etat shabd roop pulling in sanskrit तत् शब्द रूप पुल्लिंग एतद् / एतत् (वह) स्त्रीलिंग सर्वनाम के शब्द रूप नीचे दिये गए हैं और इसकी लिस्ट दी गई है आप देख सकते हैं। और यदि आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं। और हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे ।
etat shabd roop तत् शब्द रूप पुल्लिंग तत् शब्द रूप ( पुल्लिंग )
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सः | तौ | ते |
द्वितीया | तम् | तौ | तान् |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
चतुर्थी | तस्मै | ताभ्याम् | तेभ्यः |
पञ्चमी | तस्मात् | ताभ्याम् | तेभ्यः |
षष्ठी | तस्य : | तयोः | तेषाम |
सप्तमी | तस्मिन् | तयोः | तेषु |
सम्बोधन |
दोस्तों एक प्राचीन काल की बात है एक गांव के अंदर की बता है। उस गांव मे दो महिलाएं रहा करती थी एक का नाम अमली और दूसरी का नाम बिमली था । देखने मे यह महिलाएं काफी सरल स्वाभाव की थी । और इनका पूरा भरा परिवार था । वे दोनों ही विपरित स्वाभाव की थी । लेकिन उसके बाद भी दोनों की दोस्ती थी। गांव के लोगों को यह कभी भी समझ नहीं आता था कि यह दोनों महिलाएं विपरित स्वाभाव की होने के बाद भी दोस्त कैसे बनी हुई हैं। लेकिन दोनों की दोस्त सच मे ही दिखावा थी । और यह बात उन दोनों के अलावा कोई नहीं जानता था।
इसी तरह से कुछ दिन बीत गए अमली को अपने परिवार की काफी अधिक चिंता होती थी। वह अपने बेटे और पौत्रों के बारे मे सोचती रहती थी कि वह जब मर जाएगी तो इनका क्या होगा । उसे यह लगता था कि उसके बिना उसका परिवार नहीं चल सकता है।
यही बातें सोच सोच कर वह काफी अधिक परेशान हुआ करती थी। लेकिन उसे रियल्टी का पता नहीं चला । वह दिन के अंदर सुबह ही घर से निकल जाती है और बड़े बड़े बर्तन के अंदर छाछ वैगरह मांग कर लेकर आती है। कई घर के अंदर जब वह जाती है तो उसे छाछ नहीं मिलती है तो दूर जाकर गाली देती है और यदि कई बार गाली घरवालों को सुनती है तो वे काफी नाराज हो जाते हैं लेकिन उसके उम्र का लिहाज करके भूल जाते हैं। और यदि किसी घर के अंदर उसको अच्छी छाछ मिल जाती है तो वह काफी खुश हो जाती है। जब छाछ अपने घर लेकर आती है तो उसके बाद वह अपने बेटे पौते को खिलाती है और फिर खुद खाती है।
और उसके बाद जब वह रोटी वैगरह खा लेती है तो खेतों के अंदर चली जाती है और वहां से लकड़ियों को चुग कर लेकर आती है। और फिर घर आ जाती है। और उसके मन के अंदर अपने बच्चों को लेकर ही सब कुछ चलता रहता है । इस तरह से उसका रूटीन रोजाना यही चलता रहता है।
अब दूसरी महिला का नाम बिमली था । वह वैसे तो काफी बूढ़ी थी लेकिन उसका स्वाभाव काफी विपरित होता है। वह कोई पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन उसे किसी से यह पता चल गया है कि इंसानी जीवन सदा नहीं मिलता है इसलिए भगवान के नामों का जाप करना चाहिए । जिससे कि जन्म और मरण के चक्र से छूटकारा मिल सकता है। अब उसे नहीं पता है कि भगवान है या नहीं है ? क्योंकि उसने कभी भगवान को देखा नहीं था। लेकिन उसे यकीन था कि कुछ है जो उसकी मदद कर सकता है। और बार बार जन्म लेने के झंझट से उसको छूटकारा दिला सकता है तो वह बस कहीं पर भी जाती है तो भगवान के नाम का जाप करती रहती है।
वह अपनी सहेली को भी इसके बारे मे बताती है लेकिन उसकी सहेली अमली इस चीज को मानने से इंकार कर देती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
बिमली को ना अपने बेटों की चिंता और ना ही अपने किसी की चिंता है। उसे बद खुद की चिंता है कि किसी तरह से उसका कल्याण हो जाए तो उसका जीवन सफल हो जाए । और इसकी वजह से वह सब भगवान के नाम मे ही ध्यान रखती है।
एक समय आता है जब बिमली की मौत का समय आ जाता है और वह बिस्तर पर पड़ी रहती है तो अमली उसे मिलने के लिए आती है और कहती है अरे देख तू तो भगवान का नाम ले रही है उसके बाद भी कष्ट भोग रही है लेकिन मैं कुछ नहीं कर रही हूं उसके बाद भी मौज कर रही हूं । लेकिन वह कहती है कि कर्म का तो भोग करना ही होगा तभी तो मुक्ति मिलेगी । और वह कहती है कि भगवान ने मेरे कष्टों को कम कर दिया है तू नहीं जानती हैं। और उसके कुछ ही समय के बाद बिमली कहती है कि देखो भगवान मुझे लेने के लिए आए हैं उनका कितना सुंदर रूप है। लेकिन अमली को कुछ भी दिखाई नहीं देता है और फिर बिमली की मौत हो जाती है।
अपनी सहेली की मौत पर अमली काफी अधिक रोती है। और उसके बाद सहेली के 12 दिन हो जाते हैं। धीरे धीरे अमली सब कुछ भूल जाती है और वही जिदंगी फिर से जीने लग जाती है। एक दिन वह सुबह छाछ लाने के लिए निकलती है तो उसका पैर फिसल जाता है और पैर टूट जाता है । अमली वहीं पर पड़ी रहती है लेकिन दोपहर तक उसे कोई देखता ही नहीं है। उसके पैर मे काफी दर्द हो रहा था । कुछ समय बाद कुछ लड़के अमली को देख लेते हैं और उसको किसी तरह से घर पर पहुंचाकर आते हैं। और उसके बाद अब उसको काफी दर्द हो रहा है तो उसके घर के लोग उल्टा उसे ही गाली देने लग जाते हैं।
अब उसकी कोई केयर नहीं करता है तो उसके पैर मैं घाव हो जाता है और कीड़े पड़ जाते हैं जिसकी वजह से अमली काफी अधिक तड़पने लग जाती है। और उसे अब धीरे धीरे समझ आने लग जाता है कि चलती का नाम ही गाड़ी होता है।
जब तक आप अपने परिवार के लिए कुछ करते रहते हैं हर कोई आपको पसंद करता है लेकिन जैसे ही आप बैठ जाते हैं रह कोई आपसे नाक सिकोड़ने लग जाता है यही आपके लिए हकीकत है आप इस बात को समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
और उसके बाद अमली को भी भगवान की याद आने लग जाती है और वह भी बिमली की तरह भगवान का नाम लेना शूरू करती है कि इतने मे ही उसकी मौत हो जाती है।
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