idam shabd roop इदम् शब्द रूप पुल्लिंग शब्द के रूप इदम् (यह) पुल्लिंग सर्वनाम, इदमादि – इदम् , अस्मद् , युष्मद् , अदस् शब्दो के रूप मे भेद होने के कारण इनको हम अलग अलग लिखते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए नीचे हमने पुल्लिंग शब्द रूप दिये हैं। यदि आपको यह पसंद आता है तो आप कमेंट करके बता सकते हैं।
idam shabd roop पुल्लिंग शब्द के रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | अयम् | इमौ | इमे |
द्वितीया | इमम् | इमौ | इमान् |
तृतीया | अनेन | आभ्याम् | एभिः |
चतुर्थी | अस्मै | आभ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | अस्मात् | आभ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | अस्य | अनयोः | एषाम् |
सप्तमी | अस्मिन् | अनयोः | एषु |
दोस्तों प्राचीन काल की बात है एक गांव के अंदर एक बहुत ही सुंदर महिला रहा करती थी। और उसकी सुंदरता के चर्चे आस पास के राज्य के अंदर फैल गए थे और उस महिला से दूर दूर के धनवान लोग शादी करने के लिए आने लगे लेकिन महिला को कोई भी वर पसंद नहीं आ रहा था। और इसकी वजह से गांव के लोग यह सोच रहे थे कि उसको अपनी सुंदरता का घमंड है। उधर उस महिला के माता पिता भी उसकी जल्दी से जल्दी शादी करने के बारे मे सोच रहे थे लेकिन वे इस बात को लेकर काफी अधिक परेशान थे कि उनकी बेटी किसी भी लड़के को पसंद क्यों नहीं करती है।
इसी तरह से कुछ दिन गुजरते गए और उस महिला की सुंदरता के बारे मे पास के राजा को पता चला तो राजा ने उसके यहां पर आकर उससे विवाह करने की इच्छा जाहिर की लेकिन राजा को भी उस महिला ने मना कर दिया और उसके बाद राजा बहुत अधिक क्रोधिक हो गया और फिर उसने उस महिला को बंदी बनाकर लेकर जाने लगा ।
और राजा ने उसको महल मे लाकर कहा कि वह उससे शादी करले और वह उसे बहुत खुश रखेगा लेकिन उसने फिर राजा को मना कर दिया । तो राजा ने उस महिला को जेल मे डाल दिया । उसके बाद महिला ने कहा कि जल्दी ही उसके राज्य का पतन होने वाला है।
जबकि राजा को उसके कथन पर कोई विश्वास नहीं हुआ और कुछ दिन ठीक ठाक चलता रहा । लेकिन एक दिन राजा को यह सूचना मिली की उसके पास के राज्य ने उसके राज्य पर आक्रमण करने का आदेश देदिया है।
राजा काफी बुरा इंसान था इसकी वजह से वह सही से निर्णय नहीं ले पाया और अंत मे उसके ही सैनिक बागी हो गए और वह युद्ध के अंदर हार गया । और उसके बाद उस राजा को बंदी बना लिया गया । उधर दूसरे देश का राजा आया और वह उस राज्य के अंदर कब्जा करके अपना शासन करने लगा । लेकिन उस महिला को देखकर दूसरे राजा की भी नियत फिसल गई और उसने उससे विवाह करने की इच्छा जाहिर की । लेकिन उसके बाद भी महिला ने उस राजा से विवाह करने के लिए मना कर दिया और कहा कि वह अपना राजकुमार चुन चुकी है और वह जल्दी ही उसे बचाने के लिए आएगा । अब राजा को समझ नहीं आ रहा था कि कौन राजकुमार उसे बचाने के लिए आएगा ।
इस राजा ने भी उस महिला की बात को नजरअंदाज कर दिया । और कुछ दिनों तक यूं ही चलता रहा । यह राजा भी काफी खराब किस्म का था और आम जनता पर बहुत अधिक अत्याचार करता था। एक दिन यही बात पास के दूसरे महान राजा सुकुमार को पता चली । वह खुद एक महान योगी था और उसने अपनी द्रष्टि से देख लिया कि वह योगिनी महिला जो जेल मे बंद है वह महान साधिका है और उससे विवाह करना चाहती है और मन ही मन उसको अपना पति मान चुकी है। और यह भी देख चुकी है कि उसका बंधन सुकुमार के साथ जुड़ा हुआ । तो सबसे पहले राजा सुकुमार ने उस महिला को लाने के लिए पास के राजा से प्रार्थना पत्र भेजा ।
लेकिन इस राज ने उस महिला को छोड़ने से इंकार कर दिया और कहा कि वह खुद इससे शादी करना चाहता है। और उसके बाद भी सुकुमार ने युद्ध को टालने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी राजा ने उस महिला को छोड़ने के लिए साफ साफ इंकार कर दिया ।
उसके बाद सुकुमार ने राजा को युद्ध करने के लिए ललकारा तो वह तैयार हो गया । उसे लग रहा था कि वह युद्ध के अंदर जीत जाएगा । और अपनी विशाल सैना को साथ लेकर रण भूमी के अंदर गया उधर सुकुमार बहुत ही कम सैनिकों के साथ आया था।
यह देखकर मूर्ख राजा हंसने लगा और सुकुमार ने पहले से ही एक चल चल रखी थी और पहले से दुखी उसके मंत्रियों को वह अपनी तरफ मिला चुका था । और यह वादा तय हुआ था कि उनके मंत्री राजा बन जाएंगे और उसके बदल वह उस महिला को देंगे । और उसके बाद सुकुमार के एक ईशारे पर सेनापति ने अपने ही राजा को बंदी बना लिया गया और सुकुमार को देदिया गया । उधर वह महिला अपने पति को पाकर काफी अधिक खुश हो गई । क्योंकि वह इस तरह का इंसान पति के रूप मे पाना चाहती थी जोकि उसके जैसा हो । और उसके अंदर उसके जैसा गुण हो ।
और सुकुमार इसी तरह का राजा था इसके अंदर सारे गुण मौजूद थे । जिसके बाद राजा सुकुमार ने उस महिला से शादी करली और उसके बाद दोनो खुशी खुशी रहने लगे । इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है कि जो इंसान अपने मन के अंदर ठान लेता है वह होकर रहता है। यह एक अलग बात है कि यदि इंसान अपने संकल्प को तोड़ देते हैं तो उसके बाद कुछ भी नहीं होता है आप इस बात को समझ सकते हैं और जो लोग बार बार संकल्प को तोड़ते हैं वे अपने काम के अंदर कभी भी सक्सेस नहीं हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। इसलिए आपको अपने संकल्प को काफी बेहतर बनाना होगा तभी आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
लेकिन हर इंसान के अंदर मजबूत संकल्प को बनाने की क्षमता नहीं होती है आप इस बात को समझ सकते हैं। बस कुछ इंसान ही ऐसे होते हैं जिनके अंदर मजबूत संकल्प की शक्ति होती है। इस तरह की शक्ति हर किसी की हो सकती है बस उसे विकसित करना होता है और इसके अंदर समय लगता है।
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This post was last modified on October 24, 2023