kan me tel dalne fayde क्या होते हैं ? आइए जानते है।कान मे तेल को डालना चाहिए या फिर नहीं ? यह बहुत ही बड़ा सवाल होता है। यदि हम अपनी बात करें , तो जब बचपन के अंदर हम छोटे थे , तो कान के अंदर किसी तरह की फुंसी हो जाती थी , तो घर वाले तेल को मामूली गर्म करने के बाद कान मे दो बूंद डाल देते थे । जिससे कि हमें काफी आराम भी मिलता था , और कान की समस्या ठीक होती थी । यह असल मे एक प्रकार का घरेलू उपाय होता है। कान की छोटी मोटी समस्याएं जैसे इयरवैक्स का सूखना , कान मे खुजली होना , और इस तरह की छोटी मोटी समस्या यदि होती हैं , तो उनको ठीक करने के लिए कान मे तेल को डाला जाता है। हालांकि हम अपने अनुभव की बात करें , तो कान मे तेल डालने से कई सारे फायदे होते हैं। और रही बात तेल के अंदर संक्रमण की , तो कान मे तेल को डालन से पहले अच्छी तरह से गर्म किया जाता है। गर्म होने की वजह से तेल के अंदर सभी प्रकार के बैक्टिरिया मर जाते हैं। और उसके बाद जब वह ठंडा होता है , तो फिर कान के अंदर उसे डाला जाता है। कान के अंदर सरसों का तेल अक्सर डाला जाता है।
वैसे वैज्ञानिकों की मानें , तो कभी भी बिना गर्म किये तेल को कान के अंदर नहीं डालना चाहिए । क्योंकि तेल के अंदर कई सारे बैक्टिरिया वैगरह होते हैं , जोकि आपके कान के अंदर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा कान मे यदि आप तेल को डाल देते हैं , तो उसकी वजह से कान मे नमी हो जाती है , और यह धूल आदि को आकर्षित करता है। जिसकी वजह से कान मे काफी अधिक समस्या होती है। कान मे कचरा जमा हो सकता है। अब हम बात करने वाले हैं , कि कान मे तेल डालने से क्या क्या फायदे हो सकते हैं।
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कान मे तेल डालने के फायदे इन्फेक्सन को ठीक करें
एक वैज्ञानिक स्टडी के अंदर यह पता चला है , कि यदि आप नारियल के तेल को गर्म करके फिर ठंडा करके यदि कान के अंदर डालते हैं , तो कान के अंदर फंगल इन्फेक्सन और बैक्टिरियल इन्फेक्सन को दूर किया जा सकता है। ऐसा करने से इन्फेक्सन आगे बढ़ने से रूक जाता है। यह एक तरह से घरेलू उपाय के तौर पर ले सकते हैं। जब तक हम डॉक्टर के पास पहुंचते हैं , इसका प्रयोग कर सकते हैं। जिससे कि इन्फेक्सन आगे नहीं बढ़ पाता है। हालांकि यदि इन्फेक्सन काफी गहरा हो गया है , तो उसके बाद कान मे तेल डालने का कोई फायदा नहीं है। उसके बाद तो आपको अपने डॉक्टर को ही दिखाना होगा । तभी आपको फायदा मिलेगा ।
कान को साफ करने मे तेल डालने के फायदे
इयरवैक्स कान के अंदर होता है। इसको समय समय पर बाहर निकालना होता है। जब कान के अंदर यह बहुत अधिक मात्रा के अंदर एकत्रित हो जाता है , तो उसके बाद यह समस्या क्रियट करता है , और कान मे खुजली वैगरह होती है। इसको निकालने के लिए सरसों के तेल को गर्म किया जाता है , और उसके बाद उसको कान के अंदर डाला जाता है। जिससे कि इयरवैक्स फूल जाता है , और फिर इसको बहुत ही आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। लेकिन यदि आप इयरवैक्स को निकाल रहे हैं , तो फिर आपको बस गर्म तेल को ही कान के अंदर डालना चाहिए ।ठंडे तेल को आपको कान के अंदर नहीं डालना चाहिए ।
कान की खुजली को दूर करने मे
कई बार कान मे एलर्जी वैगरह होने की वजह से कान मे खुजली होने लग जाती है। इसके लिए कान मे डालने के लिए सरसों के तेल को आपको गर्म करना होगा । और उसके अंदर लहसुन की एक कली को मिला देना होगा , और उसके बाद उसको गर्म करना है। फिर गर्म करने के बाद कान के अंदर दो बूंद डाल लेना होगा । ऐसा करने से कान के अंदर यदि किसी तरह की खुजली हो रही है , तो वह खुजली दूर हो जाएगी ।अक्सर कान मे छोटी मोटी खुजली को दूर करने मे यह नुस्खा काफी हद तक मदद करने का काम करता है।
कम सुनाई देने की समस्या दूर होती है
अक्सर उम्र बढ़ने की वजह से या फिर कान के अंदर बहुत सारी इयरवैक्स के जमा होने की वजह से कम सुनाई देने की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति के अंदर कान मे सरसों के तेल को गर्म करने के बाद डाला जाता है। यदि इयरवैक्स की वजह से कम सुनाई दे रहा है , तो उसको बाहर निकाला जा सकता है। और कम सुनाई देने की समस्या दूर हो जाती है। यह एक अच्छा उपाय है , और इसको आप अपने घर पर ही प्रयोग मे ले सकते हैं।
कान के अंदर फुंसी के दर्द को कम करने के लिए
दोस्तों यदि आपके कान के अंदर किसी तरह की फुंसी हो चुकी है , और उसकी वजह से आपके कान मे दर्द होना शुरू हो चुका है , तो इसके लिए ऑलिव ऑयल काफी अधिक फायदेमंद होता है। यह आपके कान की फुंसी को समाप्त करता है। इसके अलावा सरसों के तेल का भी प्रयोग किया जा सकता है। जैसे कि बच्चे को अचानक से कान के अंदर दर्द हो रहा है। तो उसके कान के अंदर ऑलिव ऑयल डाल सकते हैं। खास कर रात मे दर्द होने पर दवा लाना संभव नहीं होता है। ऑलिव ऑयल को कान दर्द के घरेलू उपचार के तौर पर आप ले सकते हैं , इससे आपको बहुत अधिक फायदा होने के चांस बढ़ जाएंगे।
कान के सूजन को दूर करने मे
दोस्तों कान मे सूजन कई वजह से हो सकती है। जैसे कि किसी तरह की चोट आदि लगने की वजह से हो सकता है । या फिर किसी और वजह से हो सकता है। कान मे सूजन होने की दशा मे काफी अधिक दर्द होने लग जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर tea tree oil को कान के अंदर आपको डालना होगा । ऐसा करने से कान मे दर्द कम हो जाएगा । और सूजन भी दूर हो जाएगी । यदि किसी गम्भीर चोट की वजह से कान के अंदर सूजन है , तो फिर आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । क्योंकि यह कान मे तेल डालने की वजह से ठीक नहीं होने वाला है।
कान की घनघनाहट और बैचेनी को दूर करता है
अक्सर कई लोगों को कान के अंदर घनघनाहट और बैचेनी होती है। हालांकि उनको कोई बड़ी परेशानी नहीं होती है। मगर इस दशा के अंदर कान मे यदि जैतून का तेल डाला जाता है , तो वह काफी अधिक फायदेमंद होता है। यह कान की बैचेनी जैसी समस्या को दूर करने का काम करता है। जिन लोगों को यह समस्याएं हैं , उनके लिए कान मे तेल डालना जरूरी हो सकता है।
कान के नसों को मजबूती मिलती हैं
माना जाता है , कि यदि आप कान के अंदर जैतून का तेल डालते हैं , तो इससे आपके कान की नसों को मजबूती मिलने का काम होता है ।हालांकि कान मे रोजाना किसी भी तरह का तेल आपको नहीं डालना चाहिए । नहीं तो नुकसान होने का डर बना रहता है।
आपको बतादें कि चीन में कान में तेल डालने की एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जिसे “यर ड्रॉप थेरेपी” कहा जाता है। यह पद्धति कई तरह के स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग की जाती है दोस्तों यह थे , कान मे तेल डालने के फायदे , तो अब हम बात करने वाले हैं , कान मे तेल डालने के नुकसान के बारे मे , तो कान मे तेल डालने के फायदे के बारे मे जानने से पहले उसके नुकसान के बारे मे हमको जान लेना चाहिए ? तो आइए जानते हैं , इसके नुकसान के बारे मे विस्तार से ।
हियरिंग डिसेबिलिटी की समस्या होना
यदि आप लगातार कान के अंदर तेल डालते हैं , तो इसकी वजह से आपके कान के पर्दे को नुकसान होता है। और आपको कम सुनाई दे सकता है। इसलिए आपको रोजाना या फिर हर बार कान के अंदर तेल नहीं डालना चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं , तो आप अपनी सुनने की क्षमता को खो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कान मे संक्रमण होने का खतरा
यदि आप कान मे तेल डालने से पहले उसको अच्छी तरह से गर्म नहीं किया है , तो तेल के अंदर कई तरह के हानिकारक बैक्टिरिया वैगरह हो सकते हैं , जोकि आपके कान के अंदर संक्रमण पैदा करने का काम कर सकते हैं। इसलिए यदि आप कान मे तेल को डाल रहे हैं , तो आपको सही तरह से कान मे तेल डालना चाहिए संक्रमण होने की वजह से कान मे खुजली वैगरह हो सकती है। और कम सुनाई देने की समस्या हो सकती है।
कान के पर्दे को नुकसान होना
दोस्तों यदि आप सीमित मात्रा के अंदर कान मे तेल डालते हैं , तो इससे कोई समस्या नहीं होती है। मगर यदि आप बहुत अधिक मात्रा मे कान मे तेल डालते हैं , तो इसकी वजह से आपके कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इसलिए आपको तय मात्रा के अंदर ही तेल को डालना जरूरी होता है।
बच्चे को पस आने की समस्या
दोस्तों यदि आप छोटे बच्चे को कान के अंदर तेल डालते हैं , तो उससे भी उनको नुकसान हो सकता है। उसके बाद उनके कान के अंदर पस आने लग जाता है , और यह समस्या उनको उम्र भर परेशान करने लग जाती है। यदि आप कान मे तेल डाल ही रहे हैं , तो एक बार अपने डॉक्टर से आपको जरूर ही परामर्श करना चाहिए ।
कान मे और अधिक गदंगी का एकत्रित होना
यदि आप कई बार कान के अंदर तेल को डालते हैं , तो इससे और अधिक समस्या हो सकती है। क्योंकि कान के अंदर तेल का डालना आमतौर पर गंदगी को आकर्षित करता है। जिससे क्या होता है , कि गदंगी कम होने की बजाय अधिक हो सकती है। कान मे धूल आदि जमा हो सकते हैं।
गर्म तेल कान मे डालने से जलने का खतरा
क्योंकि कान के अंदर तेल को डालने से पहले उसको गर्म किया जाता है। और बाद मे ठंडा करने के बाद कान मे डाला जाता है। यदि आप गर्म तेल को कान के अंदर डालते हैं , तो यदि अधिक गर्म हुआ तो आपका कान अंदर से जल सकता है। और इसकी वजह से आपको बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कान मे तेल को डालने से पहले आपको देख लेना चाहिए । कि वह अधिक गर्म तो नहीं है।
कान मे तेल किस तरह से डालना चाहिए ?
दोस्तों कान मे तेल को सही तरह से डालना चाहिए । यदि आप इसको सही तरह से नहीं डालते हैं , तो इससे आपको फायदा की बजाय नुकसान हो सकता है।
इसके लिए सबसे पहले आपको अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए ।
उसके बाद कान मे अंदर समस्या को देखना चाहिए । किस समस्या के अंदर कौनसा तेल उपयोगी होता है।
उसके बाद तेल को अच्छी तरह से गर्म करें ।
फिर तेल को ठंडा होने के लिए रखें । ठीक तरह से ठंडा होने के बाद इस तेल को आपको किसी तेल डालने वाली बोतल के अंदर भर देना होगा । या फिर इसके लिए रूई का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। फिर सिर्फ दो ही बूंद तेल आपको कान मे डालना होगा । अधिक मात्रा मे तेल कान के अंदर डालना नुकसान दायी हो सकता है। कान मे तेल डालने से पहले मरीज को लेेटने के लिए कहें । क्योंकि यदि आप मरीज को लिटाकर तेल को डालते हैं , तो फिर अच्छा होगा । नहीं तो फिर तेल आपके कान से बाहर आने का खतरा पैदा हो जाएगा ।
कान मे तेल डालने के लिए कौनसा तेल प्रयोग करना चाहिए ?
कान मे तेल डालने के लिए कई सारे तेल प्रयोग मे लिये जा सकते हैं। जिसके अंदर हम आपको यहां पर कुछ बता रहे हैं।
- नारियल का तेल
- सरसों का तेल
- कर्ण बिंदू तेल
- अणु तेल
तो दोस्तों यह थे कान मे तेल डालने के फायदे और नुकसान । उम्मीद करते हैं , कि आपको यह सब पसंद आया होगा । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप उसे कमेंट के अंदर पूछ सकते हैं।
वैसे देखा जाए तो कान मे तेल का डालना किस भी तरह से नुकसानदायी नहीं है। क्योंकि कई बार कान की छोटी मोटी समस्या होने पर दवा उपलब्ध नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर कान मे तेल डालना फायदेमंद होता है।
कान में तेल डालने के टोटकों के बारे में कुछ वैज्ञानिक तथ्य:
दोस्तों कान मे अलग अलग तरह के तेल को डाला जाता है। और हर तेल का अपना अलग फायदा होता है।
सरसों का तेल, तिल का तेल, बादाम का तेल, जैतून का तेल और नींबू का तेल सभी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को लेने वाले तेल होते हैं । ये गुण कान के दर्द, संक्रमण, सूजन और खुजली आदि समस्याओं को कम करने का काम करते हैं।
इन तेलों में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट और यह कान की नसों को नुकसान पहुंचने की संभावनाओं को कम करते हैं।
इन तेलों में विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं। ये विटामिन और मिनरल्स कान की क्षमता को बेहतर करने का काम करते हैं।
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This post was last modified on January 4, 2024