काले कपड़ों पर 250 शायरी kale kapde par shayari

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काले रंग का तेरा दुपट्टा है ,

कहदे तू कि हमसे प्यार करती हो,

वरना हाथ मे हमारे देशी कट्टा है।

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पुरी रात याद तेरी सताती रही ,

वह काले सूट वाली क्या कर रही है अब ,

यह हवाएं धीरे धीरे हमारे कान मे बताती रही ।

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अगर फिक्र नहीं होता हमें पढ़ाई का ,

तो हम भी कुछ मजा लेलेते ,

तेरे काले सूट की कढ़ाई का ।

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आज वह फिर काले रंग का ,

सूट पहनकर आई थी ,

क्या बोलू अब मैं ,

दिल बेहाल हो गया ,

वह इतनी इतराई थी।

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चांद कभी कभी निकलता है अंधेरी रात मे ,

मगर सकून ऐसा मिलता है ,

जैसे हम घूम रहे हैं बरसात मे ।

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जब तूने छत पर काला सूट पहनकर

दुपट्टा हवा में उड़ाया था ,

मत पूछो इस दिल को ,

तूने कितना तड़पाया था ।

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कि वह हमसे प्यार नहीं करती है ,

हम जी रहे थे इस भ्रम मे ,

मगर काला सूट पहनकर ,

उसने आई लव यू बोल दिया ,

और हम डूब कर मर गए शर्म मे ।

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अगर खोज कर देखोगे ,

तो कोयले की खान मे भी हीरा मिल जाएगा ,

कल पहनकर आना काला सूट ,

हमें अपनी मुहब्बत का सिरा मिल जाएगा ।

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काले सूट मे लग रही हो ऐसे ,

जैसे कोयले की खान से हीरा निकल रहा हो ,

जैसे सकून मेरे साथ साथ चल रहा हो।

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कहर ढाती हो दिन भर काले सूट मे ,

और हमें यकीन करने को कहती हो

अपने झूठ मे ।

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तेरे काले सूट ने ​दुनिया मे बवाल कर दिया ,

जब से दिल लगाया है तुमसे ,

क​सम से तूने तो कमाल कर दिया ।

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माथे पर लाल बिंदी है ,

और तन पर काला सूट ,

कहती हो प्यार नहीं करती ,

कम से कम मत बोल झूठ ।

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जितना सजना है सज जाओ ,

मगर नजर लग जाएगी ,

काले सूट मे मत जाओ ।

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कमाल है , सारा तेरी काली साड़ी का ,

दिल लूट लिया है उसने इस अनाड़ी का ।

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मार ही डालता है हमें ,

तेरा काले सूट मे सजना और संवरना ,

फिर हर कोई चाहता है ,

तेरी राहों से गुजरना ।

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तेरा काला सूट है कढ़ाई का ,

मत फोन किया कर देर रात तक ,

यह वक्त है पढ़ाई का ।

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भंग करदी तेरे काले सूट ने मेरी तपस्या ,

दिल की दुनिया मे छा गई है तू ,

किस को बताएं हो गई है , बड़ी समस्या ।

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काली साड़ी, लाल लिपस्टिक, खुले बाल हैं ,

हर किसी से हंसकर बात करती हो ,

कभी इस सूखे दिल से भी पूछ लिया करो क्या हाल हैं।

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वह कह रही थी ,

कल काला सूट पहनकर आउंगी ,

कैसे प्यार नहीं करेगा तू ,

मैं तेरे दिल पर छाउंगी ।

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काली सलवार है ,

काली है कमीज ,

मैं तुझ से प्यार ही नहीं करती ,

क्यों पीछे पड़ा है बतमीज ।

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मेरी दिल की दुनिया को

लूट लिया उसने ,

मैं तो छुप गया था डरकर ,

मगर काला सूट पहनकर ढूंढ लिया उसने ।

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रंगों की परी है तू ,

मगर काले रंग पर बड़ी खरी है तू ,

कुछ भी हो ,

मगर आशिकों की कातिल बड़ी है तू ।

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हम तेरे काले सूट पर कुर्बान हो जाएं ,

अगर तू एक बार कहदे तो हम क्या चीज हैं ,

खुदा भी तुझ पर मेहरबान हो जाएं ।

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हिंदी मे बोल दिया करो ,

इंग्लिश हमें आती नहीं ,

रात को नींद नहीं आती कसम से ,

जब तक काले सूट वाली ,

अपना हाल बताती नहीं ।

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काली रात मे जैसे चांद झलक रहा है ,

हर कोई लुट लेना चाहता है ,

तेरे होठों से जो प्यार छलक रहा है।

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तेरी खूबसूरती मेरी कमजोरी है ,

तेरे काले रंग के सूट ने की ,

मेरे दिल की जो चोरी है।

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वैसे तो चांद मे भी दाग होता है ,

मगर तेरे काले सूट का अलग ही अंदाज होता है।

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तेरे काले सूट ने ,

इस दिल पर कहर ढाया है ,

अब मरने को जी करता है ,

क्या करें तूने हमको इतना सताया है।

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वैसे तो तेरा काला रंग मेरी कमजोरी है ,

मगर क्या करें ,

खूबसूरत दिखना भी तेरा जरूरी है।

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ना घर से निकला कर ,

काला सूट पहनकर बरसात मे ,

क्योंकि फिर देखकर तुझे ,

यह दिल नहीं रह​ता औकात मे ।

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उस काले सूट वाली का

नाम है सहजादियों मे ,

कभी मिले थे हम उससे ,

विरान वादियों मे ।

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इंसानों का कत्ल होते देखा होगा ,

आ रही है वो काले सूट वाली ,

आज दिल का कत्ल होते हुए भी देख लेना ।

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कभी देखी नहीं होगी काले सूट वाली हसीना ,

हर खदान मे नहीं मिलेगा आपको ऐसा नगीना ।

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काला सूट तुम्हारा कहर ढाता है ,

इश्क की तो तू बात ही मतकर ,

यूं तो सारा जमाना तुझे चाहता है।

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दिल जलाने के लिए ,

ऐ काले सूट वाली ,

तेरी मुस्कान की काफी है ,

तेरी अदाओं को देखकर तो

यह जमाना शराबी है।

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काले सूट वाली हमसे

आंख मिलाकर आंख चुराया न कर ,

हम तो तुम्हारे दिल मे रहते हैं ,

हमे हद से ज्यादा सताया न कर ।

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पहन कर चलती हो जब काला सूट गलियों मे ,

फिर बस तू ही तू नजर आती हो रंगरलियों मे ।

काले तेरे कपड़े हैं ,

और नित नए तेरे लफड़े हैं।

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काले सूट मे खूब लहराती हैं तेरी आंखें ,

दिल मे घाव कर जाती हैं तेरी बातें ।

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तेरे काले सूट ने ,

इस शहर मे बवाल कर दिया ,

कि फिर से यह उठ नहीं पाएगा कभी ,

दिल को इतना निढाल कर दिया ।

यूँ बेपरवाह अंदाज से मत मुस्कुराया करो ,

काला सूट पहनकर ना कहर ढाया करो ।

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आसमान से बिजली गिरती है ,

यह तो सब जानते हैं ,

मगर आज तूने जमीन से

बिजलियां गिराई काले सूट मे ,

यह हम मानते हैं।

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लबों पे हल्की मुस्कुराहट से वो

सबको अपना दीवाना बना लेती है,

पता नहीं कैसे ,

काला सूट पहनकर खूब इतरा लेती है।

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खुदा खैर करे दिल के मरीजों की ,

आज काला सूट पहनकर निकली है ,

वह कली खनीजों की ।

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आसमान मे उड़ते रहे परीदें ,

उसके काले सूट को देखकर ,

जी चाहता है दफन हो जाएं जीदें ।

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जब से सिलवाया है सूट काला उसने ,

दिन रात का चैन छीन लिया साला उसने ।

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नहीं देखी कभी ,

बंजर जमीन पर फसल करने वाली ,

मगर काले सूट मे आज देखी है ,

दिलों का कत्ल करने वाली ।

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दुनिया मरती है ,

तेरे काले सूट और खुले बालों पर ,

हमारा तो हाल ही ना पूछो तुम ,

खाना पीना सब भूल गए ,

अब जिंदा हैं बस ख्यालों पर ।

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तेरा काला सूट बड़ा कमाल है ,

दिल मे मचाता हमारे धमाल है।

काजल भी आँखो में बड़ा फबता है,

तेरे प्यार मे भूल गया हूं खुदा को ,

यह बंदा तो बस तेरा नाम जबदा है।

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यह मौसम बेमिसाल है ,

और तेरे काले सूट ने ,

किया हमारा बुरा हाल है।

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जाम पर जाम पी गया ,

मगर नशा नहीं हुआ ,

साथी तो मिले जिदंगी मे ,

मगर कोई काले सूट वाली जैसा नहीं हुआ ।

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काले सूट पर,काली जुती भी बड़ा सजती है ,

तू ही पता नहीं हमें कैसे जचती हैं।

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जी भर जाता है ,

काले सूटवाली को निहारकर ,

तू भी घर से निकला कर पगली ,

अपनी नजर उतार कर ।

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काले सूट मे संभलकर ,

घर से निकला कर ,

जमाना बहुत खराब है ,

यहां किसी का क्या भरोशा ,

हर किसी के हाथ मे शराब है।

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शाम की काली रौशनी में,

धुंधले काले सूट में,

वह रोज मिलती है हमे ,

अपने उस रूट मे ।

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सांवली सलोनी धूप मे ,

खूब अच्छी लगती है काले सूट मे ,

बस मजा आ जाए ,

उसके होठों का थोड़ा सा रस

मिल जाए इस सूप मे ।

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आँखों में चमकते ख्वाब लेकर,

कहर ढाती है वो साली ,

जब निकलती है चेहरे पर

काला हिजाब लेकर ।

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आज चमक है ,

बस मे काले सूट की ,

तू ही तो एक सवारी है ,

हमारे रूट की ।

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वैसे तो परी है तू रूप की ,

और कुछ करामात है

तेरे काले सूट की

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ऐ काले सूट वाली ,

आजा तुझे दिल मे छुपा लेंगे ,

सदा सदा के लिए ,

तुझे अपना बना लेंगे ।

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वो है काले सूट में एक ख्वाब सा,

नशा है उसका शराब सा ,

जब जाती है ,छोड़कर हमें ,

तो दिल लगता है बेताब सा ।

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उसक काले सूट वाली की ,

खूबसूरती की तारिफ कर नहीं सकते ,

उसकी सुंदरता के आगे ,

मेरे शब्द उभर नहीं सकते ।

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आज मौसम भी है ,

यह दिल रोसन भी है ,

आजा काले सूट वाली ,

जिदंगी का परमोशन भी है।

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जब वो काले सूट मे ,

नजर वो पहली बार आई थी ,

 उस पर मर मिटने को जी कर गया ,

इतना वह अपने मन को भाई थी।

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काले सूट वाली तो ,

चांदनी रात मे चमकती है वो  ,

ख्वाब की परी है वो ,

कभी भी आ धमकती है वो ।

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आसमान मे तारे तो अनेक हैं ,

मगर चांद के  जैसे नहीं

इस दुनिया मे लड़कियां तो बहुत हैं ,

मगर  सभी के साथ दिल का

रिश्ता वैसे नहीं ।

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अपनी काली साड़ी का पल्लू ना गिराया कर ,

दिल मे धमाल मच जाता है ,

हमें इतना ना तड़पाया कर ।

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दिन भर वह काले सूट मे ,

छत पर कहर ढाती रही ,

और रात मे जब चली गई ,

तो याद तेरी आती रही ।

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हमारी औकात नहीं है ,

उस काले सूट वाली से दिल लगाने की ,

तो फिर हिम्मत कहां से होगी ,

यह सब बताने की ।

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कमाल देखा तेरे काले सूट गया ,

जब दुपट्टा गिराया ,

तो दिल बेहाल देखा हर उंट का ।

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बिक गई हम ,

उस काले सूट वाली की ख्वाहिशों के लिए ,

मांग लेना मर भी गए तो ,

फिर भी जिंदा हो जाएंगे तेरी फरमाइशों के लिए ।

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जब से तूने पल्लू गिरा दिया ,

जानम बात क्यां कहें ,

जमाने को तूने हरा दिया ।

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तेरे काले सूट का कमाल है ,

इसलिए इस दिल मे धमाल है।

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बारिशों का मौसम नहीं ,

फिर भी बारिश हो रही है ,

देखा आसमान की तरफ ,

तो पता चला काले सूट वाली रो  रही है।

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देखकर बजती हैं ,

तेरे काले सूट को ,

​मेरे दिल की घंटियां ।

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खुदा ने तुझे बनाया तो क्या बनाया ,

खुदा ने तुझे काले सुट मे सजाया तो क्या सजाया ,

खुदा ने तुझे सब कुछ देदिया ,

मगर दिल देना भूल गया।

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जिसे तुम पत्थर कहते हो ,

वही भगवान है ,

हर कोई आंहे भरता है तेरे लिए ,

मगर तेरे काले सूट के पीछे ,

जो असलियत है उससे हर कोई अनजान है।

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कोई दिल की सुनने वाला नहीं ,

सुनाएं तो किसे सुनाई ,

कोई तेरे जैसा प्यार करने वाला नहीं ,

सताएं तो किसे सताएं ।

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अंधे प्यार पर यूं तो थुकता है जमाना ,

मगर देखकर तेरे काले सूट को ,

हर बार चुकता है , जमाना ।

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अच्छा बहुत लगा ,

जब चढ़े उस काले सूट वाली

के प्यार की सीढ़ियां ,

अब फरमाइसें निभा रहे हैं

बीत चुकी हैं पीढ़ियां ।

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हमें दलाली नहीं आती ,

हम दलाल नहीं ,

क्यों पहनती हो तुम काले सूट ,

यहां पूछो कौन बेहाल नहीं हैं।

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सच हमसे बताया नहीं जाता ,

झूठ हमसे बोला नहीं जाता ,

काले सूट के पीछे जो भेद है तेरा ,

हर किसी के सामने खोला नहीं जाता ।

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सपने मे जो देखा ,

आज वह दिन आया है ,

खुदा ने आसमान से ,

उस काले सूट वाली को ,

मेरे लिए बुलाया है।

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तेरे संग हारने मे ही

हमारी जीत है ,

पहले प्यार फिर शादी ,

यही जमाने की रीत है।

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काला सूट पहनकर निकलती है ,

जब वह गलियों मे मां कसम ,

जान मे जान आ जाती है ,

दिल की कलियों मे ।

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जवानी का जोश था ,

दिल हमारा बेहोश था ,

करली काले सूट वाली से

मुहब्ब्त यही हमारा दोष था ।

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निकलती थी कभी छत पर काले सूट मे ,

तो लगता था बारिश आवाली है ,

आज वर्षों से सूनी पड़ी है वो छत ,

लग रहा है ऐसा जैसे जिदंगी खारिश होने वाली है।

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मुरझाई नहीं हैं आज भी ,

कलियां तेरे प्यार की ,

तू एक बार हां कहदे काले सूट वाली ,

फिर हम परवाह नहीं करेंगे । इस संसार की ।

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एक दिन सूरज को भी डूबना होगा ,

आज भले ही तू किसी और की है ,

लेकिन एक जन्म मे तुझे ,

हमारे लिए उगना होगा ।

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जब पलके कुछ कहती हैं ,

तो जिदंगी खुश रहती हैं ,

जब छोड़ देती हैं पलकें साथ ,

तब सब कुछ खामोश रहती हैं।

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डूबता सितारा था मैं ,

तेरे लिए उस वक्त आवारा था मैं ,

फिर भी तेरे काले सूट के खर्च

का गुजारा था मैं ।

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कुछ चीजें खामोश अच्छी लगती हैं ,

कुछ चीजें बेहोश अच्छी लगती हैं ,

मगर जब तू पहनती है काला सूट ,

हर रोज अच्छी लगती हैं।

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दो शब्द रूठने वालों के लिए ,

दो शब्द तेरे काले बालों के लिए ,

वो डूबकर मर जाएं ,

इस इतना ही कहना है ,

प्यार मे धोखा देने वालों के लिए ।

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मन की मनमानी ने ,

तन की जवानी ने ,

दिवाना बना दिया हमको तेरा ,

इस काले सूट की निशानी ने ।

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एक दिन तेरी यादों मे जान देदेंगे ,

सुन ऐ काले सूट वाली ,

फिर उम्र भर का तुझे एहसान देदेंगे ।

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जाएं तो कहां जाएं ,

यह टूटी पतवार लेकर ,

हम तो दुनिया घूम आए ,

उस काले सूट वाली का प्यार लेकर ।

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धुंधले सड़कों पर चले, दिल की खोज में,

खोये हुए सपनों की तलाश में ,

मगर वह काले सूट वाली कहीं नहीं दिखी ,

वह तो थी हमारे एहसास मे ।

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नहीं मिला इस समंदर का किनारा ,

काले सूट वाली तो बस ,

हमें डूबोने के लिए करती रही इशारा ।

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बेकाबू लहरों में ,

अक्सर नाविक डूब जाया करते हैं ,

काले सूट वालियों से प्यार करने मे ,

अक्सर कांटे चुभ जाया करते हैं।

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जिसमे एक बार डूब गए ,

तो डूबते ही जाएं ,

इतना गहरा तालाब हो तुम ,

काला सूट पहनकर ,

दिल मे सफर करने वाला ,

एक जरा सा ख्वाब हो तुम ।

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तेरे काले सूढ ने सितम ढाये हैं ,

न जाने कितनों के दिल तड़पाये हैं।

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जी करता है ,

फूल बनकर बिखर जाएं आगे तुम्हारे ,

ऐ काले सूट वाली ,

अब लगता है जुड़ चुके हैं हमसे

धागे तुम्हारे ।

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छोड़ दिया हमने दाना पानी ,

दुनिया घूम रहे हैं अब तो जनाब ,

लेकर तेरे काले सूट की निशानी ।

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आंखों से कभी कभी बात हो जाया करती है ,

पहनकर निकलती है ,

जब तू काला सूट ,

दिन मे भी रात हो जाया करती है।

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रोको ना सांसों के समंदर को ,

जब देखते हैं , काले सूट मे तुझे ,

होश भी नहीं रहता इस सिकंदर को ।

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जब वक्त तुम से विदा लेने का आया ,

तेरे आंसुओं ने हमें भी खूब रूलाया ,

मगर आज भी तेरा काला सूट ,

हमारे दिल मे छाया ।

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खुदा जब देता है ,

तो बेहिसाब देता है ,

उसे ही मिलती है ,

वह काले सूट वाली प​री ,

जो खुदा का नाम लेता है।

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ठंडे दिल मे अरमान जगा दिये तूने ,

तेरा काला सूट अब हमें नहीं देता जीने ।

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शराब पीने की चीज है ,

खूब पिया करो ,

देखकर मुझे काले सूट मे ,

नजरे हमारी तरफ किया करो ।

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हम खुद खो गए हैं ,

दिल की मस्तियों मे ,

पता नहीं कितने काले

सूट वाली रहती हैं ,

इन बस्तियों मे ।

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हवाओं का तेज बहाव था ,

हमे उस काले सूट वाली से ,

इश्क करने का चाव था ,

जब देखा उसकी तरफ ,

तो सूट उसका ,

कसम से लाजवाब था ।

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रोक नहीं सकते ,

उछलती जवानी को ,

कितना ही छुपाओ ,

एक दिन जान जाएगा

जमाना उस काले सूट वाली ,

के प्यार की कहानी को ।

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तेरा काला सूट देखकर ,

बुढ़ों को भी इश्क होने लगा ,

चलो बला टली ,

यह सोच कर मैं चैन से सोने लगा ।

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कौन रोक पाया है भला ,

पानी के बहाव को ,

जो उस काले सूट वाली

के भार को सहन कर सके ,

सदियों से खोज रहे हैं हम ,

ऐसी नाव को ।

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काला सूट पहनकर क्या साबित करोगी अब ,

किसी और से फिर क्या धोखा करोगी अब ।

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दिल के अरमां आसुंओ मे बह गए ,

वो काला सूट पहनकर ,

हमें हरामी कह गए ।

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जब हमने इजहार किया काले सूट वाली से ,

तो बोली घूट घूट कर जीने से मरना अच्छा है ,

क्या करें हम तुझे प्यार ,

तूतो अभी बच्चा है।

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उलटती पलटती ज़िंदगानी में ,

काला सूट पहनकर उतरी जब वह पानी मे ,

आग लग गई , कसम से  जवानी मे ।

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कुछ लंहें छू कर गुजर जाते हैं ,

कुछ लंहें रूह तक गुजर जाते हैं ।

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तेरा सूट भी काला है ,

और जीने का अंदाज निराला है ,

आजकल याद है तेरी ,

और हाथ मे शराब का प्याला है।

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मस्ती मस्ती मे तू मस्तानी बन गई ,

पहनकर आई जब काला सूट ,

​इस दिल की रानी बन गई ।

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जी करता है बारिश मे भीग जाने का ,

सुन ऐ काले सूट वाली हसीना ,

तेरी आंखों के ​इशारे हमें भी सीख जाने का ।

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तेरी राहों से यूं ही गुजरते रहेंगे ,

जब भी देखेंगे तुझे काला सूट पहने ,

यूं ही तंग तुझे करते रहेंगे ।

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सांसों की जरूरत है जीने के लिए ,

सुन ऐ काले सूट वाली ,

हम तो जिंदा हैं , तेरे होंठों का रस पीने के लिए ।

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सूखी जमीन पर कभी फूल खिला नहीं करते ,

ऐ काले सूट वाली मना मतकर हमें ,

सच्चे इश्क करने वाले यूं ही मिला नहीं करते ।

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इश्क नहीं करना है , तो मत करो ,

मगर यह जमीन तो रहने दो ,

हम तो कतरे हैं एक छोटे से ,

पानी के साथ बहने दो ।

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प्यार समझ बैठे हम ,

काले सूट वाली की खामोशी को ,

अब भला कौन तोड़ पाएगा ,

इस बेहोशी को ।

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वह कहती है ,

जिदंगी जीना नहीं आता हमें ,

जाम तो तुम्हारे पास ही है ,

मगर पीना नहीं आता तुम्हें ।

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कुछ शब्द दिल मे अटक जाते हैं ,

कुछ तेरे काले सूट को देखकर भट जाते हैं ,

जो इश्क ही नहीं करते हैं हमसे ,

वो हमें बीच राहों मे पटक जाते हैं।

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चंद बारिशें की जरूरत है ,

सूखे पत्तों को हरा होने के लिए ,

दिल मे दम चाहिए जनाब ,

तेरे प्यार के लिए खरा होने के लिए ।

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काले सूट मे वह लग रही थी परछाई सी ,

जब पास आकर गुजरी ,

तो लगी हमें एक तन्हाई सी ।

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दिल का रिश्ता भी ,

तेरे काले सूट के संग अजीब है ,

कभी कभी ऐसा लगता है दिल ,

तुम्हारे नहीं उस काले सूटके करीब है।

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दुनिया को काला सूट पहनकर मत दिखाया कर ,

एक दिन मर जाएंगे तेरी याद मे ,

हमें इतना भी मत सताया कर ।

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दुख तकलीफ सब सहलेंगे तेरे लिए ,

दरिया मे भी बह लेंगे तेरे लिए ,

क्यों ऐ काले सूट वाली ,

तूने किसी और संग फेरे लिए ।

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आंख भर आती है हमारी ,

जब देखते हैं तुझे औरों के संग ,

अगर नहीं आना था हमारी जिदंगी मे ,

तो क्यों लगाया हमें काले सूट का रंग ।

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दिल की तन्हाई को आवाज बना लेते हैं ,

जो दिखती है काले सूट मे ,

बस उसी को पटा लेते हैं।

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हर बार झूठी कसम खाई तुमने ,

अपने काले सूट मे उलझाकर ,

दी ऐसी तन्हाई तुमने ।

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जब वह पहनकर निकलती थी काला सूट ,

भीड़ लग जाती थी दीवानों की ,

आज वह अकेली भटक रही है ,

टोली अब नजर नहीं आती परवानों की ।

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पहनकर निकलती है जब वो काला सूट ,

ऐसा लगता है जैसे चांद निकल आया ।

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बदन पर काला सूट है ,

गले मे है शमन दुपट्टा ,

दुनिया लगाती है तेरे नाम का रट्टा ।

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मन के हारे हार है ,

मन के जीते जीत ,

अगर काले सूट वाली ,

तू हो जाए अपनी ,

तो फिर जिदंगी जाएगी आराम से बीत ।

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तेरे काले सूट ने दी है हमे ,

फिर से खड़े होने की ताकत ,

फिर हम क्यों करेंगे जानम ,

तुझ से बेवफाई की हिमाकत ।

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हमें खाने की नहीं ,

हमें तो तेरे काले सूट की भूख है ,

क्यों लाइट जलाकर रखती हो हमारी तरफ ,

वैसे भी हमारी जिदंगी धूप है।

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परवाह हम नहीं करते प्यार मे लाभ-हानि की ,

पहनकर काला सूट मत लुटा सब कुछ दुनिया को ,

कुछ परवाह तो करले अपनी जवानी की ।

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वह काले सूट वाली मेरे दिल की रानी है ,

मगर मेरे प्यार से अनजानी है ,

मगर देखकर सकून मिलता है उसको ,

जैसे सदियों से जानी पहचानी है।

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तू नहीं आई काला सूट पहनकर ,

तेरी राहों मे उदास खड़े हैं हम ,

एक बार कम से कम अपनी छत पर आजा ,

तेरे इतना पास खड़े हैं हम ।

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यूं तो सब कुछ मिलता है बाजार मे ,

मगर दुनिया घूम आए ,

हम तो उस काले सूट वाली के  इंतजार मे ।

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और की तो बात ही क्या ,

तेरा काला सूट बेमिशाल है ,

खुदा ने यह कैसी कृति बनाई ,

खुदा भी क्या कमाल है।

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कुछ भी नामुमकिन नहीं ,

जो दिल से चाहों मिलता जरूर है ,

भले ही इस जन्म मे ,

तेरे काले सूट का दीदार नहीं कर पाए ,

मगर अगले जन्म मे सब कुछ जरूर है।

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अपने यारों मे ,

कच्ची कली के नाम  से वह मशहूर है ,

उतनी सुंदर नहीं है वह ,

मगर उसके काले सूट मे ,

कुछ ना कुछ जरूर है।

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दीदार हम भी न करपाए ,

तेरे काले सूट का ,

मगर किसी को करने भी नहीं देंगे ,

रस्ता बदल देंगे तीरी तरफ आने

वाले हर उस रूट का ।

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जब देखा तुझे काले सूट में ,

तो आंखें चार हो गई ,

मगर तुझे किसी और का होते देखा ,

तो हमें लगा अपनी जिदंगी बेकार हो गई ।

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तेरे काले सूट का ,

चित्र हम जरूर बनाएंगे ,

तू भले ही कितनी छूपकर रह ,

एक दिन दुनिया मे मशहूर हम बनाएंगे ।

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जब काले सूट मे हिलती है कमर तेरी ,

दिल की धड़कने बढ़ जाती हैं मेरी ।

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दिलों मे बसने वाली ,

आज धरती पर कैसे आ गई ,

काले सूट मे फुदकने वाली ,

आज अर्थी पर कैसे आ गई ।

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अगर बरसात होगी ,

तो हम होने नहीं देंगे ,

कितना भी काला सूट चमकाले ,

हम तुझे इस दुनिया मे ,

खोने नहीं देंगे ।

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अब पता नहीं चलता ,

दिन और रात का ,

आजा अब तो कमीनी ,

काले सूट को पहनकर ,

मौसम है बरसात का ।

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अब कोई रस नहीं है इस राग मे ,

हम तो जल रहे हैं दिल की आग मे ,

अब काला सूट पहनकर आजा ,

​जीएंगे और मरेंगे साथ मे ।

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निराश ना हो मेरी रानी ,

काला सूट पहनकर ,

हमें दिखा दे अपनी जवानी ।

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हम तो मछुआरे हैं ,

मछली पकड़ने का काम करते हैं ,

कहीं समुद्र से निकल जाए ,

काले सूट वाली परी ,

इसलिए तट पर ही दिन रात आराम करते हैं।

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ऐ बादल बेमोसम बरसा मतकर ,

सुन ऐ दिल ,

वह काले सूट वाली तेरी नहीं ,

हर किसी को देखकर यूं तरसा मतकर ।

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तेरे काले सूट पर हमें नाज है ,

बेरूखा क्यों आज तेरा अंदाज है ,

अगर हमारे लिए नहीं ,

तो फिर किसके लिए यह साज है।

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न हाई फाई हैं हम ,

न तन्हाई हैं हम ,

काले सूट वाली लुगाई हैं हम ।

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न बंदिशें काम आई ,

न रंजिशें काम आई ,

वह तो पहनकर काला सूट ,

हमसे मिलने हर शाम आई ।

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शौक तो हमें भी है तेरे ,

काले सूट संग इश्क करने का ,

मगर मां ने कहा था बेटा ,

इश्क से डरने का ।

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तय होता है समय ,

जीने और मरने का ,

अब काला सूट पहनकर आजा ,

वक्त हो चुका है इश्क करने का ।

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पहनकर काला सूट जब देखा उसने ,

काली भूरी सुनहरी आंखों से ,

हमें इश्क का नशा ,

हमें भी लगा उसकी बातों से ।

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पहनकर काला सूट वह ,

देखकर इश्क के मरीज को बोली ,

सहन नहीं कर पाएगा तू मेरे नखरे ,

फिर क्या हलाल होने आ गया है ,

तू बकरे ।

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रूकती नहीं है ,

कभी आंधी इश्क की ,

इसमे जिदंगी भी होती है ,

रिस्क की ।

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जिसे दिल करा ,

उसे चाह लिया ,

तू हमें भी अच्छी लगती थी ,

काले सूट में,

मगर हमने इस बात को पचा लिया ।

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जी करता है ,

अब बस  तेरे ही हो जाएं ,

काला सूट पहनकर बैठ तू ,

हम भी तेरी गोद मे सो जाएं।

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काली तेरी अदाएं हैं ,

काला तेरा दिल है ,

पहनकर चलती है काला सूट ,

तो कमर पर नजर आता है ,

जो काला तिल है।

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भर लिया  है प्यार इस दिल के पिटारे मे ,

काला सूट पहनकर नजरें मिला छोड़ दे ,

जो है दिल मे कहदे बस इशारे मे ।

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दिल का काम नहीं है ,

सोचना और विचार करना ,

अब हम भी सीख चुके हैं ,

तेरे काले काले सूट से प्यार करना ।

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चाहे हमें समुद्र मे फेंक दो ,

चाहे हमें आग मे जला दो ,

बस एक बार उस काले सूट वाली

से मिला दो ।

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तारे चमकते हैं आकाश मे ,

तेरा काला सूट दिल है दिल के एहसास मे ,

मरने के बाद आई लवयू बोल रही हो ,

अब जान कहा बची है इस लाश मे ।

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मौसम बड़ा विराना है ,

काले सूट वाली का जमाना है ,

क्यों नजरे तड़पाते हो उसकी तरफ ,

प्यार नहीं मिलेगा यहां ,

बस अपने दिल को तड़पाना है।

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सब कुछ लूट लिया इश्क के बाजार ने ,

हमको भी कहीं का नहीं छोड़ा ,

उस काले सूट के दीदार ने ।

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तेरे काले सूट के आगे ,

लगता है सब कुछ फीका ,

तू चाहे लाख मना करदे ,

मगर तेरे दिल मे हमारे लिए

प्यार है दिखा ।

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किसी इश्क से हम घबराते नहीं ,

हर किसी को हम चाहते नहीं ,

तेरे काले सूट ने कर दिया कमाल ,

वरना हम भी तेरे लिए आते नहीं ।

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तेरे काले सूट ने दिल की घंटी बजाई है ,

दिन और रातों की नींद तुमने उड़ाई है।

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दुनिया भी एक मेला है ,

सुनों ऐ काले सूट पर मरने वालों ,

प्यार भी एक बहुत बड़ा खेला है।

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चेहरे पर मुस्कान हो ,

दिलों मे तेरा नाम हो ,

जब तू पहनके निकलती हो काला सूट ,

यह दिल भी क्यों ना परेशान हो ।

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धीरे धीरे धूप खिलती रही ,

काला सूट पहनकर वह मिलती रही ,

लेकिन एक दिन वह हमे छोड़कर चली गई ,

पता नहीं चला क्या हमारी गलती रही ।

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वक्त जब बुरा आता है ,

तो नदियों का भी किनारा टूट जाता है ,

वक्त जब बुरा आता है ,

तो अपना भी पीछे छूट जाता है।

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आज काली मिट्टी के दीये हमने जलाएं ,

आज काले सूट वाले अपने दिल ,

के राजा कहलाएं हैं।

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सब्र हम कर नहीं सकते ,

काले सूट वाली के इश्क मे लुट गए ,

यह खबर हम कर नहीं सकते ।

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मीठी मीठी जिसकी आवाज थी ,

काले सूट के साथ वो सलोनी अंदाज थी ,

हम से मिलकर वो ,

सबसे ज्यादा खुश वो आज थी ।

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मैंने धूप को हौले-हौले सरकते देखा था,

यूं तो कहती थी प्यार नहीं है मुझे ,

मगर मेरे दूर जाने पर ,

उस काले सूट वाली को तड़पते देखा था ।

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उस चांद ने काले बादलों को हटा दिया ,

हम तो बेहोश हो गए शमन ,

जब उसने अपने काले सूट को हमशे सटा दिया ।

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तुझे देखते देखते आंखे बुझ गई ,

फिर से दिल की धड़कन बढ़ी ,

जब हमारी कब्र को देखकर तू

काला सूट पहने रूक गई ।

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तेरी एक मुस्कान पर दुनिया मर जाए ,

तू हटा कर काले दुपट्टे को एक बार कहदे ,

तेरा यह आशिक अपनी जान कुर्बान कर जाए ।

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मिट्टी के दीये हमने कभी जलाये नहीं थे ,

इश्क तू किया कई काले सूट वालियों से ,

मगर सच्चे आशिक कभी कहलाए नहीं थे ।

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धड़कना तो दिल का काम है ,

हम तो आशिक हैं आवारा ,

कई काले सूट वालियों मे हमारा नाम है।

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आहिस्ता-आहिस्ता पता नहीं कब वह ​,

इस दिल मे उतर गयी ,

एहसास हुआ जब काले सूट वाली के प्यार का

तब वह हवा की तरह गुजर गई ।

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देखकर मुझे अपने काले सूट मे ,

अपना दिल ना जलाया करो ,

अब हम किसी और के हो चुके हैं ,

हमसे ना नजरें मिलाया करो ।

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थक जाती है ,

जब वह आंगन बुहारते बुहारते ,

मगर क्या करें ,

हम भी थक चुके हैं ,

उसके बेजान काले सूट के साथ

राते गुजारते गुजारते ।

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बिन सूरज धरती का काम चलता नहीं ,

तुझे काले सूट मे देखे बिना ,

हमारा दिन कभी निकलता नहीं ।

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आज भी काले सूट वाली के ,

दिल के दरवाजे पर दस्तक देते हैं ,

मगर अपना तो साथ वो

बस तक लेते हैं।

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जीवन अधूरा है सूरज के बिना ,

काले सूट वाली से हम भी इश्क नहीं करते

जनाब जरूरत के बिना ।

This post was last modified on November 13, 2023

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