कांच खाने से क्या होता है ? कांच खाने से नुकसान ? इस प्रश्न को हमारे एक यूजर ने हमको मेल किया था । हम इस पर एक पोस्ट लिख रहे हैं। जिससे आपको इसके बारे मे विस्तार से जानकारी मिल सके ।
कई बार जाने अंजाने के अंदर बच्चे कांच खा जाते हैं। कांच खाने से हमारे शरीर को भयंकर नुकसान हो सकता है। कांच चबाने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इस संबंध मे मुझे एक किस्सा याद आ गया । हमारे घर के अंदर पहले एक कुत्ता था । हम लोग जब छोटे थे तो पंतग की डोर के कांच पीस कर सूंती लगाते थे ।
उस कांच के अंदर गेहूं का आटा मिलाते थे । एक दिन जब हम लोगों ने संती लगाने के बाद बचे आटे को जमीन पर फेंक दिया और हमारे पालतू कुत्ते ने उसे खा लिया । हमे पता नहीं चला । लेकिन कुछ समय बाद वह तेजी से पतला हो गया और बिमार रहने लगा।उसके बाद हमे पता चला की उसने कांच खाया है। हमने उसे छाछ वैगरह पिलाई लेकिन वह बच नहीं सका उसकी मौत हो गई।
वैसे कांच खाने के बाद यह यदि हमारे पेट के अंदर चला जाता है। और 24 से 48 घंटे के बाद नीचे से बाहर भी आ जाता है तो कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन समस्या तब पैदा हो जाती है। जब कांच कहीं पर अटक जाता है। और लंबे समय तक बाहर नहीं आता है। ऐसी स्थिति के अंदर व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाना आवश्यक होता है। हालांकि जहां तक हो सके यदि किसी ने कांच खा लिया है तो उसे तुरन्त अस्पताल ले जाना चाहिए । ताकि उसका जल्दी से जल्दी उपचार हो सके ।
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कांच खाने से नुकसान कांच शरीर के अंदर फंस सकता है
कांच खाने के बाद इस बात की संभावना रहती है कि कांच आपकी नली और पेट के अंदर किसी जगह पर फंस सकता है। यदि कांच छोटा है तो उसके फंसने की संभावना कम होती है। लेकिन यदि कांच बड़ा है तो यह निश्चित है कि वह अंदर फंस सकता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको समस्या हो सकती है।
यदि कांच शरीर के अंदर किसी नली के अंदर फंस गया है तो उसमे रूकावट आ सकती है। जिसके परिणाम स्वरूप शरीर के काम के अंदर रूकावट पैदा हो जाएगी । यदि कांच गले के अंदर फंस गया है तो सांस लेने और खाने पीने के अंदर समस्या आ जाएगी ।
कांच खाने से अंदर चोट लग सकती है
यदि कांच तीखा है तो यह तय है कि यह आपके अंदर की नलियों को क्षति ग्रस्त कर सकता है। जिससे घम्भीर नुकसान हो सकते हैं। इस अंदर की चोट का ईलाज करना भी काफी मुश्किल होता है। अंदर बहने वाले खून का पता भी आसानी से नहीं लगता है।
निगलने या दर्दनाक निगलने में असमर्थता
यदि कांच गले की नली के अंदर कहीं पर फंस गया है तो आपको निगले मे समस्या पैदा होगी और खाने पीने की चीजों को आप निगल नहीं पाएंगे । और ऐसी स्थिति के अंदर बहुत अधिक दर्द भी होगा ।
कांच खाने से नुकसान उल्टी होना
कांच खाने से उल्टी हो सकती है। इसकी वजह है कि हो सकता है कांच आंत के अंदर फंस गया हो । कई बार कांच या कोई वस्तु खाने के बाद उल्टी आती है। वह उसके साथ वापस आ जाता है। यदि उल्टी आ रही है लेकिन नकुली चीज या कांच वापस नहीं आ रहा है तो इसका अर्थ है वह अंदर फंस गया है।
कांच खाने से नुकसान मल मे खून आना
कांच खाने के बाद कई बार मल के अंदर खून आने लग जाता है। यदि मल मे खून आता है तो इसका अर्थ है कांच ने आंत या किसी नली को क्षतिग्रस्त कर दिया है। उस नली से खून बह रहा है और वह मल के साथ आ रहा है। ऐसी स्थिति के अंदर तुरन्त डॉक्टर को दिखाया जाना चाहिए।
कांच या कोई ठोस वस्तु निगले के बाद क्या करें ?
यदि बच्चा कोई ठोस वस्तु या कांच निगल लेता है। तो सबसे पहले डॉक्टर उसका एक्सरे करवाने के लिए कह सकता है। ताकि पता चल सके की वस्तु कहां पर फंसी हुई है। लेकिन यदि एक्सरे के अंदर पता नहीं चल पाता है तो हो सकता है। वस्तु एसोफैगस मे फंस गई हो । ऐसी स्थिति के अंदर तो बच्चे को कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन या अन्य रेडियोलॉजिकल टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है।
सिक्के, पिन, मैग्नेट, छोटे खिलौने के टुकड़े और बैटरियों जैसी छोटी छोटी वस्तुओं को विशेष रूप से छोटे बच्चों से दूर रखें, खासकर उम्र 3 से कम उम्र के इसके अलावा यदि वस्तु अंदर कोई लक्षण पैदा नहीं कर रही है तो इस बात की संभावना है कि वह एक दो दिन मे अपने आप निकल जाएगी ।इसके अलावा ऐसी स्थिति के अंदर बच्चे के साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए नहीं तो और ज्यादा चोट लग सकती है।
कांच खाने के बाद उपचार Esophagoscope की मदद से देखना
Esophagoscope एक स्पेसल प्रकार का यंत्र होता है। जिसका प्रयोग गले के अंदर और पेट के अंदर की वस्तुओं को देखने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से डॉक्टर देखता है कि कांच या ठोस ऑब्जेक्ट कहां पर फंसा हुआ है। उसके बाद वह इसकी मदद से उसे हटा देता है। और फिर से यह देखता है कि बच्चे को अंदर कोई चोट तो नहीं लगी है।
Balloon Catheter
यह भी एक स्पेसल प्रकार की मशीन होती है। जिसका प्रयोग शरीर के अंदर जा चुकी ठोस वस्तुओं को हटाने के लिए किया जाता है। इसके आगे दो नुकुली सुई जैसे होते हैं। डॉक्टर इनको मुंह और नाक के माध्यम से शरीर के अंदर डाला जाता है। उसके बाद वस्तु को धक्का दिया जाता है ताकि वह पाचन तंत्र
से गुजर जाए।यह तकनीक अधिक लोकप्रिय हो रही है। हालांकि, क्योंकि ऑब्जेक्ट को सीधे एक्स-रे पर देखा जाता है, इसलिए डॉक्टर को एसोफैगस को नुकसान का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, क्योंकि आपका बच्चा पूरी प्रक्रिया में जाग रहा है, वह बेचैन, उत्तेजित या परेशान हो सकता है। इस विधि का उपयोग तभी किया जा सकता है जब ऑब्जेक्ट चिकनी हो और 72 घंटों से अधिक समय तक दर्ज नहीं किया गया हो, और यदि आपका बच्चा प्रक्रिया के दौरान शांत रह सकता है।
इसके अलावा यदि डॉक्टर को इस पूरी प्रक्रिया के दौरान रक्त नजर आता है तो एसोफैगस्कोपी करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
24 घंटे इंतजार करना
यदि वस्तु एसोफैगस के नीचे है तो डॉक्टर एक्सरे करवाता है। और स्थिति का अंदाजा लगाता है। इसके अलावा ऐसी दसा के अंदर वह आपको 24 घंटे वेट करने की सलाह दे सकता है। क्योंकि इतने समय मे यदि कोई चिकनी वस्तु है तो अपने आप ही बाहर आ जाएगी ।
कील शीशे और पत्थर खाने वाली महिला
आपने अंडे मांस मुर्गी रोटी मटन यह सब खाते हुए तो सबको देखा होगा । लेकिन क्या आप किसी ऐसी महिला के बारे मे जानते हैं जो कील पत्थर और कांच के टुकड़े खाती है।पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में रहने वाली 22 वर्ष की पंपा घोष यह सब खाती है। उसकी इस रहस्यमय आदत की वजह से दूर दूर के लोग उसे देखने के लिए भी आते हैं। बताया जाता है कि पति से अनबन के बाद यह अपने गांव के अंदर ही रहती है। एक बार इनकी मां माँ भारती साहा ने जब अपनी बेटी को पत्थर के टुकड़े खाते देखा तो उसे यह सब करने से रोका लेकिन पंपा घोष ने एक न सुनी ।
उसके बाद उनकी मां उसे अस्पताल ले गयी वहां पर उसका अल्ट्रासोनोग्राफी करवाई तो पता चला कि उसके पेट के अंदर पत्थर कील और कांच के टुकड़े हैं। उसके बाद डॉक्टरों ने उसे यह चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उसने जल्दी ही यह सब नहीं छोड़ा तो उसकी मौत हो जाएगी ।
कांच खाने से क्या नुकसान होता है
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