हरि शब्द रूप पुल्लिंग hari ke shabd roop sanskrit mein के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। और नीचें इनके बारे मे दिया गया है।हरि शब्द इकारांत पुल्लिंग रूप, हरी शब्द के तृतीया विभक्ति एकवचन और षष्ठी विभक्ति बहुवचन के रूप में ‘न’ के स्थान पर ‘ण’ हो जाता हैं
हरि शब्द रूप पुल्लिंग -hari ke shabd roop sanskrit mein
विभक्ति 1 | एकवचन 2 | द्विवचन 3 | बहुवचन 4 |
प्रथमा | हरिः | हरी | हरयः |
द्वितीया | हरिं | हरी | हरीन् |
तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः |
चतुर्थी | हरये | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
पंचमी | हरेः | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
षष्ठी | हरेः | हर्योः | हरीणां |
सप्तमी | हरौ | हर्योः | हरिषु |
सम्बोधन | हे हरे ! | हे हरी ! | हे हरयः |
दोस्तों जब बात आती है हरि की तो विष्णु भगवान को हरि के नाम से भी जाना जाता है। इसके बारे मे आपको बताने की जरूरत नहीं है। श्री हरि उनको कहा जाता है।और जो भगत लोग होते हैं वे हरि नाम का जाप करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। हरि नाम के जाप करने के अनेक फायदे होते हैं। दोस्तों यह कहा जाता है कि जब हम हरि नाम का जाप करते हैं तो इससे हमें कई तरह के फायदेमिलते हैं। दोस्तों कहा जाता है कि इस दुनिया कें अंदर जो कुछ भी है वह सब कुछ माया है। इसके अंदर रियल मे कुछ भी नहीं है। हालांकि बहुत से लोग इस दुनिया को असली मानते हैं। लेकिन हकीकत इसके उल्टी है आप इस बात को समझ सकते हैं। आपको बतादें कि अधिक पढ़ने लिखने से कोई ज्ञानी नहीं हो जाता है। ऐसे तो रावण भी ज्ञानी था लेकिन उसके काम मूर्खता पूर्ण किया था।
तो इस दुनिया के अंदर वह रावण तो मर गया लेकिन बहुत सारे रावण घूम रहे हैं। वे बड़े बड़े पदों पर बैठें है लेकिन असल मे वे ज्ञानी नहीं हैं। उनसे बड़ा कोई मूर्ख नहीं है। असल मे एक ज्ञानी इंसान की सबसे बड़ी पहचान होती है कि वह सत्य को स्वीकार करता है। लेकिन जो सत्य को स्वीकार नहीं करता है ना ही उसे जानने की कोशिश करता है। और ना ही मानने की कोशिश करता है ऐसा इंसान सब कुछ जानते हुए भी मूर्ख होता है।और जो अपनी ही दुनिया के अंदर रहता है।
खास तौर पर अपने मन की दुनिया के अंदर इस तरह के लोग मरने के बाद दुर्गति को प्राप्त होते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण के बारे मे मैं आपको बता चुका हूं । अमेरिका का राष्ट्रपति अब्राहमलिंकन जिसको हम दुनिया का सबसे सक्सेस इंसान मानते हैं लेकिन वह मरने के बाद अपने कर्मों की वजह से प्रेत बन गया।
इसलिए यदि आप किसी अच्छे इंसान को देखेंगे तो उसका आदर करें । यही हरि का कहना है। किसी इंसान के अधिक पढ़ लेने पर भी वह मूर्ख रहता है उसी प्रकार से कम पढ़ा लिखा इंसान भी ज्ञानी हो सकता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
इस तरह से दोस्तों कर्मों का फल आपको मिलना ही है। इसे कोई भी नहीं रोक सकता है। जो लोग असल मे सत्य के उपर आज हंस रहे हैं। वे सत्य का मजाक बना रहे हैं। एक दिन वही सत्य उनको नीच योनियों के अंदर लेकर जाएगा । और उनका पतन होगा ।
याद रखें आपके पास यहां पर मानव शरीर है तो उसका बेहतर उपयोग कर सकते हैं। दोस्तों राम के बारे मे अक्सर आजकल कोचिंग करने वाले अंट संट बोलते रहते हैं। और उनके विधार्थी सुनते रहते हैं। और असल मे यह वह लोग होते है। जो दिन मे न जाने कितनी बार झूठ बोलते हैं और तो और आजकल एक शराबी भी राम को सही और गलत ठहराने मे लगा हुआ । इस तरह के इंसान राम को सही और गलत ठहराने मे लगे हैं जो खुद अपने गिरेबान के अंदर झांक कर नहीं देखते है। कि वो खुद क्या हैं । लेकिन आपको एक सच बात बतादें कि हरि जो भी हैं उन्होंने जो किया वो सब अच्छा था । असल मे राम पर सवाल उठाने से पहले अपने अंदर की कमियों को दूर करो और उसके बाद बताना की राम क्या थे ।
दोस्तों इस दुनिया के अंदर जो भी पैंगमर आए वे सब सही करके गए हैं। सब ने ज्ञान दिया है फिर चाहे कोई भी हो । लेकिन कहते हैं ना कि जब राक्षस किताबें लिखने लग जाएं और राक्षस ही सब कुछ करने लग जाएं तो वे अपने फायदे के लिए कुछ भी लिखेंगे और ज्ञान देने वाले कुछ भी बताएंगे । यही होता है और ज्ञान
लेने वाले भी उनके जैसे ही हैं। उनको ना राम से मतलब है और ना किसी और से क्योंकि उनके अंदर का राम तो कब का मर चुका है। उनको कैटरीना से मतलब है सलमान से मतलब है सनिलियोनी से मतलब है तो आप उनसे क्या ही उम्मीद कर सकते हैं।
बहुत से लोगों को यह लगता है कि यह देश किधर जा रहा है लेकिन मुझे नहीं लगता है कि यह लगत जा रहा है इस दुनिया के अंदर आज तक कई सारी इंसानी प्रजातियां आ चुकी हैं। समय के साथ सब समाप्त हो जाएंगी । और यह प्रजाति भी समाप्त हो जाएगी । यदि आप गलत करोगे तो गलत भरोगे । इसमे कोई शक नहीं है। यह कोई हिंदु धर्म नहीं कहता है यह अमेरिका के वैज्ञानिक कहते हैं। लाइव बिटमिन लाइव किताब है उसको खोल कर देखलो सब कुछ समय आ जाएगा । लेकिन मैंने पहले ही बताया कि आप इस देश के कोर्ट से बच सकते हैं लेकिन अपने बुरे कर्मों की सजा से आप प्रकृति के दंड से नहीं बच सकते हैं। क्योंकि प्रकृति आपको कोई भी वकील करने का मौका नहीं देती है। यही कारण है कि अब्राह्रम लिंकन जैसे लोग प्रेत योनी को प्राप्त होते हैं और एक साधारण इंसान देव योनी को प्राप्त होते हैं। यह सब कर्मों का ही खेल होता है दोस्त । इसलिए किसी को दुख देकर किसी को पीड़ा देकर अपने मन मे गलत भावों को लेकर गलत जीवन जीकर आप भले ही अपने मन को संतुष्ट करलें कुछ समय के लिए लेकिन आगे काल आपका इंतजार कर रहा है वह समय आने पर आपको उठा लेगा और आपका ह्रस अपने कर्मों के अनुसार होगा । बहुत से लोगों को लगता है कि यहां वह चाहे जो कर सकते हैं लेकिन याद रखें नेचर भी फिर आपके साथ चाहे जो करेगी ।
यदि आपकी द्रष्टी खुली है तो आपको पता चलेगा कि यहां पर कितने प्रेत भटक रहे हैं। तड़प रहे हैं । इसका सबसे बड़ा कारण उनके कर्म हैं। कर्म की सजा जब तक वे नहीं भोग लेते हैं उनको भटकना ही पड़ेगा । यही सच है आपके माने या ना माने से सच नहीं बदल जाता है। यदि खुदा के पास जाना चाहते हैं तो नेक काम करें।
आपने एक सामान्य नियम देखा है जब आप बुरे कर्म करते हैं तो बुरे लोग अपने आप ही आपको पसंद आने लग जाते हैं। और जब आप अच्छे कर्म करते हैं तो आपको अच्छे लोग अपने आप पसंद आते हैं। यदि आप प्रेतों भूतों के जैसे कर्म कर रहे हैं तो मरने के बाद वही बन जाएंगे ।