लोगों से बातचीत कैसे करें ? इसके बारे मे हम आपको यहां पर बताने वाले हैं।
जिस प्रकार से किसी यंत्र से किसी quantity को नापा जाता है। उसी प्रकार से बातचीत से किसी व्यक्ति के बारे मे जानकारी मिलती है। बातचीत के आधार पर हम यह decision कर सकते हैं कि कौन व्यक्ति कैसा है?
बातचीत के सही तरीके कापता नहीं होने के कारण customer दुकानदार से नाराज हो जातेहैं। लोग आपस मे झगड़ते हैं।बच्चे माता पिता से दूर हो जाते हैं।
आज हम बात करेंगें कि किसी व्यक्ति के साथ कैसे बातचीत करें ताकि मधुर संबंधों का विकास हो सके।
संसार के अंदर wise व्यक्तियों का आदर होता है।सुंदरता के मुंह मांगे दाम मिलतेहैं। किंतु जिस व्यक्तिको बात करने का ढंग ही नहीं आता है। उसके पास all गुण हों उसके गुणों की कोई कद्र nhi hoti है। वह कभी भी लोगों के दिलों मे अपना स्थान नहीं बना सकता। जिस व्यक्ति की बातचीत के अंदर प्रोत्साहन आदर appreciation हो वही व्यक्ति लोगों के दिलों पर राज कर सकता है।
इस प्रकार के व्यक्ति के साथ हर कोई अपना समय गुजारना चाहेगा ।हर कोई इनसे मिलना चाहेगा । एक सफल वक्ता बनने केलिये इन बातों पर गौर करें
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अनावश्यक बातों से दूर रहें
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कि अनावश्यक बातें अधिक करते हैं।बातचीत हमेशा उतनी ही करें जितनी कि आवश्यक होती हैं। जितनी अगलाअपकी सुनना चाहता हो। यदि कोई व्यक्तिआप से रस्ता पूछ रहा हैतो उसे रस्ते केबारे मे ही बतायें। कुछ जोड़ करनहीं बतायें।
यदि आप अपनी बातों को बढ़ा चढ़ाकर पेस करते हैं तो सुननेवाला आपकी बात कोअनसुना कर सकता है।और आपसे दूबारा बातें नहीं करना चाहेगा। आपकी छवि भी उसके समाने खराब हो जायेगी ।
सही तरीका है जितना पूछा जाता है उतना ही जवाब दे अनावश्यक न बोलें ।
Topic से न भटकें
जिस topic पर कोई व्यक्ति आपसे बात करना चाह रहा है।केवल उसी पर बात करें ।जैसे कोई व्यक्ति किसी रोग के बारे मे बात कर रहा है तो उसी रोग केबारे में बतायें ।उसे अपने मकानों के बारे मेबताने लगोगे तो यह सही नहीं होगा ।बहुत से व्यक्ति ऐसे होते हैं जोकि बात को पता नहीं कहां से कहां तक पहुंचा देते हैं।
यदि आप भी ऐसा करते हैं तो यह सही नहीं है।ऐसा करकेआप दूसरोंकी नजरोंमे बड़ेनहीं बनसकते वरनआपको ही गलत समझा जायेगा ।इसलिये बातों के दायरेको भी सही रखें।
Self praise से हमेशा बचे
आपको चाहिये कि किसी दूसरे के सामने अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करें। बहुत से व्यक्ति ऐसे होते हैं जोकि दूसरों के सामने अपनी ही प्रशंसा करने लगते हैं। आपको क्या लगता है कि दूसरे ऐसा पसंद करेंगे? यदि आप सच मे ही चाहते हैं कि दूसरे आपकी प्रशंसा करें तो आपको अच्छे काम करने होंगें। आप दूसरों की नजरो मे प्रशंसा के काबिल होगें तो दूसरेआपकी जरूर प्रशंसा करेंगें।
दूसरों को भी बोलने का अवसर दें
ऐसा नहीं होना चाहिये कि आप बोलते चले जा रहे हैं और दूसरेअनावश्यक रूप् से सुनने को बाध्य हैं।बहुत सेलोगों कि इस प्रकार की आदत होती है।इस प्रकारकी आदत से लोग आप को पसंद नहीं करेंगें औरआप से बातचीत भी नहीं करना चाहेंगें ।इसलिये अपनी बात को लम्बा न करें वरन उसको छोटा रखें ताकि दूसरे भी अपने विचार आपके सामने आसानी से रख सकें।
बार बार एक ही words को न दोहरायें
इस प्रकार की आदत बहुत से लोगों के होती है।जब वे बातें करते हैं तो कुछ शब्दों को बारबार दो हराते हैं ।यह शब्द पूरी तरह से अनावश्यक होते हैं।ऐसा करना दूसरों को अच्छा नहीं लगता। speech के वक्त जब कोई बार बार कुछ शब्दों को दोहरता है तो स्त्रोता का ध्यानहट जाता है। ऐसा करने से आपकी बातों का प्रभाव भी खत्म जाता है। इसलिये अनावश्यक शब्दों का बार बार बोलने का कोई लाभ नहीं है।
वातावरण का ध्यान रखें
आप अब किसी प्रकार के वातावरण केअंदर हैं और वहां पर कैसी बातें करनी चाहिये ? यह भी आपको पता होना चाहिये ।यदि आप किसी शादी मे हैं तो वहां पर अपना दुख व्यक्त नहीं करें। क्योंकि ऐसा करने से वहां का माहौल खराब हो सकता है। वहां परआप केवल खुशी से जुड़ी ही बातें करें। वैसे भी शादी जैसे अवसर बार बार नहीं आते।
मैंने देख है कि कुछ लोग ऐसे अवसरों पर भी अपनी ऐक्स गर्लफे्रंडका का रोना राते हैं।इस तरह कि बातें खुश नुमामाहौल मे नकरें ।
बेकार की बहस से सदैव बचे
आपको इस प्रकार की स्थितिका बहुत ध्यान रखना है। ऐसा अक्सर होता है जब हम बेकार की बहस मे उलझ जाते हैं। हम जिस व्यक्ति को अपनी बात मनवाना चाहते हैंउससे बहस करने लगतेहैं ।ऐसा करने पर कई बार झगड़ा तक हो जाता है ।कुछ स्थान ऐसे भी होते हैं जहां पर बहस नुकसान करती है।
यदि आपका कोई बिजनेस हैऔर वहां पर कोई ग्राहक आकर आपके सामान मे कमी निकाले तो आपको उस से बहस नहीं करनी चाहिये वरन उसकी बात मान लेनी चाहिये जब वह शांत हो जाये तो अपने सामना के गुण उसको बतायें।
बातचीत करते समय दूसरों की रूचि का ध्यान रखें
जब हम किसी से बात कर रहें हैं तो उसकी रूचि पर भी ध्यान देना चाहिये।
यदि कोई व्यक्ति क्रिकेट मे interest रखता है तो आपको क्रिकेट से जुड़ी बातें उसके साथ करनी चाहिये यदि आप उसको दर्शन से जुड़ी बातें बताने लगोगे तो इसका कोई फायदा नहीं होगा। वह व्यक्ति जल्दी ही आपसे दूर हो जायेगा। किंतु उसकी पंसद की बातें यदि आप उसके साथ करतें हैं तो वहआपको भी पसंद करेगा
अपनी बातचीत का स्वर सामान्य रखें
कई व्यक्ति ऐसे होते हैं जोकि बहुत ही उंची आवाज केअंदर बातेंकरते हैं।इसका भी आपकी छवि पर गलत प्रभाव पड़ता है। ऐसा करने सेआस पासके लोग आपको अजीब निगाहों से देखेंगे साथी आप के प्रति लोगों के मन मे गलत धारणा भी बन सकती है। आपके बातचीत का स्वर अधिक कमजोर भी नहीं होना चाहिये ।
यदि आपको लगता है कि तेज आवाज मे बातें करके आप किसी पर अपना अच्छा प्रभाव बना सकते हैं ? नहीं आप तेज आवाज मे बात करके अपना अच्छा प्रभाव नहीं बना सकते।लोग आपके बारे मे सही नहीं सोचेगें ।
ऐसे बात करके अपने आपको न केवल अच्छा साबित कर सकते हैं वरन आप दूसरों की नजरों मे हीरो भी बन सकते हैं ।
किसी को कड़वा ना बोलें
दोस्तों यदि आप किसी से बात कर रहे हैं , तो आपको किसी को कड़वा नहीं बोलना चाहिए । खासकर किसी को बेवजह कड़वा बोलना ठीक नहीं होता है। क्योंकि इससे आपकी छवि भी प्रभावित हो जाती है। तो ऐसा आपको नहीं करना चाहिए । हालांकि कुछ लोग इस तरह के होते हैं , जोकि काफी अधिक कड़वा बोलते हैं।
अपने मुख पर स्माइल रखें
दोस्तों हर वक्त मे आपको स्माइल करना काफी अधिक कठिन होता है। मगर कुछ लोगों की स्टाइल ही इस तरह की होती है ,वे हर वक्त स्माइल करते रहते हैं। तो आपको इन चीजों के बारे मे अच्छी तरह से ध्यान रखना चाहिए । यदि आप एक अच्छा इम्प्रेशन बनाए रखना चाहते हैं , तो फिर यह आपको करना होगा । खास कर आपने देखा होगा , कि जो सेल्समैन होते हैं , वे इसी तरह से कस्टमर को लुभाने के लिए करते हैं।
अपने अंदर आत्मविश्वास को विकसित करें
दोस्तों अक्सर हमें किसी से बात करने मे तब परेशानी होती है। जब हमारे अंदर आत्मविश्वास नहीं होता है ।यदि हमारे अंदर आत्मविश्वास होता है , तो हम किसी से भी बात करने मे हिचकते नहीं है।और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए हमें काफी कुछ प्रयास करना पड़ता है। इसके लिए आपको बार बार नए नए लोगों से मिलना होगा । तब कहीं जाकर आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा ।अक्सर जब लोग पहली बार शूरूआत करते हैं , तो फिर आत्मविश्वास होता नहीं है। जैसे जैसे काम बढ़ता है। वैसे वैसे आत्मविश्वास के अंदर बढ़ोतरी होती चली जाती है।
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