dosti mein dhoka shayari Dhokebaaz Dost Shayari दोस्ती मे धोखा शायरी के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। और उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा प्रयास काफी अधिक पसंद आएगा । यदि आपको हमारा प्रयास काफी पसंद आता है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। और हमने आपको जो भी शायरी दी हुई हैं। वे आपको इंटरनेट पर कहीं भी नहीं मिलेंगी । क्योंकि सभी शायरी हमारी खुद लिखी हुई है। यदि आप यूनिक शायरी का मजा लेना चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए हैं।
मेरी जुबां पर हर वक्त दोस्त का
नाम आया था ।
यह दोस्त ही उसके हर वक्त
काम आया था ।
फिर भी उस दोस्त ने हमे
फंसाया था।
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जब हम बुरे लोगों को दोस्ती का मौका देते हैं
असल मे तब हम खुद को धौखा देते हैं।
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हमे अभिमान था अपने जिगरी यार पर
उसी ने खंजर चलाया इस दोस्त के संसार पर ।
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इस दोस्ती का अच्छा सिला दिया तुमने
चाय मे जहर डालकर पिला दिया तुमने
दोस्ती मे धोखा देकर हमको हिला दिया तुमने
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जिनको हम मासूम समझते थे
वो तो निकले शातिर
उन्होंने धोखा देदिया अपने
झूठे प्यार की खातिर ।
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इस दुनिया मे एक से बढ़ कर एक दगाबाज देखे
जो सामने दोस्ती की गर्दन काट दें ऐसे धोखेबाज देखे ।
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हद से ज्यादा किसी दोस्त पर एतबार न करना
जो धोखेबाज हो उससे कभी प्यार ना करना ।
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वक्त के साथ जमाने बदल जाते हैं
वक्त के साथ अफसाने बदल जाते हैं
वक्त के साथ दोस्ती के फसाने बदल जाते हैं।
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अब तो दोस्तों ने भी धोखा देने का हुनर सीख लिया
सुनाई नहीं दिया किसी को
उनके धोखे से हमारा दिल कितना चीख लिया ।
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दिल मे अब दोस्ती के फूल
नहीं खिला करते
सच्चे दोस्त जमाने मे
यूं ही नहीं मिला करते ।
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दोस्तों के धोखों ने हमारे जख्म को गहरा कर दिया
जमाने के तानों ने हमको बहरा कर दिया ।
धोखा दिया उन्होंने और जमाने
हमारे आगे पहरा कर दिया ।
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घाव दिल के वक्त के साथ भर जाएंगे
तेरे धोखे से हम रोते हुए मर जाएंगे
तू भले ही धोखेबाज है फिर भी
यह जिदंगी तेरे नाम कर जाएंगे ।
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आंसुओं की अब कोई कीमत न रही
दोस्त ही ना रहे तो उनकी कोई रहमत न रही ।
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अब तो डर लगने लगा है दोस्ती के नाम से
दोस्ती मे धोखा दे गए वो बड़े आराम से
और डर गए खुद पर लगे इल्जाम से
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आंसुओं से धोते हैं हम अपने घाव को
जो बीच मझधार मे फंसी हैं
किनारे कौन लगाए अब उस नाव को ।
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बार बार दोस्त को मौका दिया हमने
ऐसा याद नहीं की दोस्ती मे धोखा दिया हमने
फिर भी वो कहते हैं दोस्ती तोड़कर
सबको चौका दिया हमने ।
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तेरी दोस्ती ने सकून दिया हमको
गमों मे जीने का जनून दिया हमको
फिर भी आपने क्यों
धोखे के साथ भून दिया हमको ।
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दोस्ती मे धोखा हो जाए तो
दिल बहुत रोता है
आजकल दिल बहुत बैचेन है
ना यह जागता है और ना ही सोता है।
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आज उन्होंने हमारी दोस्ती मे कमी निकालदी
हम तो खड़े ही थे उन्होंने हमारे पैरों से जमीं निकालदी ।
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धोखेबाज दोस्त जिदंगी की
एक कहानी बन गए
इस टूटे दिल की वो
एक निशानी बन गए ।
क्या बताएं जमाने को
हमतो धोखा खाते खाते पानी बन गए ।
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उनकी दोस्ती मे हम तो
धोखा खाए बैठे हैं
फिर भी उनसे दिल लगाए बैठे हैं
बताएं तो क्या बताएं हम तो
अपने ही दोस्तों के सताए बैठे हैं।
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दुनिया के सामने वो बड़े अच्छे थे
लेकिन धोखा देकर आज उन्होंने
साबित कर दिया कि वो दोस्ती
मे बड़े कच्चे थे
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धोखा उन्होंने दिया
और मतलबी हम हुए
गमों के दरिया मे डूब कर मर जाएं
आज हमारे पास इतने गम हुए ।
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कुछ धोखेबाज हमारे दिल मे उतर गए
हमने फिर की थी उनसे दोस्ती
हमे लगा वो सुधर गए ।
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उनके धोखे से हमारे सपने
टूट कर बिखर गए
और वो कमीने किसी और से
दोस्ती करके निखर गए ।
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वो धोखे बाज दोस्तों की बस्ती थी
उनको बर्दाश्त कहां होता था
जब हमारी दुनिया हंसती थी
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धोखेबाज दोस्तों की दोस्ती ने तोडा हमको
कमीनों ने बीच राहों मे अकेला छोड़ा हमको
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जब धोखेबाज दोस्तों की दोस्ती आंखों मे खटकने लगी
हमारी सांसे भी अटकने लगी
हम क्या बताएं दोस्तों की दोस्ती ही हमे पटखने लगी ।
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यह शाम भी एक दिन ढल जाएगी
नाज ना करो यारो दोस्ती पर
सोने जैसी दोस्ती भी एक दिन चल जाएगी ।
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दोस्ती मे धोखा खाना भी जरूरी होता है
बिना धोखे के दोस्ती की समझ अधूरी होता है
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वो तो सामने हमारे मीठी मीठी बात करते थे
पर बाद मे पता चला वो तो हमारे दुश्मनों का साथ करते थे ।
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आग को गले लगाओंगे तो जल जाओगे
धोखेबाज दोस्तों का धोखा खाओगे
तो जिदंगी मे संभल जाओगे ।
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जब जरूरत थी उसकी तो साथ छोड़ा उसने
विश्वास जो उस पर इतना करते थे
उसी विश्वास को तोड़ा उसने ।
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अगर तू धोखा देगा फिर भी हम तुझे गले लगा लेंगे
हम तेरे जैसे नहीं हैं जो जरा सी नाराजगी पर
तेरे दुश्मनों को अपने घर बुला लेगे ।
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दुनिया की नजरों मे
तेरी दोस्ती तो एक दिखावा थी
बस पानी डाल दिया तूने
हमारी जिदंगी तो एक लावा थी ।
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नींद खुलते ही हर ख्वाब हट जाता है
वक्त के साथ धोखेबाज दोस्तों का नकाब हट जाता है
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दोस्ती के नाम का दिखावा किया उसने
सदा साथ रहने का दावा किया उसने
जब धोखा ही देना था तो क्यों
हमारे सपनों को रवां किया उसने ।
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जब काम ही ना आए तो क्या करें इन पत्थरों का
जिदंगी नाम है धोखेबाजों के खतरों का
नामोनिशान मिटा दिया हमने दोस्ती के पत्रों का ।
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धोखेबाज दोस्तों की यूं ना मसाज करो
जितना हो सके उनको नजरअंदाज करो
फिर से ना आ सके किसी की जिदंगी मे
उन कमीनों का ऐसा इलाज करो ।
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धोखेबाजों से दूर रहो लिखा है दीवार पर
दोस्तों के धोखे ने इतने जख्म दिये
कि अब एतबार ना रहा सच्चे प्यार पर
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जिदंगी जीने का अंदाज कुछ ऐसा हो
कि धोखा ना मिले दोस्ती मे
जीवन का ताज कुछ ऐसा हो ।
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दोस्ती की जरूरत थी तो
दोस्त बना लिया आपने
जब दोस्त की जरूरत ही ना रही
तो दोस्त को ही गोश्त बना लिया आपने ।
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दूर राहों से चली थी दोस्ती
हमारे मौसम मे ढली थी दोस्ती
आज धोखा देकर हमारी राहों
से बेखबर होकर टली थी दोस्ती ।
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दोस्त बहुत मिले पर वो स्वार्थी थे
पर हम नहीं पहचान पाए उनको
हमतो उनके सार्थी थे ।
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नशा नहीं होता अगर यह तलब नहीं होता
और दोस्त कभी बेमतलब नहीं होता ।
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हमसे हर राज छुपाया उसने
दोस्ती मे हमको बहुत भरमाया उसने
दोस्ती के नाम पर आग मे तपाया उसने
क्या बताएं आपको कितना तड़पाया उसने ।
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कहने को तो हम उनके जिगरी यार थे
कहने को ही हम उनके संसार थे
पर असल मे हम जैसे दोस्त उनके चार थे
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आज सच्ची दोस्ती की कोई कद्र नहीं
कौन सझाता हमारी तो कोई मदर नहीं
धोखा ना मिला हो जहां हमारी जिदंगी
मे ऐसा कोई सदर नहीं ।
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दोस्ती मे धोखा तो खेल है नसीब का सारा
बताएं तो किस को बताएं यह दिल है वक्त का मारा
पास गए तो कांच निकला दूर से देखने पर
जो दिख रहा था तारा ।
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मुश्बित मे मुझको ही भुला दिया उसने
आज दोस्ती तोड़कर
खून के आंसू रूला दिया उसने ।
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हम तो दोस्ती मे धोखा खाए बैठे हैं
क्या करें धोखेबाज दोस्तों से दिल लगाए बैठे हैं
हमको कब का दोस्तों ने मार दिया हम तो अपने
साये बैठे हैं।
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किस्मत को बदलता देखा हमने
धोखेबाज दोस्तों की दोस्ती मे
अपना ही घर जलता देखा हमने
आज उनकी दोस्ती को किसी और
के साथ फलता देखा हमने ।
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दुश्मनों ने दुश्मनी निभादी
आज दोस्तों ने अपनी औकात बतादी
अरे हम भी किसी से कम नहीं
हमने भी आज उनको अपनी जात बतादी ।
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जिगरी यार भी आज दगाबाज हुए
धोखा हमने नहीं दिया पर बेसुरे उनके अंदाज हुए
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जान से ज्यादा जिसे प्यार करते थे
वो रिश्ता आज टूट गया ।
अब तो दोस्ती से भरोशा उठ गया
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धोखेबाज दोस्तों से क्या आस करें हम
उनकी दोस्ती पर क्या विश्वास करें हम
जो अपनों के ही नहीं हैं उनसे क्या अरदास करें हम ।
धोखेबाजों से दोस्ती करके क्यों खुद का नाश करें हम ।
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दगाबाज दोस्त मिले तो दगाबाजी सीख गए
और इन झूंठे दोस्तों के चक्कर मे हम
भी झूठी अल्फाजी सीख गए ।
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जमाने मे दोस्तों ने अपना असली रंग दिखाया
और इसी रंग ने हमें दोस्त बनाने का ढंग सिखाया ।
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अधिक शराब शरीर की जरूरत बन जाती है
जब करते हो दगाबाज दोस्तों से दोस्ती
तो आपकी रोनी सूरत बन जाती है
मिलते हैं जब प्यारे दोस्त
तो जिदंगी सत्य की मूर्त बन जाती है।
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धोखेबाज दोस्त मिले यह हमारा नशीब था
हम खुश हो रहे थे
पर हमारी दोस्ती का अंत करीब था ।
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जब दोस्त भी हमारी सफलता पर जलने लगे
हम भी ऐसे दोस्तों को छोड़कर चलने लगे ।
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खुबसूरत दोस्ती बदसूरत हो गई
क्या करें धोखेबाज दोस्तों की
हमको जरूरत हो गई ।
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सामने से प्यार किया जिसने
पीठ पीछे वार किया उसने
हमें धोखा देकर हमारी
जिदंगी को खार किया उसने ।
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जान से प्यारे दोस्त भी कभी कभी गद्दार हो जाते हैं
वक्त से साथ अपने भी कभी कभी मक्कार हो जाते हैं।
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धोखा दिया उसने
जिसके लिए जान दी हमने
आज वो हमको ही नष्ट करना
चाहता है जिसको पहचान दी हमने ।
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कितना भी मिलाओ उसे
वो मिल नहीं सकता
जो बेमेल है
टूटना और बिखरना तो
इस जिदंगी का खेल है
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मतलब निगल गया
तो पहचानने से इंकार कर दिया
धोखा देकर उसने
हमारे दिल पर वार कर दिया ।
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धोखेबाज दोस्ती मे मौत हमारा अंजाम हुआ
धोखा उसने दिया फिर भी मैं बदनाम हुआ
दोस्त अब इंसान नहीं वो तो बड़ा तिलाम हुआ
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दोस्त आज हमे जानता ही नहीं
जमाना हमारी दोस्ती को पहचानता ही नहीं
सब हमें ही धोखे बाज समझते हैं
कोई हमारी मानता ही नहीं ।
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धोखा उसने दिया और गद्दार हम हुए
सितम उसने किये और दुनिया से पार हम हुए
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धोखेबाजों से दोस्ती करोगे
तो यही अंजाम होगा
दोस्ती की मौत
अपनों के लिए इनाम होगा
अगर दोस्ती मे धोखा मिला
तो जिदंगी का न कोई मुकाम होगी ।
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खून जैसी मेंहदी हाथों मे खूब रची
दुश्मनी धोखेबाज दोस्ती से
सदा ही होती है अच्छी ।
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हमने धोखेबाज दोस्तों को
एक शहर दिया
और उन कमीनों ने
हमें मारने के लिए चाय
मे जहर दिया ।
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दोस्ती मे धोखा खाना अब आम हो गया
अब तो मिलते हैं दोस्ती मे धोखे इतने
कि क्या बताएं दोस्ती का नाम ही बदनाम हो गया ।
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वक्त का तकाजा था
धोखेबाज दोस्तों के कंधों पर
हमारा जनाजा था ।
और बड़े जोर से
बेसूरली राग मे
बज रहा जो बाजा था।
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वो कहते हैं कि हम गरीब थे
और दोस्ती मे धोखा खाना
आपके नसीब थे ।
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क्या करें इस टूटे धागे का
जो दोस्ती मे धोखा दे
क्या करें ऐसे दोस्त अभागे का
अब नहीं करनी है दोस्ती
सोच रहे हैं हम आगे का
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दोस्ती मे धोखे की सजा ए मौत मिली
धोखा ना देते तो क्या करते हमको ऐसी सौत मिली ।
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चेहरे पर मरने वाले लाखों देखे
पर आत्मा पर मरने वाला कोई ना मिला ।
जिदंगी मे मिला एक दोस्त
जो दुनिया की नजरों मे वफादार था
पर रियल मे वो ही सबसे बड़ा गद्दार था।
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कुछ लोग दोस्ती को बदनाम कर जाते
देकर धोखा दोस्ती की शाम कर जाते ।
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दोस्तों ने झूठ बोलकर
हमारी भावनाओं से खिलवाड किया
आज हमें भी पछतावा होता है
क्यों ऐसे लोगों को दोस्त बनाकर अलवाड किया ।
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हमको धोखा देकर तुम
भी एक दिन पछताओगे
हमारा दिल रोया है
तुम भी एक दिन आंसू छिपाओगे ।
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दोस्ती मे धोखा देना फितरत है उनकी
दोस्ती तोड़कर हंसना कुदरत है उनकी ।
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जमाने की क्या कहें
हमको दोस्तों नही लूट लिया
अब दर्द सहा नहीं जाता
दुश्मनों ने भी मौका पाकर
इतना कूट लिया ।
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दोस्तों का धोखा देखा
दुश्मनों का मौका देखा
इस दुनिया मे तो
नो बॉल पर भी चौका देखा ।
——————
हमने आपकी दोस्ती के लिए
इस दुनिया को भूला दिया
और आपने ही हमें
जिंदा कब्र मे सुला दिया ।
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यारों की यारी देखी
झूठ की दुनियादारी देखी
जो धोखा देते हैं दोस्त बनाकर
दोस्ती मे ऐसी गदृारी देखी ।
——————
हमको धोखा देकर उसे सकून मिला
हमारा खून बहा तो उसे जनून मिला
दोस्ती मे धोखा देकर उसे सून मिला ।
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मत पूछो मक्कारों की मक्कारी बेमिशाल थी
दोस्तों ने भले ही धोखा दिया पर दोस्ती कमाल थी।
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तुम ही यार थे मेरे
तुम ही प्यार थे मेरे
तुम ही संसार थे मेरे
पर नहीं पता चला
तुम ही गद्दार थे मेरे ।
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दोस्ती मे धोखा मिल तो यह दिल
लाचार हो गया ।
धोखा आपने दिया यह
दुनिया मे संचार हो गया ।
——————
दोस्त से धोखा खाकर दोस्ती
को निभाना मुश्किल है
मत खेलो यार इससे
हमारा भी एक दिल है।
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नई दोस्ती तो मुलाकात से होती है
धोखेबाज दोस्ती की पहचान
हमारे बिगड़े हालात से होती है।
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दोस्त मिलना तो आसाना है
पर अच्छा दोस्त मिलना आसान नहीं
भूल जाएं धोखेबाज दोस्ती को
यह जीवन की पहचान नहीं ।
——————
जिनको दिल से लगाया था हमने
और जिनको सगा किया
उन्हीं धोखे बाज दोस्तों ने हमसे दगा किया
——————
दोस्ती का नाम गिरने नहीं दिया हमने
धोखा खाकर भी बुराई को तिरने नहीं दिया हमने
——————
दुश्मनों ने हमको लूटा
दोस्तों ने हमको लूटा
आज साबित हो गया है
दोस्ती शब्द है झूठा ।
——————
जमाने की नसिहत देखी
सच्ची दोस्ती मे भी
हमने दोस्तों की बुरी नियत देखी ।
अरे हमें क्या पता था दोस्त कमीने हो जाएंगे
दुनिया के समाने हमने अपनी फजिहत देखी ।
——————
दोस्त तेरी गलती की
आज सजा हमे मिली
धोखा हमने नहीं दिया
पर जमाने से लज्जा हमे मिली ।
——————
झूठी थी तेरी दोस्ती
और झूठा था वादा
तू कहता है मैं पीकर आया हूं
लेकिन आज आया हूं मे सादा ।
——————
कुछ धोखेबाज भी अच्छा
होने का दिखावा करते हैं
कुछ कमीने दोस्त भी
आज अच्छे होने का दावा करते हैं।
——————
उम्मीद क्या करें
दोस्तों के धोखे ने निराश किया
और इस जमाने ने हमें लाश किया
इस दर्द को बताया नहीं हमने किसी को
बस अपने दिल मे एहसास किया ।
——————
दोस्तों के धोखे ने
हमारी जिंदगी को खामोश किया
मरे तो हम थे ही नहीं
फिर भी हमको जिंदा लाश किया
——————
धोखेबाज दोस्तों से
कोई उम्मीद नहीं करते हम
धोखे का दर्द हमारे दिल मे है
झूठी जीद नहीं करते हम ।
——————
धोखेबाज दोस्तों ने हमारी
पीठ मे खंजरा उतारा है
तड़प रहे हैं हम दर्द से
क्या बताएं हमने कैसे कैसे
यह जीवन गुजारा है।
——————
धोखेबाज दोस्तों ने हमारे दिल को
घायल कर दिया ।
लेकिन इस जमाने को अपनी
झूठी दोस्ती का कायल कर दिया ।
——————
ध्यान रहे कभी मौत ना बन जाए गहना
धोखेबाज दोस्तों से सदा दूर रहना
——————
दुश्मनों ने दोस्त बनकर गले लगाया है
हमने उनके लिए अपनी दुनिया को लुटाया है
आज उसी से हमने धोखा खाया है ।
——————
दुश्मनों से डरना क्या
धोखेबाजों से दोस्ती करना क्या
धोखे का खेल तो चलत रहता है
धोखा खाकर मरना क्या ।
——————
कुछ दोस्तों को हमने
अपने जीवन का मिठास समझा
उन्हीं दोस्तों ने हमारी
दोस्ती को अठहास समझा ।
——————
गरीब जरूर हैं हम
पर धोखा नहीं दिया हमने
दोस्त तो हमको धोखा देदेते
पर कमीनों को मौका नहीं दिया हमने ।
——————
उनकी दोस्ती मे हमने बड़ी
फजीहत देखी
धोखा दिया उसने हमको
और अपनों ने तबीयत देखी ।
——————
दिल बड़ा मासूम था
दोस्ती जिदंगी का रूम था
कहते थे है जिसे प्यारा दोस्त
वो तो धोखे का खुम था।
——————
झूठी तेरी दोस्ती थी
झूठा तेरा साथ
दोस्ती करके धोखा
दिया तुमने यह याद रखेंगे बात ।
——————
दिल को धोया है हमने आंसुओं की धार से
अब नफरत हो गई है हमें अपने जीगरी यार से
——————
अब दर्द नहीं जाता किसी जाम से
अब नफरत सी हो गई है यार दोस्ती के नाम से
कमीने दोस्त जलते थे हमारी मुकाम से ।
——————
जंहा विश्वास होता है
वहां विश्वासघात होता है
जहां जिदंगी भर का साथ होता है
वहीं आंसुओं का बरसात होता है
——————
फटे हुए हमारे कपड़े थे
हांथों मे प्याला शराब का पकड़े थे
दोस्तों ने धोखा दिया और
हम दर्द मे जकड़े थे ।
——————
दोस्तों पर एतबार करने का दौर नहीं
दोस्त बनाकर धोखा देने वाला कोई और नहीं
——————
खुद पर दुनिया को दिखाने के लिए
सच्चाई का लेप किया
दोस्त ने ही दोस्ती का रेप किया
और कहता फिर रहा है हमने सबको सेफ किया ।
——————
दिल एक बार टूट जाए तो
किसी से प्यार मत करो
दोस्ती मे अगर मिलता है धोखा
तो दोस्ती बार बार मत करो ।
——————
अब तो खुदा पर भी एतबार न रहा
धोखा देकर चला गया दोस्त
अब वो यार न रहा
——————
कई बार वक्त साथ गुजरा हमनें
अपने दोस्त को बहुत सुधारा हमने
वह तो धोखा देकर चला गया
पर फिर भी पुकारा हमने ।
——————
वो ढूंढ रहे थे हमसे
पीछा छूटाने का तरीका खफा होकर
हमने देदिया उनको मौका
उनकी जिदंगी से दफा हो कर ।
——————
मतलब हो तो दोस्त याद करते हैं
मतलब निकल जाए तो बस खाद करते हैं।
——————
जो दोस्ती हकीकत लग रही थी
वो तो सारे सपने निकले
धोखा देने वाले कोई और
नहीं वो तो अपने निकले ।
——————
उनकी दोस्ती रह गई बस
एक आंखों का ख्वाब सा
धोखा देकर हमारे जीवन
को कर दिया सूखा हुआ गुलाब सा ।
——————
धोखा खाया
पर दोस्ती की भूख न मिटी
सुख के बदले दर्द मिला
फिर भी सुख की चाह न मिटी ।
——————
जब अच्छा वक्त
था तो कुछ दुश्मन भी दोस्त हो गए
और जब बुरा वक्त आया
तो दोस्त भाग गए और हम पस्त हो गए ।
——————
दोस्ती मे धोखा नाम है सौदेबाजी का
बदला जरूर लेंगे हम दोस्ती मे धोखेबाजी का ।
——————
जिदंगी मे कभी रोनी
सूरत न पड़ी
दोस्तों ने धोखा दिया
तो दुश्मनों की जरूरत न पड़ी
——————
हर दोस्ती के दिन चार होते हैं
बुराई के दिन हजार होते हैं
मिलता है दोस्ती मे धोखा
तो हम खुद के सामने लाचार होते हैं।
——————
टूट गई दोस्ती तो रोना क्या
दोस्ती ने धोखा दिया तो खोना क्या
बदलता है इस वक्त मे रह कोई अपना रंग
फिर सोना क्या ।
——————
बुरे वक्त मे न कोई काम आया ।
दोस्तों को धोखा देने मे हमारा नाम आया ।
हमने नहीं दिया किसी को धोखा ,
फिर भी क्यूं यह इल्जाम आया ।
——————
दुश्मनों ने जख्म दिये ,
हमने बरदाश्त कर लिया ।
जब दोस्तों ने जख्म दिये ,
तो दोस्तों मे दुश्मनों का एहसास कर लिया ।
——————
आज दोस्तों ने अपनी औगात बताई ।
और धोखा देकर दोस्ती की सौगात बताई ।
——————
खुदा के सिवाय हम ,
किसी पर विश्वास नहीं करते ।
धोखेबाज दोस्तों से हम
कोई आस नहीं करते ।
——————
दुश्मनी तो सदा दुश्मन निभाते आएं हैं।
दोस्ती मे तो हम सदा धोखा खाते आए हैं।
——————
दुश्मनों से सीखा है ,
रिश्ते निभाने का हूनर
दोस्तों ने तो हमको
बस बनाया है घूनर ।
——————
दिल टूट जाए दोस्ती मे ,
तो खुद को इतना बेकरार मत करो ।
धोखेबाज दोस्तों के लिए यूं
अपनी जान निस्सार मत करो ।
——————
किसी के दुश्मन अगर तुम हो ,
तो सीने पर वार करो ।
यूं दोस्त बनाकर पीठ
पीछे ना वार करो ।
——————
दोस्त के लिए दोस्ती के मायेने बदल गए
आज हम उनको दिखते हैं बदसूरत
लगता है उनके लिए आईने बदल गए ।
——————
यारी ने हमको जख्मों पर जख्म दिये
जिसको किस पर हम खर्च करें ,
दोस्तों ने ऐसे रकम दिये ।
——————
दुश्मनों ने धोखा दिया ,
दोस्ती की आड़ मे ।
चमड़ी तो हमारी कबकी
जल गई ।
बस अब रह गए हाड मे ।
——————
आज हमारी हर चीज
उनके लिए बुरी हो गई ।
जब से दोस्ती के बीच
दूरी हो गई।
——————
धोखेबाज दोस्त मिले ,
तो यह दिल बहुत रोया ।
दोस्ती के चक्कर मे
क्या बताएं आपको ,
हमने अपना सब कुछ खोया ।
——————
उनकी धोखेबाजी को देखकर
एक दिन ऐसा काम करदूंगा
कुछ कमीनों को दूर से
ही सलाम कर दूंगा ।
और उनकी धोखे बाज
दोस्ती की सदा के लिए शाम करदूंगा ।
——————
जब खरगोश ही वार करने लगे
तो शैरों पर क्या भरोशा ।
अपने ही बेईमान निकले
तो गैरों पर क्या भरोशा
——————
हम को दोस्ती मे धोखा देकर
दिल यूं दुखाया ना करो ।
हम प्यारे आपके दोस्त हैं यार
हमें यूं सताया ना करो ।
——————
दिल की तन्हाई को
आवाज बना लेते हैं।
धोखा मिलता है दोस्ती
मे तो गा लेते हैं।
हम भले ही हंसते नहीं
पर दुनिया को हंसा लेते हैं।
——————
दोस्ती मे नफरत की आग न
जलाया करो ।
अगर धोखा ही देना है
तो हमें यूं ना हसाया करो ।
——————
दर्द दोस्तों ने इतना दिया
कि हम दोस्ती के नाम से सहम गए
अब दोस्ती ही नहीं बची है
तो सारे वहम गए ।
——————
मंजिले मुश्किल थी हम खोये नहीं।
दोस्तों ने धोखा दिया और हम रोए नहीं ।
दर्द दिल मे इतना उठा और रात भर सोए नहीं ।
——————
ऐसा कोई सपना न था ,
जो दोस्तों संग संजोया नहीं।
जख्म आज भी दोस्तों के धोखे
का ताजा है ,
हमने उसे धोया नहीं ।
——————
दोस्ती मे धोखा देने के बाद
अब उनको अफसोस है ।
पर हमें तो लगा था कि
हममें ही दोष है।
——————
मुझे खोने के बाद वो
अफसोस करेंगे ।
दोस्ती मे धोखा देने के बाद
वो हमें खामोश करेंगे ।
——————
दोहराया था हमने
दोस्ती की उस कहानी को
जिसने कभी धोखा दिया
था आंखो के पानी को ।
——————
मुझे खामोश देखकर
दोस्त काफी हैरान हुए ।
पर हम क्या बताएं उनको
उनके धोखे से हम कितने परेशान हुए ।
——————
क्या हो गया है हमें भी
खुद का पता पूछ रहे आज ।
दोस्तों के धोखे को जानकर
उनसे खता पूछ रहे आज ।
——————
प्यार सबने देखा पर
प्यार का फल नहीं देखा।
धोखेबाज दोस्तों की दोस्ती मे ,
कभी खुशी का एक पल नहीं देखा ।
क्या करें ऐसी दोस्ती का ,
जिसमे कभी जिदंगी का हल नहीं देखा।
——————
वो तो सदा रहते हैं महलों मे
हम जैसे गरीबों का क्या ,
सोचे थे अब सब कुछ बदल जाएगा
पर हमारे नसीबों का क्या ।
——————
घुट घुट कर जीने से अच्छा है मर जाएं ।
दोस्तों ने धोखा देदिया ,
इसका यह मतलब नहीं की हम
दुश्मनों से डर जाएं ।
——————
जिदंगी के सारे लंबे
वैसे तो बेमिसाल थे
पर कमीने दोस्त
ही हमारे काल थे ।
——————
धोखेबाज दोस्त जब से ,
इस दिल मे रहने लगे ।
तब से हमे चैन नहीं ,
है हाय तौबा कहने लगे ।
——————
दोस्तों का दिल तो ,
धोखेबाज निकला ।
चीर कर देखा दिल ,
तो नया राज निकला ।
——————
लग रही थी जो दोस्ती दूर से ,
जो दोस्ती हूर सी ।
आज धोखा खाकर हमको
लगती है बहुत क्रूर सी ।
——————
धुंआ निकाला और फेंक दिया
हमारा जीवन तो सिगरेट था ।
धोखा देकर भी दोस्त बना रहा
क्या दोस्त भी ग्रेट था।
——————
सच्ची दोस्ती किसी की मोहताज नहीं ।
दोस्ती मे धोखेबाजी का कोई इलाज नहीं ।
——————
हाले दिल क्या बताएं आपको,
दोस्तों ने तो अपना बनाकर लूट लिया।
धोखे बाज दोस्त जाने की खुशी मे ,
आज हमने एक नया बूट लिया ।
——————
दोस्ती देखी जमाने की
किस्मत देखी अपनाने की।
हम तो मरे पड़े थे ,
और धोखेबाज दोस्तों को
सूझ रही थी गाने की ।
——————
मेरी जुबां पर हर वक्त दोस्त का नाम आया ।
जब धोखा देना था तब दोस्त की काम आया ।
——————
खुदा के भरोशे आस लगाए बैठे हैं ।
धोखे बाज दोस्तों से रास लगाए बैठे हैं ।
जो खुद के नहीं हुए ,
हम भी क्या उनसे आस लगाए बैठे हैं।
——————
गमों की बरसात मैं हूं ।
धोखे के पीछे की बात मैं हूं ।
दोस्त बनाकर धोखा देने
वाली करामात मैं हूं ।
——————
हम भी क्या थे ,
जो धोखेबाजों के लिए फांसी पर झूल गए ।
और उनका मतलब निकते ही
वो हमको भूल गए ।
——————
दिल के हाथों अगर हम मजबूर
ना होते ।
तो आज धोखेबाज दोस्त के
नाम से मशहूर ना होते ।
——————
घाव बहुत गहरे थे ,
तो शहद लगाया ।
धोखेबाज दोस्ती को तोड़ने के लिए
हमने बहुत जिदोजहद लगाया ।
——————
धोखेबाज दोस्तों की दोस्ती
तो नासूर हो गई ।
उन पर भरोशा किया
तो हमारी किस्मत चकनचूर हो गई।
——————
धोखेबाज दोस्तों की फितरत है
अपनों को बदनाम कर जाना ।
दिल मे रहकर दिल को ही
तोड़ने का काम कर जाना ।
——————
धोखा उसने दिया
और हम गद्दार हो गए ।
तलवार उसने सीने पर
चलाई और हम तलवार की धार हो गए ।
क्या बताएं उनसे धोखा खाकर
हम तो बहुत बीमार हो गए ।
——————
यूं ही कोई तन्हा नहीं होता ।
धोखेबाज दोस्ती मे ,
खुशी का कोई लंहा नहीं होता ।
——————
उनके धोखे के सामने
कुछ नहीं कर सके हम लाचार थे ।
कैसे छोड़ते हम
दिल मे सपने थे और आंखों मे संसार थे ।
——————
खूबसूरत दोस्ती का ,
यह बदसूरत नजारा है ।
धोखा दिया उसने हमको ,
यह हमारी जिदंगी पर तमांचा करारा है।
——————
दोस्ती मे धोखा पत्थरों से
दिल लगाने का नतीजा है ।
हमें आज पता चला
दोस्त हमारा दुश्मनों का भतीजा है।
——————
पत्थर मे कभी धड़कन नहीं होती ।
अगर तुम नहीं देते धोखा दोस्ती मे ,
तो आज यह तड़पन नहीं होती ।
——————
जिसको हम समझ रहे थे
खरगोश वो तो सियार निकला ।
जिसको मान रहे थे अपना दोस्त
वो तो साला गदृार निकला ।
——————
हम तो गाय थे पर
समय ने हमको मर्ग बना दिया ।
धोखा देकर दोस्तों ने
हमारी जिदंगी को नर्क बना दिया ।
——————
उनकी दोस्ती को पाने के लिए हमने
हर पैंतरे को आजमाया है ।
आज खून के आंसू रो रहे हैं
ऐसा गदृार दोस्त बनाया है।
——————
मांगने से मौत नहीं मिलती ।
झूठी दोस्ती मे प्यार की सौगात
नहीं मिलती ।
धोखेबाज दोस्तों संग कभी
रंगीन रात नहीं मिलती ।
——————
सच्ची दोस्ती मिले ,
तो जहर भी दवा हो जाती है।
अगर मिले धोखेबाज दोस्ती
तो सांस भी जहरीली हवा हो जाती है।
——————
आज दुनिया वोलों ने हमें
धोखेबाज समझकर पत्थरों से मारा ।
और कमीने दोस्तों ने हमें
खतरों से मारा ।
——————
वैसे तो दोस्ती के बंधन बहुत
पवित्र थे ।
पर हमें आज पता चला ,
वो एक बेवफा मित्र थे ।
——————
आज हम अपनी किस्मत पर रो रहे ।
और धोखेबाज दोस्त हमें देखकर ,
बड़ी चैन की नींद सो रहे ।
——————
मौसम की बहारों ने साथ छोड़ा ।
रात हुई तो उजारों ने साथ छोड़ा ।
वक्त बदला और
धोखेबाज यारों ने साथ छोड़ा ।
——————
एक पल की दोस्ती है
एक पल का फसाना ।
किसी धोखेबाज दोस्त
से कभी दिल न लगाना ।
——————
जहर निकला वह ,
खाया जिसको हमने सेब करके ।
कमीने दोस्त चले गए ,
दोस्ती मे फरेब करके ।
——————
धोखेबाज दोस्तों ने आज
अपनी जात दिखादी ।
अब हमे भी नहीं रहना
ऐसे दोस्तों के साथ ,
हमने भी अपनी लात दिखादी ।
——————
हम डूबे भी तो दोस्तों की दोस्ती के लिए ।
और कुछ दोस्त ही बने थे ,
हमारी जिदंगी की खामोशी के लिए।
——————
क्या बताएं आपको हमारा तो बुरा टाइम था ।
दोस्त ने तो धोखा देदिया ।
पर यह यार तो अपने वादों
पर आज भी कायम था।
——————
झूठे दोस्तों के सर पर
सफलता का ताज ना करो ।
प्यारी दोस्ती को कभी ,
नजर अंदाज ना करो ।
——————
मर गए हम धोखेबाजों के लिए कंवारे ।
तो खामोश हो गए सितारे ।
बताएं तो किस को बताएं
हम तो रह गए दोस्तों के मारे ।
——————
हम गिरते उठते चल रहे हैं
हम क्या बताएं सड़क ही ऐसी है।
दोस्ती मे धोखा मिलता है पर
पर क्यों ना करें दोस्ती इसकी तड़प ही ऐसी है।
——————
मौसम बदला
तो इन फूलों ने श्रगार करना छोड़ दिया ।
जब से मिला है दोस्तों से धोखा
दोस्ती से प्यार करना छोड़ दिया ।
——————
हम पतंग थे
और डोर वो बन गए ।
दोस्ती उन्होंने की थी
और चोर हम बन गए ।
——————
दोस्ती से ही
दोस्त का पेट भरता है ।
पर हमे क्या पता था
जान से प्यारा दोस्त
ही हमारे साथ धोखा करता है।
——————
खरगोश बहुत पाले हमने ।
दोस्ती मे पाए छाले हमने ।
धोखेबाज दोस्त आज
खोज निकाले महने ।
——————
सच्ची दोस्ती के भी ,
इस जमाने मे खरीदार मिल गए ।
दोस्तों की कहानी बताएं तो क्या बताएं
दोस्त भी कुछ गद्दार मिल गए ।
——————
आज दोस्ती तो
बड़ी आसानी से बिक जाती है बाजार मे ।
धोखा मिला हमें ,
आज दोस्तों के संसार मे ।
——————
दोस्तों ने दोस्ती मे
बहुत गोले दागे ।
टूट गए आखिर
हम भी तो ठहरे एक धागे ।
आज दोस्त नहीं तो क्या हुआ
जिदंगी फिर भी चल सकती है आगे ।
——————
दोस्तों ने हर जगह
हमारे नाम का इस्तेमाल किया ।
धोखेबाज दोस्ती टूट जाने
का आज तक हमने न कोई मलाल किया ।
——————
अगर सच्चे हो यार तुम ,
तो इस दिल पर अपना नाम लिख देना ।
धोखा मत देना दोस्ती मे ,
अगर तुम दुश्मन हो तो आखरी शाम लिख देना ।
——————
बनाओ दोस्त ऐसे
कि हर जगह दोस्ती के प्रेम की चर्चा हो ।
खदृार दोस्त किस काम के जिनपर
फालतू का खर्चा हो ।
——————
दुश्मन तो हमारी मौत की कामना
करते हैं।
और गदृार दोस्त जरूर ,
एक दिन सच्चाई का सामना करते हैं।
——————
पहाड़ की चोटी से गिरे हम ,
दुश्मनों ने थाम लिया ।
हमारी मौत की खुशी मे
धोखेबाज दोस्तों ने फिर नया जाम लिया ।
——————
सोये थे गहरी नींद मे
दिन उगा तो नींद खुल गई।
धोखेबाज दोस्तों का संग किया ,
तो पानी मे जहर की तरह जिदंगी घुल गई।
——————
हमको धोखा देकर वो
कमीने हंसते रहें ।
हम तो कबके मर ही चुके थे
फिर भी वो दोस्त बनकर डसते रहे ।
——————
उनकी दोस्ती मे हमको
कसैला स्वाद मिला ।
वह तो धोखेबाज दोस्त था
आज कई सालों बाद मिला ।
——————
वैसे तो उनकी दोस्ती मे
गहरी मिठास थी ।
धोखा दिया उसने फिर भी
पता नहीं उनकी दोस्ती ,
क्यूं इस दिल को रास थी।
——————
क्या बताएं धोखेबाज दोस्तों
ने दिनों को गमगीन बना दिया ।
जिनको हम जान से प्यारा समझते थे ,
उन्होंने ही हमारा यह सीन बना दिया ।
——————
आज हमको उनकी जरूरत है ,
तो याद करना भूल गए ।
हम वहीं हैं जो कभी उनके लिए
फांसी के फंदे पर झूल गए ।
——————
ढूंढते रहे हम दिनभर
धोखे बाज दोस्तों के अफसाने को ।
इस आश मे ,क्या पता वो भरदें
हमारी जिदंगी के विराने को ।
——————
खाली समय मे हम उनको बहुत याद करते थे ।
आज पता चला ,
दोस्त बनकर वो हमें किस कदर बरबाद करते थे ।
——————
हम सोचते थे क्या तोड़ें दोस्ती ,
क्या पता बुरे वक्त मे काम आ जाए ।
हम क्या पता था तब हम क्या करेंगे
जब दोस्तों मे ही दुश्मनों का नाम आ जाए ।
——————
अगर धोखेबाज दोस्त न होते
तो यह विरान शाम न होती ।
अगर धोखेबाज दोस्त न होते
तो हमारी जिदंगी कुर्बान न होती ।
——————
टहल रहे थे हम कुछ
अच्छाई की आस मे ,
हमें क्या पता था दोस्त ,
के रूप मे कुछ दुश्मन छुपे हैं
इस घास मे ।
——————
दुनिया की बनावट देखी।
झूंठी दोस्ती की सजावट देखी ।
क्या जमाना आ गया है ,
सच्चे यारों मे भी अपने बगावत देखी ।
——————
धोखेबाज दोस्तों ने
बहुत रूलाया और हम अंधे हो गए ।
धोखेबाजों के संग रहकर
हमारे हाथ भी बहुत गंदे हो गए ।
——————
दोस्त बनाकर छोड़ दिया ,
कभी उन्होंने हमारी टोह न ली ।
दोस्ती मे धोखा देखकर पूछ रहे हैं
क्यों आपने हमारी सोह न ली ।
——————
बूंढी आंखों मे अब नहीं आते हैं सपने ।
आंखें भी क्या करें जब धोखा देते हैं अपने ।
——————
मन मंदिर मे सच्चाई की जोत जलाई हमने ।
दोस्तों को फ्री की दारू बहुत पिलाई हमने ।
धोखेबाज दोस्तों के लिए कुछ इस कद्र ,
अपनी जिदंगी लुटाई हमने ।
——————
वैध हो तो हकीम जैसा।
हमारी दोस्ती का हाल हो गया है नीम जैसा ।
कुछ धोखेबाज दोस्त बने
और हमारा जीवन हो गया बीम जैसा ।
——————
उनकी सजवाट बड़ी रेशमी थी ।
नहीं पहचान पाए हम दुश्मनी को ,
दुश्मनी तो दोस्ती के वेश मे थी ।
——————
क्या करें हम पुराने पड़ चुके
इस कागज के अखबार का ।
दोस्त बनाकर धोखा दिया
और पता पूछ रहे हैं एतबार का ।
——————
दोस्ती मीठी है
यह एहसास हमने किया ।
और इस मीठास मे
जहर का आभास हमने किया ।
——————
जीवन हमारा उनकी दोस्ती
मे हो गया था मुषक जैसा ।
अब तो बारिश हो जाए चाहे जितनी
फिर भी मौसम लगता है शुष्क जैसा ।
——————
कमरे मे सूगंध मुरझाए
फूलों से नहीं इत्र से होती है।
प्यारी दोस्ती बाहर से नहीं ,
भीतर से होती है।
——————
आत तक दोस्त बनाकर ना
पूछा कभी इस दिल को क्या पीड़ा थी ।
उनकी दोस्ती कुछ नहीं
बस दुनिया को दिखाने के लिए एक क्रिडा थी ।
——————
धोखा खाए दोस्ती मे लाखों वर्ष हुए ।
हर बार जब याद किया उनको ,
तो आंखों के नीर से गिले फर्श हुए ।
——————
जब दोस्त आए तो जिदंगी मे
हर दिन दीपावली थी।
हमें क्या पता था कि धोखा
देना उनकी वंशावली थी ।
——————
दोस्ती की सीमाओं को
कभी हमने लांघा नहीं ।
आप जैसा धोखेबाज दोस्त
खुदा से कभी मांगा नहीं ।
——————
हाथ मत डालना अंजानी दोस्ती मे
क्या पता अगले पल आग बन जाए।
अगर मिल जाए धोखेबाज दोस्त
तो दोस्ती जिदंगी भर का दाग बन जाए ।
——————
झूठी उनकी दोस्ती
और झूठा उनका भविष्य था ।
दोस्ती मे धोखा खाना
भी उनकी दोस्ती का हिस्सा था।
——————
हमे धोखा देकर दोस्त
छुप गए हैं गुफाओं मे ।
और हम भटक रहे हैं उनकी
तलास मे , विरान राहो में ।
——————
न काल देखा
न दोस्ती मे धोखा खाने वालों
का हाल देखा ।
धोखेंबाज दोस्तों के संग
हमारी जिदंगी का हर साल देखा।
——————
वक्त के साथ दुनिया सिमट जाती है ।
धोखेबाज दोस्ती भी मिट जाती है।
पर कमीनों की दिल पर की गई चोट नहीं मिटती ।
——————
उनकी दोस्ती जब मिली तो सहस्र
दीपक जलाए हमनें ।
जिनके लिए हम इतने खुश थे ,
उन्हीं से धोखे खाए हमने ।
——————
हर किसी को दोस्त बनाकर
धोखा दिया यह उनका अतीत था।
आज पता चला उनके यहां पर
दोस्त बनाकर धोखा देने का रीत था।
——————
धोखे जो दोस्त बनाकर
उसने दिये , सब निराधार थे ।
उनके लिए और कुछ नहीं
बस हम तो सोने का हार थे ।
——————
सूर्य का प्रभास था ।
वो दोस्त नहीं आखरी आस था।
वो हमे धोखा देगा ,
इसका हमे एहसास था।
——————
जी चाहता है आपकी दोस्ती मे
विलिन हो जाएं ।
कुछ ऐसा करते हैं कि अगर आप
धोखा भी दो तो हम हसीन हो जाएं ।
——————
दोस्ती मे धोखा देना खेल है युगों का।
दोस्ती और कुछ नहीं नाम है दुखों का ।
——————
सुख की तलास के लिए दोस्त बनाए ।
प्यार के एहसास के लिए दोस्त बनाए ।
सच्चे विश्वास के लिए दोस्त बनाए ।
अगर धोखा नहीं खाना है दोस्ती मे ,
तो हीरे को तरास करके दोस्त बनाएं ।
——————
दोस्ती आपसे करेंगे ,
तो विजय मेरी होगी ।
नहीं सोचा था दोस्ती करने के बाद
भी जिदंगी धोखा नाम से अंधरी होगी ।
——————
दोस्ती मे धोखा खाते खाते
हम तो पराधीन हो गए ।
लुटा दिया सब कुछ दोस्तों
पर और दीन हो गए ।
——————
उनके साथ दोस्ती करना
हमारी जिदंगी का सबसे बड़ा अभिशाप था।
धोखा देकर बोल रहे हैं ,
आपसे दोस्ती करना हमारा पाप था।
——————
उम्र का तकाजा है
दोस्ती कुछ नहीं
धोखेबाजों का जनाजा है ।
यह यार इसका सबसे
बड़ा उदाहरण ताजा है।
——————
याद नहीं आता हमने कभी
किसी दोस्त पर बुरी द्रष्टि की होगी ।
कुछ धोखेबाजों ने ही झूठी
दोस्ती की सृष्टि की होगी ।
कुछ कमिनों ने मिलकर
हमारे उपर दुखों की वृष्टि की होगी ।
——————
हम तो उनके सोन थे ।
फिर भी पता नहीं
क्यों वो दोस्त बनाकर मोन थे ।
——————
दूर तक उनकी दोस्ती का साम्राज्य था ।
जो दोस्त कभी अविभाज्य था ।
आज वह धोखा खाकर त्याज्य था।
——————
जो असली चेहरा ही नहीं दिखाता क्या करें
ऐसे दर्पण का ।
कोई मोल नहीं है झूठी दोस्ती मे समर्पण का
——————
दोस्तों ने धोखा दिया
और यह आत्मा बहुत रोई है।
पर दोस्ती को क्या फर्क पड़ता है
वह तो चैन की नींद सोई है।
——————
जब धोखा मिला दोस्ती मे
दो दिशाएं भी मौन हो गई ।
जिदंगी दुख भरी टोन हो गई ।
——————
आंखों का काजल
आंसुओं के साथ बह गया ।
बुरे वक्त मे भी काम ना आया
दोस्त तो बस नाम का रह गया ।
——————
हम इंतजार करते रहे
समय खत्म नहीं हुआ रजनी का ।
धोखा देकर चले गए दोस्त
अब हम क्या करें इस गजनी का ।
——————
वृक्ष हमने देखे
जो छायाहीन थे ।
दोस्त बनाए जो
देखने मे हसीन थे ।
वो धोखा देकर चले गए
और हम उनकी दोस्ती मे तल्लीन थे ।
——————
रात का प्रहर था ।
ठंड का कहर था ।
जिसको दोस्त बनाया
वह भी धीमा जहर था।
——————
उनसे धोखा खाकर हम तो बहुत क्षुब्ध थे ।
फर्क तो उनको पड़ा नहीं वो तो बहुत मुग्ध थे ।
——————
उनसे दोस्ती करके हमारी अस्थियाँ बिखर गई ।
दुनिया एकत्रित कर रही है जो मस्तियां बिखर गई ।
——————
तुम तो कभी शीतल सलिल थे ।
आपकी दोस्ती मे धोखा खाकर
क्या बताएं आपको हम कितने जलिल थे ।
——————
जब से उनकी दोस्ती जर्द देने लगी ।
अब तो मंद मंद चलती हवाएं भी
दर्द देने लगी ।
——————
वह दोस्ती नहीं
हमारे लिए शैतान था।
दोस्त बनाकर धोखा
देनेवाला वह इंसान था।
——————
शादी मे काम होता है वधु का ।
दोस्ती मे काम होता है मधु का ।
——————
जब सितारे खामोश हो जाते हैं ।
तब हम भी उदास हो जाते हैं।
दोस्त तब धोखा देते हैं ,
जब वो कुछ खास हो जाते हैं।
——————
हम तो उनकी दोस्ती
के गीत गाते रहे ,
वो दोस्त बनकर
हमे सताते रहे ।
हम दोस्ती का हाल
दुनिया को बताते रहे ।
——————
थिरकती जिदंगी की मुस्कान थी ।
उनकी दोस्ती से जिदंगी मे जान थी।
दोस्त बनाकर धोखा देना उनकी पहचान थी ।
——————
उमड़ रही आंसू की धार आज ।
हुई है दोस्ती मे हार आज ।
खत्म हो गया दोस्तों का संसार आज ।
——————
तुम किनारे बन जाओ ,
तो नदी हम बन जाएं ।
तुम हमारे बन जाओ
तो सदी हम बन जाएं ।
——————
अब तो परछाई ने भी साथ छोड़ दिया ।
जब से दोस्तों ने धोखा देकर रिश्ता तोड़ दिया ।
——————
उनकी दोस्ती के लिए हम तो प्रहलाद थे ।
पर वो हमारी दोस्ती के लिए जल्लाद थे ।
——————
धोखा खाकर हम दोस्ती
मे शोकग्रस्त थे ।
चलो अच्छा हुआ चले गए
धोखेबाज दोस्त पर हम
उनके गम मे त्रस्त थे ।
——————
आसमां सुना हो गया बिन सितारों के ।
भाव बढ़ गए हैं अब तो
धोखेबाज यारो के ।
——————
जिनकी दोस्ती की गूंज थी ,
चारो दिशाओं मे ।
वो ही हमें छोड़कर गए
आज बीच राहों मे ।
——————
जिनके नाम से दिल मे स्पंदन था ,
आज पता चला वो दोस्ती तो
और कुछ नहीं झूंठा बंधन था।
——————
अंधेरा नहीं होता ,
काश हमने सितारों को चुन लिया होता ।
धोखा नहीं मिलता दोस्ती मे कभी
काश हमने दिल की बात को सुन लिया होता ।
——————
झूठी दोस्ती ने हमारी जिदंगी को
समर बना दिया ।
दोस्ती का खून करके उसने
खुद को अमर बना दिया ।
——————
हमे दोस्ती के नियम कायदे सीखाने वाले ,
आज खुद नियम कायदे भूल गए ।
हम उन्हें याद दिलाते रहे मगर ,
वो दोस्ती मे किये गए वायदे भूल गए ।
——————
सितारों की पहचान उनकी चमक से होती है ।
खारेपन की पहचान नमक से होती है।
झूठी दोस्ती की पहचान वक्त से होती ।
——————
हमे अफसोस है
हमने धोखेबाज दोस्तों का वरण किया ।
आज से दोस्ती नहीं करने का प्रण किया ।
——————
दोस्तों की दोस्ती का हमने
बहुत गुणगान किया ।
पर उन्हीं दोस्तों ने हमारी
जिदंगी को विरान किया ।
——————
सुंदर तो वह आज भी दिखती थी ।
कभी हमारी दोस्ती का नाम ,
अपने दिल पर लिखती थी।
सब कुछ छूट गया ,
हमारे हाथ मे दोस्ती को तलास
करती हुई एक तख्ती थी।
——————
साल बहुत बीत गए ,
यह दिल मुस्कुराया न था।
दोस्त बनकर धोखा दिया उसने
कभी जिसने हंसाया न था।
——————
कभी दोस्त जीवन के अलंकार थे ।
उनके लिए धोखा देना भी
दोस्ती के नए चमत्कार थे ।
——————
धोखेबाज दोस्तों ने दोस्ती का दमन कर दिया ।
और धोखा खाकर हमने भी दोस्ती का समन कर दिया ।
——————
जमाने के सामने दोस्ती उनकी
बहुत विशाल थी ।
फिर भी धोखेबाजों जैसी
उनकी चाल थी।
——————
यह जिदंगी आंसू बहाती रही ।
और दोस्ती हमें तड़पाती रही ।
दर्द भरे गीत यह जिदंगी गाती रही ।
——————
हम तो सूरज से निकलने
वाली सुनहरी धूप थे ।
लेकिन दोस्त हमारे ,
दुश्मनों के रूप थे ।
——————
टूटी चारपाई पर लैटे हम थे ।
उनकी धोखेबाज दोस्ती को
बांहों मे समेंटे हम थे ।
——————
वह तो हवा मे उड़कर सूरज
से बातें करते हैं ।
धोखेबाज दोस्तों से रहना
सदा सावधान वोतो झूंठे वादे करते हैं।
——————
आसमां की उंचाई को देखा ।
प्यार मे जुदाई को देखा ।
और उनकी दोस्ती मे
रूसवाई को देखा ।
——————
क्या बताएं हम तो आज भी मीठे रस थे।
पर उन धोखेबाजों के सामने फिर भी विवश थे ।
हम अकेले थे और वो दस थे ।
——————
अंधेरी नगरी के राजा हैं हम ।
दोस्त उनके ताजा हैं हम ।
हमको धोखा देकर भी
वो कहां जाएंगे ।
क्योंकि बंद दरवाजा हैं हम ।
——————
दोस्त हमें धोखा देकर छोड़ते रहे ।
हमे बदनाम करके दोस्ती तोड़ते रहे ।
और हम दीवारों से सर फोड़ते रहे ।
——————
वैसे तो हमारी जिदंगी सास और बहू थी ।
भले ही आज वो हमे धोखा देकर चले गए ,
लेकिन कभी दोस्ती हमारी लहू थी ।
——————
दोस्ती मे चुभे कांट का एहसास था ।
उनका धोखा भी हमें रास था ।
क्योंकि दोस्त भी वो हमारा खास था।
——————
दोस्तों से ही जिदंगी मे मुस्कुराहट थी ।
सुना जो आपने वह उनके ,
चले जाने की चिल्लाहट थी।
——————
रखें तो पैर कहां पर रखें ,
अपनी तो जमीन ही न रही ।
दोस्ती मे मिला है धोखा
तो गर्व किस पर करें ,
जिंदगी तो इतनी हसीन ही न रही ।
——————
दीपक दोस्ती का
उनके आंगन मे आज भी जलता रहा ।
सालों बीत गए पर जिगरी यार
का धोखा देना आज भी खलता रहा ।
——————
जमाना अब कहने लगा हम तो दोस्ती
के किलर हो गए ।
पता ही नहीं चला कब हम
जमाने की नजरों मे चिल्लर हो गए ।
——————
दोस्ती को उसने मिटा दिया ,
पर नहीं मिटा पाए इसके एहसास को ।
अरे हमतों उनकी सांसों मे बसते हैं
कैसे रोकोगे अपनी सांस को ।
——————
दोस्ती को मिटाकर वो ,
ठिकाने लगा रहे हैं लास को ।
हम चिल्लाते मगर कैसे ,
कबका रोक दिया उसने हमारी सांस को ।
——————
हमारी प्रगति उनको रास नहीं ।
उन धोखेबाजों के लिए हम खास नहीं ।
जिस सांस मे उनका नाम न आए ,
ऐसी कोई सांस नहीं ।
——————
परखकर देखलिया दोस्तों को कसौटी पर ।
उनकी निगाहें तो थी हमारी रोटी पर ।
——————
न भूत देखा न भविष्य देखा ।
उसकी आंखों मे धोखा हमारे
लिए फिर से देखा ।
——————
उनके धोखे के सामने बेबस लाचार हम थे ।
नहीं समझ पाए दोस्तों को ,
क्या बताएं इतने ग्वार हम थे ।
——————
दोस्तों के धोखे के सामने असहाय हम थे ।
कोई भी आकर दोस्त बन जाता था हमारा ,
ऐसे सराय हम थे ।
——————
दोस्त ने धोखा देकर कत्ल रिश्तों का किया ।
यह करके अपमान आज उसने ,
अपनी पुश्तों का किया ।
——————
चीख चीख कर कह रहा है ,
इतिहास दोस्तों के धोखे की कहानी ।
सीख लो जमाने से ,
हमे तुम्हें क्या बताएं अपनी जुबानी ।
——————
दोस्ती मे धोखा न मिलता
काश इस अंधेपन की दवा होती ।
निकाल देते दोस्तों के दिलों का कचरा
काश इस गंदेपन की दवा होती ।
——————
हम तो उनके जिगरी यार थे ,
हमको धोखा देते हुए उनको शर्म भी नहीं आई ।
हम उनको अपना मानते रहे ,
और उनको दोस्ती की मर्म भी नहीं आई ।
——————
जिनकी दोस्ती की दुनिया दीवानी थी ।
वो भूल गए वह किसी और के आंखों
का पानी थी ।
——————
गम जमाने ने दिया ।
धोखा दोस्तों ने दिया ।
एक लम्हा फसाने ने दिया ।
——————
हमारे दोस्त तो मद मे चूर थे ।
वो हमारी सच्चाई से बहुत दूर थे ।
आज पता चला वो जमाने
मे धोखेबाज दोस्त के रूप मे मसहूर थे ।
——————
आज दोस्तों ने दोस्ती को हरादिया ।
हमे ने भी उनको औकात बतादिया ।
——————
आजकल दोस्ती का दौर है ।
सच्चे दोस्त मिलते नहीं आसानी से ,
बस झूठे दोस्तों का शौर है।
——————
दोस्तों ही दोस्ती का चीर हरण कर लिया ।
हमने भी धोखेबाज दोस्तों से ,
अलग होने का प्रण कर लिया ।
——————
मजा नहीं आता ,
बिना चीनी की खीर मे ।
वह दोस्ती ही क्या ,
जो आसानी से खो जाए भीर मे ।
——————
दोस्तों का धोखा ,
आज भी बदस्तूर जारी है ।
परेशान ऐसे धोखेबाज दोस्तों
से दुनिया सारी है ।
आज हमारी बारी
तो कल तुम्हारी बारी है।
——————
कि खुद की सुध नहीं ,
इतना दोस्ती मे मदहोश न हो ।
दोस्ती करों तो ऐसी
कि दोस्त धोखा भी दे ,
तो कोई अफसोस न हो ।
——————
वो अपनी विजय फताका लहराते रहे ।
और दोस्तों पर संकट गहराते रहे ।
वो दोस्तों को धोखा देकर
अपनी जीत का जश्न मानते रहे ।
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