हाथी के बारे मे जानकारी elephant information in hindi hathi ke bare mein jankari दोस्तों हाथी के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। और आपने कई बार हाथी को देखा ही होगा । हालांकि हाथि जंगलों के अंदर रहता है इसके अलावा हाथी को पाला भी जाता है। हाथी जमीन पर रहने वाला सबसे अधिक बड़ा जानवर होता है।यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है और आज इस कुल की सिर्फ दो ही प्रजातियां जीवित हैं तीसरी प्रजाति नष्ट हो चुकी है।ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी है और आपको बतादें कि ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। और यह जो अधिकतर प्रजातियां थी वे हिमयुग के अंदर समाप्त हो चुकी थी। मैमथ का बौना स्वरूप सन् 2000 ई.पू. तक जीवित रहा।
और यदि हम हाथी के गर्भ काल की बात करें तो यह 22 महिनों का होता है जोकि सबसे अधिक है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और जब हाथी के बच्चे का जन्म होता है तो यह लगभग 104 किलो के आस पास होता है।और हाथी की जो उम्र होती है वह 50 साल से लेकर 80 साल तक होती है। हालांकि यह कई सारे कारकों पर निर्भर करती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।सबसे विशाल हाथी सन् 1955 ई॰ में अंगोला में मारा गया था।इस नर का वज़न लगभग 10,900 किलो था।सबसे छोटे हाथी यूनान के क्रीट द्वीप में पाये जाते थे और गाय के बछड़े अथवा सूअर के आकार के होते थे। हालांकि हाथी यदि समूह के अंदर होते हैं तो उसके बाद शेर को भी उनका शिकार करने मे काफी परेशानी होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
हालांकि वर्तमान मे हाथी के रहने की जगह काफी तेजी से समाप्त हो रही है और हाथी का शिकार भी काफी तेजी से किया जा रहा है। जिसकी वजह से यह काफी संकट मे हैं।
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elephant information in hindi अफ़्रीकी हाथी
अफ्रीकी हाथी लोक्सोडोंटा प्रजाति के हाथी हैं, जो एलिफेंटिडे परिवार की दो मौजूदा प्रजातियों में से एक है। आमतौर पर यह माना जाता है कि इस प्रजाति को इसका नाम 1825 में जॉर्जेस कुवियर से मिला था, लेकिन कुवियर ने इसका नाम लोक्सोडोंटा रखा। एक अज्ञात व्यक्ति ने आईसीजेडएन में इसका नाम बदलकर लोक्सोडोंटा कर दिया
आपको बतादें कि जो अफ्रिका के हाथी हैं इनकी बनावट ऐशिया के हाथी से काफी अलग होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि हम इन हाथी के दांत की बात करें तो इनके दो दांत बाहर की तरफ निकले होते हैं। यह चबाने के काम नहीं आते हैं इसकी मदद से यह यह जड़ों को खोदता है और आपस मे लड़ने और अपनी रक्षा करने के लिए प्रयोग मे लेता है। इसके अलावा 50 साल के बाद हाथी के दांत उगना बंद हो जाते हैं और उसके बाद यह खाने को ठीक तरह से चबा नहीं पाते हैं जिसकी वजह से इनकी मौत भूख से हो जाती है। यह इनकी मौत का सबसे आम कारण होता है।दांतों का वजन 20 से 40 किलो होता है। और लंबाई 5 फीट (1.5 मीटर) से लेकर 8 फीट (2.4 मीटर) तक हो सकती है। अफ्रीकी हाथियों के भी दांत दिखाई देते हैं, जबकि एशियाई हाथियों के नहीं।
आपको बतादें की हाथी की तीन प्रमुख प्रजातियां पाई जाती हैं जोकि कुछ इस प्रकार से हैं
लोक्सोडोंटा अडौरोरा, लुप्त, आधुनिक अफ़्रीकी हाथियों का पूर्वज माना जाता है।
अफ़्रीकी झाड़ी हाथी (लोक्सोडोंटा अफ़्रीकाना)।
अफ़्रीकी जंगली हाथी (लोक्सोडोंटा साइक्लोटिस)।
अफ्रिकी हाथी का जबड़ा काफी पतला होता है और कान काफी गोल होता है। इसके अलावा इसके अलावा इसका सूड काफी छोटा होता है।
दोस्तों आपको बतादें कि इन हाथियों की जो जनसंख्या है वह शिकार की वजह से काफी कम हो चुकी है। कभी इनकी जनसंख्या 4 लाख के करीब थी लेकिन अब यह काफी कम हो चुकी है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।जैसा कि हाथियों के आवास नष्ट हो जाने की वजह से यह इंसानी बस्तियों पर हमला करने लगे । ऐसी स्थितियों के अंदर हाथियों को मानव बस्तियों से दूर ले जाने की दिशा मे शोध हुआ तो इसके लिए कई तरीके अपनाए गए ।
elephant information in hindi एशियाई हाथी
एशियाई हाथी ऍलिफ़स प्रजाति की एकमात्र जीवित जाति है जो पश्चिम में भारत से लेकर पूर्व में बोर्नियो द्वीप तक पाया जाता है। और इसको विलुप्त सूची के अंदर डाला जा चुका है। कारण यह है कि पीछले तीन पीढियों के अंदर इसकी प्रजाति के अंदर गिरावट दर्ज की जा रही है।
इसकी आबादी में 50% की गिरावट आई है। यह प्रजाति वास्तव में निवास स्थान के नुकसान, क्षरण और विखंडन से पीड़ित है। 2003 में, इसकी जंगली आबादी का अनुमान 41,410 और 52,345 के बीच था।
एशियाई हाथी दीर्घायु होते हैं और यदि हम इसकी उम्र की बात करें तो यह 70 साल के आस पास होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।एशिया के अंदर हाथी को प्राचीन काल से ही पालतू बनाया जाता था। प्राचीन काल के अंदर इसका उपयोग सेना मे किया जाता था।इसके अलावा हाथी के उपर सामान लाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है हालांकि हाथी को देखने के लिए कई विदेशी पर्यटक भी आते हैं। और इस तरह के राज्य की अच्छी आमदनी भी होती है हालांकि जंगली हाथियों के पास जाना काफी डेंजर हो सकता है क्योंकि यह काफी आक्रामक हो सकते हैं और हमला कर सकते हैं।
इनकी पीठ या तो उभरी होती है या समतल। और इनके आकार की बात करें तो यह अफ्रिकी हाथी से काफी छोटे होते हैं इनके कान भी काफी छोटे होते हैं।
5,400 किलो तक वजनी होते हैं। इनकी हड्डियों का वजन शरीर के वजन का 15 प्रतिशत तक होता है।हालांकि इन हाथियों की आबादी भी काफी तेजी से घटती जा रही है जोकि एक चिंता का विषय हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
हाथी की सूंड के बारे मे जानकारी
दोस्तों हाथी की सूंड के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं।अफ़्रीकी हाथियों की सूंड के छोर में दो अँगुलिनुमा उभार होते हैं, जबकि एशियाई हाथियों में केवल एक ही उभार होता है।वैसे तो हाथी की सूंड काफी मजबूत होती है। और इसकी मदद से वह पेड़ों को तोड़ सकता है।
आपको बतादें की हाथी खाने को अपने दांतों से नहीं तोड़ता है यह इसके लिए अपनी सूंड का इस्तेमाल करता है और उसके बाद खाने को मुंह के अंदर पहुंचाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
हाथी की सूंड के कई कार्य होते हैं, जिसमें श्वास, घ्राण , स्पर्श, लोभी और ध्वनि उत्पादन शामिल हैं।और आपको बतादें कि हाथी अपनी सूंड की मदद से 350 किलो तक के वजन को उठा सकता है।इस तरह से हाथी सिर्फ अपनी सूंड की मदद से भारी काम ही नहीं करता है इसके अलावा वह अनेक तरह के नाजुक काम भी करता है जैसे कि आंख को पौंछना और इसकी मदद से एक मूंगफली को फोड़ने का काम भी करता है।इसके अलावा आपको बतादें कि हाथी अपनी सूंड की मदद से 7 फिट तक की उंचाई तक पहुंच सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
एक वयस्क एशियाई हाथी अपनी सूंड में 8.5 लीटर (2.2 यूएस गैलन) पानी रखने में सक्षम है और अक्सर आपने यह भी देखा होगा कि हाथी अपने सूंड की मदद से पानी को अपने उपर गिरा सकता है। खास कर जब उसे ठंडा होने का मन कर रहा है तो वह ऐसा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि किसी दुर्लभ मामलों के अंदर हाथी अपने सूंड को खो देता है तो यह उसके लिए काफी अधिक डेंजर होता है। ऐसी स्थिति के अंदर एक हाथी खाना खाने के लिए अपनै घुटनों के बल पर बैठ जाएगा और उसके बाद अपने मुंह से खाने को खाएगा। आप इस बात को समझ सकते हैं। और आपने हाथी को ऐसा करते हुए देखा भी होगा ।
कान के बारे मे जानकारी
दोस्तों आपने हाथियों के कान को तो देखा ही होगा । असल मे हाथियों के जो कान होते हैं उनके अंदर मामूली छोटी छोटी रक्तवाहिनियां होती हैं। केशिकाओं के अंदर गर्म रक्त बहता है। यह जब अपने कानों को फड़फड़ाते हैं तो इसकी मदद से यह अपने शरीर की गर्मी को वातावरण के अंदर छोड़ने मे सक्षम हो जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।हालांकि हाथी कम आवृतियों की ध्वनियों को भी बहुत ही आसानी से सुन सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जोकि हम इंसान नहीं सुन सकते हैं।
हाथी के सिर के बारे मे जानकारी
खोपड़ी का पिछला भाग चपटा और फैला हुआ होता है, जिससे हर दिशा में मस्तिष्क की रक्षा करने वाले मेहराब बनते हैं। और आपको बतादें कि हाथी कि आंखें इस प्रकार से बनाई हुई होती हैं कि यह कम रोशनी के अंदर तो अच्छा देख सकते हैं लेकिन तेज रोशनी के अंदर यह अच्छा नहीं देख सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इनका कपाल विशेष रूप से बड़ा होता है और पूरे सिर को सहारा देने के लिए मांसपेशियों को जोड़ने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है। और नीचला जबड़ा भी काफी ठोस होता है।
हाथी के दांत के बारे मे जानकारी
आपको बतादें कि हाथी के जो दांतों की संख्या होती है वह लगभग 26 होती है और जिन्हें दांत , 12 पर्णपाती प्रीमियर और 12 दाढ़ के रूप में जाना जाता है । इसके अलावा आपको यह भी बतादें कि एक हाथी के दांत अपनी पूरी उम्र के अंदर 6 बार बदल जाते हैं। पुराने दांत हट जाते हैं ।और उसके बाद नए दांत आते हैं। सबसे पहले 2 साल की उम्र के अंदर हाथी के बच्चे के दांत विकसित होते हैं उसके बाद दांतों का दूसरा सेट 4 से 6 साल की उम्र मे गिर जाता है उसके बाद तीसरा दांतों का सेट 9 से 15 साल की उम्र मे आता है। फिर चौथा सेट 18-28 तक चलता है। उसके बाद 40 साल की उम्र के आस पास पांचवा सेट आता है इसके बाद जो सेट आता है वह उम्र भर चलता है।
एक हाथी के दांत ऊपरी जबड़े में संशोधित दूसरे कृन्तक होते हैं । और यह वही दांत होते हैं जोकि आगे की तरफ निकलते हुए रहते हैं। इनकी लंबाई 17 सेमी तक होती है।इनका उपयोग पानी, नमक और जड़ों की खुदाई के लिए किया जाता है; पेड़ों को उखाड़ना या चिह्नित करना; और रास्ता साफ करते समय पेड़ों और शाखाओं को हिलाने के लिए। लड़ते समय, उनका उपयोग हमला करने और बचाव करने और ट्रंक की रक्षा करने के लिए किया जाता है।
वैसे आपको बातदें कि इन हाथी दांतों को ऐसे नहीं हटाया जा सकता है। यह हाथी के मरने के बाद ही प्राप्त होते हैं।एशियाई प्रजातियों में, केवल पुरुषों के बड़े दांत होते हैं। एशियाई महिलाओं के दांत बहुत छोटे होते हैं, या बिल्कुल भी नहीं होते हैं।आपको बतादें कि हाथी दांत के लिए हाथी का सबसे अधिक शिकार किया जाता है। इसकी वजह से अब हाथी दांत नष्ट हो चुके हैं। कई प्रजातियां इस तरह की आ चुकी हैं जिसके अंदर दांत नहीं होते हैं।
हाथी की त्वचा के बारे मे जानकारी
दोस्तों आपको बतादें की जो हाथी की त्वचा होती है वह काफी सख्त होती है इसकी मोटाई 1 इंच तक होती हैं। मुंह, गुदा और कान के आस पास की इनकी जो त्वचा होती है वह काफी पतली होती है। इसके अलावा आपको बतादें कि हाथियों के बच्चे का रंग लाल या भूरा हो सकता है।हाथियों के बाल इस प्रकार से बने होते हैं कि यह गर्मी को कम करने का काम करता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
एक हाथी अपनी त्वचा को पराबैंगनी प्रकाश के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए मिट्टी का उपयोग करता है। सख्त होते हुए भी हाथी की खाल बहुत नाजुक होती है। निशान, कीड़े के काटने और त्वचा के अत्यधिक सूखने से बचाने के लिए नियमित मिट्टी के स्नान के बिना, हाथी की त्वचा खराब होने लगती है।
हाथी की चाल
दोस्तों हाथी का शरीर काफी भारी होता है जिसके चलते वे तेज गति से दौड़ नहीं सकते हैं। बस वे अपनी गति को काफी तेज कर सकते हैं। पर कुछ ही समय तक दौड़ सकते हैं।16 मील प्रति घंटे की गति लेने के लिए हाथी सक्षम होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।हाथियों को जलमग्न हुए बिना कई घंटों तक तैरते हुए रिकॉर्ड किया गया है, और वे 68 किमी (42 मील) तक और 2.1 किमी / घंटा (1 मील प्रति घंटे) की गति से तैरते हैं।
हाथी का दिमाग
एक हाथी के मस्तिष्क का वजन मानव मस्तिष्क के लिए 1.6 किलोग्राम (4 पाउंड) की तुलना में 4.5-5.5 किलोग्राम (10-12 पाउंड) होता है। और इस तरह से यह अन्य स्तनधारियों की तुलना मे काफी बड़ा होता है हालांकि इंसानी दिमाग की तुलना मे छोटा होता है।और जन्म के समय यह वजन का 20 से 40 फीसदी होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।हाथी के दिल का वजन 12-21 किलोग्राम (26-46 पाउंड) होता है। और जब हाथी खड़ा होता है तो उसका दिल प्रतिमिनट 20 से 30 बार धड़कता है और लेटे रहने पर यह बढ़ जाता है।
हाथी के शरीर का तापमान
हाथी होमथर्म हैं, और वे ठंड के मौसम में 35.2 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम मूल्य के साथ 36 डिग्री सेल्सियस और गर्म शुष्क मौसम में अधिकतम 38.0 डिग्री सेल्सियस के औसत शरीर के तापमान को बनाए रखते हैं।वैसे आपको बातदें कि हमारे शरीर की तरह हाथी के पास शरीर को ठंडा करने के लिए पसीने की ग्रंथियां नहीं होती है। वरन पानी त्वचा के अंदर फैलता है। इसके अलावा भी खादी खुद को ठंडा करने के लिए कई तरीके अपना सकता है जैसे कि सूंड के अंदर भरकर पानी अपने शरीर पर फेंक सकता है। इसके अलावा कीचड़ के अंदर लेट सकता है और ठंडी जगह पर आराम कर सकता है।
व्यवहार और जीवन इतिहास
अफ्रीकी झाड़ी हाथी शुष्क सवाना , रेगिस्तान , दलदल , और झील के किनारे निवास करता है। इसके अलावा यह समुद्र के किनारे भी देखा जा सकता है।एशियाई हाथी घास, कम लकड़ी के पौधों और पेड़ों के मिश्रण वाले क्षेत्रों को पसंद करते हैं। और भारत और श्रीलंका जैसे देशों के अंदर हाथी कांटेदार झाड़ियां और सदाबाहर वनों के अंदर खास तौर पर निवास करते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।पत्ते, टहनियाँ, फल, छाल, घास और जड़ें आदि का सेवन करते हैं। यह एक दिन मे 150 किलो भोजन करते हैं और 40 लीटर तक पानी पी सकते हैं।वैसे तो हाथी पानी के स्त्रोतों के आस पास देखे जा सकते हैं। हालांकि यह रात के अंदर 3 से 4 घंटे तक सो सकते हैं और दिन मे पेड़ों के नीचे आराम करते हैं। हालांकि मौसम के अनुसार यह पलायन भी कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।हाथी आमतौर पर पर्यावरण पर काफी अधिक प्रभाव डालते हैं और सूखे घास के मैदानों के अंदर यह खुदाई कर सकते हैं।
इसके अलावा हाथी जो बीज को निगलते हैं और उसके बाद उसको अन्य स्थानों पर शौच मे डाल सकते हैं जिससे कि नई जगह पर नए पौधे उगने मे काफी मददगार होता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।,चित्तीदार लकड़बग्घा , और अफ्रीका में जंगली कुत्ते और गैंडे हाथियों का शिकार कर सकते हैं। हालांकि यह एक हाथी को आसानी से मार सकते हैं। लेकिन यदि हाथी झुंड के अंदर होते हैं तो उनको मारना कोई आसान काम नहीं होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।वयस्क एशियाई हाथियों के बाघों के शिकार होने की दुर्लभ रिपोर्टें हैं।
हाथियों का सामाजिक संगठन
मादा हाथी अपना पूरा जीवन तंग-बुनने वाले मातृवंशीय परिवार समूहों में बिताती हैं, जिनमें से कुछ दस से अधिक सदस्यों से बने होते हैं, जिनमें तीन माताएँ और उनकी आश्रित संतानें शामिल होती हैं,। और आपको बतादें कि हाथियों के अंदर मादा ही सर्वेसर्वा होती है और जो सबसे बड़ी मादा होती है वही समूह का नेत्रत्व करती है।एक चिड़ियाघर के अध्ययन से पता चला है कि जब मातृसत्ता की मृत्यु हो गई, तो जीवित हाथियों में फेकल कॉर्टिकोस्टेरोन (तनाव हार्मोन) का स्तर काफी बढ़ गया। जब बड़े राजदूत का कार्यकाल समाप्त होता है, तो सबसे बड़ी बेटी उसका पद संभालती है; यह आम तौर पर तब भी होता है जब उसकी एक बहन मौजूद होती है।
इसके अलावा आपको बतादें कि हाथी का जो समूह होता है वह दूसरे समुह के साथ भी संबंध बनाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और उसके बाद यह कई समूहों को मिलाकर एक कबिले का निर्माण भी कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा भारत और श्रींलका के हाथियों पर किये एक रिसर्च के अनुसार परिवार समूह छोटे होते हैं, जिनमें एक या दो वयस्क मादाएं और उनकी संतानें होती हैं।और यदि नर हाथी की बात करें तो इसका जीवन यहां पर काफी अलग होता है जब वह काफी बड़ा होता है तो वह अपने समूह से दूर दूसरे समूहों के साथ अधिक समय तक बिताने के लिए जाना जाता है।
जब वे 14-15 वर्ष के होते हैं। जब पुरुष स्थायी रूप से चले जाते हैं, तो वे या तो अकेले रहते हैं या अन्य पुरुषों के साथ रहते हैं। और जब प्रजनन का समय होता है तो वे अपने समूह के अंदर लौटते हैं और उसके बाद वापस चले जाते हैं। उनको संतानों के पालन पोषण से किसी भी तरह का कोई लेना देना नहीं होता है।प्रभुत्व पदानुक्रम पुरुषों के बीच मौजूद होते हैं, या तो सामाजिक समूहों के प्रतिनिधियों के रूप में या साथी या वर्चस्व के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। सामाजिक स्थिति का मॉडरेशन शारीरिक विशेषताओं पर प्रदत्त आयु, आकार और स्थिति पर निर्भर करता है।
हाथियों के अंदर प्रजनन
वयस्क पुरुष बढ़े हुए टेस्टोस्टेरोन की स्थिति में प्रवेश करते हैं जिसे मस्ट कहा जाता है। और दक्षिण भारत के हाथी 15 साल की उमर मे मस्ट के अंदर प्रवेश करते हैं।युवा शुष्क मौसम (जनवरी-मई) के दौरान मस्ट के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। इस दौरान वे कई तरह की क्रिया कर सकते हैं।
सिर को ऊंचा करके चलना और झूलना, जमीन पर दांतों से उठाना, निशान लगाना, गड़गड़ाहट करना और एक समय में केवल एक कान लहराना आदि हाथी करते हैं। यह इनके यौवन मे आने का संकेत होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
हाथियों मे प्रजनन
दोस्तों यदि हम हाथियों के अंदर प्रजनन की बात करें तो आपको बतादें कि हाथियों के अंदर बहुपत्नी विवाह प्रथा होती है। एक हाथी अपने जीवन काल के अंदर कई के साथ संबंध को बनाने का काम करता है।
ओस्ट्रस चक्र 14-16 सप्ताह तक रहता है। और मादा की गंध से हाथी को यह पता चल जाता है कि यह पिरियड मे हैं। इसके अलावा जैसे जैसे हाथियों की उम्र के अंदर बढ़ोतरी होती जाती है वैसे वैसे इनकी जो प्रजनन दर होती है वह काफी कम हो जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
आपको बतादें कि हाथियों के अंदर भी इंसानों की तरह समलैंगिक व्यवहार होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए हालांकि यह तभी होता है जब कोई मादा इसके लिए उपलब्ध नहीं होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
hathi ke bare mein jankari हाथियों का जन्म
दोस्तों यदि हम हाथियों के गर्भकाल की बात करें तो यह आमतौर 2 साल का रहता है। जिसकी वजह से दो बच्चे के जन्म के समय 4 से 5 साल के बीच अंतर हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
छड़ों का जन्म 85 सेमी (33 इंच) लंबा होता है और उनका वजन लगभग 120 किलोग्राम (260 पाउंड) होता है। और जुडवां बच्चों का जन्म शायद ही कभी होता है। हाथी का बच्चा जन्म के तुरंत बाद ही खड़ा होने मे सक्षम होता है और अपने मां के साथ चलने लग जाता है।
जब एक नवजात का जन्म होता है तो वह आमतौर पर पहले सप्ताह ठीक तरह से खड़ा नहीं हो सकता है उसे अपने मां के सहारे की जरूरत होती है और दूसरे सप्ताह यह आसानी से खड़ा हो सकता है और अपनी सूंड को घूमा फिराकर इधर उधर देख सकता है।
उसके बाद वह अपने सूंड की मदद से अनेक वस्तु को उठा सकता है और खाने पीने की चीजों को भी अपने मुंह के अंदर डाल सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
सबसे पहले 3 महिने के अंदर वह कुछ खाता पिता नहीं है और दूध के लिए पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर रहता है लेकिन इसके बाद धीरे धीरे वह घास वैगरह को खाना सीख जाता है और अपने आप ही चरने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
आपको बतादें कि हाथी का जो बच्चा होता है वह आमतौर पर 1 साल तक अपने मां के संरक्षण के अंदर रह सकता है। और उसे 3 साल तक सुरक्षा की आवश्यकता होती है यदि वह झुंड से भटक जाता है तो उसके बाद उसकी जान को काफी अधिक खतरा होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
हाथियों के अंदर संचार
दोस्तों यदि हम हाथियों के अंदर संचार की बात करें तो यह अपनी सूंड की मदद से संचार कर सकते हैं। इसकी मदद से अभिवादन कर सकते हैं। और बच्चे की मां इसकी मदद से अपने बच्चे को पास बुला सकती है या कोई संकेत भेज सकती है।
बड़े हाथी छोटों को अनुशासित करने के लिए सूंड-थप्पड़, लात-घूसों का इस्तेमाल करते हैं। और हाथी खुद को डेंजर साबित करने के लिए अपने कानों को हिलाएंगे । इसके अलावा अपने सिर को रेत के अंदर भर सकते हैं और अपने गुस्से को दिखाने के लिए यह किसी पेड़ को भी आसानी से तोड़ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
तुरही, गर्जना, छाल, खर्राटे, गुर्राना और गड़गड़ाहट जैसी आवाज यह कर सकते हैं। और यह कई तरह की ध्वनी तरंगों को भी काफी आसानी से सुन सकते हैं।अफ्रीकी हाथियों के लिए, कॉल की सीमा 15 से 35 हर्ट्ज तक होती है, जिसमें ध्वनि दबाव स्तर 117 डीबी तक होता है, जिससे कई किलोमीटर तक संचार की अनुमति मिलती है, जिसकी अधिकतम सीमा लगभग 10 किमी (6 मील) होती है
इसके अलावा यदि जमीन के नीचे भूकंप उठ रहा है तो हाथी को इसके बारे मे पता चल जाता है तो वे यहां से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने की कोशिश कर सकते हैं या फिर वे इधर उधर भाग सकते हैं।
विश्व मे तेजी से घटती हाथियों की आबादी
दोस्तों आज दुनिया के अंदर हाथियों की आबादी काफी तेजी से घट रही है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसका कारण हम इंसान ही हैं। इंसान के जंगलों पर काफी तेजी से अतिक्रमण के चलते यह हो रहा है।
2021 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा अफ्रीकी झाड़ी हाथियों को लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।अफ्रीकी वन हाथियों को उसी वर्ष गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। 1979 में, अफ्रीका में 3.0 मिलियन की संभावित ऊपरी सीमा के साथ 13 लाख हाथियों की अनुमानित न्यूनतम आबादी थी। 1989 तक, जनसंख्या 609,000 होने का अनुमान लगाया गया था; मध्य अफ्रीका में 277,000, पूर्वी अफ्रीका में 110,000, दक्षिणी अफ्रीका में 204,000 और पश्चिमी अफ्रीका में 19,000 के साथ. लगभग 214,000 हाथियों के वर्षावनों में रहने का अनुमान लगाया गया था
2005 और 2007 के अध्ययनों में पाया गया कि पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में जनसंख्या 4.0% की औसत वार्षिक दर से बढ़ रही थी। और यदि हम एशियाई हाथी की बात करें तो यह भी विलुप्त होने के कगार पर आ चुका है। इसकी 60 फीसदी तक की आबादी भारत के अंदर है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
hathi ke bare mein jankari हाथी दांत के लिए हाथियों की हत्या
दोस्तों आपको पता ही होगा कि हाथी दांत का उपयोग कई तरह के कला और आभूषण को बनाने मे होता है। इसके अलावा हाथी के मांस खाल आदि भी काफी उपयोगी होते हैं इसके चलते निरंतर हाथी का शिकार किया जाता रहा है।
20वीं सदी के अंदर हाथी दांत के शिकार की वजह से अफ्रिका के अंदर इसकी आबादी के अंदर भारी कमी देखने को मिली ।उत्तरी अमेरिकी देशों, पश्चिमी यूरोपीय देशों और जापान ने हाथी दांत के उपर प्रतिबंध लगा दिया और हाथी दांत से किसी भी तरह की सामग्री बनी नहीं होनी चाहिए ।
1990 के अंदर हाथी दांत के उपर प्रतिबंध प्रभावी होने के बाद भारत के अंदर बेरोजगारी काफी बढ़ी थी ।क्योंकि जो भी व्यवसाय हाथी दांत से जुड़े थे वे सारे बंद हो चुके थे ।जिम्बाब्वे, बोत्सवाना, नामीबिया, जाम्बिया और मलावी हाथी दांत के व्यापार को जारी रखना चाहते थे और उन्हें अनुमति दी गई थी।
क्योंकि यहां पर हाथी काफी अधिक संख्या के अंदर मौजूद थे ।जनवरी 2012 में, बौबा नजीदा नेशनल पार्क , कैमरून में 650 हाथियों को चाडियन हमलावरों द्वारा मार दिया गया था । और उसके बाद चीन के अंदर भी हाथी दांत के उपयोग के उपर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
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This post was last modified on October 25, 2022