kale kapde par shayari काले कपड़ों पर शायरी काले कपड़ों पर शायरी in Hindi For Girl काले कपड़ों पर शायरी काले कपड़ो पर शायरी के बारे मे हम आपको यहां पर बता रहे हैं। और आपको कुछ यूनिक शायरी के बारे मे बता रहे हैं। और कुछ बेस्ट शायरी दे रहे हैं। और यदि आपको यह पसंद आती हैं। तो आप हमें बताएं ताकि हमें भी मोटिवेशन मिल सकता है।
काले रंग का तेरा दुपट्टा है ,
कहदे तू कि हमसे प्यार करती हो,
वरना हाथ मे हमारे देशी कट्टा है।
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पुरी रात याद तेरी सताती रही ,
वह काले सूट वाली क्या कर रही है अब ,
यह हवाएं धीरे धीरे हमारे कान मे बताती रही ।
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अगर फिक्र नहीं होता हमें पढ़ाई का ,
तो हम भी कुछ मजा लेलेते ,
तेरे काले सूट की कढ़ाई का ।
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आज वह फिर काले रंग का ,
सूट पहनकर आई थी ,
क्या बोलू अब मैं ,
दिल बेहाल हो गया ,
वह इतनी इतराई थी।
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चांद कभी कभी निकलता है अंधेरी रात मे ,
मगर सकून ऐसा मिलता है ,
जैसे हम घूम रहे हैं बरसात मे ।
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जब तूने छत पर काला सूट पहनकर
दुपट्टा हवा में उड़ाया था ,
मत पूछो इस दिल को ,
तूने कितना तड़पाया था ।
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कि वह हमसे प्यार नहीं करती है ,
हम जी रहे थे इस भ्रम मे ,
मगर काला सूट पहनकर ,
उसने आई लव यू बोल दिया ,
और हम डूब कर मर गए शर्म मे ।
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अगर खोज कर देखोगे ,
तो कोयले की खान मे भी हीरा मिल जाएगा ,
कल पहनकर आना काला सूट ,
हमें अपनी मुहब्बत का सिरा मिल जाएगा ।
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काले सूट मे लग रही हो ऐसे ,
जैसे कोयले की खान से हीरा निकल रहा हो ,
जैसे सकून मेरे साथ साथ चल रहा हो।
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कहर ढाती हो दिन भर काले सूट मे ,
और हमें यकीन करने को कहती हो
अपने झूठ मे ।
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तेरे काले सूट ने दुनिया मे बवाल कर दिया ,
जब से दिल लगाया है तुमसे ,
कसम से तूने तो कमाल कर दिया ।
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माथे पर लाल बिंदी है ,
और तन पर काला सूट ,
कहती हो प्यार नहीं करती ,
कम से कम मत बोल झूठ ।
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जितना सजना है सज जाओ ,
मगर नजर लग जाएगी ,
काले सूट मे मत जाओ ।
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कमाल है , सारा तेरी काली साड़ी का ,
दिल लूट लिया है उसने इस अनाड़ी का ।
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मार ही डालता है हमें ,
तेरा काले सूट मे सजना और संवरना ,
फिर हर कोई चाहता है ,
तेरी राहों से गुजरना ।
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तेरा काला सूट है कढ़ाई का ,
मत फोन किया कर देर रात तक ,
यह वक्त है पढ़ाई का ।
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भंग करदी तेरे काले सूट ने मेरी तपस्या ,
दिल की दुनिया मे छा गई है तू ,
किस को बताएं हो गई है , बड़ी समस्या ।
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काली साड़ी, लाल लिपस्टिक, खुले बाल हैं ,
हर किसी से हंसकर बात करती हो ,
कभी इस सूखे दिल से भी पूछ लिया करो क्या हाल हैं।
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वह कह रही थी ,
कल काला सूट पहनकर आउंगी ,
कैसे प्यार नहीं करेगा तू ,
मैं तेरे दिल पर छाउंगी ।
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काली सलवार है ,
काली है कमीज ,
मैं तुझ से प्यार ही नहीं करती ,
क्यों पीछे पड़ा है बतमीज ।
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मेरी दिल की दुनिया को
लूट लिया उसने ,
मैं तो छुप गया था डरकर ,
मगर काला सूट पहनकर ढूंढ लिया उसने ।
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रंगों की परी है तू ,
मगर काले रंग पर बड़ी खरी है तू ,
कुछ भी हो ,
मगर आशिकों की कातिल बड़ी है तू ।
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हम तेरे काले सूट पर कुर्बान हो जाएं ,
अगर तू एक बार कहदे तो हम क्या चीज हैं ,
खुदा भी तुझ पर मेहरबान हो जाएं ।
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हिंदी मे बोल दिया करो ,
इंग्लिश हमें आती नहीं ,
रात को नींद नहीं आती कसम से ,
जब तक काले सूट वाली ,
अपना हाल बताती नहीं ।
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काली रात मे जैसे चांद झलक रहा है ,
हर कोई लुट लेना चाहता है ,
तेरे होठों से जो प्यार छलक रहा है।
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तेरी खूबसूरती मेरी कमजोरी है ,
तेरे काले रंग के सूट ने की ,
मेरे दिल की जो चोरी है।
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वैसे तो चांद मे भी दाग होता है ,
मगर तेरे काले सूट का अलग ही अंदाज होता है।
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तेरे काले सूट ने ,
इस दिल पर कहर ढाया है ,
अब मरने को जी करता है ,
क्या करें तूने हमको इतना सताया है।
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वैसे तो तेरा काला रंग मेरी कमजोरी है ,
मगर क्या करें ,
खूबसूरत दिखना भी तेरा जरूरी है।
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ना घर से निकला कर ,
काला सूट पहनकर बरसात मे ,
क्योंकि फिर देखकर तुझे ,
यह दिल नहीं रहता औकात मे ।
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उस काले सूट वाली का
नाम है सहजादियों मे ,
कभी मिले थे हम उससे ,
विरान वादियों मे ।
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इंसानों का कत्ल होते देखा होगा ,
आ रही है वो काले सूट वाली ,
आज दिल का कत्ल होते हुए भी देख लेना ।
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कभी देखी नहीं होगी काले सूट वाली हसीना ,
हर खदान मे नहीं मिलेगा आपको ऐसा नगीना ।
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काला सूट तुम्हारा कहर ढाता है ,
इश्क की तो तू बात ही मतकर ,
यूं तो सारा जमाना तुझे चाहता है।
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दिल जलाने के लिए ,
ऐ काले सूट वाली ,
तेरी मुस्कान की काफी है ,
तेरी अदाओं को देखकर तो
यह जमाना शराबी है।
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काले सूट वाली हमसे
आंख मिलाकर आंख चुराया न कर ,
हम तो तुम्हारे दिल मे रहते हैं ,
हमे हद से ज्यादा सताया न कर ।
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पहन कर चलती हो जब काला सूट गलियों मे ,
फिर बस तू ही तू नजर आती हो रंगरलियों मे ।
काले तेरे कपड़े हैं ,
और नित नए तेरे लफड़े हैं।
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काले सूट मे खूब लहराती हैं तेरी आंखें ,
दिल मे घाव कर जाती हैं तेरी बातें ।
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तेरे काले सूट ने ,
इस शहर मे बवाल कर दिया ,
कि फिर से यह उठ नहीं पाएगा कभी ,
दिल को इतना निढाल कर दिया ।
यूँ बेपरवाह अंदाज से मत मुस्कुराया करो ,
काला सूट पहनकर ना कहर ढाया करो ।
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आसमान से बिजली गिरती है ,
यह तो सब जानते हैं ,
मगर आज तूने जमीन से
बिजलियां गिराई काले सूट मे ,
यह हम मानते हैं।
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लबों पे हल्की मुस्कुराहट से वो
सबको अपना दीवाना बना लेती है,
पता नहीं कैसे ,
काला सूट पहनकर खूब इतरा लेती है।
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खुदा खैर करे दिल के मरीजों की ,
आज काला सूट पहनकर निकली है ,
वह कली खनीजों की ।
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आसमान मे उड़ते रहे परीदें ,
उसके काले सूट को देखकर ,
जी चाहता है दफन हो जाएं जीदें ।
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जब से सिलवाया है सूट काला उसने ,
दिन रात का चैन छीन लिया साला उसने ।
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नहीं देखी कभी ,
बंजर जमीन पर फसल करने वाली ,
मगर काले सूट मे आज देखी है ,
दिलों का कत्ल करने वाली ।
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दुनिया मरती है ,
तेरे काले सूट और खुले बालों पर ,
हमारा तो हाल ही ना पूछो तुम ,
खाना पीना सब भूल गए ,
अब जिंदा हैं बस ख्यालों पर ।
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तेरा काला सूट बड़ा कमाल है ,
दिल मे मचाता हमारे धमाल है।
काजल भी आँखो में बड़ा फबता है,
तेरे प्यार मे भूल गया हूं खुदा को ,
यह बंदा तो बस तेरा नाम जबदा है।
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यह मौसम बेमिसाल है ,
और तेरे काले सूट ने ,
किया हमारा बुरा हाल है।
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जाम पर जाम पी गया ,
मगर नशा नहीं हुआ ,
साथी तो मिले जिदंगी मे ,
मगर कोई काले सूट वाली जैसा नहीं हुआ ।
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काले सूट पर,काली जुती भी बड़ा सजती है ,
तू ही पता नहीं हमें कैसे जचती हैं।
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जी भर जाता है ,
काले सूटवाली को निहारकर ,
तू भी घर से निकला कर पगली ,
अपनी नजर उतार कर ।
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काले सूट मे संभलकर ,
घर से निकला कर ,
जमाना बहुत खराब है ,
यहां किसी का क्या भरोशा ,
हर किसी के हाथ मे शराब है।
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शाम की काली रौशनी में,
धुंधले काले सूट में,
वह रोज मिलती है हमे ,
अपने उस रूट मे ।
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सांवली सलोनी धूप मे ,
खूब अच्छी लगती है काले सूट मे ,
बस मजा आ जाए ,
उसके होठों का थोड़ा सा रस
मिल जाए इस सूप मे ।
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आँखों में चमकते ख्वाब लेकर,
कहर ढाती है वो साली ,
जब निकलती है चेहरे पर
काला हिजाब लेकर ।
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आज चमक है ,
बस मे काले सूट की ,
तू ही तो एक सवारी है ,
हमारे रूट की ।
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वैसे तो परी है तू रूप की ,
और कुछ करामात है
तेरे काले सूट की
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ऐ काले सूट वाली ,
आजा तुझे दिल मे छुपा लेंगे ,
सदा सदा के लिए ,
तुझे अपना बना लेंगे ।
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वो है काले सूट में एक ख्वाब सा,
नशा है उसका शराब सा ,
जब जाती है ,छोड़कर हमें ,
तो दिल लगता है बेताब सा ।
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उसक काले सूट वाली की ,
खूबसूरती की तारिफ कर नहीं सकते ,
उसकी सुंदरता के आगे ,
मेरे शब्द उभर नहीं सकते ।
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आज मौसम भी है ,
यह दिल रोसन भी है ,
आजा काले सूट वाली ,
जिदंगी का परमोशन भी है।
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जब वो काले सूट मे ,
नजर वो पहली बार आई थी ,
उस पर मर मिटने को जी कर गया ,
इतना वह अपने मन को भाई थी।
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काले सूट वाली तो ,
चांदनी रात मे चमकती है वो ,
ख्वाब की परी है वो ,
कभी भी आ धमकती है वो ।
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आसमान मे तारे तो अनेक हैं ,
मगर चांद के जैसे नहीं
इस दुनिया मे लड़कियां तो बहुत हैं ,
मगर सभी के साथ दिल का
रिश्ता वैसे नहीं ।
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अपनी काली साड़ी का पल्लू ना गिराया कर ,
दिल मे धमाल मच जाता है ,
हमें इतना ना तड़पाया कर ।
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दिन भर वह काले सूट मे ,
छत पर कहर ढाती रही ,
और रात मे जब चली गई ,
तो याद तेरी आती रही ।
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हमारी औकात नहीं है ,
उस काले सूट वाली से दिल लगाने की ,
तो फिर हिम्मत कहां से होगी ,
यह सब बताने की ।
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कमाल देखा तेरे काले सूट गया ,
जब दुपट्टा गिराया ,
तो दिल बेहाल देखा हर उंट का ।
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बिक गई हम ,
उस काले सूट वाली की ख्वाहिशों के लिए ,
मांग लेना मर भी गए तो ,
फिर भी जिंदा हो जाएंगे तेरी फरमाइशों के लिए ।
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जब से तूने पल्लू गिरा दिया ,
जानम बात क्यां कहें ,
जमाने को तूने हरा दिया ।
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तेरे काले सूट का कमाल है ,
इसलिए इस दिल मे धमाल है।
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बारिशों का मौसम नहीं ,
फिर भी बारिश हो रही है ,
देखा आसमान की तरफ ,
तो पता चला काले सूट वाली रो रही है।
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देखकर बजती हैं ,
तेरे काले सूट को ,
मेरे दिल की घंटियां ।
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खुदा ने तुझे बनाया तो क्या बनाया ,
खुदा ने तुझे काले सुट मे सजाया तो क्या सजाया ,
खुदा ने तुझे सब कुछ देदिया ,
मगर दिल देना भूल गया।
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जिसे तुम पत्थर कहते हो ,
वही भगवान है ,
हर कोई आंहे भरता है तेरे लिए ,
मगर तेरे काले सूट के पीछे ,
जो असलियत है उससे हर कोई अनजान है।
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कोई दिल की सुनने वाला नहीं ,
सुनाएं तो किसे सुनाई ,
कोई तेरे जैसा प्यार करने वाला नहीं ,
सताएं तो किसे सताएं ।
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अंधे प्यार पर यूं तो थुकता है जमाना ,
मगर देखकर तेरे काले सूट को ,
हर बार चुकता है , जमाना ।
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अच्छा बहुत लगा ,
जब चढ़े उस काले सूट वाली
के प्यार की सीढ़ियां ,
अब फरमाइसें निभा रहे हैं
बीत चुकी हैं पीढ़ियां ।
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हमें दलाली नहीं आती ,
हम दलाल नहीं ,
क्यों पहनती हो तुम काले सूट ,
यहां पूछो कौन बेहाल नहीं हैं।
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सच हमसे बताया नहीं जाता ,
झूठ हमसे बोला नहीं जाता ,
काले सूट के पीछे जो भेद है तेरा ,
हर किसी के सामने खोला नहीं जाता ।
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सपने मे जो देखा ,
आज वह दिन आया है ,
खुदा ने आसमान से ,
उस काले सूट वाली को ,
मेरे लिए बुलाया है।
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तेरे संग हारने मे ही
हमारी जीत है ,
पहले प्यार फिर शादी ,
यही जमाने की रीत है।
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काला सूट पहनकर निकलती है ,
जब वह गलियों मे मां कसम ,
जान मे जान आ जाती है ,
दिल की कलियों मे ।
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जवानी का जोश था ,
दिल हमारा बेहोश था ,
करली काले सूट वाली से
मुहब्ब्त यही हमारा दोष था ।
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निकलती थी कभी छत पर काले सूट मे ,
तो लगता था बारिश आवाली है ,
आज वर्षों से सूनी पड़ी है वो छत ,
लग रहा है ऐसा जैसे जिदंगी खारिश होने वाली है।
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मुरझाई नहीं हैं आज भी ,
कलियां तेरे प्यार की ,
तू एक बार हां कहदे काले सूट वाली ,
फिर हम परवाह नहीं करेंगे । इस संसार की ।
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एक दिन सूरज को भी डूबना होगा ,
आज भले ही तू किसी और की है ,
लेकिन एक जन्म मे तुझे ,
हमारे लिए उगना होगा ।
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जब पलके कुछ कहती हैं ,
तो जिदंगी खुश रहती हैं ,
जब छोड़ देती हैं पलकें साथ ,
तब सब कुछ खामोश रहती हैं।
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डूबता सितारा था मैं ,
तेरे लिए उस वक्त आवारा था मैं ,
फिर भी तेरे काले सूट के खर्च
का गुजारा था मैं ।
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कुछ चीजें खामोश अच्छी लगती हैं ,
कुछ चीजें बेहोश अच्छी लगती हैं ,
मगर जब तू पहनती है काला सूट ,
हर रोज अच्छी लगती हैं।
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दो शब्द रूठने वालों के लिए ,
दो शब्द तेरे काले बालों के लिए ,
वो डूबकर मर जाएं ,
इस इतना ही कहना है ,
प्यार मे धोखा देने वालों के लिए ।
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मन की मनमानी ने ,
तन की जवानी ने ,
दिवाना बना दिया हमको तेरा ,
इस काले सूट की निशानी ने ।
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एक दिन तेरी यादों मे जान देदेंगे ,
सुन ऐ काले सूट वाली ,
फिर उम्र भर का तुझे एहसान देदेंगे ।
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जाएं तो कहां जाएं ,
यह टूटी पतवार लेकर ,
हम तो दुनिया घूम आए ,
उस काले सूट वाली का प्यार लेकर ।
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धुंधले सड़कों पर चले, दिल की खोज में,
खोये हुए सपनों की तलाश में ,
मगर वह काले सूट वाली कहीं नहीं दिखी ,
वह तो थी हमारे एहसास मे ।
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नहीं मिला इस समंदर का किनारा ,
काले सूट वाली तो बस ,
हमें डूबोने के लिए करती रही इशारा ।
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बेकाबू लहरों में ,
अक्सर नाविक डूब जाया करते हैं ,
काले सूट वालियों से प्यार करने मे ,
अक्सर कांटे चुभ जाया करते हैं।
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जिसमे एक बार डूब गए ,
तो डूबते ही जाएं ,
इतना गहरा तालाब हो तुम ,
काला सूट पहनकर ,
दिल मे सफर करने वाला ,
एक जरा सा ख्वाब हो तुम ।
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तेरे काले सूढ ने सितम ढाये हैं ,
न जाने कितनों के दिल तड़पाये हैं।
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जी करता है ,
फूल बनकर बिखर जाएं आगे तुम्हारे ,
ऐ काले सूट वाली ,
अब लगता है जुड़ चुके हैं हमसे
धागे तुम्हारे ।
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छोड़ दिया हमने दाना पानी ,
दुनिया घूम रहे हैं अब तो जनाब ,
लेकर तेरे काले सूट की निशानी ।
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आंखों से कभी कभी बात हो जाया करती है ,
पहनकर निकलती है ,
जब तू काला सूट ,
दिन मे भी रात हो जाया करती है।
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रोको ना सांसों के समंदर को ,
जब देखते हैं , काले सूट मे तुझे ,
होश भी नहीं रहता इस सिकंदर को ।
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जब वक्त तुम से विदा लेने का आया ,
तेरे आंसुओं ने हमें भी खूब रूलाया ,
मगर आज भी तेरा काला सूट ,
हमारे दिल मे छाया ।
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खुदा जब देता है ,
तो बेहिसाब देता है ,
उसे ही मिलती है ,
वह काले सूट वाली परी ,
जो खुदा का नाम लेता है।
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ठंडे दिल मे अरमान जगा दिये तूने ,
तेरा काला सूट अब हमें नहीं देता जीने ।
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शराब पीने की चीज है ,
खूब पिया करो ,
देखकर मुझे काले सूट मे ,
नजरे हमारी तरफ किया करो ।
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हम खुद खो गए हैं ,
दिल की मस्तियों मे ,
पता नहीं कितने काले
सूट वाली रहती हैं ,
इन बस्तियों मे ।
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हवाओं का तेज बहाव था ,
हमे उस काले सूट वाली से ,
इश्क करने का चाव था ,
जब देखा उसकी तरफ ,
तो सूट उसका ,
कसम से लाजवाब था ।
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रोक नहीं सकते ,
उछलती जवानी को ,
कितना ही छुपाओ ,
एक दिन जान जाएगा
जमाना उस काले सूट वाली ,
के प्यार की कहानी को ।
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तेरा काला सूट देखकर ,
बुढ़ों को भी इश्क होने लगा ,
चलो बला टली ,
यह सोच कर मैं चैन से सोने लगा ।
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कौन रोक पाया है भला ,
पानी के बहाव को ,
जो उस काले सूट वाली
के भार को सहन कर सके ,
सदियों से खोज रहे हैं हम ,
ऐसी नाव को ।
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काला सूट पहनकर क्या साबित करोगी अब ,
किसी और से फिर क्या धोखा करोगी अब ।
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दिल के अरमां आसुंओ मे बह गए ,
वो काला सूट पहनकर ,
हमें हरामी कह गए ।
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जब हमने इजहार किया काले सूट वाली से ,
तो बोली घूट घूट कर जीने से मरना अच्छा है ,
क्या करें हम तुझे प्यार ,
तूतो अभी बच्चा है।
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उलटती पलटती ज़िंदगानी में ,
काला सूट पहनकर उतरी जब वह पानी मे ,
आग लग गई , कसम से जवानी मे ।
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कुछ लंहें छू कर गुजर जाते हैं ,
कुछ लंहें रूह तक गुजर जाते हैं ।
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तेरा सूट भी काला है ,
और जीने का अंदाज निराला है ,
आजकल याद है तेरी ,
और हाथ मे शराब का प्याला है।
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मस्ती मस्ती मे तू मस्तानी बन गई ,
पहनकर आई जब काला सूट ,
इस दिल की रानी बन गई ।
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जी करता है बारिश मे भीग जाने का ,
सुन ऐ काले सूट वाली हसीना ,
तेरी आंखों के इशारे हमें भी सीख जाने का ।
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तेरी राहों से यूं ही गुजरते रहेंगे ,
जब भी देखेंगे तुझे काला सूट पहने ,
यूं ही तंग तुझे करते रहेंगे ।
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सांसों की जरूरत है जीने के लिए ,
सुन ऐ काले सूट वाली ,
हम तो जिंदा हैं , तेरे होंठों का रस पीने के लिए ।
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सूखी जमीन पर कभी फूल खिला नहीं करते ,
ऐ काले सूट वाली मना मतकर हमें ,
सच्चे इश्क करने वाले यूं ही मिला नहीं करते ।
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इश्क नहीं करना है , तो मत करो ,
मगर यह जमीन तो रहने दो ,
हम तो कतरे हैं एक छोटे से ,
पानी के साथ बहने दो ।
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प्यार समझ बैठे हम ,
काले सूट वाली की खामोशी को ,
अब भला कौन तोड़ पाएगा ,
इस बेहोशी को ।
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वह कहती है ,
जिदंगी जीना नहीं आता हमें ,
जाम तो तुम्हारे पास ही है ,
मगर पीना नहीं आता तुम्हें ।
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कुछ शब्द दिल मे अटक जाते हैं ,
कुछ तेरे काले सूट को देखकर भट जाते हैं ,
जो इश्क ही नहीं करते हैं हमसे ,
वो हमें बीच राहों मे पटक जाते हैं।
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चंद बारिशें की जरूरत है ,
सूखे पत्तों को हरा होने के लिए ,
दिल मे दम चाहिए जनाब ,
तेरे प्यार के लिए खरा होने के लिए ।
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काले सूट मे वह लग रही थी परछाई सी ,
जब पास आकर गुजरी ,
तो लगी हमें एक तन्हाई सी ।
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दिल का रिश्ता भी ,
तेरे काले सूट के संग अजीब है ,
कभी कभी ऐसा लगता है दिल ,
तुम्हारे नहीं उस काले सूटके करीब है।
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दुनिया को काला सूट पहनकर मत दिखाया कर ,
एक दिन मर जाएंगे तेरी याद मे ,
हमें इतना भी मत सताया कर ।
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दुख तकलीफ सब सहलेंगे तेरे लिए ,
दरिया मे भी बह लेंगे तेरे लिए ,
क्यों ऐ काले सूट वाली ,
तूने किसी और संग फेरे लिए ।
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आंख भर आती है हमारी ,
जब देखते हैं तुझे औरों के संग ,
अगर नहीं आना था हमारी जिदंगी मे ,
तो क्यों लगाया हमें काले सूट का रंग ।
……………………………………
दिल की तन्हाई को आवाज बना लेते हैं ,
जो दिखती है काले सूट मे ,
बस उसी को पटा लेते हैं।
……………………………………
हर बार झूठी कसम खाई तुमने ,
अपने काले सूट मे उलझाकर ,
दी ऐसी तन्हाई तुमने ।
……………………………………
जब वह पहनकर निकलती थी काला सूट ,
भीड़ लग जाती थी दीवानों की ,
आज वह अकेली भटक रही है ,
टोली अब नजर नहीं आती परवानों की ।
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पहनकर निकलती है जब वो काला सूट ,
ऐसा लगता है जैसे चांद निकल आया ।
……………………………………
बदन पर काला सूट है ,
गले मे है शमन दुपट्टा ,
दुनिया लगाती है तेरे नाम का रट्टा ।
……………………………………
मन के हारे हार है ,
मन के जीते जीत ,
अगर काले सूट वाली ,
तू हो जाए अपनी ,
तो फिर जिदंगी जाएगी आराम से बीत ।
……………………………………
तेरे काले सूट ने दी है हमे ,
फिर से खड़े होने की ताकत ,
फिर हम क्यों करेंगे जानम ,
तुझ से बेवफाई की हिमाकत ।
……………………………………
हमें खाने की नहीं ,
हमें तो तेरे काले सूट की भूख है ,
क्यों लाइट जलाकर रखती हो हमारी तरफ ,
वैसे भी हमारी जिदंगी धूप है।
……………………………………
परवाह हम नहीं करते प्यार मे लाभ-हानि की ,
पहनकर काला सूट मत लुटा सब कुछ दुनिया को ,
कुछ परवाह तो करले अपनी जवानी की ।
……………………………………
वह काले सूट वाली मेरे दिल की रानी है ,
मगर मेरे प्यार से अनजानी है ,
मगर देखकर सकून मिलता है उसको ,
जैसे सदियों से जानी पहचानी है।
……………………………………
तू नहीं आई काला सूट पहनकर ,
तेरी राहों मे उदास खड़े हैं हम ,
एक बार कम से कम अपनी छत पर आजा ,
तेरे इतना पास खड़े हैं हम ।
……………………………………
यूं तो सब कुछ मिलता है बाजार मे ,
मगर दुनिया घूम आए ,
हम तो उस काले सूट वाली के इंतजार मे ।
……………………………………
और की तो बात ही क्या ,
तेरा काला सूट बेमिशाल है ,
खुदा ने यह कैसी कृति बनाई ,
खुदा भी क्या कमाल है।
……………………………………
कुछ भी नामुमकिन नहीं ,
जो दिल से चाहों मिलता जरूर है ,
भले ही इस जन्म मे ,
तेरे काले सूट का दीदार नहीं कर पाए ,
मगर अगले जन्म मे सब कुछ जरूर है।
……………………………………
अपने यारों मे ,
कच्ची कली के नाम से वह मशहूर है ,
उतनी सुंदर नहीं है वह ,
मगर उसके काले सूट मे ,
कुछ ना कुछ जरूर है।
……………………………………
दीदार हम भी न करपाए ,
तेरे काले सूट का ,
मगर किसी को करने भी नहीं देंगे ,
रस्ता बदल देंगे तीरी तरफ आने
वाले हर उस रूट का ।
……………………………………
जब देखा तुझे काले सूट में ,
तो आंखें चार हो गई ,
मगर तुझे किसी और का होते देखा ,
तो हमें लगा अपनी जिदंगी बेकार हो गई ।
……………………………………
तेरे काले सूट का ,
चित्र हम जरूर बनाएंगे ,
तू भले ही कितनी छूपकर रह ,
एक दिन दुनिया मे मशहूर हम बनाएंगे ।
……………………………………
जब काले सूट मे हिलती है कमर तेरी ,
दिल की धड़कने बढ़ जाती हैं मेरी ।
……………………………………
दिलों मे बसने वाली ,
आज धरती पर कैसे आ गई ,
काले सूट मे फुदकने वाली ,
आज अर्थी पर कैसे आ गई ।
……………………………………
अगर बरसात होगी ,
तो हम होने नहीं देंगे ,
कितना भी काला सूट चमकाले ,
हम तुझे इस दुनिया मे ,
खोने नहीं देंगे ।
……………………………………
अब पता नहीं चलता ,
दिन और रात का ,
आजा अब तो कमीनी ,
काले सूट को पहनकर ,
मौसम है बरसात का ।
……………………………………
अब कोई रस नहीं है इस राग मे ,
हम तो जल रहे हैं दिल की आग मे ,
अब काला सूट पहनकर आजा ,
जीएंगे और मरेंगे साथ मे ।
……………………………………
निराश ना हो मेरी रानी ,
काला सूट पहनकर ,
हमें दिखा दे अपनी जवानी ।
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हम तो मछुआरे हैं ,
मछली पकड़ने का काम करते हैं ,
कहीं समुद्र से निकल जाए ,
काले सूट वाली परी ,
इसलिए तट पर ही दिन रात आराम करते हैं।
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ऐ बादल बेमोसम बरसा मतकर ,
सुन ऐ दिल ,
वह काले सूट वाली तेरी नहीं ,
हर किसी को देखकर यूं तरसा मतकर ।
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तेरे काले सूट पर हमें नाज है ,
बेरूखा क्यों आज तेरा अंदाज है ,
अगर हमारे लिए नहीं ,
तो फिर किसके लिए यह साज है।
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न हाई फाई हैं हम ,
न तन्हाई हैं हम ,
काले सूट वाली लुगाई हैं हम ।
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न बंदिशें काम आई ,
न रंजिशें काम आई ,
वह तो पहनकर काला सूट ,
हमसे मिलने हर शाम आई ।
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शौक तो हमें भी है तेरे ,
काले सूट संग इश्क करने का ,
मगर मां ने कहा था बेटा ,
इश्क से डरने का ।
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तय होता है समय ,
जीने और मरने का ,
अब काला सूट पहनकर आजा ,
वक्त हो चुका है इश्क करने का ।
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पहनकर काला सूट जब देखा उसने ,
काली भूरी सुनहरी आंखों से ,
हमें इश्क का नशा ,
हमें भी लगा उसकी बातों से ।
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पहनकर काला सूट वह ,
देखकर इश्क के मरीज को बोली ,
सहन नहीं कर पाएगा तू मेरे नखरे ,
फिर क्या हलाल होने आ गया है ,
तू बकरे ।
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रूकती नहीं है ,
कभी आंधी इश्क की ,
इसमे जिदंगी भी होती है ,
रिस्क की ।
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जिसे दिल करा ,
उसे चाह लिया ,
तू हमें भी अच्छी लगती थी ,
काले सूट में,
मगर हमने इस बात को पचा लिया ।
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जी करता है ,
अब बस तेरे ही हो जाएं ,
काला सूट पहनकर बैठ तू ,
हम भी तेरी गोद मे सो जाएं।
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काली तेरी अदाएं हैं ,
काला तेरा दिल है ,
पहनकर चलती है काला सूट ,
तो कमर पर नजर आता है ,
जो काला तिल है।
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भर लिया है प्यार इस दिल के पिटारे मे ,
काला सूट पहनकर नजरें मिला छोड़ दे ,
जो है दिल मे कहदे बस इशारे मे ।
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दिल का काम नहीं है ,
सोचना और विचार करना ,
अब हम भी सीख चुके हैं ,
तेरे काले काले सूट से प्यार करना ।
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चाहे हमें समुद्र मे फेंक दो ,
चाहे हमें आग मे जला दो ,
बस एक बार उस काले सूट वाली
से मिला दो ।
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तारे चमकते हैं आकाश मे ,
तेरा काला सूट दिल है दिल के एहसास मे ,
मरने के बाद आई लवयू बोल रही हो ,
अब जान कहा बची है इस लाश मे ।
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मौसम बड़ा विराना है ,
काले सूट वाली का जमाना है ,
क्यों नजरे तड़पाते हो उसकी तरफ ,
प्यार नहीं मिलेगा यहां ,
बस अपने दिल को तड़पाना है।
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सब कुछ लूट लिया इश्क के बाजार ने ,
हमको भी कहीं का नहीं छोड़ा ,
उस काले सूट के दीदार ने ।
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तेरे काले सूट के आगे ,
लगता है सब कुछ फीका ,
तू चाहे लाख मना करदे ,
मगर तेरे दिल मे हमारे लिए
प्यार है दिखा ।
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किसी इश्क से हम घबराते नहीं ,
हर किसी को हम चाहते नहीं ,
तेरे काले सूट ने कर दिया कमाल ,
वरना हम भी तेरे लिए आते नहीं ।
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तेरे काले सूट ने दिल की घंटी बजाई है ,
दिन और रातों की नींद तुमने उड़ाई है।
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दुनिया भी एक मेला है ,
सुनों ऐ काले सूट पर मरने वालों ,
प्यार भी एक बहुत बड़ा खेला है।
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चेहरे पर मुस्कान हो ,
दिलों मे तेरा नाम हो ,
जब तू पहनके निकलती हो काला सूट ,
यह दिल भी क्यों ना परेशान हो ।
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धीरे धीरे धूप खिलती रही ,
काला सूट पहनकर वह मिलती रही ,
लेकिन एक दिन वह हमे छोड़कर चली गई ,
पता नहीं चला क्या हमारी गलती रही ।
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वक्त जब बुरा आता है ,
तो नदियों का भी किनारा टूट जाता है ,
वक्त जब बुरा आता है ,
तो अपना भी पीछे छूट जाता है।
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आज काली मिट्टी के दीये हमने जलाएं ,
आज काले सूट वाले अपने दिल ,
के राजा कहलाएं हैं।
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सब्र हम कर नहीं सकते ,
काले सूट वाली के इश्क मे लुट गए ,
यह खबर हम कर नहीं सकते ।
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मीठी मीठी जिसकी आवाज थी ,
काले सूट के साथ वो सलोनी अंदाज थी ,
हम से मिलकर वो ,
सबसे ज्यादा खुश वो आज थी ।
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मैंने धूप को हौले-हौले सरकते देखा था,
यूं तो कहती थी प्यार नहीं है मुझे ,
मगर मेरे दूर जाने पर ,
उस काले सूट वाली को तड़पते देखा था ।
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उस चांद ने काले बादलों को हटा दिया ,
हम तो बेहोश हो गए शमन ,
जब उसने अपने काले सूट को हमशे सटा दिया ।
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तुझे देखते देखते आंखे बुझ गई ,
फिर से दिल की धड़कन बढ़ी ,
जब हमारी कब्र को देखकर तू
काला सूट पहने रूक गई ।
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तेरी एक मुस्कान पर दुनिया मर जाए ,
तू हटा कर काले दुपट्टे को एक बार कहदे ,
तेरा यह आशिक अपनी जान कुर्बान कर जाए ।
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मिट्टी के दीये हमने कभी जलाये नहीं थे ,
इश्क तू किया कई काले सूट वालियों से ,
मगर सच्चे आशिक कभी कहलाए नहीं थे ।
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धड़कना तो दिल का काम है ,
हम तो आशिक हैं आवारा ,
कई काले सूट वालियों मे हमारा नाम है।
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आहिस्ता-आहिस्ता पता नहीं कब वह ,
इस दिल मे उतर गयी ,
एहसास हुआ जब काले सूट वाली के प्यार का
तब वह हवा की तरह गुजर गई ।
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देखकर मुझे अपने काले सूट मे ,
अपना दिल ना जलाया करो ,
अब हम किसी और के हो चुके हैं ,
हमसे ना नजरें मिलाया करो ।
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थक जाती है ,
जब वह आंगन बुहारते बुहारते ,
मगर क्या करें ,
हम भी थक चुके हैं ,
उसके बेजान काले सूट के साथ
राते गुजारते गुजारते ।
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बिन सूरज धरती का काम चलता नहीं ,
तुझे काले सूट मे देखे बिना ,
हमारा दिन कभी निकलता नहीं ।
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आज भी काले सूट वाली के ,
दिल के दरवाजे पर दस्तक देते हैं ,
मगर अपना तो साथ वो
बस तक लेते हैं।
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जीवन अधूरा है सूरज के बिना ,
काले सूट वाली से हम भी इश्क नहीं करते
जनाब जरूरत के बिना ।