ek shabd roop एक का शब्द रूप दोस्तों जो एक शब्द होता है वह संख्यावाचक होता है। इसके शब्द रूप के बारे मे हम आपको दे रहे हैं।एक के शब्द रूप नीचे दिये गए हैं उसी हिसाब से बनते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आएगा ।
ek shabd roop एक का शब्द रूप
विभक्ति | पुल्लिंग | स्त्रीलिंग | नपुंसकलिंग |
प्रथमा | एकः | एका | एकम् |
द्वितीया | एकम् | एकाम् | एकम् |
तृतीया | एकेन | एकया | एकेन् |
चतुर्थी | एकस्मै | एकस्यै | एकस्मै |
पंचमी | एकस्मात् | एकस्या: | एकस्मात् |
षष्ठी | एकस्य | एकस्या: | एकस्य |
सप्तमी | एकस्मिन् | एकस्याम् | एकस्मिन् |
दोस्तों प्राचीन काल की बात है। एक गांव के अंदर एक सपेरा रहा करता था । वह अलग अलग सांपों को पकड़ने का काम करता था । और उसके बाद वह उन सांपों को दवा कंपनियों को बेच दिया करता था । उसकी मदद से ही उसका घर चला करता था। उसका काम काफी अच्छा चल रहा था । और अब तक उसने न जाने कितने सांपों को पकड़ कर बेच दिया था । वह सुबह जल्दी उठ जाता था और उसके बाद अपनी कटोरी को लेकर जंगल के अंदर चला जाता था और वहां जाने के बाद सांपों को पकड़ लेता था और बहुत सारे सांप हो जाते तो उनको पास के ही एक दूसरे गांव के अंदर बेच दिया जाता था।
उसके बाद उन सभी सांपों को कुछ लोग अपने फायदे के लिए मार देते थे इस तरह से उसका जीवन चलता था । वह अपने काम से काफी अधिक खुश था । सांपों को पकड़ने के लिए उसने जंगल के अंदर तरह तरह के ट्रेप लगा रखे थे ।
और यह कोई एक ट्रेप नहीं था कई सारे ट्रेप जंगल के अंदर लगाये हुए थे । उसके अंदर सांप कोई फंस जाता तो वह उनको पकड़ लेता और अपनी झोली के अंदर डाल लेता था । इसी तरह से कुछ दिन बितने लगे।
एक दिन की बात है वह जंगल के अंदर काफी जल्दी सांपों को पकड़ने के लिए गया । और उसने देखा कि एक सुनहरा सांप जोकि सोने के रंग का था । वह ट्रेप के अंदर फंसा हुआ है। आज से पहले उसने इस तरह का सांप कभी भी नहीं देखा था। देखने मे यह लग रहा था कि वह काफी महंगा बिकेगा । वह काफी खुश हो गया और
और उसने उस सांप को अपनी झोली के अंदर डाला और घर लेकर आया । उस दिन उसने दूसरे किसी तरह के सांप को नहीं पकड़ा था । उसे लग रहा था कि सबसे पहले वह इस सोने के रंग के सांप को बेच कर आएगा । और उसके बाद ही वह दूसरें सांपों को पकड़ेगा । तो वह तैयार हुआ और उस सांप को बेचने के लिए निकल गया ।
पास के गांव के अंदर जब वह गया तो उसने कंपनी के मालिक को वह सांप दिखाया । उसने देखा तो वह भी हैरान रह गया कि इतना सुंदर और अनमोल सांप पहले नहीं देखा गया था । उसने उस सांप के बदले एक करोड़ रूपये दिये और उसके बाद उस सांप को अपने पास रख लिया । अब सपेरा काफी अमीर हो चुका था और उसे लगा कि आज से ही उसके भाग खुल चुके हैं। उसने अपनी झुग्गी आदि को हटाया और पके मकान को बना लिया । और उसके पास कई नौकर चाकर रहने लगे ।
उसके बाद जिस अमीर इंसान ने उस सुनहरे सर्प को रखा था । वह आराम से बैठा पास मे ही चाय पी रहा था । और इतने मे सर्प ने अपने दांतों से उस पींजरे को काट दिया और और उसके बाद उस अमीर इंसान को डस लिया और वहां से फरार हो गया । अमीर आदमी के मुंह से झाग आने लगे । और उसे डॉक्टरों के पास लेकर जाया गया । लेकिन उस सर्प का जहर इतना अधिक पॉवरफुल था कि कुछ ही समय के अंदर उस अमीर इंसान की मौत हो चुकी थी। और किसी को कुछ भी पता नहीं चला कि यह सब कैसे हुआ । उधर सपेरा आराम से अपना गुजर बसर करने लगा । कुछ दिन और बीत गए । उसके बाद एक दिन जब वह सो रहा था तो उसने घर के पास मे देखा कि सुनहरा सर्प घूम रहा है। उसे लगा कि कोई दूसरा सुनहरा सर्प आ चुका है तो वह जैसे ही पकड़ने के लिए दौड़ा तब तक वह गायब हो चुका था । वह सोच रहा था कि यदि उसे एक और सुनहरा सर्प मिल जाता है तो उसके बाद उसकी चांदी हो जाएगी ।
और वह काफी अधिक अमीर बन जाएगा । और उसके बाद उसने अपने आस पास के नौकरों को भी सुनहरे सर्प की तलास के अंदर लगा दिया लेकिन उसके बाद भी कोई भी उसे खोज नहीं सका । सपेरे को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था ।
उसके बाद कुछ दिन तक उस सर्प को फिर से नहीं देखा गया । लेकिन सपेरा उस सुनहरे सर्प को कैसे भूल सकता था । एक दिन सपेरा नींद मे सो रहा था तो सुनहरा सर्प आया और सपेरे को काट लिया । उसके बाद क्या था । जब उसकी आंख खुली तो पता चला कि सुनहरे सर्प ने उसको काट लिया है। वह हंसा और नौकरों को सर्प को बंदी बनाने के लिए कहा । नौकर सर्प को बंदी बना चुके थे । अब वह एक पिंजरे मे था ।और सपेरा हंस रहा था । क्योंकि उसने सर्प के काटने पर जहर को चूसने वाली दवा लगाली थी। लेकिन कुछ ही समय के अंदर सर्प का जहर उसके उपर असर करने लगा ।
अब सपेरे को धीरे धीरे यह समझ मे आने लगा था कि दवा इस सर्प के जहर के सामने बेअसर हो चुकी है। और वह अब जिंदा नहीं बच सकता है। इतने मे सर्प ने उस पिंजरे को तोड़ दिया और वह एक बहुत ही बड़े सांप के अंदर बदल गया । वह इतना बड़ा था कि आसमां को टच कर रहा था।
आज तक सपेरे ने ऐसा सर्प नहीं देखा था । वह इंसानी भाषा मे बोला …..तुझे तेरे कर्मों की सजा मिल चुकी है तू इस बात को अच्छी तरह से समझ ही चुका है। और तेरी यही सजा है कि तू नर्क मे जाएगा । तुमने न जाने कितने सर्पों की हत्या की है। सपेरा बुरी तरह से डर गया और अपने
किये की माफी मांगने लगा लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था । सर्प गायब हो चुका था और सपेरा मरने के लिए तैयार था कुछ ही समय के अंदर वह मरा चुका था ।
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