ड्रैकुला नाम से आप सभी परिचित हैं। ड्रैकुला एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही आपके दिमाग के अंदर बड़े बड़े दांतों वाला खून पीने वाले पिशाच का चेहरा उभर कर आता है। ड्रैकुला को एक ऐसे पात्र के अंदर ब्रेम स्टोकर ने चित्रित किया जो लोगों का खून पी जाता था और उसके पास अलौकिक ताकते भी थी। ब्रेम स्टोकर का लिखा ड्रैकुला उपन्यास बहुत मशहूर उपन्यास रहा है। इस उपन्यास के अंदर रोंगटे खड़े करने वाली कहानी है।
18वी शताब्दी के अंदर लिखे इस उपन्यास का पात्र डैकुला एक भंयकर पिशाच के रूप् मे बहुत प्रसिद्व हुआ । कुछ लोग इस पात्र को 14 वी शताब्दी के राजा ड्रैकुला से जोड़ते हैं किंतु हकीकत के अंदर इस पात्र की रचना आरलैंड लेखक ब्रेम स्टोकर ने 1897 के अंदर की थी । व्लैड ड्रैकुला जो कि एक राजा का नाम था और ब्रेम के ड्रैकुला दोनों ही इंसानों को मार कर खाते थे । इस उपन्यास पर कई फिल्मे भी बनी थी जिनकी संख्या लगभग 160 के आस पास थी । ड्रैकुला पर बनी इन फिल्मों ने लाखों का कारोबार किया था।
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कौन था डैकुला ?
असल के अंदर ड्रैकुला प्रिस व्लैड तीसरा था जिसका जन्म सन 1431 के अंदर हुआ था । वह टांसिवैलेनिया के राज परिवार के अंदर पैदा हुआ था। ड्रैकुला के जन्म के समय उसके पिता निसकासित जीवन जी रहे थे । बाद मे उसके पिता की भी हत्या करदी गयी । और उसके भाई को जिंदा गाड़ दिया गया था । बाद मे जैसे ही ड्रैकुला राज शासन पर बैठा उसने अत्याचार करने प्रारम्भ कर दिये थे ।
क्या करता था ड्रैकुला ?
यह उपन्यास इसी राजा के आधार पर लिखा गया होगा । क्योंकि ड्रैकुला के अंदर भी कुछ वो आदते थी जो इस उपन्यास के अंदर बताई गयी हैं। ड्रैकुला जंता पर भयानक अत्याचार करता था और उनका खून तक पी जाता था। वह छल कपट का भी सहारा लेता था ।
अपने मंत्रियों के परिवार को जलाकर मार डाला
ड्रैकुला ने कपट का सहारा लेते हुए अपने मंत्रियों की सभा बुलाई और उनके परिवार को जलाकर मार डाला । यह उसका अमानविय कार्य था । उसके अंदर दया नाम की कोई चीज नहीं थी । या कहें िकवह दया करना नहीं जानता था ।
डनस्टी वंश से बदला लिया
ड्रैकुला की डनस्टी वंश से बिल्कुल भी नहीं बनती थी । वह इस वंश से बदला लेने की फिराक मे था और मौका मिलते ही वहां के राजकुमार को पकडा और जिंदा ही दफन कर दिया । ऐसा करके वह बहुत प्रसन्न हुआ । और ड्रैकुला और डेनस्टी वंश के बीच शत्रूता की खाई और गहरी हो गयी ।
उसने लोगों के पैर काट डाले
ड्रैकुला एक अत्याचारी राजा था और इसी वजह से प्रजा उससे नफरत करती थी । उसकी प्रजा मे कुछ लोग ऐसे भी थी जिन पर उसे शक था कि उन्होंन दुश्मनों को पहनाह दी है। उसेने शक के आधार पर अपने राज्य के नागरिकों के पैर तक कटवा डाले ।
बे्रड को इंसान के खून मे डूबोकर खाता था ।
वह किसी को नहीं बक्सता था । इंसानों के खून मे ब्रेड को डूबो कर खा जाता था । और बेटे को उसकी मां की छाती पर बांध कर दोनों के बीच से भाला निकलवा देता था । और कटे पैरो वाले लागों के बीच खाना खाना । आदि उसके अत्याचारों मे शामिल थे ।
ड्रैकुला , ड्रैकुला की बेटी , ड्रैकुला की बेटी यह तीन महत्वपूर्ण उपन्यास थे जो बहुत अधिक प्रसिद्व हुए ।
क्या ड्रैकुला सच मे लोगों का खून पीता था
ब्रेम स्टोकर ने जिस तरह से अपने उपन्यास के अंदर इस बात के बारे मे लिखा है कि ड्रैकुला लोगों का खून पीता था । यह बात बहुत कम सच जान पड़ती है। ड्रैकुला एक अत्याचारी राजा था जिस पर यह उपन्यास लिखा गया । किंतु इतिहास के अंदर इस बात के कोई खास सबूत नहीं मिले हैं कि ड्रैकुला इंसानों का खून पीता था । उपन्यास एक हकीकत घटना का आधार मात्र है। इसके अंदर पूरी सच्चाई नहीं है। लेखक ने उपन्यास को रोचक बनाने के लिये कल्पना का सहारा लिया है।
ड्रैकुला बंदी वाली सुंरग
रोमानिया की इस सुरंग को 2009 के अंदर खोजा गया था । टोकाट किले के अंदर बनी इस सुरंग के अंदर ड्रैकुला को बंदी बनाया गया था । इस सुरंग की लम्बाई 300 से 350 मीटर है। इस सुरंग के अंदर 15 वी शताब्दी के अंदर ड्रैकुला को बंदी बनाकर रखा गया था ।