महिलाओं की सुरक्षा के उपाय mahila suraksha ke upay के बारे मे हम आपको इस लेख के अंदर विस्तार से बताने वाले हैं।दोस्तों यदि हम भारत के अंदर महिला अपराध की बात करते हैं , तो आपको यह जानकार हैरानी होगी कि महिलाओं के खिलाफ काफी तेजी से अपराध बढ़ रहे हैं। सबसे बड़े नुकसान की बात यह है कि महिला घर मे भी सुरक्षित नहीं है। यह हम नहीं कह रहे हैं। वरन यह रिसर्च से प्राप्त आंकड़े बोल रहे हैं।साल 2021 में आँकड़ा बढ़कर 4,28,278 हो गया, जिनमें से अधिकतर यानी 31.8 फीसदी पति या रिश्तेदार द्वारा की गई हिंसा के, 7.40 फीसदी बलात्कार के, 17.66 फीसदी अपहरण के मामले पता किये गए थे ।
यदि हम महिला अपराध की बात करते हैं , तो इससे आपको यह पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ कई तरह के अपराध होते रहे हैं। जिसके अंदर घरेलू हिंसा है। और रेप व बलात्कार शामिल है। और रिसर्च से यह पता चला है , कि अधिकतर महिलाएं जोकि अकेली होती हैं , वे किसी ना किसी अपराध की शिकार हो जाती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । महिला सुरक्षा पर जब हम बात करते हैं , तो हम महिलाओं के खिलाफ होने वाले सभी तरह के अपराधों के बारे मे बात कर रहे होते हैं।जिसके अंदर अपमान रेप और हिंसा शामिल होते हैं।
हालांकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने भी कई सारे कदम उठाएं हैं। लेकिन उनमे से अधिकतर के बारे मे महिलाओं को जानकारी नहीं होती है। जिसकी वजह से महिलाओं को काफी अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर हम महिला सुरक्षा के कुछ उपायों के बारे मे विस्तार से बताने वाले हैं। जिससे कि चीजें आपको अच्छी तरह से समझ मे आ जाए । विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 3 में से 1 (35%) महिलाओं ने अपने जीवनकाल में या तो शारीरिक और/या यौन अंतरंग साथी हिंसा या गैर-साथी यौन हिंसा का शिकार होना पड़ता है। तो महिलाएं इससे कैसे बच सकती हैं ? इसके बारे मे हम आइए चर्चा करने का प्रयास करते हैं।
वैसे यदि हम जमीनी स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा के बारे मे देखते हैं , तो यह पता चलता है कि कई बार पुलिस भी इसी तरह के अपराध के अंदर शामिल हो जाती है। कुछ दिनों पहले एक दलित महिला का रेप करने मे दो पुलिस वाले भी शामिल थे । और यदि कोई महिला अकेली है , तो उसकी सुनवाई भी नहीं होती है। सरकार को भी इसके अंदर सुधार करना चाहिए । और करप्ट सिस्टम को नष्ट करना चाहिए । जो भी अधिकारी लापरवाही बरतते हैं उनको नौकरी से निकाल देना चाहिए । लेकिन असल मे ऐसा कुछ नहीं होता है। सरकार अपने वोट बैंक के लिए हमेशा चुप ही रहती है। सिर्फ कागजों के अंदर कानून बनने से कुछ भी नहीं होता है। रियल धारतल पर आपको कोई काननू नहीं दिखाई देगा । यहां तक की महिला की हत्या करने वालों को आसानी से जमानत मिल जाती है।
ऐसी स्थिति के अंदर आप उम्मीद कर सकते हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध कैसे कम हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
Table of Contents
mahila suraksha ke upay घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं को खड़े होने की जरूरत
दोस्तों महिला सुरक्षा के अंदर घरेलू हिंसा प्रमुख रूप से आता है। जिसके अंदर महिला का पति और ससुराल वाले मारपीट करते हैं। आमतौर पर भारत के अंदर जब भी कोई लड़की 18 साल की हो जाती है , तो उसके बाद उसकी शादी के बारे मे बातें की जाने लग जाती हैं। भले ही वह शादी नहीं करना चाहती हो । लेकिन जबरन शादी कर दी जाती है। और लड़कियों के दिमाग के अंदर यह बैठा दिया जाता है , कि एक बार पिता के घर से डोली उठने के बाद पति के घर से अर्थी ही उठनी चाहिए । और बाद मे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है लड़की को ।अक्सर यह देखने को मिलता है कि शादी के कुछ समय तक तो सब कुछ ठीक ठाक चलता है। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जाता है। वैसे वैसे पति और पत्नी के रिश्ते खराब होते जाते है। यहां तक की पति पत्नी को पिटने भी लग जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आप एक महिला हैं , और आपके पति और सास ससुर आदि आपको मारते हैं पिटते हैं , तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यदि आप डरती हैं , तो सामने वाले आपके उपर और अधिक हावी होने की कोशिश करेंगे । इसलिए जब भी कोई आपके उपर हाथ उठाएं तो उनको उनकी असली औकात दिखाना काफी अधिक जरूरी होता है। एक बार जब आप अपने अंदर हिम्मत पैदा कर लेती हैं। तो उसके बाद आपके खिलाफ कोई भी नहीं हो पाएगा । याद रखें ताकत ही सब कुछ नहीं होता है। आपने एक बार लड़ने का ठान लिया तो कोई आपको हरा नहीं सकता है।
महिला सुरक्षा के उपाय अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखें
दोस्तों असल मे यह देखा गया है कि महिलाओं के अंदर जल्दी ही किसी पर विश्वास कर लेने की आदत होती है।और यही आदत कई बार महिलों पर काफी भारी पड़ती है। यदि कोई भी अनजान इंसान आपसे बहाने से संपर्क बनाने की कोशिश करता है , तो खास कर पुरूष तो आपको दूरी बनानी चाहिए । क्योंकि आप उसके बारे मे ठीक तरह से नहीं जानते हैं। और हो सकता है कि वह बाद मे आपका फायदा उठाए । जैसे कुछ दिन पहले एक महिला के साथ ऐसा हुआ । उसने एक लड़के को अपना दोस्त बनाया और फिर उसके साथ रिलेशन बना लिये । यह कहा गया कि वह उससे शादी करेगा । लेकिन वास्वत मे ऐसा नहीं हो सका । बाद मे लड़का मुकर गया । इसी तरह से कुछ पुरूष पहले महिलाओं को अपने विश्वास मे लेते हैं और उसके बाद मौका पाकर अपराध करते हैं। इसलिए महिलाओं को अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखने की जरूरत है। यह सुरक्षा के लिए सबसे अधिक जरूरी है।
अपने माता पिता का स्पोर्ट सबसे अधिक जरूरी
दोस्तों महिलाओं को अपने माता पिता का स्पोर्ट होना काफी अधिक जरूरी होता है। आपको यह पता होना चाहिए कि इस समाज के अंदर अकेली महिला कुछ भी नहीं कर सकती है। असल मे यदि महिला के पीछे उसके माता पिता खड़े होते हैं , तो कम से कम वह किसी भी तरह की समस्या का काफी अच्छे से जवाब दे सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
महिलाओं की सुरक्षा के उपाय आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेना
दोस्तों जिन महिलाओं को अकेले काम पर जाना होता है। उनकी सुरक्षा को सबसे अधिक खतरा होता है। ऐसी स्थिति के अंदर महिलाओं को अपनी आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेना भी काफी अधिक फायदेमंद होता है। जब वे एक बार इस तरह की ट्रेनिंग लेलेती हैं। तो आपके सामने किसी भी तरह का खतरा पैदा हो जाता है। तो आप उस खतरे का आसानी से मुकाबला कर सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि आप कहीं पर अकेले जा रही हैं , और कुछ पुरूष आपको घेर लेते हैं , तो आपको उनसे बचने के लिए आपके सुरक्षा के सीखे गुरू ही बचाएंगे । क्योंकि पुलिस आपको बचाने नहीं आएगी ।
हर किसी पर भरोशा करने से बचना चाहिए
दोस्तों यदि आप एक महिला हैं , तो आपको पता ही है कि यदि एक बार आपके साथ कुछ बुरा हो जाता है , तो उसके बाद ना कानून मदद करता है और ना ही पुलिस मदद करता है। इसलिए खुद की सुरक्षा खुद ही करना चाहिए । हर किसी के उपर आपको भरोशा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए । कुछ साल पहले की बात है। यह महिला डॉक्टर थी , जोकि रात को एक स्कूटी पर अपने घर जा रही थी । तो रस्ते मे स्कूटी का टायर पेंचर हो गया । और उसने वहां पर कुछ लोगों से मदद मांगी और लड़कों ने उसकी मदद करने के बहाने उसका किटनैप कर लिया और बारी बारी से उसका रेप किया । और फिर जिंदा जला दिया । तो आपको हर किसी पर भरोशा करने से बचना होगा ।
जिन लोगों को आप बहुत पहले से ही जानती हैं। बस आपको उनके उपर ही भरोशा करना चाहिए । नहीं तो आप एक बड़ी मुश्बित के अंदर फंस सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
महिला सुरक्षा के उपाय सफर मे हथियार लेकर चलें
यदि आपको काम के सिलसिले के अंदर या फिर किसी और वजह से लंबा सफर करना पड़ता है। तो आपको अपने साथ एक हथियार लेकर चलना चाहिए । जिसके अंदर आप एक लाइसेंसी गन को ले सकती हैं। यदि ऐसा नहीं कर सकती हैं तो चाकू वैगरह सफर मे ले जा सकती हैं। या फिर पेंपर स्प्रे आप लेकर जा सकती हैं। यह सब महिलाओं की सुरक्षा करने मे काफी मदद करते हैं। यदि आपके साथ सफर मे कुछ भी गलत होता है , तो यह हथियार आपकी काफी हद तक मदद करने का काम करेंगे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हालांकि कई महिलाओं को लगता है कि हथियार किसी काम के नहीं होते हैं , लेकिन रियल्टी मे ऐसा नहीं है।
रात मे सुनसान इलाकों से निकलने मे परहेज करें
यदि आप अपनी सुरक्षा खुद नहीं कर सकती हैं। तो आपको रात के अंदर सुनसान इलाकों से निकलने मे परहेज करना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी है। क्योंकि सुनसान इलाकों के अंदर कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं ,जोकि आपको परेशान कर सकते हैं। और आपके साथ गलत कर सकते हैं । और यदि आपको सफर करना ही है , तो अपने साथ किसी पुरूष साथ को ले सकती हैं। जिससे कि आपको सुरक्षा की चिंता नहीं रहेगी । जैसे कुछ दिनों पहले एक लड़की रात मे पुल पर घूमने चली गई , तो कुछ लोगों ने उसका रेप कर दिया । अब आप जानते ही हैं कि भारत के कानून को लचर होने की वजह से जल्दी ही अपराधियों को जमानत मिल जाती है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको अपनी सुरक्षा खुद ही करनी होगी ।
यदि आपको कोई परेशान करता है तो अपने घरवालों को बताएं
यदि आप कहीं पर काम करती हैं। जैसे ऑफिस आदि के अंदर तो यदि आपको कोई परेशान करता है , तो आपको इस बात को छुपाना नहीं चाहिए । यदि आप इस बात को छुपाते हैं , तो इस तरह से अपराधियों का हौसला बढ़ जाता है। वरन आपको तुरंत ही इसका जवाब देना चाहिए । और इसके बारे मे अपने घरवालों को बता देना चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं , तो इसका फायदा यह होगा कि हर किसी की आपको छेड़ने की हिम्मत नहीं होगी । आप इस बात को समझ सकते हैं । हालांकि यह देखा गया है कि कई महिलाएं इसको इग्नोर कर देती हैं। ऐसा करने से अपराधी और अधिक भयानक हो जाता है।
छेड़छाड़ करने वाले को तुरंत जवाब देना जरूरी
यदि आप कहीं पर जा रही हैं , और आपसे कोई छेड़छाड़ करता है , तो आपको इसको तुरंत ही जवाब देना काफी अधिक जरूरी हो जाता है। यदि आप ऐसा नहीं करती हैं , तो अगले इंसान का हौसला बढ़ जाता है। यदि आप उसे तुरंत ही जवाब देती हैं , तो फिर लड़कों की हिम्मत नहीं होगी कि वह आपको किसी भी तरह से परेशान करें । आप इस बात को समझ सकती हैं।
आपका पीछा करने वालों से सावधान रहें
दोस्तों अक्सर यह देखा गया है कि जब महिलाएं घर से बाहर काम करती हैं , तो कुछ लोग उनका पीछा करने लग जाते हैं। और इस तरह के लोग काफी अधिक डेंजर हो जाते हैं। क्योंकि यह किसी भी तरह से महिलाओं का फायदा उठाने का प्रयास करते हैं तो आपको इस तरह के लोगों से सावधान रहने की जरूरत होती है। क्योंकि नहीं तो यह आपके नंबर को हाशिल करलेंगे । और आपको परेशान करने लग जाएंगे ।
अपने मोबाइल नंबर को गुप्त रखें
दोस्तों जब भी कोई पुरूष किसी महिला के पीछे लगता है , तो उसका पहला मकसद होता है , किसी भी तरह से उस महिला के मोबाइल नंबर को हाशिल कर लेना । तो आपको अपने मोबाइल नंबर को हर किसी को नहीं देना चाहिए । यदि आप काम करती हैं , तो आपको उन्हींं लोगों को अपने नंबर को देना चाहिए जिनके उपर आप भरोशा करती हैं। ताकि वे आपके नंबर को लीक ना करें । नहीं तो आपके फोन पर अन्वांटेड कॉल की बाढ़ आ जाएगी । और सारे काले इंटरनेशनल नंबर से आएंगे । आप कुछ कर भी नहीं पाएंगी ।
महिला सुरक्षा के लिए कानूनी उपाय
दोस्तों उपर हमने महिला सुरक्षा के कुछ टिप्स के बारे मे जाना । अब हम महिला सुरक्षा के कानूनी उपायों के बारे मे बात करने का प्रयास करते हैं। महिला सुरक्षा के कई सारे कानूनी उपाय है , यह बात सच है कि कुछ महिलाएं इन कानूनों का दुरपयोग भी करने का काम करती हैं। दोस्तों महिला सुरक्षा के कानूनी उपायों के अंदर सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह के कानून बनाएं हैं। तो आइए जानते हैं। उन कानूनों के बारे मे ।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961
दहेज प्रतिषेध अधिनियम1961 के अंदर देहज को लेना या फिर उसकी मांग करना अपराध के अंदर आता है। यदि लड़की पक्ष से लड़का पक्ष देहज की मांग करता है। तो यह अपराध के अंदर आता है। और इसकी वजह से किसी महिला को प्रताड़ित किया जाता है , तो उसकी वजह से 15 हजार का जुर्माना और अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है। हालांकि आपको बतादें कि यदि कोई वर पक्ष बिना कोई मांग किये ही लड़की पक्ष अपनी मर्जी से जो कुछ भी देता है , उसको देहज के अंदर नहीं माना जाएगा । लेकिन यदि वर पक्ष लड़की पक्ष से कुछ भी मांग करता है। तो उसको देहज के अंदर माना जाएगा । और इस तरह के अपराध को दंडनिय अपराध के अंदर माना जाएगा । यदि किसी महिला को शादी के बाद या शादी से पहले देहज को लेकर परेशान किया जाता है , तो इसको अपराध माना जाएगा । और महिलाएं इसके लिए कानून का सहारा ले सकती हैं। कई केस के अंदर ऐसा होता है , जब शादी के बाद देहज की मांग को लेकर महिलाओं को घर से निकाल दिया जाता है। जो महिलाएं कोर्ट की मदद ले सकती हैं।
हालांकि सरकार ने भले ही कानून बना दिया है। लेकिन आमतौर पर हर माता पिता चाहता है कि उसकी लड़की की शादी किसी अमीर घर के अंदर हो और आपको पता ही है कि अमीर लोग मांग कर देहज लेते हैं। और लड़की वालों को देना ही होता है। इसके अलावा कोई और चारा उनके पास नहीं होता है।
महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व, 1986
महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व, 1986 के अंदर किसी भी महिला का अश्लील तरीके से चित्रण करना पूरी तरह से बैन है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
“विज्ञापन” में कोई भी नोटिस, परिपत्र, लेबल, रैपर या अन्य दस्तावेज़ शामिल हैं और इसमें किसी प्रकाश, ध्वनि, धुआं या गैस के माध्यम से किया गया कोई भी दृश्य प्रतिनिधित्व भी शामिल है; “वितरण” में नमूनों के माध्यम से वितरण शामिल है चाहे वह मुफ़्त हो या अन्यथा; “महिलाओं का अशोभनीय प्रतिनिधित्व” का अर्थ है किसी महिला की छवि का किसी भी तरीके से चित्रण; उसका रूप या शरीर या उसका कोई भी भाग इस तरह से कि उसका प्रभाव महिलाओं के प्रति अशोभनीय, या अपमानजनक, या बदनामी करने वाला हो, या सार्वजनिक नैतिकता या नैतिकता को अपमानित करने, भ्रष्ट करने या घायल करने की संभावना हो; “लेबल” का अर्थ है किसी पैकेज पर चिपकाया गया या दिखाई देने वाला कोई लिखित, चिह्नित, मुद्रांकित, मुद्रित या ग्राफ़िक पदार्थ; “पैकेज” में एक बॉक्स, एक कार्टन, टिन या अन्य कंटेनर कहने का मतलब यही है कि कोई भी इंसान ऐसे किसी विज्ञापन को प्रकाशित नहीं करवा सकता है। जिसके अंदर महिलाओं का किसी भी तरह से गलत तरीके से चित्रण किया गया हो । इसको अपराध के तौर पर माना जाता है।
कोई भी व्यक्ति किसी पुस्तक, पैम्फलेट, कागज, स्लाइड, फिल्म, लेखन, ड्राइंग, पेंटिंग, फोटोग्राफ, प्रतिनिधित्व का उत्पादन या निर्माण नहीं करेगा, बिक्री नहीं करेगा, किराए पर नहीं देगा, वितरित नहीं करेगा, प्रसारित नहीं करेगा या डाक से नहीं भेजेगा। जिसके उपर महिलाओं को गलत तरीके से चित्रित किया गया हो ।
इस तरह का अपराध यदि कोई कंपनी का प्रभारी अधिकारी करता है। जिसकी जानकारी मे या जिसकी मिलीभगत के अंदर सब कुछ हो गया हो तो इस तरह से उस प्रभारी और अधिकारी को सजा भुगतनी होगी । लेकिन यदि प्रभारी और अधिकारी को इस तरह के किसी भी चित्रण की जानकारी नहीं है। या उसको इसके बारे मे उसे नहीं पता है , तो वह अपराध की सजा को भुगतने के लिए योग्य नहीं होगा । फिर उन लोगों पर कार्यवाही की जाएगी , जोकि इस तरह के काम करने के लिए जिम्मेदार हैं।
सती प्रथा (निवारण) अधिनियम एवं नियमावली, 1987
आपको बतादे कि सती प्रथा भी भारत के अंदर एक कानून है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।सती प्रथा के अंदर किसी स्त्री के पति की मौत हो जाने के बाद उस स्त्री को जबरन ही उस अर्थी पर जलाने की कोशिश की जाती है , जिसको हम अपराध के अंदर देखते हैं। असल मे यह अधिनियम कई तरह के कार्यों पर लागू होता है।
जैसे कि सती प्रथा का समर्थना करना ।
सती हो चुकी स्त्री का किसी भी तरह से गुणगान करना है।
जिस स्त्री ने सती किया है । उसकी याद के अंदर कुछ बनाना जैसे की मंदिर का निर्माण करना या फिर किसी और तरह की चीजों को बनाना जैसे कि उसकी पूजा करना है ।
किसी स्त्री के पति की मौत के बाद स्त्री को उसके साथ जलाना भले ही यह सब उस स्त्री की इच्छा से ही किया गया हो । अपराध के अंदर आता है।
इसके अलावा सती कर्म को याद करने के रूप मे किसी भी तरह का भवन बनाना या फिर किसी तरह की संरचना को बनाना भी एक तरह से अपराध के अंदर आता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
भारतिय दंड सहिता 1860 का 45 के के अंदर यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी तरह से सती होने का प्रयास करना को अपराध माना गया है।इसके अंदर जो लोग शामिल होते हैं। उनको दोष सिद्ध होने पर जुर्माने और छ माह तक की सजा हो सकती है।
यदि कोई स्त्री किसी की प्रेरणा से सती कर्म करती है। तो उसकी वजह से यदि स्त्री की मौत हो जाती है तो फिर यह सब करवाने वाले इंसान को मौत तक की सजा हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि किसी स्त्री को सती कर्म करने के लिए प्रेरित किया जाता है। भले ही वह दिमागी स्थिति के अंदर ठीक नहीं है तो यह अपराध होगा ।
यदि कोई किसी स्त्री को सति होने का विश्वास करवाता है कि इससे उसके पति को कुछ फायदा होगा ।
यदि कोई इंसान किसी स्त्री को सती होने के लिए रोकने का प्रयास नहीं करता है , जबकि वह रोक सकता था तो यह भी अपराध के अंदर आता है।
इसके अलावा जो कोई भी सती के गौरव का गान करेगा । उसे भी अपराधी माना जाएगा । और उसको एक साल तक की सजा और 30 हजार रूपये तक का जुर्माना देना होगा ।इस तरह से सती प्रथा निरोध अधिनियम के अंदर कलेक्टर आदि को भी काफी अधिक पॉवर दिया गया है। और सती की संपति को राज्य सरकार अपने अधीन ले सकती है। तो यह सब चीजें इस अधिनियम के अंदर बताई गई हैं। तो यदि किसी महिला पर इस तरह का दबाव डाला जाता है , तो उसको अपराध माना जाएगा ।
राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम,1990
राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 के अंदर महिला आयोग का गठन किया गया है। जिसके अंदर महिलाओं के अधिकारों को लेकर काफी चर्चा हुई है। इसके अंदर 6 सदस्य होते हैं। और एक अध्यक्ष होता है , जोकि महिलाओं के अधिकारों को लेकर आवाज उठाते हैं।
(ख) उन रक्षोपायों के कार्यकरण के बारे में प्र| अन्य समयों पर जो आयोग ठीक समझे, केन्द्रीय सरकार की | रिपोर्ट देना;
(ग) ऐसी रिपोर्टों में महिलाओं की दशा सुधारने के लिए संघ यां किसी राज्य द्वारा उन रक्षोपायों के प्रभावी क्रियान्वयन के : लिए सिफारिशें करना;
(घ) संविधान और अन्य विधियों के महिलाओं को प्रभावित करने वाले विद्यमान उपबंधों का समय-समय पर पुनर्विलोकन करना. और उनके संशोधनों की सिफारिश करना जिससे कि ऐसे विधानों में किसी कमी, अपर्याप्तता या न्रुटियों को दूर करने के लिए उपचारी विधायी उपायों का सुझाव दिया जा सके; (ड) संविधान और अन्य विधियों के उपबंधों के महिलाओं से संबंधित अतिक्रमण के मामलों को समुचित प्राधिकारियों के समक्ष उठाना; | . (च) निम्नलिखिंत से संबंधित विषयों पर शिकायतों की जांच करना ह और स्वप्रेरणा से ध्यान देना- – . (0) महिलाओं के अधिकारों का वंचन;
(1) महिलाओं को संरक्षण प्रदान करने के लिए और समता ‘ तथा विकास का उचद्येश्य प्राप्त करने के लिए भी अधिनियमित विधियों का अक्रियान्वयन;
मसहिलाओं की कठिनाइयों को कम करने और उनका
कल्याण सुनिश्चित करने तथा उनको अनुतोष उपलब्ध
कराने के प्रयोजनार्थ नीतिगत विनिश्चियों, मार्गदर्शक
सिद्धान्तों या अनुदेशों का अनुपालन, और ऐसे विषयों
से उद्भूत प्रश्नों को समुचित प्राधिकारियों के समक्ष उठाना
(छ) महिलाओं के विरुद्ध विभेद और अत्याचारों से yaa
विनिर्दिष्ट समस्याओं या स्थितियों का विशेष अध्ययन या
अन्वेषण कराना और बाधाओं का पता लगाना जिससे कि
उनको दूर करने की कार्य योजनाओं की सिफारिश की जा
सके
(ज) संवर्धन और शिक्षा संबंधी अनुसंधान करना जिससे कि |
महिलाओं का सभी क्षेत्रों में सम्यक् प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के उपायों का सुझाव दिया जा सके और उनकी उन्नति
में अड़चन डालने के लिए उत्तरदायी कारणों का पता लगाना . जैसे कि आवास और बुनियादी सेवाओं की प्राप्ति में कमी, .
उबाउपन और उपजीविकाजन्य स्वास्थ्य परिसंकटों को कम
करने के लिए और महिलाओं की उत्पादकता की वृद्धि के
लिए सहायक सेवाओं और प्रौद्योगिकी की अपर्याप्तता;
(झ) महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया
में भाग लेना और उन पर सलाह देना;
(अ) संघ और किसी राज्य के अधीन महिलाओं के विकास की
प्रगति का मूल्यांकन करना;
(ट) किसी जेल, सुधार ग्रृह, महिलाओं की संस्था या अभिरक्षा के.
अन्य स्थान का, जहां महिलाओं को बंदी के रूप में या
अन्यथा रखा जाता है, निरीक्षण करना या करवाना और
«.. उपचारी कार्रवाई के लिए, यदि आवश्यक हो, संबंधित
से बातचीत करना
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005″ के तहत नियम
यदि किसी महिला को प्रताड़ित किया जाता है। घर मे उसके परिजनों या रिश्ते दारों के द्धारा तो उसको घरेलू हिंसा के अंदर आता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।घरेलू हिंसा होने की दशा मे संरक्षक अधिकारी को इसकी सूचना दी जा सकती है। इसके लिए सूचना देने वाले व्यक्ति का हस्ताक्षर लिया जाएगा । उसके बाद अधिकारी घरेलू हिंसा की रिपोर्ट तैयार करेगा । और उसकी एक प्रति मजिस्ट्रेट को देगा और स्थानिय पुलिस स्टेशन के अंदर इसकी सूचना देगा ।
- मार पीट करना,
- (ii) थप्पड़ मारता,
- (iii) Gay ART,
- (1५) दांत से काटना,
- (९) लात मारना,
- (शी) धक्का देना,
- (090 किसी अन्य रीति से शारीरिक पीड़ा या क्षति पहुंचना
इन सभी को शारीरिक घरेलू हिंसा के तौर पर माना जाता है। और यह एक तरह का अपराध है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।
बलात् लैंगिक मैथुन ; (1) आपको अश्लील साहित्य या कोई अन्य -अश्लील तस्वीरों या सामग्री को देखने को लिए गऊबूर करता हैं ; (1) आपसे दुर्च्ववहार करने, अपमानित करने या नीचा दिखाने की लैंगिक प्रकृति का कोई अन्य कार्य अन्यथा जो आपकी प्रतिष्ठा का उल्लंघन करता हो या कोई अन्य अरचीकार्य लैंगिक प्रकृति का हो ; (९) बालकों के साथ लैगिक दुर्व्यवहार ।इन सबको भी घरेलू हिंसा के तौर पर माना जाता है।
(1) गालियां देना ;
(iii) आपके घरित्र और आचरण इत्यादि पर दोषारोपण ;
(iv) संतान न होने के लिए अपमान करना ;
(५) दहेज इत्यादि न लाने पर अपमान करना ;
इन सभी को भी हिंसा के तौर पर माना जाता है। यदि किसी महिला को घरेलू हिंसा से प्रताड़ित किया जाता है , तो वह अपनी सुरक्षा के लिए कानून की मदद ले सकता है। हालांकि एक गरीब महिला कुछ नहीं कर सकती है। क्योंकि कोर्ट मे केस लड़ने के लिए आपके पास पैसा होना चाहिए । नहीं तो आप टिक नहीं सकती हैं।
- आपको नौकरी करने से निवारित करना ;
- आप पर नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना ;
- (५) आपको या आपकी अभिरक्षा में किसी बालक को घर से चले जाने से रोकना ;
- (५) घटनाओं के समान्यक्रम में आपको किसी व्यक्ति से मिलने से निवारित करना ;
- (४1) जब आप विवाह नहीं करना चाहती हों तो विवाह करने के लिए आप को मजबूर करना ;
- (xii) आपकी अपनी पसन्द के व्यक्ति से विवाह करने से आपको रोकना
- (xiii) अपनी पसन्द के किसी विशेष व्यक्ति से विवाह करने के लिए मजबूर करना
- आत्महत्या करने की धमकी दैना
यह सब चीजें भी घरेलू हिंसा के अंदर आती हैं आप इस बात को समझ सकते हैं।
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