krishna shabd roop in sanskrit कृष्ण शब्द रूप कृष्ण शब्द के शब्द रूप के बारे हम आपको बता रहे हैं। और उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा प्रयास काफी अधिक पसंद आएगा । यहां पर हम आपको कृष्ण शब्द के शब्द रूप के बारे मे बता रहे हैं। और आपके लिए एक टेबल दे रहे हैं आप उस टेबल के अंदर देख सकते हैं। और शब्द रूप को याद कर सकते हैं।
krishna shabd roop in sanskrit कृष्ण शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | कृष्णः | कृष्णौ | कृष्णाः |
द्वितीया | कृष्णम् | कृष्णौ | कृष्णान् |
तृतीया | कृष्णेन | कृष्णाभ्याम् | कृष्णैः |
चतुर्थी | कृष्णाय | कृष्णाभ्याम् | कृष्णेभ्यः |
पंचमी | कृष्णात् / कृष्णाद् | कृष्णाभ्याम् | कृष्णेभ्यः |
षष्ठी | कृष्णस्य | कृष्णयोः | कृष्णानाम् |
सप्तमी | कृष्णे | कृष्णयोः | कृष्णेषु |
सम्बोधन | हे कृष्ण! | हे कृष्णौ! | हे कृष्णाः! |
हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान कृष्ण सबसे प्रिय देवताओं में से एक हैं। वह अपने प्यार और दया के लिए जाने जाते हैं। कृष्ण को अक्सर एक चंचल बच्चे के रूप में चित्रित किया जाता है, जो रंगीन पोशाक पहने हुए और बांसुरी लिए हुए होता है। हिंदुओं का मानना है कि भगवान कृष्ण की भक्ति से उनके जीवन में हर तरह से सुधार होगा।
कृष्ण और महाभारत के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे । कहा जाता है कि महाभारत के अंदर कौरव और पांडवों के बीच काफी भयंकर युद्ध हुआ था । इसके बारे मे आप टीवी पर और किताबों के अंदर देख सकते हैं। दोस्तों कौरव और पांडवों का जो युद्ध था उसको धर्म युद्ध के नाम से जाना जाता है।
इसका कारण यह है कि इसके अंदर कौरव गलत पक्ष के अंदर थे वे पांडवों को उनकी जमीन नहीं देना चाहते थे । जिसकी वजह से यह युद्ध हुआ था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । एक तरह से देखा जाए तो महाभारत का युद्ध मुझे काफी अच्छा लगता है। महाभारत के अंदर कृष्ण का रोल काफी अधिक महत्वपूर्ण था। और हम तो यह तक कह सकते हैं कि कृष्ण यदि नहीं होते तो पांडव कभी भी महाभारत का युद्ध जीत ही नहीं सकते थे । लेकिन कुल मिलाकर अधर्म का विनाश हुआ और धर्म की विजय हुई । युद्ध के अंदर जब युधिष्ठर ने कहा कि वह अपने भाइयों के खिलाफ युद्ध करके पाप का भागी नहीं बनना चाहता है। वह कैसे अपनों से बड़ो से युद्ध करेगा ? तो उसके बाद युधिष्ठर काफी परेशान हो गया ।उसके बाद युद्ध के मैदान के अंदर ही कृष्ण ने युधिष्ठर को गीता का उपदेश दिया था । जिसके अंदर जीवन की गूढ बातें बताई गई हैं। यहां पर भी भगवान ने यह समझाने की कोशिश की है कि यह जीवन तो वैसे ही नष्ट होने वाला है। इसके अंदर कोई शक नहीं।
आप युद्ध करके कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं आप जो कुछ कर रहे हैं वह सब कुछ सही और यह धर्म के विरूद नहीं है। यदि आप आज कौरवों को ऐसे ही छोड़ देते हैं तो उसके बाद कोई भी फायदा नहीं होगा । और यह आपके लिए एक तरह से अन्याय होगा । इसलिए हे अजुर्न पांडवों आपको युद्ध करना चाहिए । इस तरह से भगवान ने युद्ध के लिए तैयार किया । एक तरह से देखा जाए तो महाभारत का युद्ध आपको एक अलग ही तरह की सीख देने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा । सोचो यदि पांडव कौरवों से युद्ध नहीं करते तो फिर क्या होता ।
इतिहास के अंदर कौरवों का यही नाम होता कि देखो कौरवों ने पांडवों को डरा दिया और पांडव काफी अधिक कायर निकले । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। तो एक तरह से अधर्म को हराना एक तरह से काफी अच्छी बात होती है।
ऐसा नहीं है कि कृष्ण ने युद्ध करने के बाद अधर्म को धरती से मिटा दिया लेकिन उसके प्रभाव को कुछ हद तक कम कर दिया । और ऐसा हो नहीं सकता है कि आप चाहकर भी धरती से अधर्म को मिटा सकते हैं। अधर्म को मिटाना संभव ही नहीं है। आप उसके प्रभाव को कम करने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं।
कृष्ण एक महान इंसान थे । उन्होंने धर्म के लिए भी काफी कुछ काम किया था । लेकिन उनका खुद का जीवन भी काफी कम मुश्किलों से भरा हुआ नहीं था । उनके मामा कंस थे । और कंस एक क्रूर किस्म का राजा था । उसने अपनी शक्तियों से यह पहले ही जान लिया था कि उनकी मौत उनकी बहन के गर्भ से ही पैदा होगी ।
और उसके बाद कंस ने अपनी बहन और जीजा को जेल के अंदर डाल दिया । और उनकी हर संतान को मौत के घाट उतारने लगा । मतलब वह काफी बड़ा पाप करने लगा । कहा जाता है कि जब कृष्ण पैदा हुए तो उसके बाद जेल के ताले खुल गए और फिर कृष्ण को नदी के उपर पार पहुंचा दिया गया ।
और उसके बदलने एक लड़की को कृष्ण की माता को देदिया गया । फिर क्या था कंस ने अपना काल समझकर उस लड़की को मार दिया । लेकिन कुछ सालों बाद कंस को यह पता चल गया कि उसका काल जिंदा है तो उसने एक नया षडयंत्र रचा और पूतना को कंस को मारने के लिए भेजा ।
लेकिन आपको पता ही है कि कंस की पूतना ने भी कृष्ण का कुछ नहीं बिगाड़ पाया । दोस्तों इस तरह से कंस कई सारे राक्षसों को कृष्ण को मारने के लिए भेजता रहा लेकिन कोई भी काम नहीं आ पाया । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और बाद मे कृष्ण ने ही कंस को मार दिया और जेल के अंदर बंद अनेक लोगों को आजाद करवा दिया इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा । दोस्तों भगवान पर भी बहुत सारे संकट आते हैं क्योंकि धरती पर आज भी उससे कहीं अधिक राक्षस वितरण करते है।। राक्षसी भी विचरण करती हैं।
आज न्यूज के अंदर आ रही थी कि एक महोतरमा पकड़ी गई है जिसके पास करोड़ों की संपति मिली है। सब लूट का माल था और अपने घर को ऐसे भरती जा रही थी जैसे मोहतरमा सब कुछ साथ लेकर जाएगी । उसे नहीं पता कि सब यही रह जाएगा धरा का धरा और अपने कर्मों से प्रेत पिशाच बनकर रोती बिलखती घूमेगी ।
लेकिन जिंदा रहते किस को कहां पर अक्ल आती है आप इस बात को समझ सकते हैं।
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This post was last modified on October 26, 2023