khoon par shayari khoon ki shayari in hindi खून पर शायरी , दोस्तों खून की शायरी के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। खून की शायरी आपको पसंद आएगी । यदि आपका कोई सवाल है ,हमें इसके बारे मे बताएं । खून पर शायरी ,खून के रिश्ते पर शायरी आपको लेख पसंद आएगा । यदि आपको लेख पसंद आएगा , तो यही हमारे लिए सही होगा ।
लिखा है खत खून से स्याही मत समझना ,
भले ही मैं तन से किसी और की हो गई ,
मगर मन से आज भी तेरी हूं ,
कभी खुद के जीवन मे तन्हाई मत समझना ।
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परवाह नहीं करते हम जीने मरने की ,
जो तुझे देखे आंख उठाकर ,
ताकत रखते हैं उसका भी खून करने की ।
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खून करना तो यारों का शौक है ,
मगर तू तो नजरों से खून कर देती है ,
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मेरी मुहब्बत का खून करके ,
कहां चली तू दूसरों को चून करके ।
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तेरे लिए हद से ज्यादा खून बहाया हमने ,
खुद की जान से ज्यादा तुझे चाहया हमने ,
माफ करदे हमको ,
अगर जाने अनजानें मे तुझको सताया हमने ।
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दिल की बात सिर्फ तुझे बताते हैं ,
दिल मे भले ही बह रहा हो खून ,
मगर हम तुझे हर बार हंसाते हैं।
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खूनी यह रात है ,
प्यार इसमे कुछ नहीं ,
बस गम भरी बरसात है।
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कहानी सुनाते हैं , तुझे दिल के खून की ,
आज तक वह कीमत नहीं समझ पाया हमारे जनून की ।
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यूं तो मैं खतरों का खिलाड़ी था ,
मगर दिल के मामले मे थोड़ा अनाड़ी था ।
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अगर प्यार करना है ,
तो खून की होली खेलनी पड़ेगी ,
अगर पाना है अपने प्यार को ,
तो सच्चाई तो बोलनी पड़ेगी ।
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मेरे लहू मे तू बस गई है ,
जब कोई मुस्कुराए तुम्हारे सामने ,
तो समझो कली फंस गई है।
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जिसके संग रिश्ता है खून का ,
उसके साथ कभी धोखा मत करना ।
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कुछ रिश्ते खून के होते हैं ,
कुछ रिश्ते दिल के होते हैं ,
मगर कुछ रिश्ते को जन्म जन्म के होते हैं।
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तेरे मेरी कहानी है सदियों पुरानी ,
इसमे कुछ लहू है , तो कुछ है आंखों का पानी ।
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खून बहता है आंखों से जब दिल मे दर्द हो ,
वह कहती है , तुम दर्द मे काम नहीं आ सकते ,
तो फिर कैसे मर्द हो ।
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कमाल करती है मंद मंद मुस्कान तेरी ,
मगर फिर भी मेरे खून से जरूर है ,
पहचान तेरी ।
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डूबते सूरज को कोई नमस्कार नहीं करता ,
नहीं है जिसकी रगों मे कुछ करने का खून ,
उसे कोई प्यार नहीं करता ।
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जब तक खून बहता है ,
हम जिंदा रहते हैं ,
मत जाना सुनसान गलियों मे ,
वहां खूंखार परिंदा रहते हैं।
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दिखने मे बड़े मासूम थे वो ,
इसलिए मेरी रंगों के खून थे वो ,
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कुछ सितारे दिल को भा जाते हैं ,
कुछ को चाहते नहीं हम ,
फिर भी जिदंगी मे आ जाते हैं ,
खून से भी गहरा रिश्ता होता है उनका ,
जो फिर भी हमारे दिल पर छा जाते हैं।
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हे खुदा किसी के दिल का खून कर दिया है हमने ,
गलती हुई है तो माफ करना ,
हम आपके बंदे हैं ,
हमारे साथ इंसाफ करना ।
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जब शरीर मे खून होता है ,
तभी दिल मे जनून होता है।
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उतरे जब प्यार की गहराई मे ,
तब पता चलों वो तो खून
डालते हैं आशिकों का दाल की फराई मे ।
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शरीर मे अगर गर्म खून है ,
तो तुझे हराने वाला भला कौन है ।
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खून जब उबलता है ,
तो दुश्मन भी जलता है।
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मत बढ़ा यार तू मेरे खून के उबाल को ,
वरना दुनिया से मिटा दूंगा तेरे हर सवाल को ।
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जब उसका ख्याल दिल मे आता है ,
आंखों से खून भरा आंसू टपक जाता है।
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जब वह गई दुनिया छोड़कर ,
हम खून के आंसू रोये थे ,
किसको क्या पता ,
उसके लिए दिल ने कितने ,
सपने संजोय थे ।
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वह रोज खून के आंसू ,
मेरी कब्र पर टपका जाती है ,
पूछता है कोई उससे ,
तो अपना चेहरा छुपा जाती है।
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हम तो प्यार मे बड़े अनाड़ी थे ,
मगर वो तो खून की होली खेल गए ,
लगता है वो बड़े खिलाड़ी थे ।
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जो खून बहाता है उसे सिपाही कहते हैं ,
जो अपनों के लिए खून बहाता है ,
उसे सच्चा भाई कहते हैं।
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खून के संग दिल का रिश्ता है अनोखा ,
जब मिलता है खून से खून ,
तो लगता है बड़ा चाखा ।
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हम तो उसके प्यार के मारे हैं ,
अब तो खून के आंसुओं के सहारे हैं।
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दूसरों को देखकर अपना दिल ना जलाया करो ,
अपने पास भी होगा एक दिन सब कुछ ,
बस काम मे मन लगाया करो ।
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खून की बूंदे बहती हैं ,
जीवन की कहानी कहती हैं ,
भले ही वह हमसे दूर हैं ,
मगर उनकी यादें तो दिल मे रहती हैं।
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बेवफा के लिए कभी ,खून बहाया ना करो ,
और वफा के नाम पर किसी को सताया ना करो ।
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जो करना है , वो आज करले ,
जिदंगी नहीं मिलेगी दोबारा ,
अपना खून देकर फिर ,
मोड़नी पड़ेगी नदी की धारा ।
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नया रंग नई उड़ान है ,
खून के संग मेरी पहचान है।
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इरादों मे अगर जान हो ,
तो खून की कीमत ,
से इंसान की पहचान हो ।
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कोई कमी न रह जाए खुदा की खिदमत मे ,
वरना खून का तूफान आ जाएगा तेरी किस्मत मे ।
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कुछ लोग खूनी होते हैं ,
कुछ लोग जनूनी होते हैं ,
मगर कुछ लोग तो शकूनी होते हैं ।
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जो खून बहाते हैं ,
वही जिंदा रह पाते हैं ।
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जिदंगी का दीपक जलता रहेगा ,
जब तक है रगों मे खून ,
यह यार चलता रहेगा ।
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यह खून का रिश्ता है ,
मुश्बितों से नहीं टूटेगा ,
दुश्मन चाहे जितना जोर लगाएं ,
साथ हमारा कभी नहीं छुटेगा ।
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लहू से लिखा है खत तेरे नाम का ,
आजा अब तो हमसे मिलने एक बार ,
यह बंदा तो मेहमान है बस इस शाम का ।
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खून देकर भी बदनाम हम हुए ,
दुश्मनों को जीवन दान देकर ,
आज श्मसान हम हुए ।
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कुछ लोग खून का बदला ,
खून से लेते हैं ,
और हम जैसे कमजोर लोग ,
खून का बदला माफी से लेते हैं।
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अगर घर की औरतों की रक्षा
मे खून नहीं बहा सकते ,
तो मर्द बनने का हक तुम्हें नहीं है।
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जिदंगी भी एक सिरदर्द है ,
मरने वाले मर जाते हैं ,
मगर हमारे उपर तो खून का कर्ज है।
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पिशाचनी से इश्क करोगे ,
तो खून पी जाएगी ,
अगर देवी से इश्क करोगे ,
तो मौत से जिदंगी जीत जाएगी ।
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कुछ चीजें कमाल की होती हैं ,
कुछ खूनी रातें हर साल की होती हैं।
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मौत पर किसी का जोर नहीं चला करता ,
हम तो अनाड़ी हैं यार ,
हमसे यह खूनी रिश्ता नहीं पला करता ।
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जो देश के लिए खून बहाए थे ,
वो आज इतिहास बन गए ,
यूं ही नहीं कोई वो अपने
खास बन गए ।
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जिसदिन खून के समंदर मे ,
तैरना सीख लोगे ,
उस दिन यह सारी दुनिया जीत लोगे ।
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कुछ आशिक बदनाम होते हैं ,
कुछ आशिक बेनाम होते हैं ,
मगर जो आशिक के लिए खून करदें ,
ऐसे आशिक महान होते हैं।
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आँखों से निकला हर आंसू खून होता हैए
जब बहता है वो दिल में दर्द का गूंज होता है।
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तेरी बेवफाई ने खून के आंसू रूलाएं हैं ,
बेवफा तो तू थी मगर हम भी बदकिस्मत कहलाएं हैं।
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यूं तो परवाह नहीं है , बेमौत मरने की ,
मगर इतना खून बह चुका है ,
कि ताकत नहीं बची दुश्मनों का सामना करने की
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जो खून का बलिदान करते हैं ,
वो अपनी जिदंगी महान करते हैं।
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खून से रंगी हुई जमीन है ,
यूं तो मेरी मौत पर रोया कोई नहीं ,
बस वो पगली गमगीन है।
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जिसकी रक्षा के लिए खून बहाया मैंने ,
उसी से इश्क लड़ाया मैंने ।
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जो शरहद पर खून बहाते हैं ,
वो शहीद कहलात हैं ,
जो इश्क मे खून बहाते हैं ,
वो जाहिल कहलाते हैं।
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मैं तेरी अदाओं का कायल था ,
तुझे पाने के लिए खून बहाया इतना ,
कि आज खुद ही घायल था ।
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इश्क नहीं यह खूनी राह है ,
फिर भी पकड़ रखी तूने मेरी बांह है।
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जब रंग बदल जाता है खून का ,
जमाना भी फैन हो जाता है अपने जनून का ।
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जिसने मरने से डरना छोड़ दिया ,
उसने हर असफलता के बंधन को तोड़ दिया ।
इस दीवाने का खून यूं ही बहता रहेगा ,
तेरी बेवफाई की कहानी यह कहता रहेगा ।
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अगर खून बहाना है तो बहा देंगे ,
अगर दुश्मनों को हराना है , तो हरा देंगे ,
लेकिन तू कुछ भी करले ,
अपने प्यार का झंडा एक दिन तेरे दिल
मे फहरा देंगे ।
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खून के आंसू रोना हमें आता नहीं ,
लात मारकर अपनी जिदंगी से निकाल देते हैं उसको ,
जो हमें चाहता नहीं ।
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दिल है कि मानता नहीं ,
कुछ नहीं रखा इस खूनी प्यार मे ,
जानता नहीं ।
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सुनो ऐ मुहब्बत करने वालों ,
सुनों ऐ खून के आंसू रोने वालों ,
क्या हासिल किया प्यार मे पड़कर सालों ।
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किसी का सालों इंतजार हम करते नहीं ,
जो खून के आंसू रूलाता है ,
ऐसों से हम प्यार करते नहीं ।
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अब छोड़ दिया है जीना डर डरके ,
इश्क किया है तो निभाएंगे मरके ।
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तुझे हाथ जो लगाएगा ,
उसका हाथ काट देंगे ,
उसके खून को ,
पानी की तरह सबकों बांट देंगे ।
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मंजिल प्यार की मुश्किल है ,
मगर नामुमकिन नहीं ,
खून बहा थोड़ा सफलता जरूर मिलेगी ।
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मेरे सर पर खून सवार था ,
इसलिए काट दिया सालों को ,
इनको भी मौत का इंतजार था ।
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जिस दिन मरना सीख जाओगे
जीना भी आ जाएगा ,
जिस दिन खून बहाना सीख जाओगे ,
जितना आ जाएगा ।
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बहता रहा खून का दरिया ,
धूल चटादी दुश्मनों को ,
हाथ मे था जो सरिया ।
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तेरे खून की कहानी याद करेंगे ,
तू भले ही मर गया ,
मगर तेरे दुश्मनों को हम आजाद करेंगे ।
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खून हैं पीते हैं ,
मांस हम खाते हैं ,
प्यार करना है तो कर ,
हम तो ऐसे ही जीते हैं।
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कहने को तो हम शराबी हैं ,
मगर उसकी तरह किसी का खून नहीं पीते ,
बस शराब के आदी हैं।
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क्या मस्त चल रही थी जिदंगी ,
उसको खून देकर ,
बेमतलब मोल लेली इश्क की बंदगी ।
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वो खून ही क्या जिसमे उबाल ना हो ,
वो इश्क ही क्या जिसमे बवाल ना हो ,
वो आशिकी ही क्या जो कमाल ना हो ।
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जब खून ठंडा हो जाता है ,
तब इंसान का भी फंडा हो जाता है।
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हम तो खूनी शिकारी हैं मौत का शिकार करते हैं ,
और वो हमें अच्छा समझकर प्यार करते हैं।
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उसकी बेवफाई ने आशिकी का खून कर दिया,
हम भी खिलाड़ी थे उनको मरने के लिए मजबूर कर दिया ।
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तेरे लिए फूल हम बन जाएंगे ,
यूं तो उबलते खून हैं ,
मगर इजहार करके देख ,
तेरे लिए कूल हम बन जाएंगे ।
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झूठी सलामी हम नहीं करते ,
इश्क मे नादानी हम नहीं करते ,
खून देकर बेईमानी हम नहीं करते ।
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मेरे बचपन की स्कूल थी वह ,
कुछ भी कहो मगर बड़ी कूल थी वह ।
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इलाके तो कुत्तों के हुआ करते हैं ,
अपन तो खून बहाने वाले शेर हैं ,
जंहा कदम रखते हैं वही इलाका अपना हो जाता है।
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दिल का दरवाजा खोल कर चली गई वह ,
खून दौड़ना बंद हो गया हमारा ,
जब आई लवयू बोलकर चली गई वह।
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कुछ को खनू बहानें का शौक होता है ,
कुछ को इश्क का रोग होता है ,
मगर कुछ भी कहो जीवन तो बस संयोग होता है।
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बार बार औकात पर मत आया कर हमारी ,
वरना मारकर खून पीजाएंगे ,
दुनिया देखती रह जाएगी सारी ।
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इंतजार हम किसी का करते नहीं ,
खून बहा दे जितना बहाना है ,
हम किसी के बाप से भी डरते नहीं ।
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दिल की तख्ती पर लिख दिया है ,
जो खून से नाम तेरा ,
बस इसी से पहचान जाना
तू प्यार मेरा ।
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भले ही तन बूढ़ा हो गया
मगर मन जवान है ,
आशिकों मे आज भी हमारी पहचान है।
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कब्र मे सोते हैं ,
कब्रिस्तान मे रहते हैं ,
मगर दुनिया वाले ,
आज भी सच्चा आशिक कहते हैं।
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अपनी हर बात वो दिल से लगा लेती है ,
खून निकलता देखा जब अपने हाथ से ,
झट से खुद को सीने से चिपका लेती है।
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शोहरत और दौलत की चाह नहीं है हमें ,
हम तो बस सच्चाई की कद्र करते हैं ।
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इस दिल का नगीना है तू ,
अपने लिए अनमोल हसीना है तू ,
खूना का बदला खून लेकर ,
आज साबित कर दिया ,
दुश्मनी मे बड़ा कमीना है तू ।
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मौत भी तेरे यार का कुछ बिगाड़ नहीं सकती ,
अरे जो पैदा ही नहीं हुआ उसका मौत
कुछ उखाड़ नहीं सकती ।
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बहुत होते हैं गरीबों के घर उजाड़ने वाले ,
मगर कुछ ही होते हैं बेईमानों को पछाड़ने वाले ।
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यारों को यूं ही नहीं आता है सलाम तेरा ,
खून से लिखा है , दिल पर नाम तेरा ।
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तुझ से ज्यादा किसी को चाहया न था ,
मगर मेरा खून करके चली गई तू ,
क्या इतना मैं तेरे को भाया न था ।
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मिट चुकी थी जब दिल की हस्तियां ,
तो वह फिर खून बहाने चली आई ।
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वह ऐसी नदी थी , जिसका कोई किनारा न था ,
प्यार भी कम्बख्त दिल ने उससे किया ,
जिसका खून करना हमें गवारा न था ।
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अपने खून से लिखी है हमने जिदंगी की किताब ,
जब से तू छोड़कर गई है ,
हाथों मे हम बस शराब ,
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शबाब का नशा शराब से कहीं ज्यादा है ,
तुझे कभी छोड़कर नहीं जाएंगे कभी ,
भले ही खून बहाना पड़े ,
यह हमारा वादा है।
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इश्क मे मरने का इरादा हम भी रखते हैं ,
खून बह जाए भले ही कितना ,
मगर तुझे उठा ले जाने का मादा हम भी रखते हैं।
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मौत जब आएगी तो शान से मरेंगे ,
तू चाहे दिल ना लगा हमसे ,
मगर इश्क तो तुझ से ही करेंगे ।
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देखकर हमारे लाल खून को ,
वह पगली बेहोश हो गई ,
लेकिन आसानी से मरने वालों
मे से नहीं थे हम ,
हमे फिर से जिंदा देखकर वह मदहोश हो गई ।
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दिल की पुकार दिल तक जाती है ,
इश्क मत करना किसी से ,
वरना मंजिल मौत तक जाती है।
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हम कोई खिलाड़ी नहीं की ,
दिलों से खेल जाएं ,
हम कोई अपराधी नहीं ,
कि इश्क करने के जुर्म मे जेल जाएं ।
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आज वक्त तुम्हारा है ,
बहादे जितना खून बहाना है ,
कल वक्त हमारा होगा ,
फिर कब्र मे तुम्हारा ठिकाना होगा ।
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खून देकर उसकी जिदंगी को ,
हमनें संवारा था ,
वह नहीं आई आज ,
जब उसको दिल ने पुकारा था ।
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मौत पर कोई भरोशा नहीं करता ,
क्योंकि मौत का कोई समय नहीं होता ।
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तेरे जीवन का सांर मैं हूं ,
तेरे जीवन का चमत्कार मैं हूं ,
तुझे खून देकर बचाया हमने ,
फिर भी तेरा शुक्रगुजार मैं हूं ।
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इश्क किया था हमने बेवफाओं से ,
आज खून देकर छूटकारा पाया है
उसकी अदाओं से ।
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जब बेवफा भी ,
वफा सीखाने लगे ,
तो समझ जाना
तुम गल दिशा मे जाने लगे ।
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हर दिन के बाद रात होती है ,
खून करके दिल को वो चली गई ,
अब बस कभी कभी बात होती है।
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जवाब तो देदेती पगली ,
मेरी खून भरी अर्जी का ,
जब तेरा सूट ही ना आए
सिलने को ,
तो क्या काम है इस दर्जी का ।
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कुछ चेहरे लाजवाब होते हैं ,
कुछ चेहरे बस ख्वाब होते हैं ,
मगर जो खून के रिश्ते होते हैं ,
वही दर्द मे बेताब होते है।
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डूबकर बस खूनी बन गए यार तेरे प्यार मे ,
अब मरने जा रहे हैं ,
नहीं रहना है हमें इस संसार मे ।
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इंतजार कर रहे हैं अंधेरी रातों मे ,
आखिर कभी तो उजाला होगा ,
जिसने खून देकर बचाया अपने प्यार को ,
वह आशिक भी कितना निराला होगा ।
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थक चुके हैं ,
एक समंदर के पानी को पी पीकर ,
अब मरना चाहते हैं हम ,
उब चुके हैं इस दर्द भरी जिदंगी को जी जीकर ।
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आंधियों से कभी मिटती नहीं ,
हस्ती हमारी ,
क्योंकि खुदा के संग है ,
बस्ती हमारी ।
तू नहीं मिली ,
तो खून की नदियां बहा देंगे ,
आशकी क्या होती है ,
यह दुश्मनों को सीखा देंगे ।
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मौत का समंदर था ,
खून उसके अंदर था ,
फिर भी कूदे उसमे हम ,
क्योंकि दिल हमारा बंजर था ।
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तूफानों से लड़ने का मजा ही कुछ और है ,
तेरे से इश्क करने की सजा ही कुछ और है ,
पल भर मे कर देते खून तुझे हाथ लगाने वालों का ,
मगर क्या करें दिल अभी कमजोर है।
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कुछ लोग मौसम पर नाज करते हैं ,
कुछ लोग दिलों पर राज करते हैं ,
मगर जो खून बहाते हैं अपनों के लिए ,
खुदा भी उन पर नाज करते हैं।
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किस्मत को बदलना हम जानते हैं ,
तू आज भी मेरी है ,
कल भी मेरी होगी यह हम मानते हैं ।
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कुछ पल खामोश रह लिया कर ,
खून बहा देंगे सबका ,
अगर हमें गुस्सा आ गया तो सह लिया कर ।
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कुछ लोग इतिहास बन जाते हैं ,
कुछ लोग खास बन जाते हैं ,
मगर बहाते हैं जो सच के लिए खून ,
वो सबके दिलों के एहसास बन जाते हैं।
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मेरे रहत तुझ पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता ,
एक पल मे साले का खून कर देंगे ।
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तेरी मुहब्बत मेरा फंसाना ,
लिखदेंगे खून से यह तराना ।
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हमकों बेवफाओं ने मारा ,
दुश्मनों के खून मे इतना दम कंहा था ,
हमारी किश्ती जंहा डूबी ,
वहां अपना बेवफा शनम था ।
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उसकी कातिल अदाओं ने ,
खूब खून बहाया था ,
वह बेवफा निकला यार ,
जिसे इस दिल ने अपना बनाया था ।
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सांसे तो आती जाती रहती हैं ,
गम ना कर किसी के खून होने का ,
जिदंगी मे मुश्बितें तो आती रहती हैं।
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हमें शौक नहीं है ,
अपने गुजर जाने का ,
मगर आज भी डर ,
था उनके मुकर जाने का ।
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अब देखो उस बेवफा की अदाएं ,
हमारा ही खून बहाकर हमे ही दे
रही है सजाएं ।
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हर किसी के बस मे नहीं होता ,
प्यार मे मर मिटना ,
मगर फिर भी आशिकों को ,
अच्छे से आता है खून बहाकर पिटना ।
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मरे हुए का मौत कुछ बिगाड़ नहीं सकती ,
जिसके शरीर मे खून ही नहीं बचा ,
वह शेरनी कभी दाहड़ नहीं सकती ।
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आओ देखें जरा मौसम का नजरा ,
उसकी खूनी आंखों ने कइयों को बना दिया कंवारा ,
अब सोच रहे हैं , क्या होगा हमारा ।
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दिल है कि मानता नहीं ,
वह तो दिल का खून करती है ,
यह जानता नहीं ।
————————
ऐ तूफान तू मेरी जिदंगी को तबाह ना कर ,
हम तो पहले ही आशिकी मे खून बहा चुके ,
ऐ जालिम हम पर अब निगाह ना कर ।
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पंख चाहिए आसमान मे उड़ने के लिए ,
बोल कितना खून बहाएं ,
तेरे संग जुड़ने के लिए ।
————————
कुछ सितम इस जमाने ने ढहाए ,
हजारों लिटर खून हमने बहाए ,
फिर भी तेरी आशिकी के लिए आए ।
————————
समंदर मे तेरने वाले ,
कभी तो जमीं पर आया कर ,
बैरंग हो चुकी है जिदंगी ,
कभी तो खून के रिश्ते निभाया कर ।
————————
अगर जीवन ही नहीं ,
तो सांसे किस काम की ,
जब मर जाता है इंसान ,
तो खून की नलियां रह जाती हैं बस नाम की ।
————————
बहुत कुछ बिगाड़ दिया मेरा इस जमाने ने ,
फिर भी हमे खून देकर जिंदा किया इस परवाने ने ।
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हर चमकती चीज सोना नहीं होती ,
वो खेल गए हमारी मुहब्बत से खून की होली ,
उनको क्या पता हर मुहबत खिलोना नहीं होती ।
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दिल के दरिया मे आज भी ,
लहर बस तेरे नाम की उठती है ,
आंखें खून बहाती हैं ,
जब वर्षों पुरानी आशकी टूटती है।
————————
प्रेम के रिश्ते की उम्र बहुत कम होती है ,
दिलोजान से प्यार करने वालों की ,
आंखें भी एक दिन नम होती है।
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गर्जने वाले हर बार बरसते नहीं ,
तुझे देख देखकर खून जलालिया हमने ,
अगर तू अपनी होती , तो यूं तरसते नहीं ।
————————
जिदंगी मे कुछ सितारे होते हैं ,
कुछ बेकार नजारे होते हैं ,
आशिकी वही करते हैं , जो कंवारे होते हैं।
————————
झूठा यह जमाना है ,
झूठा यह दिवाना है ,
मत बहा इतना खून किसी के पीछे ,
कि तुझे दुनिया छोड़ कर जाना पड़े ।
————————
दिल की महफिल को सजाया उसने ,
फूलों की तरह भौंरों को फंसाया उसने ,
रूलाकर खून के आंसू हमे ,
किसी और से विवाह रचाया उसने ।
————————
तू तो आशिकी मे जान देने की बात करती थी ,
आज जान लेने पर उतारू कैसे हो गई ।
————————
आशिकी मे बड़ी बड़ी बातें तो हो ही जाती हैं ,
मगर दम उस आशिक मे होता है ,
जो आशिकी के लिए खुद का खून करदे ।
————————
लोग कहते हैं मरना आसान है ,
मगर सच जानना है ,
तो मरने वाले से पूछों ,
मरना जीने से भी कठिन है।
————————
जिदंगी का अनमोल हीरा है तू ,
मेरे दिल का लकीरा है तू ,
भले ही खून से सना ,
मगर सोना नीरा है तू ।
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तुझे भूलकर हम जी नहीं सकते ,
तुझे खून के आंसू रूलाकर ,
हम पानी भी पी नहीं सकते ।
————————
दिल की बस्ती मे तेरा बसेरा था ,
जब खून हुआ इस दिल का ,
तो आंखों के आगे अंधेरा था ।
————————
अगर मौत आएगी ,
तो दिल से लगा लेंगे ,
तू एक बार हां तो बोलकर देख ,
खून बहाकर भी रिश्ता निभा लेंगे ।
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करना है इश्क तो दिलवाली से करो ,
अगर निभाना है इश्क ,
तो दोस्ती खून की प्याली से करो ।
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समय आया जब मरने का ,
तो वह बोल रही है ,
प्यार के खातिर एक और खून करने का ।
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तू जिंदा है , तो हम भी जी लेंगे ,
तेरे हाथों से जहर भी मिलेगा तो पी लेंगे।
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पार करके आएं हैं , सात समंदर तेरे लिए ,
हमें रूलाकर खून के आंसू ,
तुमने किसी और के संग फेरे लिए ।
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नाम है तेरा दिल की कश्ती मे ,
रहते हैं हम उस पुरानी बस्ती मे ,
हम तो मर गए तेरे लिए खून बहाते बहाते ,
फिर भी तू जी रही है अपनी मस्ती मे ।
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कुछ फूल गुलाब के होते हैं ,
कुछ फूल उस शबाब के होते हैं ,
मगर हर बार खूनी फूल हमारे ,
जनाब के होते हैं।
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जो अपने पति की नहीं हुई वो तेरी क्या होगी ,
मत लगा दांव इस प्यार पर ,
वरना उजड़े चमन की बसेरी क्या होगी ।
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वह कहती थी तू गया तो क्या हुआ ,
तेरे जैसा हजार ले आउंगी ,
मगर उसे नहीं पता था ,
खून करके आशिक का ,
यार इतना बेकार ले आउंगी ।
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दिल ने जंहा बनाया था आसियाना ,
खूनी बन चुका है अब वो फंसाना ।
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जिगर मे खून चाहिए ,
मौत से टकराने के लिए ,
सच्ची आशिक नहीं होती है ,
घबराने के लिए ।
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कमाल करती है , तेरे होंठों की लाली ,
आशिकों का खून पीति है साली ।
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जल मे रहकर मगर से बैर कभी करना नहीं ,
अगर की है आशिकी ,
तो कभी डरना नहीं ।
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कबूतर सारे छुप गए हैं घोसलों मे ,
मालूम चला है , आज
भी दम है उसके हौसलों मे ।
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सुना है लोग तुझ पर किताब लिखते हैं ,
हम ही हैं बेवफा तेरे लिए खून बहाने वाले आशिक ,
देखते हैं , दुनिया वाले क्या जवाब लिखते हैं।
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मेरे ख्वाबों की उड़ान तू है ,
मेरे दिल की मुस्कान तू है ,
लहू से लिख रहे हैं खत ,
क्योंकि इस दिल की जान तू है ।
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दिल मे आज भी तुझे पाने की चाह है ,
मगर क्या करें खूनी इस प्यार की राह है।
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जिदंगी कभी ढंग से हमने जी नहीं ,
और मौत के संग दोस्ती हमने की नहीं ,
वो शराब और शबाबा की बात करते हैं ,
जो हमने कभी ली नहीं ।
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जो कोयले को हीरा बना दे ,
उसे कारिगर करते हैं ,
जो आशिकी के लिए खून दे ,
उसे बाजिगर कहते हैं।
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बरसात भी खूब रोई ,
मेरे आंखों का खून देखकर ,
कभी मत करना पगली मुहब्बत ,
आशिक का जनून देखकर ।
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जब से तू गई है ,
खाना पीना हमने छोड़ दिया ,
जन्म जन्म का रिश्ता था अपना ,
तूने एक पल मे सब तोड़ दिया ।
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खून की धार दिल से आई ,
तेरे नाम की पुकार मन से आई ,
यह आवाज थी आखरी ,
जो तन से आई ।
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पागल आशिकों मे शुमार है नाम अपना ,
लड़कियों मे खुमार है नाम अपना ।
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जिस तरह रगों मे खून बहता है ,
उसी तरह तेरे आने से दिल मे सकून रहता है।
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आंसू आंखों तक हो तो ठीक है ,
मुहब्बत आशिक तक है तो ठीक है ,
बेवफाई हमें पसंद नहीं ।
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इस पल जी भरकर जी लेने दे ,
यह आखरी है , अपना खून पी लेने दे ।
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रगों मे खून अभी बाकी है ,
अभी तूने मेरा प्यार देखा ही क्या है ?
यह तो बस एक झांकी है।
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तुझे पाने की एक आश जगी ,
खूनी होकर भी नहीं मिटी यह दिल्लगी ।
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अफसाना लिख रही हूं ,
तेरे मेरे प्यार का ,
पता नहीं कब खत्म होगा
यह वक्त इंतजार का ।
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प्यार कोई करता नहीं ,
बस हो जाता है ,
इंतजार कोई करता नहीं ,
बस हो जाता है।
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खून की नदियां बहा देंगे ,
अगर तू नहीं मिली तो खुद को लुटा देंगे ।
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आशिकों को समझ आती है ,
यह तेरे आंखों की भाषा ,
जब कर दिया उसने हमारा खून ,
तो मिट गई उससे प्यार करने की अभिलाषा ।
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दिल्लगी का बदला खून देकर चुकाया है ,
अरे कमीने वो तो बेवफा है ,
तुमने किससे दिल लगाया है।
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लिखते हैं खून से तेरे नाम के तराने ,
हम तो हैं शनम तेरे नाम के दिवानें ।
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वह भा गई थी हमें पहली मुलाकात मे ,
मगर हमें क्या पता था प्यार का ही खून हो जाएगा ,
पहली ही बरसात मे ।
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जब प्यार होता है ,
तो कुछ नजर नहीं आता ,
जिसका आशिक ही खूनी हो ,
उसकी राहों मे कभी कोई नगर नहीं आता ।
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रातभर का बसेरा है ,
सुबह उड़ जाना है ,
क्यों करती है अपने रूप पर अभिमान ,
एक दिन सब कुछ यहीं रह जाना है।
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वह तो हमारे खून की प्यासी थी ,
की जिससे हमने मुहब्बत ,
वह तो खुद एक बासी थी।
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लिखा है जो तूने प्यार की किताबों मे ,
आज वही नजर आया हमें ख्वाबों मे ।
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गुजरा हुआ कल भी दर्द दे जाता है ,
हमारी आशिकी ही ऐसी होती है ,
कि हर कोई खून का मर्ज दे जाता है।
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दिल ने धड़कना छोड़ दिया ,
जब से वह हुई है किसी और की ,
हमने भी तड़पना छोड़ दिया ।
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हर घड़ी हर पहर ,
दिल पर रहता है ,
तेरी खूनी मुहब्ब्त का कहर ।
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तेरी गलियों मे हमने खूब खून के आंसू बहाए ,
आज समझ आया ,
तूने न जाने कितने आशिक तड़पाए।
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जो मिलना है , वो मिलकर रहेगा ,
चाहे कितना भी बहाओ खून के आंसू ,
जो होना है , वो होकर रहेगा ।
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तेरी खूनी यादों से निकल कर ,
फिर से दुनिया मे लौटे थे हम ,
आज समझ आया ,
सिक्के खोटे थे हम ।
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होता वही है जो मंजुर ए खुदा है ,
कोई यहां गले मिलता है , तो कोई जुदा है।