खून की शायरी मस्त शायरी जानकर आप दंग रह जाएंगे  khoon par shayar

khoon par shayari khoon ki shayari in hindi खून पर शायरी , दोस्तों खून की शायरी के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। खून की शायरी आपको पसंद आएगी । यदि आपका कोई सवाल है ,हमें इसके बारे मे बताएं । खून पर शायरी  ,खून के रिश्ते पर शायरी  आपको लेख पसंद आएगा । यदि आपको लेख पसंद आएगा , तो यही हमारे लिए सही होगा ।

लिखा है खत खून से स्याही मत समझना ,

भले ही मैं तन से किसी और की हो गई ,

मगर मन से आज भी तेरी हूं ,

कभी खुद के जीवन मे तन्हाई मत समझना ।

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परवाह नहीं करते हम जीने मरने की ,

जो तुझे देखे आंख उठाकर ,

ताकत रखते हैं उसका भी खून करने की ।

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खून करना तो यारों का शौक है ,

मगर तू तो नजरों से खून कर देती  है ,

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मेरी मुहब्बत का खून करके ,

कहां चली तू दूसरों को चून करके ।

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तेरे लिए हद से ज्यादा खून बहाया हमने ,

खुद की जान से ज्यादा तुझे चाहया हमने ,

माफ करदे हमको ,

अगर जाने अनजानें मे तुझको सताया हमने ।

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दिल की बात सिर्फ तुझे बताते हैं ,

दिल मे भले ही बह रहा हो खून ,

मगर हम तुझे हर बार हंसाते हैं।

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खूनी यह रात है ,

प्यार इसमे कुछ नहीं ,

बस गम भरी बरसात है।

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कहानी सुनाते हैं , तुझे दिल के खून की ,

आज तक वह कीमत नहीं समझ पाया हमारे जनून की ।

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यूं तो मैं खतरों का खिलाड़ी था ,

मगर दिल के मामले मे थोड़ा अनाड़ी था ।

khoon ki holi shayari

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अगर प्यार करना है ,

तो खून की होली खेलनी पड़ेगी ,

अगर पाना है अपने प्यार को ,

तो सच्चाई तो बोलनी पड़ेगी ।

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मेरे लहू मे तू बस गई है ,

जब कोई मुस्कुराए तुम्हारे सामने ,

तो समझो कली फंस गई है।

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जिसके संग रिश्ता है खून का ,

उसके साथ कभी धोखा मत करना ।

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कुछ रिश्ते खून के होते हैं ,

कुछ रिश्ते दिल के होते हैं ,

मगर कुछ रिश्ते को जन्म जन्म के होते हैं।

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तेरे मेरी कहानी है सदियों पुरानी ,

इसमे कुछ लहू है , तो कुछ है आंखों का पानी ।

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खून बहता है आंखों से जब दिल मे दर्द हो ,

वह कहती है , तुम दर्द मे काम नहीं आ सकते ,

तो फिर कैसे मर्द हो ।

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कमाल करती है मंद मंद मुस्कान तेरी ,

मगर फिर भी मेरे खून से जरूर है ,

पहचान तेरी ।

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डूबते सूरज को कोई नमस्कार नहीं करता ,

नहीं है जिसकी रगों मे कुछ करने का खून ,

उसे कोई प्यार नहीं करता ।

khun par shayari

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जब तक खून बहता है ,

हम जिंदा रहते हैं ,

मत जाना सुनसान गलियों मे ,

वहां खूंखार परिंदा रहते हैं।

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दिखने मे बड़े मासूम थे वो ,

इसलिए मेरी रंगों के खून थे वो ,

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कुछ सितारे दिल को भा जाते हैं ,

कुछ को चाहते नहीं हम ,

फिर भी जिदंगी मे आ जाते हैं ,

खून से भी गहरा रिश्ता होता है उनका ,

जो फिर भी हमारे दिल पर छा जाते हैं।

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हे खुदा किसी के दिल का खून कर दिया है हमने ,

गलती हुई है तो माफ करना ,

हम आपके बंदे हैं ,

हमारे साथ इंसाफ करना ।

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जब शरीर मे खून होता है ,

तभी दिल मे जनून होता है।

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उतरे जब प्यार की गहराई मे ,

तब पता चलों वो तो खून

डालते हैं आशिकों का दाल की फराई मे ।

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शरीर मे अगर गर्म खून है ,

तो तुझे हराने वाला भला कौन है ।

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खून जब उबलता है ,

तो दुश्मन भी जलता है।

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मत बढ़ा यार तू मेरे खून के उबाल को ,

वरना दुनिया से मिटा दूंगा तेरे हर सवाल को ।

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जब उसका ख्याल दिल मे आता है ,

आंखों से खून भरा आंसू टपक जाता है।

khun par shayari

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जब वह गई दुनिया छोड़कर ,

हम खून के आंसू रोये थे ,

किसको क्या पता ,

उसके लिए दिल ने कितने ,

सपने संजोय थे ।

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वह रोज खून के आंसू ,

मेरी कब्र पर टपका जाती है ,

पूछता है कोई उससे ,

तो अपना चेहरा छुपा जाती है।

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हम तो प्यार मे बड़े अनाड़ी थे ,

मगर वो तो खून की होली खेल गए ,

लगता है वो बड़े खिलाड़ी थे ।

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जो खून बहाता है उसे सिपाही कहते हैं ,

जो अपनों के लिए खून बहाता है ,

उसे सच्चा भाई कहते हैं।

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खून के संग दिल का रिश्ता है अनोखा ,

जब मिलता है खून से खून ,

तो लगता है बड़ा चाखा ।

khoon ki shayari

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हम तो उसके प्यार के मारे हैं ,

अब तो खून के आंसुओं के सहारे हैं।

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दूसरों को देखकर अपना दिल ना जलाया करो ,

अपने पास भी होगा एक दिन सब कुछ ,

बस काम मे मन लगाया करो ।

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खून की बूंदे बहती हैं ,

जीवन की कहानी कहती हैं ,

भले ही वह हमसे दूर हैं ,

मगर उनकी यादें तो दिल मे रहती हैं।

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बेवफा के लिए कभी ,खून बहाया ना करो ,

और वफा के नाम पर किसी को सताया ना करो ।

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जो करना है , वो आज करले ,

जिदंगी नहीं मिलेगी दोबारा ,

अपना खून देकर फिर ,

मोड़नी पड़ेगी नदी की धारा ।

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नया रंग नई उड़ान है ,

खून के संग मेरी पहचान है।

khoon shayari

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इरादों मे अगर जान हो ,

तो खून की कीमत ,

से इंसान की पहचान हो ।

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कोई कमी न रह जाए खुदा की खिदमत मे ,

वरना खून का तूफान आ जाएगा तेरी किस्मत मे ।

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कुछ लोग खूनी होते हैं ,

कुछ लोग जनूनी होते हैं ,

मगर कुछ लोग तो शकूनी होते हैं ।

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जो खून बहाते हैं ,

वही जिंदा रह पाते हैं ।

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जिदंगी का दीपक जलता रहेगा ,

जब तक है रगों मे खून ,

यह यार चलता रहेगा ।

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यह खून का रिश्ता है ,

मुश्बितों से नहीं टूटेगा ,

दुश्मन चाहे जितना जोर लगाएं ,

साथ हमारा कभी नहीं छुटेगा ।

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लहू से लिखा है खत तेरे नाम का ,

आजा अब तो हमसे मिलने एक बार ,

यह बंदा तो मेहमान है बस इस शाम का ।

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खून देकर भी बदनाम हम हुए ,

दुश्मनों को जीवन दान देकर ,

आज श्मसान हम हुए ।

khoon shayari 2 line

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कुछ लोग खून का बदला ,

खून से लेते हैं ,

और हम जैसे कमजोर लोग ,

खून का बदला माफी से लेते हैं।

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अगर घर की औरतों की रक्षा

मे खून नहीं बहा सकते ,

तो मर्द बनने का हक तुम्हें नहीं है।

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जिदंगी भी एक सिरदर्द है ,

मरने वाले मर जाते हैं ,

मगर हमारे उपर तो खून का कर्ज है।

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पिशाचनी से इश्क करोगे ,

तो खून पी जाएगी ,

अगर देवी से इश्क करोगे ,

तो मौत से जिदंगी जीत जाएगी ।

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कुछ चीजें कमाल की होती हैं ,

कुछ खूनी रातें हर साल की होती हैं।

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मौत पर किसी का जोर नहीं चला करता ,

हम तो अनाड़ी हैं यार ,

हमसे यह खूनी रिश्ता नहीं पला करता ।

khoon par shayari

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जो देश के लिए खून बहाए थे ,

वो आज इतिहास बन गए ,

यूं ही नहीं कोई वो अपने

खास बन गए ।

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जिसदिन खून के समंदर मे ,

तैरना सीख लोगे ,

उस दिन यह सारी दुनिया जीत लोगे ।

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कुछ आशिक बदनाम होते हैं ,

कुछ आशिक बेनाम होते हैं ,

मगर जो आशिक के लिए खून करदें ,

ऐसे आशिक महान होते हैं।

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आँखों से निकला हर आंसू खून होता हैए

जब बहता है वो दिल में दर्द का गूंज होता है।

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तेरी बेवफाई ने खून के आंसू रूलाएं हैं ,

बेवफा तो तू थी मगर हम  भी बदकिस्मत कहलाएं हैं।

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यूं तो परवाह नहीं है , बेमौत मरने की ,

मगर इतना खून बह चुका है ,

कि ताकत नहीं बची दुश्मनों का सामना करने की

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जो खून का बलिदान करते हैं ,

वो अपनी जिदंगी महान करते हैं।

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खून से रंगी हुई जमीन है ,

यूं तो मेरी मौत पर रोया कोई नहीं ,

बस वो पगली गमगीन है।

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जिसकी रक्षा के लिए खून बहाया मैंने ,

उसी से इश्क लड़ाया मैंने ।

khoon shayari in urdu

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जो शरहद पर खून बहाते हैं ,

वो शहीद कहलात हैं ,

जो इश्क मे खून बहाते हैं ,

वो जाहिल कहलाते हैं।

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मैं तेरी अदाओं का कायल था ,

तुझे पाने के लिए खून बहाया इतना ,

कि आज खुद ही घायल था ।

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इश्क नहीं यह खूनी राह है ,

फिर भी पकड़ रखी तूने मेरी बांह है।

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जब रंग बदल जाता है खून का ,

जमाना भी फैन हो जाता है अपने जनून का ।

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जिसने मरने से डरना छोड़ दिया ,

उसने हर असफलता के बंधन को तोड़ दिया ।

इस दीवाने का खून यूं ही बहता रहेगा ,

तेरी बेवफाई की कहानी यह कहता रहेगा ।

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अगर खून बहाना है तो बहा देंगे ,

अगर दुश्मनों को हराना है , तो हरा देंगे ,

लेकिन तू कुछ  भी करले ,

अपने प्यार का झंडा एक दिन तेरे दिल

मे फहरा देंगे ।

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‌‌‌खून के आंसू रोना हमें आता नहीं ,

लात मारकर अपनी जिदंगी से निकाल देते हैं उसको ,

जो हमें चाहता नहीं ।

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दिल है कि मानता नहीं ,

कुछ नहीं रखा इस खूनी प्यार मे ,

जानता नहीं ।

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सुनो ऐ मुहब्बत करने वालों ,

सुनों ऐ खून के आंसू रोने वालों ,

क्या हासिल किया प्यार मे पड़कर सालों ।

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किसी का सालों इंतजार हम करते नहीं ,

जो खून के आंसू रूलाता है ,

ऐसों से हम प्यार करते नहीं ।

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अब छोड़ दिया है जीना डर डरके ,

इश्क किया है तो निभाएंगे मरके ।

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तुझे हाथ जो लगाएगा ,

उसका हाथ काट देंगे ,

उसके खून को ,

पानी की तरह सबकों बांट देंगे ।

khoon ki holi shayari

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मंजिल प्यार की मुश्किल है ,

मगर नामुमकिन नहीं ,

खून बहा थोड़ा सफलता जरूर मिलेगी ।

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मेरे सर पर खून सवार था ,

इसलिए काट दिया सालों को ,

इनको भी मौत का इंतजार था ।

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जिस दिन मरना सीख जाओगे

जीना भी आ जाएगा ,

जिस दिन खून बहाना सीख जाओगे ,

जितना आ जाएगा ।

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बहता रहा खून का दरिया ,

धूल चटादी दुश्मनों को ,

हाथ मे था जो सरिया ।

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तेरे खून की कहानी याद करेंगे ,

तू भले ही मर गया ,

मगर तेरे दुश्मनों को हम आजाद करेंगे ।

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खून हैं पीते हैं ,

मांस हम खाते हैं ,

प्यार करना है तो कर ,

हम तो ऐसे ही जीते हैं।

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कहने को तो हम शराबी हैं ,

मगर उसकी तरह किसी का खून नहीं पीते ,

बस शराब के आदी हैं।

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क्या मस्त चल रही थी जिदंगी ,

उसको खून देकर ,

बेमतलब मोल लेली इश्क की बंदगी ।

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वो खून ही क्या जिसमे उबाल ना हो ,

वो इश्क ही क्या जिसमे बवाल ना हो ,

वो आशिकी ही क्या जो कमाल ना हो ।

khoon ki holi shayari

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जब खून ठंडा हो जाता है ,

तब इंसान का भी फंडा हो जाता है।

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हम तो खूनी शिकारी हैं मौत का शिकार करते हैं ,

और वो हमें अच्छा समझकर प्यार करते हैं।

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उसकी बेवफाई ने आशिकी का खून कर दिया,

हम भी खिलाड़ी थे उनको मरने के लिए मजबूर कर दिया ।

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तेरे लिए फूल हम बन जाएंगे ,

यूं तो उबलते खून हैं ,

मगर इजहार करके देख ,

तेरे लिए कूल हम बन जाएंगे ।

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झूठी सलामी हम नहीं करते ,

इश्क मे नादानी हम नहीं करते ,

खून देकर बेईमानी हम नहीं करते ।

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मेरे बचपन की स्कूल थी वह ,

कुछ भी कहो मगर बड़ी कूल थी वह ।

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इलाके तो कुत्तों के हुआ करते हैं ,

अपन तो खून बहाने वाले शेर हैं ,

जंहा कदम रखते हैं वही इलाका अपना हो जाता है।

khun par shayari

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दिल का दरवाजा खोल कर चली गई वह ,

खून दौड़ना बंद हो गया हमारा ,

जब आई लवयू बोलकर चली गई वह।

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कुछ को खनू बहानें का शौक होता है ,

कुछ को इश्क का रोग होता है ,

मगर कुछ भी कहो जीवन तो बस संयोग होता है।

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बार बार औकात पर मत आया कर हमारी ,

वरना मारकर खून पीजाएंगे ,

दुनिया देखती रह जाएगी सारी ।

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इंतजार हम किसी का करते नहीं ,

खून बहा दे जितना बहाना है ,

हम किसी के बाप से भी डरते नहीं ।

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दिल की तख्ती पर लिख दिया है ,

जो खून से नाम तेरा ,

बस इसी से पहचान जाना

तू प्यार मेरा ।

khun par shayari

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भले ही तन बूढ़ा हो गया

मगर मन जवान है ,

आशिकों मे आज भी हमारी पहचान है।

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कब्र मे सोते हैं ,

कब्रिस्तान मे रहते हैं ,

मगर दुनिया वाले ,

आज भी सच्चा आशिक कहते हैं।

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अपनी हर बात वो दिल से लगा लेती है ,

खून निकलता देखा जब अपने हाथ से ,

झट से खुद को सीने से चिपका लेती है।

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शोहरत और दौलत की चाह नहीं है हमें ,

हम तो बस सच्चाई की कद्र करते हैं ।

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इस दिल का नगीना है तू ,

अपने लिए अनमोल हसीना है तू ,

खूना का बदला खून लेकर ,

आज साबित कर दिया ,

दुश्मनी मे बड़ा कमीना है तू ।

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मौत भी तेरे यार का कुछ बिगाड़ नहीं सकती ,

अरे जो पैदा ही नहीं हुआ उसका मौत

कुछ उखाड़ नहीं सकती ।

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बहुत होते हैं गरीबों के घर उजाड़ने वाले ,

मगर कुछ ही होते हैं बेईमानों को पछाड़ने वाले ।

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यारों को यूं ही नहीं आता है सलाम तेरा ,

खून से लिखा है , दिल पर नाम तेरा ।

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तुझ से ज्यादा किसी को चाहया न था ,

मगर मेरा खून करके चली गई तू ,

क्या इतना मैं तेरे को भाया न था ।

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मिट चुकी थी जब दिल की हस्तियां ,

तो वह फिर खून बहाने चली आई ।

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वह ऐसी नदी थी , जिसका कोई किनारा न था ,

प्यार भी कम्बख्त दिल ने उससे किया ,

जिसका खून करना हमें गवारा न था ।

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अपने खून से लिखी है हमने जिदंगी की किताब ,

जब से तू छोड़कर गई है ,

हाथों मे हम बस शराब ,

khun par shayari

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शबाब का नशा शराब से कहीं ज्यादा है ,

तुझे कभी छोड़कर नहीं जाएंगे कभी ,

भले ही खून बहाना पड़े ,

यह हमारा वादा है।

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इश्क मे मरने का इरादा हम भी रखते हैं ,

खून बह जाए भले ही कितना ,

मगर तुझे उठा ले जाने का मादा हम भी रखते हैं।

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मौत जब आएगी तो शान से मरेंगे ,

तू चाहे दिल ना लगा हमसे ,

मगर इश्क तो तुझ से ही करेंगे ।

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देखकर हमारे लाल खून को ,

वह पगली बेहोश हो गई ,

लेकिन आसानी से मरने वालों

मे से नहीं थे हम ,

हमे फिर से जिंदा देखकर वह मदहोश हो गई ।

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दिल की पुकार दिल तक जाती है ,

इश्क मत करना किसी से ,

वरना मंजिल मौत तक जाती है।

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हम कोई खिलाड़ी नहीं की ,

दिलों से खेल जाएं ,

हम कोई अपराधी नहीं ,

कि इश्क करने के जुर्म मे जेल जाएं ।

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आज वक्त तुम्हारा है ,

बहादे जितना खून बहाना है ,

कल वक्त हमारा होगा ,

फिर कब्र मे तुम्हारा ठिकाना होगा ।

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खून देकर उसकी जिदंगी को ,

हमनें संवारा था ,

वह नहीं आई आज ,

जब उसको दिल ने पुकारा था ।

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मौत पर कोई भरोशा नहीं करता ,

क्योंकि मौत का कोई समय नहीं होता ।

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तेरे जीवन का सांर मैं हूं ,

तेरे जीवन का चमत्कार मैं हूं ,

तुझे खून देकर बचाया हमने ,

फिर भी तेरा शुक्रगुजार मैं हूं ।

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इश्क किया था हमने बेवफाओं से ,

आज खून देकर छूटकारा पाया है

उसकी अदाओं से ।

khun par shayari

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जब बेवफा भी ,

वफा सीखाने लगे ,

तो समझ जाना

तुम गल दिशा मे जाने लगे ।

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हर दिन के बाद रात होती है ,

खून करके दिल को वो चली गई ,

अब बस कभी कभी बात होती है।

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जवाब तो देदेती पगली ,

मेरी खून भरी अर्जी का ,

जब तेरा सूट ही ना आए

सिलने को ,

तो क्या काम है इस दर्जी का ।

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कुछ चेहरे लाजवाब होते हैं ,

कुछ चेहरे बस ख्वाब होते हैं ,

मगर जो खून के रिश्ते होते हैं ,

वही दर्द मे बेताब होते है।

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डूबकर बस खूनी बन गए यार तेरे प्यार मे ,

अब मरने जा रहे हैं ,

नहीं रहना है हमें इस संसार मे ।

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इंतजार कर रहे हैं अंधेरी रातों मे ,

आखिर कभी तो उजाला होगा ,

जिसने खून देकर बचाया अपने प्यार को ,

वह आशिक भी कितना निराला होगा ।

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थक चुके हैं ,

एक समंदर के पानी को पी पीकर ,

अब मरना चाहते हैं हम ,

उब चुके हैं इस दर्द भरी जिदंगी को जी जीकर ।

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आंधियों से कभी मिटती नहीं ,

हस्ती हमारी ,

क्योंकि खुदा के संग है ,

बस्ती हमारी ।

तू  नहीं मिली ,

तो खून की नदियां बहा देंगे ,

आशकी क्या होती है ,

यह दुश्मनों को सीखा देंगे ।

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मौत का समंदर था ,

खून उसके अंदर था ,

फिर भी कूदे उसमे हम ,

क्योंकि दिल हमारा बंजर था ।

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तूफानों से लड़ने का मजा ही कुछ और है ,

तेरे से इश्क करने की सजा ही कुछ और है ,

पल भर मे कर देते खून तुझे हाथ लगाने वालों का ,

मगर क्या करें दिल अभी कमजोर है।

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कुछ लोग मौसम पर नाज करते हैं ,

कुछ लोग दिलों पर राज करते हैं ,

मगर जो खून बहाते हैं अपनों के लिए ,

खुदा भी उन पर नाज करते हैं।

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किस्मत को बदलना हम जानते हैं ,

तू आज भी मेरी है ,

कल भी मेरी होगी यह हम मानते हैं ।

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कुछ पल खामोश रह लिया कर ,

खून बहा देंगे सबका ,

अगर हमें गुस्सा आ गया तो सह लिया कर ।

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कुछ लोग इतिहास बन जाते हैं ,

कुछ लोग खास बन जाते हैं ,

मगर बहाते हैं जो सच के लिए खून ,

वो सबके दिलों के एहसास बन जाते हैं।

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मेरे रहत तुझ  पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता ,

एक पल मे साले का खून कर देंगे ।

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तेरी मुहब्बत मेरा फंसाना ,

लिखदेंगे खून से यह तराना ।

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हमकों बेवफाओं ने मारा ,

दुश्मनों के खून मे इतना दम कंहा था ,

हमारी किश्ती जंहा डूबी ,

वहां अपना बेवफा शनम था ।

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उसकी कातिल अदाओं ने ,

खूब खून बहाया था ,

वह बेवफा निकला यार ,

जिसे इस दिल ने अपना बनाया था ।

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सांसे तो आती जाती रहती हैं ,

गम ना कर किसी के खून होने का ,

जिदंगी मे मुश्बितें तो आती रहती हैं।

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हमें शौक नहीं है ,

अपने गुजर जाने का ,

मगर आज भी डर ,

था उनके मुकर जाने का ।

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अब देखो उस बेवफा की अदाएं ,

हमारा ही खून बहाकर हमे ही दे

रही है सजाएं ।

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हर किसी के बस मे नहीं होता ,

प्यार मे मर मिटना ,

मगर फिर भी आशिकों को ,

अच्छे से आता है खून बहाकर पिटना ।

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मरे हुए का मौत कुछ बिगाड़ नहीं सकती ,

जिसके शरीर मे खून ही नहीं बचा ,

वह शेरनी कभी दाहड़ नहीं सकती ।

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आओ देखें जरा मौसम का नजरा ,

उसकी खूनी आंखों ने कइयों को बना दिया कंवारा ,

अब सोच रहे हैं , क्या होगा हमारा ।

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दिल है कि मानता नहीं ,

वह तो दिल का खून करती है ,

यह जानता नहीं ।

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ऐ तूफान तू मेरी जिदंगी को तबाह ना कर ,

हम तो पहले ही आशिकी मे खून बहा चुके ,

ऐ जालिम हम पर अब निगाह ना कर ।

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पंख चाहिए आसमान मे उड़ने के लिए ,

बोल कितना खून बहाएं ,

तेरे संग जुड़ने के लिए ।

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कुछ सितम इस जमाने ने ढहाए ,

हजारों लिटर खून हमने बहाए ,

फिर भी तेरी आशिकी के लिए आए ।

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समंदर मे तेरने वाले ,

कभी तो जमीं पर आया कर ,

बैरंग हो चुकी है जिदंगी ,

कभी तो खून के रिश्ते निभाया कर ।

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अगर जीवन ही नहीं ,

तो सांसे किस काम की ,

जब मर जाता है इंसान ,

तो खून की नलियां रह जाती हैं बस नाम की ।

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बहुत कुछ बिगाड़ दिया मेरा  इस जमाने ने ,

फिर भी हमे खून देकर जिंदा किया इस परवाने ने ।

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हर चमकती चीज सोना नहीं होती ,

वो खेल गए हमारी मुहब्बत से खून की होली ,

उनको क्या पता हर मुहबत खिलोना नहीं होती ।

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दिल के दरिया मे आज भी ,

लहर बस तेरे नाम की उठती है ,

आंखें खून बहाती हैं ,

जब वर्षों पुरानी आशकी टूटती है।

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प्रेम के रिश्ते की उम्र बहुत कम होती है ,

दिलोजान से प्यार करने वालों की ,

आंखें भी एक दिन नम होती है।

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गर्जने वाले हर बार बरसते नहीं ,

तुझे देख देखकर खून जलालिया हमने ,

अगर तू अपनी होती , तो यूं तरसते नहीं ।

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जिदंगी मे कुछ सितारे होते हैं ,

कुछ बेकार नजारे होते हैं ,

आशिकी वही करते हैं , जो कंवारे होते हैं।

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झूठा यह जमाना है ,

झूठा यह दिवाना है ,

मत बहा इतना खून किसी के पीछे ,

कि तुझे दुनिया छोड़ कर जाना पड़े ।

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दिल की महफिल को सजाया उसने ,

फूलों की तरह भौंरों को फंसाया उसने ,

रूलाकर खून के आंसू हमे ,

किसी और से विवाह रचाया उसने ।

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तू तो आशिकी मे जान देने की बात करती थी ,

आज जान लेने पर उतारू कैसे हो गई ।

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आशिकी मे बड़ी बड़ी बातें तो हो ही जाती हैं ,

मगर दम उस आशिक मे होता है ,

जो आशिकी के लिए खुद का खून करदे ।

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लोग कहते हैं मरना आसान है ,

मगर सच जानना है ,

तो मरने वाले से पूछों ,

मरना जीने से भी कठिन है।

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जिदंगी का अनमोल हीरा है तू ,

मेरे दिल का लकीरा है तू ,

भले ही खून से सना ,

मगर सोना नीरा है तू ।

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तुझे भूलकर हम जी नहीं सकते ,

तुझे खून के आंसू रूलाकर ,

हम पानी भी पी नहीं सकते ।

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दिल की बस्ती मे तेरा बसेरा था ,

जब खून हुआ इस दिल का ,

तो आंखों के आगे अंधेरा था ।

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अगर मौत आएगी ,

तो दिल से लगा लेंगे ,

तू एक बार हां तो बोलकर देख ,

खून बहाकर भी रिश्ता निभा लेंगे ।

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करना है इश्क तो दिलवाली से करो ,

अगर निभाना है इश्क ,

तो दोस्ती खून की प्याली से करो ।

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समय आया जब मरने का ,

तो वह बोल रही है ,

प्यार के खातिर एक और खून करने का ।

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तू जिंदा है , तो हम भी जी लेंगे ,

तेरे हाथों से जहर भी मिलेगा तो पी लेंगे।

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पार करके आएं हैं , सात समंदर तेरे लिए ,

हमें रूलाकर खून के आंसू ,

तुमने किसी और के संग फेरे लिए ।

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नाम है तेरा दिल की कश्ती मे ,

रहते हैं हम उस पुरानी बस्ती मे ,

हम तो मर गए तेरे लिए खून बहाते बहाते ,

फिर भी तू जी रही है अपनी मस्ती मे ।

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कुछ फूल गुलाब के होते हैं ,

कुछ फूल उस शबाब के होते हैं ,

मगर हर बार खूनी फूल हमारे ,

जनाब के होते हैं।

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जो अपने पति की नहीं हुई वो तेरी क्या होगी ,

मत लगा दांव इस प्यार पर ,

वरना उजड़े चमन की बसेरी क्या होगी ।

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वह कहती थी तू गया तो क्या हुआ ,

तेरे जैसा हजार ले आउंगी ,

मगर उसे नहीं पता था ,

खून करके आशिक का ,

यार इतना बेकार ले आउंगी ।

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दिल ने जंहा बनाया था आसियाना ,

खूनी बन चुका है अब वो फंसाना ।

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जिगर मे खून चाहिए ,

मौत से टकराने के लिए ,

सच्ची आशिक नहीं होती है ,

घबराने के लिए ।

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कमाल करती है , तेरे होंठों की लाली ,

आशिकों का खून पीति है साली ।

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जल मे रहकर मगर से बैर कभी करना नहीं ,

अगर की है आशिकी ,

तो कभी डरना नहीं ।

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कबूतर सारे छुप गए हैं घोसलों मे ,

मालूम चला है , आज

भी दम है उसके हौसलों मे ।

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सुना है लोग तुझ पर किताब लिखते हैं ,

हम ही हैं बेवफा तेरे लिए खून बहाने वाले आशिक ,

देखते हैं , दुनिया वाले क्या जवाब लिखते हैं।

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मेरे ख्वाबों की उड़ान तू है ,

मेरे दिल की मुस्कान तू है ,

लहू से लिख रहे हैं खत ,

क्योंकि इस दिल की जान तू है ।

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दिल मे आज भी तुझे पाने की चाह है ,

मगर क्या करें खूनी इस प्यार की राह है।

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जिदंगी कभी ढंग से हमने जी नहीं ,

और मौत के संग दोस्ती हमने की नहीं ,

वो शराब और शबाबा की बात करते हैं ,

जो हमने कभी ली नहीं ।

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जो कोयले को हीरा बना दे ,

उसे कारिगर करते हैं ,

जो आशिकी के लिए खून दे ,

उसे बाजिगर कहते हैं।

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बरसात भी खूब रोई ,

मेरे आंखों का खून देखकर ,

कभी मत करना पगली मुहब्बत ,

आशिक का जनून देखकर ।

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जब से तू गई है ,

खाना पीना हमने छोड़ दिया ,

जन्म जन्म का रिश्ता था अपना ,

तूने एक पल मे सब तोड़ दिया ।

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खून की धार दिल से आई ,

तेरे नाम की पुकार मन से आई ,

यह आवाज थी आखरी ,

जो तन से आई ।

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पागल आशिकों मे शुमार है नाम अपना ,

लड़कियों मे खुमार है नाम अपना ।

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जिस तरह रगों मे खून बहता है ,

उसी तरह तेरे आने से दिल मे सकून रहता है।

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आंसू आंखों तक हो तो ठीक है ,

मुहब्बत आशिक तक है तो ठीक है ,

बेवफाई हमें पसंद नहीं ।

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इस पल जी भरकर जी लेने दे ,

यह आखरी है , अपना खून पी लेने दे ।

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रगों मे खून अभी बाकी है ,

अभी तूने मेरा प्यार देखा ही क्या है ?

यह तो बस एक झांकी है।

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तुझे पाने की एक आश जगी ,

खूनी होकर भी नहीं मिटी यह दिल्लगी ।

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अफसाना लिख रही हूं ,

तेरे मेरे प्यार का ,

पता नहीं कब खत्म होगा

यह वक्त इंतजार का ।

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प्यार कोई करता नहीं ,

बस हो जाता है ,

इंतजार कोई करता नहीं ,

बस हो  जाता है।

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खून की नदियां बहा देंगे ,

अगर तू नहीं मिली तो खुद को लुटा देंगे ।

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आशिकों को समझ आती है ,

यह तेरे आंखों की भाषा ,

जब कर दिया उसने हमारा खून ,

तो मिट गई उससे प्यार करने की अभिलाषा ।

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दिल्लगी का बदला खून देकर चुकाया है ,

अरे कमीने वो तो बेवफा है ,

तुमने किससे दिल लगाया है।

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लिखते हैं खून से तेरे नाम के तराने ,

हम तो हैं शनम तेरे नाम के दिवानें ।

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वह भा गई थी हमें पहली मुलाकात मे ,

मगर हमें क्या पता था प्यार का ही खून हो जाएगा ,

पहली ही बरसात मे ।

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जब प्यार होता है ,

तो कुछ नजर नहीं आता ,

जिसका आशिक ही खूनी हो ,

उसकी राहों मे कभी कोई नगर नहीं आता ।

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रातभर का बसेरा है ,

सुबह उड़ जाना है ,

क्यों करती है अपने रूप पर अभिमान ,

एक दिन सब कुछ यहीं रह जाना है।

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वह तो हमारे खून की प्यासी थी ,

की जिससे हमने मुहब्बत ,

वह तो खुद एक बासी  थी।

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लिखा है जो तूने प्यार की किताबों मे ,

आज वही नजर आया हमें ख्वाबों मे ।

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गुजरा हुआ कल भी दर्द दे जाता है ,

हमारी आशिकी ही ऐसी होती है ,

कि हर कोई खून का मर्ज दे जाता है।

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दिल ने धड़कना छोड़ दिया ,

जब से वह हुई है किसी और की ,

हमने भी तड़पना छोड़ दिया ।

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हर घड़ी हर पहर ,

दिल पर रहता है ,

तेरी खूनी मुहब्ब्त का कहर ।

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तेरी गलियों मे हमने खूब खून के आंसू बहाए ,

आज समझ आया ,

तूने न जाने कितने आशिक तड़पाए।

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जो मिलना है , वो मिलकर रहेगा ,

चाहे कितना भी बहाओ खून के आंसू ,

जो होना है , वो होकर रहेगा ।

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तेरी खूनी यादों से निकल कर ,

फिर से दुनिया मे लौटे थे हम ,

आज समझ आया ,

सिक्के खोटे थे हम ।

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होता वही है जो मंजुर ए खुदा है ,

कोई यहां गले मिलता है , तो कोई जुदा है।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।