laser light ke baare mein jankari दोस्तों आजकल लेजर स्टिम का बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। यहां तक की laser light ka upyog कई जगहों पर होता है। खास कर ऑपरेशन वैगरह के अंदर और अब तो laser light का उपयोग गाडियों के अंदर भी किया जाने लगा है। हालांकि यह बहुत ही सीमित मात्रा के अंदर है। बच्चों के खिलौनों के अंदर laser light ka upyog बहुत अधिक किया जाता है। हालांकि यह बहुत खतरनाख भी है। अक्सर लेजर लाइट काफी डेंजर साबित होती है खास कर आंखों के लिए । यदि आंखों के अंदर लेजर लाइट चली जाए तो व्यक्ति अंधा भी हो सकता है। चलो अब आते हैं laser light ke baare mein jankari पर
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Laser light kya hai
पहला व्यावहारिक लेजर 1960 में बनाया गया था। लेजर लाइट और आम लाइट के अंदर समुद्र की लहरो और बाथटब की लहरों के अंतर की तरह है। जब आप अपने हाथ को समुद्र के अंदर तेजी से हिलाते जाते हैं तो और तेज लहरे बनती हैं। जबकि बाथटब मे यह प्रभाव इतना अधिक नहीं होता है। एक लेजर कमजोर रोशनी से शूरू होता है और प्रकाश तरंगों मे और अधिक उर्जा को जोड़ता रहता है। ताकि प्रकाश को अच्छे से केंद्रित किया जा सके ।लेजर बीम एक प्रयोगशाला प्रयोग में दर्पण के बीच सटीक रास्तों का पालन करते हैं।
लेजर मशीन के अंदर एक क्षमता होती है कि वह अरबों परमाणुओं को खरबों प्रकाश के कणों को एक साथ पंप कर सकती है। इसी वजह से वे एक लाइन मे चलते हैं। यदि आपने देखा होगा तो एक आम लाइट का प्रकाश शीशे से निकले के बाद एकदम से फैल जाता है। और प्रकाश फैल जाने की वजह से आप दूर तक नहीं देख सकते हैं। लेकिन लेजर लाइट इससे अलग होती है। उसका प्रकाश एक बीम होता है। जो फैलता नहीं है वरन वह एक सीधी लाइन मे चलता है जो लेजर लाइट को आम लाइट से अलग करता है।
- लेजर लाइट सुसंगत प्रकाश का उत्सर्जन करता है। इसलिए इसका प्रयोग काटने व लिथोग्राफी मे यूज होता है।
- इसके अंदर प्रकाश के सभी भाग एक ही दिशा के अंदर यात्रा करते हैं। इस वजह से संकरे रस्तों और लंबी दूर के लिए इसका यूज करना आसान है।
- लेजर शब्द का मतलब है, विकिरण के उत्सर्जन के द्वारा प्रकाश प्रवर्धन।
- लेज़र प्रकाश की हल्की तरंगों में केवल एक तरंग दैर्ध्य होता है। इसको मोनोक्रोमैटिक प्रकाश के नाम से जाना जाता है।
- लेजर प्रकाश में सामान्य प्रकाश की तुलना में अधिक तीव्रता होती है।
laser light ke nuksan
दोस्तों वैसे देखा जाए तो लेजर लाइट के अनेक फायदे हैं। और जब से लेजर का आविष्कार हुआ है। नई नई चीजों के अंदर इसका प्रयोग होने लगता है। लेकिन लेजर के कई नुकसान भी हैं। जिनको नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। आइए जानते हैं aser light ke nuksan के बारे मे ।
लेजर आधारित उपचार महंगा है
अब लेजर तकनीक से मुहांसे उपचार की ही बात कर लेते हैं।यदि आप अन्य किसी तकनीक से मुहांसों का उपचार करते हैं। तो आपको सस्ता पड़ता है। लेजर तकनीक की मदद से इसके लिए आपको 50000 से लेकर 100000 रूपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। लेजर उपचार 3 प्रकार के हो सकते हैं
1. स्पंदित- डाई लेजर (पीडीएल)।
2. पोटेशियम टिटानिल फॉस्फेट लेजर (KTP)
3. इन्फ्रारेड लेजर
लेकिन इतनी ही समस्या नहीं है। लेजर आधारित उपचार के अंदर यदि सही से नहीं किया गया तो बहुत अधिक समस्या हो सकती है। जो लोग मुंहासें आदि का उपचार लेजर तकनीक से करवाते हैं। कई बार उनको इससे एलर्जी भी हो सकती है। इसके अलावा यदि बालों के क्षेत्र के अंदर मुहांसे हैं तो आपके बाल निकलने का डर भी बना रहता है।
लेजर system को बनाए रखना महंगा होता है
लेजर स्टिम का दूसरा बड़ा नुकसान है। लेजर स्टिम को बनाए रखना महंगा होता है। अस्पतालों के अंदर जो लेजर स्टिम प्रयोग मे लिया जाता है। वह कोस्टली होती है। यही वजह है कि लेजर आधारित उपचार की कीमत काफी अधिक हो जाती है।
यह मानव त्वचा को जला सकती है
दोस्तों लेजर लाइट बहुत अधिक डेंजर होती है।यदि आप इसका सही तरीके से यूज नहीं करते हैं तो आपकी त्वचा को जलने मे जरा भी देर नहीं लगेगी ।0.4 mW से कम लेजर पॉइंटर को सुरक्षित माना जाता है। यदि आप इसको लंबी अवधि के लिए एक स्थान पर रखते हैं तो भी यह आपकी त्वचा को नहीं जला पाएगा । अक्सर आम बच्चों के खिलौनों के अंदर इसी प्रकार का लेजर पॉइंटर का प्रयोग किया जाता है।इसको कक्षा 1 के अंदर माना जाता है। उसके बाद 0.4 और 0.99 mW तक के लेजर पॉइंटर को कक्षा 2 के अंदर रखा जाता है। यह आंखों के लिए काफी डेंजर होता है। इस प्रकार का लेजर पॉइंटर विमान चलाने को भी बाधित कर सकता है। और गाड़ी चलाते व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है।
4.99 mW तक के लेज़र पॉइंटर को क्लास 3R के अंदर रखा जाता है। यह रेटिना को जला सकता है। और यह काफी डेंजर भी होता है। यह त्वचा को जलाने मे भी सक्षम होता है।
5 mW और 499 mW तक के लेजर पॉइंटर को 3बी के अंदर आते हैं। इस प्रकार का लेजर बहुत अधिक खतरनाख होता है। और इसका प्रयोग करना भी गैरकानूनी होता है। यदि आप इसका प्रयोग किसी इंसान पर करते हैं तो इंसान का शरीर जल सकता है। यहां तक की यह प्लास्टिक और लकड़ी को बहुत ही आसानी से जला सकता है।हालांकि भारत के अंदर इस प्रकार के लेजर पॉइंटर्स बैन हैं। लेकिन आप चीन के अंदर यह पॉइंटर्स आसानी से खरीद सकते हैं।
500 mW वर्ग के लूजर को 4कक्षा के अंदर रखा जाता है। यह वास्तव मे बहुत अधिक खतरनाख होते हैं। और यदि आप इनका प्रयोग हवाई क्षेत्र के अंदर भी करते हैं तो नुकसान हो सकता है। यह किसी भी चीज को पलभर के अंदर जला सकते हैं। यहां तक की इंसान को भी जला सकते हैं। भारत के अंदर इनका प्रयोग बैन है। लेकिन चीन मे आप इसे खरीद सकते हैं। बहुत ही आसानी से ।
बैटरी की समस्या
यदि बात करें लेजर लाइट की तो उसके लिए एक अच्छी बैटरी प्रदान करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। क्योंकि लेजर बीम के लिए बहुत अधिक पॉवर की आवश्यकता होती है। अधिक पॉवर की वजह से यह हीट होने लगते हैं। बस यह 10 वॉट पर रूकते हैं।इस वजह से भी इनको बनाए रखना काफी महंगा हो जाता है।
आंखों के लिए हानिकारक
मार्केट के अंदर जो बड़ी लेजर लाइट मिलती हैं। वे आंखों के लिए हानिकारक होती हैं। यदि कोई बच्चा गलती से भी इनको अपनी आंखों मे डाल लेता है। तो निश्चिय ही वह अंधेपन का शिकार हो सकता है। और ऐसा कई बच्चों के साथ पहले से ही हो चुका है।यदि आप बच्चों के लिए लेजर लाइट खरीद भी रहे हैं तो अच्छा होगा आप कक्ष 1 की लेजर लाइट खरीदे । उससे बच्चों को कोई नुकसान भी नहीं होगा । यदि आप कक्षा2 से लेकर कक्षा3बी तक की लेजर लाइट खरीदते हैं तो नुकसान होने का डर है।
ऑब्जेक्ट का बर्न करना
अक्सर लेजर लाइट का प्रयोग ऑब्जेक्ट को काटने मे किया जाता है। यदि इस दौरान थोड़ी सी भी असावधानी आप बरतते हैं तो संभव है। लेजर आपके पूरे मैटल को ही जलादे । और कई बार असावधानी की वजह से बड़ा नुकसान भी संभव हो सकता है।
लेजर लाइट के फायदे
दोस्तों ऐसा नहीं है कि लेजर सिस्टम के केवल नुकसान ही होते हैं। लेजर सिस्टम के बहुत सारे फायदे भी हैं। लेजर का प्रयोग आजकल हर क्षेत्रों के अंदर किया जा रहा है। जैसे रोग विज्ञान मे लेजर का प्रयोग होता है इसके अलावा गाड़ियों के अंदर भी लेजर सिस्टम का प्रयोग हो रहा है।
कैंसर के उपचार मे
लेजर एक्स रे की तुलना मे कम हानिकारक होती है। इस वजह से इसका प्रयोग कैंसर की कोशिकाओं को जलाने मे किया जाता है। यदि कैंसर टयूमर छोटा होता है । तो डॉक्टर उसे लेजर सिस्टम का प्रयोग करके जला देते हैं। जबकि पहले ऐसा नहीं था। पहले हर टयूमर को ऑपरेशान के द्वारा ही निकालना पड़ता था।
संचार प्रणाली के लिए फायदे मंद
संचार सिस्टम के अंदर प्रयोग की जाने वाली आम केबल बहुत भारी होती है।जिसकी वजह से उसके हेंडलिंग की समस्या रहती है। लेकिन लेजर आधारित फाइबर ऑप्टिक केबल काफी हल्कि होती है। इस वजह से यह प्रयोग करने मे काफी सुविधाजनक होती है।इसके अलावा इसके अंदर लीकेज भी कम होता है।
सेना के लिए फायदे मंद
आमतौर के अंदर लेजर के पास वह पॉवर होती है जिसकी मदद से वह किसी भी दुश्मन को खत्म कर सकती है।दुश्मन के टैंक को नीचे गिराने के लिए नियोडिमियम और कार्बन डाइऑक्साइड लेजर प्रकार का उपयोग किया जाता है।इसके अलावा लेजर सिस्टम की मदद से दुश्मन के पूरें इलाके को भी तबाह किया जा सकता है। यह गोली और दूसरे हथियारों की तुलना मे काफी अधिक खतरनाख होता है। इसमे आवाज भी नहीं आती है।
अधिक डेटा स्टोरने मे मददगार
ऑडियो और वीडियो, दस्तावेज़ आदि में डेटा भंडारण के लिए लेजर का उपयोग सीडी और डीवीडी में किया जा रहा है।एक सिंगल लेजर बीम को 1 माइक्रो व्यास से छोटे क्षेत्र के अंदर केंद्रित किया जा सकता है।लेजर एक वर्ग सेमी में 100 मिलियन डेटा संग्रहीत करने में सहायता करता है।
जटिल ऑपरेशन को सरल बनाना
दोस्तों कुछ ऐसे ऑपरेशन होते हैं। जिनके के अंदर व्यक्ति की जान जाने का बहुत अधिक खतरा रहता है। लेकिन लेजर सिस्टम आ जाने के बाद इस तरह के ऑपरेशन के अंदर रिस्क कम हो गया है। क्योंकि एक लेजर बीम का प्रयोग करके भी गांठ जैसी चीजों को पिघलाया जा सकता है। जो लेजर के बड़े फायदों मे से एक है। वैसे ऑपरेशन के आम तरीकों के अंदर डॉक्टर गलती से चीरा छोटा या बड़ा लगा सकते है। और ऐसा करने से आस पास के अन्य उत्तक भी प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन लेजर सिस्टम के अंदर ऐसा नहीं है। इसमे डॉक्टर स्वस्थ उत्तकों के बीच भी आसानी से काम करत सकता है।दूसरें उत्तकों को प्रभावित किये बिना ।
Laser light कैसे काम करती है ?
- दोस्तों आप नीचे चित्र के अंदर देख रहे हैं। एक लेजर को हाई वोल्टेज सप्लाई दी जाती है। जिससे लेजर ऑन ऑफ होती है।
- flashes की वजह से crystal मे एनर्जी फोटोन के रूप मे इंजेक्ट होती है।
- large green blobs इस एनर्जी को सोख लेते हैं। और उसके बाद इनके इलेक्ट्रान उच्च उर्जा स्तर के अंदर कूदते हैं। लेकिन कुछ मिली सैकिंड के बाद वापस अपने स्तर मे आ जाते हैं।इस प्रोसेस को spontaneous emission के नाम से जाना जाता है।
- फोटोन से परमाणु रूबी क्रिस्टल के अंदर जूम अप और डाउन करते हैं, वे प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं।
- फोटॉन पहले से ही उत्तेजित परमाणु को उत्तेजित करता है। जब ऐसा है, तो उत्साहित परमाणु एक फोटॉन को बंद कर देता है और हम अपने मूल फोटॉन को भी वापस प्राप्त कर लेते हैं। इसे उत्तेजित उत्सर्जन के नाम से जाना जाता है। यहां पर प्रकाश को प्रवर्धित किया जाता है।
- लेजर ट्यूब मे छोर पर दर्पण क्रिस्टल के अंदर फोटॉन को आगे और पीछे उछलता जाता है।
- ट्यूब के दूसरे छोर पर एक आंशिक दर्पण कुछ फोटॉनों को क्रिस्टल मे वापस भेज देता है। जबकि कुछ को भागने देता है। और जो फोटोन भागते हैं। वे प्रकाश की एक केंद्रित बीम पैदा करते हैं।
लेजर लाइट के प्रकार
दोस्तों लेजर लाइट कई प्रकार की होती है। लेजर माध्यम के आधार पर इसको चार भागों के अंदर बांटा जाता है। सॉलिड-स्टेट लेजर ,गैस लेजर ,तरल लेजर ,सेमीकंडक्टर लेजर आदि।
Solid state laser
इसमे सॉलिड को लेज़र माध्यम की तरह इस्तेमाल किया जाता है।इन लेज़रों में, कांच या क्रिस्टलीय सामग्री का का यूज किया जाता है।पहला सॉलिड-स्टेट लेजर एक रूबी लेजर था । जिसके अंदर रूबी क्रिस्टल का प्रयोग लेजर माध्यम मे किया जाता है। लेजर माध्यम के लिए सामग्री के रूप मे (Al2O3), नियोडिमियम-डॉप्ड येट्रियम एल्यूमीनियम गार्नेट (एन डी: YAG), नियोडिमियम-डॉप्ड ग्लास (एन डी: ग्लास) व येटेरबियम-डेड ग्लास का यूज किया जाता है।
इसमे प्रकाश उर्जा का यूज पंपिंग स्त्रोत के रूप मे होता है। जिसको प्राप्त करने के लिए फ्लैश लैंप, आर्क लैंप या लेजर डायोड का यूज होता है।
Gas laser
गैस लेज़रों में, लेज़र माध्यम गैसीय अवस्था के अंदर रहता है।एक लेजर लाइट का उत्पादन करने के लिए एक लेजर माध्यम मे एक गैस माध्यम से लेजर एक विधुतिय प्रवहन पैदा किया जाता है। बहुत उच्च बीम गुणवत्ता और लंबी सुसंगतता की आवश्यकता वाले स्थानों पर गैस लेजर का यूज किया जाता है। इसके लेजर के अंदर गैसों के मिश्रण को एक ग्लास टयूब के अंदर भरा जाता है। यह टयूब एक सक्रिय माध्यम के रूप मे काम करती है।
गैस लेजर सिस्टम विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित करने के सिद्धांत पर काम करते हैं। गैस लेजर कई प्रकार के होते हैं। जैसे नियॉन लेजर, आर्गन आयन लेजर, कार्बन डाइऑक्साइड लेजर , कार्बन मोनोऑक्साइड लेजर , उत्तेजक लेजर, नाइट्रोजन लेजर, हाइड्रोजन लेजर,
Liquid laser light
लिक्वीड लेजर एक ऐसा लेजर है जोकि तरल माध्यम को लेजर माध्यम के अंदर यूज करता है। डाई लेजर एक तरल लेजर का उदाहरण है। यह लेजर के रूप मे कार्बनडाई का उपयोग करता है।यह लेजर कार्बनिक डाई और एक विलायक के साथ मिश्रित होता है।
Semiconductor laser
सेमीकंडक्टर लेजर का उपयोग हम रोजमर्रा की जिंदगी के अंदर करते हैं। यह लेजर सस्ते और कम बिजली का उपयोग करते हैं। सेमीकंडक्टर लेजर को लेजर डायोड के नाम से भी जाना जाता है।सॉलिड-स्टेट लेजर के अंदर प्रकाश ऊर्जा का प्रयोग पंप स्त्रोत के रूप मे किया जाता है। जबकि लेजर डायोड के अंदर प्रकाश उर्जा का प्रयोग विद्युत ऊर्जा के रूप मे किया जाता है।इस लेजर के अंदर एक पी-एन जंक्शन डायोड का यूज किया जाता है।
laser light ka upyog
दोस्तों लेजर लाइट के उपयोग की बात करें तो आजकल लेजर लाइट का प्रयोग बहुत अधिक किया जा रहा है। हर क्षेत्र के अंदर लेजर का यूज किया जाने लगा है। आपको बतादें कि लेजर लाइट का प्रयोग सबसे अधिक मेडिकल के अंदर हुआ है। और इसमे काफी फायदा भी पहुंचा है। आइए जानते हैं कि लेजर लाइट के उपयोग किन किन क्षेत्रों के अंदर किया जाता है।
Medical मे लेज laser light ka upyog
जब लेजर का आविष्कार हुआ तो किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि लेजर का उपयोग एक दिन चिकित्सा विज्ञान के अंदर काफी तेजी से होने लगेगा । लेकिन जल्दी ही वैज्ञानिकों ने इस संभावनाओं को खोज निकाला और लेजर का उपयोग अब मेडिकल के कई क्षेत्रों के अंदर किया जा रहा है।
सर्जिकल प्रक्रियाओं में ऊतक में कटौती करना ,
दृष्टि में सुधार के लिए आंख के कॉर्निया को फिर से सही करना , धमनियों की सफाई,गुहाओं को दूर करना और दांतों को सफेद करने मे , अनचाहे बाल, झुर्रियाँ, मे
धमनियों की सफाई करने मे लेजर का उपयोग
लेजर का उपयोग धमनियों से पट्टिका को साफ करने के लिए किया जाता है। पट्टिका एक वसा युक्त पदार्थ होता है जोकि धमनियों के अंदर जम जाता है। और इसकी वजह से दिल के दौरे जैसी समस्या आ सकती है।पटिका को हटाने की पारंपरिक विधि के अंदर कई सारे चिरा लगाने पड़ते हैं। और यह जोखिम भरा होता है। लेजर सिस्टम के अंदर पट्टिका को जलाने के लिए लेजर बीम का उपयोग किया जाता है। इस तरीके के अंदर डॉक्टर के पास धमनी के अंदर देखने के उपकरण होते हैं। जिनकी मदद से वह आसानी से धमनी मे देख सकते हैं।
और इन उपकरणों को धमनी मे डाला जाता है। और बाहर किसी स्क्रीन से कनेक्ट किया जाता है। उपयुक्त वसायुक्त क्षेत्र मिलने पर उसे जला दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसमे किसी भी तरीके का चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
आंखों के ईलाज के लिए
लेजर बीमा का प्रयोग आंखों के ईलाज के लिए भी किया जाता है।कॉर्निया को साधारण प्रकाश को स्वीकार करने के लिए बनाया गया है। तो यह लेजर बीम से अप्रभावित रहती है।बाहरी रक्त वाहिकाओं जोकि रेटिना पर बनती हैं । जिसकी वजह से अंधापन विकसित हो जाता है। लेजर के माध्यम से इन रक्तवाहिनियों को हटाया जाता है। और इससे आंखों का ईलाज संभव होता है।
लेज़रों के कॉस्मेटिक उपयोग
लेजर का उपयोग शरीर पर बनने वाले धब्बे और चकतों को हटाने के लिए भी किया जाता है।लाल बैंगनी त्वचा के धब्बे को हटाने के लिए लेजर यूज मे लिया जाता है। यह धब्बे छोटे विकृत रक्त वाहिकाओं से बना होता है । और लेजर की मदद से इनको जला दिया जाता है।
दंत चिकित्सा मे लेजर का प्रयोग
दंत चिकित्सा विज्ञान के अंदर लेजर का यूज किया जाता है।कैविटी जैसी समस्याओं के ईलाज के लिए भी लेजर का यूज किया जाता है।इसके अलावा रक्तस्राव का इलाज के लिए भी लेजर का यूज किया जाता है।
laser light ka upyog मनोरंजन मे
मनोरंजन के क्षेत्रों के अंदर लेजर का काफी अधिक प्रयोग किया जाने लगा है। यदि आपने देखा है तो फिल्मों के अंदर कुछ विशेष रंगों की रोशनी पैदा करने के लिए लेजर लाइट का यूज किया जाता है। इसके अलावा घर पर शादी वैगरह के अंदर भी सजावट के लिए लेजर का यूज होता है। नृत्य जैसे समारोह के अंदर रंग बिरंगी रोशनी पैदा करने के लिए लेजर लाइट का यूज किया जाता है। और इससे लुक काफी अच्छा नजर आता है। इसके अलावा बच्चों के खिलौनों के अंदर भी लेजर लाइट का यूज होता है।
laser light ka upyog कंप्यूटर और संगीत मे
लेजर सिस्टम का यूज कम्प्यूटर और संगीत के अंदर भी बहुत अधिक किया जाता है। लेजर का यूज वायरलेस नेटवर्क के अंदर भी होता है। क्योंकि प्रकाश की गति सबसे तेज होती है। इस वजह से सूचना प्रसारण के लिए इसका उपयोग किया जाता है।लेजर की मदद से लाखों मील तक सूचना को भेजा जा सकता है। इसके अलावा लेजर का प्रयोग सैन्य प्रणाली, एवियोनिक्स और पनडुब्बियों में होता है। लेज़रों का उपयोग करते हुए data, वीडियो और अन्य सूचना भेजते हैं और रेडियो की तुलना में 10 से 100 गुना तेज गति से डेटा को एनकोड करने और प्रसारित करती है। लेजर एक बहुत ही गहन, केंद्रित, अत्यधिक समानांतर और मोनोक्रोमैटिक बीम है सीडी और डीवीडी पढ़ना, और हम बार कोड को चेकआउट लाइनों पर स्कैन करने मे भी लेजर का प्रयोग होता है। इसके अलावा प्रिंटर वैगरह के अंदर भी लेजर का प्रयोग होता है।
लेजर लाइट से हुआ बच्चे को नुकसान
दोस्तों यह घटना भारत की तो नहीं है। मगर विदेश की है। ये घटना इंग्लैंड के लेघ ऑन सी शहर की है। जहां रहने वाले 9 साल के आर्ची मैप्सन की है। इस घटना के अनुसार बच्चे को उसकी दादी ने लेजर लाइट का एक खिलौना लाकर दिया था । और उस बच्चे को कहा गया था , कि वह इसको अपनी आंखों मे ना मारे । मगर बच्चा इस बात को भूल गया और जब वह उस लेजर लाइट से खेल रहा था , तो लेजर लाइट बच्चे की आंखों मे कुछ सैकिंड के लिए चली गई और उसकी वजह से बच्चे की आंखों को काफी नुकसान हुआ । उसकी दोनो आंखों को काफी नुकसान हुआ । जिससे कि बच्चे को दिखना बंद हो गया ।और बच्चे ने अपनी दादी को बताया कि उसे दिख नहीं रहा है। घर वालों को पहले तो यह लगा कि किसी एलर्जी की वजह से यह समस्या हो रही है। मगर बाद मे बच्चे को अपने भाई के साथ खेलने मे परेशानी होने लगी । और चेहरे पहचान करने मे परेशानी होने लगी , तो घर वाले डॉक्टर के पास उसको लेकर गए , तो डॉक्टर ने कहा कि अब कभी उसकी आंखों की रोशनी सही नहीं हो पाएगी ।
यदि आप भी अपने घर के अंदर लेजर लाइट को रखते हैं , तो आपको सावधान रहना चाहिए। यदि आपका बच्चा गलती से उस लेजर को ले लेता है , तो उसके बाद आपको नुकसान हो सकता है। और समस्या और अधिक बढ़ सकती है। लेजर लाइट को बच्चों की पहुंच से उपर रखना जरूरी होता है।
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This post was last modified on January 23, 2024