दोस्तों लाठी बांधने के मंत्र lathi bandhne ka mantra भी काफी उपयोगी होते हैं। प्राचीन काल के अंदर लाठी का सबसे अधिक प्रयोग होता था। लोग पैदल यात्रा करते थे । आज की तरह साधन नहीं होते थे तो अपनी सुरक्षा के लिए लाठी का ही प्रयोग करते थे ।और लाठी को जरूरत पड़ने पर एक हथियार की तरह इस्तेमाल भी करते थे ।लाठी लेकर चलने के बाद वे खुद को काफी सुरक्षित महसूस किया करते थे। लेकिन अब समय बदल चुका है। अब लाठी का जमाना नहीं है। अब तो गोली का जमाना है। सब गन लेकर चलना पसंद करते हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लाठी का जमाना खत्म हो चुका है।या फिर लाठी का कोई उपयोग नहीं रह गया है। असल मे लाठी का आज भी उपयोग होता है। अधिकतर लोगों के पास अपनी सुरक्षा करने के लिए लाठी ही तो है। क्योंकि सभी के लिए इतनी महंगी बंदूक का लेना संभव नहीं है ।
अक्सर आपने देखा होगा कि जब झगड़ा वैगरह होता है तो भारत मे अधिकतर लोग लाठी और सरिया लेकर ही एक दूसरे को मारते हैं। तो आप समझ सकते हैं कि लाठी का महत्व अभी भी कम नहीं हुआ है।
आपको बतादें कि लाठी बांधने का मंत्र भी उसी तरीके से काम करता है जिस तरीके से अन्य बांधने के मंत्र करते हैं। जब आप किसी के उपर लाठी बांधने का मंत्र प्रयोग करते हैं तो यह कई तरीके से काम करता है। जिसके बारे मे हम आपको पहले बता देते हैं।
हम आपको जो भी लाठी बांधने के मंत्र बताने जा रहे हैं वे कई तरीको से काम करते हैं।जिनके बारे मे भी हम आपको पूरे विस्तार से बताने वाले हैं।
वैसे यहां पर सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि यदि कोई भी यूनिक आर्टिकल लिखता है तो सभी लोग उसकी कॉपी करना शूरू कर देते हैं जिसकी वजह से लिखने मे मजा नहीं आता है। हालांकि कई लोगों के खिलाफ एक्सन भी होता है।तो हम बात कर रहे थे लाठी बांधने के मंत्रों के बारे मे तो आइए जानते हैं।
Table of Contents
1.लाठी बांधने का मंत्र lathi bandhne ka mantra
नीचे दिये गए मंत्र की मदद से आप किसी भी तरह का अस्त्र शास्त्र बांध सकते हैं।और इस मंत्र का प्रयोग अपने बचाव के अंदर कर सकते हैं। यह बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है।
ओम नमो भैरवे नम: मम शत्रु शस्त्र स्तंभन कुरू कुरू स्वाहा ।।
इस मंत्र का प्रयोग करने से पहले आपको इसे सिद्ध करना होगा इसके लिए रात को 12 बजे श्मसान के अंदर जाना होगा वहां पर 21 बार मंत्र का जाप करें और भैरव को बलि दें शराब का भोग लगाएं मंत्र सिद्ध हो जाएगा । उसके बाद जब प्रयोग करना हो तो खरमंजरी के बीजों को हाथ मे लेना है और उसके बाद 21 बार मंत्र का जाप करना होगा ।फिर इन बीजों को शत्रू के उपर या शत्रू की तरफ फेंक देना होगा ।अब शत्रू आपके उपर लाठी से प्रहार नहीं कर पाएगा । लेकिन इस मंत्र का प्रयोग आप बिना गुरू के नहीं कर सकते हैं।
2.लाठी बांधने के अचूक प्रयोग
दोस्तों इस मंत्र की मदद से भी आप सभी प्रकार के अस्त्र शास्त्र बांध सकते हैं।
ओम नमो भगवते महाकाल पराक्रमाय शत्रुणां शस्त्र स्तंभनं कुरू कुरू स्वाहा ।।
इस मंत्र को सबसे पहले 108 बार पढ़कर सिद्ध कर लेना है।और उसके बाद नीचे दी गई चीजों मे से कोई एक टोटके पर मंत्र फिर 108 बार करना होगा । इससे आप लाठी को बांधने मे सफल होंगे ।
- रवि पुष्य योग मे क्ष्रेविद्वा की जड़ को गले मे धारण करें
- जामुन की जड़ को हाथ पर रख लेने से लाठी का प्रभाव नहीं होता है।
- केवड़े की जड़ को सर पर रख लेने से लाठी का प्रभाव नहीं होता है।
- खजुर की जड़ को सीने के बांध लें से लाठी का प्रभाव नहीं होता है।
- रवि पुष्प योग मे अपमार्ग की जड़ को अपने शरीर के उपर पीस कर लगा लेना चाहिए ।
- जामुन की जड़ को हाथ मे केवड़े की जड़ को मस्तिष्क मे और ताड़ की जड़ को मुख मे रखने से किसी भी प्रकार के शत्रु के शस्त्र का स्तंभन हो जाता है।
3.शत्रू की लाठी को बांधने का सरल मंत्र lathi bandhne ka mantra
दोस्तों यह एक ऐसा मंत्र है जिसकी मदद से आप किसी भी शत्रू का ही स्तंभन कर देते हैं जिसके बाद उसकी लाठी और अन्य शस्त्र सब कुछ बेकार हो जाते हैं यह प्रयोग इस प्रकार से है।
ॐ नमो दिगंबराय अमुकस्य स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा।।
इस मंत्र का 10 हजार बार जाप करने से सिद्ध हो जाता है। उसके बाद जब प्रयोग करना हो तो 108 बार पढ़ें । इसके प्रयोग से शत्रू की बुद्धि भ्रमित हो जाती है। और आप उसके वार से आसानी से बच सकते हो ।
4.शत्रू की बुद्धि को नष्ट करने का मंत्र
दोस्तों यह मंत्र भी लाठी बांधने का है। जब आप प्रयोग कर देते हैं तो उसके बाद शत्रू के पास कोई भी हथियार हो वह काम नहीं करेगा क्योंकि शत्रू की बुद्धि नष्ट हो जाएगी ।
ॐ नमो भगवते महाकाल पराक्रमाय शत्रूणां शस्त्र स्तंभन कुरु-कुरु स्वाहा।
इस मंत्र का 1 लाख बार जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। जब आपको इसको प्रयोग करना हो तो उसके बाद आप इसको 108 बार बोलें और प्रयोग करें । इसकी पूरी विधि अपने गुरू से पूछें ।
5.लाठी बांधना और शत्रू स्तंभन मंत्र lathi bandhne ka mantra
सबसे पहले आपको नीचे दिये गए मंत्र को सिद्ध करना होता है। जब यह मंत्र सिद्ध हो जाता है तो उसके बाद आप एक मूठी उड़द की दाल लें और फिर 7 बार मंत्र बोलें अब दाल को शत्रू की दिशा मे या उसके घर फेंक दें। उसके बाद आप देखेंगे कि शत्रू शस्त्र नहीं चला पाएगा ।
जल बाँधु, जल-वायु बाँधु । बाँधु जल के तीर । पाँचो काला कलवा बाँधों । बाँधु हनुमन्त वीर ! सहदेव तेरी लाकड़ी, अर्जुन तेरो बाण । ‘अमुक’ की गति थाम दे, यति हनुमत की आन । शब्द साँचा-पिण्ड काँचा, मेरे गुरू का इल्म साँचा । फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा । दुहाई गोरख- नाथ की ।
इस मंत्र के अंदर जो अमुक नाम दिया गया है। उसके स्थान पर आपको अपने शत्रू का नाम लेना है।
6.अधिक शत्रू को शांत करने का मंत्र
वैसे तो यह मंत्र लाठी बांधने का मंत्र नहीं है। लेकिन उन लोगों के लिए यह बहुत उपयोगी हो सकता है जोकि कुछ ऐसा काम करते हैं जिसकी वजह से उनके बहुत सारे शत्रु हो जाते हैं। यह शत्रू को शांत करने काम मंत्र है।
बयरु न कर काहू सन कोई । राम प्रताप विषमता खोई ।
इस मंत्र को शनिवार से लेकर रोजाना 1000 बार जाप करें । 11 दिन तक यह करना है । उसके बाद यह सिद्ध हो जाएगा ।
7.शत्रू को मोहन करने का मंत्र और लाठी स्तंभन
नीचे लिखे हुए मंत्र का 10 हजार बार जाप करें । ऐसा करने से मंत्र सिद्ध हो जाएगा । उसके बाद अपमार्ग का रस निकालें और अपनी लाठी पर लेप करने से पहले इसे 108 बार मंत्रित करें ।फिर यदि आप युद्ध के मैदान मे जाएंगे तो शत्रू स्तंभन होगा ।
ओम नमो महाबल महाप्राक्रम शस्त्र विधा विशारद अमुकस्य भुजबलं बंधय बंधय द्रष्टि स्तंभ्य स्तंभ्य अंगानि धूनय धूनय पातय पातय मही तले हूं ।
8.शत्रू की सेना को भगाने के उपाय
यदि आपको शत्रू का काफी अधिक डर हो या कई बार शत्रू संख्या मे अधिक हो तो इस प्रकार का प्रयोग काफी कारगर सिद्ध होता है।
ओम नमो भयडकराय खड़धारिणें
ममशत्रु सैन्य पलायनं कुरू कुरू स्वाहा ।।
एक लक्ष जापाच्चयायं मंत्र सिद्धि प्रजायते ।।
अष्टोतरश्त जपात प्रयोग सिद्धिस्तमा ।।
इस प्रयोग को करने के लिए किसी मंगल या रवि पुष्य के अंदर उल्लू और कौवे के पंक लाकर भोजपत्र से गोरोचन की मदद से पंख की लेखनी से शत्रू का नाम लिखें। उसके बाद पंखों को उसी के उपर बांध दें । फिर शत्रू के सामने जाकर ललकारें शत्रू भाग जाएगा ।
इसी प्रकार से दूसरा एक प्रयोग यह है कि रवि या मंगल के दिन रजस्वला के वस्त्र प्राप्त करें फिर उसके उपर गोरोचन से शत्रू का नाम लिखें ।फिर उसे किसी घड़े मे रखकर जमीन मे दबादें । उपर पत्थर रखदें । इससे शत्रू की बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी ।
9.शत्रु का सब कुछ बांधने का मंत्र
दोस्तों यह बहुत ही ताकतवर मंत्र है। जिसकी मदद से आप अपने शरीर की पूरी तरह से रक्षा कर सकते हैं। इस मंत्र की मदद से नकारात्मक ताकतों से आपके शरीर की रक्षा होती है। आप जब इसको प्रयोग करें 11 बार बालें और खुद के शरीर पर फूंक मारदें ।इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए 1008 बार जाप करना होगा । यदि आप चाहें तो इसको किसी भी दिन कर सकते हैं नहीं तो आप रोजाना एक माला इस मंत्र का जाप करें 10 दिन मे यह हो जाएगा ।अंतिम दिन आप इस मंत्र की 11 आहूति देनी होती हैं। और इस मंत्र को ग्रहण काल के दिन सिर्फ एक माला जाप करने से यह सिद्ध हो जाता है।
दाएं बांध बाएं बांध उपर बांध नीचे बांध
आप बांध चाप बांध
आंख कान नाक बांध
हाथ बांध पांव बांध
शत्रु का सारा शरीर बांध ।।
इस मंत्र की मदद से आप दूसरों की सुरक्षा कर सकते हैं। इसके लिए आप एक लाल धागा लें और मंत्र को एक बार पढ़ें फिर एक गांठ लगाएं और फूंक मारें । इसी प्रकार से 11 बार करना होगा ।इसके बाद जब 11 बार हो जाएगा तो उस धागे को जिसकी सुरक्षा करनी हो उसके गले मे या बाजू मे बांध देने से सुरक्षा हो जाएगी ।
लाठी बांधने के मंत्र का प्रयोग कहां होता है और प्रयोग कैसे करें ?
दोस्तों इस प्रकार मंत्रों का प्रयोग वहां पर होता है जहां पर अधिक आवश्यकता हो । या आप कुछ ऐसा काम करते हैं जिससे कि आपको जान का खतरा हो तो आप इन मंत्रों का प्रयोग करके चल सकते हैं। यह आपकी सुरक्षा करने का कार्य करते हैं।
जब आपको दूश्मनों का अधिक खतरा होता है।आपको लगता है कि पग पग पर आपके दुश्मन हो चुके हैं और वे आपको निपटाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो आप इन मंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं। जब आपको खतरा हो कि दुश्मन सामने आ चुका है तो उसके लिए अलग तरह के मंत्रों का प्रयोग किया जाता है और दुश्मन को कमजोर करने के लिए अलग तरह के मंत्रों का प्रयोग किया जाता है।खैर दोस्तों आपको बतादें कि इन मंत्रों की मदद से आप आसानी से अपनी रक्षा कर सकते हैं।
लाठी बांधने के मंत्र का प्रयोग दुश्मन की बुद्धि को पंगू बना देता है। ऐसा होने की वजह से वह आसानी से कुछ सोचने की स्थिति मे नहीं रह पाता है। और उसके बाद आप उसका फायदा उठा सकते हैं। इस प्रकार से लाठी बांधने का मंत्र काम करता है।
लाठी बांधने के मंत्र को सिद्ध कैसे करें ?
दोस्तों अब बात आती है लाठी बांधने के मंत्र को सिद्ध करने की तो इसके लिए आपको किसी योग्य गुरू के पास जाना होगा । योग्य गुरू ही आपको इनको सिद्ध करवा सकता है। आपके आस पास कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जोकि इस प्रकार का कार्य करते हैं आप उनके पास जा सकते हैं।
लाठी बांधने के मंत्र के प्रयोग
दोस्तों यह घटना है सूर्यदेव नामक एक पूजारी की जिसको लाठी बांधने की विधा का पता था। वह तंत्र मंत्र के अंदर पूरी तरह से परांगत था। वह एक मंदिर मे रहता था और उसका किसी भी प्रकार का परिवार नहीं था। साधना ही उसके जीवन का लक्ष्य था।गांव के लोग भी उसे काफी मानते थे और जानते भी थे । समय समय पर कई कार्यों मे उसकी सलाह लेने के लिए आते थे । देखने मे और वैसे भी वह एक बहुत ही भला इंसान था। एक बार क्या हुआ कि कुछ बदमास मंदिर के अंदर घुस आए और वहां पर दारू वैगरह पीने लगे ।
उस पूजारी ने उन बदमासों को टोका की मंदिर के अंदर दारू वैगरह ना पीयो लेकिन वे उल्टे पूजारी को ही धमकाने लगे । तो उसके बाद पूजारी ने एक व्यक्ति को चांटा मार डाला । फिर क्या था वे बुरी तरह से भड़क गए और तब तो चले गए लेकिन बाद मे आने की धमकी दी ।
पूजारी रहा खेला हुआ इंसान तो उसे पता था कि लड़के रात मे आएंगे ।पूजारी रात मे सो ही रहा था कि उसे किसी के कूदने की आवाज आई पूजारी उठा और देखा तो मंदिर की दीवार को फांदकर 5 लोग हाथ मे लाठी लेकर आ रहे हैं।
पूजारी को अब पता चल चुका था कि यह वही लोग हैं।उसके बाद पूजारी ने मंत्र जाप किये और धूल को उनकी तरफ फेंका । कुछ ही समय मैं देखा कि वे सारे लोग वहीं के वहीं खड़े रह गए । ऐसा लग रहा था जैसे कि किसी अद्रश्य ताकत ने उनको रोक लिया है।
पूजारी ने अपना ठंडा उठाया और लड़कों को मारने लगा बुद्धि भ्रष्ट लड़कों की अच्छी पिटाई हुई। जब होश आया तो दर्द हो रहा था। लड़के किसी तरह से जान बचाकर वहां से भागे । बाद मे लड़कों को यह पता चल गया कि पूजारी बहुत ही तगड़ा तांत्रिक है। और गांव वालों को जब पता चला तो कुछ गांव के लोग उन लड़कों के पास गए और बोले ….तुम उस पूजारी को मारने की कोशिश करके बहुत बड़ी गलती किये हो । वह बहुत ही बड़ा तांत्रिक है। तुझे चुटकियों मे मार सकता है। सावधान रहना ।
वैसे भी उन लड़कों को समझ नहीं आ रहा था कि वे मारने के लिए गए थे लेकिन उनको क्या हुआ की उल्टे उनकी ही पिटाई हो गई ।उपर से गांव वाले आकर उन लड़कों को धमका रहे थे । अब लड़के बहुत ही बुरी तरह से डर गए थे ।हालांकि इस घटना के बाद गांव के लोगों को यह पता चल गया कि पूजारी कोई मामूली इंसान नहीं है। यह बड़े से बड़ा काम कर सकता है। और यह बड़ा तांत्रिक भी है।
एक लाठी बाज कही कहानी
प्राचीन काल के अंदर कुछ ऐसे लाठी बाज हुआ करते थे कि लाठी के अंदर उनको कोई भी नहीं हरा सकता था। यहां तक की पूरा गांव भी यदि लेकर आए तो लाठी मे उनको नहीं हरा सकता था। इसी तरह का एक नाम था हरिया लाठीबाज । हरिया गांव का रहने वाला था लेकिन लाठी के अंदर वह बहुत ही माहिर था।
वैसे तो हरिया को तंत्र मंत्र करने वाला नहीं था। लेकिन उसे लाठी चलाने की कला भी आती थी। गांव के बाहर एक शिव मंदिर था उस शिव मंदिर के उपर हर साल मेला लगता था। उस मेले मे लाठी बाजों की प्रतियोगिता होती थी।
उस प्रतियोगिता के अंदर हर साल हरिया ही प्रतियोगिता जीत तता था। इसका कारण उस समय तो कम से कम किसी को पता नहीं था। सब यही सोच रहे थे कि हरिया बड़ा लाठी बाज है।
एक बार जब प्रतियोगिता हुई तो बड़े बड़े आस पास के लाठी बाज वहां पर आए और प्रतियोगिता के अंदर हिस्सा लिया । पहले राउंड के अंदर कई लाठी बाज हारे और गई जीते ।जो हारे उनको एक बार मौका और दिया गया । उसके अंदर हार जाने पर रेस से बाहर कर दिया गया । इस प्रकार से जब प्रतियोगिता अंतिम दौर मे आई तो हरिया व चार अन्य व्यक्ति थे । लेकिन हरिया ने उनमे से किसी भी एक व्यक्ति को टिकने नहीं दिया और सारों को हरा दिया । अंत मे जब घोषणा करने का समय आया तो बोला गया ……है कोई माई का लाल जो हरिया को हरा सके ।
तभी एक बूढ़ा उछलकर बोला … हां मैं लड़ूंगा । अब सब उसको देखकर हंसने लगे । कोई बोला ताउ तुम क्या लड़ोगे ? देखा नहीं बड़े बड़े हरिया के सामने कुछ नहीं कर पाए लेकिन ताउ ने जिद की तो सब मान गये ।अब ताउ मैदान मे आ गया ।ताउ ने लड़ने से पहले रेत उठाई और अपनी लाठी पर लपेटी फिर कुछ बोला । हरिया को लग रहा था कि वह इस ताउ को आसानी से हरा देगा । जब ताउ ने लाठी चलाई तो ताउ के एक वार से ही हरिया की लाठी टूट गयी ।
हरिया को समझ नहीं आया कि ऐसा कैसे हो गया ?क्योंकि जिदंगी के अंदर ऐसा कभी नहीं हुआ था। उसके बाद हरिया के लिए दूसरी लाठी मंगाई गई । हरिया दूसरी लाठी से वार करने लगा लेकिन हरिया ने देखा कि वह ताउ के वार को झेल नहीं पा रहा है। जब ताउ की लाठी हरिया की लाठी पर वार करती है तो ऐसा लगता है कि हजारों किलो का वजन उसकी लाठी पर पड़ा है। और इस वजह से कई बार उसकी लाठी जमीन पर टिक जाती। जिसकी वजह से ताउ की लाठी उसके सर और दूसरी जगह पर लगी और खून निकलने लगा।
अब हरिया के लिए ताउ का वार सहना बहुत कठिन था । उसके हाथ भी जवाब दे चुके थे ।हरिया वहीं जमीन पर गिर गया । पूरे लोग जो वहां खड़े थे हैरान रह गए कि यह ताउ हर बार मैले मे आता है लेकिन इस बार उसने ऐसा क्या किया की हरिया को हरा दिया ।
उसके बाद ताउ ने ईनाम नहीं लिया और गरीबों को बांट देने को कहा । उधर हरिया बेचारा जैसे तैसे खड़ा हुआ और बोला …आप कौन हैं सच बताइए आप कोई सामान्य इंसान नहीं हैं।
ताउ ने अपनी नकली दाड़ी को हटाया तो हरिया दंग रह गया ।क्योंकि यह वह इंसान था जो महान तांत्रिक था जिसने हरिया को लाठी बांधने की तरकीब सीखाई थी।
…….लेकिन आपको मुझे परास्त करके क्या मिला गुरूदेव ? हरिया रोते हुए बोला ।
…हरिया मैंने आपको परास्त नहीं किया है। वरन मैंने उसको परास्त नहीं किया है वरन मैंने उसको परास्त किया है जो कई सालों से तुम्हारे अंदर पनप गया है।अपनी ताकत का घमंड किसी इंसान को नहीं करना चाहिए । क्योंकि वक्त का पता नहीं चलता आज ताकत मेरे पास है तो कल किसी और के पास भी हो सकती है।
जब लाठी चली खुद पर ही तांत्रिक का विनाश
दोस्तों आमतौर पर कई बार मंत्रों का सही ज्ञान नहीं होने की वजह से लाठी खुद पर ही हावी हो जाती है। जब आप लाठी चलाने के लिए मंत्र का प्रयोग करते हैं तो कुछ समय बाद लाठी अपने आप ही चलने लग जाती है। और फिर वह तब तक नहीं रूकती है जब तक कि आप उसे मंत्र के द्धारा नहीं रोकते हैं। क्योंकि मंत्रित लाठी के पीछे कोई और ताकत ही काम करती है।जिससे कि लाठी भयंकर स्पीड से चलती है। और दुश्मन के भाग जाने पर भी वह नहीं रूकती है।
सुखदेव नामक एक व्यक्ति था जो काफी अड़ियल स्वाभाव का इंसान था। और किसी ना किसी से झगड़ता ही रहता था। एक बार उसका किसी के साथ भयंकर झगड़ा हुआ तो उसकी अच्छी कुटाई हो गई कई दिन वैध के पास पड़ा रहा । फिर गांव मे नहीं दिखाई दिया ।
लोगों ने यही समझा कि वह गांव से चला गया है लेकिन असल मे वह गांव से गया नहीं था। कुछ दिनों बाद वह वापस गांव से आया तो उसने आते ही उन लोगों को धमकिया देना शूरू कर दिया जिन लोगों ने उसको मारा पीटा था।
लेकिन वे लोग कहां डरने वाले थे कुछ दिन तो वे सुखदेव की बात को नजर अंदाज करते रहे । लेकिन एक दिन वे सारे एकत्रित होकर आ गए और सूखदेव को मारने के लिए दौड़े सुखदेव ने एक लाठी उठाई और उनकी तरफ अकेला दौड़ पड़ा ।
सुखदेव इतनी तेजी से लाठी चला रहा था कि उसने 10 आदमियों को पूरी तरह से पीटा और सारों को मार मार के वहां से भगा दिया । देखने वाले सुख देव से डर गए । उनको यह समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है लेकिन अचानक से सुखदेव की लाठी ने उसी के सर पर वार किया और वह बेहोश हो गया ।
उसके बाद जब वह होश मे आया तो देखा कि अस्पताल मे एक बैड़ पर पड़ा हुआ है। उसे कुछ भी याद नहीं आ रहा था कि क्या हुआ । उसके बाद उससे मिलने के लिए कुछ लोग आये और पूछा …..सच मे तुम तो कमाल के हो 10 लोगों को एक साथ कैसे मारा ? और फिर लाठी को अपने सर पर ही मार लिया ।
तब सुखदेव को याद आया कि लाठी की स्पीड को रोकने के लिए अलग से मंत्र का जाप करना पड़ता है। लेकिन युद्ध के अंदर मैं वह मंत्र भूल गया और उसके बाद लाठी मेरे उपर ही वार कर दिया ।खैर यह बात सुखदेव ने अपने एक मित्र को बताई थी।
इस प्रकार से दोस्तों यदि कोई तंत्र का गलत प्रयोग करता है तो फिर उल्टे उसे ही नुकसान हो सकता है। लाठी बांधने के मंत्र का प्रयोग करते समय आपको उचित सावधानी बरतनी होगी वरना कई बार मंत्र उल्टे पड़ जाते हैं।उम्मीद करते हैं कि लाठी बांधने का मंत्र आपको पसंद आया होगा यदि आपका इस संबंध मे कोई विचार हो तो हमें नीचे कमेंट करके बताएं ।
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