nagar palika kya kam karti hai ,नगर पालिका क्या काम करती है ? इसके बारे मे हम आपको बताने वाले हैं।
नगर पालिका एक प्रशासनिक इकाई होती है। जिसके अंदर कई गांव या शहर आ सकते हैं। आपको बतादें कि नगर पालिका एक तरह से 20 हजार से अधिक आबादी वाली जगहों पर होती है। जैसे कि आपके शहर के अंदर यह हो सकती है। जिसके अधिकारी को आम भाषा के अंदर चेयरमैन के नाम से जाना जाता है। जिसके चुनाव होते हैं। और जो सबसे अधिक वोट हाशिल करता है , उसको नगरपालिका का चैयरमैन बना दिया जाता है।
हालांकि जिन शहरों की आबादी काफी कम होती है। उनके अंदर नगरपालिका नहीं होती है। खास कर गांवों के अंदर ग्रामपंचायत होती है। , जोकि गांवों की देखरेख और विकास के लिए जिम्मेदार होती है। इसका प्रमुख कार्यकारी सरपंच होता है।
तो आप नगरपालिका के बारे मे समझ ही चुके हैं , अब हम आपको यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि नगरपालिका के क्या क्या कार्य होते हैं ?।
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जल आपूर्ति को सुनिश्चित करना
दोस्तों नगरपालिका के कार्यों के अंदर जल आपूर्ति भी आती है। यदि किसी क्षेत्र के अंदर जल नहीं आ रहा है , तो वह नगरपालिका के अंदर जाकर अपनी शिकायत कर सकता है। और नगरपालिका उसकी समस्या को दूर करती है। वहीं यदि किसी क्षेत्र के अंदर पेयजल के लिए पाइप लाइन नहीं बिछाई गई हैं , तो पाइपलाइन को बिछाने का काम भी नगर पालिका ही करती है। जल आपूर्ति से जुड़ी कोई भी समस्या हो नगरपालिका मे शिकायत यदि आप करते हैं , तो आपकी समस्या का आसानी से समाधान हो जाता है।
बिजली आपूर्ति पर ध्यान देना
दोस्तों वैसे तो बिजली आपूर्ति का कार्य नगरपालिका का नहीं होता है। लेकिन वह इसके अंदर कार्य को प्रोग्रेस कर सकती है। जैसे कि किसी कस्बे के अंदर बिजली नहीं आ रही है , तो नगरपालिका बिजली कंपनी को इसके बारे मे शिकायत कर सकती है। और ऐसा करने से लाइन मैन को समस्या हो सकती है , जोकि उस क्षेत्र की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है। तो आप चीजों को समझ सकते हैं। तो एक तरह से देखा जाए तो नगर पालिका बिजली आपूर्ति के अंदर भी मदद करती है। या समस्या हल करती है।
अग्नि सुरक्षा प्रदान करने का कार्य
अग्नि सुरक्षा के कार्य मे भी नगरपालिका काम करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि किसी क्षेत्र के अंदर आग वैगरह लग जाती है , तो वहां पर आग बुझाने के लिए नगरपालिका काम करती है। इसके अलावा आग बुझाने के यंत्रों को मंगवाना और उनका प्रशिक्षण देने का काम भी नगर पालिका करती है।
सड़क निर्माण का कार्य
दोस्तों यदि नगर के अंदर कहीं पर सड़क नहीं हैं । या फिर सड़के काफी हद तक टूट चुकी हैं , तो इस दिशा के अंदर भी नगरपालिका कार्य करती है। चह टूटी सड़कों को नया बनाने का टेंडर जारी करती है। और जिन स्थानों पर सड़क नहीं है , वहां पर सड़क निर्माण कार्य करती है। इस तरह से नगर पालिका पक्की सड़कों के निर्माण के कार्य को भी देखती है।
स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध करवाती है
दोस्तों आपको बतादें कि नगरपालिका अपने क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने का काम करती है। वह यह सुनिश्चित करती है ,कि उनके क्षेत्र के अंदर स्वास्थ्य के मामले मे सही तरह से काम हो रहा है या फिर नहीं हो रहा है। डॉक्टर वैगरह की कमी को पूरा करने के लिए भी काम करती है। और मरीजों की समस्याओं को दूर करने की दिशा मे काम करती है। जैसे कि अस्पताल वैगरह बनाने का काम भी नगरपालिका का ही होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
साफ सफाई का कार्य
दोस्तों नगरपालिका का साफ सफाई का भी कार्य होता है , वह सर्वाजनिक सड़कों और गलियों के अंदर साफ सफाई करने का काम भी करती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। नगरपालिका कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति करती है , जोकि साफ सफाई करने के अंदर लगे रहते हैं। यदि आप शहरों के अंदर गए होंगे ,तो आपने उनको देखा भी होगा । इस तरह से नगरपालिका कूड़ा और करकट को हटाने की दिशा मे काम करती है , और साफ सफाई के लिए कार्य करती है।
जन्म मृत्यू पंजियन का काम करती है
दोस्तों वैसे तो जन्म और मृत्यू का पंजियन आनलाइन होता है। मगर फिर भी नगर पालिका के अंदर ही यह सब काम होता है। जैसे कि अस्पताल के अंदर कोई बच्चा जन्मा है , तो फिर नगर पालिका के अंदर आपको जाना पड़ेगा । वहां से कुछ प्रोसेस करनी होगी । तभी यह हो सकता है। हालांकि आजकल सब रिश्वत चलता है ।
मंडी और बाजार मे सुधार करती है
जैसा कि आपको पता ही है , कि मंडी के अंदर किसान फसल लेकर या अनाज लेकर आते हैं। नगरपालिका किसानों के हित मे मंडी के लिए कुछ नियम बनाने का काम करती है। ताकि अधिक से अधिक किसानों को फायदा हो सके और , मंडी की व्यवस्था को ठीक ढंग से बनाने का कार्य भी नगर पालिका का ही होता है।
शहर मे स्कूल की व्यवस्था करना
यदि शहर के अंदर स्कूल नहीं है , तो स्कूल के भवनों का निर्माण करने के लिए भी नगरपालिका काम करती है। और बच्चों की पढ़ाई मे आनेे वाली सभी तरह की समस्यओं को दूर करने मे नगरपालिका काफी हद तक मदद करने का काम करती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
पुरानी धरोहर का रखरखाव का कार्य
यदि शहर के अंदर कोई पुरानी धरोहर है , तो उसके रखरखाव का कार्य नगर पालिका का ही होता है।समय समय पर नगरपालिका पुरानी धरोहर को सुधारने का काम करती है। ताकि उसकी आयु काफी लंबी हो सके । आप इस बात को समझ सकते हैं। कई ऐसी जगहें होती हैं , जंहा पर कुछ पुरानी धरोहर होती हैं , और उन धरोहर को देखने के लिए कई सारे पर्यटक आते हैं , इस तरह की धरोहर को संरक्षित रखना जरूरी होता है।
बगीचों को लगाने और पेड़ पौधों के विकास के लिए कार्य करती है
जैसे कि रोड़ के बीच मे या पास पास पेड़ पौधों को लगाने का कार्य है। वह नगरपालिका ही करती है। जिसके अंदर पौधों की व्यवस्था करना और उनको लगाना । उनकी देखभाल के लिए कर्मचारी को नियुक्त करने का काम करती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देती है
यदि हम अन्य नगरपालिका के कार्यक्रमों के बारे मे बात करें , तो आपको बतादें कि नगरपालिका सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का काम करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जिसके अंदर वह कई तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करती है। और उनके अंदर काफी बेहतर पर्दशन करने वालों को सम्मानित किया जाता है।
शव हेतु जमीन की उचित व्यवस्था करवाना
दोस्तों आपको बतादें कि नगरपालिका शव हेतु जमीन की उचित व्यवस्था करवाने का काम भी करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि शव को कब्र के अंदर दफनाने के लिए जमीन नहीं है , तो इसके लिए जमीन उपलब्ध करवाई जाती है। तो यह काम भी नगर पालिका का होता है।
विभिन्न सरकारी योजनाओं और गरीबी दूर करने का काम करती है
नगरपालिका आमतौर पर उन योजनओं को लोगों तक पहुंचाने का काम करती है , जोकि सरकार चला रही है। और जैसे कि गरीबों को पक्का मकान दिलाने मे मदद करना । और गरीबी दूर करने की दिशा मे यह काम भी करती है।
आवारा पशुओं के लिए उचित व्यवस्था करती है
दोस्तों नगरपालिका का यह भी एक काम होता है। यह आवारा पशुओं के लिए उचित व्यवस्था करने का काम करती है। उनके रहने और चारे का इंतजाम करती है। और उनकी देखभाल करने का कार्य भी करती है।वैसे भी आवारा पशुओं को नियंत्रित करना काफी अधिक जरूरी होता है। नहीं तो यह काफी अधिक समस्या पैदा कर सकते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से पहुंचाना
दोस्तों यदि हम नगरपालिका के बारे मे बात करें , तो इसका यह दायित्व होता है , कि वह मलिन बस्तियों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक ढंग से पहुंचाने का काम करें । और टीकाकरण की दिशा मे काम करें । ताकि बीमारियों से सबको मुक्त किया जा सके । आप इस बात को समझ सकते हैं।
भारत के संविधान की 12वीं अनुसूची में नगरपालिका के 18 विषय दिए गए हैं। इसके बारे मे हम आपको उपर कुछ बता चुके हैं।
नगरपालिका के गठन के बारे मे बताएं
1687 के अंदर भारत के अंदर पहली बार नगरपालिका का गठन किया गया था । उसके बाद सबसे पहले मद्रास और कोलकता के अंदर इसका गठन किया गया । और 19 वीं सदी के बाद इसका प्रचल काफी अधिक हो चुका है।
वैसे आपको बतादें कि नगरपालिका के गठन के लिए कुछ चरण आयोजित किये जाते हैं। और उस चरण की मदद से नगरपालिका का गठन किया जाता है।
- ग्राम पंचायत, जिला पंचायत, या शहरी स्थानीय निकाय आदि की मदद से नगरपालिका के गठन की आवश्यकता को महसूस किया जाता है। इसको प्रस्तावना कहा जाता है। एक पूरी तरह से मसौदा तैयार किया जाता है।
- उसके बाद इस प्रस्तावना को स्थानिय निकाय की मदद से स्वीकृति देनी होती है। उसके बाद ही आगे की प्रोसेस होती है । आप इस बात को समझ सकते हैं।
- प्रस्तावना की स्थानीय प्रशासनिक निकाय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, विशेषज्ञ समितियों के माध्यम से नगरपालिका क्षेत्र की नक्शे की तैयारी की जाती है
- उसके बाद नगरपालिका के क्षेत्र और सीमाएं निर्धारित की जाती हैं , और वार्डों को निर्धारित किया जाता है।नक्से को निर्धारित किया जाता है।
- उसके बाद नगरपालिका के लिए चुनाव का आयोजन किया जाता है। और नगरपालिका प्रमुख का चैन किया जाता है।
नगरपालिका और ग्राम पंचायत मे अंतर
आपको बतादें कि नगरपालिका और ग्राम पंचायत के अंदर कुछ बड़े अंतर होते हैं। जिसके बारे मे आपको जानना काफी अधिक जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं। इसके बारे मे ।
- नगरपालिका शहरी क्षेत्रों के अंदर होती हैं। यह शहरों के विकास के लिए जिम्मेदार होती हैं। वहीं यदि हम ग्राम पंचायत की बात करें , तो यह गांवों के विकास के लिए होती हैं। और गांवों के अंदर इनका गठन किया जाता है।
- सड़कों, नलों, सीवरेज, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास के लिए नगरपालिका काम करती हैं। यह शहरों के लिए काम करती हैं। वहीं ग्रामपंचायत गांवों के विकास और सड़कों के निर्माण के लिए जिम्मेदार होती हैं।
- ग्राम पंचायत के प्रमुख को सरपंच के नाम से जाना जाता है। जबकि नगरपालिका के प्रमुख को महापौर के नाम से जाना जाता है।
इस तरह से नगरपालिका और ग्रामपंचायत के अंदर कुछ अंतर होते हैं। जिनको आप समझ सकते हैं।
नगर निगम और नगर पालिका में अंतर
नगर निगम की स्थापना बड़े शहरों के अंदर की जाती है। जिनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक होती है। वहीं नगरपालिका की स्थापना उन शहरों के अंदर की जाती है , जिनकी जनसंख्या 10 लाख से कम होती है।
सड़कों, नलों, सीवरेज, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास आदि के विकास के लिए नगरनिगम कार्य करती है। वहीं नगरपालिका अपने छोटे शहरों के अंदर सड़कों के निर्माण और बिजली पानी की व्यवस्था करने का काम करती है।
नगरपालिका का कार्यकाल
यदि हम नगरपालिका के कार्यकाल की यदि बात करें , तो आपको बतादें कि इसका कार्यकाल 5 साल तक का होता है। और यदि यह 5 साल पहले ही भंग हो जाती है , तो उसके बाद 6 महिने के अंदर अंदर दूसरा चुनाव करवाना जरूरी होता है।
नगरपालिका के सदस्यों की योग्यताएं
यदि हम नगरपालिका के सदस्यों की योग्ताओं की बात करें तो आपको बतादें कि इनकी कुछ योग्ताएं होती हैं। जिसके बारे मे हम आपको बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं।
नगरपालिका का सदस्य भारत का नागरिक होना चाहिए
वह 21 वर्ष की आयु को पूरा कर चुका होना चाहिए ।
वह
वह कोई पागल या दिवालया न हो ,
वह किसी लाभ के पद पर आसीन न हो ।
और नगरपालिका का चुनाव उसका कर्मचारी नहीं लड़ सकता है।
इस तरह से इस लेख के अंदर हमने नगरपालिका के कार्यों के बारे मे विस्तार से जाना और हम उम्मीद करते हैं , कि आपको यह पसंद आएगा यदि आपके मन मे किसी तरह का सवाल हो तो हमको पूछ सकते हैं।