कछुए का मीट खाने के ‌‌‌जबरदस्त फायदे और नुकसान

kachua ka meet khane ke fayde कछुए का मीट खाने के फायदे कछुए turtle meat benefits in hindi (Turtles) या कूर्म टेस्टूडनीज़ नामक सरीसृपों के जीववैज्ञानिक गण के सदस्य होते हैं । और कछुआ एक तरह से इस प्रकार का जानवर होता है जोकि जल और थल दोनों पर ही रह सकता है। और कछुआ की जो प्रजातियां हैं वह करोड़ों साल पहले धरती पर आई थी जोकि आज तक मौजूद हैं। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌वैसे आपको बतादें कि कछुआ की कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। लेकिन यदि हम इनकी उम्र की बात करें तो यह 300 साल तक जिंदा रह सकता है। कछुआ की जो आंख होती है वह रंगों को देख सकती है। कछुआ लाल रंग को देख सकता है। इसके अलावा कुछआ की आंख इस तरह की होती है कि  वह अंधेरे के अंदर भी काफी साफ ‌‌‌ देख सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌वर्तमान मे कछुओं की आबादी अब नहीं के बराबर है तो दुनिया कछुओं का मांस खाना भूल गई है। लेकिन एक जमाना भी  था जब अधिकतर लोग कुछआ के मांस का सेवन करते थे । अमेरिका के अंदर कछुआ का मांस काफी लोकप्रिय हुआ करता था।और अमेरिका के इतिहास के अंदर काफी समृद्ध लोग कुछआ के मांस का सबसे अधिक सेवन किया ‌‌‌ करते थे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

कछुआ मांस और विशेष रूप से कछुए का सूप राष्ट्रपतियों को और राष्ट्रपति के उद्घाटन के दौरान, लक्जरी प्रथम श्रेणी की ट्रेनों में और यहां तक कि देश भर के बोर्डिंग हाउस में परोसा गया था।आपको बतादें कि प्राचीन कालोनियों के अंदर कछुआ के अंडे खाये जाते थे कछुए का सूप या स्टू और कई अन्य व्यंजनों में चिकन, टर्की, बीफ, मछली या भेड़ के बच्चे के बजाय कछुए का मांस होता था।

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि कछुआ का मांस काफी स्वादिष्ट होता था और यह मांस के अलग अलग प्रकार के स्वादों से बना हुआ था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।ऐतिहासिक रूप से, कछुए कैरिबियन आहार का एक प्रमुख हिस्सा थे।

15 वीं और 17वीं सदी तक चला। वेस्ट इंडीज में यूरोपीय नाविकों को कछुआ के विशाल भंडारों का पता समुद्र के अंदर चला था । और इन कुछओं को मार्केट के अंदर जिंदा और मुर्दा को बेच दिया गया था। और इनकी मदद से कई तरह के व्यंजन को बनाया गया था।

साबुत, कसा हुआ, सूखा, भुना हुआ, और बहुत कुछ, समृद्ध मांस एक आदर्श आहार था। हालांकि कछुआ के अंदर काफी अधिक मांस नहीं निकल पाता था क्योंकि यह बिना भोजन के समुद्र के अदंर काफी लंबे समय तक रह सकते थे ।

‌‌‌इसके अलावा आपको बतादें कि अंग्रेज भी कछुआ के काफी स्वादिष्ट व्यंजन बनाया करते थे ।1800 के दशक के दौरान कछुओं का व्यापार तेजी से बढ़ने लगा और उस समय अमेरिका के अंदर बड़ी संख्या मे जंगली कछुआ हुआ करते थे । और उनको पकड़ कर बाजार मे लाया जाने लगा और वे इसे खाने लगे ।

‌‌‌आज से लगभग 80 साल पहले अमेरिका के अंदर कछुआ सबसे लोकप्रिय व्यजंनों मे से एक था लेकिन आज यह मार्केट से पूरी तरह से गायब हो चुका है। आज आपको कछुओं का मांस आसानी से नहीं मिल पाता है।

‌‌‌तो दोस्तों अब हम जानने का प्रयास करते हैं कि कछुआ के मीट खाने से क्या क्या फायदे हो सकते हैं। हालांकि कछुआ का मीट हर जगह पर उपलब्ध नहीं है। पर उपयोगी है।

प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट कैल्शियम विटामिन डी फास्फोरस जस्ता साल्मोनबेरी के स्वास्थ्य लाभ जैसे मैंगनीज बोरान स्ट्रोंटियम आदि चीजें कछुआ के मीट के अंदर हो सकती हैं जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌मासिक धर्म के अंदर कछुआ के मांस खाने के फायदे kachua ka meet khane ke fayde

दोस्तों मासिक धर्म की यदि हम बात करते हैं तो यह महिलाओं के अंदर हर महीने की खास तारिख को आता है। मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महिला को होती है। यह आपके शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह ऐसी चीज है जिस पर आपको शर्म नहीं करनी चाहिए। हर कोई अपने मासिक धर्म के दौरान अलग-अलग चरणों से गुजरता है और यह ठीक है।

 यदि किसी महिला का मासिक धर्म शूरू नहीं हुआ है या किसी वजह से उसके अंदर रूकावट आ  जाती है तो उसको दूर करने के लिए मासिक धर्म काफी फायदेमंद ‌‌‌ होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार यदि महिलाओं के अंदर पिरियड समय पर नहीं आता है या रूक जाता है तो कछुआ का मांस खाना काफी उपयोगी हो सकता है।

‌‌‌शरीर के अंदर उर्जा को बढ़ाता है कछुआ का मांस turtle meat benefits in hindi

दोस्तों आपको बतादें कि कछुआ के मांस के अंदर कई तरह के कार्बोहाइड्रेट  सामग्री और प्रोटीन होती है। जोकि आपके शरीर के अंदर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए काफी उपयोगी होती है। यदि आपके शरीर मे उर्जा की काफी कमी महसूस हो रही है तो फिर आपको कछुआ का सेवन ‌‌‌ करना चाहिए यह आपके शरीर की उर्जा को बढ़ा सकता है। हालांकि जिन देशों के अंदर कछुआ लिगल नहीं है वहां पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो आप परेशानी के अंदर पड़ सकते हैं। आप ऐसी स्थिति के अंदर दूसरी चीजों का प्रयोग कर सकते हैं जोकि लिगल हैं। ‌‌‌और आपको बातदें कि उनकी मदद से भी आप अच्छी एनर्जी को बढ़ा सकते हैं। हालांकि कछुआ का उपयोग करना तब भी काफी कठिन होता है जब आपके पास अच्छा पैसा ना हो । इसका मांस मिलना काफी कठिन होता है।

‌‌‌कछुआ का मांस आपकी मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌इसका फायदा भी अन्य मांस की तरह की मिलता है। जिस तरह से अन्य मांस आपके शरीर की ताकत को बढ़ाने का काम करते हैं उसी तरह से कछुआ के मांस भी शरीर को ताकत बढ़ाने का काम करते हैं। यदि आप शरीर की उर्जा को काफी अधिक बढ़ाना चाहते हैं तो कछुआ के मांस का सेवन करें यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। ‌‌‌आप इस बात को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं ।यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌कछुआ के मीट का इलाज नपुंसकता के लिए

दोस्तों ऐसा माना जाता है कि कुछआ का मीट खाना नपुंसकता के लिए काफी फायदे मंद होता है। खास कर कछुआ की चर्बी को खाना उपयोगी होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। ‌‌‌यदि आपके अंदर नपुंसकता की समस्या है तो कछुआ का मीट खाना आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इसके बारे मे समझ सकते है। वैसे नपुंसकता के लिए आप कछुआ का मीट ही खाएं यह जरूरी नहीं है।

‌‌‌क्योंकि कुछ देशों के अंदर कछुआ को मारना अपराध माना जाता है तो ऐसी स्थिति के अंदर आपको कछुआ के मीट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए आप दूसरी किसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर आप अपने डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए

‌‌‌वैसे नपुंसकता एक प्रकार की समस्या होती है जोकि किसी भी वजह से हो सकती है तो इसको लेकर किसी तरह की चिंता ना करें । यह दवाओं से ठीक हो सकती है। कई लोग जो नपुंसकता के शिकार होते हैं उनको दवाओं से ठीक होते हुए देखा है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब हम नपुंसकता के मतलब की बात करें तो इसका मतलब होता है तनाव का ना होना जिसकी वजह से संबंध बनाने मे सफलता नहीं मिलती है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा ।65-70 साल की उम्र के बाद कई बार पुरुष हॉर्मोंस की कमी से भी यह समस्या उठ खड़ी होती है

‌‌‌इसके अलावा यदि हम नपुंसकता के अन्य कारणों की बात करें तो इसके अंदर शुगर भी एक बड़ा कारण साबित होती है। यदि आपके अंदर शुगर की समस्या है तो इसकी वजह से तनाव की कमी हो जाती है। तो ऐसी स्थिति के अंदर शुगर को कंट्रोल किया जाना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। बाकि आप एक बार ‌‌‌अपने डॉक्टर से भी परामर्श कर सकत हैं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक फायदेमंद कार्य होगा ।

‌‌‌अपने डॉक्टर से भी परामर्श कर सकत हैं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक फायदेमंद कार्य होगा ।

चयापचय के अंदर यह काफी अधिक मदद करता है

चयापचय का मतलब होता है जीवन के अंदर होने वाली रासायनिक क्रिया होती है। आपको बतादें कि कछुआ का जो मीट होता है। वह चयापचय के अंदर काफी अधिक मदद करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा आपका बतादें कि यह प्रक्रियाएं प्रक्रियाएं जीवों को बढ़ने और प्रजनन करने, अपनी रचना को बनाए रखने और उनके पर्यावरण के प्रति सजग रहने में मदद करती हैं ‌‌‌इस तरह से कछुआ का मीट खाने से एंजाइमों को आपके शरीर के अंदर बेहतर बनाने मे मदद मिलती है जिसकी वजह से शरीर के दूसरे काम होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌त्वचा की झुर्रियों को दूर करने मे मदद मिलती है

त्वचा पर झुर्रियां विभिन्न स्थानों पर विकसित हो सकती हैं। सबसे आम झुर्रियाँ वे हैं जो गुरुत्वाकर्षण, सूर्य के प्रकाश के संपर्क या भावनात्मक तनाव के कारण त्वचा में सिलवटों या सिलवटों के रूप में प्रकट होती हैं। आनुवंशिक असामान्यताओं या कुछ दवाओं के परिणामस्वरूप अन्य प्रकार की झुर्रियाँ बन सकती हैं।

‌‌‌आमतौर पर जब हम 30 से अधिक साल की उम्र को पार कर लेते हैं तो उसकी वजह से शरीर पर झुर्रियां पड़ने लग जाती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि आप अपने चेहरे की झुर्रियों को हटाना चाहते हैं तो कछुआ की नर्म खोल को चेहरे पर रगड़ने से झुर्रियों को कम किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता ‌‌‌ होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌जैसे जैसे इंसान की उम्र बढ़ती जाती है त्वचा अपने फाइबर को खो देती है। ऐसी स्थिति के अंदर त्वचा के अंदर झुर्रियां पड़ने लग जाती हैं और कोलेजन का उत्पादन काफी कम हो जाता है। और त्वचा लटकी हुई दिखाई देने  लग जाती है। ‌‌‌इसके अलावा आपकी कुछ गलत आदतों की वजह से भी इंसान के शरीर के अंदर काफी तेजी से झुर्रियां दिखाई देती हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

‌‌‌जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि जब आप बार बार पराबैंगनी  किरणों के संपर्क मे आते हैं तो इसकी वजह से भी झुर्रियां पड़ने लग जाती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको सूर्य की पराबैंगनी  किरणों के नीचे काम करना पड़े तो अपने चेहरे को ढककर रखना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी होता ‌‌‌ है।

‌‌‌इसके अलावा यदि आप किसी भी तरह का नसा करते हैं तो वह भी झूर्रियों का कारण बन सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

‌‌‌जब आप नशा करते हैं तो इसकी वजह से आपके शरीर के अंदर ब्लड फलो ठीक तरह से नहीं हो पाता है जिसकी वजह से शरीर के अंदर झूर्रियां पड़ सकती है तो आपको स्मोक को कम करने के बारे मे विचार करना चाहिए ।

काले धब्बों को दूर करें turtle meat benefits in hindi

दोस्तों यदि हम कछुआ के मांस खाने के अन्य फायदों के बारे मे बात करें तो यह काले धब्बों को दूर करने मे काफी मदद करता है। सॉफ्ट-शेल टर्टल ऑयल त्वचा को मॉइस्चराइज़ करके और काले धब्बों को दूर करने का काम करता है।आपको बातदें कि काले धब्बे मरी हुई कोशिकाएं होती हैं।

‌‌‌काले धब्बे आमतौर पर हाथों और चेहरे पर बन सकते हैं जोकि आपकी सुंदरता को प्रभावित कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और कई लोगों के चेहरे पर तो इतने अधिक काले धब्बे हो जाते हैं कि उनको काफी परेशानी होती है क्योंकि यह उनकी सुंदरता को कम करने का काम करते हैं।

‌‌‌अधिकतर केस के अंदर इंसान जब 40 साल से अधिक की उम्र को पार कर लेता है तो उसकी वजह से भी काले धब्बे हो सकते हैं। इसके अलावा आप यदि सूर्य की रोशनी के संपर्क मे आते हैं तो इसकी वजह से भी त्वचा पर डार्क स्पोर्ट हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • लिवर स्पॉट्स भी एक प्रकार के काले धब्बे होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यह काले/भूरे स्पॉट्स होते हैं इनको 40 साल की उम्र के बाद देखा जा सकता है। और अधिकतर केस मे इनको ठीक नहीं किया जा सकता है।
  • मेलास्मा एक प्रकार के काले धब्बे होते हैं जब हमारी त्वचा सूर्य की किरणों के संपर्क मे आती है तो यह हो सकता है। हालांकि इस तरह की जो समस्या है वह सबसे अधिक महिलाओं के अंदर देखने को मिलती है।
  • हाइपरपिगमेंटेशन तब होता है जब त्वचा के अंदर मेलिनन की मात्रा काफी अधिक बढ़ जाती है जिसकी वजह से त्वचा का रंग किसी स्थान से काफी गहरा नजर आता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌सफेद त्वचा के अंदर कछुआ के मीट के फायदे

दोस्तों सफेद त्वचा के अंदर कछुआ के मीट काफी उपयोगी होते हैं।नरम खोल वाले कछुए में विटामिन ए, सी और ई  इसके अंदर पाये जाते हैं जोकि आपकी त्वचा को सफेद होने से बचाने का काम करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

विकार शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद धब्बे और धब्बे के संचय के कारण होता है, जो मेलोसाइट्स के चुनिंदा संचय के कारण होता है। सफेद धब्बे छोटे, गोल, और थोड़े उभरे हुए घाव होते हैं जो त्वचा पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं लेकिन आमतौर पर चेहरे, गर्दन और बाहों पर देखे जाते हैं। धब्बे शरीर के अन्य हिस्सों जैसे धड़, पैर और पैरों पर भी हो सकते हैं। मेलोसाइट्स कोशिकाएं हैं जो मेलेनिन का उत्पादन करती हैं, एक वर्णक जो त्वचा को उसका प्राकृतिक रंग देता है।

 मेलोसाइट संचय के कारण रंजकता के नुकसान से त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ जाती हैं और आम तौर पर वृद्ध दिखाई देता है। सफेद धब्बे एक अधिग्रहित विकार है जो आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में प्रकट होता है, लेकिन यह युवा व्यक्तियों में भी हो सकता है। उपचार में आमतौर पर मेलोसाइट उत्पादन को कम करने या सर्जरी के माध्यम से घावों को हटाने के लिए सामयिक या मौखिक दवाएं शामिल होती हैं।

‌‌‌कुछ लोगों की त्वचा के उपर आपने सफेद दागों को देखा भी होगा आपको बतादें कि यह एक संक्रामक समस्या नहीं है। और यदि किसी को सफेद दाग की समस्या है तो वह आपको हो जाएगी यह जरूरी नहीं होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌इसके अलावा कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सफेद दाग की जो समस्या है वह लोग खट्टे भोजन, मछली, सफेद भोजन आदि की वजह से हो सकती है। हालांकि इस संबंध मे कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि इसकी वजह से यह होता है।

‌‌‌त्वचा जलने पर काम आता है कछुआ का तेल

दोस्तों आपको बतादें कि कई बार गलती से काम करते समय हमारी त्वचा आग के संपर्क मे आ जाती है या फिर कोई गर्म पदार्थ त्वचा के उपर गिर जाता है तो वह जल सकती है। इसके अंदर कछुआ का तेल काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

कछुआ तेल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है जिसका उपयोग सदियों से त्वचा को चिकना और झुर्रियों से मुक्त रखने में मदद के लिए किया जाता रहा है। हालांकि कछुए के तेल के कई अलग-अलग प्रकार हैं, सबसे प्रसिद्ध और आम जैतून का तेल किस्म है।

कुछ शोध बताते हैं कि त्वचा देखभाल उत्पादों के लिए कछुए का तेल बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह नमी के स्तर को बढ़ाने और झुर्रियों और रेखाओं की उपस्थिति को कम करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, कछुए के तेल में विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं जो लालिमा और जलन की उपस्थिति को कम करने में मदद कर सकते हैं।

कुल मिलाकर, प्राकृतिक मॉइस्चराइजर की तलाश करने वालों के लिए कछुए का तेल एक बढ़िया विकल्प है जो झुर्रियों और रेखाओं की उपस्थिति को कम करने में मदद करेगा।

खुजली और एक्जिमा को दूर करे

दोस्तों आपको बातदें कि कछुआ का जो तेल होता है उसके अंदर कई तरह के बैक्टिरिया और जीवाणू को खत्म करने का गुण होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको खुजली की समस्या है तो इसके अंदर यह तेल काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा आपको बतादें कि जो कछुआ का तेल होता है वह काफी अम्लीय होता है जिसकी वजह से यह बैक्टिरिया को मारने मे काफी अधिक सक्षम होता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌आपको बतादें कि एक्जिमा एक इस प्रकार की बीमारी होती है जिसके अंदर शरीर मे काफी अधिक खुजली होती है। और कुछ लोगों को यह काफी अधिक परेशान करती है और कई बार तो खुजली की वजह से खून तक आने लग जाता है। ‌‌‌और इस खुजली की समस्या के लिए आपको लंबा ट्रीटमेंट भी करवाना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

लेकिन खुजली को कम करने के लिए आप घरेलू उपाय भी साथ साथ कर सकते हैं जोकि आपकी काफी मदद करेंगे और खुजली को कम करने मे मदद करेंगे जैसे कि आप खुजली वाले स्थान पर आइस पैक लगा सकते हैं जोकि ‌‌‌ आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।सामयिक क्रीम या लोशन का उपयोग करके अपनी त्वचा को नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करें। दूसरा, तंग-फिटिंग कपड़े या कपड़े पहनने से बचें जो आपकी त्वचा को परेशान करते हैं। अंत में, अपनी त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए हर दिन सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

‌‌‌यदि आपको कुछ गम्भीर खुजली की समस्या है तो फिर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए।  नहीं तो आपके लिए काफी बड़ी समस्या हो सकती है। और कई बार खुजली भी काफी गम्भीर हो जाती है।

लीवर, किडनी और तिल्ली के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है

इसके अलावा यदि हम अब कछुआ के मांस के अंतिम फायदे की बात करें तो यह आपकी किडनी और लिवर के लिए काफी अच्छा होता है। क्षतिग्रस्त उत्तक को ठीक करने मे यह काम आता है।

‌‌‌इस तरह से इस लेख के अंदर हमने कछुआ के मांस के बारे मे विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आएगा ।

‌‌‌कछुआ का मीट खाने से मौत

दोस्तों कछुआ का मीट कभी भी बिना जानकारी के नहीं खाना चाहिए । और जिनको जानकारी नहीं है उनको हाथ भी नहीं लगाना चाहिए । वरना इंसान की जान तक जा सकती है। नवबंर 2021 को प्रकाशित एक खबर के अनुसार तंजानिया के पेंबा आइलैंड में सात लोगों की मौत एक कछुए का मीट खाने से हो गई।

‌‌‌आपको बतादें कि इस देश के अंदर सरकार ने कछुआ के मीट पर बैन लगा रखा है लेकिन यह लोग समुद्र तट पर जाने के बाद कछुआ का मीट खा गए और यह उनके शरीर के अंदर जहर का काम किया और सारे के सारे मारे गए ।

‌‌‌यह सिर्फ पहली बार नहीं है कि इंसान को कछुआ के मीट खाने की सनक हो इससे पहले भी कई जगहों से इस तरह की घटनाएं आ चुकी हैं जिसके अंदर एक जहरीले कछुआ के मीट खाने की वजह से एक साथ 19 लोगों की मौत हो चुकी है तो आपको यदि जानकारी नहीं है तो भूलकर भी कछुआ का मीट खाने की कोशिश ना करें वरना भगवान को ‌‌‌ प्यारे हो जाएंगे ।

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This post was last modified on October 22, 2022

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