200 meri maut par shayari मेरी मौत पर शायरी

मौत तो एक दिन सभी को आनी होती ही है। फिर कोई भी हो । यहां पर हम खुद की मौत पर कुछ बेहतरीन शायरी के बारे मे आपको बताने का प्रयास कर रहे हैं। जोकि आपको जरूर ही पसंद आने वाले हैं। अचानक मौत पर शायरी, जिंदगी और मौत पर शायरी meri maut par shayari

मेरी मौत पर वो जश्न मनाएगी ,

फिर छोड़कर मुझको किसी और को चाहेगी ।

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दुनिया ने देखा तमाशा मेरी मौत का ,

अब क्या ही करें जानवरों जैसी सोच का ।

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आज नहीं तो कल मौत को आना ही है ,

इस दो वक्त की जिदंगी मे ,

हर किसी को बस दिल से लगाना ही है ।

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जिदंगी सुलगती रहे ,

मौत की तरफ चलती रहे ,

कुछ भी हो मगर ,

मेरे दिल मे तेरे प्यार की आग जलती रहे ।

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मैं तो मरा ही नहीं था ,

फिर भी वो मेरी मौत का मातम करने लगी ,

हम पर फिर वो सितम करने लगी ।

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ऐसी जिदंगी से मौत आ जाए तो बेहतर है ,

जिस जिदंगी मे कोई चैन और सकून ही नहीं ।

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पल पल मरना हमारे बस की बात नहीं ,

हम तो एक बार ही मर जाना पसंद करते हैं।

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मेरी जिदंगी मे चैन और सकून नहीं ,

अब हमें मौत से भी कोई नफरत नहीं ।

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जहर पीने से मौत कहां आती है ,

मौत वह चीज है , जो वक्त पर आती है।

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गम भूलाने के लिए पी रहा हूं मैं ,

मेरे लिए मौत क्या बड़ी चीज है ,

यूं तो रोज रोज मरके जी रहा हूं मैं।

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डीजे बजाना यारो मेरी मौत पर ,

इंसान मर जाता है ,

हंसी आती है मुझे ऐसी सोच पर ।

meri maut par shayari

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तू बदनाम ना हो ,

इसलिए जी रहा हूं मैं ,

तू मेरी मौत पर परेशान ना हो

इसलिए पी रहा हूं मैं ।

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बिन मौत कोई मरता नहीं ,

बिना जरूरत के यारो कोई प्यार करता नहीं ।

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सांसों की जरूरत है जिंदा रहने के लिए ,

प्यार व्यार कुछ नहीं होता ,

सब कुछ होता है कहने के लिए ।

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जितना जीना था जी लिया ,

फिर जो हाथ मे लगा उसे पिलिया ।

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मौत नहीं लिखी होती हाथों की लकीरों मे ,

तू और मैं बहुत पुराने हैं ,

रह चुके हैं अब तक लाखों शरीरो मे ।

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कहते हैं आत्मा अजर और अमर होती है ,

फिर भला मरता कौन है ।

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तेरी याद मे मरे जा रहे हैं ,

चढ़ ही नहीं रही साली ,

पैग पर पैग धरे जा रहे हैं।

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मुझे ले जाकर मौत भी क्या करेगी ,

जिसके आगे पीछे कोई रोने वाला नहीं ।

किसी की मृत्यु पर शायरी

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तू कहे तो खुदखुशी करलेंगे ,

तू कहे तो यह जिदंगी तेरे नाम करदेंगे।

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शराब कभी पीये नहीं थे हम ,

तेरे साथ कभी जीये नहीं थे हम ,

क्या करेंगे ऐसी जिदंगी का ,

जिसमे कुछ किये नहीं थे हम ।

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फिर रोएगी तू बेहताशा ,

जब दुनिया देखेगी मेरी मौत का तमाशा ।

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क्या पता पुलिस की गोली से मर जाएं ,

क्या पता खून की होली से मर जाएं ,

गैंगेस्टर की जिदंगी तो ऐसी ही होती है।

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मौत तो एक दिन सबको आनी है ,

खत्म होगी एक दिन सब की कहानी है।

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जिदंगी ने गम क्या कम दिये हैं ,

जो मौत भी नसीब नहीं होती ।

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तूने मुझे बहुत सताया है ,

और मौत ने हमें बहुत तड़पाया है।

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रूक जाएगी जिस दिन धड़कन

तो मेरी मौत समझ लेना ,

जमाने को दिखाने के लिए ही सही ,

कम से कम एक बार रो लेना ।

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जो मेरी नहीं हुई वो तेरी क्या होगी ,

दोस्ती करनी है , तो वफाओं से कर ,

उनके लिए देरी क्या होगी ।

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बेवफाओं पर जिदंगी लुटाने से अच्छा है ,

मौत आ जाए ।

काश हमे ठोकर खाने से पहले

यह सोच आ जाए ।

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मरने के बाद तो दुश्मन भी मातम मनाएंगे ,

जब हम जिंदा होते हैं ,

तब वो भी दूर के जाएंगे ।

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हम चाहें ना चाहें ,

मगर दिल तो चाहता है ,

मौत से पहले तुझे

एक बार बांहों मे देखना ।

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जिदंगी दी भगवान ने ,

और मौत दी इस जमाने ने ,

फिर समझ आया

कुछ नहीं रखा इस पखाने मे ।

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चाहे तू इश्क करले ,

चाहे तू रिस्क करले ,

मगर एक बार मौत

के संग भी विश करले ।

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आते हैं वो कभी कभी निगाहों मे ,

हम तो मर ही चुके हैं ,

फिर भी वो भटकते हैं हमारी राहों मे ।

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दिल का बुरा नहीं थे हम ,

किस्मत को क्या दोष दें ,

सही साथ चुने नहीं थे हम ।

किसी की मृत्यु पर शायरी

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जिदंगी का सफर यूं ही चलता रहेगा ,

आज मेरी बारी है ,

तो कल तेरी बारी होगी ,

चिता पर कोई ना कोई जलता रहेगा।

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दुनिया मे कोई वादा निभाता है ,

तो वो बस एक मौत ही है।

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ठिकाना चाहिए दिल लगाने के लिए ,

मौत को बहाना चाहिए आने के लिए ।

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मेरी जिदंगी यूं ही गुजर गई ,

कुछ नहीं किया जिदंगी मे ,

पता नहीं कब सारी उम्र गुजर गई ।

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दूसरों के दिलों मे जो जिंदा होते हैं ,

मौत भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती ।

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तेज आंधियां भी चट्टानों को नहीं उखाड़ सकती ,

हम तो जीवन और मरण से परे हैं ,

मौत भी हमारा कुछ नहीं उजाड़ सकती ।

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यह जमीं खून से तर हो गई ,

भले ही अब वो हमें याद नहीं करते ,

मगर हमारे कारण उनकी जिदंगी बेहतर हो गई।

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जिदंगी ने हमें हर बार धोखा दिया ,

मौत ही जिदंगी से अच्छी निकलनी ,

जिन्होंने एक बार हमें मौका दिया ।

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कब तक जीओंगे दिल पर गम का बोझ लेकर ,

वह बेवफा है ,

क्या करोगे उसके लिए रोज लेकर ।

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कुछ भी उम्मीद नहीं है हमें इस जमाने से ,

कोई फायदा नहीं होता है यारो ,

कभी बेवफाओं को चाहने से ।

दोस्त की मौत पर शायरी

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पेट भरना ही जिदंगी का काम नहीं ,

एक दिन सब कुछ छोड़कर जाना पड़ेगा ,

यह जीवन मौज मस्ती का नाम नहीं ।

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उसने तो हमें दर्द पे दर्द दिये ,

और हम सहते रहे ,

बादल की तरह थे हम ,

जो हवाओं के संग ढहते रहे ।

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जिदंगी से कभी प्यार नहीं था ,

मौत का कभी इंतजार नहीं था ,

क्योंकि मौत तो है ही अपनी ।

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क्या रखा है यारो ,

इस बेरहम जिदंगी मे ,

धोखे पर धोखा मिलता है ,

हर किसी की बदंगी मे ।

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जिदंगी तो हादसों का नाम है ,

मेरी मौत तो हादसों के नाम से

बदनाम है।

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मांगने  से भीख भी नहीं मिलती

तो मौत कहां से मिलेगी ।

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मेरी मौत के बहाने तमाम होते हैं ,

मगर जीने की वजह कुछ भी नहीं ।

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जो मौत से प्यार करने लग जाता है ,

उसे फिर जीवन से नफरत हो जाती है।

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उसे मेरी मौत का सदमा लगा है ,

हम तो इतने प्यारे भी नहीं थे ,

फिर भी पता नहीं कैसे ,

उनको यह समा लगा है।

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जब रूक जाएगी दिल की धड़कन मेरी ,

फिर कुछ नहीं बचेगा रह जाएगी मिट्टी की ढेरी ।

तेरी मुहब्बत का जहर जब से पिया है ,

राम कसम एक पल भी ना चैन से जिया है।

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ना जिदंगी अच्छी लगती है ,

ना मौत आती है ,

हर पल बस तेरी याद

सताती है।

meri maut par shayari

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जी लिया जितना जीना था ,

पी लिया जितना पीना था ,

आंख खुली तो कब्र मे

अपना सीना था ।

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बेमौत कोई नहीं मरता ,

सब अपनी मौत मरते हैं ,

कुछ लोग बदन से

मरते हैं ,

तो कुछ किसी की याद मे मरते हैं।

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दोस्ती बन गई है आजकल जरूरत की ,

हर किसी की वजह होती है मौत की ।

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जो सपने मे देखा ,

वो दिन आज आया है ,

मरने का वक्त

बड़े दिनों बाद आया है।

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वह अपने होंठों को लाल करेगी ,

चेहरे पर वह गुलाल करेगी ,

देख लेना वह मेरी मौत के बाद

फिर नए नए कमाल करेगी ।

meri maut par shayari

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जिदंगी तेरे पल्लू मे गुजरे को बेताब थी ,

मगर अंत मे वह थी ही नहीं ,

वह तो अपना बनाया एक ख्वाब थी ।

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जीने का अब दम नहीं है ,

अपना कोई शनम नहीं है।

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सांस आए सांस जाए ,

मेरी मौत के साथ ,

तेरे होने का एहसास जाए ।

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उनको खतरा दुश्मनों से नहीं हमसे था ,

हमने खुद को ही मार डाला ,

ताकि वो चैन से जी सकें ।

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ना जाने मैरी मौत कैसी होगी ,

मगर जैसी भी होगी तेरे प्यार से अच्छी होगी ।

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यहां लोग मरते हैं जिदंगी के लिए ,

और हम मरते हैं तेरी बदंगी के लिए ।

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जिस पर हम सबसे ज्यादा यकीन करते हैं ,

वो ही अंत मे हमें गमगीन करते हैं।

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समाप्त हो चुका है यारो अब जीने का दौर ,

अब शूरू होने वाला है मेरी मौत का सौर ।

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बहुत होते हैं दिल मे आग लगाने वाले ,

जब मैं मरा तो पता नहीं कहां गायब

हो गए मेरी चिता को जलाने वाले ।

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अगर नींव कमजोर है ,

तो फिर उसे ढहना होगा ।

अगर की है आशकी तो ,

आंसुओं का दर्द सहना होगा ,

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वक्त कभी मौत का टला नहीं करता ,

एक आम इंसान कभी मौत के संग

चला नहीं करता ।

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जब तक रहेंगे चांद सितारे ,

तब तक जिंदा रहेंगे प्यार हमारे ।

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मेरी मौत के बाद वो हमें याद करेंगे ,

और कुछ तो उनसे होगा नहीं ,

मगर वो फिर किसी को बरबाद करेंगे ।

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दिल की तन्हाई को भुलाया नहीं जाता ,

जिंदा इंसान को कब्र मे सुलाया नहीं जाता ।

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सांसों का साथ जब तक है ,

अपना साथ तब तक है।

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कुछ पल बोल कर हम खामोश हो गए ,

देखकर वो हमें बेहोश हो गए ।

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रस्ता जाता है एक श्मसान तक ,

अपना भी आज का सफर है उस विरान तक ।

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जब पहली बार मिले थे तो दिल खिला था ,

जब दूसरी बार मिले थे ,

तो बेवफाई का तोहफा मिला था ।

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मौत के साथ कुछ जाता नहीं ,

बेवफाई के सिवाय उनको कुछ आता नहीं ।

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अपने धन पर ना गुमान कर ,

अगर मर्द का बच्चा है ,

तो मौत का सामना कर ।

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इस दुनिया मे रईस तो बहुत देखे ,

मगर ऐसा रईस कहां ,

जो अपनी मौत को खरीद पाए ।

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तू सितारा है समंदर का ,

सकून है इस दिल के अंदर का ,

अब डर नहीं लगता है हमें भी

मौत के खंजर का ।

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हम जिदंगी से कभी प्यार नहीं करते ,

जो आज मरने वाले हैं ,

वो कल का इंतजार नहीं करते ।

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कुछ लोग जिंदा इंसानों को ठोकर मारते हैं ,

याद रखना एक दिन वो भी ठोकरों मे गिरे मिलेंगे।

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कुछ भी नहीं है इस दुनिया मे मेरा ,

सिवाय तेरे ।

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इस दुनिया से कुछ पाने की तमन्ना हम नहीं करते ,

फिर मौत आकर भी हमारा क्या बिगाड़ लेगी

हम नहीं डरते ।

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तू मेरे प्यार की निशानी है ,

अपनी जान देकर तुझे

बचा रहा हूं ,

यह मेरी कुर्बानी है।

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कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों ,

हम भी आंसू देखना चाहते हैं ,

अपनी जान की आंखों मे ।

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खूबसूरत पल भी एक धोखा है ,

कुछ नहीं पा सकता ऐ इंसान यहां ,

तेरे पास बस यह आखरी मौका है।

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कुछ नहीं पाया तेरे से दिल लगाकर ,

चैन भी आया तो मौत को गले लगाकर ।

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ना जिदंगी मे चैन है ,

ना जिदंगी मे सकून है ,

जो भी है बस खून है।

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जिदंगी का कोई भरोशा नहीं

मगर मौत का जरूर है।

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जब तू छोड़कर चली गई हमें ,

तो जिदंगी भी खफा हो गई ,

अब तो मौत भी हमारे आंगन से दफा हो गई ।

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जीलो सकून से कुछ खूबसूरत पल ,

फिर नहीं आएंगे यह कल ।

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किसी की मौत के कोई पीछे नहीं आता ,

मरने के बाद कुछ भी साथ नहीं जाता ।

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साथ जीने और मरने का वादा तुमने किया है ,

मौत भी तुझे लेने आएगी ,

भला मौत को तुमने क्या दिया है।

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तू फिर उम्र भर के लिए रोएगी ,

जिस दिन अपनी दोस्ती कब्र पर सोयेगी ।

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ना जीने की तमन्ना है ,

ना मरने का इरादा ,

बस दिल खफा है इस बात से ,

क्यों किया था तुमने उम्र भर साथ निभाने का वादा ।

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दिल लगाना है ,

तो दिलवालों से लगाओ ,

अगर मरना है , तो खुलकर मरो

यूं ना बहाने बनाओ ।

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ना सकून से कोई जीने देगा ,

ना सकून से कोई मरने देगा ,

यही इस दुनिया का दोगलापन है यारो ।

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कुछ लोग हमारे मरने की दुआ मांगते हैं ,

तो कुछ लोग हमारे जिंदा रहने की दुआ मांगते हैं ।

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इश्क मे धोखा खाकर

बेवफाओं के लिए जान देना बेकार होगा ,

अगर जान देने का इतना ही शौक है ,

तो वफाओं के लिए दो ,

नतमस्त तुम्हारे आगे सारा संसार होगा ।

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जिदंगी तोहफा है खुदा का

जी भरकर जीओ ,

अगर जान देना का शौक है इतना ,

तो नेक कामो के लिए दो ।

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जो जिदंगी से हार जाते हैं ,

वो मौत को गले लगाते हैं ,

और जो मौत को जीत जाते हैं ,

वो दुनिया जीत जाते हैं।

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अंदाज उसका अलग था ,

जिदंगी जीने का ,

सब कुछ कर लिया जो करना था ,

अब मर भी जाए तो कोई गम नहीं

जहर पीने का ।

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देखों मैं नहीं मरा जहर भी पीकर ,

बड़ी बदसूरत है यह जिदंगी ,

क्या करेंगे इसको जीकर ।

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दुनिया के लिए वो मर चुकी है ,

मगर ख्यालों मे वो आज भी जिंदा है ,

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मौत ही है जो दिल को सकून देती है ,

वरना पूरी जिदंगी तो बस खून देती है।

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मौत का आना भी जरूरी है ,

जिदंगी का जाना भी जरूरी है।

कुछ भी कहो यह सबकी मजबूरी है।

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अपनी मौत का हमे कोई गम नहीं ,

जिदंगी हमारी किसी बेवफा से कम नहीं ।

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अगर पाना है सब चीजों से छुटकारा ,

तो मौत से अच्छी कोई चीज नहीं ।

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दिल की बात उन्होंने कभी हमे बताई नहीं ,

हमने उसके सिवाय किसी और से चाही नहीं ।

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जब हम भी प्यार कर बैठे ,

दौर था वो जनाब जवानी का ,

मेरी मौत के साथ अंत हुआ

इस कहानी का ।

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मुझे बरबाद होते देखकर

वो खुश हो रही थी ,

एक पल ऐसा भी आया ,

वो खुद बराबद हो गई ।

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ना नदी की पहचान है ,

ना समंदर की पहचान ,

भला कैसे मिलेगी उसको

अपनी जान ।

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ना हद से ज्यादा सताओ किसी को ,

ना हद से ज्यादा अपना जताओ किसी को ,

यह दोनो ही दर्द देंगे ।

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कुछ लोगों को भ्रम है ,

कि जिदंगी बहुत खूबसूरत है ,

जिनके सीने मे दर्द है ,

पूछा जाकर उनसे ,

जिदंगी कितनी बदसूरत है।

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तेरी बातों को याद करके ,

तेरे संग बिताई रातों को याद करके

फिर से मरने का जी जाता है।

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रोना धोना वह हमारी मौत पर जरूर करेगी ,

अपने झूठे प्यार का नाटक दिखाकर ,

फिर से पैदा होने के लिए मजबूर करेगी ।

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जीने से अच्छा होता है मर जाना ,

कम से कम दर्द और तड़प से तो

छुटकारा मिल जाएगा ।

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ऐ मौत आकार मुझे हमेशा के लिए सुलाजा ,

जीवन तो देख ही लिया है ,

अब मौत को भी देख लेते हैं।

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रोज तेरी यादों मे मरा नहीं जाता ,

आशिक तो हजार मिलते हैं ,

मगर तेरे जैसा रिश्ता हर किसी से करा नहीं जाता ।

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मार दिया उसने अपने आशिक को जहर देखकर ,

मैं तो कांप उठा उसके मुहब्बत का कहर देखकर ।

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साथ जीने और मरने का वादा करते हैं ,

कुछ ही दिनों मे वो एक दूसरे से अलग

होने का इरादा करते हैं।

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मेरी मौत मेरा इंतजार कर रही है ,

मगर वह अभी भी मुझ से प्यार कर रही है।

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उसको लाख मना किया ,

फिर भी हम से दिल लगा बैठी ,

हमारा नाम तो मरने वालों मे से था ,

तू क्यों खुद को लुटा बैठी ।

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भिखारियों की जिदंगी जीते आ रहे हैं ,

हमें भी मौत आ जाए ,

सो बहुत पीते आ रहे हैं।

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सुना था मेहनत से जिदंगी खुशाल होती है ,

मगर सब कुछ भ्रम है ,

मौत के बाद जिदंगी

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मौत से बदतर हो जाती है जब जिदंगी ,

तो जीने का कोई भी फायदा नहीं होता है।

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हम तैयार हैं मौत का सामना करने के लिए ,

और वो रोज जाती है मंदिर ,

हमारे जीवन की कामना करने के लिए ।

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जबतक सांसे रहेंगी ,

तेरा दीदार करेंगे हम ,

तुझे खुद से ज्यादा प्यार करेंगे हम ।

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अकेले रहोगे सदा तुम जिदंगी के सफर मे ,

मगर कई साथी मिलेंगे मौत के डगर मे ।

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जिदंगी जब दर्द देती है ,

तो मर जाने को जी चाहता है,

जब वह प्यार करती है ,

तो सब कुछ उसके नाम कर

जाने को जी चाहता है।

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न जाने किस गुनाह की सजा दे रही है ,

दुनिया कहती है यह जिदंगी तो ,

मौत से ज्यादा मजा दे रही है।

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अगर मौत लिखी है नसीब मे ,

तो उसे कोई टाल नहीं सकता ,

अगर गिरना ही लिखा है ,तकदीर मे

तो उसे कोई संभाल नहीं सकता ।

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कभी उसके लिए जिया करते थे हम ,

दिन रात उसका नाम लिया करते थे हम ,

वो दिन भी क्या थे ,

जब उससे आशकी किया करते थे हम ।

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मौत से कैसा डरना ,

यह तो मिनटों का खेल है ,

दर्द तो साली जिदंगी देती है।

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जो मेरी मौत पर रोयेंगे ,

वो खुद भी एक दिन कब्र

मे मेरी तरह सोयेंगे ,

यह जमाने का सच है ,

जो मिलेंगे वो भी एक दिन बिछोयेंगे।

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दिल का हाल न पूछो यारो ,

ना जीने की तमन्ना है ,

ना मौत आने का समय ।

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मौत बस अचानक आ जाती है ,

हंसती खेलती जिदंगी को ,

वो पलभर मे खा जाती है।

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ना आसमां मे उड़ने का ख्वाब देखा होता ,

ना जमीन पर कब्र मे लेटा होता ।

अगर दम होता तेरी वफाओ मे ,

तो नाम नहीं होता तेरा बेवफाओं मे ।

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मरने का इरादा रोज करते हैं ,

मगर साली मौत ही नहीं आती ।

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उसको देना मेरी मौत का समाचार ,

उसे भी पता चले अपनों के बिना

जीवन कैसा है ,

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ना दर्द देगी वह ,

ना ज्यादा तड़पाएगी ,

दुनिया भले ही तुझे गले  ना लगाए ,

मगर वह तुझे गले लगाएगी ।

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उसने अपना बनाकर लुटा ,

दोस्तों ने बनादिया हमें झूठा ,

कि मौत भी नसीब नहीं हुई ,

हमारे दिल का रिस्ता कुछ इस कदर टूटा ।

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जीने का ख्वाब लिये जा ,

जिदंगी जीने नहीं देती

फिर भी जीये जा ,

खुदा के नाम सारे कर्म किये जा ।

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तेरी आशकी मे कइयों ने जान गवाई ,

तुझ से दिल लगाकर हमने भी ,

अपनी दुनिया बिखराई ।

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हो सके तो मुझे माफ कर देना ,

मरने जा रहे हैं हम ,

गलती हुई है अगर हम से ऐ खुदा ,

तो हमारा इंसाफ कर देना ।

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कोई सिक्का नहीं चलता ,

उसकी अदालत मे ,

सजा तो तुम्हें मिलेगी ,

जो छोड़ दिया तुमने हमके इस हालत मे ।

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चंद लंहो की जिंदगी है ,

जो जीना है जी ले ,

क्या पता अगले पल मौत आ जाए ।

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उम्र गुजर गई नखरे उसके सहते सहते ,

एक दिन वह खुद गुजर गई ,

तुम बेकार हो यह कहते कहते ।

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जीवन मिला है तो दर्द सहना पड़ेगा ,

अब बर्दाश्त नहीं होता है यह दर्द ,

हमे भी मौत आ जाए ,खुदा से कहना पड़ेगा ।

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मेरी चिता को आग जब तू लगाएगी ,

ऐ बेवफा सुन ,

फिर भी तुझे मेरी याद न आएगी ।

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जब प्यार ही नहीं था ,

तो अपना बनाया क्यों था ,

जब एतबार ही नहीं था ,

तो मौत को गले लगाया क्यों था ।

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दो पंक्तियों मे जिदंगी की कहानी लिख रहे हैं ,

कुछ हासिल नहीं होगा यहां पर ,

सब कुछ छोड़कर मरना सबको है यहां ,

मुख जुबानी लिख रहे हैं।

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सामने मौत है ,

फिर भी मुस्कुरा रहे हैं ,

अब डरना कैसा ,

जब मौत से हाथ मिला रहे हैं।

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चैन से जी ना सके ,

मगर चैन से मर तो सकते ही हैं।

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अगर दिल मे है जरा सा प्यार ,

तो हमारी मौत पर आ जाना बस एक बार ।

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जो कभी मेरी जिदंगी थी ,

वो किसी और की हो गई ,

लगा ऐसे जैसे सारी खुशियां

खो गई ।

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याद जब आती है तेरी ,

तो कसम से साली दिल मे आग लगा देती है ,

मर भी नहीं पाते हैं ,

सीने मे फिर से तुझे अपना बनाने की

तमन्ना जगा देती है।

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चाय मे जहर उसने दिया ,

हम तो संभल ही नहीं पाए ,

ऐसा कहर उसने दिया ।

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गम भुलाया नहीं जा सकता है ,

हद से ज्यादा पीने से ,

मर जाना ही अच्छा है ,

कोई फायदा नहीं ,

जानवरों की तरह जिदंगी जीने से ।

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मौत का दूसरा नाम है खामोशी ,

आज फिर उसने हमे ,

चुपके से जहर की बोतल परोशी ।

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जिस दिन रूक जाएगी जिदंगी की आवाज ,

उस दिन बंद हो जाएगी दुश्मनों की खाज ।

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जो मरकर भी जिंदा रहते हैं ,

लोग उनको खुदा का बंदा कहते हैं।

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इस जिदंगी को तू बिंदाश जीये जा ,

आशकी और शराब जंहा भी मिले बस पीये जा ।

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अब मौत भी हमसे दूर जाने लगी है ,

जब से वो हमारे पास आने लगी है।

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कभी मरता नहीं है जीने का ख्वाब ,

जब वक्त आता है मरने का ,

तो हां और जीना चाहता हूं ,

हर कोई यही देता है जवाब ।

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मौत जिस दिन आसमां से चलेगी ,

समझ लेना मेरी जिदंगी उस दिन ना मिलेगी ।

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कंधे पर सर रखकर कभी रोया करती थी ,

आज मेरी मौत हुई तो देखने भी नहीं आई ।

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खामोश है जिदंगी ,

खामोश हैं सितारे ,

बताएं तो किस को बताएं ,

मौत जैसे हाल हैं हमारे ।

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चिराग कभी आंधियों मे जला नहीं करते ,

जो हसीन होते हैं ,

वो राहों मे कभी अकेले चला नहीं करते ।

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वक्त नहीं है हमारे पास ठहरने का ,

पानी पीना चाहते हैं बस एक बार

हम तेरे झरने का ।

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जब से उसने हमको तड़पाया है ,

साली मौत ने भी बहुत तरसाया है।

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यूं तो दुनिया मे सभी आएं हैं मरने के लिए ,

क्या ही रखा है यहां  कुछ करने के लिए ।

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मेरी मौत पर जमाना भी अफसोस कर रहा था ,

और मैं अपनी मौत की वजह बताने से डर रहा था ।

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छोटा सा बहाना चाहिए बस ,

मरने के लिए ,

शेर जैसा जिगरा चाहिए यारो ,

मौत से आशकी करने के लिए ।

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सोये जब एक बार नींद मे ,

तो फिर जागे कभी नहीं ,

उसने ही हमारे सीने पर

खंजर चलाया ,

मगर हम भागे कभी नहीं ।

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मौत से जीने की उम्मीद बेकार है ,

बेवफा से वफाई की उम्मीद बेकार है।

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जानता हूं तेरे से आशकी करने का

अंजाम मौत होगा ,

मगर दिलवाले कभी मौत से डरा नहीं करते ,

और जो डरते हैं ,

वो आशकी करा नहीं करते ।

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एक बार गया तो ,

लौट के नहीं आउंगा ,

याद करना फिर भले ही कितना भी ,

फिर कभी नहीं सताउंगा ।

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कुछ आदमी की मजबूरियां भी समझा करो ,

अपनी ही बस चलाती रहती हो ,

अगर हम मर गए तो तेरा क्या होगा ,

जो तुम हर बार मौत मौत चिल्लाती रहती हो ।

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तुझे मैं भूल जाउं यह हो नहीं सकता ,

मैं तुझसे पहले दुनिया से चला जाउं

यह हो नहीं सकता ।

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प्यार भी एक वहम है ,

दर्द भी एक रहम है ,

दूसरों को देखो ,

सब कुछ कितना गहन है ।

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मरने के बाद भी हमारी वफाएं याद करोगी ,

हम तो चले जाएंगे दुनिया से ,

मगर तुम हमें खुद से फिर पाने की फरियाद करोगी ।

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इस दुनिया मे कोई किसी का नहीं होता ,

सब स्वार्थ के नाते और रिश्ते हैं।

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कोई दर्द छुपा के रोता है ,

कोई दर्द बता के रोता है ,

मगर जो कुछ भी है ,

सब अच्छे के लिए होता है।

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सपने दिल मे सजा के रखना ,

और कोई मिले ना मिले ,

मगर अपनी वाली की बजा के रखना ।

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हर किसी को मौत भी नसीब नहीं होती ,

जिसके पास हो आप जैसा यार ,

उसकी जिदंगी कभी गरीब नहीं होती ।

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जब मौत की तलास थी ,

तो मौत भी नहीं मिली ,

जब जिदंगी की तलास थी ,

तो वो सोच भी ना मिली ।

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रोओ या मतम मनाओ ,

हमें तो जाना है ,

सब कुछ पाकर देख लिया ,

बस एक बार मौत को पाना है।

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जिसका कोई ठिकाना नहीं ,

जिसके पास कोई बहाना नहीं ,

क्या अभी भी तुमने उसको

पहचाना नहीं ।

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जिदंगी भर याद रहती हैं कुछ सूरतें ,

उम्र भर खत्म नहीं होती कुछ जरूरतें ।

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खेल है सारा यहां नसीबों का ,

कोई राजा है , तो कोई रंक ,

और बुरा हाल है गरीबों का ।

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मेरी भी आज अंतिम घड़ी नहीं होती ,

अगर तू उस दिन सामने खड़ी नहीं होती ।

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दिल लगाकर भी पछताओगे ,

दिल ना लगाकर भी पछताओगे ,

दोनो करके देख लिया ,

बोलो फिर कहां जाओगे ।

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रगो मे खून तो आज भी है ,

भले ही हम मुर्दा हो चुके हैं ,

मगर तुझे पाने का जनून ,

तो आज  भी है।

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तड़पती जवानी ,

और कड़कती बिजली को रोकना मुश्किल है।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।