kim pulling shabd roop किम् पुल्लिंग शब्द रूप के बारे मे बताने वाले हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों इसके बारे मे टेबल आपको दी गई है। और आप इस टेबल के अंदर से याद कर सकते है। यदि आपको यह पसंद आता है तो आप हमें बता सकते हैं। यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
kim pulling shabd roop किम् पुल्लिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | कः | कौ | के |
द्वितीया | कम् | कौ | कान् |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
चतुर्थी | कस्मै | काभ्याम् | केभ्यः |
पंचमी | कस्मात् | काभ्याम् | केभ्यः |
षष्ठी | कस्य | कयोः | केषाम् |
सप्तमी | कस्मिन् ; | कयोः | केषु ; |
प्राचीन काल की बात है एक गांव के अंदर रोहन और सोहन नामक दोस्त रहा करते थे । उन दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती हुआ करती थी। दोनों ही साथ साथ काम करने के लिए जाते थे । और दोनो खूब साथ रहा करते थे । उनकी दोस्ती के चर्चे दूर दूर तक चले गए थे । एक बार पास के ही राजा को उनकी दोस्ती के बारे मे पता चला । राजा को यकीन नहीं हुआ की कोई इतना अच्छा दोस्त कैसे हो सकता है। तो उसके बाद उसने दोनों दोस्तों की परीक्षा लेने का विचार किया ।
क्योंकि राजा चाहता था कि वह साबित करसके कि दोस्ती उनकी कितनी सच्ची है। उसके बाद उसने एक दिन अपने सेनिकों को भेजा और रोहन को पकड़ कर ले आए । और उसके बाद रोहन को जेल के अंदर डाल दिया गया । यह बात जब सोहन को पता चली तो सोहन काफी अधिक परेशान हो गया और उसके बाद सोहन ने सोचा कि किसी तरह से उसके दोस्त को बचाया जाए । सोहन दूसरे दिन राजा के पास चला गया और राजा से मिलने की अनुमति मांगी । लेकिन राजा ने पहले दिन सोहन को मिलने की अनुमति नहीं दी । तो उसके बाद सोहन मैन दरवाजे पर बैठा रहा । दूसरे दिन भी राजा ने सोहन को महल के अंदर आने की अनुमति नहीं दी । इसी तरह से सोहन को महल के आगे बठै हुए काफी महिने बीत गए लेकिन सोहन अपना सारा काम धंधा छोड़कर वहीं पर बैठा रहने लगा था।
उसके बाद राजा को सोहन पर दया आ गई और उसके बाद एक दिन राजा ने सोहन को मिलने बुलाया । और राजा के सामने जैसे ही सोहन गया तो उसके बाद सोहन ने राजा से पूछा ………महाराज मेरे दोस्त को आपने जेल के अंदर बंद कर रखा है बताइए उसका कसूर क्या है ?
……….उसका कोई कसूर नहीं है। एक इंसान के अंग हमें चाहिए थे । इसलिए हमने उसको जेल के अंदर बंद कर दिया । उसके बाद क्या था । सोहन ने कहा कि वह रोहन को छोड़ दे और उसके बदले मे उसे लेले । राजा ने रोहन को चुपके से छोड़ दिया और सोहन को जेल के अंदर बंद कर दिया । उसके बाद रोहन जैसे ही जेल से बाहर आया । उसे यह पता चला कि सोहन उसके बदले मे जेल मे गया है तो वह काफी परेशान हो गया और उसे गुस्सा आ गया कि यह राजा ना इंसाफी कर रहा है। एक तो वह उसको बिना किसी जुर्म के जेल के अंदर बंद कर देता है। वह जानता था कि राजा उसके दोस्त को नहीं छोड़ेगा । वह काफी परेशान हो कर पास के ही उसके एक जानकार राजा के पास गया ।
और राजा से कहा ……..हे महाराज आप बड़े धार्मिक हैं। हे राजन वीर सिंह आप मेरे दोस्त को बचा लिजिए वह पड़ोस के राजा द्धारा बिना किसी अपराध के जेल के अंदर बंद कर रखा गया । है। और वीर सिंह को वैसे भी पड़ोसी राजा पसंद नहीं करता था । दोनों के बीच छतीस का आंकड़ा था।
वीर सिंह ने कहा कि वह उसके दोस्त को बचा लेगा लेकिन गुप्तजानकारी सांझा करनी होगी । रोहन इसके लिए तैयार हो गया और उसके बाद क्या था । वीर सिंह पास के राजा पर आक्रमण करने का प्लान बनाने लगा ।
क्योंकि वीर सिंह ने पहले पड़ोस के राजा को एक बार संदेश देना उचित समझा । तो उसने संदेश भिजवाया कि वह जेल के अंदर बंद सोहन को छोड़ दे । यदि वह ऐसा नहीं करता है तो युद्ध के लिए तैयार हो जाए । लेकिन राजा ने सोचा कि यह रोहन की एक चाल होगी । लेकिन जब वह नहीं माना तो अचानक से वीर सिंह ने राजा के राज्य पर हमला कर दिया । उसके बाद क्या था । उस राजा को सारी बात समझ आ चुकी थी लेकिन उसके पास अब लड़ने के सिवाय कोई चारा नहीं था । जिसकी वजह से वह काफी अधिक परेशान हो गया । वह जानता था कि वह वीर सिंह के सामने अधिक समय तक टिक नहीं सकता है।
उसके बाद राजा ने घोषणा की कि वह संपर्ण को तैयार है। उसके बाद वीर सिंह के चरणों के अंदर राजा झुक गया । और उसके बाद वीर सिंह ने राजा से कहा कि वह तुरंत सोहन को रिहा कर दे । और राजा ने ऐसा ही किया । उसके बाद विर सिंह ने राजा को उसका राज्य वापस देदिया और साथ मे
यह हिदायत भी दी की इन दोनों को कभी भी परेशान नहीं किया जाना चाहिए । अब राजा जान चुका था कि सोहन और मोहन कुछ इस तरह के दोस्त है कि इनके आगे आजकल के दोस्त कुछ नहीं हैं। एक एक दूसरे के लिए जान भी दे सकते हैं।
मैं तो इनकी परीक्षा लेने के लिए चला था लेकिन यह परीक्षा मेरे लिए ही काफी महंगी पड़ सकती थी। ठीक किया मैंने वीर सिंह की शर्त को मान लिया नहीं तो काफी परेशानी हो सकती थी। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों यह कहानी इस बात का संदेश देती है। कि सच्ची दोस्ती को कभी भी चुनौती नहीं दी जा सकती है। यदि आप किसी भी तरह की सच्ची दोस्ती को चुनौती देते हैं तो उसके बाद आप खुद परेशानी के अंदर पड़ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आपको चुनौती देनी है तो दोस्ती को चुनौती ना दें ।दोस्तों दोस्ती के संबंध मे एक और कहावत प्रचलित है कि सच्चा दोस्त वह होता है जोकि मुश्बित के अंदर काम आता है वह सच्चा दोस्त नहीं होता है जोकि मुश्बित के अंदर काम नहीं आता है। लेकिन आपको पता ही है। की आजकल अच्छे दोस्तों का मिलना काफी कठिन होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
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