paan kitne prakar ke hote hain पान के बार मे आप जानते ही हैं। क्योंकि हमारी तरह आपने भी पान को कई बार खाया ही होगा । पान को भारत मे अलग अलग भाषाओं के अंदर अलग अलग नामों से पुकारा जाता है।
ताम्बूल (संस्कृत), पक्कू (तेलुगू), वेटिलाई (तमिल और मलयालम), नागवेल ( मराठी) और नागुरवेल (गुजराती) आदि।पान के कई प्रकार आते हैं। पान को तांबूली या नागवल्ली नामक लता का पत्ता का प्रयोग किया जाता है। हालांकि वर्तमान मे पान का इतना अधिक प्रचलन नहीं रहा है। क्योंकि समय के साथ यह काफी महंगा हो चुका है। इसके अलावा इसके और भी विकल्प आ चुके हैं। फिर भी आपको शहर के अंदर कहीं कहीं पर पान की दुकान देखने को मिल जाएगी । लेकिन भारत के अंदर पान सिर्फ हम लोग खाते ही नहीं हैं । वरन पान का प्रयोग आमतौर पर पूजा और पाठ के अंदर भी प्रयोग किया जाता है।
दोस्तों पान की यदि हम बात करें , तो आपको बतादें कि पानी कई तरह के होते हैं। या फिर कई तरह के बनाये जाते हैं। राजधानी जयपुर के अंदर पान की कुछ दुकाने इतनी अधिक फेमस हैं। कि यहां पर 100 तरह की पान बनाये जाते हैं।महंगी और वीवीआईपी शादी में भी इनके पान की काफी अधिक डिमांड रहती है। असल मे महंगे पान खाने के बाद लोग काफी अधिक खुश होते हैं। और यहां पर हर कोई पान खाना पसंद करता है।
पान कितने प्रकार के होते हैं। तो यहां पर 100 अलग अलग तरह के पान के बारे मे बताना संभव नहीं है। मगर यहां पर हम आपको कुछ पान के प्रकार के बारे मे बता रहे हैं।
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बंगला पान
बंगला पान पान की सबसे लोकप्रिय किस्म है। यह पूर्वी भारत, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, और ओडिशा में लोकप्रिय है। यह स्वाद मे काफी अच्छा होता है। यह काफी बड़ा भी होता है। व कत्था और सुपारी की मदद से बनाया जाता है।
बंगला पान बनाने के लिए, पहले पान के पत्ते को साफ कर लिया जाता है। फिर, पत्ते को चूने के पानी में डुबोया जाता है, जो पान को एक खट्टा स्वाद देता है। इसके बाद, पत्ते में कत्था और सुपारी डाली जाती है। और कत्था एक प्रकार का मीठा पदार्थ होता है। व सुपारी आमतौर पर पान को कड़वापन का एहसास देता है।
बंगला पान को चाय या कॉपी के साथ खाना पसंद किया जाता है। इसको यारों और दोस्तों के साथ भी खाया जाता है।
आपको बतादें कि बंगला पान मे भी कई सारे प्रकार होते हैं। जैसे कि
सादा पान: यह पान की सबसे सरल किस्म है। इसमें केवल पान का पत्ता, चूना, कत्था और सुपारी होती है।
मीठा पान: यह पान में चीनी, गुलकंद, या अन्य मीठे पदार्थ उपयोग मे लिये जाते हैं।
मसालेदार पान: इस पान में मिर्च, लहसुन, अदरक, का प्रयोग किया जाता है।
फ्रूट पान: इस पान में फल, जैसे कि केला, आम, या संतरा का प्रयोग किया जाता है।
मगही पान
मगही पान भी पान का एक प्रकार होता है। और यह पान का एक मीठा प्रकार होता है। यह बिहार के मगध क्षेत्र में उगाया जाता है। मगही पान का आकार बंगाली पान से छोटा होता है और खाने मे काफी अधिक मजेदार होता है।इस पान को बनाने का तरीका भी पहले के जैसा ही है। सबसे पहले पान के पत्ते को साफ कर लिया जाता है। और उसके बाद पत्ते को चूने के पानी के अंदर डूबोया जाता है। जिसकी वजह से इसका स्वाद कड़वा हो जाता है।आपको बतादें कि यह पूरे देश के अंदर प्रसिद्ध पान है।आपको बतादें कि यह पान काफी अधिक स्वादिष्ट है। और हर कोई इसका दिवाना है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसको विदेश भी भेजा जाता है।
सांची पान
सांची पान पान की एक मीठी और कड़वी किस्म होती है । यह मध्य प्रदेश के सांची क्षेत्र में उगाया जाता है। सांची पान का आकार मगही पान से छोटा होता है इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। इसके अंदर कत्था और चूना वैगरह मिलाया जाता है। यदि आप ने कभी यह पान को खाया है तो जरूर ही बताएं कि आपको इसका स्वाद किस तरह का लगा ।यह पान आपको अलग ही तरह की सादी का एहसास प्रदान करता है। सांची का सुपारी के नाम से भी इसको जाना जाता है। और यह काफी अधिक स्वादिष्ट होने की वजह से इसको मीठी सुपारी के रूप मे भी खाया जाता है।
इस पान को भी सादे तरीके से बनाया जा सकता है। इसके अलावा इस पान को मसालेदार तरीके से बनाने के लिए इसके अंदर पान में मिर्च, लहसुन, अदरक आदि को डाल दिया जाता है।केला, आम, या संतरा आदि की मदद से भी इस पान को तैयार किया जाता है।
देशावरी पान
देशावरी पान उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा जिले में उगाया जाता है और इसको काफी फेमस पान भी माना जाता है । यह अपने करारे स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। देशावरी पान को वर्ष 2021 में भौगोलिक संकेतक (GI) टैग भी प्रदान किया गया था । शायद आपको इसके बारे मे पता होगा ।देशावरी पान की खेती महोबा जिले के नदी किनारे पर की जाती है।देशावरी पान को उगाने के लिए एक अलग ही प्रकार के पौधे का प्रयोग किया जाता है। देशावरी पान के पत्ते चमकीले और रंगीन होते हैं।इनका स्वाद एक तरह से कड़वा और मीठा होता है। देशावरी पान को आमतौर पर सुपारी, गुलकंद आदि के साथ खाया जा सकता है।
यह अपने करारे स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है।
यह लंबे, चमकीले और गहरे हरे रंग के पत्ते होते हैं।
यह महोबा जिले के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आय स्रोत इसकी खेती ही है। मगर पीछले कुछ सालों मे इसकी खेती के अंदर कमी आई है। क्योंकि जलवायु के अंदर बदलाव होने की वजह से अच्छा उत्पादन नहीं हो पाता है। सरकार को किसानो की मदद करने का प्रयास करना चाहिए ।
“सनेसिओ कपूरी” नाम से भी इसको जाना जाता है। आपको बतादें कि इसकी खूशबू कपूर जैसी होती है। इसकी वजह से इसको कपूरी पान के नाम से जाना जाता है।भारत के अंदर इस पान का प्रयोग पूजा पाठ आदि के अंदर किया जाता है। और बहुत से लोग इस पान का सेवन भी करते हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इस पान की खेती भी की जाती है। ऐसा नहीं है कि कपूरी पान सिर्फ स्वाद के लिए ही पसंद किया जाता है। इस पान का प्रयोग और भी कई सारी बीमारियों को दूर करने मे काफी अधिक किया जाता है। इस पान की मदद से कई सारी बीमारियों को दूर करने मे काफी हद तक प्रयोग किया जाता है।
- पाचन में सुधार
- सांसों को ताजा करना
- मुंह के छालों को ठीक करना
- पेट दर्द को कम करना
- अनिद्रा को दूर करना
- तनाव को कम करना
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना
गुलकंद पान
दोस्तों गुलकंद का नाम तो आपने सुना ही होगा । गुलकंद गुलाब के फूलों से बना एक जाम होता है। और इसकी मदद से कई सारी चीजों को बनाया जाता है।यह एक तरह से मीठा और सुगंधित स्वाद देता है।गुलकंद पान को कई तरीके से बनाया जाता है। यहां पर हम आपको गुलकंद पान को बनाने के तरीके के बारे मे हम आपको बता रहे हैं।
- 5 पान के पत्ते
- 1 बड़ा चम्मच गुलकंद
- 1 चम्मच सौंफ
- 1/4 चम्मच इलायची पाउडर
- 1/4 चम्मच कटा हुआ बादाम
- 1/4 चम्मच कटा हुआ काजू
- 1/4 चम्मच कटा हुआ किशमिश
- नारियल का बुरादा
इस पान को बनाने के लिए पान के पत्ते को थाली के अंदर रखें ।
इसके बाद पान के इस पत्ते पर गुलकंद, सौंफ, इलायची पाउडर, बादाम, काजू, और किशमिश आदि को आपको डाल देना चाहिए ।
उसके बाद पत्ते को एक कटोरे के अंदर मोड़ देना चाहिए । इस तरह से बुरादे के अंदर भी आप इसको लपेट सकते हैं। कुल मिलाकर आपका पान तैयार हो चुका है। और आप इसको फ्रीज के अंदर रख सकते हैं ।या फिर अभी प्रयोग कर सकते हैं।
केवड़ा पान
केवड़ा पान एक प्रकार का सुगंधित पान होता है। जोकि आमतौर पर अपने स्वाद के लिए जाना जाता है। इसको केवड़ा के अर्क की मदद से तैयार किया जाता है।सुपारी, गुलकंद, और चूना जैसी पानी सामग्री की मदद से इसको बनाया जाता है।सबसे पहले पान के पत्ते को तैयार किया जाता है। उसके बाद इसके उपर केवड़ा के अर्क को लगाया जाता है। पत्ते पर सुपारी, गुलकंद, और चूना आदि को इसके अंदर डाल कर पान को तैयार किया जाता है। अपच, पेट दर्द, और सिरदर्द जैसी समस्याओं को दूर करने मे भी केवड़ा के पान का प्रयोग किया जाता है।
चंदन पान
चंदन पान भारत के अंदर काफी अधिक लोकप्रिय पान होता है। और यह मीठा पान होता है। काफी स्वादिष्ट भी होता है।चंदन, इलायची, और अन्य मसालों का इसके अंदर प्रयोग किया जाता है।इस पान को बनाने के लिए एक पान के पत्ते पर सबसे पहले चंदन और इलाइची का लेप किया जाता है। फिर इसके उपर गुलकंद, सुपारी, और अन्य सामग्री डाली जाती है।भारत के कई सारे दुकानों के अंदर यह पान आपको बहुत ही आसानी से मिल जाता है।जयपुर, राजस्थान में, चंदन पान को आमतौर पर “चंदन पैन” कहा जाता है। और आपको बतादें कि जयपुर के अंदर इस पान को बनाने के लिए अक्सर गुड़ का प्रयोग किया जाता है।
यदि आप जयपुर के अंदर रहते हैं , तो फिर आप चंदन पान को खा सकते हैं। यहां पर कई सारी दुकाने हैं। जोकि चंदन पान को बनाने का काम करती हैं। जैसे कि
- चंद्र पैन भंडार
- भागचंद पैन भंडार
- चंद्र पान भंडार
यदि हम चंदन पान को बनाने के तरीके के बारे मे बात करें , तो यहां पर हम कुछ तरीके बता रहे हैं। जिसकी मदद से आप चंदन पान को बनवा सकते हैं। जैसे कि
- एक पान का पत्ता
- 1 चम्मच चंदन का पाउडर
- 1/2 चम्मच इलायची पाउडर
- 1 चम्मच गुलकंद
- 1 चम्मच सुपारी
- 1/2 चम्मच चूना
- 1/4 चम्मच कत्था
- 1/4 चम्मच कपूर
सबसे पहले आपको एक पान का पत्ता लेना है। और उसको एक तरफ से गिला कर लेना है। उसके बाद
इसके उपर चंदन और इलायची को अच्छी तरह से लगा देना होता है।गुलकंद, सुपारी, चूना, कत्था, और कपूर आदि को इसके उपर डालदें । और पान के पत्ते को अच्छी तरह से मोड़ दें । इस तरह से चंदन का पान तैयार हो चुका है।
सोफिया पान
दोस्तों यदि हम सोफिया पान के बारे मे बात करें , तो आपको बतादें कि सोफिया पान की स्थापना स्थापना 1965 में ओम प्रकाश चौरसिया ने की थी, जिन्होंने इसे हॉलीवुड अभिनेत्री सोफिया लॉरेंस के नाम पर इसका नाम रखा था । यह पान भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज के अंदर पड़ता है।
पार्क एवेन्यू आइस पान
पार्क एवेन्यू आइस पान भी एक अलग प्रकार का पान होता है।इस पान को बनाने के लिए सबसे पहले पान के पत्ते को दूध के अंदर भीगोया जाता है। उसके बाद इसके अंदर कई सारे स्वाद को मिलाया जाता है।इसको ठंडे बर्तन के अंदर परोसा जाता है। और इसकी खास बात यह होती है। कि यह गर्मियों के अंदर आपको काफी अधिक ठंडक प्रदान करने का काम करता है।
रजनीगंधा आइस पान
रजनीगंधा आइस पान बनाने के लिए, आइसक्रीम बनाने के लिए दूध, क्रीम और चीनी को मिलाकर एक क्रीमी मिश्रण बनाया जाता है। और इसको बनाने के लिए पान के अंदर रजनीगंधा मसाले को मिलाया जाता है।और यह काफी ठंडा होने की वजह से एक अलग ही तरह का एहसान प्रदान करने का काम करता है।
paan kitne prakar ke hote hain इस लेख के अंदर हमने विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आया होगा । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं। इसके अलावा भी पान के बहुत सारे प्रकार होते हैं। मगर हम सभी के बारे मे हम आपको यहां पर नहीं बता सकते हैं।
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This post was last modified on November 6, 2023