कथा का शब्द रूप katha shabd roop कथा शब्द के आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द के शब्द रूप, कथा और अन्य सभी आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के शब्द रूप नीचे दिये गए हिसाब से ही बनते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
नीचे इसकी लिस्ट दी गई है आप इसको देख सकते हैं। और यदि आपको यह पसंद आता है तो हमें बताना ना भूलें ।
katha shabd roop in sanskrit कथा का शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | कथा | कथे | कथाः |
द्वितीया | कथाम् | कथे | कथाः |
तृतीया | कथया | कथाभ्याम् | कथाभिः |
चतुर्थी | कथायै | कथाभ्याम् | कथाभ्यः |
पंचमी | कथायाः | कथाभ्याम् | कथाभ्यः |
षष्ठी | कथायाः | कथयोः | कथाणाम् |
सप्तमी | कथायाम् | कथयोः | कथासु |
सम्बोधन | हे कथे ! | हे कथे ! | हे कथाः ! |
उपन्यास “द कैचर इन द राई” में, होल्डन कौलफ़ील्ड एक 15 वर्षीय लड़का है जो घर से भाग गया है और न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर रह रहा है। होल्डन की अधिक खुलासा करने वाली कहानियों में से एक में, वह एक घटना के बारे में बताता है जब वह लड़कों के लिए एक समूह घर में रह रहा था। एक रात, होल्डन का घर के अन्य लड़कों में से एक ने यौन उत्पीड़न किया। अधिकारियों को हमले की सूचना देने के बावजूद, कोई कार्रवाई नहीं की गई और अंततः होल्डन एक अपराधी की तरह व्यवहार किए जाने से थक गए।
इसी तरह की बहुत सारी कहानी होती हैं। और हम आपको यहां पर एक अन्य कथा सुनाने वाले हैं। तो दोस्तों वैसे कथा एक तरह से काल्पनिक ही होती है। हालांकि कई बार यह सत्य घटनाओं पर आधारित भी होती है। लेकिन कई बार बस ऐसे की कपोल कल्पना होती है।
प्राचीन काल की बात है। एक गांव के अंदर एक चिडीमार रहा करता था। वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए जंगल के अंदर पिंजरा लेकर जाता था और वहां पर जाल को बिछाता और कुछ दाने डाल देता था । और दाने चुगने के लिए जैसे ही रंग बिरंगी चिड़िया आती थी। वह उनको पकड़ लेता था। उसके बाद क्या होता था कि वह उनको लेकर बाजार के अंदर आ जाता था और औने पौने दामों के अंदर उनको बेच देता था। इस तरह से उनका यह सिस्टम चलता रहता था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
उस इंसान का बस यही जीवन था । पूरे दिन के अंदर वह जितनी चिडियाओं को पकड़ कर लेकर जाता था वह सब बिक जाती थी। उससे अधिक कमाई तो नहीं होती थी लेकिन वह अपने घर का काम आसानी से चला देता था। उसकी इस हरकत को एक युवक रोजाना देखता था और जो लोग चिड़िया को खरीदते थे वे भी उनको घर के अंदर ले जाने के बाद पिंजरे के अंदर बंद कर देते थे । एक दिन वह युवक उस चिडीमार के पास गया और बोला कि वह यह सब काम ना करें । इससे पाप लगता है और उस युवक ने उन चिड़ी को खरीदा और हवा के अंदर उड़ा दिया । फिर दूसरे दिन वही चिड़ीमार दूसरी चिडिया को पकड़ कर ले कर आ गया ।
अब युवक यह सब जानता था कि ऐसे वह मानने वाला नहीं है। आप इस बात को समझ सकते हैं। तो उसने एक दिन प्लान बनाया और उस चिड़ीमार के बेट को उठा लिया गया । अब चिड़ीमार को जैसे ही पता चला कि उसका बैटा गायब हो चुका है तो वह राजा के पास गया । राजा भी काफी अच्छा और दयालु था ।
राजा ने घोषणा की कि यदि कोई चिड़ीमार के बैटे को उठाया है तो वह राज महल के अंदर पेश करे । युवक को इन सबके बारे मे पहले ही पता था तो वह राज महल के अंदर चिड़ीमार के बैठे के साथ आया ।
तब राजा ने चिड़ीमार से पूछा कि उसने बेटे को अगवा किया है तो उसे दंड मिलेगा । लेकिन युवक ने कहा राजन मैं हर दंड को स्वीकार करता हूं क्योंकि मैंने गलत काम किया है लेकिन आप एक बार मेरी विनती सुनलें । राजा इसके लिए तैयार हो गया ।
………..हे महान राजन आपको यह दिखता है कि मैंने चिड़ीमार के बैठे को उठा लिया ।इसलिए मैं गलत हो गया कि मैंने इंसान को उठाया । इसलिए मुझे सजा मिल रही है क्योंकि इंसान को उठाना गलत है। यह जो चिड़ीमार है रोजाना कई सो चिड़ियों को उठाकर लाता है । क्या आपके राज्य के अंदर इस तरह से चिडियों को उठाना और उनकी स्वतंत्रत को छीनने का हक है ? या फिर आपको इसलिए हक बन जाता है कि आप उनसे अधिक ताकतवर हैं। क्या यह सही है ? यदि यह सही है तो फिर मैंने भी काई गलत काम नहीं किया है।
राजा धार्मिक था और धर्म के महत्व को समझ सकता था।
……सही कहा युवक आपने । किसी भी इंसान को किसी भी कमजोर जीव को मारने का या बेचने का कोई हक नहीं है खासतौर पर उनको पिंजरे के अंदर बंद करने का । जबकि वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यदि इस तरह का काम यह चिड़ीमार करता है तो यह धर्म के अनुकूल नहीं है। आप इस बात को समझ सकते हैं। और यह आदेश दिया जाता है कि आज के बाद इस राज्य के अंदर बिना वजह के किसी तरह के जानवरों की स्वतंत्रता को नुकसान हुआ तो उसको सजा मिलेगी ।
और क्योंकि युवक का उदेश्य किसी भी तरह से गलत नहीं था वह सब जानवरों को बचाने और नेक काम के लिए गलत काम किया है। यदि आप नेक काम के लिए कोई गलत काम करते हैं तो वह पाप नहीं होता है और इस तरह से युवक को बरी किया जाता है।
और उसके बाद राजा का यह आदेश सुनने के बाद राजा की वाहा वाही होने लगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
दोस्तों इस कहानी से यह सीख मिलती है कि इंसान को कभी भी अपने ताकत के बल पर किसी कमजोर को झुकाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए । यदि वह ऐसा करता है तो इससे नुकसान ही होगा । क्योंकि ताकत किसी की सगी नहीं है।
आज आपके पास ताकत है मगर कल नहीं होगी । इसलिए आपको अपनी ताकत पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
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