वैम्पायर का नाम तो आपने सुना ही होगा । जो इंसानों का खून पीते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं khoon peene ke fayde क्या हैं। वैम्पायर इंसानों का खून क्यों पीते थे ? इससे उनको क्या फायदा होता था? मसहूर वैम्पायर ड्रेकुला भी इंसानों का खून पीता था । और आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो खून पीना पसंद करते हैं। और खून मिलने पर उसे बिना किसी हिचक के आसानी से पी जाते हैं। आइए जानते हैं। इस लेख के अंदर khoon peene ke fayde के बारे मे।
अमेरिका के अंदर खून पीने वाले वैम्पायरों ने बताया की उन्हें भी खून पीने की लत लग चुकी है। और जब तक उन्हें खून नहीं मिलता है। उनको तनाव और पेट दर्द तक महसूस होता है। कई लड़की जो खून पीती हैं। अपने ब्योयफ्रेंड को खून पिलाने के लिए राजी रखती हैं।
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khoon peene ke fayde खून पीने के फायदे इंसान जवान रहता है
अनेक वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर इस बात को साबित किया जा चुका है कि खून पीने से इंसान जवान रहता है। चूहों पर किये गए एक प्रयोग के अनुसार जब बूढ़े चूहों को जवान चूहों का खून दिया गया तो बूढ़े चूहे जल्दी ही जवान जैसे दिखने लगे थे । 16 वीं शताब्दी में हंगेरियन काउंटी, एलिजाबेथ बाथरी ने 650 कत्ल करके सबका रक्त पिया था।नेचर मेडिसिन पत्रिका में लेखन, कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में एक जीवविज्ञानी डॉ शाऊल विल्डा ने भी इस बात को सच माना है।
khoon peene ke fayde इंसान बेहतर तरीके से काम करता है
वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह बात भी साबित हो चुकी है कि यदि कोई व्यक्ति किसी जवान व्यक्ति खून पीता है तो उसका दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। स्मरण शक्ति बढ जाती है। और सेल्स नए विकसित होने लगते हैं।
khoon peene ke fayde चेहरे पर झुर्रियों का ईलाज
यह बहुत पुराना तरीका था कि चेहरे पर झूर्रियों के ईलाज के लिए कुछ लोग इंसानों का खून पीते थे । लेकिन अब वक्त बदल चुका है। प्लेटलेट को लाल रक्त कणिकाओं से अलग किया जाता है। उसके बाद उसे चेहरे के अंदर लगाया जाता है। जिससे चेहरे की झूर्रियां दूर होती हैं। लेकिन यह तरीका काफी महंगा होता है।
khoon peene ke fayde प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया
पीआरपी हमारे रक्त के अंदर एक घटक होता है।प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया मे इसका प्रयोग किया जाता है। 84 प्रतिशत रोगियों ने उपचार के बाद छह महीने में काफी कम दर्द महसूस किया ।इसमे खूद के रक्त का प्रयोग किया जा सकता है।पीआरपी तकनीक से निम्न रोगों का ईलाज होता है।
- घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस
- कंधे की चोटें
- हिप, रीढ़ और गर्दन की चोटें
- रोटेटर कफ आँसू
- पुरानी प्लांटार फासिसाइटिस
khoon peene ke fayde मानसिक शांति
आमतौर पर जो वैम्पायर होते हैं उनको खून पीने की तलब लग जाती है। ठीक उसी तरह से जिस तरह से इंसान को शराब वैगरह पीने की आदत हो जाती है। ऐसे दुनिया के अंदर कई रियल वैम्पायर हैं जो खून पिये बिना जिंदा नहीं रह सकते । उनको खून पीने के बाद ही मानसिक शांति मिलती है।
टेलिविजन किताबों और मूवी के अंदर रक्त पीने के बारे मे दिखाया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि रक्त पीने वाले केवल कल्पना ही हैं। वरन वे हकीकत के अंदर भी मौजूद हैं।2011 में, 1 9 वर्षीय टेक्सास आदमी ने लेल बेंसले नाम से था । जिसने एक महिला के अपार्टमेंट को तोड़कर उसकी गर्दन से घाव करके खून पीने लगा । लेकिन जैसे तैसे महिला वहां से बचाकर भागी । और पुलिस को बुलाया पुलिस ने उसे गिरफतार कर लिया ।
खून पीना कितना सुरक्षित है ?
रक्त को शरीर के अंदर कई तरीकों से पहुंचाया जाता है। लेकिन रक्त पिना एक अलग ही कहानी है। जिस तरह से जहर थोड़ी मात्रा के अंदर यदि आप खाते हैं तो आपको यह नुकसान नहीं पहुंचायेगा । उसी तरह से रक्त यदि आप कुछ मात्रा के अंदर लेंगे तो यह आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता लेकिन रक्त के अंदर लौहे की अधिक मात्रा होती है। जो अधिक खून पीने वाले इंसानों के लिए एक जहर का काम करती है। इस वजह से ज्यादा खून पीने से मौत भी हो सकती है।
हेमोक्रोमैटोसिस नामक इस स्थिति में जिगर की क्षति, फेफड़ों में तरल पदार्थ का निर्माण, निर्जलीकरण, कम रक्तचाप और तंत्रिका विकार सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियों और समस्याओं का कारण बन सकता है।
जॉर्जिया टेक के जॉन एडगर ब्राउनिंग ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर ऐसे हजारों लोग हैं जो खून पीते हैं। इसके पीछे विभिन्न कारण हैं। लेकिन एक भी व्यक्ति के अंदर इसका कोई बुरा प्रभाव देखने को नहीं मिला है। द साइंस ऑफ वैम्पायर्स” 2002 किताब के अनुसार खून पीने वाले जानवरों के अंदर एक विशेष पाचन तंत्र विकसित किया गया है। जोकि पीये गए खून को पचा लेता है। जैसे चमगादड़ आंतों के साथ एक श्लेष्म झिल्ली है जो बहुत अधिक लौह को उनके रक्त प्रवाह में आने से रोकने के लिए बाधा के रूप में कार्य करता है । लेकिन इंसान अधिक मात्रा मे पिया रक्त पचा नहीं पाता है।
khoon peene ke fayde जानवरों का खून पीना
दुनिया के अंदर कई जगहों पर blood as food के तौर पर इस्तेमाल होता है। जानवरों के रक्त से अनेक प्रकार के पकवान बनाकर खाए जाते हैं। हालांकि इस प्रकार से रक्त का सेवन करना कोई हानिकारक नहीं है। सॉस बनाने के लिए सूअर या मवेशी के रक्त का प्रयोग किया जाता है। स्वीडन के अंदर पेनकेक्स काफी लोक प्रिय होता है।यह भी जानवरों के खून से बनता है।
पोलैंड से रक्त सूप का प्रयोग होता है। इसके लिए सूअर के रक्त का प्रयोग सूप बनाने मे होता है।
रक्त को ठोस रूप मे भी प्रयोग भी किया जाता है। रक्त दही ऐसिया के अंदर प्रयोग किया जाने वाला पकवान होता है।चीन में, “रक्त टोफू बनाया जाता है। जो गाय या सूअर या बतख के रक्त का प्रयोग किया जाता है। चीनी लोग इसको बड़े चाव से खाते हैं।
हंगरी में जब सुबह में एक सुअर का वध किया जाता है, तो रक्त प्याज के साथ तला हुआ जाता है और नाश्ते के लिए परोसा जाता है।
कोरिया में, रक्त दही आम तौर पर मवेशी के रक्त से बना होता है और अक्सर विभिन्न प्रकार के सूप और स्टूज़ जैसे हैंगओवर सूप के लिए एक घटक के रूप में प्रयोग किया जाता है
इंसान का खून पीना डेंजर हो सकता है
यह बात सच है , कि कई सारे लोग जानवरों का खून पीते हैं। कैन्या के लोग गाय के गले पर चीरा लगाकर खून निकाल लेते हैं। और उसके बाद बहुत सारा खून पी जाते हैं। हालांकि यह बहुत अधिक सही नहीं है। किसी जानवर का खून पीना । मगर वहां के लोग ऐसा करते हैं । मगर आपने फिल्मों के अंदर देखा होगा कि एक बंदा इंसानों का खून पीता है। मगर यदि हम रियल लाइफ के बारे मे बात करें , तो किसी इंसान का खून पीना गैर कानूनी तो है ही इसके अलावा भी यह काफी डेंजर है। क्योंंकि हमारा शरीर खून को पचाने मे सक्षम नहीं होता है। इसकी वजह से जब कोई खून पीता है , तो उसकी वजह से उल्टी होना शूरू हो जाती है। और यदि समय पर उस इंसान का इलाज नहीं किया गया ,तो उसकी मौत हो सकती है।
इससे हमारा ह्रदय और लीवर क्षतिग्रस्त होकर जाम हो जायेंगे और अतं में दर्दनाक मौत। अक्सर कई बार सिर वैगरह के अंदर चोट लगने की वजह से या फिर शरीर के अंदर खून का स्त्राव होने से इंसान की मौत होना तय होता है , उसे कोई नहीं बचा सकता है।
पत्थर को काटने पर निकलता है खून
yah hain duniya ke rahasyamay jaanavar
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