270 + naraz dost ke liye shayari नाराज दोस्त के लिए ‌‌‌मस्त शायरी

naraj dost ke liye shayari , नाराज दोस्त के लिए शायरी यहां पर हम नाराज दोस्त के लिए कुछ शायारी दे रहे हैं। और हम आपको बेस्ट शायरी देने का प्रयास करते हैं। और उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा प्रयास पसंद आएगा । यदि आपको हमारा प्रयास पसंद आता है तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं। ‌‌‌असल मे दोस्ती के अंदर जब दोस्त नाराज हो जाता है तो उसको अपनी बात को कहने के लिए शायरी का प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌दोस्त की नाराजगी को दूर हम करेंगे ।

और हमारी दोस्ती को दुनिया जहां

मे मसहूर हम करेंगे ।

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‌‌‌दोस्तों की नाराजगी बातों से

नहीं दिल से लगाने से दूर होती है

और मन की नाराजगी दिल लगाने से

नहीं महफिल लगाने से दूर होती है।

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‌‌‌आप किस बात पर खफा हो

यह हमें बतादो ।

अगर हुई है हम से कोई गलती

तो वफा हमे रटा दो ।

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‌‌‌अक्सर दिल मे छुप नाराजगी

से दोस्ती के रिश्ते कमजोर हो जाते हैं

इस कलयुगी जमाने मे कभी कभी

दोस्त भी दोस्ती से बोर हो जाते हैं।

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‌‌‌हमें पता है आप हमसे नाराज है

आप हमसे दूर नहीं जा सकते हैं

क्योंकि हम ही आपकी आवाज हैं।

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‌‌‌जिदंगी तो सितम करती है

दोस्ती तो दम करती है

वह जब नाराज हो

जाती है तो बात कम करती है।

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‌‌‌हमे नहीं आता है नाराज होना

हम तो हंसते हुए पैदा हुए थे ।

आपकी दोस्ती की बदौलत

ही तो हम आज इतने मेधा हुए थे ।

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‌‌‌वो हमसे नाराज होकर भी हंसती है

बोलती है तोड़दी दोस्ती तुम्हारी

फिर भी क्यों हमे अपने बाहों के

घेरे मे कसती है।

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‌‌‌डूबने का कोई डर नहीं

हमारी तो किनारे पर किश्ती है

दोस्त नाराज भी हो गए

फिर भी हमारे अंदर मस्ती है।

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‌‌‌हम तो आपकी हर

नाराजगी को समझ लेते हैं

लेकिन आप हमारी

आवारगी को समझते नहीं है।

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‌‌‌आज आप हमसे  यूं नाराज नहीं

होते अगर समझी होती हमारी मजबूरी

अब हमसे बर्दाश्त नहीं होती है

दोस्ती मे यह दूरी ।

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‌‌‌वैसे तो कस्तूरी हैं हम

फिर भी आपकी दोस्ती

के बिना अधूरी हैं हम ।

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‌‌‌नाराज हम हुए तो दोस्तों ने बेवफा कह दिया

मनाया ही नहीं कमीनों ने और यह फलसफा कह दिया ।

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‌‌‌नाराज दोस्त कहते हैं बहुत विषैले हैं हम

लगता है आज इसी वजह से अकेले हैं हम

कुछ कमीने बेवजह कहते हैं कि दोस्तों

के दिल से खेले हैं हम ।

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‌‌‌चेहरे अजनबी हो जाएं

तो कोई बात नहीं

जब दोस्त अजनबी हो जाएं

तो समझ लेना खुदा आपके साथ नहीं ।

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‌‌‌आज हमारा दोस्त थोड़ा नाराज है

पर हमारे पास हर मर्ज का इलाज है।

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‌‌‌ऐसा क्या हमने कर दिया

कि आप नाराज हो गए

आप कह रहे हैं दोस्ती

के रिश्ते अब लाइलाज हो गए ।

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‌‌‌जुबान पर आई बात को

दबाया नहीं करते ।

नाराज दोस्त को

सताया नहीं करते ।

अगर आप खुश हैं

तो अपनी खुशी को हर

किसी को बताया नहीं करते ।

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‌‌‌मिट जाते हैं वो दोस्त

जो दोस्ती मे वफा नहीं होते ।

हम तो खुशनसीब हैं

क्योंकि हमारे दोस्त कभी खफा नहीं होते ।

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‌‌‌आपसे नहीं आपके वक्त

से नाराज हैं हम

और यह जमाना कहता है

दोस्तों के लिए बाज हैं हम ।

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‌‌‌जंग कभी अपनो से जीती नहीं जाती

दोस्त भले ही नाराज होकर चले जाएं

लेकिन हमारे दिल से कभी उनकी प्रीति नहीं जाती ।

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‌‌‌उसकी हर गलती भूल जाते हैं हम

क्योंकि वो है ही इतना मासूम

उसकी वजह से ही है हमारी

जिदंगी मे इतनी धूम ।

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‌‌‌दोस्त अगर नाराज हो

तो हम उदास हो जाते हैं

उनको कोई फर्क नहीं पड़ता

वो तो दुश्मनों के खास हो जाते हैं।

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‌‌‌अगर जुबान नहीं होती

तो यह आवाज नहीं होती ।

अगर हमसे गलती नहीं

होती तो वो नाराज नहीं होती ।

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‌‌‌ वो तो नाराज हैं हम तो आस लगाए बैठे

थे उनके आने की ।

वो तो आ ना सके और हम सोचते ही

रह गए उनको मनाने की ।

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‌‌‌नाराज दोस्तों को मनाने के जतन हमने किये

उनको तोहफा देने के लिए एकत्रित रत्न हमने किये ।

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‌‌‌आप रोते हो हमें रूलाने के लिए

आप कहते हो हमें बताने के लिए

रूठकर तो देखो एक बार

हदें पार कर जाएंगे आपको मनाने के लिए ।

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‌‌‌दोस्ती होती है दिल की बात बताने के लिए

दुश्मनी होती है सताने के लिए

और दोस्त रूठते हैं मनाने के लिए ।

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‌‌‌अगर हो जाए हमसे खता

तो माफ कर देना ।

अगर रूक जाएं कभी

सांसे तो दोस्ती के नाम

से विलाप कर देना ।

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‌‌‌गलती तो सबसे होती है

पर एक गलती के लिए

इतनी बड़ी सजा आप ने दी ।

हम आपको कैसे भूल सकते हैं

जिदंगी जीने की वजह  आपने दी ।

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‌‌‌वह तो नाराज होकर

हमसे बहुत दूर चली गई

लगा ऐसा जैसे हमारी

जिदंगी से कोई हूर चली गई।

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‌‌‌तुम खफा हुए तो आंखे बहने लगी

सपनो की दुनिया भी ढहने लगी

हम बेवफा नहीं थे मगर

बेवफा दुनिया हमको कहने लगी ।

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‌‌‌आपके नाराज होने पर जिंदा रहे पर वह जिदंगी न थी ।

जिदंगी मे मिले बहुत सारे दोस्त पर वह बदंगी न थी

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‌‌‌हम तुमको भुला देगें ऐसा हो नहीं सकता

आप भले ही नाराज हमसे हो जाएं

मगर यह दिल आपके बिना सो नहीं सकता

अरे एक ही दोस्त है हमारा

वो यूं लहरों मे खो नहीं सकता ।

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‌‌‌जब जलता दीपक बुझ गया

तो अनहोनी की शंका हुई

जब दोस्त नाराज हुआ

तो हमारी जिदंगी लंका हुई।

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‌‌‌आपकी दोस्ती से दिल की धड़कन हमारी

आपको नाराज करके हम नहीं रह सकते

क्योंकि हमे भी है दोस्ती की बीमारी ।

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‌‌‌आंखे बंद की तो आपका चेहरा नजर आया

आप हमसे नाराज थे दर्द गहरा नजर आया

हम समझ नहीं सके बहता पानी कैसे

ठहरा नजर आया ।

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‌‌‌ऐ दो हमारी नाराजगी

को बेवफाई मत समझना

सच्ची दोस्ती रखते हैं आपसे

दोस्ती को हवाई मत समझना ।

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‌‌‌बेइंतिहा महोब्बत दोस्तों से करते हैं

अगर वो नाराज होते हैं तो हम

आंहे भरते हैं

और उनको मनाने के लिए

जमीं आसमां एक करते हैं।

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‌‌‌अगर शब्दों से तुम नाराज होते हो

तो हमारे बीच खामोशी बेहतर है

जिसमे आपकी याद दर्द ना दे वो

बेहोशी बेहतर है

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अगर चुभते हैं आपके पैरों मे कांटे

तो आपकी राहों मे फूल बिछाएंगे

‌‌‌आजाओ दोस्त अगर आप

नाराज हैं तो हम आपको गले लगाएंगे

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‌‌‌बेशक गुस्सा आप हम पर करें

पर हम आप पर गुस्सा कर नहीं सकते ।

आप नाराज हो जाएं

पर हम तो आपके बिना मर भी नहीं सकते ।

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‌‌‌अगर नाराजगी हमसे हो जाए

तो खुलकर बता देना ।

हम सुधारेंगे अपनी गलतियों

को बस दोस्ती का हक जता देना ।

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‌‌‌तुम रूठे तो जमाना रूठ गया

तुम छूटे तो जमाना छूट गया

आपसे है हमारी जिदंगी

देखों कैसे दोस्त हमारे दिल को लूट गया ।

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‌‌‌अगर आप छुप गए तो ढूंढ लाएंगे हम

अगर आप नाराज हो गए तो आपको मनाएंगे हम

अगर आप उदास हैं तो फिर से हंसाएंगे हम ।

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‌‌‌दिल से निकाल कर देखों तो भी जाएंगे नहीं

अगर तुम नाराज हो गए तो क्या हुआ

हम किसी को बताएंगे नहीं ।

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‌‌‌हर दोस्त तो अनमोल होता है

दोस्ती मे नाराजगी का भी रोल होता

याद रखना जिदंगी का सिरा गोल होता है ।

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‌‌‌अगर तू दोस्त  नहीं हमारा  तो

तो नाराज क्यों होता है

और जब हम सफल होते हैं

तो तुझे नाज क्यों होता है

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‌‌‌आप मेरे कल थे

और मेरे आज भी हैं

कैसे मनाएं उनको

खरे सोने जैसे दोस्त नाराज भी हैं।

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‌‌‌नखरे तेरे ,नाराजगी तेरी

मनाया है बहुत तुझे

फिर भी करदी तूने दोस्ती मे

आज फिर देरी ।

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‌‌‌नाराज होना हमारी फितरत नहीं

जो बनाने की बजाय बिगाड़

देता है वो कुदरत नहीं ।

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चेहरे से हम भले ही नाराज दिखें

‌‌‌दिल से नाराज नहीं

दोस्त बेवजह छोड़कर जाता है

तो जाने दो इसका कोई इलाज नहीं ।

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‌‌‌नींद खुली तो दोस्तों

को नाराज पाया ।

कभी नहीं हुआ था जो

वो आज पाया ।

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‌‌‌जब जिदंगी मे दोस्त

आए तो उजाला हुआ ।

जब दोस्त नाराज हुए

तो छोड़ गए जीवन उबाला हुआ ।

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‌‌‌जब आता है दर्द तो

आंखे छलक जाती हैं

आप अगर नाराज हों

तो भले ही ना बताएं

पर चेहरे पर झलक जाती हैं।

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‌‌‌जिदंगी को तेज धूप है

दुश्मनी तो गहरा कूप है

नाराज होने पर भी

अच्छा लगता है आपका

जो रूप है।

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‌‌‌आपकी दोस्ती के किस्से जमाने को बताते हैं हम

नाराज ना होना आप हमसे

क्योंकि आपकी नाराजगी को लेकर बहुत बातें

बनाते हैं हम ।

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‌‌‌जिदंगी तो एक रिक्शा है

जिस पर सवार रहते हैं यार

अगर नाराज आप हमसे

हो गए तो कैसे चलेगा हमारा संसार ।

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‌‌‌दोस्त हो तो दोस्त की तरह रहो

ज्यादा बकवास मत करो ।

अगर नाराज हो तो नारजी

जाहिर करो यूं उलास मत करो ।

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‌‌‌मरने का अभियास करते हैं हम

आप नाराज हो गए तो

आपको मनाने के लिए भगवान

के आगे अरदास करते हैं हम ।

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‌‌‌एक बार फिर आपको मनाने आएं हैं हम

हमसे कोई गलती नहीं हुई यह बताने आए हैं हम

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‌‌‌आप नाराज हो गए तो

हमारी जिदंगी मे कुछ शेष न रहा ।

अब क्या बताएं दोस्ती टूट ही

गई है तो जिदंगी मे कोई क्लेश ना रहा ।

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‌‌‌बागों मे झूलने का शौक है हमे

नाराज हो गए हैं आप

मगर मनाने पर रोक है हमें ।

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‌‌‌आप नहीं होत तो

हम रात मे करवट बदलते हैं

आप तो नाराज हो गए

हम तो आपकी याद मे नींद

मे भी चलते हैं।

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‌‌‌दुनिया कहती है हम तो मर चुके हैं

सारे दोस्त नाराज होकर चले गए

लगता है सब हमसे डर चुके हैं।

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‌‌‌आपकी नाराजी मे हम बर्तन खूब मांजते हैं

तेज आवाज मे गाने चलाकर खूब नाचते हैं।

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‌‌‌सोयें भी कैसे टूटी खाट है

आपकी और हमारी दोस्ती विराट है

आप नाराज हो गए और

सूना जिदंगी का बाट है।

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‌‌‌झूला ,झूला तो रस्सी टूट गई

दोस्ती की तो जिदंगी छूट गई

क्या बताएं जमाने को

हमारी दोस्ती अब रूठ गई।

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‌‌‌एक चींटी को देखों

बार बार गिरती है फिर चढ़ जाती है

और दोस्त हमारे बार बार

नाराज होते हैं और फिर मन जाते हैं।

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‌‌‌इस जिदंगी मे दानों की दीवार बनाई हमने

दोस्ती तो चार बनाई हमने

पर सब नाराज हो गई

तो जीवन की सबसे बड़ी हार मनाई हमने ।

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‌‌‌दोस्त नाराज हुए तो घुट रही जिदंगी

अरे दोस्तों अब तो मान जाओ

छूट रही जिदंगी ।

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‌‌‌दोस्तों के पास जाने को

यह मन तो मचलता है

पर कैसे पास जाएं वो तो

नाराज बैठे हैं

हम तो मर गए

और वो हमें मनाने कब्र पर आज बैठे हैं।

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‌‌‌हे खुदा हमें भी इन

गमों से छूट कारा मिल जाए ।

चलते हैं थोड़ी दूर आगे

क्या पता दोस्त प्यारा मिल जाए ।

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‌‌‌इन दिनों बात नहीं की यार से

अगर नाराज है दोस्त तो

मान जाएगा तुम भी बात करो प्यार से ।

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‌‌‌फोन पर तो बात हुई नहीं दोस्त

से तो दोस्ती के नाम  लिखी चिट्टी

दोस्त तो नाराज था लेकिन दुश्मन

नजर आया जब हटी मिट्टी

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सौगंध है हमे इस मिट्टी की

‌‌‌आज तुझे मनाएंगे

अगर तू कहेगा तो तुझे लेने

के लिए सात समंदर पार कर आएंगे ।

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‌‌‌टीवी पर बैठे दोस्त

हमारी मौत की खबर सुनते रहे

नाराज थे वो मौत पर भी नहीं आए हमारी

बस नए नए दोस्त चुनते रहे ।

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‌‌‌हमारा सब कुछ जलता रहा

नाराज दोस्तों के सामने

हम तो यही चाहते थे कि

दोस्त एक बार फिर हमारा

दामन थाम ले ।

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‌‌‌कहने को तो पेड़ की जड़ हैं हम

दोस्तों का भी वजूद नहीं हमारे बिना 

अगर दोस्त सिर हैं तो उनके धड़ हैं हम

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‌‌‌धन चुराते देखा है

पर आज तो चोर

दोस्तों को भी चुराने लगे ।

हमने किया कमाल

और नाराज दोस्त खुद ब खुद आने लगे ।

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‌‌‌इस दोस्ती ने गहर जख्म

दिया जो भर नहीं सकता ।

यार दोस्ती मे धोखा

खालिया एक बार बार बार

दोस्ती कर नहीं सकता ।

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‌‌‌हम उन्हें नजर नहीं आए भरी भीड़ मे

लगता है वो नाराज हैं हम से

इसलिए तो अकेले छोड़ आए हमे बीड़ मे ।

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‌‌‌लुट गए हम तो नाराज

दोस्तों ने आश्वासन  भी दिया ।

टूटा घर हमारा सुनामी से

तो रासन भी दिया ।

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‌‌‌उम्मीद है उन्हें कि हम उनको

मनाने के लिए जरूर आएंगे ।

पर झूठे दोस्तों के लिए क्यों

हम खुद को इतना तड़पाएंगे ।

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‌‌‌चल रहें हैं दोस्तों से मिलने

साइकिल पर फूलों का झंडा लगाए

दोस्त नहीं आए उनको मनाने के लिए

हमने क्या क्या  फंडे लगाए

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‌‌‌थाली मे काम होता है रोटी का

और बुरे दोस्तों मे काम होता है बोटी का ।

दोस्त नाराज हुए तो यह समय है कसौटी का ।

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‌‌‌वैसे दोस्त तो हमारें चांद जैसे हैं

देते हैं बिजली हमको वो बांध जैसे हैं

जब से नाराज हुए है वो हम

तो खाली नांद जैसे हैं ।

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‌‌‌भौंरे कहते हैं फूल खिलाने का समय आ गया

जब गए खुदा के पास तो कहा

चलो नाराज दोस्तों से मिलाने का समय आ गया ।

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‌‌‌हम पर वो कभी विश्वास कर ना सके

वो नाराज हैं उनके बिना मर जाएंगे कहते थे

पर हम मर ना सके ।

जो निभाते साथ जिदंगी भर दोस्ती ऐसी

कर ना सके ।

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‌‌‌जिंदगी मे हवा का आना जाना है

दोस्ती मे रूठना और मनाना है

लेकिन हम किसे मनाएं

हमारे दोस्तों का ना कोई ठिकाना है।

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‌‌‌वैसे तो दस बरस के हैं हम

पर सच्चे दोस्त पाने के लिए तरस गए हैं हम

वो तो नाराज बैठे हैं और कहां बरस गए हैं हम ।

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‌‌‌खाना तो बहुत खाया

पर पेट भरा नहीं यारों के बिना

जिदंगी कितनी सुनी लगती है

दोस्त जैसे रिश्तेदारों के बिना ।

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‌‌‌लगी ठोकर तो जिदंगी संभल गई

जब से दोस्त नाराज हुए

हमारी जिदंगी की शाम ढल गई ।

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‌‌‌रेत का महल बनाया हमने

तो जरा सी आंधी मे ढह गया ।

दोस्त बनाया था नाराज

होकर फिर से न आने को कह गया ।

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‌‌‌अगर ताकत होती इतनी

तो मोड़ देते जिदंगी की रेल को

बार बार नाराज होने से अच्छा होता

हम हटा देते दोस्तों के दिलो मे छिपे

मैल को ।

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‌‌‌बस बात कुछ नहीं हुई उनसे आंखों से

हम आपसे नाराज हैं कह कर चल दिया

कैसे बताएं आपको आपकी दोस्ती

ने तो हमारा मौसम ही बदल दिया ।

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‌‌‌आपका और हमारा

कोई मेल नहीं

आप अगर पूरब हैं

तो हम पश्चिम हैं

आप अगर उत्तर हैं

तो हम दक्षिण हैं

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‌‌‌खंडरों से उठाया है आपको

बड़ी मशक्कतों से पाया है आपको

और आप नाराज हो गए

पर क्या आप जानते हैं

हमने अपना बनाया है आपको ।

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‌‌‌टोपी दोस्तों के नाम की रखते हैं

जो दोस्त नाराज ना हो

दोस्ती भी ऐसी काम की रखते हैं

जो नखरे ना करें

इसलिए ही तो दोस्ती गांव की रखते हैं।

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‌‌‌ले आते  नए नए दोस्तों को हम

अगर दोस्तों का एक शहर होता

हम भी खत्म कर देते एक पल मे

दुश्मनों को

काश हमारे अंदर इतना जहर होता ।

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‌‌‌उड़ा ले गया दोस्ती को

जब वो भंवर आया

और हम तलास कर रहे थे उनकी

इतने मे उनका स्वर आया ।

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‌‌‌दोस्तों नाराज होकर कहते हैं

हम तो गुजर गए

और जब से छोड़ा है दोस्तों को

घरवाले कहते हैं हम सुधर गए ।

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‌‌‌नाराज दोस्तों के लिए एक जवाब हूं मैं

कभी ना देखा जाने वाला एक ख्वाब हूं मैं

नाराज दोस्त हमें मनाने नहीं आते

आपको क्या बताउं इतना खराब हूं मैं ।

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‌‌‌वो नाराज हो गए और हम अब

उनको क्या जवाब दें

दोस्ती उन्होंने तोड़ी और हम

मनाकर उन्हें अब क्या खिताब दे ।

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‌‌‌हम तो मानते हैं नाराज दोस्त

तो हमारे हम दर्द हैं

लेकिन उनके लिए तो हम

बस आधे मर्द हैं ।

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‌‌‌सिंदुर तो सुहागिन की निशानी है

जो दोस्ती मे काम आए वो कुर्बानी है

और जब दोस्त नाराज हो जाएं

तो कुछ नहीं हमारी तरह जिदंगानी है।

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‌‌‌नाम क्या पूछते हो दिल का हाल पूछो

दोस्त तो नाराज हैं हम से

उनके नाम ना कोई सवाल पूछो ।

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‌‌‌नाराज दोस्तों के लिए तो

गड़े धन की तरह थे हम

जब दोस्त चले गए तो

आपको क्या बताएं हाले ‌‌‌दिल

फीके मन की तरह थे हम ।

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‌‌‌शिकारी तो ताक मे थे

और दोस्त हमारी नाक मे थे

हम नाराज हो गए और

वो अभी भी पाप मे थे ।

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‌‌‌अगर दोस्त नाराज नहीं होते

तो हम भी खुश थे ना यह विलाप होता

अगर ऐसे दोस्त ही ना चुनते

तो ना यह प्रलाप होता ।

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‌‌‌लोग हमारी भाषा देख रहे

हम पीट रहे थे 

और नाराज दोस्त खड़े तमाशा देख रहे ।

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‌‌‌हमने सोचा दोस्त सिर्फ नाराज हैं

पर वो तो कोयलों की तरह काले निकले

खोजा जब उनके दिल मे नाम हमारा

तो कुछ नहीं सिर्फ मकड़ियों के जाले निकले ।

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‌‌‌दोस्त नाराज हूए

तो यह दिल हिल गया

लगता है दोस्तों को

अब हमसे अच्छा मिल गया ।

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‌‌‌दोस्तों की नाराजगी ऐसी

कि बिलबिला  गए हम

जब मानाया दोस्तों को

तो खिलखिला गए हम ।

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‌‌‌चूहे भी भागने लगे हैं

जब से हम बाज हुए हैं

यह कोई पहली बार नहीं

कि दोस्त नाराज हुए हैं

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‌‌‌आपकी दोस्ती मिली

तो हीरे की तरह चमक उठे हम

आपकी दोस्ती को देखकर

दुनिया मे दमक उठे हम ।

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‌‌‌हासिल ना कर सके हम

हाथ मे लंका था

वो कुछ कर ना सके

उनके मन मे हमारे

नाराज होने की शंका थी ।

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‌‌‌मौसम के साथ इन

हवाओं का रूख बदला है

दोस्त नाराज हो गए तो

हुआ कुछ नहीं बस

जिदंगी का सुख बदला है।

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‌‌‌चल रही है तेज आंधी

तो सभी खिड़कियां बंद होगी

नाराज हो गए दोस्त तो

किसी को दोष ना दो

दोस्ती भी वैसी ही मिलेगी

जैसी तुम्हारी पसंद होगी ।

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‌‌‌दोस्त अगर आप रूठ गए

तो हम फिर से पुकार लगादेंगे

अगर आप नहीं आओंगे तो

आपको मनाने के लिए सारा

संसार लगा देंगे ।

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‌‌‌दुश्मनों के खिड़की के शीशे तोड़े हमने

बुरे दोस्त बीच मे छोड़े हमने

मनाने के लिए आप जैसे दोस्तों को

बहुत हाथ जोड़े हमने ।

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‌‌‌लगता है दोस्तों ने हमे

पूरी तरह भुला दिया

अरे हम तो मरे ही नहीं थे

फिर भी कुछ जालिमों ने

कब्र मे सुला दिया ।

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‌‌‌जो दोस्त अच्छा नहीं

उसे भुला देना चाहिए

दोस्त अगर गलता है

गलती तो उसे रूला देना चाहिए ।

अगर दोस्त प्यारा है बहुत

तो उसे सीने से लगा देना चाहिए ।

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‌‌‌वैसे वो दोस्त बहुत प्यारे हैं

फिर भी आंखे फेर ली

क्या बताएं हाले दिल

गमों ने हमारी जिदंगी घेर ली ।

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‌‌‌दोस्त जब से अमीर हो गए

तब से वो बात करने से कतराते हैं

भूल गए हमें तो वो

बस अब अपनी अमीरी पर इतराते हैं।

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‌‌‌आप नाराज है हम से

तो अब हमारी दोस्ती मे

बचा क्या है

हे खुदा बतादो अगर गलती हमसे

हुई है तो इसकी सजा क्या है ।

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‌‌‌हम दोस्तों को कुछ नहीं

दे सकते हैं यही सच है

फिर भी टूटेगा नहीं

जो दोस्ती मे दिया वच है।

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‌‌‌दोस्ती ऐसी करो की कोई

छीन ना सके

अगर नाराज होना ही है तो

ऐसे हो कि कोई बीन ना सके ।

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‌‌‌नाराज दोस्तों को मना लिया

यह तो बस इस कलम का कमाल है

आ गए हैं दोस्त तभी

तो हमारी जिदंगी मे धमाल है।

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‌‌‌जिदंगी ने हमे बार बार हराया है

दोस्तों ने भी नाराज होकर दिखाया है

कोई नहीं है अपना यारो

यह सबक वक्त ने हमे सीखाया है।

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‌‌‌बिखरे हुए मोतियों को कभी समेंट ना सके

नाराज दोस्तों के सामने कभी लेट ना सके ।

यूं ही कट गया जीवन कभी दोस्तों के

संग सकून से बैठ ना सके ।

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‌‌‌हिम्मत तो हम हर बार हारे हैं

नाराज हो गए दोस्त तो

सूखी रेत मे दिन गुजारे हैं

साथ निभाएं तो किसका

निभाएं हम तो अभी

भी कुंवारे हैं।

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जाए तो वह कहां जाए

जिसके आगे और पीछे खाई हो ।

‌‌‌दुश्मन कहते हैं दोस्त

नाराज हो गए तो बधाई हो

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‌‌‌कोई कसर नहीं छोड़ी

हमने दोस्तों को मनाने की

लेकिन दोस्तों ने भी ठान ली

हमारी जिदंगी से जाने की ।

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‌‌‌चेतावनी है दुश्मनों के नाम

न हाथी है हमारे पास

न घोड़ा है हमारे पास

न तलवार है हमारे पास

न अस्त्र है हमारे पास

बस एक दोस्त नाम

का शस्त्र है हमारे पास ।

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‌‌‌हर इक सब्जी करेला नहीं होता

सोच समझ कर चुन लेना दोस्त

क्योंकि सचे दोस्तों का कभी मेला नहीं होता ।

अगर हमने भी अच्छे दोस्त

बनाए होते तो आज दिल अकेला नहीं होता ।

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‌‌‌दोस्त तो नाराज हो गए चले गए

और अपने पीछे कुछ सवाल छोड़ गए ।

खुद तो शांत थे कमीने

पर हमारी जिदंगी मे यह बवाल छोड़ गए ।

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‌‌‌जिदंगी तो नया पुराना वस्त्र है

नाराज करना ना कभी दोस्तों को

क्योंकि दोस्त ही गमों को काटने

का शस्त्र है ।

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‌‌‌ऐ दोस्त तुम नाराज क्यों हो

अगर गलती है हमारी तो

हम सर झुकाते हैं ।

शायद तुम हमे माफ करदो

हम अंतिम समय आपका कर चुकाते हैं।

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‌‌‌दिल बहुत तड़पा जब

नाराज दोस्तों की  सुनाई दी चीख है ।

रखलो यारो अच्छे दोस्त कहां मिलते हैं

दोस्ती तो खुदा की दी एक भीख है ।

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‌‌‌बीमारी दूर करने वाले प्लास है हम

नाराज हो गए तो दोस्त मनाने आएंगे

उनके लिए बहुत खास हैं हम ।

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‌‌‌दीया ऐसा हो की हटा दे

जिदंगी के सारे कोहरे को ।

दोस्तों ने भी नाराज होकर

आज यह साबित कर दिया

 उन्होंने इस्तेमाल किया इस मोहरे को

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तीर्थ तो बहुत किया पर

पाप हमारे धुले नहीं

बहुत बार मनाने गए

दोस्तों को पर कहते हैं

फिर कभी आना अभी

दरवाजे खुले नहीं ।

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‌‌‌आपकी दोस्ती मे बह गए हम

आप तो नाराज होकर चले गए

और अकेले राहों मे रह गए हम ।

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‌‌‌दोस्त कहते हैं तू बार बार नाराज होता है

तेरा तो वजूद पानी है ।

जिस भी पात्र मे डालदें

वैसा ही रंग हो जाता है

यही तेरी दोस्ती की निशानी है।

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‌‌‌चांद से प्यारी दोस्ती मे

नाराज होना भी एक हकीकत है

बोलता क्यों नहीं दोस्त

बतादें जो तुझे दिक्कत है।

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‌‌‌उनकी दोस्ती तो आसमानी है

आज समझ आया जब वो

नाराज हो गए यह तो बस

हमारे मन की नादानी है।

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‌‌‌दुश्मनों ने ललचाया तो दोस्त

नाराज हो गए और फर्क आ गया रंगत मे

सावधानी हम रखते हैं क्या पता हम

भी डूब जाएं ऐसी संगत मे

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‌‌‌नाराज होने वाले दोस्तों से

दोस्ती क्या खाक करें

हम दोस्त बनें ही नहीं और

वो कहते हैं गलती के लिए माफ करें ।

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‌‌‌नाराज दोस्तों की जिदंगी मे

हम दखल देते नहीं ।

सुना है आजकल शक्लों से होती है दोस्ती

हे खुदा हमारे भी हजार दोस्त होते

अगर आप यह शक्ल देते नहीं ।

——————–

‌‌‌राह मे काम होता है दिशाओं का

आंधियों मे रोल होता है हवाओं का

हम तो नाराज हैं पर बस इंतजार

कर रहे हैं आपकी बांहो का ।

——————–

‌‌‌नाराज दोस्तों को पता नहीं

किस चीज की गुमानी है ।

अगर दोस्ती की है तो

कदम कदम पर निभानी है।

——————–

‌‌‌उम्र हमारी बीत गई दोस्तों को मनाने मे

कोई फायदा नहीं होता है रूठने वाले

दोस्त बनाने मे ।

——————–

‌‌‌कुछ फूल हमने लगाए थे

अब हम उनको पानी दे रहे हैं

दोस्त नाराज होकर दोस्ती तोड़ दी

और अब हमें अपनी निशानी दे रहे हैं।

——————–

‌‌‌गुजरा हुआ कल कभी लौट कर नहीं आया

हम एंतजार करते रह गए ।

मनाने गए नाराज दोस्तों को पर नहीं आए

हम गुहार करते रह गए ।

——————–

‌‌‌दोस्तों की राहों मे भटक रहे हैं हम

नाराज दोस्तों के सीने मे पता नहीं

क्यों इतने खटक रहे हैं हम ।

——————–

‌‌‌झूठ बोलना हमारी आदत नहीं

नाराज दोस्त तो कहते हैं

दोस्ती मे दी जो आपने कुर्बानी

वो तुम्हारी शहादत नहीं ।

——————–

‌‌‌दिन गुजरे दोस्तों को मनाने मे

रात गुजरी दोस्तों को मनाने मे

दोस्त तो नहीं माने पर

हमारी जिदंगी गुजर गई इस तहखाने मे ।

——————–

‌‌‌जब दोस्त करीब आए तो

जिदंगी के नए अरमान सजने लगे ।

जब नाराज हो गए दोस्त तो हम

उनकी आंखों मे बजने लगे ।

——————–

‌‌‌दोस्त तो नाराज हो गए

और हम क्या बताएं हमपर जो गुजरी है

और दोस्त कहते फिर रहे हैं हमको

छोड़ने पर उनकी जिदंगी सुधरी है।

——————–

‌‌‌आसान नहीं होता है दोस्तों की

दोस्ती मे डूब जाना

दोस्त तो नाराज होत रहते हैं

दोस्तों की दोस्ती को हमने खूब जाना ।

——————–

‌‌‌नदी मे उतरे पर तेर ना सके

हमने बनाई दोस्तों की जिदंगी

और वो कहते हैं आप कभी

अच्छाइयों को चेर ना सके ।

——————–

‌‌‌कहते थे दोस्त साथ चलेंगे दूर तक

पर आज पता चला उनका रस्ता

था सिर्फ बूर  तक ।

——————–

‌‌‌खुदा क्या जाने

हमारे नाराज दोस्तों के बारे मे

वो हमें ना समझा पाये

और कहते थे दुनिया समझादेंगे इशारे मे ।

——————–

‌‌‌उड़ गई दोस्ती बवंडर बहुत विशाल आया ।

नाराज दोस्तों को मनाने का एक बार

फिर हमारे दिल मे ख्याल आया ।

——————–

‌‌‌जब दोस्त बने नए नए तो चहक उठी जिदंगी

ऐसा लगा जैसे फूलों से महक उठी जिदंगी

और जब वो नाराज होकर जाने लगे

तो अंगारों से दहक उठी जिदंगी ।

——————–

‌‌‌फूल को इंतजार था अब खिलने का

जब दोस्त बने तो सिलसिला शूरू हुआ मिलने का

अब कमीने नाराज हो कर कहते हैं

क्या फायदा बेमौसम खिलने का ।

——————–

‌‌‌बड़ी मुश्किल से मिलती है चांद जैसी

दोस्ती वो यूं ही फेंकी नहीं जाती

दोस्तों की नाराजगी हम से  देखी नहीं जाती

——————–

‌‌‌कहते थे कमीने हमेसा साथ चलेंगे हम

और कहीं नहीं तो मेवता चलेंगे हम

वो तो अब नाराज हो कर दूर बस गए

लेकिन उनको मनाने के लिए पूरी रात चलेंगे हम ।

——————–

‌‌‌आसमां से गिरे हम पेड़ पर अटक गए

दोस्तों ने साथ नहीं लिया तो

उनके पीछे चले

और राहों से भटक गए ।

——————–

‌‌‌कहते हैं आंखें खोल कर देखों

जमीं पर सितारे भी हैं

क्या गुमान करते हो दोस्ती पर

नाराज न होने वाले दोस्त हमारे भी हैं।

——————–

‌‌‌आई सुनामी और हम बह गए

हम तो इस दुनिया से चले गऐ

वो कमीने नाराज थे और

नाराज के नाराज ही रह गए ।

——————–

‌‌‌दोस्त जब नाराज हो गए तो हम

कूद गए खाई मे ।

जी नहीं सकते हैं हम दोस्तों

की रूसवाई मे ।

——————–

‌‌

जो दोस्त नाराज हो कर

चला गया वह तेरा नहीं था ।

हमने पहचान लिया था दोस्तों को

हमारे दिल मे इतना अंधेरा नहीं था।

——————–

‌‌‌दोस्त नाराज होकर भी

कहते हैं खुश रहो ।

अगर आप हमारे बिना

नहीं रह सकते हो तो

लगालो गले से हमें

क्यों इतने दर्द सहो ।

——————–

‌‌‌जीने के लिए एक पल का

प्यार भी काफी है

आपको हमने बहुत मनाया

पर आप नहीं माने यह नाइंसाफी है।

——————–

‌‌‌जलने वाले जलते रहे

और दोस्त हंसते रहे

उन कमीनों को पता नहीं

वो जिस पर हंस रहे हैं

वो उनका घर है।

——————–

‌‌‌कर्म करते रहो फल की चिंता मत करो

जो दोस्ती नाराज हो चुकी है उसे

फिर से हमारे दिल मे जिंदा मत करो ।

——————–

‌‌‌क्षणभंगूर तो यह संसार है

दो पलों का प्यार है

आप जब नाराज हो जाते हैं

तो यही सबसे बड़ी तकरार है।

——————–

‌‌‌अंत समय मे रिश्ते नाते

सब बेकार हो जाते हैं

बहुत बुरा लगता है

जब दोस्त बिना वजह

नाराज होकर बाहर हो जाते हैं।

——————–

‌‌‌मिलता वही है जो तकदीर मे लिखा

दोस्तों की नाराज की का एक लम्हा

हमने कश्मीर मे लिखा ।

——————–

‌‌‌इस दुनिया की परवाह हम नहीं करते

दोस्त नाराज हो गए तो क्या हुआ

उनको रूसवाह हम  नहीं करते ।

——————–

‌‌‌दोस्त बनाओं दोस्ती का  व्यापार ना करो

नाराज हो गए है दोस्त तो मनाओं

ज्यादा इंतजार ना करो ।

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‌‌‌ना सुहानी शाम है

ना दर्द की बाम है

जब से नाराज हुए हैं दोस्त

बहुत सर्दी जुकाम है।

——————–

‌‌‌मिले नाराज दोस्तों से

तो भाव नहीं दिया ।

उसे पेड़ से शिकायत

क्या करें जिसे धूप मे

किसी को छांव नहीं दिया ।

——————–

‌‌‌नए दोस्त बनाने का चाव है

आप जैसे दोस्त जिदंगी की नाव है

और आप नाराज बैठे हैं

क्या यही दोस्ती का हिसाब है।

——————–

‌‌‌घूमें गांव गांव

ना कोयल का सूर मिला

ना दोस्तों का खुर मिला

नाराज दोस्तों को मनाने

——————–

के लिए भटके इतने की

जिदंगी से नया गुर मिला ।

——————–

‌‌‌दोस्त जहां पर बैठते थे

यह गांव की चौपाल है

आज जो नाराज हो गए

कभी कहा करते थे

दोस्ती हमारी दुनिया से विशाल है ।

——————–

‌‌‌न बारिश मे नहाते न यह जुकाम होती

नाराज हो जाते दोस्त तो नए खरीद लाते

काश ऐसी दोस्ती की दुकान होती ।

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‌‌‌हमने कागज की नाव चलाई

हम मनाने गए नाराज दोस्तों को

हम भी चाहते हैं उनकी भलाई ।

——————–

‌‌‌उनकी दोस्ती मे हम

कब नापाक हो गए पता ही नहीं चला ।

नाराज दोस्त कब हमारे लिए

अभिशाप हो गए पता ही नहीं चला ।

——————–

‌‌‌आज नाराज दोस्त

मिल गए थे राहों मे

हम मेरे भी तो

दोस्तों की बाहों मे

——————–

‌‌‌दुश्मनों की गोली सीने मे लगी

तब विश्वास हुआ हम सच्चे थे

बस दो पल दोस्तों संग जीने मे लगी ।

——————–

‌‌‌नाराज दोस्तों के लिए

अफसोस नहीं मरने का

आज साबित हुआ जज्बा

हम भी रखते हैं दोस्ती

मे कुछ कर गुजरने का ।

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‌‌‌सीने मे उबाल था

गम बहुत विशाल था

नाराज दोस्तों के लिए

सब कुछ सह गए

क्या बताएं ऐसा

हमारा हाल था।

——————–

‌‌‌वैसे तो जिगरी

दोस्त हमे विरान समझते हैं

लेकिन नाराज दोस्तों के लिए

मरने मे भी हम शान समझ ते हैं।

——————–

‌‌‌कुछ दोस्त अपनी

करनी को छिपाते हैं

अगर हम नाराज भी हैं

फिर भी सब कुछ दोस्तों को बताते हैं।

——————–

‌‌‌परवाह नहीं करते हैं हम

आपकी दोस्ती मे अपमान की

अगर आप नाराज ही हैं

तो फिर क्यों बात करते हैं सम्मान की ।

——————–

‌‌‌दोस्तों के लिए हमने

दिल बिछाया है

आज भले ही वो नाराज हैं

पर उन्होनें हमे जिदंगी

भर हंसाया है।

——————–

‌‌‌हम नाराज हुए तो

वो मनाने मे भी शर्म रखते हैं

और हम हैं कि उनको

दोस्त मानने का मभ्र रखते हैं।

——————–

‌‌‌जब दोस्त नाराज हैं

तो उनकी साफी क्यों मांगे

गलती हमने की नहीं

तो माफी क्यों मांगे ।

——————–

——————–

‌‌‌आज दोस्तों संग पान खाया हमने

आज झूठी दोस्ती को तोड़कर

एक इंसान खाया हमने ।

——————–

‌‌‌ना सम्मान होता

ना अपमान होता है

अगर हमारा दोस्त

भी एक इंसान होता ।

——————–

‌‌‌दोस्ती की तो अजब कहानी है

आप जब नाराज हो जाते हैं

तो लगता है कुछ नहीं

सिर्फ आंखों मे पानी है।

——————–

‌‌‌चूड़ियां तो हम पहनते हैं लाख की

हम भी नाराज हो जाते आप से

पर बात है हमारे साख की

——————–

‌‌‌गरीब को सोने का घर नहीं

जो रूठे दोस्तों को मनादे

ऐसा कोई वर नहीं ।

——————–

‌‌‌ईमानदारी से हम चले

फिर भी दोस्तों के लिए बेईमान होगए

वो तो नाराज हो कर चले गए

और हम उनकी याद मे श्मसान हो गए ।

——————–

‌‌‌खून पसीने से इस दोस्ती

को सजाया है

पर दुनिया कहती है हीरे जैसा

दोस्त कीस्मत से पाया है।

——————–

‌‌‌ऐ दोस्त तुमको  प्यार के धोग से पिरोया है

आंखों में तुमको संजोया  है

तू क्या जाने तेरे नाराज होने से

यह दिल कितना रोया ।

——————–

‌‌‌पंछी संग उड जाएं हम जी चाहता है

इस नाराज होने वाली दोस्ती

छोड़कर पीछे मुड़ जाएं हम जी चाहता है।

——————–

‌‌‌दुनिया की बात छोड़ों

नाराज होकर यूं ना दोस्ती तोड़ो

कितना प्यार हम आप से करते हैं

आप यूं हमसे मुंह ना मोड़ो ।

——————–

‌‌‌हे खुदा कुछ ऐसा हो जाए

कि फिर जवानी आ जाए ।

हम क्या करें दोस्तों से इतना

कि उनका नाम लेते ही

आंखों मे पानी आ जाए ।

——————–

‌‌‌खुदा की हमपर इनायत सुनी हमने

दोस्तों की नाराजगी की शिकायत सुनी हमने

दिल हो गया था उदास तो कुरान की आयत सुनी हमने ।

——————–

‌‌‌न यह कभी दोस्तों से हमारी दिल्लगी होती

और न ही हमारी जिदंगी दोस्ती के खून से रंगी होती ।

——————–

‌‌‌आदत है हम दोस्तों को छेड़ने की

और तंग करने की ।

पर वो तो नाराज होकर कहते हैं

तुमको आदत है जंग करने की ।

——————–

‌‌‌नाराज दोस्तों को मनाने की

तमन्ना हम भी रखते हैं

बे मौसम खुश होने का

समां हम भी रखते हैं।

——————–

‌‌‌दोस्ती आज नाराज नहीं होती

अगर न हमारी जिदंगी इतनी सिरफिरी होती ।

प्यारे दोस्तों ने बचाया हमको

वरना हमारी जान दुश्मनों के

कदमों मे गिरी होती ।

——————–

‌‌‌खुदा से यही गुजारिश करते हैं

नाराज दोस्तों को अच्छी शौहरत मिले ।

जो दूर करदें हम को हमारे दोस्तों से

हमें ना कभी ऐसी औरत मिले ।

——————–

‌‌‌जी लेने दो यार खुशियों की दो घड़ी

क्यों आज हमारी खुशियों के आगे

दोस्ती खड़ी ।

——————–

‌‌‌अच्छा होगा दोस्त हमें

अपने प्यार के किस्से सुनाये तो

मिट जाएंगी दूरियां

अगर नाराज दोस्त को हंसाए तो ।

——————–

‌‌‌

हमसे नाराज होकर भी

उनके लंबों पर मुस्कान देखी ।

हम क्या बताएं आपको

हमने तो पत्थरों मे भी जान देखी ।

——————–

‌‌‌न कोई मंजिल है हमारी

दोस्तों को मनाने के लिए

सर्दियों मे है रात गुजारी

दोस्त नहीं मान रहे हैं

कहते हैं गलती है तुम्हारी ।

——————–

‌‌‌हमारा दिल तो दोस्ती के पीछे चलता है

पता नहीं क्या जादू है उनमें

कमब्ख्त नाराज दोस्तों की तरफ  खींचे चलता है।

——————–

‌‌‌जिसमे दोस्त ना हो

क्या करें ऐसे ख्वाब का

जब दोस्त नाराज हो जाते हैं

नशा भी नहीं होता शराब का ।

——————–

‌‌‌कमीने जब से नाराज हुए हैं

लुट गया है मारा सुख चैन

अब तो बहुत दर्द देती है

कभी सकून देने वाली रैन ।

——————–

‌‌‌जब से नाराज हुए हैं दोस्त

कमीनों ने नींद पर भी कब्जा करलिया

नहीं मान रहे हैं कमीने

खुदा के आगे भी हमने सजदा कर लिया ।

——————–

‌‌‌जिदंगी बनी है दोस्तों के लिए

और दोस्त बने हैं जिदंगी के लिए

खुदा का लाख लाख शुक्र है

ऐसी बंदगी के लिए ।

——————–

‌‌‌नाराज दोस्तों के लिए

आज हम बेजुबान हो गए ।

हमे नहीं पता था दुश्मनों को

दोस्त समझा और कुर्बान हो गए ।

——————–

‌‌‌न मकसद का पता न मंजिल का

हम तो इंतजार कर रहे हैं

दोस्त नाम के सहिल का ।

क्या बताएं कोई ठिकाना नहीं

होता उस जाहिल का ।

——————–

‌‌‌मान जाओ तुम

हमारा यह प्रयास है आखरी

आज से छोड़ देंगे तुम

जैसे दोस्तों की चाकरी।

——————–

‌‌‌जब से आपने नाराज होने का इरादा कर लिया

तब से हमने खुद को आधा कर लिया ।

लगता है प्यार दोस्तों से ज्यादा कर लिया ।

——————–

‌‌‌यह दुनिया तो आज भी रंगीन है

पर दोस्तों ने नाराज होकर

अपने आप को सादा कर लिया

आपने जिदंगी भर हमारा साथ

देने का झूठा वादा कर लिया ।

——————–

‌‌‌जो दोस्त नाराज हो गए

उनको माफ हम नहीं करेंगे

ऐसे दोस्त अगर मर भी गए

तो विलाप हम नहीं करेंगे ।

——————–

‌‌‌दोस्ती मे नाराज होकर

निभाएं नहीं जाते वादे

वो दोस्ती क्या निभाएंगे

जिनके पहले से ही गंदे हैं इरादे ।

——————–

‌‌‌जब से दोस्त नाराज हुए

आंखों से नींद खो गई

लगा ऐसे जैसे

जिदंगी विरान सी हो गई ।

——————–

‌‌‌आपको क्या बताएं क्यों

हमको जुकाम और खांसी है

जब से दोस्त नाराज हुए हैं

यह कुछ नहीं दिल पर छाई उदासी है।

——————–

‌‌‌डूबती जिदंगी को बचाने आप आए थे

आज नाराज होकर कहते हो चले जाओ

तब क्यों हमारे लिए खुश के  वाप आए थे

——————–

‌‌‌आपकी दोस्ती को देखकर खुश होते थे हम

सोचते थे कम से कम अकेले तो नहीं

अब तो डर लगता है अनजान फल को चखने मे

कहीं विषैले तो नहीं ।

——————–

‌‌‌आप हमसे नाराज

हो गए पर आपका ख्वाब जिंदा है

दिल का हाल क्या बताएं

यह तो बेताब जिंदा है।

——————–

‌‌‌पूछते हो आप नाराज होने से क्या होता है

अरे हमने आपके लिए पल पल

का सकून खोया है

और आंखों की नींद खोई है ।

——————–

‌‌‌दोस्त नाराज रहे

और हमारी जिदंगी खामोश हो गई

अब उनको समझ आएगा

बहुत बड़ी लोस हो गई ।

——————–

‌‌‌मेरे सर पर बादलों का साया था

अगर तुझे नाराज ही होना था

तो क्यों दोस्त बनकर हमारी

जिदंगी के अंदर आया था।

——————–

‌‌‌नहीं टूटती दोस्ती नाराजगी मे

अगर दोस्ती होती जंजीरों की तरह

कायर नहीं हैं यार हम

दोस्ती के लिए मरेंगे वीरों की तरह ।

——————–

‌‌‌कभी रोशन हो हमारी भी दुनिया

तो बात करना

कभी लगे की हम बुरे हैं तो

बता देना छोड़देंगे उसी दिन से

आप से बात करना ।

——————–

‌‌‌आप तो नाराज हो गए

और हमें आपकी दोस्ती मे कैद कर लिया

हम तो आपकी जान थे

फिर क्यों अब  हमें और आप मे भेद कर लिया

——————–

‌‌‌ जीते  हैं दोस्त नाराज ना

हो जाएं इस खौफ में

एक दिन यह तुमको ही उड़ा देगा

फिर क्यों गोले भर रहे हो इस तोप मे ।

——————–

‌‌‌काश हम दोस्तों की जिदंगी के किरदार होते

तो ना हमारे बीच नाराजगी के दरार होते ।

——————–

‌‌‌अब कोई दरवाज नहीं है दिल की दीवार मे

आपकी दोस्ती के बिना क्या रखा है

इस संसार मे ।

——————–

‌‌‌प्यार मे जीकर भी देख लिया

और दोस्तों की

नाराजगी को पीकर भी देख लिया

——————–

‌‌‌हमारी दोस्ती की दुनिया

आपने मिटाई थी

अगर नाराज ही होना था

तो फिर क्यों हमारी जिदंगी

इतनी सटाई थी।

——————–

‌‌‌हमारा दिल त कमब्ख्त और कमीना है

दोस्त तो नाराज हो गए

फिर भी जीना है।

——————–

‌‌‌नाराज दोस्तों ने अपनापन दिखाया है

इसलिए तो तुम्हारा यार हर जगह छाया है।

——————–

‌‌‌दिल फूल से लगाया तो

फूल टूट गया

दोस्तों से दिल लगाया तो

दोस्ती ही रूठ गए ।

——————–

‌‌‌ऐ नाराज दोस्तों

आज भी खुले तुम्हारे लिए दिल के द्धार हैं

आप नहीं आएंगे तो कैसे जीएंगे हम

आप ही तो हमारी सरकार हैं।

——————–

‌‌‌आप अगर नाराज हुए

तो दिल कुहासा हो गया ।

अब तो उन दोस्तों की

दोस्ती का दिल प्यास हो गया ।

——————–

‌‌‌अक्सर ना समझी मे

मर जाते हैं सीधे सादे लोग

दोस्ती मे नाराज होकर

भी दोस्ती निभाने के इरादे करते हैं लोग

——————–

‌‌‌क्यों सताती है हमें ऐ तन्हाई

वो हमे भूल गए तो हम

भी उनको भूल गए

नाराज दोस्तों की याद

फिर हमे न आई ।

——————–

‌‌‌आज दोस्तों के नाम के ओढ़े

हमने लबादे हैं

ऐ दोस्त नाराज ना होना हमसे

क्योंकि हम सीधे सादे हैं।

——————–

‌‌‌आज रस्त चुना है हमने नेकी का

और नाराज दोस्तों को लगता है

हमारी जिदंगी मे आज भी रोल है शेखी का ।

——————–

‌‌‌जब दोस्त नाराज हुए

तो सपने टूट गए

और अरमा हमारे बिखर गए

ढूंढ रहें हैं दोस्तों को

पता नहीं किधर गए ।

——————–

‌‌‌बहुत ढूंढा नाराज दोस्तों को

इन खेतों और खलियानों मे

बहुत मुश्किल होता है

एक प्यारा दोस्त खोजना इंसानों मे ।

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‌‌‌आई थी हमारी जिदंगी मे दोस्त

नाम से एक खूबसूरत परी ।

तब से हो गए हैं हम

इस दुनिया जहांन से बरी ।

——————–

‌‌‌दुनिया के रंग मे आखिरकार हम भी ढल गए

दोस्त नाराज हो गए पर हम दोस्ती मे लौट नहीं

सकते वापस , इतनी दूर चल गए ।

——————–

‌‌‌जो सच होता है वही आइना दिखाता है

कल तक जिसके लिए हम प्यारे थे

आज नाराज होकर हमें ही हाईना बताता है।

——————–

‌‌‌तेरी खूशबू की चाहत मे

बहुत भटके हम

दोस्तों मे सब कुछ सही

चल रहा था पर नाराजगी पर अटके हम ।

——————–

‌‌‌हमारी दोस्ती की कहानी

बहुत रस भरी है

वो तो बात बात पर नाराज हो जाते हैं

दुनिया कहती है कैसी दोस्ती करी है।

——————–

‌‌‌वक्त के साथ पेड़ भी फलदार हो गए

पता ही नहीं चला कब हम दोस्तों

के लिए संसार हो गए ।

——————–

‌‌‌क्या अर्थ लगाएं हम आपकी खामोशी का

जब से आप नाराज हुए हैं हमसे

तब से इंतजार कर रहे हैं आपकी गर्म जोशी का ।

——————–

‌‌‌आप तो नाराज बैठे हैं

आपके बिना सपने भी कैसे देखें

क्योंकि हमारे हर सपने मे आप होते हैं।

——————–

‌‌‌मांग ना लेना कभी आंखें हमारी

आपकी आंखों से हमने दुनिया देखी है

क्या बताएं हम आपको

आपकी बदौलत ही हमारी बगिया महकी है।

——————–

‌‌‌आप तो नाराज हुए बैठे हैं

आप से बात किये जमाना हो गया

बताये तो किसको बतायें

दोस्त हमारा इतना बैगाना हो गया ।

——————–

‌‌‌नम हवाओं मे नाराज दोस्त

का एहसास जिंदा आज भी है।

बस तू ही बदल गया

वरना वो बंदा आज भी है।

——————–

‌‌‌दुनिया के झूठ को सच माना आपने

रात को दिन माना आप ने

अब नाराज होने का बनाया

बहाना आप ने ।

——————–

‌‌‌दुआ करते हैं हम आपके घर के लिए

आपकी दोस्ती है उम्र भर के लिए

क्यों छोड़ दिया आपने हमें दर के लिए ।

——————–

‌‌‌आपकी नाराजगी की कहानी

हमारे आंखुओं ने कह दिया

क्या बताएं हम आपको

आपकी दोस्ती के लिए हमने इतना सह दिया ।

——————–

‌‌‌आपकी नाराजी को दूर करने के लिए

यह बेताबियां थी

पता नहीं कहां गुम हो गयी जो

हमारी दोस्ती की चाबियां थी।

——————–

‌‌‌आप नाराज थे और हम बेबस थे

आपको क्या पड़ी थी हमारी

आप तो अपनी दुनिया मे मस्त थे ।

——————–

‌‌‌तरसते मन की सोगंध

बरसते बादलों की सोगंध 

मान जाओ ना अब तो

हमारी जिदंगी के पल बचे हैं बस चंद ।

——————–

‌‌‌क्यों अपनी नींव ढहाई हमने

क्यों खुद को आ लगाई हमने

क्यों नाराज होने वाली दोस्ती बनाई हमने

——————–

‌‌‌आप तो नाराज होकर चलेगए

पर हमारे दिल की तस्वीर मे रह गए आप

आप तो आसानी से भूल गए ऐ दोस्त

हम कैसे भूलाएं आपको

हमारी तकदीर मे रह गए आप ।

——————–

‌‌‌यह पत्थर दिल भी आपके नाराज होने से रोया है

आपको क्या बताए हम आपके जाने से हमने

क्या क्या खोया है।

——————–

‌‌‌खुदा के प्रति श्रद्धा हम भी रखते हैं

नाराज दोस्तों के बीच पर्दा हम भी रखते हैं।

——————–

‌‌‌आया मौसम सुहाना तो खेत भी लहराने लगे

जब से नाराज हुए हैं दोस्त

हमारी जिदंगी मे संकट घहराने लगे ।

——————–

‌‌‌आपकी दोस्ती की खातिर मिट गए हम

कभी दुनिया जहां मे फैले थे हम

आज खुद मे ही सिमट गए हम ।

——————–

‌‌‌ऐसे ही नाराज नहीं हुए हैं हम

आपकी दोस्ती के सच को पढ़ लिया हमने

दोस्त काबिल नहीं है इसलिए ही

यह शब्द गढ़ लिया हमने ।

——————–

‌‌‌जागने का ख्वाब लेकर

देर तक सोते रहे हम

दोस्त बहुत बनाए पर

समय के साथ खोते रहे हम ।

——————–

‌‌‌अजनबी खुद को कहने लगे हम

दोस्त तेरी नाराज गी मे

कुछ यूं पागल से रहने लगे हम ।

——————–

‌‌‌खुबसूरत जिदंगी थी जब आप

दोस्त बने थे सोचा था सब कुछ अच्छा होगा

तब क्या पता था आप यूं नाराज हो जाएंगे ।

——————–

‌‌‌चांद तो दरिया मे खड़ा था

और आसमां तकते रह गए हम

नाराज दोस्त हमारी सुन ही नहीं

रहा था और बकते रह गए हम ।

——————–

‌‌‌बंद आंखों से रात भर

आपकी दोस्ती के सपने संजोये हम

सुबह आप तो नाराज निकले

और खूब रोए हम ।

——————–

‌‌‌इस जमीं से आसमां तक आप थे

आप तो नाराज होकर बोल रहे हो

नहीं रखनी दोस्ती

क्या इतने बड़े अभिशाप थे हम ।

——————–

‌‌‌कभी लहरों का रस्ता रोका होता तो पता चलता

कभी हवाओं का रस्ता रोका होता तो पता चलता ।

दोस्ती मे नाराजगी का दर्द क्या होता है

अगर आपका भी कोई दोस्त होता तो पता चलता ।

This post was last modified on February 2, 2024

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