nadi shabd roop nadi shabd roop in sanskrit नदी शब्द ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा है। सभी ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा का शब्द रूप एक प्रकार से ही बनता है। यदि आप नदी के शब्द रूप के बारे मे जानना चाहते हैं तो आपको इसके बारे मे नीचे बता रहे हैं आप इसके बारे मे देख सकते हैं। और अपनी राय को रखना ना भूलें ।
nadi shabd roop nadi shabd roop in sanskrit
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | नदी | नद्यौ | नद्यः |
द्वितीया | नदीम् | नद्यौ | नदीः |
तृतीया | नद्या | नदीभ्याम् | नदीभिः |
चर्तुथी | नद्यै | नदीभ्याम् | नदीभ्यः |
पन्चमी | नद्याः | नदीभ्याम् | नदीभ्यः |
षष्ठी | नद्याः | नद्योः | नदीनाम् |
सप्तमी | नद्याम् | नद्योः | नदीषु |
सम्बोधन | नदी | नद्यौ | नद्यः |
एक नदी एक प्राकृतिक बहने वाली जलधारा है। जिसके अंदर पानी की एक धार बहती रहती है। कई मामलों के अंदर नदी जमीन के नीचे से भी बहती है। नदी आमतौर पर किसी समुद्र की तरह विशाल नहीं होती है वरन यह काफी छोटी होती है।वैसे आपको बतादें कि नदी की कोई विशिष्ट परिभाषा नहीं होती है। वैसे आपको बतादें कि भारत के अंदर कई सारी नदियां पाई जाती हैं।जल जल चक्र में सतही जल अपवाह और जल निकासी घाटियों, अन्य जल स्रोतों जैसे भूजल पुनर्भरण, झरनों, और प्राकृतिक बर्फ और स्नोपैक में पानी के भंडारण के माध्यम से जल चक्र में बहता है।
आपको बतादें कि दुनिया के अंदर नदी काफी कम ही हैं। और यह धरती के बहुत ही कम भूभाग को कवर करते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि इंसानों के लिए नदी का होना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जो बहुत सारी सभ्यताएं हैं वे नदी के किनारे ही विकसित हुई हैं।
ताकि इन सभ्यताओं को किसी तरह की पानी की कमी महसूस नहीं हो आप इस बात को समझ सकते हैं।दुनिया के अधिकांश प्रमुख शहर नदियों के किनारे पर स्थित हैं, जैसे वे हैं, या पानी के स्रोत के रूप में , भोजन प्राप्त करने के लिए, परिवहन के लिए , सीमाओं के रूप में, एक रक्षात्मक उपाय के रूप में, एक के रूप में उपयोग किए जाते हैं।नदियाँ घाटियों, मैदानों या नीचे के पहाड़ों से होकर बह सकती हैं, और वे घाटियाँ, घाटी या धाराएँ बना सकती हैं। एक नदी चैनल में आमतौर पर एक ही धारा होती है, लेकिन कुछ नदियाँ कई धाराओं से बहती हैं,
नदी के किनारे एक मोड़ तक पहुंचने पर आसन्न निक्षेपों का कारण बन सकता है। जब नदी एक अंडाकार में विभाजित होती है, तो एक चैनल बिलबोंग या बैल झील में तब्दील हो सकता है। बड़ी मात्रा में तलछट ले जाने वाली नदियाँ अपने तटों पर विशिष्ट डेल्टा विकसित कर सकती हैं। खारे समुद्र के पानी में स्थित अपने मुहाने वाली नदियाँ मुहाना बन सकती हैं।गुरुत्वाकर्षण से प्राप्त शक्ति के साथ नदियाँ नीचे की ओर बहती हैं। दिशा में कम्पास की सभी दिशाएँ शामिल हो सकती हैं ।
वॉल्यूमेट्रिक फ्लो रेट, जिसे डिस्चार्ज, वॉल्यूम फ्लो रेट और वाटर फ्लो रेट के रूप में भी जाना जाता है, पानी की मात्रा है जो प्रति यूनिट समय में एक नदी चैनल के क्रॉस-सेक्शन से होकर गुजरती है। इसे आमतौर पर क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड (क्यूमेक) या क्यूबिक फीट प्रति सेकेंड (सीएफएस) में मापा जाता है।
नरम चट्टान के क्षेत्र को यंग रिवर वैली भी कहा जाता है। कटाव कुछ क्षेत्रों में पानी की गति को कम करके नरम चट्टान को कमजोर करता है, और कठोर चट्टान को कटाव से ऊपर की ओर धकेला जाता है ।
अब दोस्तों यदि हम बाढ़ की बात करें तो बाढ़ भी एक नदी से जुड़ी हुई होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । वैसे तो नदियां आमतौर पर काफी शांत बहती हैं लेकिन कई बार इनकी वजह से बाढ़ आ जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आपने कई बार नदी की वजह से बाढ़ आने की घटनाएं काफी अधिक देखी थी । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। दोस्तों नदी की वजह से बाढ़ आने के कई सारे कारण होते हैं। सबसे पहला कारण तो बारिश होता है। जब अधिक बारिश होती है तो आस पास का पानी उस नदी के पानी के अंदर आने लग जाता है जिससे कि नदी का जल स्तर काफी अधिक बढ़ जाता है
और आपको तो पता ही है कि जब नदी का जल स्तर काफी अधिक बढ़ जाता है तो उसके बाद इसका अतिरिक्त पानी आस पास के इलाकों के अंदर जाने लग जाता है। आपको पता ही है कि जिन इलाकों के अंदर पत्थरीली जमीन होती है वहां पर पानी सूखता है नहीं है। जमीन के अंदर भी आसानी से नहीं जाता है इसकी वजह से बाढ़ा आ जाती है। और कई बार तो नदी के पानी का बहाव इतना अधिक होता है कि पूरे घर के घर डूब जाते हैं। आमतौर पर नदी का पानी का बहाव यदि तेज है तो यह बहुत अधिक जानमाल का नुकसान करती है। इसी को बाढ के नाम से जानते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
आपको पता ही होगा कि बाढ़ की वजह से क्या क्या नुकसान हो सकता है ? अक्सर बाढ आने की वजह से बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं। सबसे पहली समस्य यह होती है कि घरों के अंदर पानी घुस जाता है और इसकी वजह से घर के अंदर रखे खाने पीने की चीजें खराब होती हैं और पशु धन यदि कोई रखता है तो वह भी मारा जाता है। इसके अलावा यदि आपके मकान के अंदर पानी घुस गया है तो फिर आप जानते ही हैं कि इससे मकान भी ढह सकता है और यदि लोग बाढ़ के अंदर फंस गए हैं तो फिर उनकी मौत तक हो सकती है। तो दोस्तों बाढ़ की वजह से बहुत कुछ हो सकता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
नदी से बाढ़ आने के दूसरे तरीके की बात करें तो अक्सर हम नदियों के उपर बड़े बड़े बांध को बनाते हैं और उन बांध के अंदर बहुत सारा पानी एकत्रित किया जाता है उस पानी का उपयोग सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
अब यदि किसी वजह से वह बांध टूट जाता है तो उसके बाद एक साथ कई बार पानी गांवों तक पहुंच जाता है और उसके बाद यह पूरें गांव को बरबाद कर देता है। और फसल तक बरबाद हो जाती है। इसके अलावा कई बार बांध से पानी भी छोड़ा जाता है जिससे कि आस पास की फसल को काफी अधिक नुकसान होता है।
इसके अलावा बाढ का एक कारण यह भी होता है कि कई बार भूकंप वैगरह की वजह से जमीन के अंदर काफी भयंकर हलचल होती है और इसकी वजह से काफी डेंजर लहरे उपर उठती हैं और यह लहरे आस पास बसे गांवों को तबाह कर देती हैं।
इसकी वजह से आस पास के घरों के अंदर पानी घुस जाता है और उसके बाद मकान नष्ट हो जाते हैं आप इस बात को समझ सकते हैं। अक्सर जिन इलाकों के अंदर बाढ़ का खतरा रहता है उन इलाकों मे लोग कच्चे घरों के अंदर रहना पसंद करते हैं क्योंकि उनको पता होता है कि बाढ़ कभी भी आ सकती है।
ऐसी स्थिति के अंदर पक्के घर बनाने का किसी तरह का कोई भी फायदा नजर नहीं आता है आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा ।