गोबर खाने के फायदे , गोबर की राख खाने के फायदे , gobar khane ke fayde ,दोस्तों गाय के गोबर के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। गाय के गोबर काफी फायदेमंद होते हैं। जो लोग गाय को अपने घर मे रखते हैं उनको इसके फायदे के बारे मे अच्छी तरह से पता है। गाय के गोबर को प्राचीन काल से ही पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि हिंदु धर्म के अंदर धार्मिक कार्यों के अंदर गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। और जब घर को शुद्ध करना हो तो गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन काल के अंदर घर ही गोबर के बनाये जाते थे । आज सीमेंट आया है। जब सीमेंट नहीं था तो लोग अपने घरों को गोबर से लेप कर दिया करते थे । जिससे कि घर काफी समय तक सुरक्षित रहता था। आज भी आपको कई ऐसी जगह देखने को मिलेंगी जहां पर गोबर मिल जाएगा । और गोबर से कोठी बनाई जाते ही है। गोबर का सिर्फ इतना ही फायदा नहीं है। इसके बहुत सारे फायदे हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं।
घर मे गाय यदि आप रखते हैं तो जब आप गाय के स्थान को साफ करते हैं तो गाय के उस गोबर को एक स्थान पर एकत्रित करते हैं और उसके बाद उसके उपले बनाये जाते हैं। फिर उनको बेचा जाता है। उपले एक तरह से लकड़ी का काम करते हैं।
यह उपले सर्दियों के अंदर जलाने के काम आते हैं। इसके बारे मे आपको पता ही होगा । यदि आप गांव के अंदर रहते हैं तो आपने कई बार उपले जलाएंहोंगे ।उपले काफी देर से जलते हैं। इसकी वजह से यह खासतौर पर पानी को गर्म करने के लिए बहुत अधिक उपयोग होते हैं।
इसके अलावा कई लोग जो होते हैं वे उपले बेचने का बिजनेस भी करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह लोग पहले खुद उपले बनाते हैं और उसके बाद यह उनको शहर के अंदर जाकर बेच देते हैं और उससे पेसा कमाते हैं। आमतौर पर बड़े बड़े गोशाला के अंदर यह सब चलता रहता है। वहां पर काफी अधिक गायें होती हैं और उन गायों के गोबर से उपले तैयार किये जाते हैं और उसके बाद उनको बेचा जाता है। हालांकि वर्तमान मे लकड़ी जलाने का जो प्रचलन है वह काफी कम हो गया है। कारण यह है कि आपको हर घर के अंदर गैस सिलेंडर मिल जाएगा । लेकिन आज भी गांव देहात के अंदर यह सब चीजें प्रयोग मे ली जाती हैं।
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गोबर खाने के फायदे gobar khane ke fayde
दोस्तों गोबर खाने के फायदे के बारे मे अधिक जानकारी नहीं है। लेकिन कुछ दिन पहले एक डॉक्टर का विडियो वायरल हुआ था जिसके अंदर उसने गोबर खाने के फायदे के बारे मे बताया था। हालांकि यह कितना सच है इसके बारे मे कुछ नहीं कहा जा सकता है। उसी के आधार पर हम आपको गोबर खाने के फायदे के बारे मे बता रहे
लेकिन आपको किसी की देखादेखी नहीं करना चाहिए । वरना नुकसान हो सकता है। यह बस आपकी जानकारी के लिए है और आपको इस तरह का कोई भी कदम उठाने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार संपर्क करना जरूरी होता है। यदि आप गोबर खाते हैं तो यह सब आप अपनी रिस्क पर ही करेंगे तो आप समझ सकते हैं।
गोबर खाने के फायदे तन मन को पवित्र करता है
गोबर का उपयोग करने वाले डॉक्टर ने यह बताया कि प्राचीन काल से ही हमारे घर के अंदर शुद्धिकरण के तौर पर गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। यदि हम गोबर का सेवन करते हैं। एक चम्मच तो यह हमारे तन और मन को पवित्र कर देता है। हालांकि इसके उपर अभी रिसर्च करना बाकी है। यह एक विचारधारा हो सकती है।
हालांकि गोबर खाने के बाद यह किस तरह से तन और मन को पवित्र करता है ? इसके बारे मे कोई जानकारी नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक डॉक्टर की मान्यता है कि गोबर जिस तरह से घर को पवित्र करता है उसी तरह से शरीर को भी पवित्र कर सकता है।
लेकिन मुझे लगता है कि किसी को भी इस तरह की सोच के साथ गोबर का सेवन नहीं करना चाहिए । नहीं तो नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
गोबर खाने से महिलाओं की नार्मल डिलीवरी होती है
दोस्तों एक डॉक्टर के अनुसार यदि कोई महिला गोबर खाती है तो यह उसकी डिलिवारी के अंदर काफी आसानी होती है। हालांकि इसके पीछे की सच्चाई क्या है। इसके बारे मे कुछ भी पता नहीं है। और शायद यह एक विश्वास है। और अभी तक कोई अन्य रिसर्च मे यह दवा नहीं किया गया है कि गाय का गोबर खाने से डिलिवरी नोर्मल होती है तो आप समझ सकते हैं कि गाय का गोबर खाने का यह फायदा काम करता है या नहीं करता है इसके बारे मे सही सही जानकारी किसी को नहीं है। तो हम यह कहना चाहते हैं कि महिलाओं को किसी की देखा देखी नहीं करनी चाहिए । यदि आप इस तरह से गोबर का सेवन करती है तो आपको कई सारी बीमारियां अटैक कर सकती हैं जोकि खास कर जानवरों को होती हैं और वे इंसानों तक पहुंच सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
गोबर मोटापे को कम करता है
दोस्तों गोबर खाने वाले डॉक्टर ने यह बताया कि गोबर खाने से मोटापे के अंदर कमी आती है। हालांकि इसके उपर भी रिसर्च नहीं हुआ है तो यदि आप अपने मोटापे से परेशान हैं तो गोबर का उपयोग ना करें। बस आपको अन्य कई सारे तरीके हैं जिनका उपयोग करना चाहिए । जिससे आपको किसी तरह के नुकसान होने का डर भी नहीं होगा और यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद भी होगा । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
यदि आपको मोटापा ही कम करना है तो आप एक्सरसाइज को चुन सकते हैं और अपने खान पान के अंदर ठीक से बदलाव कर सकते हैं। जिससे कि आप अपने मोटापे को बहुत ही आसानी से कम कर पाएंगे । इसके अलावा आप अपने डॉक्टर से भी मिल सकते हैं और उनसे भी सलाह ले सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
रेडियशन कैंसर से बचाता है गोबर
दोस्तों रेडियनश कैंसर का नाम तो आपने सुना ही होगा । रेडियशन कैंसर का मतलब होता है ऐसा कैंसर जोकि रेडियशन से फैलता है। वैज्ञानिकों के अनुसार मोबाइल और टॉवर से निकलने वाले सिग्नल हमारे लिए काफी डेंजर होते हैं। और इसकी वजह से कैंसर फैल सकता है। यह कई रिसर्च के अंदर साबित हो चुका है कि रात को मोबाइल को अपने पास रखकर नहीं सोना चाहिए । नहीं तो नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। रेडियशन कैंसर से बचाने के लिए गोबर काफी फायदेमंद हो सकता है। आमतौर पर रेडियशन से कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि होती है।इसी को कैंसर के नाम से जानते हैं।
डॉक्टर का ऐसा मानना है कि गोबर और गोमूत्र का सेवन करने से इस समस्या से निबटा जा सकता है। हालांकि इसके अंदर कितनी सच्चाई है ? यह तो पता नहीं है। लेकिन आमतौर पर गोधन अर्क जो होता है वह तो कैंसर के अंदर काफी फायदेमंद होता है और इसका आयुर्वेद के अंदर भी उपयोग किया जाता है। आप समझ सकते हैं।
गोबर की राख के फायदे
दोस्तों गोबर खाने के फायदे के बारे मे पता सही तरीके से नहीं है लेकिन गोबर की राख का उपयोग कई तरह की बीमारियों के अंदर आयुर्वेद के अंदर किया जाता है। हालांकि गोबर का नाम सुनते ही कई लोग मुंह सिकोड़ने लग जाते हैं लेकिन गोबर की राख के कई सारे फायदे हैं। गोबर को जलाने के बाद जो राख बनती है वह काफी गुणकारी होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। तो दोस्तों आइए जानते हैं गोबर की राख से आप क्या क्या फायदा उठा सकते हैं। यदि आपको इसके बारे मे नहीं पता है तो हम आपको विस्तार से बताते हैं।
पेट के कीड़ों से छूटकारा
दोस्तों पेट के कीड़ों से गाय के गोबर की राख छूटकारा दिला सकती है।पेट के कीड़े एक आम समस्या होती है जोकि बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। क्योंकि बच्चे अधिकतर केस मे रेत के अंदर खेलते हैं और कुछ बच्चे तो रेत खाते भी हैं तो उनके पेट मे कीड़े चले जाते हैं जोकि उनके विकास को प्रभावित करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यदि पेट मे कीड़ों की समस्या है तो आपको चाहिए कि गाय के गोबर की राख को एक चम्मच एक गिलास के अंदर मिलाएं और उसके बाद इसे पी लें ।कुछ दिन पीने से पेट के सारे कीड़ें मर जाएंगे। यह एक अदभुत उपाय है जिसको आप कर सकते हैं। और काफी फायदे मंद भी है।
पेट के कीड़े आमतौर पर आंतों के अंदर रहने वाले कीड़े होते हैं जोकि आंतो मे रहते हैं और आंतो से ही भोजन को प्राप्त करते हैं। हालांकि यह आंतों मे रह तो सकते हैं लेकिन आंतों के अंदर से प्रजनन नहीं कर सकते हैं।पेट के कीड़े बड़ों को उतना नुकसान नहीं करते हैं। और अधिकतर केस मे आपको पेट के कीड़ों का पता ही नहीं चल पाता है। लेकिन यदि यह बच्चे के पेट मे चले जाते हैं तो उसके बाद इनका असर बच्चे पर दिखना शूरू हो जाता है और कई बार यह गम्भीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
यदि किसी इंसान के पेट मे कीड़े हैं तो उसका ईलाज दवाइयों से किया जा सकता है। और इसके लिए डॉक्टर के पास जाना होगा लेकिन यदि दवाओं से आराम नहीं मिलता है। पेट के अंदर कोई बड़ा कीड़ा है तो उसके बाद ऑपरेशन भी करना पड़ सकता है।
दोस्तों यदि हम पेट के कीड़े के प्रकार की बात करें तो पेट के कीड़े कई तरह के हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।जैसे कि
- एस्कारियासिस
- पिनवर्म
- हुकवर्म
- टेपवर्म या फीता कृमि
अब दोस्तों आपको बतादें कि पेट के कीड़ों की वजह से आपके अंदर कई तरह के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। और उन लक्षणों की मदद से आप आसानी से यह पहचान सकते हैं कि पेट के अंदर कीड़े घुस चुके हैं और इनका ईलाज किया जाना बहुत ही जरूरी होता है।
- राउंडवॉर्म, फ्लूक या टेपवॉर्म आदि कीड़े यदि पेट के अंदर घुस गए हैं तो इसकी वजह से पेट मे दर्द होता है और पेट मे होने वाला दर्द रूक रूक कर आ सकता है। इसके अलावा पेट मे मरोड़ जैसा अनुभव होता है। दोस्तों यदि पेट के अंदर मरोड़ और इस तरह के लक्षण प्रकट हो रहे हैं तो फिर आपको इसके बारे मे अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए ।
- राउंडवॉर्म कीड़े की वजह से आपको दस्त हो रही है। यदि आपको मरोड़ के साथ दस्त हो रही है तो यह संभव हो सकता है कि पेट के अंदर कीड़े घुस गए हैं और यह आपके लिए काफी हानिकारक हो सकते हैं।
- बच्चों में राउंडवॉर्म कीड़े पैदा होने पर उनमें पोषण संबंधी कमियां होने लगती हैं। और बच्चे काफी कमजोर दिखाई देने लग जाते हैं। उनके अंदर यह समस्याएं बहुत ही आम हैं। पेट दर्द भी हो सकता है। और बच्चे कूपोषण के शिकार हो सकते हैं तो इसका जल्दी ही ईलाज किया जाना जरूरी होता है।
- इसके अलावा यदि पेट के अंदर कीड़े हैं तो इसकी वजह से थकान भी महसूस होती है। और यदि आपको बिना वजह ही थकान और कमजोरी महसूस हो रही है तो उसके बाद आपको एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए । ताकि चेकअप किया जा सके और पता चल सके की पेट मे कीड़े हैं।
- सूखी खांसी
- बुखार
- छाती में दर्द
- घरघराहट की आवाज आना
- मल मे कीड़े का आना
- पेट फूलना या गैस बनना
- इसके अलावा कीड़े आपके गुदा और योनी के बाहर चकते आदि विकसत कर सकते हैं।
दोस्तों यदि आपको उपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण प्रकट होते हैं तो जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए ।वरना कई बार क्या होता है कि पेट के जो कीड़े होते हैं वे दिमाग तक पहुंच जाते हैं और उसके बाद डॉक्टर के लिए काफी बड़ी परेशानी खड़ी कर देते हैं और ऑपरेशन करने तक की नौबत आ जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
दोस्तों यदि हम बात करें पेट के अंदर कीड़े क्यों जाते हैं तो इसके कई सारे कारण हैं। यदि आप उन कारणों पर ध्यान देते हैं तो खुद को पेट के कीड़ों से बचाने मे सक्षम हो सकते हैं। खास कर दूषित और संक्रमित चीजों के सेवन करने से पेट मे कीड़े चले जाते हैं। और बड़ों की तुलना मे छोटे बच्चों को पेट मे कीड़े जाने की संभावना अधिक होती है। क्योंकि वे सारे दिन रेत के अंदर खेलते हैं। और यह कीड़े छोटे बच्चों पर बहुत ही आसानी से असर करते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- यदि आप दूषित मांस और मछली को अधपका खाते हैं तो उसके अंदर कीड़ें होते हैं जोकि आपके पेट के अंदर जा सकते हैं। इसलिए मांस और मछली को पका कर खाना चाहिए पकाने से सारे कीड़े आसानी से मर जाते हैं।
- इसके अलावा यदि आप दूषित पानी पीते हैं तो उससे भी पेट मे कीड़ें जा सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । इसलिए पानी को छानकर पीना चाहिए । और यदि पानी पीने लायक नहीं है तो उसके बाद उस पानी को नहीं पीना चाहिए आप समझ सकते हैं।
- इसके अलावा मिट्टी के अंदर कई तरह के कीड़े रहते हैं और यदि बच्चे आदि उस मिट्टी का सेवन कर लेते हैं तो यह पेट के अंदर चले जाते हैं और उसके बाद पेट के अंदर ही बढ़ने लग जाते हैं। इसकी वजह से छोटे बच्चे खास तौर पर काफी अधिक कमजोर दिखाई देने लग जाते हैं।
- इसके अलावा मल के संपर्क मे आने से भी पेट मे कीड़े आ सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जैसे कि किसी के मल मे कीड़े होते हैं और वह सही तरीके से हाथ वैगरह नहीं धोता है तो यह कीड़े किसी दूसरे इंसान के अंदर पहुंच सकते हैं। खास कर टॉयलेट सीट बैठने वाली हो तो उसके अंदर यह समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए।
- यदि आप किसी ऐसी सतह को छूते हैं जिसके यहां पर परजीवी के अंडे हैं तो यह अंडे आपके शरीर मे पहुंच जाते हैं तो उससे भी काफी परेशानी हो सकती है। और खासतौर पर समस्या तब होती है जब आप ठीक तरह से अपने हाथों को खाना खाने के लिए साफ नहीं करते हैं।
- यदि कीड़े युक्त मिट्टी पर यदि आप नंगे पांव चलते हैं तो उससे भी काफी अधिक समस्या बढ़ सकती है। और यह आपके पैरों से चिपक कर और कहीं पहुंच सकते हैं। इसलिए जिस क्षेत्र के अंदर कीड़ों की संभावना होती है वहां पर आपको पूरी तरह से सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
- जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर होती है उनको यह समस्या काफी अच्छी तरह से देखने को मिलती है। उनके उपर कीड़ों का बहुत ही जल्दी असर हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होगा । इसलिए यदि किसी की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर है तो फिर उसे बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
- इसके अलावा जो लोग पशुओं के संपर्क मे आते हैं उनके पेट के अंदर कीड़े होने के चांस काफी अधिक होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप पशुओं के संपर्क मे आते हैं तो उसके बाद अपने हाथों और पैरों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए । खास कर खाने पीने की चीजों को सही तरह से हाथों की साफ सफाई करने के बाद ही सेवन करना चाहिए ।
- आमतौर पर यह देखने को मिलता है कि हम बाजार से फल और सब्जी लाते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति के अंदर हम उनको बिना धोए ही खा जाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए । फलों और सब्जी को बिना धोए ही खाना काफी डेंजर होता है। इनके अंदर कीड़े हो सकते हैं और यह आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए तो आपको फल और सब्जी को बिना धोए सेवन नहीं करना चाहिए ।
दोस्तों यदि हम कीड़ों की जांच की बात करें । यदि आप डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर को कीड़ो का लक्षण बताते हैं तो डॉक्टर आपको कुछ जांचे लिख सकता है और उसकी मदद से पेट के अंदर कीड़ों को पहचान करने की कोशिश करता है।
- स्टूल टेस्ट के अंदर डॉक्टर आपके मल के दो से 3 नमूने ले सकता है। और उसके बाद मल के अंदर कीड़ों की जांच कर सकता है। वह यह देख सकता है। कि मल के अंदर अंडे या फिर किसी तरह के कीड़े तो नहीं हैं। यदि पेट मे कीड़े होते हैं तो इसकी मदद से आसानी से पहचाना जा सकता है।
- स्कॉच टेप टेस्ट के अंदर गुदा पर एक प्रकार की टेप को चिपकाया जाता है ताकि यहां पर कीड़े और अंडे इस टेप से चिपक जाएं और उसके बाद यह पता लगाया जा सके कि अंदर किस तरह के कीड़े मौजूद हैं।
- एंटीबॉडी टेस्ट दोस्तों यदि पेट के अंदर कीड़े होते हैं तो फिर डॉक्टर ब्लड टेस्ट करता है जिससे कि एंटिबॉडी का पता चलता है। कारण यह है कि जब हमारा शरीर किसी तरह के कीड़ों से संक्रमित हो जाता है तो उसके बाद एंटिबॉडी बनती है। जिसको देखकर भी डॉक्टर कीड़ों के बारे मे आसानी से पता लगा सकता है।
इस तरह से दोस्तों पेट के अंदर यदि कीड़ें हैं तो उनके बारे मे डॉक्टर पता लगा लेता है। और उसके बाद डॉक्टर आपको कुछ दवाएं लिखकर देते हैं। उन दवाओं की मदद से आप पेट के कीड़ों की जो समस्या होती है। उसको आप आसानी से दूर कर सकते हैं। और यदि आप इसके उपर समय पर ध्यान नहीं देते हैं तो उसके बाद यह समस्या काफी अधिक बड़ी हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
मिर्गी से राहत देती है गाय के गोबर की राख
दोस्तों यदि किसी को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तो उसके बारे मे यह कहा जाता है कि गाय की गोबर की राख इसके अंदर काफी अधिक राहत देने वाली होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। इसके लिए राख को अच्छी तरह से छान लें और उसके बाद इसका सेवन करने से मिर्गी से राहत मिलती है। दोस्तों मिर्गी के बारे मे आपने सुना ही होगा मिर्गी एक प्रकार का केंद्रिय तंत्रिका से जुड़ा हुआ रोग होता है। और जब तंत्रिका की कार्य मे बाधा आती है तो व्यक्ति को इसके लक्षण दिखाई देते हैं। मिर्गी का उपचार किया जा सकता है।
आपको बतादें कि मिर्गी संक्रामक नहीं होती है। इसलिए यदि कोई मिर्गी का रोगी है तो उसे दूरी बनाने का कोई भी फायदा नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अलावा मिर्गी कई बार दिमाग के असामान्य रूप से बढ़ने की वजह से भी हो सकती है।
और अधिकतर केस के अंदर यह देखा गया है कि मिर्गी एक प्रकार की जेनेटिक समस्या होती है। इसका मतलब यह है कि यदि माता पिता मे से किसी एक को मिर्गी आती है तो वह बच्चों मे भी आ सकती है। और यह किसी भी उम्र के इंसान मे आ सकती है।
मिर्गी के ईलाज की बात करें तो मिर्गी का कई तरह से ईलाज किया जा सकता है इसका ईलाज योगा से हो सकता है। इसके अलावा आप किसी मनोवैज्ञानिक डॉक्टर को दिखा सकते हैं। दिमाग के डॉक्टर भी इसका ईलाज करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोग के वैश्विक बोझ का 0.5% या 7 मिलियन के लिए मिर्गी जिम्मेदार है।और सिर की चोट की वजह से भी मिर्गी हो सकती है। हालांकि इसके बाद सिर का ऑपरेशन करने की आवश्यकता हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों आपको बतादें कि मिर्गी इंसान की सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करती है। हालांकि मिर्गी के दौरे की वजह से उतनी अधिक सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित नहीं होती है। लेकिन कुछ हद तक यह होती है यह भी शोध बताते हैं।
स्ट्रोक ,गिरने से सिर में चोट लगना , और दिमाग का कैंसर आदि कुछ स्थितियां होती हैं। जिसकी वजह से मिर्गी आ सकती है। यह समस्या किसी भी इंसान के अंदर हो सकती है। इसमे सभी बड़ी और छोटी उम्र के लोग शामिल है।
मिर्गी के प्रकार के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। दोस्तों मिर्गी के कई सारे प्रकार होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । मिर्गी के अलग अलग प्रकार होने की वजह से इनका ईलाज भी अलग अलग तरीके से किया जाना चाहिए ।
- आंशिक दौरा (Partial Seizure) एक हल्का दौरा होता है। और इस दौरे के अंदर व्यक्ति के दिमाग के अंदर मिर्गी की गतिविधि होती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा एक जटिल आंशिक दौरा भी होता है जिसकी वजह से मरीज की चेतना खत्म हो जाती है और व्यक्ति को कुछ भी इसके बारे मे पता नहीं होता है।
- सामान्यीकृत दौरा (Generalised Seizure) के अंदर आमतौर पर दिमाग के अंदर दोनों हिस्सों मे मिर्गी की गतिविधि होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- माध्यमिक सामान्यीकृत दौरे (Secondary generalised seizure)इसके संबंध मे जब मिर्गी की गतिविधि आंशिक तौर पर शूरू होती है और दिमाग के दोनों हिस्सों के अंदर फैल जाती है तो यह समस्या हो सकती है।
दोस्तों यदि हम मिर्गी के लक्षणों की बात करें तो मिर्गी के कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिनकी मदद से आसानी से मिर्गी को पहचाना जा सकता है। तो आइए जानते हैं मिर्गी के लक्षणों के बारे मे ।
- स्वाद, गंध, दृष्टि, श्रवण या स्पर्श इन्द्रियों में बदलाव,
- चक्कर आना
- अंगों में झनझनाहट महसूस होना इत्यादि।
- एकतरफ नज़र टिकाये रखना,
- कोई प्रतिक्रिया न करना
- एक ही गतिविधि बार बार दौहराना ।
- शरीर में अकड़न, कम्पन या मल आने पर नियंत्रण कम होना, जीभ को काटना, चेतना का लुप्त होना हो सकता है।
- मायोक्लोनिक दौरे के कारण हाथों और पैरों में अधिक झनझनाहट हो सकती है।
- एटोनिक दौरे में मांसपेशियों पर नियंत्रण कम होता जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति को खड़े रहने मे काफी कठिनाई होती है।
मिर्गी के दौरे के कारणों पर भी अब हम बात कर लेते हैं तो आइए जानते हैं मिर्गी के दौरे के कारणों के बारे मे विस्तार से ।
- दोस्तों मिर्गी का सबसे बड़ा कारण जेनेटिक प्रभाव होता है। मतलब यही है कि यदि माता पिता मे से किसी एक को मिर्गी की समस्या है तो फिर उनके पुत्र या फिर पुत्र मे भी हो सकती है।
- इसके अलावा कई बार क्या होता है कि सिर के अंदर चोट लग जाती है। जिसकी वजह से भी मिर्गी आने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । सिर मे चोट लगने पर जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
- इसके अलावा यदि ब्रेन टयूमर हो गया है तो उसकी वजह से भी काफी समस्या हो सकती है। और मिर्गी आने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।
- मेनिन्जाइटिस, एड्स और वायरल इन्सेफेलाइटिस जैसे कुछ इस तरह के रोग होते हैं जोकि मिर्गी का कारण बन सकते हैं। यदि यह रोग किसी को हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है।
- जन्म से पहले बच्चे मस्तिष्क की चोट के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो कई कारणों से हो सकती है । जैसे कि मां को किसी तरह का संक्रमण होने या फिर ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से भी यह हो सकता है।
दोस्तों आपको बतादें कि मिर्गी जो होती है वह यदि किसी को समस्या है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन आपको करना चाहिए । यदि आप समय पर मिर्गी के रोगी को अस्पताल लेकर जाते हैं। और उसको दिखाते हैं तो फिर समस्या कुछ हद तक सही हो सकती है। लेकिन आपको इसके लिए कुछ समय तक दवाओं का कोर्स लेना होगा तभी चीजें सही होंगी ।
खाज-खुजली से राहत देने मे गोबर के फायदे
दोस्तों खाज खुजली एक आम समस्या होती है। और खाज और खुजली के अंदर गाय के गोबर की राख काफी फायदेमंद होती है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।इसके लिए आपको सबसे पहले करना यह होगा कि गाय के उपले को जला लें और उसकी राख बना लें। फिर इस राख को मक्खन के साथ मिलाएं और फिर इसको जिस भी स्थान पर खाज और खुजली हो रही है उस स्थान पर अच्छी तरह से लगा लें। ऐसा करने से खाज और खुजली की जो समस्या होती है वह दूर हो जाएगी । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
स्केबीज त्वचा में खुजली, जलन व चकत्ते उत्पन्न करने वाली समस्याओं में से एक है।और यह बहुत ही संक्रामक होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह जो खाज होती है खुजली होती है यह एक इंसान से दूसरे इंसान के अंदर बहुत ही आसानी से फैल सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
खाज की समस्या जिस इंसान के अंदर होती है वह यदि त्वचा रूप मे भी दूसरे किसी इंसान से संपर्क मे आ जाता है तो फिर दूसरे इंसान को भी यह हो सकती है। इसके अलावा यदि खाज वाले इंसान के कपड़े आदि के संपर्क मे कोई आता है तो उसे भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
स्केबीज वैसे तो त्वचा के किसी भी हिस्से मे हो सकती है। लेकिन कुछ ऐसी जगहें होती हैं जहां पर यह खास तौर पर घुसना पसंद करते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जैसे कि यह उंगली के आस पास और नाखुनों की त्वचा मे घूस सकते हैं। इसके अलावा नितंबों, पुरुष गुप्तागों और निपल्स के आसपास यह घुस सकते हैं और खाज पैदा कर सकते हैं।स्कैबीज के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । लक्षणों की मदद से आप इसको बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं तो आइए जानते हैं खाज के लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।
स्केबीज जब शरीर के अंदर घुसते हैं तो इसके कुछ समय बाद ही इसके लक्षण दिखने शूरू हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आपको बतादें कि जिन लोगों को पहले से ही खाज हो चुकी हैं उनको 4 दिन के अंदर ही लक्षण दिखने लग जाते हैं। और जिनको खाज नहीं हुई है उनको लक्षण दिखने मे 2 सप्ताह का समय तो कम से कम बहुत ही आसानी से लग जाता है।
- स्केबीज खुजली कई बार काफी अधिक तीव्र होती है। और खास कर यह रात के अंदर अधिक होती है जिसकी वजह से व्यक्ति नींद से जाग जाता है। और काफी परेशानी महसूस करता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
- स्केबीज खुजली की वजह से चकते बन सकते हैं। और चकते के आस पास छोटे छोटे दाने भी हो सकते हैं। इसके बारे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । हालांकि यह चकते दिखाई देते हैं तो फिर आपको जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से ईलाज करवाना चाहिए । नहीं तो नुकसान हो सकता है।
- इसके अलावा यदि आप त्वचा को अधिक खरोंचते हैं तो इसकी वजह से घाव बन सकता है और फिर उसके अंदर किसी तरह का भी संक्रमण विकसित हो सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । इसलिए जितना जल्दी हो सके ईलाज करवाना चाहिए ।
- त्वचा पर मोटी पपड़ी आ सकती है। आमतौर पर जब त्वचा के अंदर कई सारे माइटस घुस जाते हैं तो वे काफी डेंजर खुजली पैदा करते हैं। एक तरह से यह काफी परेशान करने वाली चीज है। जल्दी ईलाज करवाया जाना चाहिए ।
दोस्तों यदि आपको खाज की समस्या हो गई है तो मामूली लक्षणों के प्रकट होते ही आपको अपने डॉक्टर के पास दिखाना चाहिए । और यदि आपका डॉक्टर आपको कुछ निर्देश देता है तो उसका पालन आपको करना चाहिए । इसके अलावा खुजली व छोटी फुंसियों और दानों के होने से पहले ही आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए । ताकि आपका डॉक्टर आपको उचित दवा दे सके और खाज के बढ़ने से पहले ही वह दवा बहुत ही आसानी से आपकी खाज और खुजली का ईलाज कर दे।
स्कैबीज के कारणों की बात करें तो इसका कारण माइट होते हैं। यह माइट को रहने की लिए त्वचा चाहिए होती है। और यह बिना त्वचा के 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह माइट त्वचा के अंदर छेंद करते हैं और वहीं पर यह अंडे देती हैं।
अंडे फूटने पर उनसे निकलने वाले सूक्ष्म कीट त्वचा में अलग दिशाओं में या शारीरिक संपर्क के दौरान दूसरे शरीर में फैलने लगते हैं।और आपको बतादें कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा बच्चे भी काफी जल्दी संक्रमित हो जाते हैं।
यौन रूप से सक्रिय युवा वयस्क भी इस रोग की चपेट मे जल्दी आते हैं। हालांकि इस रोग का उपचार उपलब्ध है लेकिन यदि आप चीजों का ध्यान रखते हैं तो समस्या से कुछ हद तक निबटा जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
स्कैबीज से बचाव के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं। जैसे कि यदि रोगी के कोई कपड़े हैं तो उनको अच्छी तरह से धोकर सूखा सकते हैं। और जिन चीजों का आप धो नहीं सकते हैं उनको कुछ दिन के लिए पॉलिथीन की थैली के अंदर कुछ दिन के लिए बंद करदें। और उसके बाद कुछ समय के लिए ऐसे ही रखें रहने दें। उसके बाद अपने आप ही माइट मर जाएंगे ।इसके अलावा यदि किसी भी इंसान को इस रोग का संदेह हो तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए ताकि समस्या ठीक हो जाए ।
जुकाम से राहत देने मे गाय के गोबर की राख का उपयोग
दोस्तों जुकाम एक तरह की आम समस्या है जोकि किसी को भी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन माना जाता है कि गाय के गोबर की राख को माथे पर लगाने से जुकाम मे आराम मिलता है। आपने देखा होगा कई साधु संत गाय के गोबर की राख को अपने माथे पर लगाए रखते हैं।
सर्दी जुकाम एक प्रकार की आम समस्या होती है। और इसके बारे मे किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि सर्दी जुकाम लगभग सभी लोगों को परेशान करती है। यह एक बार ठीक हो जाती है और उसके बाद फिर से हो सकती है। सर्दी जुकाम के कई तरह के ईलाज मौजूद हैं। यदि आप दवा लेते हैं तो उसके बाद आपको इसके लक्षणों से बहुत ही आसानी से राहत मिल जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
सर्दी जुकाम किसी एक वायरस की वजह से नहीं होती है। वरन कई सारे वायरस इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन मुख्य रूप से राइनोवायरस ,कोरोनावायरस, रेस्पिरेटरी सिनसिशल वायरस सर्दी जुकाम काफी अधिक पैदा करते हैं। और इन सभी का आसानी से ईलाज हो सकता है।
आपको बतादें कि जो सर्दी जुकाम होती है वह संक्रमित होती है और अधिकतर केस के अंदर उन लोगों से हो सकती है। जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर होती है। यदि किसी को पहले से सर्दी जुकाम है तो वह आसानी से दूसरे लोगों के अंदर फैल सकती है। यह कपड़े , चमच और साथ मे खाना खाने से और संपर्क बनाने से बहुत ही आसानी से फैल जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
सर्दी जुकाम का जो वायरस होता है वह आपके नाक और गले के अंदर रह सकता है। यदि आप पहले से ही इससे संक्रमित नहीं हुए हैं तो इससे लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार नहीं होती है। और एक बार जब आप संक्रमित हो जाते हैं तो उसके बाद आपके अंदर एंटिबॉडी बनती है। और फिर आपका शरीर जुकाम के खिलाफ लड़ता है। लेकिन कुछ भी हो जुकाम के खिलाफ लड़ने मे आपके शरीर की काफी उर्जा खर्च हो जाती है। यही कारण है कि जुकाम के बाद आप खुद को काफी थका हुआ महसूस करते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप इसको खुद भी अनुभव कर चुके हैं।
- बंद नाक
- साइनस पर दबाव
- नाक बहना
- नाक भारी होना
- कुछ भी न सूंघ पाना
- बार बार छींक आना
- आंखों से पानी बहना
- सिरदर्द
- गले में खराश
- खांसी
- थकान
- ठंड लगना
- शरीर मैं दर्द
- हलका बुखार
अब तक हमने सर्दी जुकाम के कारणों के बारे मे जाना अब हम आपको बताने वाले हैं कि सर्दी जुकाम क्यों होती है। आपको यह बतादें कि ठंड लगने से सर्दी जुकाम नहीं होती है वरन ठंड की वजह से सर्दी जुकाम होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाती है।
आपको यह बतादें कि सर्दी जुकाम की जो समस्या होती है वह संक्रमण की वजह से फैलती है। जैसे कि यदि कोई इंसान पहले सें सर्दी जुकाम से ग्रस्ति है और उसके बाद कोई दूसरा इंसान उस इंसान के संपर्क मे आता है तो उसके बाद वह संक्रमित हो सकता है। क्योंकि सर्दी जुकाम का जो वायरस होता है वह दूसरे इंसान के शरीर मे जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए यदि किसी को सर्दी जुकाम की समस्या है तो उसे चाहिए कि वह दूसरे लोगों से दूरी बनाकर रखें। तभी फायदेमंद होगा ।रवाजे की कुंडी, टेलीफोन, बच्चों के खिलौने, और तौलिए से जो एक संक्रमित व्यक्ति के छूने से दूषित हो चुके हैं। इन सभी से भी संक्रमण फैल सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए तो आप सावधानी बरत सकते हैं।
सर्दी जुकाम से बचने के लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं ?दोस्तों आपको बतादें कि सर्दी जुकाम से बचने के लिए आप कई तरह के कदम उठा सकते हैं। जिनकी मदद से आप सर्दी जुकाम से बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ बातों के बारे मे ।
- यदि आप सर्दी जुकाम से बचना चाहते हैं तो आपको अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोना चाहिए जैसे कि आप किसी सर्वाजनिक स्थान पर जाते हैं तो वहां पर आप अपना सैनिटाइजर लेकर जा सकते हैं। या फिर आप वहां पर खाना खाने से बच सकते हैं। यदि आप सैनिटाइजर लेकर जाते हैं तो आप खाना पीना करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर सकते हैं। जिससे कि संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
- यदि आप किसी संक्रमित चीज के संपर्क मे आए हैं तो आपको चाहिए कि आप अपने हाथों को अपने चेहरे से दूर रखें। ऐसा करने का फायदा यह होगा कि वायरस जो है वह आपके श्वसन तंत्र के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा ।और आपको किसी तरह का संक्रमण का खतरा पैदा नहीं हो पाएगा आप समझ सकते हैं।
- यदि आप धुम्रपान करते हैं तो उसके बाद यह संक्रमण का खतरा काफी अधिक बढ़ा देता है। इसलिए बेहतर यह होगा कि आप सर्दी जुकाम के समय धुम्रपान ना करें। धुम्रपान करने से वायरस के संक्रमण का खतरा काफी अधिक बढ़ जाती है।
- इसके अलावा यदि कोई इंसान सर्दी जुकाम से संक्रमित हो तो आप उसको कुछ समय के लिए अलग कर सकते हैं। जिससे कि संक्रमण फैलने का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
- दरवाज़े की कुण्डी, ड्रॉअर के हैंडल, कीबोर्ड, इलेक्ट्रिक स्विच, टेलीफोन, रिमोट कंट्रोल आदि को यदि कोई संक्रमित इंसान यूज करता है तो उसके बाद इन सभी को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए । ऐसा करने से वायरस का संक्रमण काफी हद तक कम हो जाता है।
- यदि आपके बच्चे को सर्दी जुकाम की समस्या है तो उसके द्धारा उपयोग की जाने वाली चीजों को अच्छी तरह से साफ रखना चाहिए ताकि सर्दी जुकाम दूसरे बच्चे के अंदर ना फैले । हालांकि आपके लिए यह सब करना बहुत ही कठिन हो सकता है।
गाय के गोबर के उपयोग
दोस्तों गाय के गोबर के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। गाय का गोबर काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । खैर गाय के गोबर के बहुत सारे उपयोग होते हैं। और यदि आपको नहीं पता है तो अब हम आपको यहां पर विस्तार से बताने वाले हैं कि गाय के गोबर का महत्व इतना क्यों है ।
कुछ समय पहले ही यह न्यूज आई थी कि कुवैत सरकार गाय का गोबर मंगवा रही है। इसका कारण यह है कि वहां की एक कंपनी ने रिसर्च कर बताया है कि खूजर वैगरह का उत्पादन बढ़ाने के लिए गाय का गोबर काफी फायदेमंद होता है तो इसको भारत से मंगवाया जा रहा है। इसलिए गाय का गोबर सिर्फ भारत के अंदर ही नहीं वरन विदेशों के अंदर भी यह काफी अधिक लोकप्रिय है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं।
गाय के गोबर के उपयोग उपले बनाने मे
दोस्तों गाय के गोबर का सबसे अधिक प्रयोग उपले बनाने मे किया जाता है। आज भी गांव और देहात के अंदर उपले बनाये जाते हैं। उपले आमतौर पर सर्दियों के अंदर जलाने के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और इसकी मदद से पानी आदि को गर्म किया जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। उपले बनाने का तरीका भी बहुत अधिक सरल होता है। सबसे पहले घर के सारे गोबर को एकत्रित कर लिया जाता है और उसके बादपानी से उसको गिला किया जाता है और उपले बनाये जाते हैं।
और उनको छानी के उपर सूखने के लिए रख दिया जाता है। यह एक अच्छा तरीका है गाय के गोबर से उपले बनाने का और जब यह सूख जाते हैं तो इनको एक जगह पर रख दिया जाता है। और गर्मियों के अंदर अच्छी धूप होने की वजह से यह आसानी से सूख जाते हैं और बाद मे इनको जलाने मे काम मे लिया जाता है।
इसके अलावा गांव के लोग कई बार शहरों के अंदर भी उपले बेचने के लिएजाते हैं। शहरों मे सर्दी मे लकड़ी की काफी समस्या होती है तो जलाने के लिए उपले ही काम मे लिये जाते हैं। तो उपलों का पहला प्रयोग यही है।
उपले के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। और यदि आप गांव मे रहते हैं तो फिर उपले को बनाते हुए भी देखते होंगे । और उनका उपयोग भी करते होंगे तो आप इस बात को समझ सकते हैं।
गाय के गोबर से कागज बनाना
दोस्तों गाय के गोबर से कागज भी बनता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।हालांकि गाय के गोबर से कागज को बनाने के लिए कई तरह की मशीनरी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट में गाय के गोबर से पेपर बनाने की विधि इजाद की गई है।आपको बतादें कि गाय के गोबर से एक अच्छी क्वालिटी का कागज तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा इसकी मदद से कैरी बैग को भी तैयार किया जा सकता है जोकि एक प्लास्टिक के कैरी बैग की तुलना मे काफी फायदेमंद होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । 5 लाख से लेकर 25 लाख तक में प्लांट लगाए जा सकते हैं।
और इस प्लांट के अंदर कुछ लोगों को रोजगार भी मिलेगा । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। विजिटेबल डाई बनाने मे गोबर का सबसे अधिक यूज किया जा सकता है। यदि आप इस बिजनेस के अंदर जुड़ना चाहते हैं तो इसके बारे मे सबसे पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें और उसके बाद आप इस बिजनेस के अंदर कदम रख सकते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
गाय के गोबर का उपयोग खाद बनाने मे
दोस्तों आप गोबर की खाद के बारे मे अच्छी तरह से जानते ही हैं । यदि आप खेतों मे गोबर की खाद का उपयोग करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदे का सौदा हो सकता है। क्योंकि गोबर की खाद खेत के अंदर किसी भी तरह का हानिकारक प्रभाव पैदा नहीं करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।आजकल अधिक रसायनिक खाद के उपयोग किये जाने की वजह से जमीन काफी कमजोर होती जा रही है। और इसकी वजह से काफी अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रसायनिक खाद जहरीली होती है जिससे कि दूसरी बीमारियां पैदा होती हैं। यदि आप अपने खेत के अंदर गोबर की खात का उपयोग करते हैं तो फिर यह आपके खेत की जमीन को ताकत देती है और नैचुरल होने की वजह से किसी भी जीव और इंसान के लिए नुकसान का कारण नहीं बनती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
यदि आप गोबर की जैविक खाद का उपयोग करते हैं तो फिर आपके लिए बेहतर होगा । हम सिर्फ आपको इतना बताना चाहते हैं कि आप या तो गोबर से जैविक खाद बना सकते हैं या फिर गोबर को एक कचरे के रूप मे अपने खेत के अंदर डाल सकते हैं। यह जैविक खाद जितना फायदेमंद नहीं है लेकिन उपयोगी होता है।
अब बात आती है कि हम जैविक खाद को किस तरह से बना सकते हैं तो इसके लिए बहुत ही सरल तरीका है। आप सरल तरीके का उपयोग करते हुए जैविक खाद को बना सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
- गाय, भैंस का गोबर
- गोमूत्र
- गुड़
- मिट्टी
- बेकार या सड़े दाल वगैरह
- लकड़ी का बुरादा
इन सभी चीजों को 10 किलो गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, एक किलो चोकर, एक किलो गुड़ मात्रा के अंदर आपस मे अच्छी तरह से मिला लें और एक प्लास्टि के ड्रम के अंदर डाल दें। ध्यान दें ड्रम को छाया के अंदर रखना है और उसके बाद इसके अंदर पानी डालते रहना है। बस फिर क्या है 20 दिन बाद जैविक खाद बनकर तैयार हो जाएगी और अब आप इस खाद का उपयोग अपने खेतों के अंदर कर सकते हैं। इस खाद के अंदर नाइट्रोजन आदि होता है जोकि आपके पौधों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
वैसे आपको बतादें कि गाय के गोबर की खाद बनाने के कई सारे तरीके होते हैं। आप उन तरीकों की मदद से गाय की गोबर की खाद बना सकती हैं। यह आपके लिए काफी फायदेमंद होती है। और कुल मिलाकर आज कई लोग जो जैविक खेती को अधिक महत्व देते हैं वे अपने खेत के अंदर गाय के गोबर की खाद को डालना पसंद करते हैं।
गोबर का उपयोग घरों को लीपने मे
दोस्तों आजकल घरों मे पलस्तर करने के लिए एक से बढ़कर एक सीमेंट मौजूद है। लेकिन एक जमाना हुआ करता था जिस समय भारत के अंदर सारे घरों को गोबर से लिपा जाता था और घर के अंदर कई तरह की गोबर की डिजाइनों को बनाया जाता था। दोस्तों आपको बतादें कि गोबर के मकान आज भी हमारे यहां पर होते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।गोबर को पहले मकानों पर लिपा जाता है और उसके बाद उसके उपर सफेदी चढ़ाई जाती है। हालांकि आजकल गोबर के उपयोग की परम्परा कम हो चुकी है। क्योंकि सीमेंट आ चुका है। और सीमेंट के उपर करने के लिए अलग अलग तरह के कलर आ चुके हैं।मुझे याद है पहले हमारे यहां पर भी कच्चे मकान हुआ करते थे और मेरी मॉम दादी अपने घर को लिपने के लिए गोबर का इस्तेमाल करती थी ।इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि हम गोबर को लिपने के तरीके के बारे मे बात करें तो तरीका बहुत ही सरल होता है। सबसे पहले काफी गोबर को एकत्रित कर लिया जाता है जितनी की जरूरत होती है। और उसके बाद उसके अंदर पानी मिलाया जाता है। उसको पतला किया जाता है और फिर गोबर से लिपाई शूरू हो जाती है। यह करना काफी आसान होता है।
गोबर का उपयोग ईंट बनाने मे
दोस्तों आपको बतादें कि आजकल जो ईंट आती हैं वह माटी की बनी होती हैं। लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि गोबर की भी ईंट बनाई जा सकती हैं। हालांकि यह किस तरह से काम करती हैं। इसके बारे मे जानकारी नहीं है। लेकिन कई जगह पर यह प्रयोग की जा रही हैं। इसकी मदद से मकान को बनाया जा सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यदि आप मकान को बनाने के लिए गोबर की ईंट का प्रयोग करते हैं तो यह सस्ता तो पड़ता ही है। इसके अलावा यह जो है वह गर्मी के मौसम मे काफी ठंडा रहता है।
गोबर से ही वैदिक प्लास्टर (vedic plaster) तैयार करते हैं. यह प्लास्टर सीमेंट की तरह काम करता है. देसी गाय के गोबर में जिप्सम, ग्वारगम, चिकनी मिट्टी, नींबू पाउडर वगैरह मिलाकर इसको बनाया जाता है और यह सिमेंट की तरह ही होता है। जोकि बहुत ही आसानी से दिवार से चिपक सकता है।और इसकी सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि यह अंदर के तापमान को कम करने का काम करता है। जैसे कि बाहर 40 डिग्री का तापमान है तो अंदर 25 डिग्री तक ही रहता है। कई लोग इस तरह के बिजनेस से जुड़े हुए हैं। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
गोबर से बनी एक ईंट का वजन करीब 1.78 किलो तक होता है. इसे बनाने में प्रति ईंट 4 रुपये खर्च आता है. गोबर की ईंट और वैदिक प्लास्टर से बनाए जाने वाले घर का खर्च 10 से 12 रुपये स्क्वायर फिट तक आता है। और आपको बतादें कि कई लोग हैं जोकि इस बिजनेस से जुड़े हुए हैं।और आपको बतादें कि इसके काफी बड़े बड़े प्लांट भी चल रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि गोबर का उपयोग कहां से कहां तक पहुंच गया है।
गोबर की लकड़ी का उपयोग
दोस्तों लकड़ी के बारे मे तो आप जानते ही हैं। पेड़ पौधों की लकड़ी होती है। लेकिन गोबर की भी लकड़ी होती है। और गोबर की लकड़ी का उपयोग खाना बनाने और कई तरह की आग की गतिविधि मे किया जा सकता है। इसके लिए मशीने आती हैं जिसके अंदर डाई लगी होती है।और इस डाई की मदद से आप अलग अलग तरह की लकड़ी को प्राप्त कर सकते हैं। और बनने के बाद आप इनको खूखा कर बेच सकते हैं। यह आपके लिए काफी मुनाफे का सौदा हो सकता है। आज कई लोग ऐसे हैं जोकि गोबर से बनी लकड़ी का बिजनेस करते हैं। गोबर से बनी लकड़ी का फायदा यह है कि यह काफी सस्ती पड़ती है और इसके लिए किसी तरह के पेड़ और पौधों को भी काटने की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
गोबर से बनाई जा सकती है राखी
दोस्तों क्या आपने गोबर से बनी राखी देखी है। यदि नहीं देखी तो आपको बतादें कि रक्षा बंधन पर राखी का महत्व काफी अधिक हो जाता है तो गोबर से राखी बनाई जा सकती है। गोबर से राखी बनाना काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । गोबर की राखी का प्रयोग करने का फायदा यह है कि एक तो यह पूरी तरह से नैचुरल होती है और इससे गोबर का महत्व भी बढ़ता है तो इस तरह से आप समझ सकते हैं कि गोबर का उपयोग राखी बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
गोबर की अगरबत्ती
दोस्तों आप अगरबत्ती का तो इस्तेमाल करते ही हैं। हम कई तरह की अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं। जोकि रासायनिक होने की वजह से काफी नुकसान पहुंचाती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । असल मे गोबर से बनने वाली जो अगरबत्ती होती है वह आपके लिए किसी भी तरह का नुकसान नहीं करती है और आप इसका उपयोग कर सकते हैं। गोबर से बनी अगरबत्ती को आप जला सकते हैं। और यदि आप इनका एक टेस्ट करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। आपको यह अमेजन पर बहुत ही आसानी से मिल जाएंगी तो आप कुछ अगरबत्ती खरीद सकते हैं और उपयोग करके देख सकते हैं कि यह फायदेमंद है या नहीं है।
गोबर गैस का प्लांट
दोस्तों गोबर से गोबर गैस प्लांट भी लगाया जा सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होगा ही क्योंकि एक जमाने के अंदर भारत के अंदर बहुत अधिक गायें पाली जाती थी और उनके गोबर से खाना बनाया जाता था।दोस्तों हमने देखा है कि कई घरों के अंदर गोबर गैस प्लांट हुआ करता था जिसके अंदर गाय का गोबर और पानी मिलाकर डाला जाता था और उसके बाद इससे खाना बनाया जाता था। दोस्तों गोबर गैस प्लांट का उपयोग आज कम हो गया है लेकिन गैस की बढ़ती कीमतें आपको आज काफी महंगी लग रही हैं। और गोबर गैस प्लांट तब उपयोगी होता है जब आपके पास रोजाना 10 किलो तक गोबर होता है। यदि आपके पास अधिक गाय और भैंस हैं तो फिर उनके उपयोग करके गोबर गैस प्लांट बनाया जा सकता है। इसके अंदर गोबर डाला जाता है। इसको सही तरीके से बनाया जाना चाहिए । यदि इसके अंदर लीकेज होगा तो यह ठीक से काम नहीं करेगा तो इसको जानकार व्यक्ति के देख रेख के अंदर बनाया जाना बहुत ही जरूरी होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। गोबर गैस प्लांट का एक पाइप घर के चुल्हे से जुड़ा होता है जहां पर खाना बनाया जाता है और एक पाइप की मदद से उसके अंदर गोबर डाला जाता है।
3-4 पशु होने पर सबसे छोटा 2 क्यूब मीटर का प्लांट बनाया जा सकता है। प्लांट में डालने के लिए हर रोज करीब 50 किलो गोबर की जरूरत होती है। और इसको पूरी तरह से बंद हो जाने के बाद बैक्टिरिया की मदद से मैथेन गैस बनना शूरू हो जाती है। जिसकी मदद से आप खाना पका सकते हैं।
इस तरह से गोबर गैस प्लांट के काफी फायदे हैं एक तो आप इसकी मदद से सस्ती गैस पा सकते हैं और पशु रखने की वजह से आपको दूध आदि भी मिल जाता है। तो गोबर का एक फायदा गोबर गैस प्लांट भी होता है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
गोबर से कीटनाशक बनाएं
दोस्तों गोबर और गोमूत्र से बना हुआ कीटनाशक भी काफी फायदेमंद होता है। वैसे तो बाजार के अंदर कई तरह के कीटनाशक मौजूद हैं लेकिन किसी ना किसी तरह यह हमारे लिए और अन्य जीवों के लिए काफी हानिकारक होते हैं। तो आप गोबर के कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं। यह जैविक प्रयोग होता है। इस वजह से यह किसी भी तरह से हानिकारक नहीं होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन आजकल खुद कोई भी मेहनत नहीं करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमें सब कुछ बना बनाया मिल जाए और मेहनत करनी ही ना पड़ें। इसके चलते बाजारों के अंदर मिलने वाले रासायनिक कीटनाशक को खरीदना अधिक पसंद करते हैं।
गोबर से बायो सीएनजी बनाने का प्लांट
दोस्तों जिस तरह से हमारे घरों के अंदर एलपीजी उपयोग होती है। और उसकी मदद से हम खाना बनाते हैं उसी प्रकार से सीएनजी भी होती है। CNG को बनाने के लिए गोबर और सड़ी गली सब्जी की जरूरत होती है। यह गोबर गैस प्लांट की तरह ही होता है। और इसको बनाने के लिए अलग तरह की मशीने लगानी होती हैं। और कुछ खर्चा करना भी पड़ता है। लेकिन यदि कोई इसकों बिजनेस के तौर पर उपयोग करना चाहता है तो उपयोग कर सकता है। कई लोग सीएनजी के प्लांट लगा रखें और और उनकी बनाई हुई सीएनजी हाथों हाथ बिक जाती है। और सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि इससे कचरे का भी निवारण होता है तो गोबर से आप सीएजनी भी बना सकते हैं गोबर का यह भी एक बड़ा फायदा है। और इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
गाय के गोबर से बनने वाले दीये
दोस्तों आपको पता होना चाहिए कि गाय के गोबर से दीये भी बनाये जा सकते हैं। वैसे तो दीये मिट्टी के बने होते हैं। लेकिन गाय के गोबर से बने दिये काफी फायदेमंद होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
मिट्टी के बने दिये मिट्टी के अंदर आसानी से गलते नहीं हैं।लेकिन यह दिये एक तरह से खाद का भी काम करते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।वैसे तो दीपावली पर आजकल दियों का चलन काफी कम हो गया है और लोग बाग कई तरह की लाइटों का प्रयोग करने लगे हैं। बस दीये सिर्फ नाम के ही रह गए हैं। लेकिन गोबर के बने दीयों के अपने फायदे होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।लेमन ग्रास और मिंट आदि ऑयल का इन दियों के अंदर इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से इनकी मदद से आप अपने घर के अंदर मच्छर भी भगा सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
इसके अलावा यह आपके घर के अंदर काफी शानदार खूशबू भी देते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए तो आप समझ सकते हैं कि गोबर से बने दिये कितने फायदेमंद होते हैं।
गोबर से बनी मूर्तियां
दोस्तों गोबर से बनने वाली कई तरह की मूर्तियां भी होती हैं। हालांकि यह व्यवसाय उतना अधिक नहीं फैला है। क्योंकि गोबर से बनी मूर्ति काफी कमजोर होती हैं और आसानी से टूट जाती है। लेकिन अक्सर गणेश चतुर्थी को गणेश जी की गोबर की मूर्ति बनाई जाती है। इसके अलावा आपने देखा होगा कि जब करवां चौथ का व्रत होता है तो उस समय भी महिलाएं गोबर की एक मूर्ति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं। इस तरह से आप समझ सकते हैं कि गोबर का उपयोग मूर्तियों को बनाने मे भी किया जाता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
गोबर से बने गमले
वैसे तो आपको सिमेंट से बने और प्लस्टिक के गमले आसानी से मिल जाएंगे । लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि गाय के गोबर की मदद से भी गमले बनाये जा सकते हैं। और एक तो यह गाय के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। और दूसरा यह किसी प्लास्टिक की तरह हानि पैदा करने वाले नहीं होते हैं। आपके पौधों को इन गमलों के अंदर किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है। वरन जब आप अपने पौधों को इन गमलों से बाहर निकाल लें तो उसके बाद आप इनको अपने खेत के अंदर खाद के रूप मे प्रयोग कर सकते हैं। इस तरह से गोबर से बनने वाले गमलों के दो दो फायदे होते हैं। आजकल कई लोग गोबर से बने गमलों का प्रयोग अपने घरों के अंदर कर रहे हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
गोबर के नुकसान
दोस्तों वैसे तो गोबर के कोई भी नुकसान नहीं है। यदि आप सही तरीके से गोबर का उपयोग करते हैं तो फिर आप उससे काफी सारा फायदा उठा कसते हैं। आजकल क्या है कि कई लोग डेरी फार्म चलाते हैं तो वहां पर कई सारी गायें रहती हैं।उन गायों का गोबर भी काफी अधिक होता है।
यदि उस गोबर का सही ढंग से निस्तारण नहीं किया जाता है तो उसके बाद वह समस्या पैदा करता है क्योंकि गोबर की वजह से मैथेन गैस बनती हैं और उसके बाद यह वातावरण को दूषित करती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हालांकि इस गोबर को एक खाद के रूप मे प्रयोग किया जा सकता है।
गांव के अंदर तो गोबर आसानी से खाद के रूप मे बिक जाता है। लेकिन शहर मे गोबर बिकता नहीं है। जिसकी वजह से काफी समस्या होती है। और उपले वैगरह कोई नहीं बनाता है। तब यह दूषित हो जाता है। इस तरह से यदि गोबर का सही तरह से उपयोग किया जाए और किसान इसका खेतों के अंदर उपयोग करें तो यह काफी फायदा दे सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । हमारे घर के अंदर कई सारी गायें हैं। और हम सारे गोबर को एक स्थान पर एकत्रित करते हैं। कुछ गोबर के उपले बना लेते हैं जिनको जलाने के लिए हम उपयोग कर लेते हैं तो कुछ के हम ऐसे ही डाल देते हैं। उसका उपयोग हम खाद के रूप मे करते हैं। यह गोबर सूखने पर एक तरह की खाद बन जाता है और उसके बाद आप इसको अपने खेत मे डाल सकते हैं। यह किसी भी तरह की समस्या पैदा नहीं करेगा ।
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