maida kis chij se banta hai मैदा कैसे बनता है ,मैदा का नाम तो आपने अच्छी तरह से सुना ही होगा ।और मैदा का काफी अधिक प्रयोग भी किया होगा । इसके बारे मे आप जानते हैं। आजकल मैदा काफी अधिक प्रयोग किया जा रहा है। घरों मे भी मैदे का प्रयोग काफी अधिक प्रयोग किया जा रहा है। घरों मे आजकल कई तरह के पकवानों के बनाने मे मैदा का प्रयोग काफी अधिक किया जा रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।दोस्तों मैदे को लेकर कई लोगों को इसके बारे मे जानकारी नहीं है। तो हम आपको बतादें कि मैदा का प्रयोग हम घरों के अंदर कचरी और समोसे को बनाने के लिए काफी अधिक करते हैं। और इसकी मदद से फालरी भी बनाई जाती हैं।
वैसे मैदा अधिक खाना काफी हानिकारक होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो मैदा का प्रयोग हमेशा ही कम ही करना चाहिए । वरना यह नुकसान कर सकता है। इसको पचाना काफी कठिन होता है।
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मैदा कैसे बनता है maida kis chij se banta hai
दोस्तों आपको बतादें कि मैंदा आमतौर पर गेंहू से ही बनता है। हालांकि यह गेंहू के आटे की तरह फायदेमंद नहीं होता है क्योंकि इसको किसी खास तरह से बनाया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।मैदा बनाने के लिए गेहूं के आटे का प्रयोग किया जाता है। मैदा सिर्फ गेहूं के सफेद आटे की मदद से ही बनाया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसको काफी अधिक प्रोसेस किया जाता है जिससे कि इसका फाइबर दूर हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- सबसे पहले मैदा को बनाने के लिए गेहूं के कचरे को अच्छी तरह से साफ किया जाता है। जैसे गंदगी, धूल, खरपतवार, पत्थर, हस्क आदि को साफ करके निकाल लिया जाता है। इसके अंदर काफी अधिक समय लगता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
- जब गेहूं अच्छी तरह से साफ हो जाते हैं तो उनकी भूसी को पूरी तरह से हटा दिया जाता है और उसके बाद सिर्फ गेहूं ही बच जाता है। जोकि एक तरह से अच्छी बात है। यह साफ सुथरा गेहूं होता है।
- उसके बाद गेहूं को हाई प्रेशर रोलर से ग्राइंड किया जाता है। और उसके बाद इसमे सफेद पाउडर आ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हालांकि यह मैदा नहीं होता है। मैदा बनने मे और समय लगता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- मैदे की ब्लीचिंग और केमिकल प्रोसेसिंग की जाती है। यही कारण है कि इसका रंग गेहूं के आटे से अलग होता है। और यहां पर इसको सही तरह से प्रोसेस किया जाता है। अब आपका मैदा लगभग तैयार हो चुका है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- अब मैदा अलग-अलग फिल्टर प्रोसेस से होकर पैकेजिंग में जाता है। इस प्रोसेस में वो सभी पार्टिकल्स निकाले जाते हैं जो पहले की प्रोसेसिंग में नहीं निकल पाए। अब इस मैदे को पैक कर लिया जाता है और उसके बाद इसको सही से पैक किया जाता है और मार्केट के अंदर भेज दिया जाता है।
मैदा खाने के फायदे
दोस्तों मैदा काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों मैदा एक तरह से कई चीजों को बनाने मे काम आता है जैसे पिज्ज, बर्गर, समोसा, नूडल्स, मोमोज आदि के अंदर यह काम आता है। वैसे मैदे से बनने वाली चीजें काफी फायदेमंद होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
वैसे भारत और पाकिस्तान के अंदर मैदे का काफी अधिक प्रयोग किया जाता है। अब यदि आप मैदे का सेवन करते हैं तो आपको इसके फायदे के बारे मे भी पता होना चाहिए । तो आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे मे विस्तार से और आप समझ सकते हैं।
मैदा खाने के फायदे वजन बढ़ाने के लिए
दोस्तों मैदा खाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह वजन को बढ़ाने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपका वजन काफी कम है तो आप मैदे का सेवन कर सकते हैं। यह आपके वजन को बढ़ाने का काम करता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप वजन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं तो आप मैदे का सेवन कर सकते हैं। यह आपके वजन को बढ़ाने के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । हालांकि अधिक मैदे का सेवन करना आपके के लिए नुकसानदायी हो सकता है। इसलिए मैदे का सेवन कम करें।
वैसे भी वजन को बढ़ाने का यह एकमात्र तरीका नहीं है। इसके अलावा बहुत सारे तरीके हैं जिसकी मदद से आप अपने वजन को बढा सकते हैं और आप उन तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। आसानी से आपका वजन बढ़ सकता है।
मैदा खाने के फायदे यह काफी स्वादिष्ट होता है
दोस्तों मैदा खाने का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह काफी स्वादिष्ट होता है। इससे बने पकवान यदि आप खाते हैं तो यह आपके स्वाद को काफी बढ़ा देते हैं। यदि आप स्वाद को पसंद करते हैं तो आपको मैदा जरूरी ही खाना चाहिए । कुछ लोग स्वाद को काफी अधिक पसंद करते हैं तो उनके लिए मैदा काफी अच्छा होता है और उनको मैदा खाना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
मैदे की मदद से कई सारी चीजों को बनाया जाता है। और आप उनका स्वाद चख सकते हैं। जोकि आपके लिए एक अलग तरह का एहसास हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । मैदे का उपयोग पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता आदि जैसे व्यंजनों में किया जाता है।
वैसे आपको बतादें कि मैदे का सेवन हम आमतौर स्वादिष्ट होने की वजह से करते हैं लेकिन आपकेा बतादें कि इसके फायदे की बजाय नुकसान काफी अधिक होते हैं। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए । तो आइए जानते हैं कि मैदे के खाने से आपको क्या क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
तो आइए जानते हैं मैदे के नुकसान के बारे मे । कई वैज्ञानिकों ने मैदे के नुकसान के बारे मे बताएं तो आइए एक बार मैदे के नुकसानों पर भी गौर कर लेते हैं।
मैदा खाने के नुकसान इंसुलिन रेजिसटेंस
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि यदि आप अधिक मैदे का सेवन करते हैं तो यह इंसुलीन प्रतिरोधक की समस्या हो सकती है।अग्न्याशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलीन का उत्पादन करती हैं। और यह चीनी के अवशोषण के अंदर मदद करती हैं।जब रक्त शर्करा स्तर के अंदर बढ़ोतरी हो जाती है तो इंसुलीन रजिस्टेश के अंदर काशिकाएं अधिक रक्त शर्करा को अवशोषित नहीं कर पाती हैं। जिससे कि काफी अधिक समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।मोटापा और अधिक वजन, शारीरिक निष्क्रियता या एक गतिहीन जीवन, वृद्धावस्था या 45 वर्ष से अधिक, बच्चे का मोटा होना, गर्भावस्था के दौरान आदि के अंदर मधुमेह हो सकता है।
इंसुलिन रेजिसटेंस की समस्या यदि आपको है तो आपको मैदा का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह आपके लिए काफी अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
डिस्लिपिडेमिया होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है
दोस्तों डिस्लिपिडेमिया होने का खतरा मैदा का सेवन करने से काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा । ख़ून के अंदर जब अघुलनशील पदार्थों की मात्रा काफी अधिक बढ़ जाती है तो उसकी वजह से डिस्लिपिडेमिया होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।डिसलिपिडिमिया का मतलब होता है कि आपके रक्त के अंदर खराब कॉलेस्ट्रॉल काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
डिसलिपिडिमिया के साथ यदि आपको किसी दूसरी तरह की बीमारी है तो फिर आपको इसके असर को कम करने के लिए कई तरह की दवाएं लेनी पड़ सकती है। लेकिन खराब कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए के लिए आप कुछ अच्छी चीजों का सेवन कर सकते हैं। सब्ज़ी फल, साबुत अनाज और सेहतमंद, अनसैचुरेटेड फ़ैट वाले सूखे मेवें, बीज, दाल, फ़िश आदि का सेवन कर सकते हैं। इनके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।इसके अलावा यदि आपका वजन काफी अधिक बढ़ चुका है तो आपको अपने वजन को कम करने के बारे मे विचार करना होगा । अधिक बढ़ा हुआ वजन काफी अधिक नुकसान कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
अधिक ब्लड प्रेसर होने के चांस बढ़ जाते हैं मैदा खाने से
दोस्तों यदि आपका ब्लडप्रेसर काफी अधिक है तो फिर आपको मैदा का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि मैदा का सेवन आपके ब्लडप्रेसर को काफी अधिक बढ़ा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आपको उन सभी चीजों से परहेज करना चाहिए । जोकि ब्लड प्रेसर को बढ़ाने का काम करते हैं जैसे नमक नींबू और खारी चीजें जैसे करेला आंवला । इस तरह की चीजों का आप बहुत ही कम सेवन करें। तभी फायदेमंद होगा ।
हृदय रोग होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं
दोस्तों मैदा यदि आप अधिक मात्रा के अंदर सेवन करते हैं तो यह आपके पेट को तो भर देता है लेकिन इसके अंदर किसी तरह का पोषण नहीं होता है या लगभग ना के बराबर होता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपके पेट की भूख तो मिटती रहती है लेकिन शरीर की जरूरी चीजों की पूर्ति नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर शरीर काफी कमजोर हो सकता है। और यदि आपके हर्ट को सही मात्रा मे पोषण नहीं मिल पाता है तो उसके बाद हर्ट कमजोर होने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि आपको पहले से हर्ट से जुड़ी किसी तरह की बीमारी है तो फिर आपको चाहिए कि आप मैदे का सेवन ना करें। क्योंकि मैदे का सेवन आपके लिए काफी डेंजर हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
क्योंकि हर्ट की बीमारी के अंदर काफी अधिक पोषण की जरूरत होती है। यदि आपके शरीर को उचित मात्रा मे पोषण नहीं मिल पाता है तो उसके बाद काफी अधिक समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
मोटापा अधिक बढ़ सकता है
दोस्तों यदि आप पहले से ही अधिक मोटे हैं तो फिर आपको मैदे का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि मैदा का सेवन आपके मोटापे को काफी अधिक बढ़ा सकता है। और आप तो जानते हैं कि अधिक मोटापा काफी डेंजर होता है। जो इंसान काफी अधिक मोटे हो जाते हैं उनको कई तरह के रोग घेर लेते हैं जिनकी वजह से उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
यदि आप वजन को कम करने के लिए एक्सरसाइज कर रहे हैं तो फिर भूलकर भी मैदे का सेवन ना करें । यही आपके लिए सही होगा । क्योंकि यह आपके वजन को कम नहीं करेगा । वरन यह आपके वजन को बढ़ा देगा । और आपकी मेहनत का कोई भी फायदा नहीं होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
लेकिन अक्सर यह देखा गया है कि मोटे लोग अपने खाने पीने की चीजों पर नियंत्रित नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से वे और अधिक मोटे होते चले जाते हैं। और कुछ लोगों का मोटापा बढ़ने लग जाता है तो उसके बाद यह कम होने का नाम ही नहीं लेता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आप भी मोटापे का शिकार हैं तो फिर मैदे से बनी चीजों से कि कचौरी और समोसा आदि से दूरी बना लें । और इनका सेवन ना करें । इसके अलावा इस तरह कि किसी भी चीजों का सेवन ना करें जोकि मोटापे को बढ़ाने का काम करती हैं। क्योंकि यह आपके लिए और अधिक समस्या पैदा कर सकती है।।
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि मोटापा को कम किस तरह से करना है ?
मैदा खाने के नुकसान पेट गैस होना
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा के अंदर कोई खास अच्छे पोषक तत्व नहीं होता है। इसलिए मैदा को खाना कोई खास फायदेमंद नहीं होता है। इसकी जो प्रकृति होती है वह अम्लीय होती है। इसकी वजह से यह पेट गैस पैदा कर सकती है। यदि आपको पहले से ही पेट गैस की समस्या होती है तो फिर आपके लिए मैदा नहीं बना है आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।जब पेट के अंदर ऐसिड बनने लग जाता है तो इसको ऐसिडिटी के नाम से जाना जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।जब कोई इंसान ऐसिडिटी से झूझ रहा है तो उसके शरीर में अपच, गैस्ट्रिक सूजन, हार्टबर्न, एसोफेगस में दर्द, पेट में अल्सर और पेट में जलन जैसी समस्या होने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते है।।आपको बतादें कि पेट हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्त्राव करता है। यह पेट के भोजन को तोड़ने के लिए होता है। लेकिन ऐसिडिटी होने की दशा मे पेट मे कई तरह की सूजन और अल्सर होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
यदि किसी को ऐसिडिटी की समस्या है तो फिर इसके कई सारे उपाय हैं। आप घरेलू उपचार आजमा सकते हैं। जिसकी मदद से पेट गैस को ठीक किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । पेट गैस की वजह से कई तरह के लक्षण प्रकट हो सकते हैं जिसकी मदद से पेट गैस होने का पता आसानी से चल जाता है। गैस को कम करने के लिए कई तरह की दवाएं मौजूद हैं जिनकी मदद से उपचार किया जा सकता है।
- पेट में जलन
- गले में जलन
- बेचैनी
- डकार आना
- जी मिचलाना
- मुंह का स्वाद खट्टा स्वाद
- खट्टी डकार
- कब्ज़
यदि आपको उपर दिये गए लक्षण दिखाई देते हैं तो इसका मतलब पेट के अंदर ऐसिडिटी की समस्या हो सकती है। और आपको इसके लिए उचित उपाय किये जा सकते हैं । खाना ठीक तरह से पचे गैस कम बने इसके लिए आप पाचक गोली का सेवन कर सकते हैं।
एसिडिटी से बचाव के उपाय की यदि हम बात करें तो इसके लिए आप कई तरह के उपाय आजमा सकते हैं जोकि आपको एसिडिटी से राहत दे सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- सबसे पहले आपको चाहिए कि आप मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए । मसालेदार भोजन का सेवन करना आपके लिए सही नहीं होगा तो मसालेदार भोजन से पेट गैस की समस्या काफी अधिक होती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
- इसके अलावा अपनी डाइट के अंदर अधिक से अधिक फल और सब्जी को शामिल करना चाहिए । यह बहुत अधिक जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
- तुलसी के पत्ते, लौंग, सौंफ आदि चबाएं।
- और अच्छी नींद का लेना बहुत अधिक जरूरी होता है।क्योंकि यदि आप सही तरह से नींद नहीं लेते हैं तो आपको अपच की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
मैदा खाने के नुकसान कब्ज होना
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा खाने से कब्ज की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। कब्ज यदि आपको होती है तो इसका मतलब यह है कि आपको मल त्याग मे काफी समस्याएं आती हैं। कब्ज होने से मल काफी कठोर हो जाता है। जिसकी वजह से उसे त्याग करने मे काफी अधिक जोर लगाना पड़ता है।आमतौर पर भोजन से बहुत अधिक पानी अवशोषित होने की वजह से कब्ज हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसके अलावा और भी कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से कब्ज की समस्या देखने को मिलती है। जैसे कि दवाओं की वजह से शारीरिक गतिविधि के अंदर कमी होने की वजह से कब्ज हो सकती है।
वैसे कब्ज कुछ लोगों को बस कुछ समय के लिए ही होती है और यह अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ दूसरे लोगों को कब्ज काफी लंबी होती है। और यह अपने आप ही ठीक नहीं होती है। इसलिए उनको इलाज करवाने की जरूरत होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
वैसे भी यदि आपको किसी तरह की कब्ज की समस्या है तो फिर एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को समझ सकते हैं
- दोस्तों कब्ज के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं। जिनकी मदद से हम कब्ज को बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं तो आइए जानते हैं कब्ज के लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।
- जिन लोगों को कब्ज होती है उनको मल अपने आप ही नहीं आता है उनको मल का त्याग करने मे काफी अधिक जोर लगाना पड़ता है।
- इसके अलावा जिन लोगों को कब्ज होता है। उनको काफी समस्या होती है। जैसे कि उनकी जीभ मटमैली होती है। और मुहं का स्वाद बिगड़ जाता है।
- इसके अलावा जिन लोगों को कब्ज होती है उनको भूख नहीं लगती है और मतली और जी घबराने जैसी समस्याएं होती हैं आप इस बात को समझ सकते हैं।
- पेट में सूजन या पेट दर्द आदि भी कब्ज की वजह से हो सकता है। और अधूरे मल त्याग की भावना होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
अब दोस्तों यदि हम कब्ज के कारणों की बात करे तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जोकि कब्ज की वजह बन सकता है। दोस्तों अधिकतर केस के अंदर जो कब्ज का कारण होता है वह हमारे खाने पीने की वजह से हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
खाने पीने की चीजों के अंदर फाइबर और पानी की कमी की वजह से कब्ज की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।फाइबर घुलनशील और अघुलनशील रूपों में आता है। और आपको घुलनशील फाइबर का सेवन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
- कम फाइबर वाला आहार, विशेष रूप से ज्यादा मांस, दूध, या पनीर वाला आहार
- निर्जलीकरण
- व्यायाम की कमी
- मलत्याग करने में बार-बार देरी करना
- दवाएं
- गर्भावस्था
- आंतों मे रूकावट
इसके अलावा दोस्तों आपको बतादें कि कब्ज के उपर दिये गए कारण होते हैं यदि आप अपनी जीवन शैली के अंदर थोड़ा भी बदलाव करते हैं तो आप कब्ज की समस्या को दूर कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कब्ज के बचाव के लिए क्या क्या उपाय किये जा सकते हैं इसके बारे मे भी हम आपको बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं इसके बारे मे विस्तार से
- दोस्तों यदि आपको कब्ज से बचना है तो फिर आपको फल, सब्जियाँ, फलियाँ, और साबुत अनाज आदि का सेवन अधिक करना चाहिए । जिससे कि कब्ज से छूटकारा मिल जाएगा ।
- आपको यदि कब्ज से बचना है तो पानी का सेवन खूब करना चाहिए । इससे मल आमतौर पर नरम होता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
- कैफीन से बचें। चाय और कॉफी निर्जलीकरण कर सकते हैं।
- जब भी लैट्रिंग जाने की इच्छा हो आपको लैट्रिंग जरूरी ही जाना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों अब यदि हम कब्ज के नुकसान की बात करें तो इसके कई सारे नुकसान हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं
- जब कब्ज लंबे समय तक चलता है तो इसके अंदर बवासीर होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा फिशर के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। फिशर का मतलब होता है गुदा भाग के अंदर एक तरह की कट लग जाना ।
- इसके अलावा यदि बवासीर हो जाता है तो मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाने की वजह से गुदा बाहर आ जाता है। यह भी काफी डेंजर समस्या होती है।
मैदा खाने के नुकसान हडियों को नुकसान
दोस्तों यदि आप मैदा का सेवन करते हैं तो यह हडियों को काफी अधिक नुकसान पहुंचाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । मैदा हडियों से कैल्शियम खींचने लग जाता है जिसकी वजह से काफी अधिक नुकसान हो सकता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।इसके अलावा आपके मसल्स भी काफी अधिक कमजोर होने लग जाते हैं। यह आपके लिए काफी डेंजर समस्या है। यदि आप अपने शरीर को बनाने मे लगे हुए हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप मैदे का सेवन ना करें । क्योंकि मैदा आपकी सेहत के लिए नुकसानदायी होता है। और यदि आपको पहले से अर्थराइटिस की समस्या है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
मैदा खाने से आपको लत लग सकती है
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा खाने से आपको लत लग सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जैसे कि मैदे के कई सारे स्वादिष्ट चीजों को बनाया जाता है। जैसे कि मैदे की समोसा कचोरी बर्गर, मोमो, बिस्कुट आदि बनाये जाते हैं। यदि आप इनको खाते हैं तो आपको इनकी लत लग सकती है। और उसके बाद जब भी आप बाहर जाएंगे तो आपको इनकी खाने की इच्छा होने लग जाएगी । और इसका परिणाम यह होगा कि आपके शरीर के अंदर उचित पोषण नहीं पहुंच पाएगा । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।ऐसी स्थिति के अंदर आपके शरीर पर इसके दुष्प्रभाव देखने को मिलने लग जाएंगे आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।
इसलिए भी मैदा युक्त खाने पीने की चीजों का सेवन आपको कम ही करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
आमतौर पर मैदे से बनी चीजें हम स्वाद की वजह से बार बार खाते हैं जिसकी वजह से हमें लत लग जाती है जबकि मैदे के अंदर कोई पोषक तत्व नहीं होती है। इस वजह से शरीर मे कमजोरी आ जाती है आप इस बात को समझ सकते हैं।
याददाश्त का कम होना व मानसिक थकान
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा आपके लिए काफी हानिकारक होता है। सबसे बड़ा कारण यह है कि यह आपके दिमाग को भी प्रभावित करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आपको बतादें कि मैदा के अंदर ग्लूटेन काफी अधिक मात्रा मे होता है। और यह किसी तरह के पोषक तत्व को प्रदान नहीं करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।यह आपके दिमाग को काफी अधिक प्रभावित करता है।आपकी यादाश्त काफी कमजोर हो सकती है और इसकी वजह से आपको मानसिक थकान भी हो सकती है।
यदि आपको पहले से ही कम दिमाग की समस्या है या आपको लगता है कि आपकी यादाश्त काफी कमजोर है तो फिर आपको मैदा का सेवन नहीं करना चाहिए । वरना यह आपके लिए काफी डेंजर हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा मानसिक थकान भी मैदे की एक समस्या होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप अधिक मैदा का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से आपको जल्दी मानसिक थकान आ जाएगी । आप इस बात को समझ सकते हैं।
वैसे यदि आप कम मात्रा मे मैदे का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप कम मात्रा मे मैदे का सेवन करें । और खासतौर पर आपको रोजाना मैदे का सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो यह नुकसान ही करेगा ।
मैदा खाने के नुकसान कमजोर इम्यूनिटी
दोस्तों आपको पता ही है कि शरीर की रोगों से रक्षा करने के लिए इम्यूनिटी का होना बहुत ही जरूरी होता है। यदि शरीर के अंदर इम्यूनिटी नहीं है तो उसके बाद आप बार बार बीमार पड़ेंगे । और यदि आपको लगता है कि मैदा खाना या मैदे से बनी चीजों का खाना ठीक रहेगा तो आप गलत सोच रहे हैं। मैदा खाना सही नहीं होगा । आप नास्ते वैगरह के अंदर मैदे से बनी चीजों का प्रयोग ना ही करें तो यह फायदेमंद होगा । यदि आप मैदे से बनी चीजों का प्रयोग करते हैं तो यह नुकसानदायी होगा । शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए उचित पोषण की जरूरत हो सकती है।
जब आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाएगी तो आप बार बार बीमार पड़ने लगेंगे । इसलिए आपको मैदा रोजाना सेवन नहीं करना चाहिए । यह आपके लिए सिर्फ नुकसान ही लेकर आता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
इस तरह से मैदा का सेवन करना आपके लिए नुकसानदायी होता है। हां यदि आप कभी कभार मैदा खाते हैं तो यह आपके लिए किसी तरह का नुकसान नहीं करता है। लेकिन यदि आप इसको रोजाना खाने लगे तो फिर सही नहीं होगा । सिर्फ स्वाद मे खुद को नष्ट ना करें ।
फाइबर की कमी मैदे मे होती है
दोस्तों मैदा खाने का एक बड़ा नुकसान फाइबर की कमी भी होती है आटे से 80 फीसदी कम फाइबर मैदा के अंदर होता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । आटे की तुलना मे यह कम फाइबर कब्ज जैसी समस्या पैदा करता है। यदि आपको पहले से ही कब्ज की समस्या है तो फिर मैदे का सेवन आपको तो करना ही नहीं चाहिए । वरना आपके लिए बड़ा नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
क्योंकि यदि आप कब्ज मे अधिक मैदा का सेवन करेंगे तो यह आपके लिए और अधिक नुकसान का सौदा होगा आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसलिए ऐसा ना करें तो ही बेहतर होगा ।
और बाद मे यदि कब्ज लंबे समय तक चलती है तो फिर यह आपके लिए और अधिक घातक हो सकती है। क्योंकि ऐसा होने पर यह आपको कई अन्य रोग भी दे सकती है। आप इस चीज को समझ सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा के अंदर पोषक तत्वों की भारी कमी होती है। यदि पौषक तत्वों की मैदा मे कमी है तो यह शरीर के लिए उपयोगी नहीं होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।विटामिन, मिलरल, लिग्नांस (Lignans), फाइटोएस्ट्रोनिन (Phytoestrogens), फिनोलिक कंपाउंड और फाइटिक एसिड आदि की मात्रा मैदा मे कम होती है इस वजह से मैदा का खाना शरीर के लिए कोई खास फायदा पैदा नहीं करता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । मैदा से बनी चीजें आप खा सकते हैं लेकिन इसका प्रयोग रोजाना ना करें ।
यदि आप अधिक मात्रा मे मैदे का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से शरीर मे जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाएंगे और शरीर मे पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
मैदा खाने के नुकसान दिमागी विकार का होना
दोस्तों वैज्ञानिक रिसर्च से यह बात पता चली है कि मैदा खाने से दिमागी विकार हो सकते हैं। और खास कर डिमेंटिया हो सकता है। जोकि एक प्रकार का पागलपन ही होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।आपको बतादें कि अकेले भारत के अंदर लगभग 40 लाख लोग डिमेंटिया के शिकार हैं। इसके अलावा विश्व भर में कम-से-कम 4 करोड़ 40 लाख लोग डिमेंशिया से ग्रस्त हैं।अल्ज़ाइमर याददाश्त, सोचने और व्यवहार संबंधी समस्याएँ पैदा करता है। और पहली बार जब यह होता है तो इसके लक्षण इतने अधिक आसानी से प्रकट नहीं होते हैं।लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जाता है उसके बाद यह रोग इंसान पर काफी भयंकर प्रभाव जड़ता ही चला जाता है। इसके बारे मे आप समझ सकते हैं।इस रोग के शूरू होने के 8 वर्ष बाद तक इंसान जीवित रहता है। वैसे आपको बतादें कि इस रोग का कोई भी इलाज नहीं है। लेकिन उसके बाद भी कुछ दवाएं हैं जिसकी मदद से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती रहती है दिमाग के अंदर भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। और अल्जाइमर होने की वजह से धीरे धीरे स्मृति लोप होने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- किसी समय आसान व सरल लगने वाले कार्यों को पूरा करने में मुश्किल होना।
- समस्याओं को हल करने में कठिनाई आना।
- चीजों को बोलने लिखने और याद करने मे कठिनाई का होना ।
- छवियों को देखने और समझने मे काफी कठिनाई का होना ।
यदि हम इस रोग के जोखिम कारकों की बात करें तो कई ऐेसे कारण होते हैं जिसकी वजह से अल्जाइमर रोग होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है तो आपको उन सभी कारणों के बारे मे भी एक बार जान लेना चाहिए । ताकि आपको चीजों के बारे मे सही सही से पता चल सके ।
- आपको बतादें कि अल्जाइमर रोग 65 वर्ष की आयु के आस पास ही होता है। जैसे जैसे इंसान की आयु बढ़ती जाती है इस रोग के होने के चांस भी काफी अधिक बढ़ते चले जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए यदि अल्जाइमर रोग हो गया है तो अपने डॉक्टर से एक बार परामर्श करना चाहिए ।
- यदि आपके माता-पिता या भाई-बहनों को अल्ज़ाइमर होता है तो फिर आपके अंदर अल्जाइमर होने के चांस होते हैं। यह रोग अनुवांशिकी रूप से भी ट्रांसफर होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । माता पिता से उनके बच्चों मे इसके ट्रांसफर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।
- हल्की संज्ञानात्मक क्षति की वजह से भी अल्जाइमर रोग के विकसित होने का चांस काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि यह दिमाग की यादों को प्रभावित करती है तो । हालांकि हल्की संज्ञानात्मक क्षति के लक्षण अल्जाइमर रोग की तरह नहीं होते हैं। लेकिन यह आगे चलकर अल्जाइमर रोग के रूप मे विकसित होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
- हृदवाहिनी रोग भी अल्जाइमर को विकसित कर सकते हैं ऐसा वैज्ञानिक रिसर्च से पता चला है। आपको पता ही होगा कि हमारा हर्ट दिमाग तक खून को भेजने के लिए जिम्मेदार होता है। यदि दिमाग तक सही तरह से खून नहीं पहुंच पाता है तो उसके बाद अल्जाइमर रोग होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।धूम्रपान, मोटापा, मधुमेह एवं उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि समस्याएं यदि हैं तो फिर अल्जाइमर रोग के विकसित होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
- इसके अलावा आपको बतादें कि अल्जाइमर का एक कारण यह भी हो सकता है कि किसी गहरी दिमागी की चोट जिसकी वजह से इंसान अपनी यादाश्त को खो देता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।ऐसी किसी तरह की चोट जिसकी वजह से यादाश्त लुप्त हो गई हो । अल्जाइमर के विकसित होने का कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।
आंतों में सूजन का कारण बन सकता है मैदा
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा आंतों के सूजन का कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । क्योंकि इसके अंदर फाइबर नहीं होता है जिसकी वजह से यह आंतों मे चिपक जाता है और उसके बाद आंतों मे सूजन आ जाता है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) को आंतों की सूजन के नाम से जाना जाता है। हालांकि इसके लक्षण तुरंत ही नहीं दिखाई नहीं देते हैं वरन इसको विकसित होने मे काफी समय लगता है।आपको बतादें कि आंतों का सूजन काफी डेंजर हो सकता है। और वैसे इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ उपाय किये जा सकते हैं जिसकी मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
अब यदि हम आंतों मे सूजन के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आंतों के सूजन का पता चल सकता है। यदि किसी को यह लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद उसे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यही आपके लिए सही होगा ।
- रक्त या मवाद के साथ अक्सर दस्त होना।
- पेट दर्द और ऐंठन।
- गुदा में दर्द।
- गुदा से रक्त स्त्राव का होना ।
- बच्चों में, शारीरिक वृद्धि नहीं होना ।
- बुखार
- और थकान का होना ।
- बार-बार मल त्याग करने की इक्छा।
इन सभी लक्षणों को आपको हल्के मे नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए बहुत अधिक गम्भीर समस्या पैदा कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
आंतों मे सूजन के कारण
दोस्तों यदि आपको आंतों मे सूजन है तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। हालांकि इसके सही सही कारण के बारे मे अभी भी जानकारी नहीं है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस का जो सबसे बड़ा कारण होता है वह यह है कि प्रतिरक्षा प्रणाली आमतौर पर जीवाणूओं से लड़ने के लिए होती है। लेकिन कई बार उसे अंदर किसी तरह की खराबी आ जाती है जिसकी वजह से यह शरीर की कोशिकाओं पर ही हमला कर देती है। जिसकी वजह से गड़बड़ी हो जाती है। और आंतों के अंदर सूजन आ जाता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
- आनुवंशिकता उन लोगों के अंदर भी हो सकता है जिनके माता पिता इस रोग से ग्रस्ति होते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि यह रोग हर बार अनुवांशिक ही हो। अनके ऐसे लोगों के अंदर भी यह देखा गया है जिनका पारिवारिक रूप से इसका इतिहास नहीं रहा है।
यदि किसी की आंतों मे सूजन होता है तो उसे अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । और डॉक्टर जो निर्देश देता है उसका पालन किया जाना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।
- पूरे दिन मे थोड़ा थोड़ा पानी पीना चाहिए ।
- इसके अलावा कम मात्रा मे बार बार भोजन करना चाहिए जिससे कि आंतों पर अधिक दबाव नहीं पड़ेगा ।
- इसके अलावा आपको फाइबर युक्त आहार का अधिक सेवन करना चाहिए ।
कैंसर होने का खतरा
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा खाने से कैंसर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।एक रिसर्च पेपर के मुताबिक रिफाइन्ड फ्लॉर कार्बोहाइड्रेट युक्त होता है, जिसकी वजह से शरीर में इसकी मात्रा काफी बढ़ जाती है, जिसे हाई ग्लाइसेमिक लोड कहते हैं।और यदि आप अधिक मैदा का सेवन करते हैं तो फिर आपको कैंसर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको कैंसर को रोकना है तो फिर आपको चाहिए कि आप खराब चीजों का सेवन ना करें । वरन नैचुरल चीजों का सेवन करें । यही आपके लिए सही होगा ।
मैदा से मुंहासों की समस्या हो सकती है
दोस्तों आपको बतादें कि मैदा की वजह से मुंहासों की समस्या हो सकती है। कारण यह है कि मैंदा शोध के अनुसार मैदा में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा होती है, जो कई बीमारियों और संक्रमण का कारण बन सकता है।। यदि आपको पहले से ही मुंहासो की समस्या है तो फिर आपको मैदे का सेवन नहीं करना चाहिए । मैदे का सेवन इस तरह से आपके चेहरे को खराब कर सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।
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