ज्यादा सोचने के नुकसान , jyada sochne se kya hota hai दोस्तों हम इंसान हैं तो हमारे पास सोचने की ताकत होती है। हालांकि जानवरों के पास भी सोचने की ताकत होती है लेकिन उनके पास हमारी तरह सोचने की ताकत नहीं होती है। क्योंकि उनका दिमाग इतना अधिक विकसित नहीं होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । वैसे यदि आप एक सीमा तक सोचते हैं तो ठीक रहता है। लेकिन यदि आप एक सीमा से अधिक सोचने लग जाते हैं तो इसके नुकसान होते हैं हर इंसान के लिए सोचना बहुत ही जरूरी चीज होती है। क्योंकि सोचे बिना कुछ भी काम नहीं होता है। यदि आपको घर से बाहर जाना है और उसके बाद कोई सामान लेकर आना है तो इस तरह के छोटे से काम के लिए भी आपको सोचना पड़ सकता है।
लेकिन यहां तक तो ठीक रहता है। यदि आपको सोचने की जरूरत है तो आप कितना भी सोचे समस्या नहीं होगी । लेकिन आपको सोचने की जरूरत नहीं है उसके बाद भी यदि आप सोचते हैं तो फिर समस्या पैदा करती है। इसकी वजह से आप कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों के शिकार हो सकते हैं।
इसलिए अपनी सोच को कंट्रोल रखना भी जरूरी होता है। आप किस तरह से ज्यादा सोचने से बच सकते हैं इसके बारे मे भी हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं। ताकि आप ज्यादा सोचने से बच सकें । इंसान जब अधिक सोचता है तो कुछ ही दिनों के अंदर इसके दुष्प्रभाव भी नजर आने लगते हैं।
सोचना आमतौर पर दो तरह का होता है। एक होता है पॉजिटिव और दूसरा होता है नगेटिव । आप किस दिशा के अंदर सोचते हैं यह आपकी दिमाग की स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ लोग पॉजिटव रूप से अधिक सोचते हैं तो कुछ लोग नगेटिव रूप से अधिक सोचते हैं। इनके अपने अपने फायदे और नुकसान होते हैं। हम यहां पर दोनो ही तरह से अधिक सोचने के नुकसान के बारे मे चर्चा करने वाले हैं इनके नुकसान भी अलग अलग होते हैं। आप किस दिशा के अंदर अधिक सोचते हैं उसके हिसाब से आपको अलग अलग तरह के नुकसान होते हैं तो आइए जानते हैं ज्यादा सोचने के नुकसान के बारे मे ।
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jyada sochne se kya hota hai पॉजिटिव रूप से ज्यादा सोचने के नुकसान
दोस्तों यदि आप पॉजिटिव रूप से अधिक सोचते हैं तो इसका मतलब यह है कि आप अधिक कल्पनाएं करते हैं। आप इस तरह की कल्पना भी करने लग जाते हैं जिसका कोई भी आधार नहीं है। एक तरह से देखा जाए तो आप बस सोच के अंदर ही व्यस्थ रहते हैं। पॉजिटिव रूप से अधिक सोचना आपके लिए कोई अधिक शारीरिक नुकसान तो नहीं करता है लेकिन यह आपके लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं इसके कुछ नुकसान के बारे मे हम आपको बताने जा रहे हैं।
1.jyada sochne se kya hota hai आप अपने समय को नष्ट कर रहे हैं
दोस्तों अधिक सोचने का जो सबसे बड़ा नुकसान होता है वह होता है कि आप अपने समय को नष्ट कर रहे होते हैं। जैसे कि आप स्कूल के अंदर बैठे हैं और कपोल कल्पना कर रहे हैं तो इससे आप सही तरीके से पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे और आप अपने जरूरी समय को नष्ट कर रहे हैं जोकि आपके लिए सही नहीं होगा आप इस बात को समझ सकते हैं। इसलिए अधिक सोचना फायदेमंद नहीं होता है। आपको अपने समय का जो सदुपयोग करना चाहिए आप वह नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से ज्यादा सोचना नुकसानदायी होता है।
अधिक सोचने मे आप रोजाना जितना समय बरबाद कर रहे हैं। यदि आप उतना समय जरूरी कामों के अंदर लगाएं तो आप कहीं आगे तक जा सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं। इस वजह से आपको अधिक नहीं सोचना चाहिए । और अधिक सोचने मे अपने समय को बरबाद नहीं करना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसलिए अधिक सोचने मे आपको अपने समय को नष्ट नहीं करना चाहिए यही आपके लिए सही भी होगा ।
2.अधिक सोचने के नुकसान आपको यह दुखी कर सकता है
दोस्तों यदि आप पॉजिटिव रूप से अधिक सोचते हैं तो हो सकता है कि यह एक बार आपको अधिक खुश करदें। लेकिन यदि आपकी लंबी सोच की चीजें यदि नहीं होती हैं तो फिर आपको यह सदैव ही दुखी कर सकता है। आपको उतना ही सोचना चाहिए जितना आप कर सकते हैं या जितना की होना संभव है यदि आप सोच के मामले मे इससे भी आगे जाते हैं तो फिर नुकसान होगा और यह आपको दुखी कर देगा । जैसे कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि विदेश जाकर वे लाखों कमा लेंगे लेकिन जब वे विदेश जाते हैं तो उनको पता चलता है कि उनकी सैलरी बहुत कम है तो उसके बाद वे काफी उदास रहने लग जाते हैं।
वैसे लिमिट के अंदर सोचना अच्छी बात है। इसी प्रकार से कुछ लोग इस तरह से सोचते हैं कि उनकी पत्नी काफी सुंदर होगी और वे उसके साथ यह करेंगे वह करेंगे । लेकिन यदि किसी वजह से उनकी शादी किसी बदसूरत लड़की से जाती है तो उसके बाद क्या होगा ?
इन लोगों ने जो बड़े बड़े सपने देखे थे वे सारे सपने चकना चूर हो जाएंगे आप बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसी प्रकार से हम यह सोचते हैं कि हम अपने जीवन के अंदर घर गाड़ी और सब कुछ महंगी चीजें करेंगे बचपन मे ही यही सोच होती है। और यह सोच यदि पूरी नहीं होती है तो हम दुखी होते हैं।
इस संबंध मे एक पूरानी कहावत है कि इंसान को उतने ही पैर पसारने चाहिए जितनी रजाई हो यदि पैरा रजाई से बाहर निकल जाते हैं तो फिर ठंड लग सकती है। सोच के मामले मे भी यही बात लागू होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
3. bahut jyada sochne se kya hota hai ज्यादा सोचना आपके एकाग्रता मे कमी करदेता है
दोस्तों यदि आप पॉजिटिवली रूप से अधिक सोचते हैं तो यह आपकी एकाग्रता के अंदर भी कमी कर देता है। यदि आप गाडी चला रहे हैं और आपका मन पता नहीं कहां कहां घूम रहा है जहां पर उसको नहीं होना चाहिए वहां पर भी चला जाता है तो उसके बाद आप सही तरीके से गाड़ी चलाने पर फोक्स नहीं कर पाएंगे । आप बात को समझ सकते हैं ऐसी स्थिति के अंदर एक्सीडेंट होने के चांस बहुत अधिक बढ़ जाएंगे आप समझ सकते हैं।
इसी प्रकार से यदि आप पढ़ रहे हैं और आपको अधिक सोचने की आदत है तो फिर आप पढ़ाई पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाएंगे । क्योंकि अधिक सोचने की आदत की वजह से आपकी एकाग्रता खंडित होती रहेगी और इस वजह से आप पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की बजाये ऐसे ही टाइमपास करदेंगे । आप चाहे किसी भी तरह के काम कर रहे हों उसके उपर आप सही तरीके से फोक्स नहीं कर पाएंगे यदि आपको अधिक सोचने की आदत है तो इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
4.अधिक सोचने से आप अपने वर्तमान काम को बिगाड़ सकते हैं
दोस्तों यदि आप अधिक पॉजिटिव रूप से भी सोचते हैं तो इसका असर आपके वर्तमान काम पर पड़ता है। जैसे कि आप दुकान के अंदर बैठे हैं और कस्टमर आपके यहां पर आते हैं तो अधिक सोचने की वजह से आप अपने कस्टमर को ठीक से डील नहीं कर पाते हैं जिससे कि आपको नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं ।
इस कहानी के अनुसार शेखर चिल्ली एक बार शहर गया और वहां पर काम मांगने के लिए गया वहां पर उसे काम मिल गया लेकिन शेखर चिल्ली को बहुत अधिक सोचने की आदत थी। सेठ ने कहा कि दूध से भरा हुआ मटका है इसको किसी दूसरी दुकान पर दे आना है। इसके बदले मैं तुम्हें एक सोने का सिक्का दूंगा । शेखर चिल्ली काफी अधिक खुश हुआ और उस मटके को लेकर चल पड़ा । उसके बाद रस्ते मे सोचने लगा कि इसके बाद मुझे एक सोने का सिक्का मिलेगा । इसी तरह से मैं कई और काम करूंगा जिससे कि मुझे कई सारे सोने के सिक्के मिलेंगे । उसके बाद मैं खुद की एक दुकान खोलूंगा और उसके बाद मैं काफी पैसा वाला हो जाउंगा ।
उसके बाद मैं एक सुंदर सी लड़की से शादी करूंगा और मेरे बच्चे भी हो जाएंगे । वो काफी सुंदर होंगे। फिर अचानक से ठोकर लगी और शेखर चिल्ली जमीन पर गिर गया सारा दूध भिखर चुका था। और शेखर चिल्ली को रोने के अलावा और कुछ भी नहीं सूझ रहा था।
तो दोस्तों आपको बतादें कि कई बार अधिक सोचना भी घाटे का सौदा हो सकता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ भी सकते हैं।
इसलिए यदि आपको भी अधिक कपोल कल्पना करने की आदत है तो आपको उन कपोल कल्पना को करना बंद करना होगा । क्योंकि इस तरह की कल्पनाओं का कोई खास मतलब नहीं होता है ऐसा करने से आप अपने वर्तमान काम को भी ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं।
5.jyada sochne se nuksan नींद आने मे परेशानी होती है
दोस्तों अधिक सोचना आमतौर पर आपकी नींद के अंदर भी परेशानी कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । अब आप यह सोच सकते हैं कि अधिक सोचना किस तरह से नींद मे परेशानी कर सकता है ? तो आपको बतादें कि आप जब कपोल कल्पना के अंदर डूब जाते हैं तो आप बस कल्पनाओं की खुशी को ही महसूस करते हैं।
और आपको नींद पूरी करने जैसा एहसास नहीं होता है। आपको चिंता नहीं होती है कि आप के नींद का समय हो चुका है। ऐसी स्थिति के अंदर यही होगा कि आप ठीक तरह से नींद नहीं ले पाएंगे और इसके कई सारे परिणाम हो सकते हैं। जैसे कि आप बिस्तर पर लेट गए और उसके बाद आप सोचना शूरू कर देते हैं। आप उसके बाद तब तक सोचते रहते हैं जब तक कि आपको जबरदस्ती नींद नहीं आती है। और इस तरह से आप उतने समय नहीं सो पाते हैं जितने समय नींद की आपको जरूरत है।
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि अधिक सोचना आपकी नींद के अंदर भी खलल डाल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं। तो यदि आप भी अपनी अधिक सोचने की आदत से परेशान हैं तो इस आदत को जल्दी से जल्दी छोड़ने का प्रयास करें । उम्मीद करते हैं कि अधिक सोचना किस तरह से नींद के अंदर परेशानी पैदा करती है। आप समझ ही गए होंगे तो आपको अपनी आदत को तोड़ना होगा और कम कल्पना करनी चाहिए ।
6.ज्यादा सोचने के नुकसान नगेटिव रूप से
दोस्तों यदि आप अधिक नगेटिव रूप से सोचते हैं तो इसके सबसे अधिक भयंकर नुकसान होते हैं। और वैसे तो एक सीमा तक नगेटिव रूप से सोचना आपको सजग करता है। लेकिन जब आप अधिक नगेटिव रूप से सोचते हैं तो यह मानसिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव डालता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं। यदि आपको भी अधिक नगेटिव सोचने की आदत है तो आपको अपनी आदत को छोड़ देना चाहिए । यदि आप गहराई से विश्लेषण करेंगे तो आपको पता चलेगा कि नगेटिव रूप से सोचने के काफी भयंकर नुकसान होते हैं।
अधिक सोचने के नुकसान प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान
दोस्तों यदि आप अधिक सोचते हैं तो इसकी वजह से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।प्रतिरक्षा प्रणाली जिसको रोगप्रतिरोधक क्षमता के नाम से भी जाना जाता है। यह आपके शरीर की रोगों से रक्षा करने का काम करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यदि यह कमजोर हो जाती है तो आप बार बार बीमार पड़ते हैं और आपको काफी अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमाल आपने कोरोना काल के अंदर भी देखा होगा । अक्सर जिन लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता अच्छी थी उनको कोरोना ने कुछ भी नहीं बिगाड़ा था लेकिन जिन लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम थी उनका कोरोना ने बहुत ही बुरा हाल किया था। तो आप अधिक सोच कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम ना करें । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
7.अधिक सोचना डिप्रेशन पैदा कर सकता है
दोस्तों यदि आप अधिक नगेटिव सोचते हैं तो इसकी वजह से आपके अंदर डिप्रेशन भी पैदा हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।
जब आप किसी बात को लेकर बैठ जाते हैं तो फिर आपके अंदर डिप्रेशन पैदा हो जाता है। और आपको तो पता ही है कि डिप्रेशन हो जाता है तो फिर इंसान चैन से नहीं बैठ सकता है। और कई बार तो डिप्रेशन की वजह से सुसाइड भी इंसान कर लेता है। आपको पता होना चाहिए कि अधिकतर सुसाइड डिप्रेशन की वजह से ही होते हैं
जब आप अधिक नगेटिव सोचते हैं तो वह सोच आपके दिमाग पर हावी होने लग जाता है। और बाद मे आप डिप्रेशन मे चले जाते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यदि आप एक बार डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं तो उसके बाद आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर आपको डिप्रेशन को कम करने की दवाएं दे सकता है जिससे कि आपको डिप्रेशन कम हो जाएगा ।
8.अधिक सोचने से सिरदर्द हो सकता है
दोस्तों यदि आप अधिक बार नगेटिव सोचते हैं तो इससे आपकी दिमाग की नसों पर अधिक दबाव पड़ता है जिसकी वजह से सिरदर्द हो सकता है। अधिक सोचने की वजह से मुझे भी कई बार सिरदर्द का सामना करना पड़ा है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते है।
यदि आप एक ही एक बात को बार बार सोचते हैं तो आपका सिरदर्द करने लग जाता है और उसके बाद सिरदर्द को कम करने के लिए डॉक्टर के पास जाना होता है। और दवाएं खानी होती है। तो इससे बेहतर यही होगा कि आप अधिक सोचने की अपनी आदत को बंद करें । यही आपके लिए सही होगा और आप बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं
9.अधिक सोचना मूड को खराब करता है
यदि आप नगेटिव रूप से अधिक सोचते हैं तो यह आपके मूड को खराब कर देता है। आप अधिक नगेटिव रूप से सोचते हैं तो आप काफी दुखी हो सकते हैं। और आप किसी भी काम का मजा नहीं ले सकते हैं। इसी लिए तो कहा गया है कि बी पॉजिटिव । मतलब यही है कि इंसान को अधिक नगेटिव नही रहना चाहिए आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जैसे कि एक इंसान बार बार खुद के मर जाने के बारे मे सोचता है तो क्या आप यह उम्मीद कर सकते हैं कि उसका मूड अच्छा रहेगा । उसे किसी भी तरह के माहौल के अंदर छोड़ दिया जाए वह काफी दुखी महसूस करेगा तो आपको अधिक सोचने की आदत को कम करना होगा इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं।
10.अधिक सोचना आपको डरपोक या कायर बना सकता है
दोस्तों कुछ लोग इसी प्रकार के होते हैं कि वे काम करने से पहले ही उसके बाद मे उल्टा सीधा सोचने लग जाते हैं। और इस तरह के लोग कम नहीं हैं बहुत सारे हैं। जैसे कि आप किसी बिजनेस को शूरू करने जा रहे हैं। यदि आप लोगों से सलाह मशवरा करते हैं तो उसके बाद लोग आपको हानि का डर दिखाने लग जाएंगे । इस तरह के लोग कभी भी बिजनेस नहीं कर सकते हैं ।क्योंकि उनके मन मे अधिक सोचने की वजह से एक डर बैठ जाता है और वे बस जीवन के अंदर कभी भी अच्छा पैसा नहीं कमा पाते हैं। यदि आपको भी अधिक सोचने की आदत है तो आपके लिए भी आपके मन के अंदर यह डर पैदा कर देगा ।
यदि एक बार आपके मन के अंदर डर बैठ गया तो उसके बाद आप किसी भी काम को बेहतर ढंग से नहीं कर पायेंगे आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । और यही आपके लिए सही होगा और आप समझ भी सकते हैं। इसलिए अधिक नगेटिव सोचना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इंसान को जीवन के अंदर सक्सेस होने के लिए जोखिम उठाना बहुत ही जरूरी होता है लेकिन आप हार की वजह से कभी भी जोखिम नहीं उठा पाएंगे आप बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
11.यह आपके दिल पर बुरा असर डाल सकता है
दोस्तों यदि आप अधिक सोचते हैं तो इसकी वजह से आपके दिल पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कुछ लोग जब अधिक सोचते हैं तो उनको चिंता होने लग जाती है जिससे कि उसका बीपी बढ़ जाता है और बेहोशी भी हो सकती है। इसलिए अधिक सोचना कई बार आपके लिए काफी अधिक डेंजर हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप बात को समझ भी सकते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि आपके अंदर जो अधिक सोचने की आदत है उसको आपको बंद कर देना चाहिए । इसके लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं।
12.अधिक सोचना आपके पाचन तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है
दोस्तों यदि आप अधिक सोचते हैं तो यह आपके पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जैसे कि आप अधिक सोचते हैं तो आपका भोजन ठीक तरह से नहीं पच पाता है। अधिक सोचने की वजह से शरीर के अंदर कुछ इसी प्रकार की क्रियाएं होती हैं जिसकी वजह से आपका पाचन तंत्र प्रभावित होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप बात को अच्छी तरह से समझ भी सकते हैं तो आपको अपनी अधिक सोचने की आदत का त्याग कर देना चाहिए ।
13.भूख मे कमी कर सकता है
दोस्तों यदि आप किसी बात को लेकर अधिक नगेटिव रूप से सोचते हैं तो यह आपकी भूख को भी कम कर देता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जैसे कि घर के अंदर किसी सदस्य की मौत होने वाली होती है तो हम आगे की सोच मे डूब जाते हैं और तरह तरह की कल्पनाएं करने लग जाते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर आपने भी यह अनुभव किया होगा कि यह भूख के अंदर कमी कर सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । इसी प्रकार से कोई इंसान अधिक बीमार है भले ही बीमारी अलग प्रकार की है लेकिन यदि वह अधिक नगेटिव है तो उसके बाद उसकी भूख भी अपने आप ही कम हो जाएगी ।
और जब आप एक बार सही तरीके से खाना खाना बंद कर देते हैं तो इसके दुष्प्रभाव होने लग जाते हैं। और आप शारीरिक रूप से काफी कमजोर होने लग जाते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं।
इसलिए अपनी अधिक सोचने की आदत का आपको परित्याग करना चाहिए और शांति से रहने की आदत डालनी चाहिए । क्योंकि जो होना है वह तो होकर ही रहेगा । उसे होने से कोई भी रोक नहीं सकता है। लेकिन यदि आप व्यर्थ के अंदर चिंता करेंगे तो कोई भी फायदा नहीं होगा उल्टा आपका ही नुकसान होगा आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को भी समझ सकते हैं।
14.अधिक सोचने से आप अपने आत्मविश्वास को खो सकते हैं
दोस्तों किसी भी काम को करने के लिए यह जरूरी है कि आपके अंदर आत्मविश्वास होना चाहिए । यदि आपके अंदर आत्मविश्वास नहीं है तो उसके बाद आप उस काम को कभी भी ठीक तरह से नहीं कर पाएंगे । लेकिन यदि आप किसी भी काम को लेकर पहले से ही नगेटिव हो जाते हैं तो उसके बाद आपके अंदर आत्मविश्वास तो किसी भी हालत के अंदर बचेगा ही नहीं आप खुद भी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं तो आपको चाहिए कि आप अपने अंदर आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए अपनी जो अधिक सोचने की आदत है उसको कम करें ।
अधिक नगेटिव रूप से सोचने वाला इंसान कभी भी अपने अंदर आत्मविश्वास को नहीं बनाए रख सकता है। इसके बारे मे आपको भी पता होगा और यह चीज आप यदि ध्यान देंगे तो आसानी से अनुभव भी कर सकते हैं।
और किसी भी काम को बेहतर तरीके से करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत ही जरूरी होता है बिना आत्मविश्वास के कुछ नहीं होता है। हाथी के पास बड़ा शरीर होता है लेकिन आत्मविश्वास नहीं होता है।
15.ज्यादा सोचने के नुकसान आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं
दोस्तों जब हम किसी समस्या को लेकर काफी अधिक सोचने लग जाते हैं , तो फिर इसका असर हमारे रिश्तों पर भी देखने को मिल जाता है। असल मे जब हम किसी अधिक सोचने वाली समस्या के अंदर फंस जाते हैं , तो उसके बाद हम रिश्तों पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। और एक तरह से रिश्ते हमसे टूटने लग जाते हैं। तो यह भी एक बड़ा नुकसान होता है। जैसे कि आप अपनी पत्नी पर अधिक ध्यान नहीं दे रहे हैं ,तो आपकी पत्नी आपको कह सकती है , कि आप उसको समय नहीं दे रहे हैं। जिसकी वजह से रिश्तो के अंदर मधुरता गायब हो सकती है।
16.ज्यादा सोचने से इंसान अकेलापन का शिकार हो सकता है
यदि हम ज्यादा सोचने के अन्य नुकसान के बारे मे बात करें , तो आपको बतादें कि अधिक सोचने की वजह से इंसान अकेलेपन का शिकार हो सकता है। आमतौर पर यह देखा गया है , कि अधिक सोचने वाले इंसान हर किसी से मिलना जुलना बंद कर देते हैं। और अकेले ही पड़े पड़े परेशान हो जाते हैं। और इसकी वजह से उनके जीवन के अंदर सब कुछ जो भी आनन्द वैगरह है वह विलुप्त हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
17.एनर्जी लोस होने लग जाता है
यदि हम अधिक सोचने के एक अन्य नुकसान के बारे मे बात करें , तो इसकी वजह से एनर्जी लोस होने लग जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। क्योंकि आप फालतू की चीजों के अंदर अपनी दिमाग की उर्जा को खर्च करने लग जाते हैं। यह इस तरह की चीजें होती हैं , कि उनका रियल मे कोई भी मतलब नहीं होता है। तो हम आपको यही कहना चाहेंगे कि आपको अधिक नहीं सोचना है। यदि आप अधिक सोचेंगे , तो आप फालतू मे अपने शरीर की उर्जा को बरबाद करने वाले हैं।
18.अधिक सोचने से नुकसान खुद पर काबू पाना कठिन हो जाता है
आमतौर पर जो लोग अधिक सोचने के शिकार होते जाते हैं। बाद मे वे खुद पर काबू पाने मे काफी अधिक परेशानी को महसूस करते हैं। आमतौर पर एक बार जब आप खुद को अपने मन के हवाले कर देते हैं , तो फिर मन आपको पता नहीं कहां पर लेकर जाता है , इसकी कोई भी गारंटी नहीं होती है। और आपके लिए मन को काबू करना कठिन हो सकता है। फिर यहां तक कि आप डिप्रेेसन के अंदर जाकर सुसाइड भी कर सकते हैं।
19.अधिक सोचना आपके ब्लडप्रेसर को बढ़ा सकता है
अक्सर जिन मरीजों को अधिक ब्लडप्रेसर की समस्या होती है। उनको तो दिमाग पर बोझ लेना ही नहीं चाहिए । वरना यह बहुत अधिक घातक हो सकता है। इसलिए यदि आप काफी अधिक सोच रहे हैं , तो इससे आपका ब्लड प्रेसर काफी अधिक बढ़ सकता है। तो बेहतर यही होगा कि आपको कम से कम सोचना चाहिए । और परेशानी मे होने पर भी खुद को शांत रखना चाहिए ।
.ज्यादा सोचने की आदत विकसित होने के कारण
दोस्तों अब तक हमने यह जाना की ज्यादा सोचने से क्या क्या नुकसान हो सकता है। अब हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि इंसान के अंदर ज्यादा सोचने की जो प्रवृति होती है वह किस वजह से विकसित हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
क्योंकि हर इंसान के अंदर ज्यादा सोचने की आदत नहीं होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । बस कुछ ही लोग होते हैं जिनके अंदर अधिक सोचने की प्रवृति होती है। इसके बारे मे आपको पता होगा । अब आपके दिमाग के अंदर आता होगा कि यह ज्यादा सोच विकसित कैसे होती है ? तो इसके कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से यह अधिक सोचने की प्रवृति विकसित होती है। तो आइए हम इन सभी कारणों पर प्रकाश डालते हैं।
शारीरिक आकर्षण की वजह से
दोस्तों अक्सर लड़के लड़कियों की बीच शारीरिक आकर्षण होता है जोकि बहुत ही कॉमन बात है आप इसके बारे मे अच्छी तरह से जानते हैं। इस आकर्षण की दहलीज पर जब लकड़े और लड़कियां पहुंचते हैं तो उनके अंदर अपने विपरित लिंगी के लिए सोचने की आदत विकसित होती है। और इसके अंदर उनको काफी अधिक आनन्द आता है जिसके बाद वे इसे करते ही चले जाते हैं और जैसे की कोई लड़का किसी खूबसूरत लड़की को देखता है तो उसके बारे मे सोचता ही चला जाता है। यह जो प्रवति है वह समय के साथ बढ़ती भी चली जाती है। इसी प्रकार से लड़कियों के अंदर होता है। वे किसी के ख्यालों के अंदर खोई रहती हैं।
हालांकि ऐसा नहीं है कि इस तरह की आदत खत्म नहीं होती है। इस तरह की आदत यदि इंसान खत्म करना चाहे तो खत्म भी हो जाती है। लेकिन आपको प्रयास करना होगा बिना प्रयास करें। यह आदते खत्म नहीं हो सकती हैं।
यदि किसी की अपने विपरित लिंगी के बारे मे सोचने की आदत है तो यह लगभग नैचुरली ही होती है। और अचानक से ही विकसित नहीं होती है। इसके अंदर उसे काफी अच्छा महसूस होता है जिसकी वजह से वह सोचता ही चला जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
किसी तरह का मानसिक आघात के विकसित होने की वजह से
दोस्तों कई बार जीवन के अंदर इस तरह की घटनाएं घट जाती हैं जिससे कि हमें काफी अधिक मानसिक आघात लग जाता है। जिसकी वजह से अधिक सोचने की आदत विकसित हो जाती है। जो एक खास किस्म की हो सकती है। जैसे कि किसी महिला के बेटे की मौत हो गई है।तो इसकी वजह से भी उसके अंदर अधिक सोचने की आदत विकसित हो जाएगी इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इस तरह की आदत मे वह इंसान बस अपने बेटे के बारे मे ही सोचता रहेगा । और सारे दिन उसके कार्यों को याद करके या फिर उसको याद करके दुखी होता रहेगा ।
मानसिक आघात के अंदर सिर्फ यह एक चीज ही नहीं आती है। इसके अंदर बहुत सारी चीजें आती हैं जैसे कि किसी के साथ कोई दुर्घटना घट जाए , बाढ़ आना बादल फटना जान माल का नुकसान होना । यह सब चीजें मानसिक आघात दे सकती हैं। जिसकी वजह से इंसान के अंदर अधिक सोचने की आदत विकसित हो सकती है।
इस तरह की जो मानसिक आघात वाली घटनाएं हैं उसके अंदर इंसान की पहले पहले अधिक सोचने की तीव्रता काफी अधिक होती है। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जाता है उसके बाद अधिक सोचने की जो आदत है वह कम होती चली जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
खैर इस तरह की मानसिक आघात वाली जो घटनाएं हैं वह किसी भी इंसान के जीवन के अंदर घटित हो सकती हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके अंदर इनको सहन करने की क्षमता होती है लेकिन कुछ लोगों के अंदर इनको सहन करने की क्षमता नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर उनके अंदर अधिक सोचने की आदत हो जाती है। लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि दर्द को सहन करने वाले लोग काफी कम ही होते हैं। अधिकतर ऐसे लोग होते हैं जोकि जरा सा भी दर्द देने पर काफी परेशान हो जाते हैं। उनके अंदर दर्द को सहन करने की आदत बहुत ही कम होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अधिक खुशी मिलने की वजह से
दोस्तों कई बार अधिक सोचने की जो आदत है वह अधिक खुशी मिलने की वजह से भी हो सकती है। जैसे कि आपकी नौकरी लग गई है तो उसके बाद आपको काफी खुशी होगी । उसके बाद आप रोजाना आगे की प्लानिंग करने लग जाएंगे । और इसके अंदर अपनी सोचने की उर्जा को बरबाद करेंगे ।
वैसे आगे कि प्लानिंग करना कोई बुरा काम नहीं है। लेकिन आप इस तरह की प्लानिंग करने लग जाएंगे कि उसका कोई आधार नहीं है बे सिर पैर की प्लानिंग करने का कोई फायदा भी नहीं होता है। हालांकि इस तरह से अधिक सोचना कोई नुकसानदायी नहीं होता है। और कुछ समय बाद इस तरह की आदत अपने आप ही छूट जाती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
कल्पनाशील होने की दशा मे
दोस्तों कुछ लोग कल्पना अधिक करते हैं। इस तरह के लोगों के अंदर अधिक सोचने की आदत होती है जैसे कि लेखक वैज्ञानिक आदि कुछ इसी किस्म के लोग होते हैं। क्योंकि इनका काम ही इसी तरह का होता है। जैसे कि इनको कुछ नया खोज करना है तो उसके बाद कल्पना तो करनी पड़ेगी ।
एक यही चीज को खोजने के लिए आपको एक तरह की बेकार की कल्पना भी करनी पड़ सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । तो यदि आप वैज्ञानिक लेखक हैं तो आपके अंदर अधिक सोचने की आदत ही होगी आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
हालांकि इस तरह से सोचने मे किसी तरह का नुकसान नहीं है। यदि यह लोग कल्पना नहीं करेंगे तो आज हम जो नई नई चीजों का यूज कर रहे हैं वह किसी भी हालत के अंदर नहीं कर पाएंगे । क्योंकि किसी भी आविष्कार को करने के लिए कल्पना की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। यदि कल्पना शक्ति नहीं होगी तो फिर काफी अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो कभी कभी कल्पना करना भी काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होगा ।
आर्थिक नुकसान होने की वजह से
दोस्तों जो अधिक सोच होती है वह आर्थिक नुकसान होने की वजह से भी विकसित हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको किसी तरह का बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है तो उसके बाद आपके अंदर काफी गलत प्रकार की सोच विकसित हो सकती है। और आप कुछ भी काम करने से पहले काफी अधिक डर जाएंगे । इस तरह से आर्थिक नुकसान भी काफी बड़ा कारण है और इससे व्यक्ति कर्ज के जाल मे फंस सकता है और उसके बाद उसको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कई बार यदि इंसान अधिक कर्ज के बोझ के नीचे दब जाता है तो उसके बाद उसे सुसाइड तक करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता है तो जीवन के अंदर इस तरह की परेशानियां भी अधिक सोच की आदत को विकसित कर सकती हैं।
jyada sochne se kya hota hai ज्यादा सोचने की आदत को कैसे रोंके ।
दोस्तों यदि आपके अंदर ज्यादा सोचने की आदत है तो आप कई बार अपनी इस आदत से काफी परेशान हो जाते हैं। और यदि ऐसा है तो फिर आपके दिमाग के अंदर यह भी आया होगा कि आप किस तरह से अधिक सोचने की आदत को रोक सकते हैं ? आप अपनी इस आदत से किस तरह से छूटकारा पा सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ टिप्स के बारे मे जिसकी मदद से आप अपनी अधिक सोचने की आदत से छूटकारा पा सकते हैं।
मन को काबू मे रखने का प्रयास करें
दोस्तों यदि आपके अंदर अधिक सोचने की आदत विकसित हो चुकी है तो आपको सबसे पहला काम तो यह करना है कि आपको अपने मन को काबू मे रखना होगा । जैसे ही मन कुछ बेकार सोचने की कोशिश करता है आप उसे वहां से हटा दें। ऐसा आपको एक बार नहीं दो बार नहीं वरन करते रहना होगा । कई बार जब आप यह करते चले जाएंगे तो धीरे धीरे आपकी जो अधिक सोचने की आदत है वह धीरे धीरे समाप्त हो जाएगी । क्योंकि आपके मन को जो अधिक सोचने की आदत है वह कम होती चली जाएगी ।
खुद को बिजी रखने का प्रयास करें
दोस्तों आप जब खाली होते हैं तो धीरे धीरे आपके अंदर इस तरह से अधिक सोचने की आदत विकसित होती चली जाती है। तो आप खुद को अधिक से अधिक बिजी रखने का प्रयास करें। यही आपके लिए सही होगा । और जब आप खुद को अधिक से अधिक बिजी रखते हैं तो उसके बाद आपके मन को समय ही नहीं मिलेगा कि क्या सोचना है ? इस तरह से आप खुद को बिजी रख सकते हैं। और यदि आप अपने पसंद के काम करते हैं तो उसके बाद वैसे भी काम के अंदर आपका मन लग जाएगा । और आपकी जो अधिक सोचने की आदत है वह धीरे धीरे खत्म होती चली जाएगी । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
हम दूसरी दिशाओं के अंदर तब अधिक सोचना शूरू कर देते हैं जब हम काम के अंदर काफी अधिक बोर हो रहे होते हैं। तो ऐसे कामों को कम करने का प्रयास करें जोकि आपके अंदर किसी तरह की बोरियत पैदा करती हो । आपको अधिक से अधिक इस तरह के काम करने चाहिए जोकि आपके मन मे बोरियत पैदा नहीं करते हैं।
ध्यान लगाएं
दोस्तों ध्यान लगाना बहुत ही अच्छी चीज होती है। इसके बारे मे वैसे तो आप जानते ही हैं। इसके लिए आप एक समय को चुने यदि आप सुबह ध्यान लगा सकते हैं तो फिर ठीक है आप एक शांत जगह पर बैठ जाएं और उसके बाद अपनी आंखों को बंद करलें और मन को शांत करने का प्रयास करें। मन को किसी एक चीज पर एकाग्र करने का प्रयास करें। यदि आप अपने मन को एकाग्र कर सकते हैं तो उसके बाद आप इस प्रयोग को जितना अधिक हो सके उतना ही अधिक करना चाहिए । इससे आपको काफी अधिक फायदा होगा । हालांकि इस तरीके से भी आप अपने अधिक सोचने की आदत को एक दिन के अंदर ही बंद नहीं कर सकते हैं।
लेकिन यदि आप धीरे धीरे ध्यान करते जाएंगे तो आपके मन की एकाग्रता काफी अधिक बढ़ जाएगी और कुछ साल के बाद आपके मन के जो बार बार इधर उधर भागने की जो आदत है वह अपने आप ही समाप्त हो जाएगी ।
हालांकि यह कोई आसान प्रक्रिया नहीं है लेकिन जो लोग इसको कर सकते हैं उनको जरूर ही इसको करना चाहिए । इससे उनको काफी अधिक फायदा मिल सकता है। इसके बारे मे जान लें । ध्यान के फायदों को आप इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं।
अच्छी और धार्मिक किताबे पढ़ना
दोस्तों धार्मिक किताबे जीवन के रहस्य को ठीक तरह से समझाती हैं। आप कार के बारे मे सब कुछ जानते हैं आप दुनिया के बारे मे सब कुछ जानते हैं लेकिन आप खुद क्या हैं ? और क्यों हैं आपकी असलियत क्या है ? इसके बारे मे आप कुछ भी नहीं जानते हैं। इसकी वजह से ही तो सारी समस्याएं पैदा होती हैं। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यह सब चीजें आपको धर्म की किताबे सिखाती हैं तो आपको ना केवल धर्म की किताबों के बारे मे पढ़ना है। वरन आपको धर्म के बारे मे फोलो भी करना है तभी आप अपनी अधिक सोचने की आदत से छूटकारा पा सकते हैं।
नहीं तो किताबे पढ़ने से कुछ भी नहीं होने वाला है आज तक आपने कितनी भी किताबें पढ़ी हैं उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वरन यह मायेने रखता है कि आज तक आपने कितनों को फोलो किया है ?
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This post was last modified on July 31, 2023