दुख मत करो ,
मगर हम तो अपने डॉग की यादों मे खोये हैं।
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क्यों हो जाती है ,
डॉग से इतनी मुहब्बत की
उसके बिना जीना मुश्किल होता है ,
मगर आज पता चला ,
इसका कारण भी अपना दिल होता है।
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अपना डॉग तो छोड़ गया हमें
अकेला इस जिदंगी के सफर मे ,
अब किस साथी को तलासे हम
दूर दूर तक कोई नहीं है इस डगर मे ।
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उस डॉग ने बदला चुका दिया ,
मेरे हर एहसान का ,
वफादार इतना था ,
कि कभी सौदा नहीं किया मेरी जान का ।
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अपने डॉग की मौत पर हम खामोश थे ,
क्योंकि डॉग के मरने मे हमारे ,
अपने भी कुछ दोष थे ।
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फर्क नहीं करता था ,
तेरे और मेरे मे ,
मगर गहरा दर्द
दे गया यार तू इस सवेरे मे ।
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जो कहता था ,
सब खामोशी से सुन लेता था ,
मरते दम तक नहीं छोड़ता था ,
जिसको एक बार अपना चुन लेता था।
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लोग कहते हैं ,
डॉग के मरने पर इतना गम क्यों ,
कौनसा तेरा सगा था ,
फिर भी तेरी आंखें इतनी नम क्यों ।
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कुछ रिश्ते खून के होते हैं ,
कुछ रिश्ते दिल के होते हैं ,
मगर जब दिल के रिश्ते
टूटते हैं तो दर्द बहुत देते हैं।
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रिश्ता था अपने डॉग के साथ दिल का ,
वह राजा था हमारी महफिल का ,
अब छोड़कर दुनिया चला गया ,
अब कोई ठिकाना नहीं उस शाहिल का ।
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अकेले हैं आज अनजाने सफर मे ,
चौका दिया था हमें ,
अपने डॉग की मौत की खबर ने ।
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डॉग तू जंहा भी हो ,
मेरी दुआ है बस इतनी तू खुश रहे ,
तुझे मेरी कमी कभी ना ,
महसूस रहे ।
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अपने डॉग की कब्र पर आज हम आए हैं ,
फूल चढ़ाने के लिए आज हम लाए हैं ,
भले ही तू दुनिया छोड़कर चला गया ,
मगर तेरे और मेरे रिश्ते तो यादों मे समाएं हैं।
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आज भी मैं तुझे अपने आस पास महसूस करता हूं ,
डॉग तू नहीं है आज इस दुनिया मे ,
मगर फिर भी तेरी खुशी के लिए बहुत कुछ करता हूं।
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सबको छोड़कर दुनिया एक दिन जाना होगा ,
वफादारी का मतलब वह समझेगा ,
जिसने डॉग को कभी अपना माना होगा ।
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अपने डॉग की मौत पर सदमा खाए बैठें हैं ,
एक अकेला ही था हमें संभालने वाला ,
अपने तो हमसे आंख चुराये बैठे हैं।
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तू नहीं इस दुनिया मे ,
मगर दिल की हर गलियों मे तेरा नाम है ,
तू नहीं है इसलिए ,
आजकल सुनी सुनी हमारी शाम है।
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हम अपने डॉग के लिए रोना नहीं चाहते ,
मगर क्या करें आंसू अपने आप आ जाते हैं ,
कुछ दिल के रिश्ते ही ऐसे होते हैं ,
जो हद से ज्यादा भा जाते हैं।
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जो बीत जाता है वह रहता है बस यादों मे ,
डॉग तू चला गया छोड़कर यह दुनिया ,
आज कल छवी तेरी देख रहे हैं किताबों मे
बिना डॉग के तन्हाई का आलम है ,
आज वक्त भी बड़ा जालिम है ।
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बहुत तड़पाया है अपने डॉग को दर्द ने ,
फिर उसका साथ छोड़ दिया था ,
खूब जीने की शर्त ने ।
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डॉग ने अपने वादे तो खूब निभाए थे ,
हमारे लिए उसने खूब तोहफे सजाए थे ,
मगर किसको क्या पता था ,
आज उससे हम आखिरी बार मिलने आए थे ।
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जब डॉग के मरने का वक्त आया ,
वह हमारे कदमों मे यूं लेट गया ,
जैसे हम खुद उसके लिए भगवान हो ,
हम तो खुदा से यही दुआ करेंगे ,
अपना डॉग जंहा भी हो खुश रहे ,
हद से ज्यादा ना परेशान हो ।
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इस से बढ़कर वफ़ा की मिसाल क्या होगी,
हमें मंजिल तक लेजाने के लिए अपनी कर्बानी देदी ,
इससे बड़ी दोस्ती विशाल क्या होगी ।
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डॉग आज काफी उदास था ,
हमें लगा वो नाराज था ,
मगर हमे क्या पता उसको ,
अपनी मौत का एहसास था ।
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डॉग छोड़कर चला गया ,
दुनिया अपने यारो की ,
अब सदैव याद दिलाता रहेगा वक्त ,
उसके साथ बिताए कुछ नजारों की ।
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डॉग की अधिक उम्र नहीं होती ,
फिर भी कमाल कर जाते हैं ,
मगर कसम से जब वफादार डॉग
दुनिया छोड़कर जाते हैं तो बुरा हाल कर जाते हैं।
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अपने डॉग ने दिल हमारा कभी तोड़ा नहीं ,
अकेला राहों मे कभी छोड़ा नहीं ,
हमारे संकटों को देखकर ,
एक दिन भी ऐसा नहीं कि वह दौड़ा नहीं ।
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खुदा से दुआ करते हैं ,
जन्नत मिले अपने डॉग को ,
क्योंकि वही मिटा सकता है ,
जीने और मरने के शोक को ।
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डॉग अपना मौत से लड़ता रहा ,
चलने के लिए फिर से वह गिरता रहा ,
मरते वक्त वह हमारी तरफ ,
अपनी दीन नजरे करता रहा ।
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तोड़ दिया डॉग ने दोस्ती का तार आज ,
पता नहीं क्यों लग रहा है सुना सुना ,
सा यह संसार आज ।
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न मेरी कोई मंज़िल है न किनारा,
जिसका मालिक ही आखरी सहारा है ,
ऐसा डॉग भला कैसे आवारा है।
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बचपन मे अपने हाथों से जिसे खिलाया था ,
प्यार से पानी जिसे पिलाया था ,
कैसी नियति है खुदा तेरी ,
आज हमने उन्हीं हाथों से
उस डॉग को कब्र मे सुलाया था ,
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अपने डॉग के जाने के बाद
कुछ भी अच्छा नहीं लगता है ,
रिश्ते तो बहुत हैं ,
मगर उसके सिवाय कुछ भी ,
सच्चा नहीं लगता है।
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अंत समय मे अपने डॉग के भाव देखे तो
मानों वह कह रहा हो ,
न कोई मेरी मंजिल है न कोई मेरा ठिकाना है ,
जिंदगी का नाम बस आते जाते रहना है।
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अपने डॉग के साथ वक्त गुजारा याद आता है ,
याद रखना गम हमेशा खुशियों के बाद आता है।
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अच्छा नहीं लगे हमें अपने डॉग से बिछड़जाना ,
मगर क्या करें । बुद्धिमान इंसानों का काम होता है ,
पुरानी बातों को छोड़कर आगे बढ़ जाना ।
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जिस डॉग को आज मौत ने पुकारा है ,
उसने कभी हमारे जीवन को सुधारा है।
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अपना डॉग तो चला गया ,
यह जंहा छोड़कर ,
सब कुछ ले गया अपने साथ ,
बस अपनी यादों को यहां छोड़कर ।
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आज भीगे हैं आंसूओं की बारिश मे ,
लोग दीवाना कहने लगे ,
क्या हुआ दो शब्द कह दिये डॉग की तारिफ मे ।
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आज डॉग चला गया है ,
तो एक दिन मैं भी चला जाउंगा ,
मगर उसकी यादों को कभी नहीं
भूल पाउंगा ।
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डॉग की यादों से भीग गए हैं हम ,
वह तो चला गया , मगर वफा ,
उससे सीख गए हैं हम ।
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ना दिन मे चैन है ,
ना रात मे सकून है ,
पल पल मे याद आता है ,
अपने डॉग का किया
किसने जो खून है ।
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वह इंसानों मे रहकर ,
इंसानों की तरह जीना सीख गया था ,
मौत उसकी करीब थी ,
मगर पता नहीं उसे कैसे दिख गया था।
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बड़ी मुश्किल से डॉग को मैंने पाला था ,
उसकी खातिर मैंने खुद को संभाला था ,
सदा के लिए बुझ गया ,
जो कभी हमारे जीवन का उजाला था ।
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कठिन है जीवन मे अकेले जीना ,
ऐ खुदा क्यों तुमने अपने डॉग
को हमसे छीना ।
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अपने डॉग को मौत भी मिली तो कैसी मिली ,
दर्द मे तड़पता रहा और कोई संभालने वाला न था ,
आस पास लोग गुजर रहे थे ,
मगर कोई कब्र मे डालने वाला न था ।
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अंत समय मानों डॉग कह रहा हो ,
अपनी प्यारी सी मुस्कराहट को कभी न खोना,
हम तो मर रहे हैं ,
मगर हमारे लिए कभी मत रोना ।
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अपने डॉग को मौत भी मिली तो सुकून की ,
अब भला कौन कीमत चुका पाएगा ,
भला अपने जनून की ।
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अपना डॉग अपनी मुस्कान का राज था ,
कुछ दिनों से हमसे वह नाराज था ,
खुश रहना सदा तू ,
यही उसका आखरी अल्फाज था ।
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अच्छा नहीं लगा हमें डॉगी का मरना ,
इंसान तो बेवफा होते हैं ,
खुशिया लेकर दर्द देते हैं ,
इसलिए दोस्ती सदैव डॉगी से करना ।
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डॉगी की याद मे अब मैं जी रहा हूं ,
तू छोड़कर चला गया यार ,
इसलिए हद से ज्यादा पी रहा हूं ।
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अपने डॉगी से साथ जीने और मरने का वादा था ,
मगर बीच राहों मे छोड़कर जाने का उसका इरादा था।
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दिन भर गलियों मे घूमते हैं आवारा डॉगी ,
एक रोटी का टुकड़ा कोई नहीं डाल सकता है ,
क्योंकि इंसान भी हो गया हद से ज्यादा भोगी ।
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वह घर मे चावल बना रही है ,
हम तो डॉगी की मौत का मातम बनाकर लौटे हैं ,
उसे क्या पता अपने डॉगी का रिश्ता ,
हम तो हर तरफ धोखा खाकर लौटे हैं।
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सुलगती जिंदगी से मौत ही आ जाए,
डॉगी से दोस्ती जरूरी की जाए ,
क्या पता जिदंगी बदल जाए ।
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आज हमारे डॉगी ने खुदखुशी करली ,
वह भी इश्क करने चला था ,
दिल लगाकर अपनी दुनिया दुखी करली ।
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जब डॉक्टर ने कहा तेरा डॉगी कुछ दिन का मेहमान है ,
तब अपना डॉगी आंखों से पूछ रहा था ,
तू भला इतना क्यों परेशान है।
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अकेले ही तय करना होता है डॉगी की तरह
सबको मौत का सफर ,
मौत के मार्ग मे लुप्त हो जाती है ,
खैर और खबर ।
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जिस डॉगी को अपने सीने से
लगाकर रखते थे ,
आज उसको अपने हाथों से कब्र मे दफना दिया ,
जब खुदा को पूरा ही नहीं करना था ,
तो क्यों डॉगी के साथ जिदंगी का हसीन सपना दिया।
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आज तक भला मौत को कौन रोक पाया है ,
आज अपना डॉगी दुनिया छोड़कर गया है ,
दिल के रिश्ते और बंधन तोड़ कर गया है।
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मौत को तो हम यूँ ही बदनाम करते हैं ,
मगर अपने डॉगी को तकलीफ तो जिदंगी ने दी है।
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अपने डॉगी का साथ ,
कभी ना पूरा होने वाला ख्वाब था ,
तू हमारे लिए एक खुली किताब था ,
छोड़कर चला गया तू हमें ,
क्या हमारा रिश्ता इतना भी खराब था।
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अपने डॉगी के जाने से ,
दिल टूट सा गया है ,
लग रहा है ऐसे ,
जैसे मेरा अपना मुझ
से रूठ सा गया है।
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सदियों पुराना है इंसान और डॉगी का रिश्ता ,
किसी को पता नहीं होता ,
कब साथ छोड़ देगा हमारा यह फरिश्ता ।
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ख्वाब हूं टूट जाउंगा ,
फूल हूं बिखर जाउंगा ,
अपना डॉगी कहता रहा ,
साथ तो दे जाते जाते
बहुत कुछ तेरे लिए कर जाउंगा ।
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मिला था डॉगी जिदंगी के सफर मे ,
कुछ राहों मे साथ चला ,
फिर दफना दिया हमने उसको
कब्र मे ।
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डॉगी दर्द से तड़पता रहा ,
और हम कुछ ना कर सके ,
वह तो चला गया ,
मगर उसकी जगह हम आज ,
तक ना भर सके ।
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कोई ठिकाना नहीं है दिल की धड़कन का ,
एक दिन डॉग की तरह सबको जाना है ,
बस यही एक इलाज है जिदंगी की तड़पन का ।
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तड़पता डॉग सोच रहा था ,
ठहरे ये सांसे तो शायद आराम मिल जाए,
अंत समय मे उम्मीद करता था ,
सबका बेड़ा पार लगाने वाला हमें राम मिल जाए।
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असल मे जिदंगी का कोई मुकाम नहीं होता ,
इंसान तो लाखों होते हैं पर हर कोई राम नहीं होता ,
हम भी अपने डॉगी की तरह नहीं मरते ,
अगर हमारे उपर भी झूठा इल्जाम नहीं होता ।
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खुली आंखों से दिखने वाला ,
कभी सपना नहीं होता ।
अपना डॉगी तो मौत का हो गया ,
तो फिर से अपना नहीं हो सकता ,
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हम तो अपने डॉगी की वफा
की परीक्षा ले रहे थे ,
वह तो साला कुए मे भी कूद गया ।
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अगर तू कहेगी तो हम तुझे
मरके दिखाएंगे ,
शक मत कर हमारी वफादारी पर
कुत्तों की तरह वफा तुझ से करके दिखाएंगे ।
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अपना डॉग कहता रहा ,
जितना जी चाहे सता लो मुझे,
लेकिन बस मौत से बचा ले मुझे ।
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कफन बांधकर आएं हैं ,
कफन साथ लेकर जाएंगे ,
कुत्ते की दोस्ती ,
सिर्फ कुत्ते की निभाएंगे ।
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अपना डॉगी छोड़कर चला गया
हमे रोते हुए ,
मुहब्बत इतनी थी उस कमीने से
कि नाम लेते हैं उसका सोते हुए ।
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अपने और डॉगी के रिश्ते जमीन पर बने हैं ,
तो इनको जमीन पर ही रहने दो ,
अपना भार बढ़ जाएगा ,
इनको आकाश तक ले जाना तुम
रहने दो ।
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अपना डॉगी मौत से बचकर आज आया है ,
इसलिए हमने अपने घर के दरवाजे पर ,
फूलों की सेज को सजाया है।
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अपना डॉगी मरकर भी जिंदा हो गया ,
सुनी खबर हमने ,
तो यह दिल भी परिंदा हो गया ।
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हम भी खरीद रहे हैं अपने ,
डॉगी के लिए आज कफन ,
अब उसके और हमारे रिश्ते के राज
सदा के लिए हो गए हमारे सीने मे दफन ।
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सांसें खत्म हो गई तो शरीर क्या करे ,
अपने डॉगी के कर्म ही इतने थे ,
फिर भला तकदीर क्या करे ।
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कुछ लोग रोते हैं जमाने को दिखाने के लिए ,
अपने डॉगी की मौत पर यह दिल रहो रहा है ,
अपना पन जताने के लिए ।
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अपना डॉगी जब कब्र मे सोया था ,
मत पूछ यार तू ,
उस वक्त यह दिल कितना रोया था।
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जो अपना नहीं उसकी मौत पर दुख कैसा ,
उस डॉग के बिना अपने जीवन मे भला सुख कैसा ।
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उस डॉग की आज भी याद आती है ,
तब आसमां से बरसात आती है।
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सुकून मिलता था अपने डॉग की हंसी को देखने से ,
मत पूछो हमसे ,
कितना दिल जला है आज हमारा उसको कब्र मे देखने से ।
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अपना डॉग अपनी जिदंगी की मुस्कान था ,
जब मुस्कान ही चली गई ,
तो इस जिदंगी मे क्या रखा है।
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जो वफाओं की मिशाल था ,
दिल जो उसका विशाल था ,
आज प्राण नहीं है उसके शरीर मे
उसका अंत समय मे बुरा हाल था।
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खुशी देकर खुदा दर्द क्यों देता है ,
अगर इलाज ही देना है ,
तो यह मर्ज क्यों देता है।
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जब उठा था अपने कुत्ते का जनाजा ,
आज भी है उसकी यादें दिल मे ताजा ।
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लोग कहते हैं हर किसी की मौत पर रोया मत कर ,
हम कहते हैं हम भला कहा रोते है ,
दूसरों के दर्द मे अपना दर्द अक्सर याद आ जाता है।
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अपने डॉगी को जानवरों से ज्यादा ,
मोहब्बत इंसानों से थी ,
फिर भी वफा के मामले मे ,
उसकी दोस्ती दिवानों से थी ।
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दुश्मनों से अकेला लड़ा था ,
जब कदम रखा हमने आंगन मे ,
तो देखा डॉगी बेजान पड़ा था ।
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जिदंगी तो हर किसी का इम्तिहान लेती है ,
फिर चाहे वह डॉग हो या इंसान ,
अगर नहीं संभल पाए तो जान लेती है।
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अपने डॉगी ने हमारे लिए ,
मौत को गले लगालिया ,
एक रोटी के टुकड़े का कर्ज ,
उसने अपनी जान देकर चुका दिया ।
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जिसने रोज खुदा से हमारी जिदंगी मांगी ,
अपने डॉग का भला कौन हो सकता है ऐसा सानी ।
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दो टुकड़े डालकर हमने जिसको गुलाम बनाया था ,
उसने खुद जान की बाजी लगाकर हमे बचाया था ।
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जिसने हर दुआ में तेरी जिंदगी मांगी,
अपने उस डॉगी ने कुछ नहीं चाहा ,
बस अपने मालिक की बदंगी मांगी ।
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हर कहानी का अंत जरूर होता है ,
जो दिल के पास आता है कभी ,
वो एक दिन दूर जरूर होता है।
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एक दिन मौत के सामने सबको हारना पड़ता है ,
अपने डॉग को भी मालिक की रोटियों का ,
मरकर भी बोझ उतारना पड़ता है।
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मैं मर गया तो अपने डॉगी के पास ,
जीने की कोई वजह नहीं थी ,
वह जान गया था सब एक दिन मरेंगे
जिदंगी कोई अजय नहीं थी।
——————-
किसी की मौत जीवन का अंत नहीं है ,
ऐसा सोचकर हमने अपने डॉगी को दफना दिया ।
——————-
सुलगती जिन्दगी तो मौत की चाह करते हैं ,
अगर तड़प रहा हो डॉग अपना ,
तो उसकी शांति के लिए हम खुदा की राह करते हैं।
——————-
दिल के अरमान दिल मे रह गए ,
अपने डॉग जब गए थे दुनिया छोड़कर ,
जुबान ने साथ नहीं दिया आंखों से बहुत कुछ कह गए ।
v——————-
अपने डॉगी को दुश्मनों ने जहर पिला दिया ,
उसकी तो मौत हो गई ,
मगर इसने हमको अंदर तक हिला दिया ।
——————-
ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती ,
अपने डॉग ने दर्द इतना दिया कि
फिर कभी जिदंगी मे ना दोस्ती की सोच आती है।
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अपना डॉगी मौत से डरा नहीं था ,
दश्मनों ने मारने की कोशिश बहुत की ,
मगर वह मरा नहीं था।
——————-
चला गया डॉगी अपना हमे छोड़कर ,
उसके जाने से मिला है दर्द इतना ,
कि पछता रहे हैं प्रेम का बंधन जोड़कर ।
——————-
अनजाने मे जहर उसने पिया था ,
जब कसम दी हमने उसको अपनी
तो डॉगी अपना हमारे लिए फिर से जीया था ।
——————-
अपने डॉगी का बहुत दिल दुखाया हमने ,
मगर चला गया जब वह दुनिया को छोड़कर
अपनी गलती पर बहुत पछताया हमने ।
——————-
जिदंगी तो एक खेल है खेलते रहो ,
अगर नहीं बनती है तुम्हारी कुत्तों के साथ ,
तो उनको यूं ना झेलते रहो ।
——————-
आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती हैं ,
मिट गई डॉग तेरी मेरे दोस्ती ,
मगर यादें तो उसकी अर्सों से चला करती हैं।
——————-
दिल लगाया था अपने डॉग से ,
सोचा था छोड़कर नहीं जाएगा कभी ,
मगर हमारे दुश्मनों को
रास नहीं आया यह सभी ।
——————-
कोई पूरी नहीं कर सका डॉग तेरी कमी को ,
अब कोई देखने वाला ही नहीं बचा है ,
मेरी आंखों की नमी को ।
——————-
मौत से भला कौन जीत पाया है ,
यह तो अपना डॉग था ,
इस कमबख्त मौत ने ,
इंसान को भी कितना तड़पाया है।
——————-
रहम इतना हम पर ऐ खुदा कर ,
की है डॉग से दोस्ती ,
हमारी दोस्ती को कभी ना जुदा कर ।
——————-
हम भटक रहे हैं ,
जो दुनिया छोड़कर जा चुका है ,
उस डॉग की तलास मे ,
क्या पता वह फिर से मिल जाए
इस आस मे ।
——————-
मर गया डॉग तो दफनाना पड़ेगा ,
एक दिन डॉग की तरह छोड़कर इस दुनिया को ,
सबको जाना पड़ेगा ।
——————-
इस डॉगी की मौत ने ,
हमें और मार दिया है ,
हम तो पहले से ही मरे हुए थे ,
अब सर पर भार और डार दिया है।
——————-
अपने डॉगी की तरह ,
सबको सोना है एक दिन मौत की बाहों मे ,
इसलिए किसी से ना करो दोस्ती ,
जिदंगी की राहों मे ।
——————-
पहले जो डॉगी खुशी देता था ,
मौत के बाद उसी यादें ,
दर्द दे रही हैं।
v——————-
जिदंगी जब नासूर हो जाती है ,
तब वह अपने डॉग की तरह ,
अपने आप अपनों से दूर हो जाती है।
——————-
ऐ क्या मिला तुझे मेरे डॉगी को मारकर ,
इतना खुश मत हो तू ,
मौत आ रही है पल पल तेरे निकट ,
तू भी अपनी अर्थी को तैयार कर ।
——————-
जिस डॉगी को मैंने दफनाया था ,
कभी उसको अपनी जान से ज्यादा चाहया था ।
——————-
कोई नहीं जान पाया सफर मौत का ,
जिसने मरकर भी अपनो को बचा लिया ,
सलाम करना होगा ऐसी डॉगी की सोच का ।
——————-
पागलों की तरह जिसे मैं डूंड रहा था ,
वह डॉगी तो मौत से बचने के लिए ,
खुदा के दर को चुम रहा था ।
——————-
अपने डॉग के मरने का गम नहीं है ,
मगर उसके जैसा बनने का हर ,
किसी मे दम नहीं है।
——————-
कभी खुशी कभी गम ,
यही जिदंगी का चक्र है ,
मर गया डॉगी अपना तो क्या हुआ ,
उसकी वफादारी पर हमें आज भी फक्र है।
——————-
मौत से मुलाकात तो हर किसी को करनी है ,
फिर चाहे डॉगी को या फिर इंसान ,
मौत ही जिदंगी की असली जर्नी है।
——————-
जब हलचल नहीं थी अपने डॉगी के तन मे ,
तब तूफान न जाने कहां से उठ गया इस मन मे ।
लग रहा था ऐसा आज हम हार गए हैं इस रण मे ।
——————-
मौत के नाम से हर कोई कांपता है ,
हो जाना है अपने डॉगी की तरह
हर किसी को एक दिन लापता है।
——————-
डॉगी ने आखिरी कोशिश की थी हमको रिझाने की ,
अपनी जान देकर कीमत चुकाई है ,
उसने हमको चाहने की ।
——————-
यूं तो पल पल मरते हैं हम ,
अपनी किसको परवाह है ,
मगर जब कोई जान से प्यारा डॉगी
मरता है तो विलाप करते हैं हम ।
——————-
कुछ ज्ञानी कहते हैं ,
मौत से शूरू होती है असली जिदंगी ,
अपने डॉगी की मौत पर हमने भी मान लिया ,
मौत ही है सबकी असली बदंगी ।
——————-
मरने के बाद भी डॉगी हमारे दरवाजे पर आया था ,
देखा जब हमने आंखों से ,
दर्द भरा उसका यह साया था ।
——————-
दिल अगर किसी से लगाओगे तो दर्द पाओगे ,
जिस दिन छोड़ दोगे सबसे मुहब्बत करना ,
——————-
उस दिन अपने आप को असली मर्द पाओगे ।
——————-
मेरे हुए को फिर से मारा नहीं जाता ,
यह तो डॉग था जनाब ,
वरना इंसानों का कर्ज कभी उतारा नहीं जाता ।
——————-
सारे गिले शिकव धरे रह गए ,
जब मौत आई अपने डॉगी को ,
बेचारा चीख भी नहीं सका ,
ठीक ही किया खुदा ने उठा लिया ,
दर्द से तड़पते उस रोगी को ।
——————-
एक दिन मौत से मुलाकात जरूर होगी ,
अपने डॉगी की तरह ,
तेरी अर्थी भी दुनिया मे मशहूर होगी ।
v——————-
रिश्ता गहरा है इश्क और मौत का ,
एक को दिल चाहिए दूसरे को धड़कन ,
ऐसा ही रिश्ता था अपने डॉगी का ,
उसकी यादों की आज भी उठती है दिल मे तड़पन ।
——————-
अपने डॉगी के जाने के बाद ,
जिदंगी रूक सी गई है ,
सांसे बस चल रही हैं
लेकिन यह दुख की घड़ी है।
——————-
अपने डॉगी की मौत पर हम खूब नाचे थे ,
क्योंकि जीवन मे भला दर्द के सिवाय है ही क्या ।
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अपना डॉगी था तब करता था घर में शैतानियां ,
अब बस यादों मे बसती हैं उसकी मेहरबानियां ।
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दफनाकर डॉगी को मायूस हम लौट गए ,
वह कभी लौट कर नहीं आते ,
जो एक बार हमको छोड़ गए ।
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वक्त ने डॉगी की जिदंगी छीन ली ,
फिर कभी नहीं जागा वह ,
बस एक बार उसने गहरी नींद ली ।
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कहता था जिदंगी भर का साथ है तेरा मेरा ,
क्यों डॉगी तू चला गया यार ,
हमारी जिदंगी मे करके अंधेरा ।
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लौग कहते थे तेरा डॉगी लौट आया है ,
मैं कहता था यार गुम हुए लौट कर आते हैं ,
मरने वाले नहीं ।
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कहते हैं खुदा कर्मों का हिसाब मांगता है ,
कुत्ता हो या इंसान सबसे वह जवाब मांगता है।
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मुहब्बत नाम है बेटा जुदाई का ,
अगर लगाया डॉगी से भी दिल ,
तो सामना करना पड़ेगा तन्हाई का ।
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जब जीवन नासूर बन जाता है ,
तो मौत के लिए तरसती है जिदंगी ,
एक जान से प्यारा डॉग जिस दिन
दुनिया छोड़कर जाता है ,
बादलों की तरह बरसती है जिदंगी ।
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अपने और डॉगी के आज सारे बंधन टूट गए हैं ,
उसके साथ बनाए थे जो दिलों के रिश्ते ,
वो सब यहीं पर छूट गए हैं।
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अपने डॉगी की कहानी अमर है ,
आज उसके वफादारी के किस्से ,
सब अखबारों की खबर है।
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अच्छे इंसानों से वो डरते हैं ,
मगर कुत्तों से मुहब्बत वो करते हैं ।
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अपना डॉगी आज जब अचेत था ,
ऐसा लग रहा था ,
कि यह जीवन बिन फसल का खेत था ।
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कहते हैं समझदार को इशारा काफी है ,
अपने डॉग ने मरते हुए कहा था ,
कि इन इंसानों ने हमारे साथ ना इंसाफी है।
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आग तो सिर्फ शरीर को जलाती है ,
मगर सच्ची मुहब्बत तो आत्मा से ,
आत्मा का मिलन कहलाती है।
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अपने डॉगी के जाने के बाद
सूनापन है हमारी जिदंगी मे ,
कैसे जीएंगे भला ,
इस सूनेपन की बंदगी मे ।
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तुम खुश रहना डॉगी ,
तेरे लिए दुआ हम करेंगे ,
तेरे दुश्मनों को हद से ,
ज्यादा रूसवा हम करेंगे ।
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कहते हैं मौत तो जिदंगी को सकून देती है ,
मगर अपने डॉगी की मौत ,
हमे कुछ बाधाओं से लड़ने का जनून देती है।
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जब हुई थी अपने डॉगी की मौत ,
दिल हमारा चल रहा था ,
मगर फिर एहसास हुआ ,
वो मरा नहीं था ,
वो तो आज भी हमारे साथ चल रहा था।
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एक दिन यूं ही मर जाएंगे ,
दुश्मन हमें बदनाम करते करते ,
लेकिन हमने नहीं मारा अपने डॉगी को ,
हम तो थक चुके थे उसकी केयर करते करते ।
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नदियों की लहर को भला किसने रोका है ,
एक दिन अपने डॉग की तरह मौत तो आएगी ,
उसको भला किसने टोका है।
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वक्त कभी ठहरा नहीं है ,
आज हमारे डॉगी की मौत हुई है ,
और तुम पूछती हो जख्म गहरा नहीं है।
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जब मर रहा था डॉगी अपना ,
मगर हम समझ रहे थे इसे महज एक सपना ।
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हकीकत और सपने मे बस इतना सा फर्क होता है ,
जैसे अपने डॉगी की मौत हकीकत है ,
और उसका वापस आ जाना एक सपना ।
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हम तो देखकर अपने डॉगी की मौत ,
शहीद होने चले थे ,
अपनों ने रोक लिया ,
क्यों उनके भी कुछ शिकवे गिले थे ।
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मौत से बड़ा यूं तो कोई दुख नहीं ,
कुत्ते की मौत मरेंगे एक दिन सब ,
इस जिदंगी मे भला कोई सुख नहीं ।
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अपने डॉगी की मौत का पैगाम उपर से आया था ,
आज वह सब कुछ छोड़कर चला गया ,
जिसको हमने हद से ज्यादा चाहया था ।
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कुछ कहते हैं जीवन तो एक खजाना है ,
लूट लोग जो लूट सकते हो ,
एक दिन यूंही मेरे डॉगी की तरह ,
खाली हाथ तुम को जाना है।
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मरने के बाद भी अपने डॉगी को ,
कब्र नसीब नहीं हुई ,
अरे मैंने लाखों लुटा दिए दान मे
मगर मैं आज तक गरीब नहीं हुई ।
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यह अपने डॉगी की आखरी शाम थी ,
कुत्तों की गलिया शूरू से बदनाम थी ,
वह आज हमें छोड़कर चला गया यार ,
उसके नाम से कभी हमारी पहचान थी ।
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अपना डॉगी तो कब का मर गया था ,
हम उसे ढूंढ रहे थे खेतों और खलियानों मे ,
वह हमे भला कहां से मिलता है ,
जो था ही नहीं खुले मेदानो में।
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दर्द ना देना ऐ खुदा हमारे डॉगी को
बस आपसे इतनी ही गुजारिश है ,
भले ही हमें लग जाए ,
जो दर्द की हो रही बारिश है।
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जिस दिन डॉगी अपना दुनिया मे आया था ,
वह दिन उसके लिए सबसे खास था ,
आज वह दुनिया से चला गया ,
जीवन का बस इतना सा एहसास था ।
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बुजी शमा को जला देंगे ,
मगर ऐसा कोई कहां ,
जो मरे हुए को हिला देंगे ।
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अपना डॉगी कभी हमारा सिकंदर था ,
वही बाहर था जो वह अंदर था ,
जब सुनी खबर उसकी मौत की ,
लगा ऐसे जैसे दिल मे चुभा एक खंजर था ।
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आखिर तूने हमे रूला ही दिया ,
अपनी जान से ज्यादा प्यार करते थे अपने डॉगी को ,
मगर वक्त तूने उसको कब्र मे सुला ही दिया ।
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आज भी अपने डॉगी का
प्यार हमारे दिल मे कायम है ,
क्योंकि रिश्तों के पास ,
हमारे लिए ना कोई टायम है।
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अपना डॉगी कभी दगाबाज नहीं था ,
उसकी तरह जीने का ,
हर किसी के पास अंदाज नहीं था ,
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अपने डॉगी ने दुख मे भी मुस्कुराया था ,
हमने कभी उसको ठुकराया था ,
फिर भी उसने हमे अपनाया था ।
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किस्मत ने गम इतने दिये ,
की गम का महल बनाकर रहने लगे ,
जब अपना डॉगी ही साथ छोड़कर चला गया ,
तो यह दुनिया वाले ,
हमें ही मनहूस कहने लगे ।
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एक दिन अपने डॉगी की तरह ,
सबको मौत आ जाएगी ,
पता नहीं कब वह अपनी जिदंगी खा जाएगी ।
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अपने डॉगी के लिए ,
यह जिदंगी अनजाना सफर था ,
पास मौत का राक्षस था ,
मगर डॉगी बेखबर था।
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जिदंगी जीने को मजबूर हैं हम ,
दर्द बहुत उठ रहा है सीने मे ,
क्योंकि अपने प्यारे डॉगी से दूर हैं हम ।
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अपना डॉगी भी इश्क मे ,
शराबी हो गया था ,
आया जब उसका अंत समय ,
तो वह भी साला मतलबी हो गया था ।
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हम अपने डॉगी के लिए जी रहे थे ,
लेकिन आज दफनाकर उसको ,
अकेले बैठे शराब पी रहे थे ।
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जो तकदीर मे लिखा है वो जरूर मिलेगा ,
मगर अब मर गया है अपना डॉगी ,
तो उसकी दोस्ती का फूल कभी नहीं खिलेगा ।
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आज भी हंसना और मुस्कुराना ,
अपने डॉगी का बहुत खलता है ,
कभी कभी यह यकीं हो जाता है ,
हो ना हो तू साथ जरूर चलता है।
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आज अपना डॉगी ,
हम सब को अलविदा कह गया ,
कभी करता था तेरा मेरा ,
आज सब कुछ यहां रह गया ।
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कभी कभी जिदंगी के कुछ बीते पलों को ,
फिर से जी लेने का मन करता है ,
आज हमारा डॉगी मरा है ,
मत रोक हमें पगली ,
आज तो बहुत पी लेने का मन करता है।
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लोग कहते हैं अच्छी नहीं होती दोस्ती मौत से ,
जो दूर भागते हैं ऐसी सोच से ,
वो भला कैसे सामना कर पाएंगे इस मौत का ।
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दुनिया छोड़कर जाने वाले कभी वापस नहीं आते ,
अपने डॉगी की तरह हमें अधिक चाहने वाले ,
किसी को भी रास नहीं आते ।
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अपना डॉगी रोड़ पर हमें मिला था ,
खुशियां बनकर हमारे जीवन मे वह खिला था ,
आज सब कुछ खत्म हो गया ,
क्योंकि वह आखरी बार हिला था ।
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दुश्मनों ने अपने डॉगी को मौत दी तोहफे मे ,
मगर कुदरत का करिश्मा देखो ,
खुद आज मिले हैं मरे हुए सोफे मे ।
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अपना डॉगी दूर चला गया अपनी यादों से ,
अब उसे कोई लेना देना नहीं अपने वादों से ।
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जिदंगी जीना है तो अपने डॉगी की तरह शान से जीओ ,
क्या पता जिदंगी की यह शाम आखिरी हो ,
इसलिए आराम से जीओ ।
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दुश्मनों ने दिया था अपने डॉगी ,
को जहर पीने के लिए ,
जब दर्द हो इतना कि संभल ना सके ,
तो शराब की जरूरत होती है जीने के लिए ।
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मेरे मरने की दुआ हर कोई करता है ,
मगर अपना डॉगी तो मेरे जीने की दुआ करता था ,
आज वह सब कुछ छोड़कर चला गया ,
जो कभी मेरे दिल की धड़कन हुआ करता था ।
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बड़े बड़े मौत के आगे हार जाते हैं ,
मगर अपने डॉगी जैसे जानवर ,
अपने मालिक के लिए खुद के दर्द भरे
लम्हे हंसकर गुजार जाते हैं।
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वह इंतजार करती रह गई ,
और हमारी जिदंगी ,
अपने डॉगी के साथ मौत ,
के संमदर मे बह गई।
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एक दिन जरूर मौत से मुलाकात करोगे ,
अपने डॉगी की तरह तुम भी ,
एक दिन हमारे लिए रो रोकर बुरे हालात करोगे ।
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हमने इंसानों की तरह सजा लिया है ,
अपने डॉगी के जनाने को ,
एक बेटे की तरह साथ निभाया था उसने हमारा ,
हम भला कैसे भूल सकते हैं उसके बादे को ।
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चिता अपने डॉगी की जलती रही ,
आंखों मे आंधिया तेज चलती रही ,
सपना समझ कर हम उसके आने का
इंतजार करते रहे ,
और शाम ढलती रही ।
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अपने डॉग की चिता की आग ,
अभी बुझी नहीं थी ,
कि वह पार्टी करने की बात
करने लगी ।
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अगर जिंदगी हो तो ऐसी ,
कि मौत आए तो भी मुस्कुराए ,
अपने डॉगी की तरह ,
देखकर मोत को कभी ना घबराए
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अगर जीना है तो जाओ बंदे
तुम दिल खोल कर ,
ना चले जाना अपने डॉगी की
तरह चुप चाप ,
अगर जाना हो तो चले
जाना एक बार बोलकर ।
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अपने डॉगी की मौत की खबर सुनी ,
तो सुलगने लगी यह जिदंगी ,
उसकी और हमारी बहुत गहरी थी बंदगी ।
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खबर सुनी जब डॉग की
मौत की तो सारे अरमान बह गए ,
किये थे उसने जो हमसे वादे ,
सब धरे के धरे रह गए ।
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अपना डॉगी जब जिंदा था ,
तो किसी ने उसकी कद्र नहीं की ,
और मर गया तो सब रो रहे हैं।
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मौत से ना करो कभी नफरत ,
क्योंकि फिर भी यह आ ही जाएगी ।
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ना उसको जिदंगी जीने मे मजा था ,
ना उसको मरने मे मजा था ,
अपने डॉगी के लिए जिदंगी और
मौत दोनो ही सजा था ।
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इस मौत ने आज फिर एक डॉगी जान लेली ,
कितनों की जिदंगी से खेलेगी बे तू ।
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अपना डॉगी तो अपना होता है ,
सबको पता है मरने के बाद
तो बस तड़पना होता है।
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