दुख भंजनी पाठ करने से मिलते हैं यह 10 जबरदस्त फायदे

dukh bhanjani sahib path ke fayde के बारे मे हम बात करने वाले हैं।दुख भंजनी पाठ सिख धर्म में एक प्रार्थना है जो दुखों और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। । यह पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन देव जी द्वारा रचित शबदों का संग्रह है। दुख भंजनी पाठ तीन रागों में आपको लिखा हुआ मिलेगा । राग गौरी, राग बिलावल और राग सोराठ।यदि आप दुख भंजनी पाठ को सुनना चाहते हैं। तो आप युटुब पर जा सकते हैं। आपको वहां पर कई सारे विडियो मिल जाएंगे । जिसकी मदद से आप इसको सुन सकते हैं। या फिर आप इसको पढ़ भी सकते हैं। यहां पर हम बात करने वाले हैं , कि दुख भजनी पाठ के फायदे क्या क्या होते हैं। ‘दुःख’ शब्द का अर्थ है कठिनाई या बीमारी, या पीड़ा, जो दर्द पैदा करती है। ‘भंजनी’ शब्द का अर्थ है विध्वंसक या कुचलने वाला; इसलिए वाक्यांश “दुख भंजनी” का अर्थ है “दर्द का नाश करने वाला”।

मन को शांति प्रदान करता है dukh bhanjani sahib path ke fayde

दोस्तों यदि आपके मन मे उथल पुथल मची हुई है। आपके मन को शांति नहीं मिल रही है , तो फिर आपको दुख भंजनी पाठ करना चाहिए । इसकी वजह से आपको कृपा प्राप्त होती है। और उसके बाद आपके मन को शांति मिलना शूरू हो जाती है। यदि आप एक छोटे बच्चे हैं , तो भी आपको यह पाठ जरूर ही करना चाहिए , ताकि आपके मन को एकाग्रता हो जाए । और आप अच्छी तरह से पढ़ाई कर सकें ।तो दुख भंजनी पाठ का पहला फायदा यह है , कि यह आपके मन को शांति प्रदान करने का काम करता है।

dukh bhanjani sahib path ke fayde कानूनी परे​शानियों को दूर करता है

दोस्तों दुख भंजनी पाठ कानूनी परेशानियों को दूर करने का काम करता है। जैसे किसी के उपर कोई मुकदमा चल रहा है। और मुकदमे से छुटकारा नहीं मिल रहा है , तो दुख भजनी पाठ करना चाहिए । इसको करने से आपको जरूर ही मुकदमे से छुटकारा मिल जाएगा । आप रोजाना इसका पाठ करें । और प्रार्थना करें कि आपको छुटकारा मिल जाए। जैसा कि आपको पता ही होगा कि कई बार हम गलती से भी कानूनी समस्या के अंदर फंस जाते हैं , तो ऐसी स्थिति के अंदर समय और उर्जा फालतू मे खर्च होता है। कानूनी लफड़ों के अंदर फंसने के बाद बहुत ही समस्याएं आती हैं।

और इसके अंदर धन बहुत ही अधिक खर्च होता है। यदि किसी के पास पैसा ही नहीं है , तो वह जेल के अंदर ही बंद रहता है। बस पैसे वाले जेल से बाहर आ पाते हैं।

बीमारी दूर हो जाती है

दोस्तों दुख भंजनी पाठ से बीमारी दूर हो जाती है। यदि आप काफी समय से बीमार रहते हैं। बीमारी ठीक नहीं हो रही है , तो दुख भंजनी पाठ को रोजना करना शूरू करदें । ऐसा करने से आपकी बीमारी दूर होना शूरू हो जाएगी । यहां तक कि कठिन से ​कठिन लाइलाज बीमारी होती है , वह भी दूर हो जाती है। और यदि आप अपने घर के अंदर से बीमारियों को भगाना चाहते हैं , तो भी आप यह पाठ कर सकते हैं। आपको फायदा जरूर मिलेगा ।

हालांकि यदि आप किसी तरह की दवा ले रहे हैं , तो साथ मे दवा भी लेते रहें । और पाठ भी करते रहें । पाठ करने से दवा काफी तेजी से असर करेगी ।

बिजनेस को आगे लेकर जाता है

दुख भंजनी का पाठ करना आपके बिजनेस को आगे लेकर जाता है। यदि आपका बिजनेस चल नहीं रहा है। आप काफी कुछ कर चुके हैं। लेकिन उसके बाद भी बिजनेस नीचे की तरफ ही जा रहा है , तो आपको सुबह से ही दुख भंजनी का पाठ शूरू कर देना चाहिए । जिससे कि आपके बिजनेस की परेशानियों का धीरे धीरे अंत होना शूरू हो जाएगा । और आपका बिजनेस ग्रो करना शूरू कर देगा । यदि आपका बिजनेस है, तो वहां पर भी दुख भंजनी का पाठ कर सकते हैं।

आपकी मनोकामना पूर्ण होती है

दुख भंजनी पाठ करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। यदि आपकी कोई मनोकामना है , और वह पूर्ण नहीं हो रही है , तो आपको दुख भंजनी पाठ को करना चाहिए । ऐसा करने से आपकी अधूरी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। बहुत सारे लोग होते हैं , जिनकी कोई ना कोई मनोकामना होती है। वे काफी कुछ कोशिश करते हैं। मगर उसके बाद भी उनकी मनोकामना पूर्ण नहीं होती है। तो उनको यही करना चाहिए।

घर मे कलह समाप्त हो जाती है

यदि आपके घर के अंदर कलह रहती है। घर के सदस्यों के बीच प्रेम समाप्त हो चुका है। तो आपको भी दुख भंजनी पाठ करना चाहिए।  इसका असर यह होगा कि घर के अंदर कलह समाप्त हो जाएगी । और घर के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ जाएगा । ​इसकी वजह से रिश्तों के मजबूत होने के चांस काफी अधिक ब़ढ़ जाते हैं। यदि पति और पत्नी के अंदर अलगाव बना हुआ है , तो वह भी दूर हो जाता है। आप समझ सकते हैं।

मान सम्मान के अंदर बढ़ोतरी होती है

मान सम्मान के अंदर बढ़ोतरी भी दुख भंजनी पाठ की वजह से होती है। यदि आपका समाज के अंदर मान सम्मान नहीं रहा है। या फिर आप चाहते हैं , कि समाज मे आपका मान सम्मान बढ़े तो आप दुख भंजनी पाठ को करना शूरू करें । ऐसा करने से आपका मान सम्मान जोकि खो चुका है , वह फिर से आपको मिलेगा । जो लोग समाज के अंदर अपने यश को बढ़ाना चाहते हैं। उनके लिए यह काफी अधिक फायदेमंद होगा ।

समस्त प्रकार के पापों का नाश होता है

दोस्तों दुख भंजनी पाठ को करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है। हम अपने जीवन के अंदर अनजाने मे पाप तो करते ही हैं। और बाद मे हमें उनका फल भुगतना पड़ता है। मगर यदि आप चाहते हैं कि आपको उनका फल ना भुगतना पड़े तो दुख भंजनी पाठ को करना चाहिए । जिससे कि साहेब जी की कृपा आपके उपर होगी और आपका परम कल्याण हो जाएगा ।

सभी प्रकार के दुख दर्द से छुटकारा

दुख भंजनी पाठ को करने से सभी तरह के दुख और दर्द से छुटकारा मिलता है।यदि आपके जीवन के अंदर दुख दर्द काफी अधिक हैं। यह कम नहीं हो रहे हैं। तो आपको दुख भंजनी पाठ को करना चाहिए । जिससे कि आपको दुख और दर्द से आसानी से छुटकारा मिल जाएगा ।हर कोई अपने दुख दर्द को कम करने के लिए काफी प्रयास करता है। तो आपको भी उनको कम करने के लिए प्रयास करने चाहिए ।

घर मे सकारात्मक उर्जा आती है

दुख भंजनी पाठ करने से आपके घर के अंदर सकारात्मक उर्जा आती है। यदि आप समझते हैं कि आपके घर मे कोई बुरी उर्जा मौजूद है , तो आपको अपने घर मे रोजाना दुख भंजनी पाठ को करना चाहिए । उस पाठ को करने से घर मे बुरी उर्जा दूर हो जाती है। और उसके स्थान पर अच्छी उर्जा का प्रवेश हो जाता है। और आप तो यह अच्छी तरह से जानते ही हैं , कि जिस घर के अंदर बुरी उर्जा होती है , वहां पर कभी भी तरक्की नहीं हो सकती है। वरन तरह तरह की परेशानी आना शूरू हो जाती है।

श्री दुख भंजनी साहिब

पहला चरण:

एक ओंकार सतिगुर प्रसादि

दूसरा चरण:

दुख भंजनु तेरा नामु जी दुख भंजनु तेरा नामु

आठ पहर आराधीऐ पूरन सतिगुर ग्यानु

रहाउ

जितु घटि वसै पारब्रहमु सोयी सुहावा थाउ

जम कंकरु नेड़ि आवयी रसना हरि गुन गाउ

सेवा सुरति जाणिया ना जापै आराधि

ओट तेरी जगजीवना मेरे ठाकुर अगम अगाधि

भए क्रिपाल गुसाईआ नठे सोग संताप

तती वाउ लगयी सतिगुरि रखे आपि

गुरु नारायनु दयु गुरु गुरु सचा सिरजणहारु

गुरि तुठै सभ किछु पायआ जन नानक सद बलेहार

पांचवां चरण:

चौपाई:

जो तू जाणसि हरि भगवंतु॥

सो तू किमि करसि पापु अघंता॥

जो तू जाणसि जमपुरि जाइ॥

सो तू किमि करसि लोभु लुभाइ॥

जो तू जाणसि मरनु निश्चितु॥

सो तू किमि करसि मोहु माइ॥

जो तू जाणसि गुर परसादी॥

सो तू किमि करसि माया उपाधि॥

छठा चरण:

चौपाई:

हरि नामु जपहि हरि नामु जपहि॥

हरि नामु जपहि जेते जीव॥

कहु नानक तिन दुखु आवै॥

सुरग नरक नहिं जाइ जीव॥

सातवां चरण:

चौपाई:

हरि नामु जपहि हरि नामु जपहि॥

हरि नामु जपहि जेते जीव॥

कहु नानक तिन दुखु आवै॥

सुरग नरक नहिं जाइ जीव॥

आठवां चरण:

चौपाई:

हरि नामु जपहि हरि नामु जपहि॥

हरि नामु जपहि जेते जीव॥

कहु नानक तिन दुखु आवै॥

सुरग नरक नहिं जाइ जीव॥

नौवां चरण:

चौपाई:

हरि नामु जपहि हरि नामु जपहि॥

हरि नामु जपहि जेते जीव॥

**कहु नान

This post was last modified on February 1, 2024

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