dukhi rahne ke karan दोस्तों वैसे तो कोई भी इंसान अपनी जिदंगी के अंदर दुखी नहीं रहना चाहता है। मगर हमारे चहाने या न चहाने से कुछ भी नहीं होता है। दुख और सुख तो हमारे जीवन के दो पहलू होते हैं। और यह हमेशा आते जाते रहते हैं । अब बहुत से लोगों का यह सवाल होता है , कि इंसान के दुखी रहने के क्या कारण है ? तो आज हम आपको उन कारणों के बारे मे बताने वाले हैं। जिनकी वजह से इंसान दुखी रहता है। यदि आप उन कारणों पर जरा सा भी विचार करते हैं , तो आपको सब कुछ समझ आ जाएगा । लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जीवन मे दुख आएगा ही नहीं ।
वैसे जीवन के अंदर दुख आने के कई सारे कारण हो सकते हैं। और उन सभी को तो यहां पर बताना संभव नहीं हो सकता है। मगर यहां पर हम आपको कुछ कारणों के बारे मे बताने वाले हैं।
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dukhi rahne ke karan किसी के बारे मे अधिक सोचना
दोस्तों यदि आप किसी चीज के बारे मे अधिक सोचते हैं , तो इसकी वजह से भी आपकी जिदंगी के अंदर दुख आते रहते हैं। जैसे कि आप यह सोचते हैं , कि आपका धन कहीं पर खो ना जाए , तो ऐसी स्थिति के अंदर आपके मन के अंदर धन की सुरक्षा को लेकर हमेशा किसी ना किसी तरह की चिंता हमेशा बनी रहेगी । और आप काफी अधिक परेशान होंगे । इसी तरह से यदि आपके मन मे पाटर्नर के बेवफाई का शक है , और इसके उपर आप बहुत अधिक सोचते हैं , तो इसकी वजह से भी आपके जीवन मे सदा दुख ही दुखआएगा । इसलिए कभी भी फालतू की चीजों के बारे मे अधिक नहीं सोचना चाहिए ।
और उन चीजों के बारे मे तो आपको कम से कम सोचना भी नहीं चाहिए जिन चीजों के उपर आपको सोचने की कोई भी जरूरत नहीं है।
dukhi rahne ke karan अपनी रियल्टी को ना जानना
आप खुद क्या हैं ? आप यहां पर क्यों आएं है। आपका असली रूप क्या है ? यदि आप इस तरह की चीजों के बारे मे कुछ भी नहीं जानते हैं , तो इसकी वजह से भी आपकी जिदंगी के अंदर दुख ही दुख आएंगे ।आप दुख को रोक नहीं सकते हैं। असल मे हम भौतिकता के अंदर जीते हैं।और यदि आप भौतिकता के अंदर जीएंगे , तो आप के पास दुख ही आएंगे । यह आपकी रियल्टी नहीं है। आपकी जो भी रियल्टी है , वह यह है , कि आप एक उर्जा हैं , और शरीर का आप यूज कर रहे हैं। आपका नाता शरीर से है , मगर आप शरीर नहीं हैं। इस बात को आप अच्छी तरह से अपने अंदर बैठा लें।
जब तक आप अपनी असलियत को नहीं जानेंगे , तब तक आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं। आप चाहे कितना भी खुश रहने की कोशिश करेंगे , तो उसके बाद भी आप खुश नहीं रह पाएंगे । इसलिए आपको अधिक से अधिक धार्मिक किताबों को पढ़ना चाहिए । जिससे कि आपको चीजों के बारे मे अच्छी तरह से पता चल सके। बिना धार्मिक किताबों के पढ़े आपको इसके बारे मे समझ विकसित नहीं हो पाएगी ।
सही समय पर नहीं सोना
दोस्तों आपको पता ही है , कि एक इंसान को रोजाना 8 घंटे सोना चाहिए । इससे कम सोना अच्छा नहीं माना जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है , कि इससे कम सोना काफी अधिक नुकसानदायी होता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान तो यह है , कि इससे आपके मूड पर बुरा असर पड़ता है। और यदि आपका मूड अच्छा नहीं रहेगा । तब क्या होगा कि आप कितने भी चाहे सुखी रहेंगे । मगर आप चाहकर भी सूखी नहीं रह पाएंगे । इसलिए आपको अपने सोने के समय के बारे मे जरूर ही ध्यान देना चाहिए । आजकल लोग क्या करते हैं , कि देर रात तक मोबाइल के अंदर लगे पड़े रहते हैं। फिर कहां से नींद आएगी ।
चीजों को दिल से ना लगाएं
इस दुनिया के अंदर इंसान के दुखी होने का जो सबसे बड़ा कारण होता है , कि आप चीजों को दिल से लगाते हैं। आपको चीजों को कभी भी दिल से नहीं लगाना चाहिए । यह बहुत ही अधिक जरूरी होता है। यदि आप चीजों को दिल से लगाते हैं , तो वे चीजें ही आपको दर्द देने लग जाती हैं। आपको किसी भी चीज को अपना नहीं समझना चाहिए । बस आपको यह सोचना चाहिए , कि आप एक मुसाफिर हैं। और यहां पर चीजों का उपयोग कर सकते हैं। जोकि भगवान के द्धारा आपको मिली हैं। यदि आप उनको अपने साथ लेकर जाने लग जाएंगे । तो यह आप कभी भी नहीं कर पाएंगे । इसलिए चीजों को दिल से आपको नहीं लगाना चाहिए । जब हम किसी चीज को अपना समझते हैं। तभी हमें दुख होता है। यदि हम चीजों को अपना नहीं समझेंगे तो फिर आपको कभी भी दुख हो ही नहीं सकता है।
अधिक झूठ बोलना
दोस्तों अधिक झूठ बोलने वाले भी दुखी रहते है। इसकी वजह यह है कि झूठ बोलने वाले कई तरह के ऐसे कार्य करते हैं , जोकि बुरे होते हैं , और समाज से छुपाना चाहते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर उनको झूठ पर झूठ बोलना पड़ता है। और आपको पता ही है , कि झूठ के कभी भी हाथ और पैर नहीं होते हैं। और यदि आप झूठ बोलते हैं , तो एक ना एक दिन आप पकड़े जाएंगे । और आपके लिए बहुत ही बड़ी समस्या क्रियट हो जाएगी । आपके उपर लोग विश्वास करना बंद कर देंगे । इसलिए आपको कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।
हो सकता है , कि आप जिस किसी समस्या से निकलने के लिए झूठ बोल रहे हैं। वही समस्या बाद मे आपको काफी अधिक परेशान कर सकती है। और आपके लिए बड़ी संकट की घड़ी हो सकती है। जैसे कि एक महिला शादी के बाद अपने प्रेमी से बात करती है। बस ऐसे ही अपने पति को भी नहीं छोड़ना चाहती है। अब यदि उसके पति के सामने उस महिला की सच्चाई आती है , तो फिर क्या होगा उस महिला का पति उसको तलाक तक दे सकता है। मतलब यही है कि आप जब अपने एक झूठ को छुपाने के लिए दूसरा झूठ बोलते हैं , तो यह आपके लिए और अधिक दुख को पैदा कर सकता है।
नहीं आता है जीने का ढंग
बहुत से लोग इसलिए दुखी होते हैं , क्योंकि उनको यही पता नहीं होता है , कि जिदंगी को किस तरह से जीना चाहिए । बस इधर उधर जो होता है , उसके हिसाब से जिदंगी जीेने लग जाते हैं। तो आपको चीजों को समझना होगा । यदि आपको सही तरह से जीने के ढंग के बारे मे पता नहीं होगा , तो फिर आप कभी भी एक सही जिदंगी को जीने मे सक्षम नहीं हो पाएंगे । इसलिए आपको सपने के अंदर जिदंगी को नहीं जीना है। वरन आपको रियल के अदंर ही जिदंगी को जीना होगा ।
अब आप पूछेंगे कि रियल मे जिदंगी जीना किसे कहते हैं ? तो रियल मे जिदंगी जीना उसे कहते हैं , जोकि सत्य पर बैठा रहता है। वह बस सच को स्वीकार करता है। वह रियल जिदंगी होती है। और उसके अंदर आपको कभी भी दुख नहीं होता है।क्योंकि आप तब शरीर मे नहीं आत्मा मे जी रहे होते हैं।
शरीर मे रोग लगना
दुखी होने का कारण शरीर मे रोग लगना भी होता है। जैसे कि आपको किसी बड़ी बीमारी ने पकड़ रखा है। और आप काफी समय से उस बीमारी की वजह से काफी अधिक परेशान है। तो आपको चाहिए कि आप चीजों को समझें और करें । बीमारी का कोई इलाज नहीं है। क्योंकि शरीर रहेगा , तो फिर बीमारी रहेगी ही आप बीमारी से बच नहीं सकते है। और लाखों तरह की बीमारी हैं , जोकि आपको हमेशा दुखी करती रहती हैं। हालांकि छोटी मोटी बीमारियों की वजह से कुछ नहीं होता है। मगर यदि आपको बड़ी बीमारी घेर लेती है। तो फिर समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है। आप मर भी नहीं पाते हैं , और जिंदा भी नहीं रह पाते हैं। जोकि एक बड़ी ही विकट समस्या होती है।
बीते हुए सुख को बार बार याद करना
दोस्तों अधिकतर लोग बीती हुई बातों की वजह से दुखी होते हैं। मान ले आपको पीछे कुछ समय के अंदर सुख मिला है। मगर अब किसी वजह से वह सुख नहीं रहता है। तो उसके बाद आप यादों के अंदर बार बार दुखी होते रहते हैं। इसकी वजह यह है कि आप उस सुख को फिर से चाहते हैं। मगर किसी वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है। इसलिए बीते हुए सुख को आपको कभी भी याद नहीं करना चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं , तो आप जिदंगी के अंदर कभी भी सुखी नहीं रह सकते हैं। आपको दुखी रहना ही पड़ेगा । इसके अलावा आपके पास कोई भी चारा नहीं है।
बीते हुए सुख को याद करने से आपको कभी भी सुख मिलने वाला नहीं होता है। वरन आपको दुख ही मिलेगा । इससे अधिक कुछ नहीं होगा । इसलिए आपको बीते दुख को याद करने की बजाय वर्तमान के उपर ध्यान देना होगा । तभी आप सुखी रह सकते हैं। वर्तमान समस्याओं को सुधारना होगा ।
धार्मिक आचरण ना करना
दोस्तों दुखी होने का जो सबसे बड़ा एक कारण जोकि मुझे नजर आता है , वह धार्मिक अचारण का नष्ट होना भी होता है। आजकल आप देख सकते हैं , कि धार्मिक आचरण पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा । बहन भाई पति पत्नी बन रहे हैं , तो यह कहां का धार्मिक आचरण है। कुछ गधे तो अपनी मां तक के साथ रिलेशन मे आ जाते हैं ,तो इसको आप क्या कहेंगे । और इस तरह के रिश्ते जब पनपते हैं , तो इसकी वजह से अंत मे इंसान को दुखों का ही सामना करना पड़ता है। भले ही इंसान को पहले कुछ सुखों का सामना करना पड़ेगा । मगर अंत मे दुख ही होता है। आप इस बात को समझ लें । खैर यदि आप भी धर्म संगत आचरण नहीं करते हैं , तो इसका फल हो सकता है , कि आपको बहुत ही जल्दी मिल जाए ।
अहंकारी और घमंड़ी का होना
दुख का कारण हमारा अहंकार भी होता है। याद रखें कहा जाता है कि अहंकार रावण का भी नहीं चला तो आपका अहंकार कैसे चल सकता है। कुछ लोगों को धन दौलत का इतना अधिक नशा छा जाता है , कि बाद मे उनका पतन होता है। इसलिए अहंकारी इंसान कई बार तो अपने अहंकार के अंदर कुछ ऐसा कर बैठता है , कि उसकी सजा उसे मिलती हैं। आजकल आप चारो तरफ यह देख ही रहे होंगे ।कि इस तरह की चीजें हो रही हैं।
बहुत अधिक कल्पना करना
दोस्तों बहुत अधिक कल्पना करना भी आपके एक दुख का कारण होती है। क्योंकि कई बार क्या होता है , कि आप इस तरह की कल्पना करने लग जाते हैं , कि उनके सिर पैर नहीं होता है। ऐसी स्थिति के अंदर जब आप उनको रियल धरातल पर उतारने की कोशिश करते हैं , तो आप पूरी तरह से असफल हो जाते हैं। और बाद मे आपको यह दुख होेने लग जाता है , कि आपने जो सोचा था वैसा कुछ भी नहीं हुआ । मगर आपको यह पता होना चाहिए कि कल्पनाओं की दुनिया मे कुछ भी कर पाना बस दो मिनट का खेल होता है। मगर यदि आप उसी को रियल लाइफ के अंदर करने की कोशिश करते हैं , तो आप पूरी तरह से असफल हो जाते हैं।
बिना मांगे सलाह देना
दोस्तों अक्सर लोगों की यह आदत होती है , कि वे बिना मांगे ही सलाह देने का काम करते हैं। और इस तरह के लोग खुद को ज्ञानी समझते हैं , लेकिन आपको बतादें कि बिना मांगे कभी भी किसी को सलाह नहीं देनी चाहिए ।असल मे क्या होता है , कि जब आप किसी को बिना मांगे सलाह देते हैं , तो उसके बाद आपकी कद्र घट जाती है। और लोग आपको ऐसे ही इंसान समझते हैं। आपकी वैल्यू को यह कम करता है। इसलिए हर किसी को पहली बात तो सलाह देनी ही नहीं चाहिए । और यदि आपको सलाह देना ही है , तो सही इंसान को देनी चाहिए। मूर्खों को कुछ भी बताने से कोई फायदा नहीं होता है।
फिजुलखर्चा करना
इंसान के जीवन के अंदर दुखी रहने का सबसे बड़ा कारण पैसा होता है। यदि आपके पास पैसा है , तो उसके बाद आप चाहे जो ,खरीद सकते है। मगर यदि आपके पास पैसा नहीं है , तो उसके बाद आप कुछ भी नहीं खरीद सकते हैं। और पैसा इतनी आसानी से नहीं कमाया जा सकता है। यदि आप कुछ भी पैसा कमाते हैं , तो फिर आपको उसको सहेज कर रखना चाहिए । क्योंकि यही बुरे वक्त मे काम आता है। यदि आप इस पैसे को कहीं पर भी उड़ा देते हैं , तो फिर आपको जब पैसों की जरूरत होगी , तो आप पैसा नहीं जुटा पाएंगे । और आपको नुकसान हो जाएगा। और बेकार मे पैसा खर्च होने की समस्या अक्सर होती है। इसकी एक वजह यह है कि हम पैसा आने के बाद नियम और कायदे सारे भूल जाते हैं। हम यह भूल जाते हैं , कि हमको क्या करना चाहिए । जब पैसा खत्म हो जाता है , तो सब कुछ याद आ जाता है।
दोगली निति अपनाना
दोस्तों दोगली निति का मतलब होता है , कुछ लोग दिखावा कुछ अलग करते हैं , और रियल मे कुछ अलग होते हैं। इस तरह के लोगों को दोगले लोग कहा जाता है। याद रखे दोगले लोग कभी भी खुश नहीं रह सकते हैं। वे हमेशा अपने जीवन को दोहरा बनाने का प्रयास करते हैं , लेकिन वे इसके अंदर सफल नहीं हो सकते है। क्योंकि उनके कुकर्म इतने अधिक भयानक होते हैं , कि पूछो मत । इस तरह के दोगले लोग जीवन मे हमेशा ही दुखी ही होते रहते हैं। आपको भी कई सारे दोगले लोग मिले होंगे , जोकि बहुत अधिक दिखावा करते हुए नजर आएंगे । मगर आपको उनका सच आसानी से पता चल जाएगा ।
विश्वास को तोड़ना
दोस्तों विश्वास तोड़ना भी एक बहुत ही बड़े दुख का कारण होता है। क्योंकि जब हम किसी के सामने विश्वास को बनाते हैं ,तो इसके अंदर काफी अधिक समय लगता है। लेकिन जब हम इस विश्वास को तोड़ते हैं , तो कुछ ही पलों के अंदर यह विश्वास टूट जाता है। इसलिए विश्वास को तोड़ना एकदम से सही नहीं होगा । तो आपको किसी भी इंसान के विश्वास को नहीं तोड़ना चाहिए । जैसे कि आप एक महिला हैं । और आपका पति आपके उपर भरोशा करता है , और आप उनके भरोसे का फायदा उठा लेती है। लेकिन आपको पता ही है कि सब एक दिन सामने आ जाता है। और यदि सब कुछ एक दिन सामने आ जाएगा , तो विश्वास तो टूटना ही है।
इसलिए कभी भी किसी का विश्वास आपको नहीं तोड़ना चाहिए । यदि आप किसी का विश्वास को तोड़ते हैं , तो फिर आप जिस इंसान का विश्वास तोड़ते हैं , उसकी वजह से आपको जो फायदा मिल रहा था , वह फायदा नष्ट हो जाएगा , और फिर धीरे धीरे हो सकता है कि आपकी जिदंगी मे भी परेशानियां आना शूरू हो जाएं।
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