लड़कियों के दूध बढ़ाने की दवा , ladkiyo ke doodh badhane ke upay , ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय ,जन्म के बाद शिशु को मां का दूध पिलाया जाना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि मां के दूध के अंदर कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो शिशु को अनेक प्रकार की बीमारियों से बचाने का कार्य करते हैं। जिन शिशु को मां का दूध नहीं दिया जाता है वरन उपर का दूध पिलाया जाता है उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी घट जाती है। इस प्रकार के शिशु अधिक बीमार पड़ते हैं और ऐसी स्थिति मे अनेक समस्याएं देखने को मिलती हैं।
मां के दूध मे ही समुचित पोषण होता है। मां द्वारा अपने शिशु को अपने स्तनों से आने वाला प्राकृतिक दूध पिलाने की क्रिया को स्तनपान कहते हैं। आपको बतादें कि एक नवजात शिशु के अंदर एक रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं होती है। रोगप्रतिरोधक क्षमता शिशु को मां के दूध से ही प्राप्त होती है।मां के दूध में लेक्टोफोर्मिन नामक तत्व होता है, जो बच्चे की आंत में लौह तत्त्व को बांध लेता है। इसके अलावा माता के दूध से आए जीवाणू बच्चे के शरीर मे हानिकारक जीवाणु को पनपने नहीं देते हैं।
इसके अलावा माता के दूध के अंदर रोगाणू नाशक तत्व होते हैं जोकि शिशू के शरीर को रोगों से बचाने का कार्य करते हैं। अनुमान के अनुसार 820,000 बच्चों की मौत हर साल 5 साल की उम्र से पहले ही हो जाती है। स्तनपान करके इसको रोका जा सकता है।यदि बच्चा सही तरीके से मां के दूध का सेवन करता है तो यह मोटापे के खतरे को कम कर देता है।
इसके अलावा वैज्ञानिक रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि जिन बच्चों को मां का दूध बचपन मे नहीं मिला है।उनको डायबिटिज की बीमारी जल्दी ही घेर लेती है।इसके अलावा ऐसे बच्चों की बुद्धि का विकास कम हो जाता है। और नेक्रोटाइजिंग एंटोरोकोलाइटिस जैसे बड़ी आंत के रोग भी घेर लेते हैं।
वैसे तो माताएं अपने बच्चे को अपना ही दूध पिलाती हैं लेकिन अलग से बच्चे को तब दूध पिलाना पड़ता है जबकि मां के पास पर्याप्त दूध नहीं बन पाता है। वैसे तो कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जिनके स्तनों मे दूध नहीं बन पाता है। यहां पर हम आपको स्तनों के दूध बढ़ाने के कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं। जिससे कि स्तनों मे यदि कम दूध बन रहा है तो तो आप आसानी से उपायों का इस्तेमाल करके दूध को बढ़ा सकते हैं। जिससे कि आपका बच्चे को बाहर या उपर का दूध पिलाने की आवश्यकता ना पड़े और बच्च तंदूरस्त रहे ।
लेकिन आपको सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि आपके शरीर मे अपने बच्चे के लिए दूध का उत्पादन हो रहा है या नहीं हो रहा है ? इसके लिए नीचे दिये गए कुछ टिप्स को आप देख सकते हैं।
- अक्सर बच्चे का जन्म के समय वजन कम होता है।लेकिन यदि आपके बच्चे का वजन जन्म के बाद बढ़ रहा है तो इसका मतलब यह है कि आपके बच्चे को पर्याप्त मात्रा मे दूध मिल रहा है। और उसका समुचित विकास हो रहा है। यदि बच्चे को दूध नहीं मिलेगा तो वह मोटा होने की बजाय कमजोर होता चला जाएगा ।
- देखें कि आपका बच्चा रोता तो नहीं है।आमतौर पर जब बच्चे को उचित मात्रा मे दूध नहीं मिलता है तो उसका पेट नहीं भरेगा ऐसी स्थिति मे वह भूखा रहेगा । और कम सोयेगा । यदि आपका बच्चा कम नींद लेता है और बार बार दूध पीने की कोशिश करता है तो इसका मतलब यह है कि बच्चे को अधिक दूध नहीं मिल रहा है।
- आपका बच्चा दिन के अंदर कितनी बार पेशाब कर रहा है ? इस आधार पर भी आप यह तय कर सकते हैं कि बच्चे को दूध कितना मिल रहा है। यदि आपका बच्चा दिन मे 6 से अधिक बार पेशाब करता है तो इसका अर्थ यह है कि बच्चे को दूध प्रायाप्त मात्रा मे मिल रहा है।
- इन सबके अलावा आप शिशु के मनोभाव को देखकर भी यह पता लगा सकते हैं कि शिशु को दूध कितना मिल रहा है। यदि शिशु भूखा है तो वह खुश नहीं रहेगा और रोयेगा । लेकिन यदि भूखा नहीं है तो वह काफी खुश रहेगा और रोयेगा भी नहीं ।
- यदि स्तनपान कराने के बाद आपको आपके स्तन खाली और मुलायम महसूस हो रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि उचित मात्रा मे दूध का उत्पादन हो रहा है।
- इसके अलावा यदि बच्चा स्तनपान कर रहा है तो आप नोटिस करें ।यदि दूध निगलने की आवाज आपको आ रही है तो यह संकेत है कि बच्चे को उचित मात्रा मे दूध मिल रहा है।
इस प्रकार से उपर दिये गए कुछ लक्षणों के आधार पर आप यह तय कर सकते हैं कि आपके बच्चे को उचित मात्रा के अंदर दूध मिल रहा है या नहीं मिल रहा है ? आमतौर पर जब बच्चा भूखा होता है तो वह कम सोता है और अधिक रोता है। यही दूध की कमी का पहला संकेत होता है।
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लड़कियों के दूध बढ़ाने की दवा
लड़कियों के दूध बढ़ाने की दवा के अंदर हम आपको कुछ ऐसे देशी तरीके बताएंगे जिसकी मदद से आसानी से माताएं अपने बच्चों के लिए दूध को अधिक बढ़ा सकती हैं। आमतौर पर प्रेगनेंसी के बाद माता को खाना पान पर अधिक ध्यान देना होता है। और प्रेगनेंसी के पहले भी खान पान पर अधिक ध्यान देना होता है। क्योंकि यदि उचित पोष्टिक आहार नहीं मिलेगा तो दूध का उत्पादन भी कम हो जाएगा ।
लड़कियों का दूध बढ़ाने का उपाय जई का दलिया
दोस्तों जई का दलिया का नाम तो आपने सुना ही होगा ।यह ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे काफी कारगर होता है।दलिया आमतौर पर साबुत अनाज को पीस कर प्राप्त किया जाता है। पहले कूट कर जई के दानो से भूसी उतारी जाती है, फिर इन्हें सेंका जाता है। सेंकने से इनके स्वाद में वृद्धि होती है।
इस दलिये को या तो पकाकर भी खाया जा सकता है और यदि आप पका कर नहीं खा सकते हैं तो चीनी मिलाकर ऐसे ही खा सकते हैं।कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर फ्री के अंदर महिलाओं को यह दलिया सरकार के द्धारा बांटा जाता है। कुछ महिलाएं इस दलिया को दूध के अंदर मिलाकर भी खाती हैं।जिसमे यह काफी स्वादिष्ट लगता है।जई के दलिया के अंदर भरपूर मात्रा मे उर्जा होती है। यह आपके पाचन के अंदर सुधार करने मे काफी मदद करता है। आप इस सुबह नाश्ते के साथ सेवन कर सकते हैं।इससे ब्रेस्ट मिल्क अच्छे से बढ़ता है।
लड़कियों का दूध बढ़ाने की दवा सौंफ
सौंफ के बारे मे आप जानते ही हैं। घर के अंदर यह आसानी से आपको मिल ही जाएगी । सौंफ मे कई सारे तत्व होते हैं जैसे ओटेशियम, फॉलेट, विटामिन सी, विटामिन बी-6 और फाइटोन्यूट्रिएंट्स। यह ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे काफी उपयोगी होते हैं।
कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटेशियम जैसे तत्व भी सौंफ के अंदर होते हैं। सौंफ को आप कई तरीके से खा सकते हैं। एक निश्चित मात्रा मे सौंफ आप सुबह शाम को खा सकते हैं। इसके अलावा आप सौंफ को उबालें और फिर इसके अंदर मिसरी डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। यह भी काफी फायदेमंद होता है।
सौंफ का सेवन केवल ब्रेस्ट मिल्क को ही नहीं बढ़ाता है। वरन यह आपकी आंखों की रोशनी को भी बढ़ाने का कार्य करता है। इसके अलावा सौंफ आपके पाचन तंत्र के लिए भी काफी अच्छी होती है।
लड़कियों का दूध बढ़ाने का तरीका मैथी के दाने
दोस्तों मैथी के दाने भी ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने का कार्य करती हैं।मैथी आसानी से आपके घर के अंदर मिल जाएगी । आप डिलिवरी के बाद रोजाना मामूली से मैथी के दाने खाने आरम्भ करदें । इसके लिए सबसे पहले एक माटी का कुल्हड लें और उसके अंदर थोड़ा मैथी को डालें । उसके बाद उसके अंदर पानी इतना डालें कि वे गिले रहें । उसके बाद किसी ठंडी जगह पर इनको रखदें। कुछ दिन बाद यह मैथी के दाने अंकुरित हो जाएंगे । आप इनका सेवन कर सकते हैं।
ध्यान दें आपको रोजाना मूठ भर से भी कम दानों का सेवन करना है। अधिक दानों का सेवन करना सही नहीं होगा । वैसे मैथी आपको स्वाद मे कड़वी लग सकती है लेकिन यह ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे काफी उपयोगी होती है।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय कच्चा पपीता
दोस्तों पके हुए पपीता को तो आपने खाया ही होगा लेकिन क्या आपने कच्चे पपीता को खाया है। असल मे कच्चे पपीता की सब्जी बनाकर खाई जाती है। आप मार्केट से कच्चे पपीता को खरीद सकते हैं और उसके बाद उसको छिलें उसके अंदर बीज को निकालें फिर इसकी सब्जी का सेवन आप करते रहें । ध्यान दें सप्ताह के अंदर 3 बार आप ऐसा कर सकते हैं। जिससे कि ब्रेस्ट मिल्क के बनने मे काफी आसानी होगी ।
लड़कियों का दूध बढ़ाने के उपाय काले तिल
दोस्तों काले तिल की मदद से भी आप ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ा सकते हैं। तिल तो आपने खाये ही होंगे । यदि आप खेती करते हैं तो आपको इनके बारे मे और अच्छे से पता होगा । असल मे इन तिलों की मदद से तेल को निकाला जाता है।
आपके घर मे यदि काले तिल हैं तो अच्छा है नहीं तो आप इनको मार्केट से खरीद सकते हैं और रोजाना एक मूठी तिल खा सकते हैं। यदि आप ऐसे ही तिल खा सकते हैं तो ठीक है नहीं तो आप तिल के लड्डू बनाकर भी खा सकते हैं।
तिल खाने मे भी काफी स्वादिष्ट होते हैं । अधिकतर लोग इनको कच्चा ही चबा जाते हैं। तिलों के तेल का प्रयोग घी की तरह किया जा सकता है। वैसे आपको बतादें कि इन काले तिलों मे कैल्शियम पाया जाता है जोकि ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए जरूरी होता है।
गाजर ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे उपयोगी
दोस्तों गाजर के बारे मे तो आप जानते ही हैं। हालांकि प्रेगनेंसी के तुरंत बाद गाजर का सेवन नहीं किया जाता है। लेकिन गाजर के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं जैसे कि विटामिन-ए, एल्फा और बीटा-कैरोटीन होते हैं जोकि ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए काम करते हैं।गाजर का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं जैसे कि आप गाजर को सीधा काटकर खा सकते हैं। इसके अलावा यदि आपके यहां पर ताजे गाजर मिलती हैं तो उसे अच्छे से धोकर सीधा ही बिना काटे खा सकते हैं।
इसके अलावा दूध के अंदर गाजर डालकर गाजर का हलुआ बनाया जाता है। जोकि काफी स्वादिष्ट होता है। आप उसे भी खा सकते हैं।
वैसे गाजर खाने मे काफी स्वादिष्ट होती है।गाजर के कई सारे पकवान भी बनाये जाते हैं। हालांकि बिना दवाई की गाजर का प्रयोग करें। यह आपके स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर होगी ।
वैसे आपको बतादें कि गाजर केवल ब्रेस्ट मिल्क ही नहीं बढ़ाती है। वरन गाजर की मदद से कैंसर को फैलने से रोका जाता है।गाजर में पॉली-एसिटिलीन व फालकैरिनोल तत्व होता है, जिसमें एंटी कैंसर गुण होता है। इसके अलावा आंखों की कमजोरी और हर्ट के स्वास्थ्य के अंदर भी आप गाजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जौ के उपयोग से
जौ की खेती पृथ्वी पर सबसे प्राचीन काल से हो रही है। इसका यव के नाम से भी जाना जाता है।भारत के अंदर भी इनकी खेती होती है। जौ का सबसे अधिक उपयोग पशुओं को खिलाने के लिए किया जाता है।जौ की मदद से ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाया जा सकता है आप जौ को पानी मे उबाल कर पी सकते हैं।
यदि हम अन्य तरीकों से जौ खाने की बात करें तो आप कई तरीकों से जौ का सेवन कर सकते हैं। जैसे
- आप जौ का सूप बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- इसके अलावा चावल और आलू की तरह इनको उबाले और उसके बाद इनका सेवन कर सकते हैं।
- जौ को चक्की की मदद से पीसें और उसके बाद इसकी रोटियां बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
- इसके अलावा जौ के आटे से ब्रेड बनाई जाती है आप उन ब्रेड का सेवन भी नास्ते या चाय के साथ कर सकते हैं।
- इसके अलावा सलाद या सब्जी के अंदर पके हुए जौ को डालें और उसके बाद इसका सेवन कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप जौ का पानी पी सकते हैं। इसके लिए जौ को उबालें और फिर छानलें । इनके अंदर नींबू मिलाएं और फिर पी लें । नींबू स्वाद को भी अच्छा रखेगा ।
- इसके अलावा नाश्ते के अंदर जौ का दलिया बना सकते हैं। जौ का दलिया मीठा और नमकीन होता है। आप अपने हिसाब से बना सकते हैं।
- प्रतिदिन 100 ग्राम से अधिक जौ का सेवन नहीं किया जाना चाहिए । रोजाना यदि 100 ग्राम जौ का सेवन महिलाएं करती हैं तो फिर यह उनके ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे काफी उपयोगी होगा ।
लड़कियों का दूध बढ़ाने के उपाय शतावरी
शतावरी की मदद से लड़कियों के दूध को बढ़ाया जा सकता है।शतावरी के बारे मे आपने बहुत अधिक सुना होगा शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का नाम है।इसका प्रयोग अनेक प्रकार की बीमारियों के उपचार मे किया जाता है। आप इसकी मदद से ब्रेस्ट मिल्क को भी बढ़ा सकते हैं।शतावरी एक बेल की तरह या झाड की तरह होती है।इसकी बेल के नीचे की जड़ें काफी मजबूत होती हैं। इसकी 100 से अधिक जड़े होती हैं।विरलकन्द शतावर और कुंतपत्रा शतावर यह दो प्रकार की होती है।
शतावरी गर्भवती महिलाओं के लिए सिर्फ दूध बढ़ाने के लिए ही फायदेमंद नहीं होती है वरन यह होने वाले शिशु की हेल्थ को भी सही रखने के लिए प्रयोग मे ली जाती है।गर्भवती महिलाएं शतावरी, सोंठ, अजगंधा, मुलैठी तथा भृंगराज को समान मात्रा में लें। इससे उनको काफी फायदा मिलेगा ।
यदि महिलाएं अपने स्तनों के दूध को बढ़ाना चाहती हैं तो शतावरी काफी फायदेमंद हो सकती है।इसके लिए कहीं से शतावरी के जड़ का चुर्ण लें आएं । अब इस चूर्ण को 10 ग्राम रोजाना दूध के साथ सेवन करें । ऐसा करने से जो कम दूध आने की शिकायत है वह दूर हो जाएगी । और इसका किसी भी प्रकार का नुकसान भी नहीं है।
1-2 ग्राम शतावरी के जड़ से बने पेस्ट को भी आप गाय के दूध के साथ सेवन कर सकते हैं जिससे भी स्तनों के दूध मे बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा शतावरी की जड़ को गाय के दूध के अंदर पीसें और उसके बाद रोजाना सेवन करें । जिससे की दूध की कमी दूर हो जाएगी ।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने मे जीरा का प्रयोग
जीरा के बारे मे तो आप बहुत ही अच्छी तरीके से जानते ही होंगे । क्योंकि जीरा के बिना कोई भी सब्जी नहीं बनाई जाती है।और जीरा आसानी से हर घर के अंदर मिल भी जाता है। जीरा की मदद से भी आप ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ा सकते हैं। ।वैसे जीरा कई प्रकार का होता है जैसे काला जीरा ,सफेद जीरा और अरण्य जीरा आदि ।
जीरा की मदद से ब्रेस्ट मिल्क को कुछ इस प्रकार से बढ़ाया जा सकता है।
सबसे पहले आपको एक पैन मे 6 चम्मच जीरा डालना होगा उसके बाद इसको धीमी आंच पर सैंके और एक प्लेट के अंदर इसको निकाल लें।उसके बाद जब जीरा ठंडा हो जाएगा तो आप इस जीरे को मिक्सी के अंदर डालें और फिर अच्छी तरह से पीस लेना है। उसके बाद इसके अंदर आधा चम्मच मिसरी और इतनी ही शतावरी को डालदें ।उपर तैयार की गई दवाई को आप रोजाना दूध के साथ ले सकते हैं जिससे की ब्रेस्ट मिल्क बढ़ेगा । दूध को बढ़ाने का यह एक घरेलू तरीका है। इसका कोई भी दुष प्रभाव नहीं है।
यह तो सिर्फ एक ही तरीका है कि जिसकी मदद से आप जीरा की मदद से ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा भी कुछ सरल तरीके होते हैं।
इसके लिए सबसे पहले जीरा को अच्छी तरह से भून लें और उसके बाद पीसकर आटा मिलाकर घी मिलाकर लडडू बनाएं और फिर इनका सेवन करें । इससे दूध बढ़ता है।
इसके अलावा जीरे को अच्छी मात्रा मे सेके और फिर दाल के अंदर अधिक मात्रा मे डालकर खाने से भी स्तनों के दूध को बढ़ाया जा सकता है।
बराबर-बराबर मात्रा में सौंफ, सौवर्चल, तथा जीरा के चूर्ण को छाछ के साथ नियमित रूप से सेवन करें।ऐसा करने से स्तनों के अंदर दूध की बढ़ोतरी होती हैं।
माताएं बहने जीरे को घी के अंदर भूनकर भी खा सकती हैं। यह भी स्तनों के दूध को बढ़ाने मे उपयोगी होता है।
बराबर-बराबर मात्रा में शतावरी, चावल, तथा जीरे के चूर्ण को गाय के दूध के अंदर डालें और फिर इसको अच्छी तरह से मिलाएं । फिर इसका आप सेवन रोजाना शाम को सोने से पहले करें । जिससे कि दूध बढ़ जाएगा ।
ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए घर मे प्रयोग होने वाले साधारण जीरे को भी काम मे ले सकते हैं।क्योंकि यह आप आपको आसानी से उपलब्ध हो जाएगा ।
पालक लड़कियों का दूध बढ़ाए
दोस्तों पालक के फायदे के बारे मे तो सभी जानते हैं। पालक हरी सब्जी के अंदर आता है। और यह काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन करने से ना केवल दूध बढ़ता है वरन यह शरीर को अन्य कई प्रकार से भी फायदा पहुंचाता है।यदि आपको दूध की कमी की समस्या है तो आप पालक का सेवन कर सकते हैं।पालक का सेवन आप कई तरीके से कर सकते हैं। जैसे कि आप पालक के परावंटे बनाकर खा सकते हैं या फिर पालक की सब्जी भी बना सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोग पालक का रस निकाल कर भी पीते हैं।पालक का रस भी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। यह शरीर मे आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करता है।
यदि हम पालक की पौष्टिकता की बात करें तो पता चलेगा कि पालक बहुत अधिक पौष्टिक होता है।इसके अंदर मिनरल्स और विटामिन काफी भरपूर मात्रा मे होते हैं।पालक से सूप, दलिया, सब्जी साग, सलाद, दाल, खिचड़ी आदि को बनाया जाता है। यदि आप दूध बढ़ाने के लिए पालक का प्रयोग कर रही हैं तो आपको चाहिए कि आप पालक की सब्जी बना सकते हैं।और उसे खा सकते हैं। इसके अलावा हर सब्जी के अंदर पालक आसानी से डाला जा सकता है। तो आप ऐसे भी पालक का सेवन कर सकते हैं।
यदि आपके यहां पर बाजार मे पालक मिलता है तो अच्छी बात है। लेकिन यदि आप गांव देहात के अंदर रहते हैं और पालक आपको आसानी से नहीं मिलता है तो आप घर के अंदर ही एक क्यारी बनाएं और उसमे पालक के बीज डालदें । कुछ समय बाद जब पालक बढ़ा हो जाएगा तो आप उसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं।इस प्रकार से उगाया हुआ पालक पूरी तरह से नैचुरल होता है।और इसमे किसी दवा का प्रयोग नहीं होने की वजह से यह हर्मफुल भी नहीं होता है।
ब्राउन राइस ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाता है
क्या आप जानते हैं ब्राउन राइस क्या होता है। असल मे यह एक तरह का चावल ही होता है। आपने भी इसका नाम कई बार सुना ही होगा ।यह चावल का बिना रिफाइंड किया हुआ रूप है। यह नैचुरल होने की वजह से काफी फायदेमंद होता है।इसका रंग भूरा होता है और सफेद चावल से अलग होता है।लेकिन इसको पकने मे काफी समय लगता है।वैसे यह स्वाद मे सफेद चावल से थोड़ा अलग होता है लेकिन इसके अंदर पौषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है।इसको खाने से शरीर के अंदर उचित मात्रा मै कैलोरी जाती है और यह विटामिन व मिनरल की भरपूर मात्रा के साथ आता है।
प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम व फास्फोरस भी चावल मे मौजूद होने से यह ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे काफी उपयोगी साबित होते हैं।ब्राउन राइस चावल को भी आप आम चावल के तरीके से खा सकते हैं लेकिन आप इनको अधिक दिनों तक स्टोर करके नहीं रख सकते हैं क्योंकि यह बहुत ही जल्दी खराब हो जाते हैं क्योंकि इनकी उपरी परत थौड़ी तैलिय होती है।
ब्राउन राइस की मदद से आप खीर बना सकते हैं। जिस प्रकार से आप आम चावल की मदद से खीर बनाते हैं। इसी प्रकार से इन चावल से खीर बना सकते हैं।इसके अलावा चावल की आप खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं। नमकीन चावल भी बनाये जा सकते हैं। जैसा आपको अच्छा लगता है आप उसी तरीके से खा सकते हैं।यह ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने का एक बहुत ही कारगर उपाय है। हालांकि यह चावल थोडे महंगे आते हैं।
गाय का दूध ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे उपयोगी
दोस्तों गाय का दूध भी ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। गाय के दूध के महत्व के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। अपने यहां पर तो बच्चे को गाय का दूध पिलाया जाता है ताकि उसका अच्छा विकास हो और दिमागी कमजोरी दूर हो ।
कैल्शियम ,सोडियम ,विटामिन ,विटामिन सी ,विटामिन ए ,विटामिन डी जैसे तत्व गाय के दूध मे पाये जाते हैं जोकि ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने मे बहुत ही उपयोगी भूमिका निभाते हैं यदि बच्चे के लिए दूध नहीं आ रहा है तो रोजाना एक किलो दूध का आप सेवन करें । ऐसा करने से शरीर मे दूध की मात्रा अधिक बनने लगेगी।
लेकिन माताओं और बहनों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि मार्केट मे ऑरेजनल दूध आपको आसानी से नहीं मिलेगा । इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी गाय वाले के यहां से ही दूध लेकर आएं । दुकानों पर बिकने वाले नकली दूध से कुछ फायदा नहीं होगा । क्योंकि उसके सारे पोषक तत्व पहले ही निकाले जा चुके हैं। इसके अलावा फ्रीज मे रखा हुआ दूध की गुणवकता भी बहुत ही बेकार हो जाती है। यदि बात करें दूध की सेवन की तो आप दूध को गर्म करें और उसके अंदर मिसरी मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
यह तो सिर्फ एक तरीका है। आप दूध के बने कई पकवानों का भी सेवन कर सकते हैं जैसे कि खीर बनाकर खा सकते हैं।खरीर मे चावल का उपयोग करने से आपको डबल फायदे मिलेंगे ।
वैसे अब मार्केट के अंदर गाय का नकली दूध मिलता है।गाय के दूध को और अधिक गाढ़ा करने के लिए इसके अंदर कई प्रकार की दवाओं को मिलाया जाता है जिससे कि दूध दिखने मे अच्छा होता है लेकिन यह अंदर से पूरी तरह से जहर से कम नहीं होता है।
साल्मन मछली का सेवन
दोस्तों साज्मन एक प्रकार की मछली होती है।इसके अंदर ओमेगा-3 प्रचुर मात्रा मे होता है। यदि आप इस मछली का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होती है। यह स्तन के दूध को ही नहीं बढ़ाती है वरन इसकी मदद से और भी कई समस्याओं के उपचार होने मे मदद मिलती है। साल्मन मछली के सेवन करने से दिल की बीमारियां नहीं होती हैं। यह दिल की बीमारी के खतर को कम करने मे काफी उपयोगी होती है। इसके अलावा यह आंखों के लिए भी उपयोगी होती है। यदि आप नॉन वेज खाते हैं तो फिर मछली खाने मे भी आपको परहेज नहीं करना चाहिए।
लहसुन ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाता है
दोस्तों लहसुन भी ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने का कार्य करता है।हर किसी के घर के अंदर लहसुन तो आसानी से मिल ही जाएगा । लहसुन का प्रयोग सब्जी बनाने मे होता है। यह आम लोगों के रसोई घर का हिस्सा है।लहसुन का प्रयोग हम लोग स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं।लहसुन को हम कई तरीके से खा सकते हैं। पहला तो यह है कि सुबह उठने के बाद लहसुन की एक दो कलियां रोजाना पानी के साथ खा सकते हैं। यह दूध बढ़ाने के लिए काफी अच्छी होती हैं। दूसरा तरीका यह है कि
आप दिन मे भी लहसुन को खा सकते हैं। जब आपकी इच्छा हो लेकिन आपको अधिक लहसुन खाने से बचना चाहिए ।जिन लोगों को लहसुन से एलर्जी है वे इसका सेवन ना करें । अल्सर वाले मरीज भी लहसुन का सेवन ना करें । इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।
शकरगंद ने दूध बढ़ाएं
दोस्तों शकरगंद विटामिन सी, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन, फॉस्फोरस और बीटा कैरोटीन का स्रोत होता है ।इसे खाने के बाद एनर्जी आती है। शकरगंद को उबाल कर खाया जाता है। यह जड़ होती है जिसे आसानी से खाया जा सकता है।
खाने मे यह काफी स्वादिष्ट होता है। शकरगंद आमतौर पर सर्दी के मौसम मे मिलती है। यदि सर्दी का मौसम है तो शकरगंद ब्रेस्ट मिल्क को तो बढ़ाएगी ही । इसके अलावा यह आपको सर्दी लगने से भी बचाने का कार्य करेगी ।
शकरकंद शरीर की कमजोरी को दूर करने मे भी मदद करता है। और शरीर को उर्जावान बनाए रखने मे काफी मदद करता है।इसके अलावा यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने का कार्य करता है जिससे कि दूध उत्पादन भी बढ़ता है।
शकरगंद एक प्रकार की जड़ होती है जिसका अनेक प्रकार के रोगों मे भी उपचार किया जाता है।यदि आप शकरगंद की मदद से ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाना चाहते हो तो रोजाना एक शकरगंद पानी के अंदर पहले उबालें फिर उसे खालें । यह आपके शरीर के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्वों को पैदा करेगी ।
तुलसी का प्रयोग
दोस्तों तुलसी के बारे मे आप बहुत ही अच्छी तरह से जानते हैं। तुलसी का पौधा एक प्रकार का पवित्र पौधा होता है जिसको कई लोग अपने घर के आंगन मे उगाते हैं और उसके बाद उसकी पूजा भी करते हैं। पूजा मे यह सबसे अधिक प्रयोग होता है। इसके अलावा इसके अंदर कई सारे औषधिय गुण होते हैं जिनके बारे मे उल्लेख चरक संहिता के अंदर मिलता है।राम तुलसी और कृष्ण तुलसी यह दो प्रकार के तुलसी के पौधे होते हैं। तुलसी का पौधा हर तरह से फायदेमंद होता है।
ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने का एक सरल तरीका यह है कि आप तुलसी के पतियों का चूर्ण खा सकते हैं। और यदि घर के अंदर तुलसी का पौधा है तो रोजाना तुलसी के पौधे की दो पतियां लें और पानी मे उबालकर उस पानी का सेवन करें । यह दूध की मात्रा को तो बढ़ायेगा ही इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का कार्य करेगा । तुलसी के पत्तों का सेवन करने या इनके रस का सेवन करने से सिर्फ आपकी ही रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं बढ़ेगी वरन आपके बच्चे की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी ।
वैसे तुलसी भारत के अंदर काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।यह आपके शरीर की अनेक बीमारियों का ईलाज करती है तो आपको तुलसी का सेवन करना चाहिए ।
लड़कियों का दूध बढ़ाने का उपाय लोकी का सेवन करना
दोस्तों लोकी के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। लोकी गर्मी के अंदर काफी फायदेमंद होती है। लेकिन यह दूध बढ़ाने के लिए भी प्रयोग मे ली जाती है। लोकी को कई तरीके से खा सकते हैं। जैसे आप लोकी की सब्जी बना सकते हैं या फिर आप लोकी का रायता बनाकर भी खा सकते हैं। लोकी आपके लिए काफी फायदेमंद होती है।
लोकी का जूस भी कई लोग पीते हैं। वैसे लोकी का कोई पेड़ नहीं होता है । यह एक लता के जैसी होती है और यह लता आमतौर पर किसी पेड़ के सहारे उपर चढ़ती है। आप इसको अपने घर मे भी उगा सकते हैं। बेल जगह नहीं घेरती है और एक बेल से आप काफी लोकी प्राप्त कर सकते हैं।
मेवे का उपयोग
दोसतों मेवे की मदद से भी आप ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ा सकते हैं। मेवे आमतौर पर सूखे हुए फलो की गिरियां होती हैं।जैसे काजूं और किसमिश की मदद से मेवों को तैयार किया जाता है।मेवों के अंदर कैलोरी, विटामिन और खनिज जैसी चीजें भरपूर मात्रा मे होती हैं जिसकी वजह से यह शरीर मे दूध उत्पादन क्षमता को आसानी से बढ़ा देते हैं।मेवों को आप कई तरीकों से खा सकते हैं। आप इनको दूध के साथ मिलाकर कांजू दूध या बादाम दूध की तरह खा सकते हैं। इसके अलावा आप हलवा बनाकर भी खा सकते हैं। यह आपके शरीर के अंदर पोषक तत्वों की पूर्ति करता है जोकि दूध उत्पादन के लिए जरूरी है।
सूखे मेवा मे विटामिन ए, विटामिन बी१, विटामिन बी२, विटामिन बी३, विटामिन बी६ तथा फॉलिक एसिड, पैंटोथेनिक अम्ल और कैल्शियम, लौह, मैग्नेशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, ताम्र, मैंगनीज़, सेलेनियम जैसे तत्व होते हैं। इसके अलावा कांजू के अंदर प्रोटीन, खनिज लवण, लौह, फाइबर, फोलेट, मेग्नीशियम, फॉस्फोरस, सेलेनियम और तांबा का अच्छा स्रोत है। मेवे आपको आसानी से मार्केट के अंदर मिल जाएंगे ।आप रोजाना अपनी जरूरत के अनुसार इनको खा सकते हैं।
दालें व दलहनें
दालें व दलहनें भी स्तन का दूध बढ़ाने के लिए खाई जाती हैं। घरों के अंदर हम दाल तो कई प्रकार की बनाते हैं जैसे मूंग की दाल ,चने की दाल ,उड़द की दाल । आप इन सभी को मिक्स कर दाल बनाएं और उसका सेवन रोजाना करें। दाल प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। और इसके अंदर आयरन और फाइबर भी उचित मात्रा के अंदर होता है। वैसे आपको बतादें कि कुछ सालों मे भारत मे भी दालों का प्रयोग तेजी से कम हो रहा है।लोग बाजार के चटपटे खाने को अधिक महत्व दे रहे हैं जिसका भयंकर नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
स्तन के दूध को कम करती हैं यह चीजें
दोस्तों जो माताएं अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं उनको खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।यदि वे ऐसे ही कुछ का कुछ सेवन करेंगी तो दूध की मात्रा कम होगी और भी कई समस्याएं जन्म ले सकती हैं। हमारे आस पास ऐसी भी कई तरह की समस्याएं मौजूद हैं जोकि दूध उत्पादन को प्रभावित करती हैं। तो आइए जानते हैं कि वे कौनसी चीजें हैं जो महिलाओं मे दूध के उत्पादन को प्रभावित करती हैं। इस प्रकार की चीजों से खास कर महिलाओं को बचना चाहिए ।
कॉफी का सेवन कम करें
दोस्तों कॉफी का सेवन करना आजकल अधिक चर्सा हो चुका है। आजकल घरो मे न जाने कितनी बार चाय बनती ही रहती है। आपको बतादें कि कॉफी या चाय दोनों का अधिक सेवन एक मां के लिए बेहद ही हानिकारक होता है। कारण यह है कि इनके अंदर कैफिन होता है जो ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को प्रभावित करने का कार्य करता है। कॉफी को कम मात्रा मे सेवन किया जाना चाहिए । दिन मे दो बार तक कॉफी पीना गर्भवती महिलाओं के लिए ठीक रहता है।
कैफीन का उच्च स्तर हो जाता है तो शिशु के शरीर मे खून की कमी हो जाती है।यदि आपको भी पहले से ही अधिक कॉफी पीने की आदत है तो उसको कम करने का प्रयास करें ।
चॉकलेट का सेवन कम करें
चॉकलेट के स्वाद के बारे मे कौन नहीं जानता है। दोस्तों चॉकलेट के सेवन भी ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को प्रभावित करता है। चॉकलेट के अंदर थियोब्रामाइन नामक एक तत्व होता है।जिसका प्रभाव भी कैफीन के समान होता है।इसलिए यदि मांए अधिक मात्रा मे चॉकलेट का सेवन करती हैं तो इससे उनके बच्चे को नींद की समस्याएं हो सकती हैं और उनका व्यवहार भी अनियमित हो सकता है। यदि आपको चॉकलेट खाने का शौक है तो अधिक मात्रा मे ना खाएं ताकी आपका बच्चा बीमार ना हो ।
खट्टे फलों का सेवन
दोस्तों खट्टे फल भी ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को कम करने का कार्य करते हैं।खट्टे फलों के अंदर कई प्रकार के फल आते हैं जैसे कि नींबू ,अंगूर और संतरा आदि । आप इन फलों को यदि हो सके तो कम खाएं ।क्योंकि यह फल पेट खराब कर सकते हैं। जिससे पाचन सही तरीके से नहीं होगा तो दूध बच्चे को कैसे मिल जाएगा । इसलिए इनका सेवन कम करें। इसके अलावा आम और पपीता जैसे फल खा सकते हैं। इससे किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है।
बक्रोली का सेवन कम करना
दोस्तों एक स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गोभी का सेवन भी कम करना चाहिए । क्योंकि यह पाचन क्षमता को प्रभावित करती है। यह आसानी से टूटती नहीं हैं जिससे कि पेट गैस का उत्पादन होता है ।स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हमेशा ही हल्का भेाजन लेना चाहिए ताकि वह आसानी से पच जाए और पेट हल्का रहे ।
मछली का सेवन कम करें
दोस्तों मछली बहुत ही स्वादिष्ट होती हैं। इस वजह से कई महिलाएं मछली का काफी सेवन करती हैं। लेकिन यह दूध पीते बच्चे के लिए काफी हानिकारक होती है।
क्योंकि मछली के अंदर पारा होता है जोकि आपके शिशु के लिए न्यूरोलॉजिकल समस्या का कारण बनता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि मां यदि अधिक परा युक्त खाना खाती है तो इससे बच्चे का विकास काफी प्रभावित होता है।इसलिए यदि आप मछली के बिना नहीं रह सकते हैं तो आप कभी कभी मछली का सेवन कर सकते हैं। अधिक मछली का सेवन करना आपके शिशु के लिए नुकसान दायी ही होगा ।
अल्कोहल से दूध उत्पादन प्रभावित होता है
अल्कोहल से ब्रेस्ट मिल्क पर असर भी पड़ता है। अक्सर आपने देखा होगा कि महिलाएं भी शराब पीती हैं और यदि स्तनपान कराने वाली महिला शराब का सेवन करती हैं तो शराब मे मौजूद अल्कोहल बच्चे के शरीर मे चला जाता है और उसके बाद बच्चे को काफी भयंकर नुकसान पहुंचाता है।लेकिन यदि माता कम मात्रा मे अल्कोहल का सेवन करती हैं।तो दूध की मात्रा प्रभावित नहीं होती है। आमतौर पर जो लोग अल्कोहल युक्त शराब या अन्य चीजों का सेवन करने लग जाते हैं वे सही पर खाना पानी भी नहीं कर पाते हैं जिससे ब्रेस्ट मिल्क तो प्रभावित होता ही है। इसके अलावा उनकी सेहत पर भी असर पड़ता है।
यदि आप पहले से ही शराब और दूसरा किस प्रकार का नशा करने के आदी हैं तो आपको इनको एक सीमित मात्रा मे ही करना होगा ।तभी यह आपके बच्चे की सेहत के लिए सही रहेगा ।
मूंगफली का सेवन कम करना
दोस्तों वैसे तो मूंगफली डायरेक्ट ब्रेस्ट मिल्क को कम करने के लिए नहीं जानी जाती है लेकिन कुछ लोगों को मूंगफली से एलर्जी होती है। यदि आपको भी इस प्रकार की एलर्जी की शिकायत है तो मूंगफली खाने से बचना चाहिए क्योंकि दूध से होते हुए यह आपके अंदर भी एलर्जी पैदा कर सकती है।
रिसर्च के अंदर यह बताया गया है कि छोटी उम्र के अंदर जो बच्चे मूंगफली खाते हैं उनके अंदर इसके प्रति आजीवन एलर्जी विकसित हो सकती है।तो देखे कि आपके परिवार मे किसी को इस प्रकार की एलर्जी की समस्याएं तो नहीं है।
पुदीने का सेवन कम करें
दोस्तों यह भी माना गया है कि पुदीने का अधिक सेवन करने से भी ब्रेस्ट मिल्क की मात्रा मे फर्क पड़ता है। अक्सर कुछ लोगों को पुदीना काफी पसंद होता है। कुछ पुदिने की चाय बनाकर भी पीते हैं। यदि आप स्तनपान करवाती हैं तो फिर आपको पुदिने की सीमित मात्रा का ही सेवन करना चाहिए यही आपके लिए उचित होगा ।
अंडे से एलर्जी
दोस्तों एलर्जी वाले खाध्य पदार्थों के खाने से भी समस्याएं हो सकती है। यदि आपको अंडे से एलर्जी होती है तो यह ब्रेस्ट मिल्क को प्रभावित करता है। जैसे किसी को मकई से एलर्जी होती है तो उसे मकई नहीं खाना चाहिए ।इस प्रकार की एलर्जी बाद मे आपके बच्चे के अंदर भी पहुंच सकती है।इसलिए जिस किसी पदार्थ से आपको एलर्जी होती है उसका सेवन ना करें ।
मानसिक बदलाव
जब महिला पेट से होती है तो उसको कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से गुजरना होता है। यह दूध उत्पादन को कम करने का कार्य करती है।और यदि महिला को तनाव की समस्या है या उसे तनाव हो गया है तो वह दूध की उत्पति मे समस्याएं आएंगी । यदि आप तनाव मे रहती हैं तो अपने तनाव को दूर करने का प्रयास आपको करना चाहिए ।
इसके लिए सरल तरीका यही है कि आप अधिक से अधिक समय अपने साथियों और परिवार के सदस्यों के साथ बिताएं ।
चिकित्सीय समस्या
चिकित्सीय समस्या की वजह से भी ब्रेस्ट मिल्क की समस्याएं आने लग जाती हैं।पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं होने पर दूध का उत्पादन प्रभावित होता है।
दवाओ के दुष्प्रभाव की वजह से
दोस्तों यदि आप एक पहले से ही कुछ दवाएं ले रही हैं जोकि एलर्जी को कम करती हैं या फिर बर्थ कंट्रोल दवाओं का सेवन आप कर रहे हैं तो इन दवाओं की वजह से भी ब्रेस्ट मिल्क पर असर पड़ सकता है। यदि आपको लगता है कि दवाओं की वजह से ऐसा हो रहा है तो अपने डॉक्टरों से बात करें और जो वो निर्देश आपको देते हैं उसके उपर आपको कम करने की जरूरत है।
ब्रेस्ट सर्जरी
दोस्तों ब्रेस्ट सर्जरी की वजह से भी दूध का उत्पादन कम होता है।यदि आपको पहले से ही ब्रेस्ट सर्जरी हुई है तो दूध कम आएगा । कारण यह है कि ब्रेस्ट सर्जरी से ग्लैंड्यूलर टिश्यू मे कमी आ जाती है। हालांकि जिस ब्रेस्ट की सर्जरी हुई है। उसके साथ यह समस्या होना सबसे आम बात है।
भूख कम लगना
दोस्तों कई महिलाओं के साथ इस प्रकार की समस्याएं भी होती हैं।उनमे यह होता है कि गर्भावस्था के बाद भूख मर जाती है। जिससे कि वे अधिक भोजन नहीं खा पाती हैं और समस्याएं होने लगती है। शरीर को उचित पोषण नहीं मिलने से दूध का उत्पादन घट जाता है। प्रेगनेंसी के पहले भी यदि उचित खान पान का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाए तो ब्रेस्ट मिल्क की समस्या कभी नहीं आएगी ।लेकिन अक्सर कुछ महिलाएं ही डिलिवरी के बाद मोटी होती हैं। अधिकतर पहले से अधिक कमजोर हो जाती हैं।
शिशु को अधिक से अधिक दूध पिलाएं
दोस्तों शिशु को पर्याप्त मात्रा मे दूध पिलाया जाना चाहिए । जितना अधिक आप शिशु को दूध पिलाती हैं। उतना ही अधिक दूध स्तनों के अंदर बनता जाता है।यदि शिशु छोटा है तो आप उसे दिन के अंदर 8 से 10 बार स्तन पान करवाएं । जैसे जैसे स्तन खाली होंगें । उनके अंदर दूध की मात्रा अपने आप बढ़ेगी ।
दोनो स्तनों से स्तनपान करवाएं
यदि आप बच्चे को स्तनपान कराते हैं तो दोनो स्तनों से स्तनपान करवाएं ।जिससे बच्चे को अधिक मात्रा मे दूध तो मिलेगा ही इसके अलावा दूध की मांग बढ़ेगी । बच्चे को कभी भी हमेशा एक ही स्तन से दूध नहीं पिलाया जाना चाहिए ।
तनाव से दूर रहे
दोस्तों आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी के अंदर तनाव होना बहुत ही आम बात होती है। और कई महिलाएं तो डिलिवरी के बाद डिप्रेशन मे चली जाती हैं। डिप्रेशन की वजह से दूध उत्पादन प्रभावित होता है।ऑक्सीटोसिन हार्मोन तनाव होने की वजह से कम हो जाता है जिससे कि दूध उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है। यदि आपको लगता है कि आप तनाव मे हैं तो आपको चाहिए कि आप अपने पति से बात करें और उनके साथ अधिक समय बिताएं जिससे कि आपका तनाव दूर होगा । इसके अलावा आप डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं।
एल्कोहल और निकोटीन से दूर रहें
दोस्तों जो महिलाएं नशा करती हैं।उनके अंदर दूध उत्पादन कम होता है। यदि आप नशा करती हैं तो आपके दूध उत्पादन पर असर पड़ेगा । जब तक आप अपने बच्चे को दूध पिला रही हैं तब तक आपको नशा कम करना होगा क्योंकि यह दूध को कई प्रकार से बेकार बनाता है।
अपने बच्चे के साथ अधिक समय बिताएं
आजकल माता और पिता दोनो ही काम करते हैं । ऐसी स्थिति के अंदर माता को अपने बच्चे पालने की फुर्सत ही नहीं होती है और बच्चे नौकरानी के संस्कार को लेकर बड़े होते हैं। कुछ बच्चों को तो यह तक पता नहीं होता है कि उनके माता पिता हैं कौन क्योंकि वे उनसे बहुत ही कम मिलने के लिए आते हैं।यदि आप अपने बच्चे के साथ अधिक समय बिताते हैं तो फिर आप अपने बच्चे को अधिक बार दूध पिला पाएंगे ।
लड़कियों के दूध बढ़ाने की दवा लेख के अंदर हमने आपको कई तरीके बताए जिसकी मदद से ब्रेस्ट मिल्क को आसानी से बढ़ाया जा सकता है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आये होंगे । यदि आप इस संबंध मे कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो बेझिझक पूछ सकते हैं।
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