dushman shayari ,दोस्त और दुश्मन शायरी ,दुश्मन की औकात शायरी ,dushman shayari attitude दुश्मनी शायरी के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। दोस्तों दुश्मनी शायरी के लिए हम आपको यहां पर यूनिक शायरी दे रहे हैं , जोकि आपको जरूर पसंद आएगी । तो आइए जानते हैं दुश्मनी शायरी के बारे मे कुछ यूनिक शायरी ।
जिसकी दर्द की पुकार दुनिया ने सुनी ,
वह करता था साला मुझ से दुश्मनी ।
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यूं तो दुश्मनी से मेरा कोई वास्ता नहीं ,
मगर जो हमे ठिकाने लगाने की बात करता है ,
उसका इस दुनिया मे कोई रस्ता नहीं ।
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जीगरा चाहिए यार लड़ने के लिए ,
वरना दुनिया बैठी है तेरे भाई के
चरणों मे पड़ने के लिए ।
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हम से दुश्मनी करके वो कुछ पा ना सके ,
चैलेंज दिया था , हमने उसको ,
डर कर हमारे सामने वो आ ना सके ।
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दुश्मनी करने का मजा ही कुछ और है ,
छेड़ना मत तेरे भाई का दुनिया मे शौर है।
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बजता है डंका अपने नाम का ,
भरोशा नहीं तो है दुश्मनों को
अपनी शाम का ।
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जुर्म के बादशाह हैं हम ,
हमें कोई माइका लाल हरा नहीं सका ,
दुश्मन ताकतवर बहुत हैं अपने ,
मगर आज तक कोई हमें डरा नहीं सका ।
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लोग खिलौलों से खेलते हैं ,
और हम मौत से ।
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दुश्मन तो आज भी हमें बाप बोलते हैं ,
बड़ों बड़ों की रूह कांप जाती है ,
जब तेरे यार के हथियार बोलते हैं।
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दुश्मन जली हुई सिगरेट की तरह होते हैं ,
जिनको अंत मे कुचलना ही पड़ता है।
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सांप कितना भी छोटा हो ,
काटना नहीं भूलता ,
दुश्मन कितना भी कमजोर हो ,
मगर नुकसान करना नहीं भूलता ।
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तेरे भाई के सामने आज तक ,
कोई दुश्मन टिक ना सका ,
नजरे तेज हैं इतनी ,
कि हम से कुछ भी छिप ना सका ।
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हम से दोस्ती करोगे तो मौज मे रहोगे ,
अगर करोगे दुश्मनी तो मौत की खोज मे रहोगे ।
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हम से दुश्मनी करनी भारी पड़ेगी ,
अक्ल आ जाएगी ठिकाने ,
जिस दिन सर पर चोट हमारी पड़ेगी ।
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सारी दुश्मनी भूल जाओगे ,
जिस दिन अपनों को गले लगाओगे ।
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इक्का कितना भी उछले ,
मगर उसका खात्मा बादशाह ही करता है।
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आंखों मे जनून हो ,
मौत का समंदर हो ,
हाथों मे खंजर हो ,
ऐसा दुश्मन चाहिए ,
जो सच मुच धुरधंर हो ।
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दुश्मनी का भी हम कर्ज चुकाते हैं ,
हम उन लोगों मे से हैं ,
जो अंत मे भी अपना फर्ज चुकाते हैं
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क्या नियति है हमारी ,
हमने जिससे भी दिल लगाया ,
वही हमारा दुश्मन बन बैठा ।
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हम तो रोज सामना करते हैं मौत का ,
और दुश्मन हमें मौत से डरा रहे हैं ।
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अपने इलाके के बादशा हम हैं ,
दुश्मनों की क्या औकात ,
जो हमें उखाड़ कर फेंक दे ।
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इक्का चाहे हुकम का हो या पान का ,
कुछ नहीं बिगाड़ सकता बादशाह जैसे इंसान का ।
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दुश्मनी भूल जाएंगे हम ,
मगर दुश्मनों को नहीं भूल सकते ।
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अमीरों मे खौफ है हमारे नाम का ,
दुश्मन भी गुणगान करते हैं ,
हमारे इंतकाम का ।
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चलती है गाड़ी उड़ती है धूल ,
जब जलते हैं दुश्मन ,
तो दिल हो जाता है कूल ।
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दश्ुमनों के नाम एक संदेश है ,
कहीं भी छिप जाएं वो ,
छोड़ेगे नहीं सालों को ।
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नहीं डरते हम कभी दुश्मनों के सितम से ,
अपनी यारी बहुत पुरानी है इस गम से ।
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दुश्मनों की गलियों मे भी शेर की तरह जाते ,
देखकर जिगरा अपना दुश्मन भी कांप जाते हैं।
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जिस दिन अपना असली रूप दुश्मन देख लेंगे ,
कमीनों की सांसे न अटक जाएं तो कहना ।
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दुश्मन अभी वाकिफ नहीं हमारी उड़ान से ,
हम दोस्ती कराके छोड़ेंगे उनकी श्मशान से ।
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हम लड़ने वाले हैं तूफानों से ,
फिर कैसे डर जाएंगे इंसानों से ।
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दुश्मनों को कभी हल्के मे लेना नहीं चाहिए ,
और करीबियों को कभी अपना भेद देना नहीं चाहिए ।
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दुश्मन अभी भी हमारे सामने बच्चे हैं ,
चूहे देखकर घबरा जाते हैं साले ,
अभी वो बहुत कच्चे हैं।
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टौलियां तो कुत्तों की हुआ करती है ,
दुश्मनों के लिए हम अकेले ही काफी हैं ।
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कोई बराबरी नहीं कर सकता तेरे यार की ,
फटती है हम से सारे संसार की ।
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दुश्मनों के बाप हैं हम ,
अपन को धोखा देने वालों
के लिए अभिशाप हैं हम ।
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डरते नहीं हम किसी के बाप से ,
फिर दुश्मन हमें क्या डराएंगे ।
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कुछ दुश्मन अपने होते हैं ,
कुछ दुश्मन बुरे सपने होते हैं।
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वो मौत का पैगाम हमें सुना रहे हैं ,
हम तो खुद मौत हैं ।
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दुश्मन दिल की धड़कन बंद करने की बात करते हैं ,
मगर उनको क्या पता ,
अपन तो सीने मे दिल ही नहीं रखते ।
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दोस्ती भी अच्छे से निभाएंगे ,
दुश्मनी भी अच्छे से निभाएंगे ,
काम जरूर आएंगे उनके ,
जो हमे दिल से चाहेंगे ।
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किसी के तलवे चाट कर हम जीते नहीं ,
गम बहुत है दिल मे यारो ,
यूं ही रोज शराब की एक बोतल पीते नहीं ।
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खुशी का नाम कभी हमने सुना नहीं ,
जब से आंख खुली ,
तब से गोलियां चला रहे हैं।
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दुश्मनों को दुश्मनी की सजा जरूर मिलेगी ,
कितने भी हम से भाग लें वो ,
मगर मौत एक दिन उनको मजबूर मिलेगी ।
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अपने दोस्तों को कभी धोखा दिया ना करो ,
और दुश्मनों को कभी मौका दिया ना करो ।
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दुश्मनों का कभी खौफ नहीं रहा ,
बस दोस्तों के धोखे से डरते हैं ।
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दोस्ती भी निभाएंगे ,
दुश्मनी भी निभाएंगे ,
इंतजार करो यारो ,
एक दिन जरूर आएंगे ।
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चस्का लग जाएगा जिस दिन शराब का ,
फिर इंतजार करते रहेंगे दुश्मनों के जवाब का ।
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दुश्मनी करने वाले तो बहुत देखे ,
मगर दोस्त तेरे जैसा पहली बार देखा है।
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दोस्ती और दुश्मनी तो चलती रहती है ,
देखकर अपने यारों को दुनिया यूं ही जलती रहती है।
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दोस्ती मे हमने दिल पर चोट खाई ,
इन दुश्मनों ने हमारी जिदंगी लुट खाई ।
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दुश्मनी को भी दोस्ती की तरह निभाते हैं ,
ऐसे लोग दुनिया मे कभी कभी आते हैं।
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भूलकर दोस्तों को ,
जब वो दुश्मनों मे मिलने लगे ,
तब सारा माजरा समझ आ गया।
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कितने भी करले जनत ,
यह दुश्मनी कभी खत्म नहीं होगी ,
क्योंकि हमारी तरक्की हर किसी को हज्म नहीं होगी ।
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यूं तो एक परिंदे हैं हम ,
उनकी दुश्मनी की बदौलत जिंदे हैं हम ।
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जिस दिन सब्र अपना टूट जाएगा ,
उस दिन दुश्मनों का सूरज डूब जाएगा ।
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मौत से हर कोई दुश्मनी करता है ,
लेकिन उसको जीतने वाले बिरले ही होते हैं ।
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दुश्मनों ने जख्म पर जख्म दिये ,
मगर फिर भी जिंदा हैं ,
खुदा ने ऐसे शनम दिये ।
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सर पर मौत है ,
फिर भी मुस्कुरा रहे हैं ,
देखकर अंदाज अपना ,
दुश्मन घबरा रहे हैं।
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किसी को हद से ज्यादा चहाया न था ,
दुश्मनी खूब की ,
मगर दुश्मन भी दुश्मनी निभाने आया न था ।
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जब मौत के मुंह से लौट कर जब हम आए ,
तब दुश्मनों पर खूब हमने फूल बरसाए ।
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सब्र रखिए जनाब हमारा भी दौर आएगा ,
एक दिन दुनिया मे अपने नाम का भी शौर आएगा ।
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मिटा नहीं सके दुश्मन भी हमारी हस्ती ,
आखिर हर किसी के दिलों मे हम अपनी बस्ती ।
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दुश्मन हमें गिराने की सोचते रहे ,
और हम दुश्मनों को खोजते रहे ।
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भेद कभी दुश्मनों को बताना नहीं ,
और अपनों संग कोई राज छुपाना नहीं ।
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हमे दुश्मन भी दमदार चाहिए ,
मरे हुए लोगों से हम बदला नहीं लेते ।
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दिल मे जिस दिन आग लग जाएगी ,
दुश्मनी की ऐसी तैसी कर डालेंगे ।
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दुश्मन हमारी कामयाबी को देखकर दिल जलाते हैं ,
और हम उतने ही अधिक पंख फैलाते हैं।
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दुश्मनों से दोस्ती हम कभी करते नहीं ,
कुत्ते चाहे आ जाएं कितने भी ,
मगर शेर कभी उनसे डरते नहीं ।
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आज तक कोई हमें धूल चटा नहीं सका ,
दुश्मनों की तो औकात ही क्या ,
दोस्त भी हमे पटा नहीं सका ।
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हौसला है शेर जैसा ,
दुश्मन हैं हमारे सामने ,
कचरे के ढेर जैसा ।
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हमारे लहू मे बारूद बहती है ,
पूछ लेना अपने यारों से ,
हमारे नाम की कहानी पूरी
दुनिया कहती है।
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बारूद पर सोते हैं ,
बारूद को खाते हैं ,
अपने दुश्मनों के तो
सपने मे भी हम आते हैं।
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दुश्मन कभी मरते नहीं ,
एक को गिराओगे तो दूसरा पैदा हो जाएगा ,
इसलिए हम उन पर वार करते नहीं ।
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दुश्मनी की आग दिलों मे आज भी जिंदा है ,
सदियां बीत गई मौसम बदल गया ,
फिर भी दुश्मनी चल रही है।
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दुश्मन भी छुकर हमे खाक हो जाएगा ,
हम हैं ऐसी आग ,
जो भी टकराएगा हमसे जलकर राख हो जाएगा ।
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हर किसी पर अपना दिल आता नहीं ,
मगर दिल आया जिस पर ,
वही हमारा दुश्मन निकला ।
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अपने दुश्मन मेरे दर्द को देखकर हंसते हैं ,
मगर जिस दिन खुद को दर्द हुआ ,
पता चला अंजाम क्या होता है।
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देखने मे बड़े भोले हैं ,
टकराना मत कभी हमसे ,
हम तो आग के गोले हैं ।
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हम कोई शीशा नहीं कि
टूट कर बिखर जाएं ,
आज दुश्मनों को समझ नहीं आ रहा ,
अपने से दुश्मनी करके वो किधर जाएं ।
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दुश्मनों ने आज हमें झूठा साबित किया ,
मगर वो क्या जानें ,
जाने अन जाने मे उन्होंने हमको और काबिल किया ।
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जिंदा रहने के लिए खून चाहिए ,
मौत से टकराने के लिए दिल मे जनून चाहिए ।
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बिना पैट्रोल के गाड़ी चलती नहीं ,
बिना दुश्मनी के जिदंगी संभलती नहीं ।
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यूं तो आसमान मे तैनात सितारे हैं ,
फिर भी धरती पर लाखों दुश्मन हमारे हैं।
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खाक जितनी उनकी औकात नहीं ,
फिर भी धमकी पर पैगाम देते हैं ,
चलो आज दुश्मनों को ही टांग देते हैं ।
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दुश्मन तो भगवान की तरह हमारा नाम लेते हैं ,
आज पता चला ,
हम इतने बड़े गुंडे भी हो चुके हैं।
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अगर जाना है , तो शौक से जाओ ,
मगर दुश्मनी लेकर जाओगे तो महंगी पड़ेगी ।
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हमारे नाम का दुश्मनों के दिलों मे खौफ रहता है ,
क्योंकि दुश्मनों की तरफ होता है उसका मुख ,
जो हमारा तोप रहता है।
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कोई फल नहीं देती ,
जब जमीन बंजर होती है ,
दुश्मनी दोस्तों मे बाहर से नहीं ,
वह तो दिल के अंदर होती है।
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कुछ दुश्मन दोस्तों के लिबास मे होते हैं ,
और कुछ दुश्मन सदा हमारे एहसास मे होते हैं।
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दुश्मनों को कभी हम पीठ दिखाते नहीं ,
और अपनों को कभी धूल चटाते नहीं ।
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हाथ मे अपने खंजर है ,
मगर अपना दुश्मन तो ,
जेल के अंदर है।
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रहते हैं हम दुश्मनों के शहर मे ,
कोई दुश्मन हमारा बाला भी बांका नहीं कर सका ,
हम तो आज भी जिंदा हैं रक्त की नहर मे ।
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दोस्तों की गदारी देखी ,
दुश्मनों की वफादारी देखी ,
नहीं मिला तेरे जैसा दुश्मन ,
दुनिया हमने सारी देखी ।
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आशकी भी हम निभा नहीं पाए ,
दुश्मनी को कभी हम भूला नहीं पाए ।
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कुछ दुश्मन दोस्ती का मास्क पहनते हैं ,
मगर उनके चेहरे से ही सब कुछ नजर आ जाता है ,
दिखते हैं , ऐसा जैसे राक्षस पहनते हैं।
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हम कोई औरत नहीं ,
जो पर्दे में रहें ,
हम तो एक बार मे गला चीरने वाले हैं ,
देखकर दुश्मन हमें सदमें मे रहें ।
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दुश्मनों को डराने के लिए ,
हमारा नाम ही काफी है ,
दुश्मनी मे सिर्फ मौत मिलती है ,
ना कोई माफी है।
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यूं तो सबके बाप हैं हम ,
मगर दुश्मनों के लिए संताप हैं हम ।
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लत शराब की होती है ,
मगर खूनी दुश्मनी इस जनाब की होती है।
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यूं तो हम नशा करते नहीं ,
मगर जिस दिन नशा कर लिया ,
किसी के बाप से डरते नहीं ।
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पहले हम किसी को छेड़ते नहीं ,
और बाद मे हम छोड़ते नहीं ।
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जिस दिन हो जाएगा दिमाग खराब ,
उस दिन पीएंगे खूब शराब ,
और देंगे दुश्मनों को ,
उनका असली जवाब ।
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जंग बारूद से नहीं जीती जाती ,
जीतने के लिए जिगरा चाहिए ।
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हमारे साथ रहना है ,
तो दुश्मनी लेनी पड़ेगी ,
या तो जान लेनी पड़ेगी ,
या तो जान देनी पड़ेगी ।
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सुन बे दुश्मन ,
शहर भी तेरा ,
जगह भी तेरी ,
गन भी तेरी ,
मगर गोली मेरी ।
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ऐसा कोई दुश्मन पैदा नहीं हुआ ,
जो हमें डरा सके ,
देखा नहीं ऐसा धुरंधर कभी हमने ,
जो दुश्मनी मे हमें हरा सके ।
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इस जान से इतना प्यार ना करो ,
यह तो एक दिन जानी ही है ,
क्योंना दुश्मनों को मिटाकर मरें ।
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जब जान प्यारी थी ,
तब दुश्मन हजार थे ,
जब मरने का शौक पाल लिया ,
तो सारे दुश्मन बेकार थे ।
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हम से दुश्मनी कोई करता नहीं ,
यह दिल है शेर का ,
यार किसी से डरता नहीं ।
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दुनिया आज देख रही है ,
हमारी मौत का नजारा ,
कोई बात नहीं ,
हम यहां आएंगे दुबारा ।
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जब तक सांसें चल रही हैं ,
दुश्मन की तब तक जल रही हैं।
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किश्मत पर हम भरोशा करते नहीं ,
दुश्मनों से कभी हम डरते नहीं ,
सच्चे लोग दुनिया मे कभी मरते नहीं ।
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क्या कोर्ट और क्या कचहरी ,
हम फैसला ऑनद स्पॉट करते हैं ,
कि फिर नहीं उठ पाता दुश्मन हमारा ,
उसको ऐसी जगह चोट करते हैं।
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अच्छा नहीं किया दुश्मनों ने ,
हमारी दुनिया जलाकर ,
बहुत पछताएंगे एक दिन ,
साले इस सांप को दूध पिलाकर ।
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मर गए हमको खरीदने वाले ,
पैदा नहीं हूए हम से जीतने वाले ।
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कभी दुश्मनों के दर पर आएंगे ,
उनको उनकी असली औकात दिखाएंगे ।
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शेर अगर सामने आ जाए ,
,तो भी हम घबराते नहीं ,
लड़ना हमारे खून मे है ,
हम लड़ने से कभी कतराते नहीं ।
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जब तक सांस है ,
शान से जिएंगे ,
दोस्ती मे जहर भी देदो
तो पीएंगे ,
मगर हम से दुश्मनी करके ,
वो अधिक नहीं जिएंगे ।
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आज वक्त तेरा है ,
जो करना है करले ,
जिस दिन हमारा वक्त आया ,
तो दुनिया से जाने की तैयारी करले ।
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जिदंगी खराब नहीं ,
तेरे दुश्मनी का कोई जवाब नहीं ।
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जीत हार तो होती रहती है ,
खेल के मैदान मे ,
मगर जिस दिन हारोगे बाजी तुम ,
नहीं आओगे किसी की पहचान मे ।
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हम से दोस्ती भी बुरी है ,
और दूश्मनी उससे भी बुरी ।
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हमने हथियार उठाना छोड़ दिया है ,
चलाना नहीं भूले ।
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देखोगे जिस दिन हमारा स्टाइल और अंदाज ,
दुश्मन भी कांप जाएंगे ,
तुम को कह रहे हैं आज ।
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भीख हम किसी को देते नहीं ,
सीख हम किसी की लेते नहीं ।
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सीधा रस्ता जाता है ,
कब्रिस्तान तक ,
दुश्मनी करना भूल जाएगा तू ,
हम दब हैं बस तेरे एहसान तक ।
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पीठ पीछे वार हम करते नहीं ,
अगर कर लिये हो हम से दुश्मनी ,
तो ज्यादा इंतजार हम करते नहीं ।
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दुश्मनी निभाने का वक्त आया ,
सावधान रहना दुश्मनों ,
हमारा कानून बड़ा सख्त आया ।
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तेरी अदाओं का यह कमाल था ,
कि हम रूक गए ,
वरना दुश्मनों का बहुत बुरा हाल था ।
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दोस्तों से दुश्मनी कभी की नहीं जाती ,
बिना शराब के जिदंगी जी नहीं जाती है।
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मेहनत करोगे ,तो हर कदम पर कामयाबी मिलेगी ,
अगर देखोगे दुश्मन की नजर से ,
तो हमारे अंदर ही तुको खराबी मिलेगी ।
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दुश्मन अगर है , तो पीठ पीछे बुराई करेगा ,
मगर दम है अगर दोस्ती मे ,
तो दुश्मन भी डरेगा ।
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कोशिश करने वाले कभी हारते नहीं ,
सामने जाकर लड़ने वाले हैं हम ,
दुश्मनों से छुप छुप कर रातें गुजारते नहीं ।
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यूं ही किसी के जीवन मे आग हम लगाते नहीं ,
दुश्मनों को क्या पता ,
साये हुए शेर को कभी जगाते नहीं ।
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नजरें सिर्फ मां के सामने झुकती हैं ,
हमें देखकर दुश्मनों की तो सांसे रूकती हैं।
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दुश्मन हमारी कामयाबी देखकर खूब चलते हैं ,
हम तो शेर हैं दुश्मन के इलाके मे अकेले चलते हैं।
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दुश्मनी का बदला तो हम लेके रहेंगे ,
चाहे छुप जाएं वो कहीं पर भी ,
जान उनकी लेके रहेंगे ।
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सिर्फ बाजी देखी है दुश्मनों ने इस जुआरी की ,
मां बहन कर देंगे दुश्मनों की होसियारी की ।
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जिसने मुझे दोस्त बनाकर छोड़ा था ,
जिसने मुझे खूब तोड़ा था ,
ऐसे दुश्मनों को बीच राहों मे हमने फोड़ा था ।
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खून हम नहीं करते ,
किसी के विश्वास का ,
मगर पोस्टमार्टम जरूर करते हैं ,
दुश्मनों की लास का ।
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दुश्मनों ने दुनिया की नजरों मे गिराया ,
अपनों ने हमें ठुकराया ,
जब हम आए अपने असली रूप मे ,
तो हर दुश्मन घबराया ।
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शेर कभी कुत्ते से डरते नहीं ,
दोस्तों से हम कभी दुश्मनी करते नहीं ।
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कुछ कुत्ते भौंकते रहे ,
और हम दुश्मनों को
आग मे झोंकते रहे ।
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हमारी बुराइयां गिनाते फिर रहे हैं वो ,
मगर खुद बुराइयों मे उतर रहे हैं वो ।
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इन हवाओं मे ही इतनी जान होती ,
तो कबके सारे पेड़ उखड़ जाते ,
कमीनी तेरी अदाओं मे ही इतनी जान होती ,
तो कम के हम उजड़ जाते ।
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जिन दुश्मनों ने साजिशें रची ,
अब उनकी आखरी सांसे बची ।
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दुश्मनी दिल मे रखता हूं मगर मक्कारी नहीं ,
मौत का जुआ जरूर खेलता हूं मगर जुआरी नहीं ।
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खुशकिस्मत हैं वो दुश्मन जो हमसे बच गए ,
वरना तो परिंदा भी हमारे इलाके से जिंदा नहीं जाता ।
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बुरे को बुरा नहीं कहें तो क्या कहें ,
दुश्मन को दुश्मन नहीं कहें तो क्या कहें ।
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हमसे दुश्मनी करके मौत से हाथ मिलाया है तुमने ,
शेर का वो क्या बिगाड़ेंगे ,
कुत्तों को साथ मिलाया है तुमने ।
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दुश्मनी अब जीने नहीं देती ,
मगर जहर पगली पीने नहीं देती ,
जाएं तो कहां जाएं ,
ऐसी जिदंगी किसी ने नहीं देखी ।
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दुश्मनी की है , तो दुश्मनी निभाओ ,
दोस्ती की है तो दोस्ती निभाओ ,
क्या करना है ? कैसे करना है ?
अपने बाप को मत बताओ ।
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तेरी दुश्मनी के लिए ,
सात समंदर पार करके आए हम ,
अब तू जरूर मिलेगा ,
कि इतंजार करके आए हम ।
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एक दिन टूट कर सब को बिखर जाना है ,
निभाले तू अपनी दुश्मनी यार ,
यह जीवन यूं ही गुजर जाना है।
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जिस दिन वक्त अपना होगा ,
उस दिन दुश्मन को जरूर तड़ना होगा ।
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जीवन की शाम यूं ही ढलती रहेगी ,
तेरी मेरी दुश्मनी जन्मों जन्मों तक चलती रहेगी ।
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दोस्ती तो हर किसी से हो जाती है ,
मगर दुश्मनी हर किसी से नहीं होती ।
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अपने दुश्मन की कब्र पर ,
फूल चढ़ाने आएं हैं ,
नहीं भूले तुझे हम आज भी ,
तो फिर से याद करने आएं हैं।
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किस्मत तो एक दिन बदल जाएगी ,
दुश्मनी भी चल जाएगी ,
जिस दिन जिदंगी संभल जाएगी।
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दोस्तों की दोस्ती ,
कभी भूलकर तोड़ना नहीं ,
और दुश्मनों को कभी
जिंदा छोड़ना नहीं ।
————————
दुश्मनी भी निभानी आती है ,
दोस्ती भी निभानी आती है ,
हम कोई अनाड़ी नहीं ,
हमें भी अपनी जिदंगी बनानी आती है।
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आज दोस्त भी दगाबाज निकले ,
मिले तो थे हम भी दुश्मनों मे जागर ,
मगर फिर भी बेदाग निकले ।
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जीत का झंडा दुश्मनों की कब्र पर फहराएंगे ,
चिंता मत कर एक दिन तुझे ,
अपने दुश्मनों की कब्र पर ठहराएंगे ।
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दुश्मनों ने बुरा हाल किया ,
अपनों ने कमाल किया ,
कि फिर उठ नहीं पाए दुश्मन ,
ऐसा उनको निढाल किया ।
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ना दुश्मनों से शिकवा है ,
ना शिकायत है ,
जो कुछ है खुदा की इनायत है।
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दुश्मन बेहतरीन हैं ,
इसमे कोई शक नहीं ,
मगर हमारे आगे ,
वो कुछ भी नहीं हैं।
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पत्थर से टकराकर ,
अक्सर शीशे टूट जाते हैं ,
हम से दुश्मनी बनाने वाले ,
अक्सर पीछे छूट जाते हैं।
————————
दुश्मन दूर से वार करते हैं ,
मगर हम उनके पास आने का इंतजार करते हैं ।
————————
दुश्मनी निभानी है तो निभाइए ,
दोस्ती निभानी है तो निभाइए ,
हमे ना कुछ सिखाइए ।
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दुश्मनी भी दमदार चाहिए ,
जिगर खुंखार चाहिए ,
कुछ भी करो ,
मगर दुश्मन हमारा लाचार चाहिए ।
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दुश्मनों पर कभी भरोशा करना नहीं ,
और अपनों से धोख कभी करना नहीं ।
————————
आज फिर लगी है आग सीने मे ,
हमें बहुत हर्ज है दुश्मनों के जीने में ।
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चाहे घर जले तो जलने दो ,
मगर अपने दुश्मन को कभी मत संभलने दो ।
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आज लिख रहे हैं मौत का पैगाम ,
अपने दुश्मनों के नाम ।
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दुश्मन कभी भाई नहीं होते ,
याद रखना बकरे के हितैशी कभी कसाई नहीं होते ।
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सबके बाप हैं हम ,
दुश्मनों के लिए एक शाप हैं हम ।
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मौत जिदंगी का अंत नहीं है यारो ,
कभी मत टकराना इस बंदे से ,
क्योंकि यह संत नहीं है यारो ।
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दुश्मन दुश्मनी निभाने को तरसे ,
हम ओले बनकर दुश्मनों पर बरसे ।
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जब पढ़कर खत दुश्मनों का सुनाया उसने ,
फिर पहली बार अपने सीने से लगाया उसने ।
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दुश्मनी हो अगर ,
तो हम वार का इंतजार नहीं करते ,
चली जा बेवफा ,
बेवफाओं से कभी हम प्यार नहीं करते ।
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जनाजा तो अपना भी निकलेगा ,
लेकिन रोते बिलखते नहीं ,
डीजे के साथ नाचते हुए ।
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दोस्ती की तो दोस्ती निभाएंगे ,
अगर दुश्मनी की तो खूब चाहेंगे ।
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अपनी खोपड़ी जिस दिन सटक गई ,
समझ लेना उस दिन दुश्मन की सांसे अटक गई ।
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बस्तियां दुश्मनों की जला देंगे ,
चारो तरफ लासें ही लासें फैला देंगे ।
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जब गैरों के लिए इतना वायलेंट हो सकते हैं ,
तो जब अपनी पर आ गए तो क्या होगा सोच लेना ।
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एक एक दुश्मन को चुन चुन कर मारेंगे ,
मौत का सागर है जिदंगी ,
यूं ही मरते मरते गुजारेंगे ।
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हम किसी के दिल के करीब हैं ,
हम किसी के नसीब हैं ,
मगर दुश्मनों के लिए सदा अजीब हैं।
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जिंदा जो बच आए सलाखों से ,
फिर कैसे डर जाएं बम धमाकों से ।
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अपने तो चर्चे पूरे शहर मे मसहूर हैं ,
सुनकर नाम हमारा ,
दुश्मन बड़े मजबूर हैं।
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दिल मिले ना मिले ,
मगर गन हर वक्त जरूर मिलेगी ।
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हमें देखकर भूल भी मुरझा जाते हैं ,
फिर दुश्मन क्या चीज हैं।
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हमें बस जीतना पसंद है
हारना हमारी किस्मत मे नहीं ।
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दुश्मनी का इलाज भी तबियत से करेंगे ,
दुश्मनों से मरते दम तक न डरेंगे ।
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जब तक सांसें हैं ,
बिछती रहेंगी दुश्मनों की लासें हैं।
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कचरे को हम साफ करते नहीं ,
और अपने दुश्मनों को कभी माफ करते नहीं ।
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दुश्मनों के सीने मे खंजर है ,
यही तो मौत का समंदर है।
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अपनी मौत हम तय करते हैं ,
दुश्मनों की तो औकात ही क्या ।
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मौत अपना क्या बिगाड़ेगी ,
हम तो खुद मौत हैं।
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दिल मे जीने की कोई आस नहीं ,
मगर दुश्मनों को आज तक
हमारे मरने का एहसास नहीं ।
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दुश्मनी की यह मसाल जलती रहेगी ,
जन्मों जन्मों तक तेरी मेरी दुश्मनी
चलती रहेगी ।
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रहम की भीख हम नहीं मांगते ,
हम तो खुद मौत हैं ,
दुश्मनों को हर तरह से छांगते ।
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सीधी लगेगी दुश्मनों के सीने मे गोली ,
आखिर हम तो खेलते हैं खून की होली ।
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इस जमाने से क्या डरना ,
जो सीख गया है हमसे दुश्मनी करना ।
कुछ लोगों को लग गया है ,
हम से दुश्मनी करने का चस्का ,
मगर अब उनको नहीं मिलेगा जीने का रस्ता ।
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दोस्ती भी करते हैं ,
दुश्मनी भी करते हैं ,
जरूरत पड़े तो जान भी धरते हैं ,
यूहीं दुनिया वाले हम पे न मरते हैं।
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दुश्मनों ने दिल पर गहरे घाव दिये ,
मगर फिर हमने उनको ,
ब्याज सहित सारे हिसाब दिये ।
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दिल पर चोट खाए बैठे हैं ,
दूर ही रहना दुश्मनों हम से ,
वरना मुंह पर खून लगाए बैठे हैं ।
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फासला रियल मे नहीं ,
फासला दिलों मे होता है ,
हिसाब किताब पूरा करेंगे दुश्मनों का ,
याद रखना हमारा सफर मिलों मे होता है।
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कोशिश की थी दुश्मनों ने हमारी हस्ती मिटाने की ,
अब बारी हमारी है उनको धूल चटाने की ।
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पीठ पीछे तो हर कोई बुराई करता है ,
इतना ही दम है ,तो सामने करके देख ।
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दोस्ती भी दुश्मनी मे बदल जाती है ,
जब बुरी हवा चल जाती है ।
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पहले आबरू लूटी ,
फिर जीने की आश टूटी ,
जब दोस्त दुश्मन बन गए ,
तो ऐसी हमारी किस्मत फूटी ।
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दोस्त भी भरोसे लायक नहीं रहे ,
फिर दुश्मनों का तो कहना ही क्या ।
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हमें अकेला छोड़ कर राहों मे ,
जो तुम जाआगे ,
कसम से बहुत दुख दर्द पाओगे ।
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दुश्मनों की औकत नहीं ,
तूफान का सामना करने की ,
तो तूफान को कमजोर बता रहे ।
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जीने का ढंग बदला है ,
जिदंगी नहीं बदली ।
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मौत का भी सामना करेंगे ,
कहदे ऐ दुश्मन तू ,
तेरा मुकाबला वहां करेंगे ।
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उनसे दोस्ती करने का इरादा बैकार था ,
फिर से दुश्मनी निभाने के लिए वह तैयार था ।
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इरादों मे अगर जान हो ,
तो दुश्मन भी मेहरबान हो जाते हैं।
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दुश्मनी का हर तोहफा कबूल है ,
पहले हथियार उठाते नहीं ,
और बाद मे बख्सते नहीं ,
यह अपना उसूल है।
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दुश्मनों को कभी भुलाया नहीं जाता ,
बेवफाओं को कभी दिल से अपनाया नहीं जाता ।
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मौत का समंदर है ,
दुश्मनी हर किसी के अंदर है।
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शैतानों से दोस्ती महंगी पड़ेगी ,
अगर की है तुमने दुश्मनी ,
तो हर बेदर्दी तो सहनी पड़ेगी ।
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जिगरा है शेर जैसा ,
दिल है पत्थर जैसा ,
होगा वही जो
अपन चाहेंगे वैसा ।
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तेरी दुश्मनी हमारे दिल मे चुभती है ,
तेरे नाम के साथ हमारी हर शाम उगती है।
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जिस दिन करोगे मौत का सामना ,
फिर नहीं करोगे जीने की कामना ।
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दुश्मनों की तकदीर हम लिखते हैं ,
दुश्मनों के नाम मौत की जागीर हम लिखते हैं ।
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जब हम खामोश हो गए ,
तो दुश्मनों ने मरा हुआ समझ लिया ,
दुश्मनों को क्या पता था ,
मौत भी अपन को पूछ कर आती है।
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कोई मजा नहीं है , जिदंगी जीने मे ,
मगर हम तो भरोशा नहीं करते हैं ,
दुश्मनी का जहर पीने मे ।
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दुश्मनों ने जहर दिया ,
फिर भी हम जिंदा बच गए ,
वो कोई लोग और थे ,
जो दुश्मन होकर भी इतिहास रच गए ।
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जिदंगी का खेल कोई समझ नहीं पाया ,
इंसान दुश्मनी निभाते निभाते अंत को आया ।
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एक दिन सबको खाक हो जाना है ,
दुश्मनी हो या दोस्ती ,
सब का एक ही ठिकाना है।
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हम से दुश्मनी करके वो कुछ पा ना सके ,
हाल हुआ ऐसा बुरा उनका ,
कि हमारी मयित मे भी आ ना सके ।
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जिदंगी खुदा ने दी है ,
तो ठीक से जीना सीख लो ,
ना दुश्मनी करो किसी से ,
अंत तो एक दिन सबका होना है ,
चाहे कितने भी चीख लो ।
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दुश्मन तो नसीब से मिलते हैं ,
वरना नकली दोस्त से तो
यह सारा जंहा भरा पड़ा है।
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आए जब हम दुश्मनों के शहर मे ,
तो देखा वो खुद ही दुखी हैं ,
खुद के कहर मे ।
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हम तो दिल खोल कर दुश्मनें का स्वागत करते हैं ,
दुश्मन ही कमीने हैं , जो हर किसी का अनादर करते हैं।
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लिखा जो किस्मत मे ,
उसे कोई मिटा नहीं सकता ,
खुदा की मर्जी बगैर ,
कोई दुश्मन हमें कब्र मे लिटा नहीं सकता ।
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इसमे कोई शक नहीं ,
दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे ,
अपने दुश्मन देखते रह जाएंगे ।
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दुश्मन कर रहे थे मेरे कत्ल की तैयारी ,
मगर अंत समय मे हम पड़े उन पर भारी ।
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हम तो आजाद खिलाड़ी हैं ,
दुश्मनों की क्या औकात ,
जो हमें कैद करलें ,
वो तो ख्ुद अनाड़ी हैं।
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लिखदी जो खुदा ने उम्र ,
उसे कोई कम कर नहीं सकता ,
दुश्मन लाख करले कोशिश ,
समय आने से पहले कोई मर नहीं सकता ।
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कुछ दुश्मन दिल के करीब थे ,
कुछ हालातों से गरीब थे ,
मगर वो सारे बदनसीब थे ।
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जिस दिन दिल मे दुश्मनी पाल ली ,
उस दिन दोस्ती भी पहचान ली ।
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अगर मन मे डर है ,
तो तुम कभी जीत नहीं सकते ,
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दिल की दुश्मनी को यूं ही भुलाया नहीं जाता ,
मौत को दुश्मनी की तरह निभाया नहीं जाता ।
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जिदंगी की रफ़्तार हमारी कभी थम नहीं सकती ,
दुश्मनों के चहाने से न चाहाने से ,
बादलों मे बर्फ कभी जम नहीं सकती ।
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वह ढूंढ रही है ,
हमारे पास आने का बहाना ,
मगर कैसे मिलें ,
हमनें तो बना लिया है ,
दुश्मनों के डर सं जंगल मे अपना ठिकाना ।
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वो वक्त बेवक्त हमारा नाम लिया करते हैं ,
भले ही दुश्मन हैं हमारे ,
मगर जरूरत पड़ने पर हमसे ही काम लिया करते हैं।
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प्यार से जान मांगोगे तो भी देदेंगे ,
अगर अकड़ दिखाओगे ,
तो जमीन मे गाड़ देंगे ।
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कभी कभी दुश्मनों के ख्यालों मे जी लिया करो ,
दर्द हो अगर सीने मे ,
तो कुछ बूंद शराब की पी लिया करो ।
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दुश्मन आज भी हमें सलाम करते हैं ,
जिनकी मौत का हम इंतजाम करते हैं ।
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मौत कभी किसी का इंतजार नहीं करती ,
दुश्मनी कभी किसी से प्यार नहीं करती ।
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दुश्मनों के नाम लिखेंगे खून की कहानी ,
इन दुश्मनों ने बरबाद करदी अपनी जवानी ।
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गम से जिदंगी शूरू होती है ,
और गम पर ही खत्म ,
ऐसे दुश्मनों को कैसे होगी ,
हमारी कामयाबी हज्म ।
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हम तो हालातों से मजबूर हैं ,
वरना दुश्मन कौनसे अपने से दूर हैं।
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दुश्मनों को सबक एक दिन सीखा के रहेंगे ,
और कुछ नहीं तो उनके घर बिका के रहेंगे ।
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दुश्मनों को कहदो वो अपना नया ठिकाना तलास लें ,
उनके घर मे शेर रहने के लिए आ गया है।
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मौत का सामना वही कर सकती है ,
जिसके पास शेर जैसा जिगरा हो ,
वरना दुश्मनों की तो औकात ही क्या ।
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दोस्तों से दोस्ती हम कभी तोड़ते नहीं ,
और दुश्मनों को कभी जिंदा छोड़ते नहीं ।
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दिल जलता है , तो जलने दे ,
आग बरसती है तो बरसने दे ,
हम तो यूं ही कामयाब होंगे ,
दुश्मन तरसता है , तो तरसने दे ।
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जब बादल उपर से ओले बरसाने लगे ,
तो दुश्मन भी हमें तरसाने लगे ।
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प्यार अगर किया है किसी से ,
तो निभाना जरूर ,
अगर दुश्मनी की है किसी से ,
तो अंजाम तक पहुंचाना जरूर ।
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सांसों का क्या भरोशा ,
दुश्मनी मे है सबसे बड़ा लोचा ,
वही हुआ जो हमने सोचा ।
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दिल की बात दुश्मनों को बता नहीं सकते ,
भले ही देखने मे दुश्मन हैं हमारे ,
मगर जो प्यार करते हैं हमे उन्हें सता नहीं सकते ।
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दिल का राज दिल ही जानता है ,
दुश्मन भी अपना लौहा मानता है।
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नदी के किनारे भी टूट जाएंगे ,
वक्त आने दे ऐ दुश्मन ,
साथ सबके छूट जाएंगे ।
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दिल पर खंजर चलाया तुमने ,
खून से रंगा समंदर चलाया तुमने ,
यह कैसी दुश्मनी मे फंसाया तुमने ।
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शीशा कभी पत्थर से टकरा नहीं सकता ,
अगर वो है हमारा असली दुश्मन ,
तो हमें देखकर वो घबरा नहीं सकता ।
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कतरा कतरा बिखेर देंगे ,
आएंगे अगर सामने अपने दुश्मन ,
तो बीच से चीर देंगे ।
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मेरी तरक्की से कोई जलता है ,
तो जल जाने दो ,
अगर कोई मेरी तरक्की से ,
फलता है तो फल जाने दो ।
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जिस दिन इस मौत का सामना करोगे ,
उस दिन फिर से जीने की कामना नहीं करोगे ।
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हम खामोश क्या हुए ,
दुश्मनों ने कमजोर समझ लिया ।
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वो थे जब दुश्मनी के नशे मे ,
खुद बरबाद हो गए इस फलसफे मे ।
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दुश्मन जलते हैं अपने कर्मों से ,
मगर नाम हमारा होता है।
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दुश्मनी निभाने के तरीके हमें खूब आते हैं ,
हमसे दुश्मनी लेकर कई फंस जाते हैं।
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इस दुनिया मे बुरे कुछ लोग होते हैं ,
जिससे सारी इंसानियत बदनाम होती है।
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दुश्मनी दुनिया मे बदनाम है ,
फिर भी दुश्मनी करनी पड़ती है ,
यह बुराई के खिलाफ लड़ने का पैगाम है।
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दुश्मनों ने जहर दिया ,
अपनो ने ढेर किया ,
दंग रह गई दुनिया ,
जब किस्सा सबसे सैर किया ।
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दुश्मन जो कभी मेरे हालातों पर हंसते थे ,
आज उनकी हालत देखो ,
क्या से क्या हो गए ।
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दुश्मनों की मक्कारियां भी देखी ,
दोस्तों की अदाकारियां भी देखी ,
मगर हमने मौत के संग कुछ की यारियां भी देखी ।
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जिस दिन सीख जाओगे दुश्मनों का सामना करना ,
उस दिन दुश्मन छोड़ देंगे जीने की काम करना ।
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दिल मे अगर है कुछ तो बतादिया कर ,
जो नहीं सूट करता है दिल को ,
ऐसे लोगों को जिदंगी से हटा कर ।
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वर्षों तक वो दुश्मनी को ढोते रहे ,
और मिलने वाले मौके भी खोते रहे ।
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दिल को दुश्मनी का इंतजार था ,
और उनको भूलाकर हमसे दुश्मनी
फिर से वही प्यार था ।
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जीना है तो शान से जीओ ,
मरना है , तो शान से मरो ,
अक्सर जो लड़ नहीं सकते ,
वो यही कहेंगे ,
कि हमारे साथ अन्याय हुआ है।
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बलशाली कभी न्याय नहीं मांगते ,
क्योंकि उनको अपनी ताकत पर भरोशा होता है।
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खूंकार परीदें हैं हम ,
मत पास आना ऐ दुश्मनों हमारे ,
बेहद की दरीदें हैं हम ।
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दिल मे अगर आग लगी हो ,
तो शांति ठंडे पानी से कभी नहीं मिलती ।
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ना होश है ना ख्याल है ,
अब देखो ना हमारे दुश्मनों का बुरा हाल है।
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दिल को बनाया ही क्यूं था ,
अगर दुश्मनी ही अच्छी थी ,
तो दिल लगाया क्यों था ।
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दुश्मनों को मसल देना भी जानते हैं ,
दुश्मनी को कुचल देना भी जानते हैं ।
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दुश्मन मर गई ,
मगर दुश्मनी आज भी जिंदा है।
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जो कभी खुशी से परिंदों का शिकार करते थे ,
आज उनका किसी से शिकार कर लिया ।