कस्तूरी की गोली किस काम में आती है kasturi tablet uses in hindi ,कस्तूरी की गोली खाने के फायदे , kasturi ki goli ke fayde
कस्तूरी का नाम तो आपने सुना ही होगा । कस्तूरी को मृग से प्राप्त किया जाता है और यह काफी दुर्लभ और लोकप्रिय चीज के अंदर आती है।कस्तूरी का प्रयोग अनेक चीजों के अंदर किया जाता है। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही इत्र को बनाने मे किया जाता है। कस्तूरी की गोली भी होती है।कस्तूरी सिर्फ नर मृग से ही प्राप्त होती है। मादा मृग के अंदर कस्तूरी नहीं होती है। कस्तूरी को प्राप्त करना भी सरल कार्य नहीं होता है।
जब कोई मृग जवान हो जाता है तो उसकी कस्तूरी से तेज सुंगंध निकलने लग जाती है जिसकी तलास मे कस्तूरी मृग इधर उधर घूमता फिरता है लेकिन उसे कस्तूरी कभी भी नहीं मिल पाती है। इसका कारण यह है कि वह उसे बाहर खोजता रहता है। लेकिन कस्तूरी उसके अंदर ही होती है। और वैसे तो कस्तूरी मृग का शिकार करना अवैध माना जाता है। लेकिन आज भी कस्तूरी के लिए इस मृग का शिकार किया जाता है।
कस्तूरी मृग के शिकार की वजह से इनकी संख्या मे काफी तेजी से कमी आ रही है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन यह पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे । कस्तूरी मृग उंचे पहाड़ों मे निवास करते हैं। और यह काफी तेज दौड़ने मे सक्षम होते हैं। इनकी कई सारी प्रजातियां पाई जाती हैं।
यदि आपको असली कस्तूरी की पहचान के बारे मे पता नहीं है तो आपको बतादें कि कस्तूरी से तीव्र गंध आती है। और यदि आप पानी के अंदर घोलते हैं तो पानी का रंग मैला नहीं होता है।लेकिन यदि हम बात करें नकली कस्तूरी की तो नकली कस्तूरी पानी के अंदर घूल जाती है और एक बेकार गंध देती है। असली कस्तूरी को यदि आप जलाते हैं तो यह चिट चिट की आवाज के साथ जलती है और चमड़े के समान इसके अंदर गंध आती है।इससे आप आसानी से पहचान सकते हैं कि कस्तूरी नकली है या असली है।
वर्तमान मे बाजार मे ऑरेजनल कस्तूरी की उंची मांग की वजह से कस्तूरी को नकली भी बनाया जाता है। इसको कई तरीके से बनाया जाता है। इसके अंदर कई जानवरों का खून तक मिलाया जाता है।यदि ऑरेजनल कस्तूरी को आप अंगारों पर डालते हैं तो यह बुलबुले के रूप मे दिखाई देती है। लेकिन नकली कस्तूरी राख के अंदर बदल जाती है। इसके अलावा असली कस्तूरी की पहचान करने का एक तरीका यह भी है कि यदि आप कस्तूरी के बीच से हींग से भरे धागों को निकालते हैं। और यदि कस्तूरी हींग की गंध को हटा देती है तो इसका मतलब यह है कि कस्तूरी असली है।
कस्तूरी कई प्रकार की होती है। कस्तूरी गोली के बारे मे जानने से पहले हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि कस्तूरी कितने प्रकार की होती है ?
- एक होती है नेपाली कस्तूरी यह नेपाल के हिरणों से नील वर्ण की कस्तूरी प्राप्त की जाती है।नेपाल से प्राप्त किये जाने की वजह से इसको नेपाली कस्तूरी के नाम से भी जाना जाता है।
- कामरूपी कस्तूरी आसाम के हिरणों से प्राप्त की जाती है। इसका रंग काला होता है।
- इसके अलावा एक कश्मीरी कस्तूरी होती है जोकि कश्मीर के मृग से प्राप्त की जाती है। इसका रंग पीला होता है। और यह काफी अच्छी होती है।
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कस्तूरी की गोली किस काम में आती है kasturi ki goli ke fayde
दोस्तों मार्केट के अंदर कस्तूरी की गोली आती है। जोकि कई तरह की बीमारियों के उपचार मे प्रयोग की जाती हैं । इस लेख के अंदर हम बताने वाले हैं कि कस्तूरी की गोली किस तरह से फायदेमंद होती है। और और इसके खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं। कस्तूरी की गोली आपको आसानी से अमेजन पर मिल जाती है।
कस्तूरी गोलियों की सामग्री
कस्तूरी गोलियां लवंगा, यवानी, चित्रक, त्रिकटु, चतुरजातक, रसना, कस्तूरी, कश्मीराजा, खादीरसारा, अगरू, लताकस्तुरिका जैसे कई पदार्थों के अनूठे मिश्रण का उपयोग करके तैयार की जाती हैं।
kasturi tablet uses in hindi काली खांसी मे कस्तूरी की गोली के फायदे
कुक्कुर खाँसी के नाम से इस खांसी को जाना जाता है।बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया नामक जीवाणू की वजह से होती है। इस बीमारी से ग्रस्ति व्यक्ति जब खांसी लेता है तो भौंकने जैसी आवाज करता है।यह रोग संपर्क व्यक्ति के छींकने और सांस लेने से फैलता है।
आपको बतादें कि इस रोग से अधिकतर 2 वर्ष से कम आयु के लोग ही ग्रस्ति होते हैं। इसके अलावा संक्रमण के लगभग 17 दिन बाद रोग के लक्षण विकसित होने लग जाते हैं। छींकना, आंखों से पानी आना, नाक बहना, भूख कम होना, ऊर्जा का ह्रास होना आदि इसके लक्षण होते हैं। इस रोग के अंदर कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद होती है। हालांकि डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही दवा का प्रयोग करना चाहिए ।
कुकुर खांसी बच्चों मे होने वाली एक खतरनाक संक्रामक बीमारी होती है। यह बीमारी भारत के अंदर ही नहीं विदेशों मे भी अधिक फैलती है।भारत जैसे विकासशील देश में प्रत्येक एक लाख की आबादी पर 587 बच्चे प्रत्येक वर्ष इस बीमारी से ग्रसित होते हैं। इससे बच्चों में मृत्युदर 4.15 प्रतिशत है । और एक सर्वें के अनुसार काली खांसी 5 वर्ष तक के बच्चों मे होती है और यह नर बच्चों की तुलना मे मादा बच्चों मे अधिक होती है।आपको बतादें कि यह बीमारी एक बच्चे से दूसरे बच्चे मे फैल सकती है। जैसे कि बच्चे के छींकने या सांस लेने या फिर सांस छोड़ने से इसका जीवाणू हवा मे फैल जाता है जोकि दूसरे लोगों को संकर्मित कर सकता है।
उसके बाद बच्चा लगातार दो सप्ताह तक खांसता है उसके बाद खांसी अपना विभत्स रूप धारण कर लेती है। और अब बच्चे को पहले की तुलना मे अधिक तेजी से खांसी आने लग जाती है। इसके अलावा बच्चे को सांस लेने मे समस्या होने लग जाती है और खांसते समय उसके कुत्ते के रोने जैसी आवाज होने लग जाती है।
और इसके अलावा व्यक्ति के अंदर काढ़ा बलगम बनने लग जाता है और खांसी खांसते समय हूप हूप की आवाज आती है। और चेहरा लाल रहने लग जाता है। व्यक्ति काफी चिंतित हो जाता है। वह जो भी खाना खाता है वह गिर जाता है।
वैसे तो काली खांसी के बहुत सारे उपचार होते हैं लेकिन आपको यह बतादें कि काली खांसी के लिए आप दूसरे तरीकों को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श के कस्तूरी की गोली का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
kasturi tablet uses in hindi बुखार मे कस्तूरी की गोली का प्रयोग
दोस्तों कई बार ठंड लगने की वजह से या जुकाम बुखार हो जाता है। पहले के जमाने मे बुखार को उतारने के लिए कस्तूरी की गोली का इस्तेमाल किया जाता था। बुखार एक सामान्य समस्या होती है। जब आपका शरीर किसी तरह की परेशानी मे लड़ता है तो इससे बुखार हो जाता है।
जब शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (फीवर) कहते है।बुखार अपने आप मे एक रोग नहीं होता है। यह किसी दूसरे रोग का लक्षण होता है। यदि आपको भी किसी तरह की बुखार की समस्या है तो आपको कस्तूरी की गोली का सेवन डॉक्टर के परामर्श से ही करना चाहिए । क्योंकि इसको लेने का सही तरीका तो आयुर्वेद के जानकार ही बता सकते हैं तो उस हिसाब से आप गोली का सेवन कर सकते हैं।
कस्तूरी की गोली के फायदे अस्थमा मे
अस्थमा के अंदर कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद होती है। दोस्तों यदि आपको किसी को दमा की समस्या है तो आप कस्तूरी की गोली का सेवन कर सकते हैं लेकिन आपको डॉक्टर के पराशर्म से ही इस दवा का सेवन करना चाहिए ।
दमा श्वसन मार्ग के सिकुड़ने से होता है। जिससे कि व्यक्ति को सांस लेने मे समस्याएं होने लग जाती हैं और फेफड़ों मे बलगम बनता है लेकिन उसका बाहर आना कठिन होता है। यदि इस रोग का समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो फिर यह भयंकर रूप धारण कर लेता है।
- बार-बार खाँसी आना।
- साँस लेते समय सीटी की आवाज
- छाती में जकड़ाहट तथा भारीपन।
- साँस फूलना।
- खाँसी के समय कठिनाई होना
- गले का अवरूद्ध होना।
- बेचैनी होना।
- नाड़ी गति का बढ़ना।
भारत में लगभग 20 मिलियन दमा रोगी हैं।और इन रोगियों के अंदर कुछ ऐसे रोगी भी शामिल हैं जिनकी उम्र 10 से 11 साल है। तो आप समझ सकते हैं कि भारत के अंदर दमा रोगी की स्थिति क्या है। और दमा रोगी के साथ समस्या यह है कि इनका अचानक से सांस बंद हो सकता है। यदि इनके पास दवा नहीं होती है तो मौत तक हो सकती है। यदि किसी को दमा की समस्या है तो उसे अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । और जितना जल्दी हो सके दमा का ईलाज किया जाना चाहिए । यदि सही समय पर दमा का ईलाज नहीं किया गया तो यह काफी भयंकर समस्या को पैदा कर सकता है।
वर्तमान मे दमा के कई सारे उपचार मौजूद है। यदि आप आयुर्वेदिक उपचार लेना चाहते हैं तो आप किसी डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं और अपना ट्रिटमेंट करवा सकते हैं।
गर्भाशय रोग के कस्तूरी के फायदे
दोस्तों गर्भाश्य रोग के अंदर भी कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद होती है। कुछ स्त्री का गर्भाशय उनके मूल स्थान से हट जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर केसर और कस्तूरी की गोली बना लें और मासिक धर्म शूरू होने से पहले गुप्तांग मे रखें ।ऐसा कुछ दिन करने से फायदा होता है। लेकिन इस तरह का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क कर लेना बहुत ही जरूरी होता है। वरना बाद मे नुकसान हो सकता है तो बिना डॉक्टर के संपर्क के ऐसा नहीं करना चाहिए । आप किसी जानकार की मदद ले सकते हैं।
डिस्पनिया मे कस्तूरी के फायदे
दोस्तों डिस्पनिया मे भी कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद होती है।इस प्रकार के रोगी को सांस लेने मे समस्या होती है और हवा फेफड़ों के अंदर पूरी तरह से नहीं जा पाती है।डिस्पेनिया की समस्या कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकती है। यदि आपको सांस की समस्या है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।डिस्पेनिया आमतौर पर दो प्रकार का होता है पहले के अंदर केवल कुछ समय के लिए ही इसके लक्षण दिखते हैं जिसके अंदर की दाने खांसी और बुखार की समस्याएं हो सकती हैं।
डिस्पेनिया होने की दसा मे कई सारे लक्षण सामने आ सकते हैं यदि डॉक्टर को इस रोग के बारे मे आप बताते हैं तो उसके बाद डॉक्टर आपको कई परीक्षणों को करने के बारे मे कह सकता है। यह आपके सांस लेने पर फफड़ों के अंदर जाने वाली हवा और बाहर आने वाली हवा का माप करता है।
- पल्स ऑक्सीमेट्री परीक्षण इसके अंदर किया जाता है। जिससे कि यह पता लगाया जाता है कि रक्त के अंदर ऑक्सीजन की कितनी मात्रा मौजूद है।
- सीटी स्कैन या चेस्ट एक्स-रे भी इसके अंदर किया जा सकता है। जैससे की पता चल जाता है कि कोई फेफड़ो की बीमारी तो नहीं है या फिर निमोनिया की समस्या या फिर रक्त का थक्का जमने जैसी समस्या है तो उसके बारे मे पता लगाया जाता है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम नामक एक टेस्ट और हो सकता है जिसकी मदद से हर्ट के बारे मे जांच की जाती है।
डिस्पेनिया के ईलाज के बाद भी आपको कई चीजों का ध्यान रखना होता है जैसे कि यदि आप धुम्रपान करते हैं तो आपको उस आदत को छोड़ना होता है। और आपका वजन यदि अधिक है तो वजन को कम करने के बारे मे भी सलाह दी जाती है।
डिस्पेनिया की वजह से रक्त के अंदर ऑक्सिजन के स्तर को कम करता है। और यदि किसी को यह लंबे समय से समस्या होता है तो यह संज्ञानात्मक हानि का कारण बन सकता है। यदि किसी को इस तरह का रोग है तो जल्दी से जल्दी चिकित्सक को परामर्श करना जरूरी होता है।
और रोग के उपचार के लिए चिकित्सक जो दवाएं देते हैं उनका सही समय पर सेवन किया जाना चाहिए ताकि हर तरह की समस्या का आसानी से उपचार किया जा सके ।
इस रोग मे कस्तूरी की गोली भी काफी फायदेमंद होती है लेकिन यह सम्पूर्ण रूप से इलाज नहीं कर सकती है तो आपको इसका प्रयोग भी डॉक्टर के परामर्श से ही करना चाहिए ।
फेफड़ों के संक्रमण से यह रोग दुबारा हो सकता है। इसलिए आपको जो डॉक्टर निर्देश देते हैं उनको पूरा किया जाना चाहिए ।और आपको अधिक तापमान की स्थितियों से बचना होगा । जैसे कि अधिक ठंड होने की स्थिति मे यह रोग की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा आपको प्रदूषण के संपर्क मे आने से बचना होगा वरना यह समस्या आपके लिए काफी खतरनाक हो सकती है और रोग फिर से शूरू हो सकता है।
सर्दी-खांसी की दवा के रूप मे कस्तूरी की गोली का उपयोग
दोस्तों सर्दी और खांसी एक आम समस्या है। इसकी दवा के रूप मे भी कस्तूरी की गोली का उपयोग किया जा सकता है। यह आपकी सर्दी और खांसी की समस्या को दूर करने का काम करती है।
हर्ट रोगों के उपचार मे
दोस्तों कस्तूरी का प्रयोग हर्ट रोगों के उपचार मे किया जाता है। यदि आपको किसी भी तरह की हर्ट की समस्या है तो उसके उपचार मे कस्तूरी की गोली का प्रयोग किया जाता है। कई तरह की आयुर्वेदिक गोली आती हैं। वैसे इस तरह की गोलियों के अंदर एंटि एलर्जी और एंटि एलर्जी गुण होते हैं।
यदि आपको हर्ट की समस्याएं हैं और आप पहले से ही कोई दवा का सेवन कर रहे हैं तो उस दवा के साथ कस्तूरी की गोली का सेवन करना चाहिए या नहीं करना चाहिए । इस मामले मे अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आप ऐसे ही कस्तूरी की गोली को लेने लग जाते हैं तो यह आपके लिए काफी नुकसानदायी हो सकता है।
इसके अलावा हर्ट की समस्या को दूर करने के लिए आपको चाहिए कि आप अपने खान पान के अंदर बदलाव करें । उसके बाद ही समस्या का पूरी तरह से हल हो सकता है। अन्यथा कुछ नहीं हो सकता है।काश्मीर के डाक्टर मित्रा ने प्लेग जनित हृदय की दुर्बलता पर इसे बहुत उपयोगी पाया गया है।हालांकि कस्तूरी के उपर अभी और अधिक प्रयोग करना बाकी है। वैज्ञानिक रिसर्च किया जा रहा है।
कस्तूरी की गोली के फायदे खांसी मे
कस्तूरी की गोली खांसी के अंदर भी काफी फायदेमंद होती हैं। खांसी एक आम समस्या होती है। और हमें भी साल मे कई बाद सर्दी और खांसी हो जाती है। यदि किसी को खांसी की समस्या होती है तो कस्तूरी की गोली खाने से यह ठीक हो जाती है। हालांकि कस्तूरी की गोली खाने से शरीर मे गर्मी तो पैदा होती है लेकिन यही गर्मी आपकी खांसी को समाप्त कर देती है। दोस्तों आपको इस बात का ध्यान देना चाहिए कि कस्तूरी की गोली अलग अलग उदेश्यों के लिए बनाई जाती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही दवा को लेना चाहिए । वरना तो नुकसान हो सकता है।
कामोद्दीपक कस्तूरी की गोली
दोस्तों यदि किसी को काम वासना को बढ़ाना है तो उसके लिए कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद होती है। वैसे तो कामवासना को बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं होती है। लेकिन असल मे कई बार कामवासना कम हो जाती है तो उसे बढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
कस्तूरी की गोली इस उदेश्य के लिए काम आती है। कस्तूरी की गोली का उपयोग आप कर सकते हैं। कस्तूरी की गोली का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । तभी यह उपयोग करनी चाहिए । आमतौर पर इस तरह के गोलियों के नुकसान शरीर मे गर्मी से हो सकते हैं।
बच्चों के तनाव को दूर करने के लिए कस्तूरी की गोली का उपयोग
दोस्तों आजकल का माहौल ही कुछ इसी तरह का हो चुका है कि हर कोई तनाव के अंदर आ जाता है। इसका कारण यही है कि आजकल पढ़ाई और नौकरी का काफी अधिक परेशर होता है।
ऐसी स्थिति मे बच्चे के उपर घरवाले पढ़ने का दबाव डालते रहते हैं और उसके बाद यदि बच्चा अपने अच्छे नंबरों से पास नहीं हो पाता है तो माता पिता उसे बहुत अधिक डांटते हैं। तो ऐसी स्थिति के अंदर आप समझ सकते हैं कि बच्चा कितना दबाव और तनाव मे होता है। क्योंकि बच्चों का पढ़ने का मन कभी होता ही नहीं है। वे बस अधिक से अधिक समय खेलते ही रहना पसंद करते हैं।
यदि किसी तरह के दबाव की वजह से बच्चा तनाव मे चला गया है तो उसके लिए भी कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद होती है। कस्तूरी की गोली की मदद से बच्चे को सही किया जा सकता है। लेकिन इस तरह की किसी भी गोली को लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।
ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है
दोस्तों यह दवा ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करती है। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी को कई बार लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है तो वैसी स्थिति के अंदर यह दवा काफी उपयोगी होती है। यह आपकी नाड़ी की गति को सही करती है और ब्लड प्रेसर को सही करने मे काफी मदद करती है।
दोस्तों ब्लड प्रेसर को बढ़ाना भी जरूरी होता है। यदि यह कम हुआ तो फिर आपको समस्याएं हो सकती हैं और चक्कर आना शूरू हो सकता है। शरीर के अंगों तक सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाने से कई समस्याएं हो सकती हैं।
यदि किसी का ब्लड प्रेसर कम है तो आपको चाहिए कि आप एक बार इस दवा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर जो कहेगा आपको वैसा ही करना होगा । बिना डॉक्टर के इस दवा का सेवन आपको नहीं करना चाहिए ।
टायफाइड मे कस्तूरी की गोली के फायदे
दोस्तों टायफाइड एक गम्भीर बीमारी होती है।टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है। और यह खाने और पीने के पानी से फैलता है। यह खास कर दूषित चीजों के खाने पीने से फैलता है।
इसके अलावा जो लोग संक्रमित होते हैं वे खुले के अंदर यदि शौच करने के लिए जाते हैं तो वे भी आस पास के वातावरण को दूषित कर देते हैं। बैक्टीरिया सूखे के अंदर कई सप्ताह तक जीवित रह सकता है।
यदि किसी को टायफाइड की समस्या है तो उसके लिए कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद हो सकती है। लेकिन कस्तूरी की गोली को लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । यदि डॉक्टर आपको किसी तरह की गोली देते हैं तो आपको उसी गोली को सेवन करना चाहिए । यदि आप पहले से ही कोई गोली ले रहे हैं तो कस्तूरी की गोली का सेवन ना करें ।
- शरीर में दर्द
- बिगड़ी हुयी भूख
- जी मिचलाना
- दस्त और कब्ज
- पेट दर्द
- कफ
आदि लक्षण यदि आपको दिखाई देते हैं तो आपको चाहिए कि आप जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करें । क्योंकि यदि इसका समय पर ईलाज हो जाता है तब तक तो ठीक रहता है। लेकिन यदि इसका समय पर ईलाज नहीं होता है तो फिर समस्या पैदा हो सकती है। यदि आप सही तरीके से दवाओं का प्रयोग करते हैं तो इसका आसानी से ईलाज किया जा सकता है। वरना तो ईलाज होना काफी कठिन हो जाता है।
गठिया मे कस्तूरी के उपयोग
दोस्तो गठिया एक प्रकार का सूजन होता है जोकि एक प्रकार का जोड़ों का सूजन होता है। और इसके कारण दर्द होता है और सूजन भी रहती है। और उम्र के साथ यह काफी तेजी से बढ़ता जाता है। वैसे आपको यह बतादें कि यह रोग अक्सर पुरूषों की तुलना मे महिलाओं मे अधिक होता है और बच्चों के अंदर शायद ही कभी होता है। 65 वर्ष से उपर के लोगों मे इस रोग के होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।
- जोड़ों में अत्यधिक दर्द
- जोड़ों में अकड़न
- सूजन
- लाली
- जॉइंट्स की गति में कठिनाई
इसके लक्षण होते हैं। यह लक्षण सुबह अधिक अनुभव होते हैं। इससे आपको बुखार जैसा भी अनुभव हो सकता है।
कस्तूरी की गोली का उपयोग गठिया के उपचार मे भी किया जाता है लेकिन किस तरह से किया जाता है। इस बारे मे कोई भी जानकारी नहीं है। इसलिए कस्तूरी की गोली का उपयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए ।
टिटेनस के उपचार मे कस्तूरी की गोली का उपयोग
दोस्तों टिटनेस के उपचार मे भी कस्तूरी की गोली का उपयोग किया जाता है।यह रोग मिट्टी में रहनेवाले बैक्टीरिया से घावों के प्रदूषित होने के कारण होती है। इस बैक्टीरिया को बैक्टीरियम क्लोस्ट्रीडियम कहा जाता है। यह मिट्टी में लंबी अवधि तक छेद बना कर दीमक के समान रह सकता है। और जब कोई घाव इस बैक्टीरिया के संपर्क मे आता है तो उसके बाद यह शरीर के अंदर प्रवेश कर लेता है और अपनी संख्या को बढ़ाना शूरू कर देता है।
टेटनस बैक्टीरिया पूरे वातावरण में, आमतौर पर मिट्टी, धूल और जानवरों के मल में पाया जाता है।और यह हमारे शरीर के अंदर सिर्फ फटे हुए घाव और त्वचा के माध्यम से प्रवेश कर जाता है।
इस रोग के अंदर भी कस्तूरी की गोली का प्रयोग होता है जोकि टिटनेस के लक्षणों को राहत प्रदान कर सकता है लेकिन डॉक्टर से परामर्श लेकर ही करना चाहिए वही उचित होगा ।
- यदि हम इस रोग के लक्षणों की बात करें तो कई सारे लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे कि चेहरे पर खुजली हो जाती है , और मांसपेशियों के अंदर खींचाव हो सकता है।और सूजन व निगलने मे कठिनाई हो सकती है।
- इसके अलावा मांसपेशियों के अंदर जकड़न होती जाती है। और जकड़न इतनी भयानक होती है कि जोड़ हिल सकते हैं और हडियां तक टूट सकती हैं।
- गंभीर अवस्था में बोलने और सांस लेने की नली में जकड़न होती है
- इसके अलावा घाव की जगह पर भी मांस पेशियों के अंदर जकड़न पैदा हो जाती है।
- नीयोनेटल टेटनस सामान्य टेटनस के जैसा ही है। अंतर केवल इतना है कि यह नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है। इससे नवजात बेचैन हो जाते हैं और उनको निगलने मे काफी समस्याएं होने लग जाती हैं।
मिर्गी मे कस्तूरी के फायदे
दोस्तों मिर्गी भी एक प्रकार का रोग होता है। जिसको एक न्यूरोलॉजिकल समस्या न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर कहते हैं।दिमाग की गड़बड़ी के कारण दिल के दौरे पड़ने की समस्याएं होती हैं। इसकी वजह से व्यक्ति का दिमागी संतुलन गड़बड़ाने लग जाता है और व्यक्ति लड़खड़ा जाता है।इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है।
आपको बतादें कि कई अन्य बीमारियों की वजह से भी मीर्गी जैसा दौरा पड़ सकता है । कई लोग यह मानते हैं कि मिर्गी आनुवांशिकहोती है लेकिन यह पूरी तरह से सत्य नहीं है। केव कुछ लोगों मे यह समस्या अनुवांशिक होती है बाकी के लोगों मे यह आनुवांशिकनहीं होती है।
यदि हम बात करें भारत की तो भारत के अंदर लगभग मिर्गी के एक करोड़ रोगी हैं। जिनमे से कुछ को दौरे नहीं भी पड़ते हैं उनका उपचारी जारी है।
और यदि हम बात करें मिर्गी का तो यह रोग काफी पुराना है और इसका उल्लेख सर्वप्रथम प्राचीन मिस्र देश के भोज पत्रों में मिलता है। इन्हें पत्रों को पैपाइरस कहते हैं। एक चित्र बनाया गया है जिसके अंदर ऐसा दिखाया गया है कि एक प्रेतआत्मा दूसरे व्यक्ति के अंदर घुस रही है।
वैसे आपको यह बतादें कि इस रोग को कई बार उपरी ताकतों से जोड़कर देखा गया । भारत के अंदर कई बार इस तरह की बातें होती हैं कि किसी के शरीर के अंदर देवी का अंश आता है। और उसके बाद सभी लोग उसके आगे हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं। यह सिर्फ भारत जैसे देश की बात नहीं है। विदेशी जगहों पर भी होता है। वहां पर पीर बाबा और दूसरे देवता के बारे मे ऐसा कहा जाता है जोकि वे मानते हैं। लेकिन वैज्ञानिक रिसर्च मे यह साफ हो चुका है कि यह लक्षण मिर्गी के नहीं होते हैं। और सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि इस तरह के आने वाले देवता आपको सब कुछ बताने की क्षमता रखते हैं। इसलिए मिर्गी को कभी भी देवी या देवता से जोड़ कर नहीं देखना जाना चाहिए । क्योंकि देवी और देवता का पूरा सिस्टम ही अलग होता है।
ऐसा माना जाता है कि मिर्गी के अंदर कस्तूरी काफी फायदेमंद होती है। और यदि आप कस्तूरी की गोली का सेवन कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा तभी कुछ हो सकता है।
यदि आप ऐसे ही कस्तूरी की गोली का सेवन करने लग जाते हैं तो हो सकता है कि आपके उपर इसके साइड इफेक्ट हो जाएं । इस बारे मे आयुर्वेदिक डॉक्टर काफी अच्छे तरीके से बता सकते हैं। क्योंकि उनको दवाओं का अच्छा अनुभव होता है। इसके अलावा यदि आप किसी तरह की दूसरी दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो कस्तूरी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है।
यदि हम वैसे मिर्गी के उपचार के बारे मे बात करें तो मिर्गी का रोगी का उपचार 5 साल तक चलता है और उसके बाद 70 फीसदी तक मरीज ठीक हो जाते हैं। लेकिन उसके बाद कुछ रोगी 30 फीसदी बचते हैं जोकि ठीक नहीं होत पाते हैं तो ऐसे लोगों का उपचार करना जरूरी होता है तो शल्य क्रिया की जाती है।
इस ऑपरेशन से पूर्व रोगी के मस्तिष्क का एम आर आई परीक्षण किया जाता है, जिसके द्वारा यह ज्ञात होता है कि मस्तिष्क का कौन-सा भाग प्रभावित है। उसके बाद शल्य-क्रिया द्वारा प्रभावित भाग को निकाल दिया जाता है। इसके बाद रोगी एक-दो साल औषधि लेने के बाद पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है।
तो यदि किसी को इस तरह की समस्याएं हैं तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करें तो काफी फायदेंमंद हो सकता है। डॉक्टर इसे इसका इलाज करवाएं ।
नामर्दानगी को दूर करती है कस्तूरी की गोली
दोस्तों कस्तूरी की गोली नामर्द हो गया हो उसका ईलाज हो सकती है। इस मामले मे यह काफी अच्छी तरह से काम करती है। मेरे एक दोस्त को किसी वजह से यही समस्या हुई थी। वह किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर के पास गया और उसने उसे इसी तरह की कोई दवा दी थी जिससे कि वह कुछ ही दिनों के अंदर ठीक हो गया था।यदि किसी को भी इस प्रकार की समस्या है तो उसको चाहिए कि वह अपने किसी डॉक्टर से संपर्क करें और उसके बाद अपनी समस्या का ईलाज करवाएं ।
हिचकी को दूर करने मे कस्तूरी की गोली फायदेमंद
दोस्तों यदि आपकी हिचकी बंद नहीं हो रही है तो उस मामले मे भी कस्तूरी की गोली काफी फायदेमंद हो सकती है। यह आपकी हिचकी को दूर करती है। लेकिन आपको चाहिए कि आप आयुर्वेद के द्धारा दी जाने वाली दवा का ही सेवन करें। यही आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा ।बाकि आप किसी भी तरह की दवा का सेवन ना करें ।यह आपके लिए काफी फायदेमंद नहीं होगा । कुल मिलाकर आपको यह सब डॉक्टर के परामर्श से करना होगा । तभी आपके लिए कुछ फायदेमंद हो सकता है।
श्वास की समस्या को दूर करती है
दोस्तों कस्तूरी सांस की समस्या को दूर करने के लिए भी जानी जाती है। यदि आपको सांस से संबंधित परेशानी है तो डॉक्टर से संपर्क करें और वे जो आपको निर्देश देंगे वही आपको करना होगा । इसके अलावा आप उनसे यह भी पता कर सकते हैं कि कस्तूरी की गोली का प्रयोग किस तरह से सांस मे काफी फायदेमंद हो सकता है।जिस तरीके से वे बताते हैं उसी तरीके से आपको करना होगा । और उसी तरीके से आपको प्रयोग करना चाहिए ।
उदरशूल (कोलिक) के उपचार के लिए कस्तूरी की गोली का उपयोग
दोस्तों कोलिक एक तरह का अज्ञात रोग है। इसके होने का सही कारण ज्ञात नहीं है। यह छोटे बच्चे को होता है और अपने आप ही ठीक हो जाता है। जब बच्चे को यह समस्या हो जाती है तो बच्चा बहुत अधिक रोता है।और यदि अन्य लक्षणों की बात करें तो बच्चा स्तनपान नहीं कर पाता है और ना ही वह सो पाता है। ऐसी स्थिति मे माता पिता भी उसको चुप करवाने के लिए बहुत कुछ करते हैं लेकिन उसके बाद भी उसका रोना बंद नहीं होता है। यदि इसके अंदर भी कुछ गम्भीर लक्षण आपको दिखाई देते हैं तो डॉक्टर के पास लेकर जा सकते हैं।
कोलिक यदि किसी बच्चे को हो गया है तो उसे आराम देने के लिए आप कई तरीकों को आजमा सकते हैं जैसे कि आप उसे गोद मे लेकर खिला सकते हैं।आप उसको गर्म पानी से नहला सकते हैं और दूध पिलानें की कोशिश कर सकते हैं ।
उदरशूल रोग सिर्फ स्तनपान करने वाले शिशु को ही होता है। और जिसको यह होता है वह दिन मे 3 घंटे से अधिक रोता जाता है।और यदि इसके सबसे कॉमन लक्षण की बात करें तो यह रोजाना के समय ही रोता है । इसके अलावा वह काफी परेशान भी दिखाई देता है।इसके अलावा शिशु के चेहरे का रंग बदल जाता है। उसका पूरा चेहरा लाल दिखाई देता है।
कस्तूरी की गोली किस काम में आती है आंख मे काजल की तरह लगाने से जाला कट जाता है
दोस्तों यह कस्तूरी का यूनानी मत है कि कस्तूरी को यदि आप आंख मे काजल की तरह लगाते हैं तो उससे जाला कट जाता है और इंसान को सही से दिखने लग जाता है। हालांकि इस पर अभी रिसर्च की आवश्यकता है। लेकिन यह काफी फायदेमंद होता है।लेकिन मार्केट के अंदर असली कस्तूरी का मिलना काफी कठिन होता है। जोकि बहुत बड़ी बात होती है।
सिरदर्द को दूर करती है कस्तूरी
दोस्तों आजकल सिरदर्द काफी आम समस्या हो चुकी है। सिरदर्द कई कारणों से होता है। जैसे कि जुकाम हो जाती है तो जुकाम की वजह से सिरदर्द होता है।और सिरदर्द एक बड़ी समस्या बन सकती है। कस्तूरी की गोली आपकी जुकाम को दूर करती है और जुकाम की वजह से जो सिरदर्द हो रहा उस सिरदर्द को दूर करने मे काफी मदद करती है। कुल मिलाकर यह एक अच्छा तरीका है । सिरदर्द को दूर करने का ।
गर्भ को टिकाने मे
दोस्तों आपने देखा होगा कि कुछ महिलाओं का गर्भ नहीं ठहर पाता है। लेकिन कस्तूरी इस मामले मे काफी फायदेमंद होती है। कस्तूरी को यदि कोई महिला अपनी योनी मे रख लेती है। तो उससे उसका गर्भ ठहर जाता है। कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जिनका गर्भ नहीं ठहर पाता है। उनके लिए कस्तूरी का यह प्रयोग काफी फायदेमंद होता है। हालांकि इस बारे मे कोई भी जानकारी सही से काम करती है या नहीं । इसका कुछ भी पता नहीं है।
विष को उतारने मे
दोस्तों कस्तूरी का प्रयोग विष को उतारने मे भी काफी फायदेमंद होती है। जो लोग विष का सेवन कर लेते हैं उनके उपर उस विष के असर को उतारने के लिए कस्तूरी काफी फायदेमंद हो सकती है। हालांकि इसका प्रयोग किस तरह से किया जाना चाहिए । इस बारे मे कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। या फिर आप डॉक्टर से संपर्क करें । आपका डॉक्टर ही आपको काफी बेहतर तरीके से बताएगा कि आपको क्या समस्या है।सपने में पॉटी करते देखना अर्थ और मतलब जाने sapne me potty dekhna kaisa hota hai
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