मनोविज्ञान (Psychology) मानसिक प्रक्रियाओं ,अनुभवों और व्यक्त व अव्यक्त दोनों प्रकार के व्यवहारों का क्रमबद्व अध्ययन करता है। दूसरे शब्दों के अंदर कहा जा सकता है कि मनोविज्ञान observable behavior का क्रमबद्व रूप से अध्ययन करता है।इसमे मानसिक और दैहिक प्रक्रियाओं के साथ वातावरण को जोड़कर अध्ययन किया जाता है।मनोविज्ञान क्या है इसे अच्छे से समझने के लिए हम आपको मनोविज्ञान की परिभाषा के बारे मे बता रहे हैं। जोकि कुछ फेमस विद्वानों की हैं।
- विलियम वुन्ट के अनुसार…. मनोविज्ञान अनुभूति का विज्ञान होता है।
- वाटसन के अनुसार …. मनोविज्ञान व्यवहार का शुद्व विज्ञान है।
- मैक्डूगल के अनुसार …. मनोविज्ञान ,व्यवहार और आचरण का यर्थाथ विज्ञान है।
- वुडवर्थ के अनुसार …. वातावरण के संपर्क मे होने वाले मानव व्यवहारों का विज्ञान ही मनोविज्ञान है।
- बोरिंग के अनुसार …. मानव प्रक्रति का अध्ययन जिस विज्ञान के अंदर किया जाता है। उसे ही मनोविज्ञान कहा जाता है।
- स्किनर के अनुसार ..व्यवहार और अनुभव के विज्ञान को मनोविज्ञान कहा जाता है।
- मन के अनुसार …. आधुनिक मनोविज्ञान का संबंध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है।
- गैरिसन के अनुसार …. मानव व्यवहार का संबंध प्रत्यक्ष मानव व्यवहार से है
- जॉन डीवी के अनुसार … शिक्षा की मदद से क्षमताओं का विकास किया जाता है। जिससे वह वातावरण को नियंत्रित करता हुआ उन्नति को प्राप्त होता है।
मनोविज्ञान क्या है ? इस बारे मे आपने उपर अनेक परिभाषाओं को पढ़ा । लेकिन अधिकतर परिभाषाओं के अंदर आपको एक सबसे कॉमन बात देखने को मिली , वह यह थी कि मनोविज्ञान व्यवहार का अध्ययन करता है।कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मौत तक अनुभवों की व्याख्या करता है। वहीं कुछ वैज्ञानिक मनोविज्ञान को एक विज्ञान मानते हैं जो वैज्ञानिक ढंग से मानव व्यवहार की समस्याओं को सुलझाने की क्षमता रखता है।
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मनोविज्ञान की शाखाएं /मनोविज्ञान की कितनी शाखाएं हैं ?
दोस्तों आज मनोविज्ञान की विभिन्न शाखाएं हैं। हर शाखा के अंदर अलग अलग चीजों का अश्ययन किया जाता है।मनोविज्ञान का सबसे पहले वैज्ञानिक अध्ययन 1834 में वेबर ने एक रिसर्च पुस्तक के अंदर किया था।सन् 1831 में फेक्नर ने कुछ महत्वपूर्ण लेख प्रकाशित किये ।सन् 1858 ई में वुंट हाइडलवर्ग विश्वविद्यालय में डॉक्टर की उपाधि लेने के बाद मनोविज्ञान पर काफी महत्वपूर्ण कार्य किये और मनोविज्ञान के अस्पष्ट क्षेत्र को अच्छे से डिफाइंड किया ।1912 ई के आसपास संरचनावाद, क्रियावाद, व्यवहारवाद, गेस्टाल्टवाद तथा मनोविश्लेषण जैसी शाखाओं का विकास हुआ ।वैसे सभी तरह की मनोविज्ञान की विचार धाराओं मे यह बात सहमत थी कि मनोविज्ञान का उदेश्य मानव व्यवहार का अध्ययन करना है।
लेकिन इस उदेश्य को प्राप्त करने के सबसे अच्छे ढंग पर सभी विचारधाराओं के अंदर भिन्नता थी।
- सरंचनावाद यह मानते थे कि मानव व्यवहार को समझने के लिए शारिरिक संरचनाओं को समझना आवश्यक होता है। जिनके द्वारा व्यवहार होता है।
- क्रियावादियों का मत था कि द्रश्यमान और प्रेक्षण योग्य व्यवहार पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।
- गेस्टाल्टवादियों ने प्रत्यक्षीकरण को काफी महत्वपूर्ण माना था।
- मनोविश्लेषणवाद के स्थापना द्वारा यह बताने का प्रयास किया गया कि व्यवहार अवचेतन पक्रियाओं का परिणाम होता है।
1912 ई के लगभग थॉर्नडाइक ने पशुओं पर किये गए प्रयोग की वजह से पशु मनोविज्ञान का विकास हुआ । मैक्डूगल (1871-1938) के प्रयत्नों से समाज मनोविज्ञान की स्थापना हुई थी।इसके बाद धीरे धीरे यह अनुभव किया जाने लगा कि मनोविज्ञान अन्य विषय की समस्याओं को सुलझाने मे मदद कर सकता है। उसके बाद मनोविज्ञान को कई शाखाओं के अंदर विभाजित कर दिया गया ।आइए जानते हैं मनोविज्ञान की प्रमुख शाखाओं के बारे मे ।
1.मनोविज्ञान की शाखाएं असामान्य मनोविज्ञान (Abnormal psychology)
असामान्य मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है। जिसके अंदर मानव के सामान्य व्यवहार का अध्ययन ना करके मानव के असामान्य व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। असामान्य व्यवहार के अंदर कुछ ऐसे व्यवहार आते हैं। जोकि नोर्मल नहीं होते हैं।जैसे किसी व्यक्ति के अंदर अचानक से एक्स्ट्रा पॉवर आ जाना । इसके अलावा किसी व्यक्ति को गाली सुनने मे मजा आना , और किसी को चप्पल चोरी की आदत होना ।इस प्रकार के असामान्य व्यवहार का अध्ययन असामान्य मनोविज्ञान के अंदर किया जाता है।
2.जीववैज्ञानिक मनोविज्ञान (Biological psychology)
जीवमनोविज्ञान व्यवहार के शारिरिक आधारों का अध्ययन करता है।जैविक मनोविज्ञान मुख्य रूप से मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाओं और अंतर्निहित शारीरिक घटनाओं के बीच एक संबंध स्थापित करता है।इसके अंदर शामिल होता है। जैसे कि हमारा दिमाग किस तरह से सोचता है। और दिमाग सोच को कैसे प्रभावित करता है ? तंत्रिका तंत्र व्यवहार को किस तरह से प्रभावित करती है। इसके अलावा आंखों के अंदर किस तरह से सूचनओं का प्रोसेस होता है जो मानव व्यवहार को प्रभावित करता है। मतलब यह कहा जा सकता है कि मनोविज्ञान की शाखा के अंदर व्यवहार को प्रभावित करने वाले शारीरिक कारकों का अध्ययन किया जाता है।
3.नैदानिक मनोविज्ञान[ clinical psychology]
वर्ष 1896 में पेंसिल्वैनिया विश्वविद्यालय में लाइटनर विट्मर ने एक प्रथम चिकित्सालय की स्थापना की थी। नैदानिक मनोविज्ञान के अंदर जैसा कि नाम से स्पष्ट हो जाता है। इसमे समस्याओं का निदान किया जाता है। मतलब यदि आपको फोबिया हुआ है तो आपको नैदानिक मनोवैज्ञानिक के पास जाना पड़ेगा । वही आपको दवा वैगरह देगा । नैदानिक मनौविज्ञान के अंदर विभिन्न प्रकार के मनौवेज्ञानिक रोग जैसे फोबिया , चिंता और तनाव आदि का निदान कैसे करना है। इस बारे मे विस्तार से अध्ययन किया जाता है। वैसे इस मनोविज्ञान से अध्ययन करने के बाद मनौवेज्ञानिक बना जाता है। और डिग्री धारी व्यक्ति एक अस्पताल खोल सकता है। जहां पर वह मानसिक रोगियों का ईलाज कर सकता है।
4.संज्ञानात्मक मनोविज्ञान (Cognitive psychology)
संज्ञानात्मक मनोविज्ञान के अंदर ध्यान, भाषा का उपयोग करना, स्मृति, धारणा, जैसी मानसिक पक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।सामाजिक मानोविज्ञान, व्यक्तित्व मानोविज्ञान, असामान्य मानोविज्ञान, विकासात्मक मनोविज्ञान, के संज्ञानात्मक पक्ष का अध्ययन संज्ञानात्मक मनोविज्ञान करता है।
5.मनोविज्ञान की शाखाएं सामुदायिक मनोविज्ञान (Community Psychology)
सामुदायिक मनोविज्ञान के अंदर एक समुदाय के मनोवैज्ञानिक पक्षों का अध्ययन किया जाता है। जैसे कि व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक पक्ष किस तरह से समुदाय को प्रभावित करता है। एक व्यक्ति समुदाय के अंदर किस तरह का व्यवहार करता है ? एक विशेष समुदाय की सोच के अंदर किस तरह से बदलाव लाया जा सकता है ? समुदाय मे किस तरह से मनोवैज्ञानिक सुधार किये जा सकते हैं ? ऐसी अनेक चीजे हैं जिनका अध्ययन समुदाय मनोविज्ञान के अंदर किया जाता है। यदि समुदाय के मनोवैज्ञानिक पक्षों का अध्ययन करना हो तो इनका अध्ययन समुदाय मनोविज्ञान ही करता है।
6.तुलनात्मक मनोविज्ञान (Comparative psychology)
Comparative psychology के अंदर मानव व्यवहार को समझने के लिए जानवरों पर प्रयोग किया जाता है। और प्राप्त परिणामों को समझा जाता है। और उसके बाद उन परिणामों को इंसानों पर सामान्यीकृत किया जा सकता है। विभिन्न वैज्ञानिकों ने मानव व्यवहार को समझने के लिए चूहे कुत्ते बिल्ली पर प्रयोग किये हैं। पावलोव (1897/1902) कुत्तों में शास्त्रीय कंडीशनिंग के अध्ययन और चूहों में ऑपेरेंट कंडीशनिंग के स्किनर के अध्ययन को इसी मनोविज्ञान से जोड़कर देखा जाता है। वैसे जानवरों पर प्रयोग का लंबा इतिहास रहा है। पहले नई दवाओं का प्रयोग जानवरों पर ही होता है। कोई दुष्टप्रभाव नहीं होने की स्थिति के अंदर बाद मे इसका प्रयोग इंसानों पर किया जाता है।
7.परामर्श मनोविज्ञान (Counseling psychology)
परामर्श मनोविज्ञान की एक शाखा है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है। विभिन्न प्रकार की मनासिक समस्याएं होती हैं। और उन समस्यओं को इसमे समझा जाता है। और उसके बाद उनका निवारण करने के लिए उचित परामर्श दिया जाता है। जैसे किसी को फोबिया होता है तो वह चिकित्सक के पास जाता है। इस समस्या को दूरकरने के लिए वह दो तरीकों का प्रयोग कर सकता है। पहला तो वह आपको दवा दे सकता है। दूसरा वह आपको परामर्श देता है जिसका प्रयोग फोबिया को दूर करने मे किया जाता है।
8.मनोविज्ञान की शाखाएं आलोचनात्मक मनोविज्ञान (Critical psychology)
क्रिटिकल साइकोलॉजी मनोविज्ञान पर एक परिप्रेक्ष्य है जो महत्वपूर्ण सिद्धांत पर व्यापक रूप से आकर्षित करता है। गंभीर मनोविज्ञान मुख्यधारा के मनोविज्ञान को चुनौती देता है और मनोवैज्ञानिक प्रगति को अधिक प्रगतिशील तरीकों से लागू करने का प्रयास करता है।
9.विकासात्मक मनोविज्ञान (Developmental psychology)
विकासात्मक मनोविज्ञान के अंदर मनुष्य के विकास क्रम के बारे मे अध्ययन किया जाता ह। शिशु के जन्म से लेकर उसके पैदा होने , किशौर , और व्यवस्क होने और बूढ़े होने तक के विकास के बारे मे इसी के अंदर अध्ययन किया जाता है।इसके अंदर विकास को समझना ,उसका वर्णन करना , अनूकूल करना आता है। एरिक एरिक्सन ने मनोसामाजिक विकास के बारे मे अध्ययन किया । दूसरे नंबर पर सिग्मंड फ्रायड आते हैं। जिन्होंने मनोसामाजिक विकास के बारे मे चर्चा की थी।
मनोविज्ञान की शाखा के अंदर मानसिक विकास को कई चरणों के अंदर बांटा गया है। जैसे प्रसव-पूर्व विकास,शैशव,शिशु अवस्था,बचपन,किशोरावस्था, आदि इन सभी अवस्थाओं के अंदर बालक के अंदर क्या परिर्वतन आते हैं। जैसे किशोरावस्था मे बालक की बुद्वि तेज हो जाती है। प्रसवपूर्व अवस्था के अंदर बालक मां के गर्भ के अंदर घूम सकता है। मतलब विकासात्मक मनोविज्ञान मनोविज्ञान की शाखा है। जिसमे मानव विकास के विभिन्न चरणों के बारे मे जाना जाता है।
10.आपराधिक मनोविज्ञान (Forensic psychology)
अपराधिक मनोविज्ञान मनोविज्ञान की शाखा है। जिसके अंदर अपराध से जुड़ी समस्याओं के बारे मे विस्तार से अध्ययन किया जाता है। फोरेंसिक मनोविज्ञान का संबंध कानून प्रणाली से होता है।इसका काम मनोवैज्ञानिक प्रथाओं और सिद्वातों को कानूनी प्रणाली के अंदर लागू करना भी है। 1893 में कोलंबिया विश्वविद्यालय में जेम्स मैककेन कैटेल ने गवाही के मनोविज्ञान पर सबसे पहले रिसर्च कार्य किया था।2001 में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन काउंसिल ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने सबसे पहले फारेंसिक मनोविज्ञान को मान्यता दी थी। उसके बाद मनोविज्ञान की नई शाखा का जन्म हुआ था। फोरेंसिक साइकोलॉजिस्ट अदालत के अंदर काम करते हैं। जिनका काम गवाही के लिए होता है। और सबूत देना भी होता है।मतलब वह आरोपी के मनोवैज्ञानिक पक्ष का रिसर्च कर्ता है और अपराध को हल करने मे मदद कर सकता है।
11.वैश्विक मनोविज्ञान (Global psychology)
Global psychology भी मनोविज्ञान की शाखा है। वैश्विक मनोविज्ञान मनोविज्ञान की एक उभरती हुई शाखा है, जो कि संचार और नेटवर्किंग, क्रॉस-सांस्कृतिक तुलना, छात्रवृत्ति, अभ्यास और शिक्षाशास्त्र के संदर्भ के अंदर वैश्विक उद्यम पर केद्रिंत है।अंतर्राष्ट्रीय अर्थों में और राष्ट्रों के बीच, संस्कृतियों में पार-सांस्कृतिक साधन के बारे मे विस्तार पूर्वक अध्ययन करती है।
12.स्वास्थ्य मनोविज्ञान (Health psychology)
स्वास्थ्य मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है। जिसके अंदर स्वास्थ्य किस तरह से व्यवहार संबंधित प्रक्रियाओं से प्रभावित होता है के बारे मे विस्तार से अध्ययन किया जाता है। मनोवैज्ञानिक यह जानने की कोशिश करते हैं कि व्यवहारिक और सांस्कृतिक कारक किस तरह से बिमारी और स्वास्थ्य के अंदर योगदान दे सकते हैं।व्यवहार कारक किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। जैसे कि किसी व्यक्ति के अधिक दुखी होने पर अधिक धुम्रपान करना । स्वास्थ्य मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को केवल जैविक प्रक्रियाओं का उत्पाद ही नहीं मानते हैं। वरन वे इनको मनौवेज्ञानिक प्रक्रियाओं का उत्पाद भी मानते हैं।
13.औद्योगिक एवं संगठनात्मक मनोविज्ञान (Industrial and organizational psycholog]
औद्योगिक मनोविज्ञान के अंदर कारखानों के बारे मे अध्ययन किया जाता है। यह मनोविज्ञान कार्य से संबंधित मानव व्यवहारों का विज्ञान है। यह व्यक्ति के कार्य जीवन मे मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों को लागू कर सकता है। मनोवैज्ञानिकों को को इस क्षेत्र के अंदर आने के लिए पहले प्रशिक्षित किया जाता है। बाद मे वे प्रदर्शन ,प्रेरणा ,संतुष्टी , सुरक्षा और समग्र कल्याण आदि चीजों के अंदर सुधार करके । संगठन की उन्नति मे अपना योगदान दे सकते हैं। I / O मनोविज्ञानी कर्मचारियों के प्रशिक्षण और काम पर रिसर्च करते हैं। और सुधार करने का काम करते हैं। I / O मनोविज्ञान संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) द्वारा 16 मान्यता प्राप्त विशिष्टताओं मे से है। यूरोप आस्ट्रेलिया जैसे कई देशों के अंदर यह मनोविज्ञान की शाखा काम कर रही है।
14.विधिक मनोविज्ञान (Legal psychology)
कानूनी मनोविज्ञान के अंदर कानून के संपर्क के अंदर रहने वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाता है। कानून के मनोवैज्ञानिक पक्ष का अध्ययन करने के लिए कानूनी मनोविज्ञान का उदभव हुआ है। कानूनी मनोवैज्ञानिक आमतौर पर बुनियादी सामाजिक और संज्ञानात्मक सिद्वांतों को लेते हैं और वे उन्हें प्रत्यक्षदर्शी स्मृति, जांच , साक्षात्कार जैसे मुदों पर लागू करते हैं।कानूनी मनोविज्ञान को फारेंसिक मनोविज्ञान से अलग करने के बाद यह अस्ति्व के अंदर आया है।
15.व्यावसायिक स्वास्थ्य मनोविज्ञान (Occupational health psychology )
यह मनोविज्ञान की वह शाखा है जो काम पर व्यक्तियों के स्वास्थ्य ,कल्याण ,सुरक्षा के उदेश्य को ध्यान मे रखता है।चोट और कार्य स्थल पर तनाव व संगठनात्मक हस्तक्षेप के जोखिम को कम करता है।मतलब कि एक कम्पनी के अंदर एचआर का कार्य कुछ हद तक व्यावसायिक स्वास्थ्य मनोविज्ञान के जैसा होता है। मतलब स्वास्थ्य मनोविज्ञान व्यवसायिक क्षेत्र के अंदर कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण पर काम करता है।
16.व्यक्तित्व मनोविज्ञान (Personality psychology)
व्यक्तित्व मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा होती है। जिसके अंदर व्यक्ति के व्यक्तित्व का अध्ययन किया जाता है। व्यक्तित्व और व्यक्तियों के बीच अंतर का अध्ययन करती है।इसका उदेश्य यह दिखाना होता है कि किस तरह से लोग मनोवैज्ञानिक भिन्नता से भिन्न भिन्न होते हैं। व्यक्तित्व” एक गतिशील और एक व्यक्ति के पास विशेषताओं का एक सेट है। इसी के बारे मे इस मनोविज्ञान की शाखा मे अध्ययन किया जाता है।
17.संख्यात्मक मनोविज्ञान (Quantitative psychology)
मात्रात्मक मनोविज्ञान के अंदर मानव क्षमताओं को मापने के लिए सांख्यिकीय विश्लेषण का प्रयोग किया जाता है। जैसे बुद्विमापन एक मात्रात्मक मनोविज्ञान का कार्य है। मनोविज्ञान की इस शाखा के अंदर मानव क्षमताओं को मापने के लिए कई तरीके के विश्लेष्ण और परिक्षण किये जाते हैं। मात्रात्मक मनोविज्ञान अब अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा मान्यता है। और यूरोप व उत्तरी अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में इस क्षेत्र में डॉक्टरेट की डिग्री भी दी जाती है।
18.मनोमिति (Psychometrics)
मनोमिति (Psychometrics) मानसिक राशियों को मापने से जुड़ा हुआ एक क्षेत्र है।इसमे ज्ञान, योग्यताएँ, सोच, एवं व्यक्तित्व के विभिन्न संघटकों का मेजरमेंट किया जाता है। मापन के उपकरणों के अंदर प्रश्नावली एवं परीक्षणों का प्रयोग किया जाता है। व्यक्तित्व को मापने के लिए जी डब्ल्यू आलपोर्ट ने 50 परिभाषाओं को बताया था। जिनमे से कुछ इस पक्ष से जुड़ी हुई हैं। सामान्य मानसिक योग्यता को मापना भी इसी मनोविज्ञान की शाखा के अंदर आता है।
19.गणितीय मनोविज्ञान (Mathematical psychology)
यह मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है जोकि अवधारणात्मक, विचार, संज्ञानात्मक और मोटर प्रक्रियाओं के गणितीय मॉडलिंग पर आधारित होती है।गणितीय मनोविज्ञान प्रयोगात्मक तरीके से प्राप्त किये गए आंकड़ों का प्रयोग करता है। इसलिए यह योगात्मक मनोविज्ञान / संज्ञानात्मक मनोविज्ञान से निकट संबंध रखता है। संवेदना और धारणा, समस्या को सुलझाने, निर्णय लेने, सीखने, स्मृति और भाषा जैसे क्षेत्रों के अंदर गणितिय मनोविज्ञान सक्रिय है।
20.सामाजिक मनोविज्ञान (Social psychology)
जैसा कि नाम से स्पष्ट है समाज मनोविज्ञान के अंदर सामाजिक व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है। एक व्यक्ति के विचार कल्पना किसी दूसरे व्यक्ति को किस तरह से प्रभावित करती है। मैकडूगल ने सामाजिक मनोविज्ञान को परिभाषित करते हुए लिखा कि समूहों के मानसिक जीवन ,व्यक्ति के विकास ,क्रियाओं पर समूह के प्रभावों का वर्णन करता है। और उसका विवरण देने वाले विज्ञान को सामाजिक मनोविज्ञान कहा जाता है।
शेरिफ और शेरिफ के अनुसार समाज मनोविज्ञान मनोविज्ञान की शाखा है जिसके अंदर व्यक्ति की उत्तेजना परिस्थिति के अंदर व्यक्ति के अनुभव और व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन है।
21.विद्यालयीन मनोविज्ञान (School psychology)
स्कूल मनोविज्ञान शैक्षिक मनोविज्ञान का वह क्षेत्र होता है। जोकि विकासात्मक मनोविज्ञान, नैदानिक मनोविज्ञान, सामुदायिक मनोविज्ञान के सिद्धांतों को लागू करने का काम करता है।व्यवहार स्वास्थ्य और शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यवहार विश्लेषण लागू करता है। मनोचिकित्सा, शिक्षा, परिवार और पालन-पोषण प्रथाओं, सीखने के सिद्वातों के बारे मे किशोरों को शिक्षित किया जाता है।
22.पर्यावरणीय मनोविज्ञान (Environmental psychology)
पर्यावरण मनोविज्ञान मनोविज्ञान की एक ऐसी शाखा है जिसके अंदर व्यक्तियों और उनके परिवेश के बीच परस्पर क्रिया से जुड़ा हुआ है।प्राकृतिक वातावरण, सामाजिक सेटिंग्स, निर्मित वातावरण, सीखने के वातावरण और सूचनात्मक वातावरण को पर्यावरणीय शब्द के अंदर रखा गया है।पर्यावरणीय मनोविज्ञान को 1960 के दशक इसे एक क्षेत्र के रूप मे मान्यता नहीं मिली थी।एक बड़े समाज के भीतर व्यक्ति कल्याण की खेाज और जटिल परियावरणिय समस्याओं का हल करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। मानव-पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को इसके अंदर हल किया जाता है।
23.योग मनोविज्ञान (Yoga Psychology)
योग मनोविज्ञान भी मनोविज्ञान की शाखा है।योग मनोविज्ञान के अंदर मनोवैज्ञानिक समस्याएं जैसे चिंता अवसाद और फोबिया जैसी चीजों को योग की मदद से हल करने की कोशिश की जाती है। इस वजह से यह कहा जा सकता है कि योगा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की शाखा है जिसके अंदर अनेक तरह की मनोवैज्ञानिक समस्याओं को योग की मदद से हल करने की कोशिश की जाती है। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किस तरह से योग मनोविज्ञान मदद कर सकता है। वैसे देखा जाए तो योग विज्ञान का प्रयोग जब मनोवैज्ञानिक समस्याओं को हल करने मे किया जाता है तो उसे योग मनोविज्ञान के नाम से जान जाता है। बाबा रामदेव इंडिया के अंदर योग के ज्ञाता हैं। जिनको एक योग मनोवैज्ञानिक भी कहा जा सकता है। माइकल और जेनेट दोनों पंजीकृत मनोवैज्ञानिक हैं जो ओस्ट्रेलिया के प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक हैं और मानसिक समस्याओं को योग से हल करते हैं।
मनोविज्ञान की शाखाएं और मनोविज्ञान क्या है लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके बताएं
आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं ? आत्म विश्वास बढाने के उपाय ,मत्रं और योग
This post was last modified on March 31, 2019