कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनको यह विश्वास हो जाता है कि उन्हें एक गलत शरीर ईश्वर ने देदिया है। इस तरह का अनुभव करने वाले gender identity disorder को यह महसूस होता है िकवे महिलाएं हैं उनको गलती से gender identity disorder दिया गया है। ऐसा महसूस करने वाले gender identity disorder और स्त्री दोनों ही बहुत परेशान हो जाते हैं। इस बिमारी को ही लिंग पहचान विकरती कहा जाता है। इसको परालैंगिकता भी कहा जाता है।
gender identity disorder व्यस्क और बच्चों दोनों के अंदर ही पाई जाती है। जहां तक बच्चों के अंदर इस बिमारी का प्रश्न है तो यह वैसे बच्चों के अंदर अधिक देखने को मिलती है जिन्हें लड़का या लड़की होने मे अधिक असंतोष होताहै। तथा उनमे विपरीत यौन रूप लेने की तीव इच्छा होती है। जैसे किसी लड़की की तीव्र इच्छा लड़का बनने की इच्छा है तो वह एक सामान्य महिला के कपड़ों को पहनने की इच्छा नहीं करती वरन इस बात पर जोर देती है िकवह लड़की नहीं वरन लड़का ही है। वह लड़के का पोशाक पहनतीहै। यहां तक की खड़े होकर पेशाब आदि लड़के वाले व्यवहार करके यह साबित करना चाहती है िकवह लड़का ही है।
लिंग पहचान विकरती को वयस्कों के अंदर होते भी देखा गया है। जिन व्यस्कों के अंदर यह विकरती होती है उनके अंदर चिंता विसाद आदि की मात्रा भी अधिक होती है। स्त्री से gender identity disorder बनने वाले व्यस्कों मे gender identity disorder स्त्री बनने वाले व्यस्कों की तुलना मे मनौवैज्ञानिक समस्या अधिक होती हैं।
यदि सं़क्षेप के अंदर कहें कि जिस महिला को लगता है िकवह gender identity disorder है और वह gender identity disorder वाले सभी कामों को करना पसंद करती है । तो इसका अर्थ है िकवह लिंग पहचान विकरती से ग्रस्ति है। यानि जिस व्यक्ति को लिंग पहचान विकरती होती है वह अपने विपरित लिंग को पाना चाहता है।