इस लेख मे हम बात करेंगे flash drive kya hota hai? pendrive ka upyog और flash drive कैसे काम करता है ? फ्लैश ड्राइव एक छोटा, अल्ट्रा-पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है, जो ऑप्टिकल ड्राइव या पारंपरिक हार्ड ड्राइव के विपरीत होता है।flash drive usb टाइप सॉकेट की मदद से कम्प्यूटर और अन्य उपकरणों से कनेक्ट होता है।फ्लैश ड्राइव को अक्सर पेन ड्राइव, थंब ड्राइव या जंप ड्राइव के रूप में जाना जाता है। USB ड्राइव और सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD) का उपयोग भी किया जाता है। USB फ्लैश ड्राइव [flash drive kya hota hai? pendrive ka upyog ] डेटा भंडारण के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक उपकरण होता है।जिसमें एक फ्लैश मेमोरी और एक एकीकृत यूनिवर्सल सीरियल बस (USB) इंटरफ़ेस भी शामिल होते हैं।अधिकांश फ्लैश ड्राइव लिखने और मिटाने दोनो के योग्य होते हैं। इसके अलावा वे छोटे और विश्वसनिय होते हैं।
इनको यूएसबी पोर्ट के माध्यम से कम्प्यूटर के अंदर लगाया जा सकता है।यूएसबी फ्लैश ड्राइव सभी ऑपरेटिंग सिस्टम और BIOS द्वारा समर्थित हैं। ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव और फ्लॉपी डिस्क की तुलना में USB फ्लैश ड्राइव अधिक डेटा स्टोर कर सकते हैं और इसे तेज से स्थानांतरित भी कर सकते हैं।
यूएसबी फ्लैश ड्राइव के अंदर एक यूएसबी कनेक्टर होता है। यूएसबी फ्लैश ड्राइव के उपर पूरी तरीके से प्लास्टिक का आवरण लगाया जाता है।और इसके अंदर एक छोटा मुद्रित सर्किट बोर्ड लगाया जाता है।
- मानक यूएसबी प्लग इसको एक दूसरे डिवाइस से जोड़ने का काम करता है।
- USB मास स्टोरेज कंट्रोलर के अंदर RAM और ROM होते हैं। और डेटा को संग्रहित किया जाता है।
- Crystal oscillator के द्वारा डेटा आउटपुट को नियंत्रित किया जाता है।
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flash drive kya hota hai? Flesh drive का इतिहास
फ्लैश मेमोरी का वजन लगभग 28 ग्राम होता है।और सन 2000 के अंदर यह कम्प्यूटर की दुनिया के अंदर आने के बाद कम्प्यूटरों की भंडारण क्षमता तेजी से बढ़ गई।और कीमतों के अंदर तेजी से गिरावट आई थी। मार्च 2016 तक, 8 से 256 जीबी तक की फ्लैश ड्राइव अक्सर बेची जाती थीं, जबकि 512 जीबी और 1 टीबी इकाइयाँ कम होती थीं। उसके बाद सन 2016 के अंदर 2TB फ्लैश ड्राइव भी उपलब्ध हो गई थी। जिसके अंदर 10000 बार लिखा और मिटाया जा सकता था। और इसको 100 वर्षों तक चलने के लिए डिजाइन किया गया था।
फ्लॉपी डिस्क भी उस समय काफी पोपुलर थी। 2005 तक कम्प्यूटर बनाने वाली कम्पनियां एक flesh drive के साथ फ्लॉपी डिस्क का आप्सन भी दिया करती थी।लेकिन 1.44 एमबी 3.5 इंच की फ्लॉपी डिस्क की तुलना में यूएसबी पोर्ट बहुत अधिक स्टोरेज क्षमता को झेल सकते थे ।इस वजह से फ्लॉपी डिस्क का यूज बंद हो गया ।
USB 2.0 सपोर्ट के साथ USB ड्राइव ज्यादा डेटा स्टोर कर सकता है और DVD-RW ड्राइव की तरह अधिक बड़ी ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव को तेजी से ट्रांसफर कर सकता है और इसे कई अन्य प्रणालियों जैसे Xbox One, PlayStation 4, DVD प्लेयर्स, ऑटोमोबाइल मनोरंजन द्वारा पढ़ा जा सकता है ।एक इजरायली कंपनी को 14 नवंबर, 2000 को एक “USB flesh drive के लिए अमेरिकी पेटेंट प्रदान किया गया था, और इसको अमीर बान, डोव मोरन और ओरॉन जेगदान के बनाया था।सिंगापुर में एक कंपनी ट्रेक 2000 इंटरनेशनल द्वारा फ्लैश ड्राइव की बिक्री की गई थी, जो 2000 की शूरूआत के अंदर बेचना शूरू किया था।
उसके बाद सन 2000 ई के अंदर आईबीएम ने पहली बार flesh drive sell किया था अमेरिका के अंदर ।फ्लैश ड्राइव की प्रारंभिक भंडारण क्षमता 8 एमबी थी।पेन ड्राइव के रूप में वर्णित फ्लैश ड्राइव का एक और संस्करण भी विकसित किया था मलेशिया से पुआ खेइन-सेंग को इस आविष्कार का जनक माना गया था।
फ्लैश ड्राइव को उसकी डेटा स्थानांन्तरण की दर के आधार पर मापा जाता है।यह दर प्रति सेकंड (MB / s), मेगाबिट्स प्रति सेकंड (Mbit / s) होती है।दूसरी पीढ़ी की फ्लैश ड्राइव ने 30 एमबी / एस तक पढ़ने और इससे आधी दर पर लिखने का दावा किया गया । जोकि पीछली पीढ़ी से 20 गुना तेज था।2002 तक, USB फ्लैश ड्राइव में USB 2.0 कनेक्टिविटी थी, जिसमें 480 Mbit / s तक डेटा स्थानान्तरण की दर थी।2008 के अंत में तीसरी पीढ़ी के USB फ्लैश ड्राइव की घोषणा की गई जो 2010 में उपलब्ध हो गया था।USB 3.0 ने अपने डेटा ट्रांसफर की दरों के अंदर सुधार किया था।
यह स्थानान्तरण दर 5 Gbit / s या (625 MB / s) तक पहुंच गई थी।और 2010 के अंदर ही ड्राइव की भंडारण क्षमता 128GB से ऊपर पहुंच गई थी।जनवरी 2013 में, टेक कंपनी किंग्स्टन ने 1TB स्टोरेज के साथ एक फ्लैश ड्राइव जारी किया गया था। जिसके अंदर USB 3.1 टाइप-सी फ्लैश ड्राइव, लगभग 530 एमबी / एस तक रीड और लिखने की गति थी।2017 में, किंग्स्टन टेक्नोलॉजी ने 2-टीबी फ्लैश ड्राइव जारी कर दिये थे ।
फ्लैश ड्राइव के पार्ट और फंक्सन
1.USB Standard-A, “male” plug
होस्ट कंप्यूटर को एक भौतिक इंटरफ़ेस प्रदान करता है। कुछ यूएसबी फ्लैश ड्राइव यूएसबी प्लग का उपयोग करते हैं
2.USB mass storage controller device
यह छोटा माइक्रोकंट्रोलर है जिसमे थोड़ी मात्रा में ऑन-चिप रोम और रैम होता है।
3.Test point
फ्लैश ड्राइव के निर्माण या लोडिंग कोड के दौरान परीक्षण के लिए इसका यूज होता है।
4.Flash memory chip
NAND फ़्लैश मेमोरी चिप डेटा स्टोर करता है और NAND फ्लैश आमतौर पर डिजिटल कैमरों में भी उपयोग होता है।
5.Crystal oscillator
12 मेगाहर्ट्ज घड़ी सिग्नल का उत्पादन करता है और चरण-बंद लूप के माध्यम से डिवाइस के डेटा आउटपुट को नियंत्रित करता है।
6.LED (Optional)
यह डेटा ट्रांसफर को देखता है और लिखता व पढ़ने का काम करती है।
7.Write-protect switch (Optional)
यह ड्राइव को किसी भी तरीके के डेमेज रिस्क से बचाने का काम करता है। ताकि उसका जीवन काल लंबा किया जा सके ।
8.Space for second flash memory chip
दूसरी मेमोरी चिप को शामिल करने के लिए जगह प्रदान करता है। इस दूसरे स्थान के होने से निर्माता एक एकल मुद्रित सर्किट बोर्ड का उपयोग करके एक से अधिक भंडारण का उपयोग कर सकता है।
फ्लैश मेमोरी कम लागत , कम बिजली खपत और छोटे आकार के साथ जोड़ती है। मेमोरी स्टोरेज पहले EPROM और EEPROM प्रौद्योगिकियों पर आधारित था। जिसकी क्षमता भी सीमित थी ।जिसके अंदर पूरी सामग्री को मिटाने के बाद ही फिर से लिखा जा सकता था।डिजाइनरों ने बाद में EEPROMs को विकसित किया जो कि काफी एडवांस तकनीक थी।
इसकी खास बात तो यह थी कि यह दूसरी चीजों को प्रभावित किये बिना डेटा को बदला जा सकता था। जैसा कि हम सभी आज प्रयोग करते हैं। हम एक स्थान के डेटा को डीलिट कर सकते हैं। और उसके बाद वहां पर नया डेटा स्टोर कर कर सकते हैं।
pendrive ka upyog or flesh drive ke use
पेन ड्राइव और फ्लैश ड्राइव के उपयोग के बारे मे जानने से पहले हम आपको इन दोनों के बीच मुख्य अंतर के बारे मे बताना उचित समझते हैं।पेन ड्राइव मोबाइल यूएसबी स्टोरेज डिवाइस के रूप मे प्रयोग किया जाता है। जबकि फ्लैश ड्राइव का उपयोग कई तरीकों से डेटा स्टोर मे किया जा सकता है। पैन ड्राइव को केवल यूएसबी प्लग के अंदर इस्टॉल किया जा सकता है। जबकि फ्लैश ड्राइव को कम्प्यूटर के अंदर और बाहर भी प्रयोग किया जा सकता है।एक फ्लैश ड्राइव एक सीधा यूएसबी कनेक्शन, एक कॉर्डेड यूएसबी कनेक्शन होता है।
व्यक्तिगत फ़ाइलों को सेव करने मे
फ्लैश ड्राइव का उपयोग व्यक्तिग जानकारी को स्टोर करने मे किया जाता है। इसके अंदर कई प्रकार के विडियो , ईमेज ,और डेटा स्टोर आ सकते हैं। यह सब फ्लैश ड्राइव के अंदर ही सेव किये जाते हैं।
डेटा, एप्लिकेशन और सॉफ़्टवेयर फ़ाइलों का सुरक्षित संग्रहण
कई प्रकार के एप्लिकेशन और सॉफ़्टवेयर का संग्रहण करने के लिए इसका यूज किया जाता है। क्योंकि यह सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है। यदि आप पैनड्राइव के अंदर भी इन सब चीजों को सेव करते हैं तो यह काफी सुरक्षित तरीका होता है।
मदरबोर्ड फर्मवेयर अपडेट करना
मदरबोर्ड फर्मवेयर को यूएसबी फ्लैश ड्राइव का उपयोग करके अपडेट किया जा सकता है। नई फर्मवेयर छवि को एक FAT16- स्वरूपित USB फ्लैश ड्राइव पर एक सिस्टम से जोड़ा जाता है और उसके बाद अपडेट किया जाता है। मदरबोर्ड निर्माता सिस्टम के फर्मवेयर अपडेट घटक में प्रवेश किये बिना भी अपडेट की अनुमति देते हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉलेशन
कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम के इंस्टॉलर को एक सीडी या डीवीडी के बजाय फ्लैश ड्राइव में संग्रहीत किया जा सकता है, जिसमें विभिन्न लिनक्स वितरण, विंडोज 7 और नए संस्करण और मैकओएस शामिल हैं। आप अपने flesh drive का यूज करके अपने कम्प्यूटर के अंदर विंडो को इंस्टॉल कर सकते हैं।कई बार जब हमारे कम्प्यूटर की सीडी खराब हो जाती है। तो हम flesh drive का उपयोग कर सकते हैं।
विंडोज रेडीबॉस्ट
Windows Vista और बाद के संस्करणों में, ReadyBoost फीचर ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी को बढ़ाने के लिए फ्लैश ड्राइव की अनुमति देता है।
बैकअप के लिए उपयोग
फ्लैश ड्राइव का प्रयोग बैकअप के लिए भी किया जाता है। कई वेबसाइट मालिक अपनी वेबसाइट का बैकअप लेने के लिए पैनड्राईव का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग अपने कम्प्यूटर की फाइलों को भी पैनड्राइव के अंदर रखते हैं। यह बैकअप के लिए काफी आसान है। क्योंकि इसको कहीं पर भीं रखा जा सकता है।
ऑडियो प्लेयर
पैनड्राइव का प्रयोग कई म्यूजिक कम्पनियां भी करती हैं। वे वॉइस और साउंड जैसी चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेजाने के लिए इसका प्रयोग करती हैं। इसके अलावा वे विडियो आदि को स्टोर करने के लिए पैन ड्राइव का उपयोग करती हैं।
ब्रांड और उत्पाद का प्रचार
फ्लैश ड्राइव का प्रयोग बा्रंड का प्रचार करने मे भी किया जाता है। आपने कभी देखा होगा कि जो सस्ते पैंनड्राइव आते हैं। उनके अंदर एक डोरी लगी होती है। जिस पर कम्पनी का लोगो भी प्रिंट होता है। और कस्टमर जब उनको खरीदते हैं तो कम्पनी का प्रचार होता है।
सॉफ़्टवेयर को लॉंच करने के लिए
Microsoft Windows AutoRun सुविधा का उपयोग करके ड्राइव की संग्रहीत प्रस्तुतियों, वेबसाइटों, लेखों और किसी भी अन्य सॉफ़्टवेयर को स्वचालित रूप से लॉन्च करने के लिए फ्लैश ड्राइव का यूज किया जा सकता है।
डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेजाने के लिए
वैसे तो आजकल डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेजाने के लिए अनेक तरीके मौजूद हैं। लेकिन अधिकतर तरीके सूटेबल नहीं हैं। बहुत से लोग डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेजाने के लिए पैनड्राइव का ही उपयोग करते हैं। जब आप अपने फ्रेंड के घर जाते हैं तो आप उसके कम्प्यूटर से गेम वैगरह लानेके लिए पैनड्राइव का यूज करते हैं।
एंटीवायरस के रूप मे
यदि आपके पेन ड्राइव के अंदर एंटीवायरस है तो आप उसका प्रयोग एज ए एंटीवायरस के रूप मे भी कर सकते हैं। और आप इसको लगाकर अपने कम्प्यूटर को स्कैन कर सकते हैं। यदि आपके कम्प्यूटर के अंदर कोई वायरस आ गया है तो यह उसे नष्ट कर देगा ।
फ्लैश ड्राइव के विभिन्न प्रकार
दोस्तों फ्लैश ड्राइव कई प्रकार की होती है। फ्लैश ड्राइव को उसके उपयोग के आधार पर कई प्रकार के अंदर बांटा जा सकता है। आइए जानते हैं फ्लैश ड्राइव के प्रकार के बारे मे ।
सुरक्षा फ्लैश ड्राइव
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है। सुरक्षा फ्लैश ड्राइव के अंदर डेटा की सुरक्षा का विशेष तरीके से ध्यान रखा जाता है। इसके अंदर डेटा तक पहुंचने से पहले एक लॉक से गुजरना होता है। यदि आपने अपने डेटा को लॉक कर दिया है तो इसको आपके सिवा कोई नहीं खोल सकता है।
म्यूजिक फ्लैश ड्राइव
म्यूजिक फ्लैश ड्राइव का प्रयोग म्यूजिक फाइलों को इधर उधर ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। यह हल्के होते हैं। और इनकी मदद से फाइलों को ट्रांसफर करना काफी आसान होता है। लेकिन यह दिखने मे आम फ्लैश ड्राइव से थोड़े अलग हो सकते हैं।
बूट फ्लैश ड्राइव
बूट फ्लैश ड्राइव का प्रयोग कम्प्यूटर को बूट करने के लिए किया जा सकता है।बूट फ्लैश ड्राइव एक सामान्य यूएसबी मेमोरी स्टिक है।कई बार जब कम्प्यूटर के अंदर विंड़ों के अंदर कोई समस्या आ जाती है। तो आपक बूटेबल फलैस ड्राइव का यूज करके अपने कम्प्यूटर को बूट कर सकते हैं।
फ्लैश ड्राइव के फायदे और नुकसान
- फ्लैश ड्राइव पर भंडारित किये गए डेटा धूल रेत आदि से मिटने वाले नहीं होते हैं।
- 2009 के अनुसार अब तक 256 जीबी फलैश ड्राईव उपलब्ध हो गए थे । मतलब इनकी भंडारण क्षमता काफी ज्यादा है।
- फ्लैश ड्राइव छोटे और हल्के होते हैं। और इनको आसानी से इधर और उधर ले जाया जा सकता है।
- स्पेसल लॉक वाले फ्लैश ड्राइव काफी ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
- कुछ फ्लैश ड्राइव ऐसे भी आते हैं जिनके अंदर डेटा नष्ट नहीं होता है। भले ही वे पानी मे डूब जाएं या गाड़ी के नीचे आ जाएं ।
- फ्लैश ड्राइव के अंदर पेन ड्राइव आपको सहज ही उपलब्ध हो जाते हैं और किसी भी कम्प्यूटर के अंदर आप इनको आसानी से लगा सकते हैं।
अब तक फ्लैश ड्राइव के फायदे के बारे मे जाना आइए इसके नुकसान के बारे मे भी जान लेते हैं।
- यह आकार मे छोटे होने की वजह से चोरी होने का डर हमेशा बना रहता है।
- चोरी के लिए इसी का प्रयोग करते हैं।
- भंडारण की प्रति ईकाई के अंदर उच्च कीमत है।
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