आइए जानते हैं हनुमान जी को बुलाने का मंत्र hanuman ji ko bulane ka mantra के बारे मे।हनुमानजी का जन्म भगवान राम की सहायता के लिए हुआ था और वे भगवान शिव के अवतार कहे जाते हैं। हनुमाजी माता जानकी के बेहद प्रिय हैं। और उन्होंने रामायण के अंदर अनेक प्रकार के पराक्रम दिखाए थे । कुछ ज्योतिषियों के अनुसार हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले तथा लोकमान्यता के अनुसार त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था। और झारखंड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम एक छोटे से गांव के अंदर हुआ था।
इनको बजरंगबलि के नाम से जाना जाता है। क्योंकि उनका शरीर वज्र का था और पवन देवता के पालने की वजह से वायु पुत्र भी कहा जाता है। आज पूरी दुनिया के अंदर हनुमाजी के लाखों करोड़ो भक्त हैं ।
हनुमानजी के बारे मे एक दिलचस्प कहानी प्रचलित है कि एक बार उनकी माता फल लाने के लिए उनको कुटिया के अंदर छोड़कर चली गई।जब बालक हनुमान को भूख लगी तो वे उगते हुए सुर्य को पकड़ने के लिए हवा मे दौड़ पड़े और सूर्य देव ने उनको बालक समझा । जिस समय हनुमाजी ने सूर्य को पकड़ने की कोशिश की उसी समय राहू सूर्य के उपर ग्रहण लगाना चाहता था तो राहु को हनुमाजी ने स्पर्श किया तो वह भाग खड़ा हुआ और इंद्रके पास जाकर बोला कि उसे अपनी क्षुधा को शांत करने के लिए सूर्य और चंद्र दिया था। लेकिन आज तो कोई दूसरा ही राहू सूर्य को पकड़ने के लिए आ रहा है।
उसके बाद जैसे ही राहू को हनुमानजी ने देखा तो वे राहू कि ओर लपके तब राहू ने इंद्र को पुकारा । इंद्र ने हनुमानजी के उपर वज्र से परहार किया । जिससे हनुमानजी नीचे गिर गए ।उसके बाद उनका एक पैर टूट गया । इससे वायु देव को क्रोध आया और फिर उन्होंने अपनी पवन को रोक दिया ।
उसके बाद सब लोकों मे सुर, असुर, यक्ष, किन्नर आदि ब्रह्मा के पास गए तो ब्रह्मा उनको लेकर वायु देव के पास गए । फिर वायु देव के पुत्र को जीवित किया और वरदान दिया कि इसके शरीर का वज्र भी कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा । ब्रह्रमाजी ने ने कहा कि कोई भी शस्त्र इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा । इसके अलावा यमदेव ने हनुमाजी को निरोग रहने का आर्शीवाद दिया था।
आपको बतादें कि भगवान हनुमाजी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है।वे आज भी हिमालय के जंगलों के अंदर रहते हैं और ऐसा माना जाता है कि वे समय समय पर अपने भक्तों की सहायता भी करते रहते हैं । मंत्रों के अंदर इतनी शक्ति होती है कि कि आप हनुमाजी को आसानी से महसूस कर सकते हैं। हालांकि हर बार मंत्र जपने की जरूरी नहीं होता है कुछ लोग तो यहां तक दावा करते हैं कि वे हनुमाजी को देख चुके हैं।
यह बात है 3 march 2020 की शाम की । मेरे ससुर हैं वे काफी अधिक हनुमाजी की भक्ति करते हैं और वे उनको बहुत अधिक मानते ही हैं। उनको कोई गांठ वैगरह की समस्या थी तो एक दिन शाम को उन्होंने देखा कि हनुमाजी उनके घर आ रहे हैं और उनके हाथ में एक घोठा है। वे उनको एक छोटे बालक के रूप मे दिखाई दिये थे ।
उस समय मेरी पत्नी भी वहीं पर गई हुई थी ।और उसने मुझे बताया कि उनके पिता के साथ ऐसा कई बार होता है। हालांकि मुझे नहीं मालूम कि घर के किसी और सदस्य के साथ ऐसा क्यों नहीं होता है ? इनकी तरह बहुत से और भी लोग होते हैं ,जिनके बारे मे यह दावा किया जाता है कि हनुमाजी ने उनको साक्षात दर्शन दिया था।
इस तरह से हम यह कहना चाहते हैं कि यदि आपको हनुमानजी के सहज और सरल दर्शन चाहिए तो आपको उनका भक्त बनना होगा । और यदि आप उनकी भक्ति करेंगे तो वे आपको अपने आप ही दर्शन देंगे आपको किसी मंत्र के जाप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
Table of Contents
1.हनुमान जी को बुलाने का मंत्र hanuman ji ko bulane ka mantra
दोस्तों वैसे तो हनुमाजी को बुलाने के बहुत सारे मंत्र हैं।नीचे हम हनुमाजी को बुलाने का एक मंत्र दे रहे हैं। इस मंत्र को जाप करने से आपके सामने हनुमानजी प्रकट होंगे । यह बहुत ही पुराना मंत्र है। लेकिन इस मंत्र को आपको किसी भी एकांत स्थान के उपर बैठकर अधिक से अधिक जपना है। लेकिन आपको यह ध्यान रखना है।कि आपके दिल मे हनुमानजी होने चाहिएं । यदि आप हनुमानजी को चाहते हैं तो आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं।
कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु , निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु।।
पिदुरु पर्वत के आस पास रहने वाले आदिवासियों को हनुमानजी ने यह मंत्र दिया था और कहा जाता है कि जब रामजी ने समाधी लेली थी तो हनुमानजी जंगलों के अंदर आकर रहने लगे । यहां पर आदिवासियों ने उनकी सेवा की थी। उनकी सेवा से प्रसन्न होने के बाद हनुमानजी ने उनको यह मंत्र दिया था। और कहा था कि यदि कोई दिल से इस मंत्र का जाप करेगा तो मैं अवश्य ही उसके सामने प्रकट हो जाउंगा । इस मंत्र का प्रयोग यदि आप गलत तरीके से करते हैं तो फिर आपको हानि उठानी पड़ सकती है।
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2.hanuman ji ko bulane ka upay
इस प्रयोग को करने के लिए आपको सबसे पहले किसी भी उजाड़ के अंदर एक कुंआ देखना होगा । आप एक खंडर कुआ का प्रयोग कर सकते हैं। वहां की रेत के अंदर लाल सिंदूर मिलाकर एक हनुमानजी की मूर्ति बना लेनी है। उसके बाद इसके उपर चोला चढ़ाएं और वहीं पर बैठकर नीचे दिये गए मंत्र का जाप करें।आपको रोजाना 1 माला 21 दिन तक जाप करनी है। और उसके बाद हनुमानजी आपको दर्शन देंगे तो उनसे तीन वचन मांग सकते हैं। या फिर आकाशवाणी भी हो सकती है। यह निर्भर करता है आपके तपोबल पर ।
ओम नमो देव लोक दिविख्या देवी |
जहाँ बसे इस्माईल योगी | छप्पन भैरों | हनुमन्त वीर |
भूत प्रेत दैत्य को मार भगावे |
पराई माया ल्यावे |
लाडू पेड़ा बर्फी सेब सिंघाड़ा पाक बताशा |
मिश्री घेवर बालूसाई लोंग डोडा इलायची |
दाना
तेल देवी काली के ऊपर |
हनुमन्त गाजै |
एती वस्तु में चाहि लाव |
न लावे तो तैंतीस कोटि देवता लावें |
मिरची जावित्री जायफल हरड़े जंगी – हरड़े
बादाम छुहारा मुफरे |
रामवीर तो बतावें बस्ती |
लक्ष्मण वीर पकडावे हाथ |
भूत प्रेत के चलावें हाथ |
हनुमन्त वीर को सब कोऊ गाव |
सौ कोसां का बस्ता लावे |
न लावे तो एक लाख अस्सी हजार वीर |
पैगम्बर लावे |
शब्द साँचा |
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा |
3.हनुमान जी को बुलाने का शाबर मंत्र hanuman ji ko bulane ka tarika
आपको यह प्रयोग शनिवार या मंगलवार को ही करना होगा ।सबसे पहले हनुमानजी को ,लंगोट ,चोला , जनेउ ,खड़ाउ और लडडू और ध्वज चढ़ाएं ।हर मंगलवार को व्रत रखना है और लाल वस्त्र को धारण करने के बाद 10 माला रोजाना 3 महिने तक करें और गुड़ व चने का वितरण करें । उसके बाद हनुमानजी अवश्य ही दर्शन देंगे ।
ओम हनुमान पहलवान
वर्ष बारहा का जवान |
हाथ में लडडू मुख में पान |
आओ आओ बाबा हनुमान |
न आओ तो दुहाई महादेव गौरा पार्वती की |
शब्द साँचा |
पिंड काँचा |
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा |
4.सरल हनुमान जी को बुलाने का मंत्र
दोस्तों इस मंत्र के प्रयोग से भी आप हनुमाजी को बुला सकते हैं। यह हनुमानजी को बुलाने का मंत्र काफी सरल है।
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्
आपको शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को इस मंत्र का जाप आरम्भ करना होगा और आपको चित्रपट लगाकर लाल आसन के उपर आपको बैठ जाना है।और देसी घी का दीप जलाएं ।और आपको मूंगे कि माला से 11 माला 40 दिन तक जाप करना है।
5.हनुमानजी को सुरक्षा के लिए बुलाना
इस मंत्र का प्रयोग आपको तभी करना चाहिए जब आप किसी बहुत अधिक विषम परिस्थिति के अंदर फंस गए हो ।जैसे आप किसी जंगल के अंदर जंगली जानवरों के बीच फंस गए हैं तो आप यह मंत्र प्रयोग कर सकते हैं। इस मंत्र को बस एक बार ही बोलना होता है। ऐसा करने से हनुमानजी रक्षा करने के लिए आते हैं।
ओम हन हन पच पच ब्लूम वज वज हनुमत प्रत्यक्षम फट स्वाहा
मंगलवार के दिन आपको मात्र एक माला रक्तचंदन की जाप हनुमानजी के मंदिर के अंदर जाकर करनी है। उसके बाद हनुमानजी को दंडवत होकर प्रणाम करें और घर आते समय किससे बात ना करें ।
6.हनुमाजी का स्वप्न मे दर्शन
इस मंत्र का प्रयोग करने से पहले आपको किसी लाल चंदन के उपर हनुमानजी की मूर्ति खुदवानी होगी और उसके बाद उसकी प्राणप्रतिष्ठा करवाएं । उसके बाद मूर्ति पर चंदन ,बेलपत्र ,चंदन और गुड़ रखें । रात के समय घी का दीपक जलाकर सामने दिया गया मंत्र 1100 बार जाप करना है। साधना काल के अंदर पवित्र रहने की बहुत अधिक आवश्यकता है। इसके अलावा साधना पवित्र स्थान पर करें और लाल वस्त्र पहन कर ही साधना करें और रोजाना नए प्रसाद आपको चढ़ाएं । इस प्रकार से आपको 21 दिन तक साधना करनी होगी । बस उसके बाद आपको हनुमानजी दर्शन देने के लिए आएंगे ।
ओम नमो हनुमंताय आवेशय , आवेशय स्वाहा ।।
7.हनुमान का मंत्र
इस क्रिया को आपको लगातार 5 मंगलवार करना होगा । इस मंत्र का आपको 5 दिन तक जाप करना होगा और हनुमानजी की मूर्ति के सामने बैठकर ही आपको मंत्र जाप करना है।काला कपड़ा आपको पहनना है। और इस मंत्र जाप के दौरान आपको शुद्व रहना है और शाकहारी भोजन करना होगा । यह मंत्र प्रयोग होने के बाद आपको हनुमानजी अवश्य ही दर्शन देकर क्रपा प्रदान करेंगे ।
हनुमान जाग किलकारी मार तू
हुंकारे राम काज सँवारे ओढ़ सिंदूर सीता
मैया का तू प्रहरी राम द्वारे
मैं बुलाऊँ , तु अब आ
राम गीत तु गाता आ
नहीं आये तो हनुमाना
श्री राम जी ओर सीता मैया कि दुहाई
शब्द साँचा
पिंड कांचा
फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा
8.हनुमानजी का पूजा पाठ
दोस्तों यदि आप किसी मंत्र का जाप नहीं करना चाहते हो तो आप हनुमानजी की पूजा कर सकते हो । आप यदि उनके भक्त हो और उनकी अच्छे से पूजा करते हो तो आप उनके दर्शन पा सकते हो । इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है । रोजाना हनुमानजी की मूर्ति के आगे दीपक जलाना है और हनुमान चालिसा का पाठ करना होता है।और मन ही मन यह कामना करते रहें कि हे हनुमानजी आप दर्शनदें । ऐसा करने से वे आपको अवश्य ही दर्शन देने की क्रपा प्रदान करेंगे ।
9.हनुमानजी को बुलाने का तरीका
दोस्तों वैसे तो हमने आपको हनुमानजी को बुलाने के कई तरीके उपर बता चुके हैं लेकिन यहां पर एक तरीका और बता रहे हैं जो हनुमानजी के बुलाने के लिए आप प्रयोग मे ले सकते हैं।आपको अपने घर के अंदर किसी ऐसे कक्ष को चुनना होगा जहां पर कोई आता जाता ना हो और किसी प्रकार का शोरशराबा ना हो । इस कमरे को आपको अच्छे से साफ करना होगा और इसमे आपको गंगाजल और गोमूत्र डालकर पवित्र कर लेना है। अब कमरे की पूर्व दिसा के अंदर एक चौकी बिछाएं और उसके उपर एक केसरिया रंग का कपड़ा बिछाना होगा और उसके उपर हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना करनी होगी ।ईषाण कोंण के अंदर लौटे मे पानी भरकर रखें उसके बाद लौटे के उपर एक नारियल रखें जिसके चारो ओर लाल कपड़ा बंधा हुआ हो ।और खुद केसरिया वस्त्र धारण करके बैठ जाएं ।अब सबसे पहले आपको दीपक को जलाना होगा और हाथ मे जल लेकर बोलना होगा ।
हमे परमेश्वर मैं अपना नाम बोलें और अपना गोत्र बोलें आपकी क्रपा प्रदान करें मैं हनुमानजी का यह मंत्र सिद्व कर रहा हूं ।सफल होने का आशीर्वाद प्रदान करें ।ॐ श्री विष्णवे नमः मंत्र को हाथ को जमीन से स्पर्श करते हुए बोलें उसके बाद अब अपने दाएं हाथ मे गोमुखी मे लेकर रूद्राक्ष की एक माला का गुरू के नाम की जाप करें । और एक माला गणेश के नाम की जाप करें ।उसके बाद एक माला राम नाम की जाप करें ।
उसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार आपको जप की संख्या को निर्धारित करना होगा ।एक बार संख्या निर्धारित करने के बाद बदले नहीं । आपको यह प्रयोग 41 दिन तक ही करना होगा ।इन 41 दिन तक चौकी को वैसे ही रखना है।साधना पूर्ण होने पर नारियल,सिन्दूर को कुछ दक्षिणा के साथ हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाका आपको आ जाना है।
आपको साधना काल के अंदर हर मंगलवार को हनुमानजी को चोला चढ़ाना होगा ।और मंगलवार के दिन हनुमान चालिसा का पाठ अवश्य ही करना चाहिए ।एक डिब्बी के अंदर हनुमानजी के चरणों के अंदर सिंदूर लाकर रखदेना होगा ।उसको आपको रोजाना तिलक भी करना होगा ।
हनुमानी जो बुलाने का सरल मंत्र
दोस्तों यदि आप हनुमानजी को बुलाना चाहते हैं तो हम आपको सरल मंत्र बता रहे हैं। कहा जाता है कि हनुमानजी ने कुछ आदिवासियों को इस प्रकार का मंत्र दिया था । और इस मंत्र को यदि आप पूरी श्रद्धा से जाप करते हैं तो उसके बाद हनुमानजी प्रकट हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।लेकिन यदि आप मंत्र का जाप कर रहे हैं तो उसके बाद आपको पूरी तरह से शुद्ध रहना होगा और किसी भी प्रकार की बुराई नहीं करनी होगी ।नहीं तो यह मंत्र काम नहीं करेगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु,निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु
शरीर रक्षा के लिए हनुमानजी का साबर मंत्र
दोस्तों यदि आप शरीर रक्षा के लिए हनुमानजी के शाबर मंत्र का प्रयोग करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। सबसे पहले आपको इन मंत्र का प्रयोग करके इनको सिद्ध करना होता है। उसके बाद ही आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने गुरू से परामर्श करना होगा और उसके बाद आपके गुरू आपको जो निर्देश देते हैं आपको उसका पालन करना होगा । उसके बाद ही आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं। नहीं तो आपको किस तरह का कोई भी फायदा नहीं होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
ओम गुरुजी को आदेश गुरजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचा स्फुरो मन्त्र ईश्वर वाचा ।
इस मंत्र को 7 बार पढ़कर अपने चारों और चाकू से लाइन आपको खींच लेना होगा । बस आपको इतना ही करना है। ऐसा करने से हनुमानजी खुद आपकी रक्षा करेंगे । यह प्रयोग आप कर सकते हैं। और यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
हनुमानजी का दूसरा मंत्र
बिस्तर के आस-पास।
हवेली के आस-पास।
छप्पन सौ यादव।
लंका-सी कोट,
समुद्र-सी खाई।
राजा रामचंद्र की दुहाई।
दोस्तों आपको बतादें कि इस मंत्र का प्रयोग करने से पहले आपको अच्छी तरह से सिद्ध कर लेना चाहिए ।यदि आप मंत्र को सिद्ध नहीं करते हैं तो उसके बाद यह काम नहीं करेगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आप इस मंत्र को सिद्ध करने के तरीके के बारे मे जानना चाहते हैं तो आपको अपने गुरू से संपर्क करना होगा । और आपका गुरू आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
हनुमानजी का रक्षा मंत्र
दोस्तों यह एक प्रकार का रक्षा मंत्र होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । शरीर की रक्षा करने के लिए यह काम करता है और आपको साधनाओं वैगरह के दौरान काफी उपयोगी साबित होता है। लेकिन प्रयोग करने से पहले आपको इसको सिद्ध करना होता है। यदि आपको सिद्ध करने के तरीके के बारे मे जानकारी नहीं है तो फिर आपको एक बार अपने गुरू से संपर्क करना चाहिए और आपका गुरू आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।
ॐ नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
हनुमान जंजीरा मंत्र । Hanuman janjeera mantra
यह काफी उपयोगी मंत्र होता है और इस मंत्र का उपयोग करने से पहले आपको इस मंत्र को सिद्ध करना होता है। उसके बाद ही आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए । नहीं तो यह काम नहीं करेगा । यदि आप इस मंत्र का रोजाना 1 माला जाप करते हैं तो यह मंत्र 41 दिन के अंदर सिद्ध हो जाता है।
- सात्विक होकर ही आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए ।
- यदि आप यह मंत्र जाप कर रहे हैं तो आपको गुरू से परामर्श करना चाहिए ।
- मंत्र का जाप करने से पहले इसकी विधि के बारे मे ठीक से जान लेना चाहिए ।
- यदि आप इस मंत्र का किसी गलत उदेश्य के तहत जाप करते हैं तो इससे नुकसान हो सकता है।
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान ।
बरस बारह का जबान ।।
हाथ में लड्डू मुख में पान ।
खेल खेल गढ़ लंका के चौगान ।।
अंजनी का पूत , राम का दूत ।
छिन में कीलौ , नौ खंड का भूत ।।
जाग जाग हड़मान हुंकाला ।
ताती लोहा लंकाला ।।
शीश जटा डग डेरू उमर गाजे ।
वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला ।।
आगे अर्जुन पीछे भीम ।
चोर नार चंपे ने सींण ।।
अजरा झरे भरया भरे ।
ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचन्द्र जी लक्ष्मण कुवँर हड़मान करें।
हनुमानजी की साधना और एक्सपिरियंस
दोस्तों हनुमानजी को लाखों लोग पूजते हैं। वे काफी चमत्कारी हैं और उनको मैं खुद भी मानता हूं । वे काफी बलशाली और सर्वशक्तिमान हैं। इतना ही नहीं उन्होंने मुझे जीवन दान भी दिया था। आज उन्हीं कि बदौलत मैं आपको सामने लिख पा रहा हूं । वरना कब की मेरी मौत हो कब की हो चुकी होती । बात है तब की जब मैं 4 साल का था। मुझे इस बारे मे कोई याद नहीं है लेकिन घरवाले बताते हैं कि हमारे पड़ोस मुझे मार देना चाहते थे क्योंकि वे सोच रहे थे कि इनके यदि कोई लड़का नहीं होगा तो फिर सारी जमीन और जायदाद हम वसूललेंगे ।
तो उन लोगों ने अपने ही किसी जानकार तांत्रिक को बुलाया और मेरे उपर कोई क्रिया करवाडाली । जिसका परिणाम यह हुआ कि मैं बहुत अधिक बीमार हो गया । बस को यह लगने लगा था कि मेरी मौत हो जाएगी उसके बाद हमारे घर के पितर हैं उन्होंने कहा कि हनुमानजी की पूजा करो । यदि बचा सकता है तो हनुमानजी ही बचा सकते हैं नहीं तो कुछ हो ही नहीं सकता ।तो उसके बाद हनुमानजी ने मुझे जीवनदान दिया । और आज मैं आपको सामने हूं । दोस्तों उसके बाद पितर देवता ने कहा कि बेटा तेरे को हनुमानजी ने ही जीवन दान दिया हैं। मैं तेरे लिए उनके चरणों मे पड़ा और बोला प्रभु रक्षा करो ।
उसके बाद मैं यह जान चुका था कि हनुमानजी बेहद ही ताकतवर हैं और वे मरे हुए इंसान को भी जीवनदान देने की क्षमता रखते हैं।
इसी तरीके से मेरी दादी मां थी । जिनको मौत काफी सालों पहले ही हो चुकी है तो उनके उपर कोई क्रिया करवादी गई थी । जिसकी वजह से वह मर गई । कुछ समय तक मरी हुई रही । उसके बाद हमारे पितर जी ने बोलकर कहा कि जल्दी से जाओ और हनुमानजी की पूजा करो घरवालों ने ऐसा ही किया तब जाकर दादी को दो घंटे बाद होश आया । तो दोस्तों यह तो सिर्फ हमारे घर की कहानियां हैं। यदि आप हर हनुमान भक्त की कहानी को सुनेंगे तो आप चमत्कार देख ही लेंगे । हनुमानजी को हमारे घरवाले और हम सदा से मानते ही आये हैं।
इसी तरीके से हनुमानजी ने हमारी मॉम के गले के अंदर एक गांठ उठी थी तो उसको भी ठीक कर दिया था। असल मे हनुमानजी आज यहां पर इसलिए हैं ताकि वे आमजन की मदद कर सकें ।
हनुमानजी के दर्शन
इतिहास के अंदर भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने हनुमानजी के प्रत्यक्ष दर्शन को प्राप्त किया है। कहा जाता है कि हनुमानजी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। और कई भगतों को हनुमानजी ने दर्शन भी दिये हैं । जिनमे से कुछ के बारे मे हम आपको बता रहे हैं।
अर्जुन और हनुमान
दोस्तों कई ग्रंथों के अंदर यह कथा मिलती है कि एक बार रामेश्वरम के अंदर अर्जुन की मुलाकात हनुमानजी से हुई थी। और वहां पर अर्जुन ने राम नाम का पुल बना देखा तो अर्जुन ने कहा कि वे उस समय होते तो अपनी तीरों से पुल बना सकते थे तो इस पर हनुमानजी ने कहा कि आपके बाणों का बनाया सेतु दो कदम भी झेल नहीं सकता लेकिन अर्जुन ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता यदि ऐसा हो गया तो मैं अग्नि के अंदर परवेश कर जाउंगा ।
उसके बाद अर्जुन ने अपने बाणों से एक पुल बना दिया और जैसे ही हनुमानजी ने उसके उपर पैर रखा वह टूट गया । उसके बाद अर्जुन ने खुद को आग के अंदर प्रवेश करने के की तैयारी करने लगे । लेकिन तभी भगवान क्रष्ण प्रकट हो गए और बोले की राम का नाम लेकर पुल बनाओ । उसके बाद अर्जुन ने ऐसा ही किया । लेकिन अबकि बार पुल नहीं टूटा । उसके बाद हनुमानजी ने कहा कि युद्व के अंत तक वे उनकी रक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं। तभी तो कर्ण के भयंकर अस्त्र ,शस्त्र अर्जुन का कुछ नहीं बिगाड़ सके थे ।
नीम करोली बाबा
नीम करोली बाबा हनुमानजी के परम भक्त हैं और इनके बारे मे यह कहा जाता है कि इनको हनुमानजी साक्षात दर्शन देते हैं।इनका जन्म उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में उनका जन्म 1900 के आसपास हुआ था । और इन्होंने 11 सितंबर 1973 को अपना देह त्याग कर दिया था।इनका आश्रम पहाड़ी इलाके के अंदर बना हुआ है और यहां पर विदेशी लोग ही बहुत अधिक आते हैं।यहीं पर 5 देवी देवताओं के मंदिर मे हनुमानजी का मंदिर भी बना हुआ है। बाबा हनुमानजी के परम भक्त थे और उन्होंने कई जगह पर हनुमानजी के मंदिर भी बनाए थे ।
इसी संबंध मे एक दिलचस्प कहानी का उल्लेख मिलता है। भगवान हनुमानजी के भक्त करोली बाबा को दिव्य शक्तियां प्राप्त थी। और उन्हीं शक्तियों की बदौलत वो चमत्कार करते थे ।1943 की यह घटना कई लोगों के मुंह से सुनी जा सकती है। और इस घटना के अनुसार फतेहगढ के अंदर दो बुजुर्ग दम्पति रहते थे ।एक दिन बाबा अचानक से उनके घर आए और बोले की वे रात को यहां पर रूकना चाहते हैं तो दम्पति बहुत अधिक खुश हुए और बाबा को जो था खिलाया । उसके बाद बाबा वहीं पर कम्बल ओढ कर सो गए ।
उसके बाद बाबा सोये नहीं और रात भर कहराते रहे । बुजुर्ग दम्पति इस वजह से सो नहीं सके । वे यह सोच रहे थे कि पता नहीं बाबा को क्या हो गया । और सुबह जब बाबा उठे तो कम्बल को लपेटते हुए बोले की इसको खोलकर ना देखना और पानी के अंदर बहा देना ।कुछ ही दिनों के अंदर आपका बेटा वापस आ जाएगा ।
उसके बाद बाबा तो चले गए ।और उनका बेटा वापस आया तो उसने एक बेहद ही आश्चर्य जनक बात बताई ।उसने कहा कि एक दिन वह दुश्मन सैनिकों के बीच घिर गया और उसके सारे साथी मारे गए । लेकिन उसको एक भी गोली नहीं लगी । पता नहीं यह कैसे संभव हुआ । उसके बाद उसके माता पिता ने कहा की हनुमानजी के परम भक्त करोली बाबा का यही चमत्कार है।
हनुमानजी ने किया चमत्कार
सूरज प्रसाद जी हनुमानजी के परम भक्त थे ।और वे हमेशा अपने मन के अंदर हनुमानजी का जाप करते थे । उनको हनुमानजी दर्शन दिया करते थे । एक बार जब 1921 के अंदर मे काफी बीमार हो गया और उस समय मे 11 साल का था।मुझे टायफायड हो चुका था और मेरी हालत इतनी अधिक खराब थी कि मेरी घरवालों को यह लग रहा था कि अब मैं कभी बच ही नहीं पाउंगा और एक बार तो मुझे मरा हुआ माना ही जा चुका था।
लेकिन एक दिन बहुत ही विचित्र घटना हुई।मैं खाट के उपर लेटा हुआ था और दीवार की ओर मेरी नजर थी।तभी मैंने देखा कि दीवार पर हनुमानजी प्रकट हुए हैं।उस समय मेरी बहन और पिताजी पास मे ही बैठे थे और मैंने उनको कहा कि मुझे तो सामने दीवार पर हनुमानजी दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन लोगों को वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था।
उसके बाद मैंने देखा कि हनुमानजी मुझे कुड खाने पीने के बारे मे बता रहे हैं। इतनी देर के अंदर वहां पर कई सारी स्त्री आकर एकत्रित हो गई और मुझसे कुछ पूछने लगी लेकिन तब तक हनुमानजी गायब हो चुके थे । इस प्रकार से बहुत बार हमारे जीवन के अंदर कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं । जिनको चमत्कार ही कहा जाएगा।
हनुामानजी ने बचाया जब जीवन
दोस्तों हनुमानजी जीवन देने वाले भी हैं। और सब उनकी क्रपा से ही होता है। एक बार भक्त राधेश्याम रात को एक सुनसान इलाके से अकेला गुजर रहा था। और वैसे तो उसे डर नहीं लगता था लेकिन इस दिन उसके मन मे बहुत अधिक घबराहट हो रही थी।तो उसने हनुमान चालिसा का पाठ करना शूरू कर दिया । आगे उसने देखा कि एक बहुत ही बड़ा जानवर उसकी तरफ आ रहा है। राधेश्याम को लगा कि आज उसका अंतिम दिन है । और वह पीछे की तरफ भागा लेकिन बाद मे देखा तो उसे हनुमानजी खड़े दिखाई दिये और बोले की अब तुमको कहीं पर डरने की जरूरत नहीं है।उसके बाद से उनको कोई भी भूत प्रेत दिखाई नहीं देते हैं ।
हनुमानजी के दर्शन हुए मौत के बाद
जैसा कि हमने एक अन्य लेख के अंदर यह कहा था कि सूक्ष्म जगत बहुत अधिक बड़ा है और वहां पर सारे जीवों की आत्माएं मौजूद हैं जो कि इस धरती के उपर जन्म ले चुकी हैं। हनुमानजी भी सूक्ष्म जगत के अंदर हैं। यदि आपके पास तपोबल है तो आप उनके दर्शन कभी भी कर सकते हैं।लेकिन यदि आपके पास तपोबल नहीं है तो फिर आप उनका सीधे दर्शन नहीं कर सकते हैं ।
इस संबंध मे एक व्यक्ति गढ़वाल जिले के रानाघाट के पास छुंडी गांव की है। यहां के निवासी रुद्रदत्त अचानक से मर गया था और मरने के बाद जब वह वापस जिंदा हुआ तो उसने अपने अनुभव बताए कि उनको हनुमानजी मिले थे और कहा कि उसे हनुमानजी का मंदिर बनाना चाहिए । उसके बाद उसने अपने जीवन काल के अंदर हनुमानजी का मंदिर बनाया था।इसका मतलब यही है कि सूक्ष्म जगत के अंदर सारी चीजें मौजूद होती हैं।
हनुमानजी की साधना के कुछ नियम
दोस्तों जब कोई हनुमानजी की साधना करता है या किसी प्रकार का कोई मंत्र जाप करता है तो उसकी ओर कुछ खतरनाख ताकते आकर्षित होने लगती हैं। जैसे मसान ताकते उसके पास आती हैं। एक यूजर ने हनुमानजी की साधना के बारे मे अपना अनुभव सुानते हुए कहा कि जब उसे साधना करते हुए लगभग 7 दिन हो गए तो एक छोटा बालक उनके पास आया और उसके साथ खेलने लगा । इसके अलावा वह चीजों को भी गायब करने लगा तो संभव है इस प्रकार की ताकते साधना के अंदर आपके समाने आ सकती हैं आपको इनसे डरने की आवश्यकता नहीं है। साधना केवल गुरू के परामर्श से ही करें ।
मंत्र जाप और समय का ध्यान रखना
यदि आप हनुमानजी की साधना कर रहे हैं तो आपको मंत्र जाप की संख्या हर दिन समान रखनी होगी और समय को भी समान रखना होगा । जैसे आपको रोजाना 8 माला दिया गया है तो उतनी ही माला का आपको जाप करना है। उससे कम या अधिक नहीं होना चाहिए ।
ब्रह्मचर्य का पालन करें
दोस्तों साधना काल के अंदर ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा । इस दौरान आप किसी भी स्त्री के साथ संबंध नहीं बना सकते हैं। यदि आप विवाहित हैं तो अपनी पत्नी के साथ भी आप संबंध नहीं बना सकते हैं।
पर स्त्री को हवस की नजर से ना देखें
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे हर स्त्री को हवस भरी नजरों से देखते हैं। यदि आप अपने साधना काल के अंदर ऐसा करते हैं तो आपकी साधना भंग हो सकती है। सभी दूसरी स्त्री को माता और बहन के रूप मे जानें ।
साफ सफाई रखना बेहद ही आवश्यक है
दोस्तों यदि आप हनुमानजी की साधना कर रहे हो तो साफ सफाई रखना बेहद ही आवश्यक होता है। और कमरे के अंदर किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए ।
मन में द्रढ़ संकल्प और हनुमान जी के प्रति आपका समर्पण भाव
कोई भी साधना तभी सफल होती है जब मन के अंदर द्रढ संकल्प हो । यदि आपके अंदर ऐसा है तो आप यह साधना आरम्भ कर सकते हैं। लेकिन सिर्फ परखने के लिए यह साधना ना करें ।
केसरिया वस्त्र धारण करना
हनुमानजी की साधना के अंदर केसरिया वस्त्र का धारण करना चाहिए और इस दौरान अकेले ही सोना चाहिए किसी भी स्त्री के स्पर्श से या किसी पुरूष के स्पर्श से बचना चाहिए ।
हनुमानजी ने किया जिंदा
हम लोगों ने कथाओं के अंदर पढ़ा होगा कि देवताओं ने अनेक लोगों को जिंदा कर दिया जो पहले ही मर चुके थे । यह बात सच होती है। और वास्तव मे ऐसा आज भी हो रहा है। जो लोग हनुमानजी के भगत हैं वे जानते हैं । एक बार मेरी बुआ का बेटा बहुत अधिक बीमार हो गया ।उसको सब जगह पर दिखाया गया ।लेकिन किसी प्रकार का कोई भी फायदा नहीं हुआ । घरवालों को भी अब लगने लगा था कि बेटा तो अब बचेगा ही नहीं । फिर क्या था
किसी ने उनको हनुमानजी के आगे हाथ जोड़ने को कहा तो वे वहां पर भी गए । उसके बाद उसी लड़के ने देखा कि हनुमानजी उनको आर्शीवाद दे रहे हैं और आज का दिन है और उस वक्त का दिन था। अभी तक उस लड़के को एक बीमारी भी नहीं हुई है। कुल मिलाकर यह हनुमानजी का बहुत बड़ा चमत्कार था।आपके आस पास भी इस प्रकार के कई चमत्कार देखने को मिलते हैं।
इस लेख के अंदर हमने हनुमानजी को बुलाने के मंत्र व उपायों के बारे मे विस्तार से चर्चा की है।आप इनमे से कोई भी तरीका यूज मे ले सकते हैं लेकिन कोई तरीका तभी सफल होगा जब आप सच्चे मन से और पूरे मन को एकाग्र होकर काम करेंगे । यदि आप अपने मन को एकाग्र होकर अधिक समय तक नहीं रह पाएंगे तो संभव है हनुमानजी आपके पास ना आएं । लेकिन वे बहुत अधिक दयालू हैं और अपने भक्तों का पूरा ध्यान भी रखते हैं।इतना ही नहीं अपने भक्तों का कष्ट काटने मे भी वे माहिर हैं । कैसा लगा हनुमानजी को बुलाने का मंत्र लेख आपको नीचे कमेंट करके बताना है।
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