मुल्तानी मिट्टी खाने से क्या नुकसान के बारे मे हम बात करेंगे। मुल्तानी मिट्टी हो या कोई और मिट्टी इन सभी को खाने से हमेशा नुकसान ही होता है। भले ही कुछ इंसानों को इसकी वजह से मामूली संतुष्टि मिले । लेकिन अंत मे बस नुकसान के अलावा कुछ भी नहीं होता है। कुछ बच्चों को भी इस तरह की आदत होती है। वे मुल्तानी मिट्टी या फिर चॉक और यहां तक की दीवार के टुकड़े । मटके के टुकड़े तक खा जाते है। और किसी को यह पता नहीं चल पाता है। यदि आप उनको डांटते हैं , तो भी वे नहीं मानते हैं। और चुपके चुपके खाते रहते हैं। खास कर कई महिलाओं को भी मुल्तानी मिट्टी को खाने की आदत होती है। इनको वे छुप छुप कर खाती रहती है। असल मे यह कोई आदत नहीं है। यह एक प्रकार का रोग होता है। कुछ लोग मानते हैं कि मुल्तानी मिट्टी खाने की आदत कैल्शियम की कमी की वजह से होती है। मगर जब डॉक्टरों की बात करें , तो आपको बतादें कि उनके अनुसार यह एक प्रकार की पाइका बीमारी की वजह से होता है। हालांकि आपने गर्भवति महिलाओं को भी मिट्टी को खाते हुए देखा होगा । तो आपको इन सभी चीजों को भी समझना होगा । मगर जब उनको बच्चा हो जाता है , तो वे अपने आप ही मिट्टी को खाना बंद कर देती हैं।
यदि आपका बच्चा भी मुल्तानी मिट्टी को खा रहा है , या अन्य बेकार की चीजें खा रहा है , जोकि खाने योग्य नहीं हैं , तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें , और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है , आपको उसका पालन करना चाहिए । और नियमित दवाओं का सेवन करना चाहिए । मिट्टी खाने के नुकसान के बारे मे सबसे पहले हम बात कर लेंते हैं। कि यदि किसी को मिट्टी खाने की आदत लग जाती है , तो उसके बाद क्या हो सकता है ? इसके बारे मे हम बेहतर तरीके से बात करेंगे ।
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मुल्तानी मिट्टी खाने के नुकसान पेट मे परजीवी का होना
दोस्तों मुल्तानी मिट्टी के अंदर कई तरह के परजीवी हो सकते हैं। जोकि आपके पेट के अंदर जा सकते हैं। और बाद मे यह आपको भयंकर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं।मिट्टी में अक्सर परजीवी जीवाणु, कवक और प्रोटोजोआ पाए जाते हैं। इन परजीवियों के शरीर में प्रवेश करने से पेट में संक्रमण हो सकता है। यदि आपके घर का कोई भी सदस्य मुल्तानी मिट्टी का सेवन करता है , तो आपको उसको जल्दी से जल्दी रोकने का प्रयास करना चाहिए । वरना समस्या और अधिक गम्भीर हो सकती है।
परजीवी संक्रमण होने के लक्षण की यदि हम बात करें , तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसकी मदद से हम पहचान सकते हैं कि परजीवी संक्रमण हो चुका है।
- पेट में ऐंठन और दर्द
- दस्त
- उल्टी
- मतली
- वजन घटाना
- थकान
- बुखार
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- खांसी
- त्वचा पर घाव
अमीबियासिस नामक जीव की वजह से पेट मे दर्द और दस्त व मवाद हो सकता है। इसके अलावा एस्केरिससिस नामक एक अन्य परजीवी संक्रमण से पेट में ऐंठन, दर्द, कब्ज और भूख न लगना हो सकता है
multani mitti khane ke nuksan कुपोषण की समस्या होना
मुल्तानी मिट्टी का यदि कोई सेवन करता है , तो फिर होता यह है , कि वह लगातार उसका ही सेवन करता रहता है। भोजन वैगरह को खाना कम कर देता है। और इसका नुकसान यह होता है , कि वह इंसान कुपोषण का शिकार हो जाता है। कुपोषण का शिकार होने की वजह से काफी कमजोर हो जाता है। तो दोस्तों मुल्तानी मिट्टी का सेवन आपको नहीं करना चाहिए । इससे आपकी भूख मर जाएगी , और अंत मे आप बीमार ही होंगे । इससे आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है।
multani mitti khane ke nuksan दांतों को नुकसान होता है
जब आप मुल्तानी मिट्टी का सेवन करते हैं , तो इससे आपके दांतों को नुकसान हो सकता है। क्योंकि दांत मिट्टी की वजह से घिंस सकते हैं। और दांत टूट भी सकते हैं। यह धीरे धीरे काफी कमजोर होने लग जाते हैं। और रेत के कण धीरे धीरे आपके दांतों के अंदर फंसने शूरू हो जाएंगे । यदि आप अपने दांतों को जरा भी खराब होने से बचाना चाहते हैं , तो इस तरह की किसी भी आदत को आपको नहीं लगाना चाहिए । नहीं तो उल्टा नुकसान आपको ही होगा ।
मुल्तानी मिट्टी के नुकसान आंतों मे रूकावट
दोस्तों यदि कोई लगातार मिट्टी को खाता रहता है , तो इसकी वजह से बहुत अधिक समस्या का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से मरीज के आंतों के अंदर रूकावट हो सकती है। और इसकी वजह से उल्टी दस्त हो सकता है। आंतों के अंदर रूकावट हो सकती है। बेहतर यही होगा कि आप मिट्टी को खाना छोड़ दें ।और गम्भीर मामलों के अंदर आंतों मे रूकावट होना काफी अधिक जानलेवा हो सकती है। इसलिए मिट्टी खाने वाले इंसान का जल्दी से जल्दी उपचार किया जाना जरूरी होता है।
मिट्टी खाने से लिवर की समस्याएं
आपको बतादें कि मिट्टी खाने से लिवर की समस्याएं भी हो सकती हैं। भारी धातुएं होती हैं , जोकि आपके लिवर को परेशान कर सकती हैं। सीसा, पारा और आर्सेनिक आदि होती हैं , जिसकी वजह से आपके लिवर को कैंसर हो सकता है। या फिर मिट्टी में अक्सर रसायन, जैसे कि कीटनाशक, फफूंदनाशक और पेस्टिसाइड पाई जाती हैं। यह भी आपके लिवर के लिए नुकसान का कारण बन सकते हैं। मिट्टी में अक्सर परजीवी, जैसे कि एस्केरिस, हुकवर्म और पेट के कीड़े पाई जाती हैं । और यह भी आपके लिवर की बीमारी का कारण बन सकते हैं।
मुल्तानी मिट्टी से फेफड़ो की समस्याएं हो सकती हैं
दोस्तों मिट्टी का सेवन करने से आपके फेफड़ों को भी समस्याएं हो सकती हैं। मिट्टी के अंदर परजीवी और दूसरे कई प्रकार की भारी धातुएं होती हैं , जोकि आपके फेफड़ों के लिए नुकसानदायी होती हैं। और इसकी वजह से आपको सांस लेने मे समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यदि कोई मिट्टी खाता है , तो उसे जल्दी से अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए । यह बहुत ही अधिक जरूरी होता है।
मिट्टी खाने से मानसिक समस्याएं हो सकती हैं
दोस्तों जैसा कि अक्सर आपको बताया जाता है , कि मिट्टी खाने से सिर्फ रोग होते हैं। लेकिन आपको बतादें कि मिट्टी खाने से आपको कई सारी मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं। और यह समस्याएं आपको काफी अधिक परेशान कर सकती हैं ।
चिंता और अवसाद
सोने में परेशानी
एकाग्रता में कमी
भावनात्मक अस्थिरता
वास्तविकता के साथ जुड़ाव की कमी
जैसी समस्याएं आपको देखने को मिल सकती हैं। इसलिए बेहतर यही होगा , कि आपको मिट्टी को खाने से बचना चाहिए ।
मुल्तानी मिट्टी को खाने से क्या क्या नुकसान हो सकता है ? इसके बारे मे हमने जाना अब हम बात करने वाले हैं कि मुल्तानी मिट्टी को खाने से कौनसा रोग हो जाता है आदि के बारे मे ।
किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है
जानकार बताते हैं कि यदि कोई मिट्टी वैगरह खाता है , तो उसकी वजह से किडनी स्टोन की समस्याएं हो सकती हैं। क्योंकि मिट्टी अंदर घुलती नहीं है। और बाद मे यह धीरे धीरे स्टोन का रूप् लेलेती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। इसलिए भूलकर भी मिट्टी नहीं खानी चाहिए । और यदि कोई खा रहा है , तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
और आपको पता ही है , कि एक बार यदि किडनी स्टोन की समस्या हो जाती है , तो उसके बाद उस समस्या को ठीक करना उतना आसान नहीं होता है। उसके लिए आपरेशन ही किया जाता है , फिर ।
पाचन की समस्या होती है
जो बच्चे मिट्टी का सेवन करते हैं , उनको पाचन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस तरह के लोग जो भी भोजन का सेवन करते हैं। उसके अंदर खाना ठीक से नहीं पच पाता है। और इसकी वजह से धीरे धीरे कुपोषण का शिकार होने लग जाते हैं।पाचन जैसी समस्या होने की वजह से कई बार उल्टी जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।
भूख कम लगती है
जो लोग मिट्टी आदि का सेवन करते हैं , उनकी भूख तो अपने आप ही कम हो जाती है। क्योंकि वे बस रेत को खा लेते हैं। खाना खाने की उनको जरूरत महसूस नहीं होती है। यदि आपके बच्चे को भी रेत आदि खाने की आदत है , तो वह फिर खाना समय पर नहीं खाएगा । उसके एक बार डॉक्टर के पास लेकर जाने की जरूरत है।
एनीमिया होने की संभावनाएं होती हैं
दोस्तों यदि कोई बच्चा या बड़ा मिट्टी का सेवन करता है , तो उसकी वजह से एनीमिया भी हो सकता है। मतलब आयरन की कमी हो सकती है।हिमोग्लोबिन की कमी शरीर के अंदर हो जाती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। खैर इस मामले मे आपको एक बार अपने डॉक्टर से ही मिलना चाहिए । वे ही आपको सही सलाह देंगे।
पाईका रोग क्या होता है ?
पाईका एक प्रकार का रोग होता है। यह किसी भी उम्र के इंसान को हो सकता है। जब यह किसी व्यक्ति को हो जाता है , तो उसके बाद वह ये चीजें मिट्टी, कागज, बाल, पेंट की पपड़ियाँ, या अन्य गैर-खाद्य वस्तुएँ हो सकती हैं। उनका सेवन करने लग जाता है।पाईका रोग पोषक तत्वों की कमी की वजह से होता है ,जैसे कि आयरन, जिंक, या मैग्नीशियम आदि की वजह से यह हो सकता है। ऑटिज्म, स्किज़ोफ्रेनिया, या डिप्रेशन की वजह से भी पाइका रोग हो सकता है।
पाइका रोग का उपचार
दोस्तों पाइका रोग का उपचार अलग अलग तरह से किया जा सकता है। और इसका उपचार करना काफी अधिक जटिल होता है। इसके अंदर कुछ दवाओं का प्रयोग किया जाता है। जैसे कि यह आयरन की कमी की वजह से हो रहा है , तो आयरन की पूर्ति के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
इसके अलावा यदि पाइका मनोवैज्ञानिक समस्याओं की वजह से विकसित हुआ है , तो इसके लिए एक अलग तरह के डॉक्टर की जरूरत हो सकती है। जोकि मानसिक रोगियों का इलाज करता है। इसके लिए एंटीसाइकोटिक्स जैसी दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
पोषण की वजह से पाइका हो रहा है , तो फिर डॉक्टर पोषण की समस्या को दूर करने के लिए प्रयास करते हैं। इसके लिए वे रोगी को विटामिन और खनीज का सप्लीमेंट देने का प्रयास करने का काम करता है। इसके अलावा पाइका के अंदर किसी तरह की जटिलता हो चुकी है। जैसे कि आंतों के अंदर रूकावट हो चुकी है , तो उस रूकावट का इलाज किया जाना चाहिए । इसके लिए सर्जरी की भी जरूरत हो सकती है।
कुछ दवाएं भी होती हैं , जोकि पाइका को रोकने मे मदद करने का काम करती हैं ।
एंटीसाइकोटिक्स: एंटीसाइकोटिक्स मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों जैसे कि स्किज़ोफ्रेनिया और ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है। क्योंकि कुछ लोग इन रोगों की वजह से भी मिट्टी का सेवन कर सकते हैं।
एंटीडिप्रेसेंट: एंटीडिप्रेसेंट अवसाद के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं हैं। यह दवाएं भी पाइका के व्यवहार को कम करने मे मदद करती है।
मुल्तानी मिट्टी को खाने से रोकने के घरेलू उपाय
दोस्तों यदि आपका बच्चा मिट्टी खा रहा है , तो इसके लिए कई सारे उपाय हम आपको बता रहे हैं , जिनकी मदद से आप मिट्टी खाने के उपाय को रोक सकते हैं।
आप बच्चे को अजवाइन पाउडर को घोल कर पिलाएं । ऐसा करने से बच्चे के पेट के अंदर यदि किसी तरह के कीड़े हैं , तो वे समाप्त हो जाएंगे ।
लौंग का पाउडर बनाकर रख लें। आधे कप पानी में थोड़ी सी पिसी लौंग मिलाकर उबालें और उसके बाद इसको बच्चे को दिन मे तीन से चार बार आपको पिलाना चाहिए । इससे आपको काफी आराम मिलेगा ।
इसके अलावा आप बच्चे को केला खिला सकते हैं। केले के अंदर फाइबर अच्छी मात्रा के अंदर होता है। इसकी वजह से बच्चे का पेट भरा रहता है , और उसका मिट्टी खाने का मन नहीं करता है।
मुल्तानी मिट्टी खाने से क्या नुकसान है । इसके बारे मे हमने जाना हम उम्मीद करते हैं , कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे।
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This post was last modified on January 4, 2024