क्या आप जानते हैं कि पागल कितने प्रकार के होते हैं ?pagal kitne prakar ke hote hain ।पागलपन का नाम तो आपने अवश्य ही सुना होगा ।पागलपन के अंदर इंसान सोचने और समझने की शक्ति हो खो देता है। जिसकी वजह से वह उल्टे सीधे काम करने लग जाता है। इस तरह के इंसान को हम पागल इंसान के नाम से जानते हैं।इस तरह का इंसान खुद को या फिर दूसरों को भी हानि पहुंचा सकता है। यदि कोई इंसान पागल हो जाता है , तो उसकी देखरेख करना काफी अधिक जरूरी होता है। वरना पागल कुछ भी कर सकता है। और सबसे बड़ी बात यह है कि यदि कोई पागल किसी की हत्या कर देता है , तो उसके उपर किसी भी तरह का कोई केस नहीं बनता है। पागलों को पागल खाने के अंदर रखा जाता है।
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pagal kitne prakar ke hote hain
दोस्तों बहुत सारे लोगों का सवाल होता है कि पागल किनते प्रकार के होते हैं। तो आपकी जानकारी के लिए बतादें कि पागल 3 प्रकार के होते हैं। जिसके बारे मे हम आपको यहां पर विस्तार से बताने वाले हैं। तो आइए जानते हैं।
मेनिया (mania)
मोनोमनिया (monomania)
डीमेनशिया (demantia)
मेनिया (उन्माद रोग)
मेनिया एक प्रकार का पागलपन होता है। मेनिया एक प्रकार का मानसिक रोग होता है। जिसके लक्षण अचानक से विकसित होते हैं। और कुछ सप्ताह तक इसके लक्षण दिख सकते हैं। यदि किसी को यह रोग हो जाता है , तो उसको जल्दी से जल्दी चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है।
मेनिया (mania) एक प्रकार की गम्भीर मानसिक बीमारी होती है। इसलिए इसका समय पर इलाज किया जाना बहुत अधिक जरूरी होता है। यदि आप इसका समय पर इलाज नहीं करते हैं , तो फिर यह आपके लिए बहुत ही बड़ा खतरा पैदा कर सकती है।
इसके कुछ लक्षण होते हैं। जिसकी मदद से आप इस रोग को पहचान सकते हैं। और उसके बाद इस रोग का इलाज कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं। इसके कुछ लक्षणों के बारे मे ।
- अत्यधिक उत्तेजना और ऊर्जा
- विचारों और भावनाओं की वृद्धि
- अत्यधिक आत्मविश्वास या आत्म-सम्मान
- नींद की कमी
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- बेचैनी या आवेग
- अत्यधिक खर्च या यौन गतिविधि
- भ्रम या मतिभ्रम
मेनिया के उपचार के लिए दवाओं की जरूरत होती है। यदि किसी को यह रोग हो गया है , तो फिर उसे किसी मनोचिकित्सक के पास लेकर जाने की जरूरत हो सकती है।
- मेनिया होने वाले लोग बहुत अधिक बात करते हैं। उनको किसी भी तरह से सोने की जरूरत नहीं होती है। और हमेशा बैचेन बने रहते हैं।
- इसके अलावा इनकी खास बात यह होती है , कि यह काफी तेजी से सोचते हैं। इनके अंदर पल पल मे नए विचार आते हैं अचानक से इनका स्वाभाव बदल जाता है। जिससे कि इनको काफी आसानी से समझा जा सकता है।
- इनके अंदर बहुत अधिक आत्मविश्वास आ जाता है। और यह अचानक से खुद को बहुत अधिक आत्मविशवास वाला मानने लग जाते हैं। और इनको लगता है कि इनके पास असाधारण शक्तियां आ चुकी हैं।
- इसके अलावा इस तरह के लोगों की एक समस्या यह भी होती है , कि इनको ध्यान को केंद्रित करने मे काफी अधिक कठिनाई होती है। और यह लगातार अपनी सोच को बहुत तेजी से बदलते रहते हैं ।
- इस तरह के लोग बहुत अधिक पैसा खर्च करते हैं। और बहुत अधिक यौन गतिविधि के अंदर सलंग्न रहते हैं।
- मेनिया वाले लोगों को अक्सर भ्रम या मतिभ्रम हो सकते हैं। भ्रम गलत विश्वास हैं, जबकि मतिभ्रम असली लगने वाले दृश्य, श्रवण, गंध, स्वाद या स्पर्श हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं हैं।
मोनोमनिया (monomania) पागलपन
मोनोमनिया (monomania) एक प्रकार का पागलपन ही होता है। आपको बतादें कि यह एक प्रकार का विकार है , जिसके अंदर होता यह है कि इंसान किसी विचार या फिर कार्य पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करने लग जाता है। जिसको हम जनून के तौर पर देख सकते हैं ।या फिर यह जनून ही होता है।
यदि हम इस पागलपन के लक्षण के बारे मे बात करें , तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं , जिसकी मदद से आप इसको पहचान सकते हैं। तो आइए जानते हैं ।
- एक विचार, उद्देश्य, या गतिविधि पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित करना।
- किसी खास गतिविधि के बारे मे सोचना और लगातार बात करना ।
- बहुत अधिक चिंता को महसूस करना ।
- अन्य लोगों से बात करने मे या फिर जुड़ने मे असमर्थ होना ।
इस तरह के कुछ लक्षण होते हैं जोकि उस पागल इंसान के अंदर दिखाई देते है। जिसकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है , कि वह पागल किस कैटेगरी का है ?
मोनोमनिया (monomania) पागलपन को भी को भी कई सारे प्रकार के बारे मे बांटा गया है , तो यहां पर हम आपको मोनोमनिया (monomania) पागलपन के प्रकार के बारे मे भी बता रहे हैं ।
- डी क्लेरमबॉल्ट सिंड्रोम ( एरोटोमेनिया ): इस तरह का जो पागल रोगी होता है , वह यह सोचता है , कि वह किसी से प्यार करता है । लेकिन उसे यह पता नहीं होता है कि वह किस से प्यार करता है। असल मे वह प्यार मे पागल होता है।
- आइडी फिक्स :इस तरह का पागल रोगी इस विचार को महत्व देता है कि वह कुछ खास करना चाहता है। मतलब बहुत अधिक पतला होने का जनून सवार रहना ।
- क्लेप्टोमैनिया : कुछ पागल लोगों के अंदर चोरी करने की अदम्य इच्छा होती है , और वे चोरी करना चाहते हैं।
- पायरोमेनिया : इस तरह के पागल रोगी जानबूझकर खुद को आग लगाने की कोशिश करते हैं ।
- आत्ममुग्धता : इसके अलावा स्वयं के गुणों के अंदर संतुष्टि की खोज करना ।
मोनोमनिया पैदा होने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं मोनोमनिया के सही सही कारणों के बारे मे जानकारी नहीं है। मगर वैज्ञानिकों के द्धारा कुछ कारण सुझाए गए हैं , तो आइए जानते हैं। इसके कुछ कारणों के बारे मे ।
- तनाव
- अवसाद
- चिंता विकार
- व्यक्तित्व विकार
- मस्तिष्क की चोट
- दवाओं या पदार्थों का उपयोग
मोनोमनिया का इलाज डॉक्टर के द्धारा किया जाता है। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है , तो उसके बाद यह एक तरह से बहुत ही बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- कार्य या अध्ययन में कठिनाई
- सामाजिक संबंधों में समस्याएं
- आर्थिक समस्याएं
- आत्महत्या
जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है। यदि इस समस्या का इलाज नहीं किया जाता है , तो ।
यदि किसी को इस तरह का रोग है , तो उसको सबसे पहले अपने डॉक्टर से बात करना काफी अधिक जरूरी हो जाता है। देरी करना रोगी के लिए काफी अधिक डेंजर साबित हो सकता है।
डीमेनशिया (demantia)
डीमेनशिया (demantia) वैसे तो एक मानसिक रोग होता है। और सबसे अधिक यह सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह रोग आमतौर पर कम उम्र के लोगों को प्रभावित नहीं करता है। उम्र अधिक होने के साथ साथ इस लोग के लक्षण काफी गम्भीर हो जाते हैं और रोगी चीजों को ठीक तरह से याद नहीं रख पाता है।
और इस तरह के रोगी को दैनिक कार्य को पूरा करने के लिए दूसरों की मदद लेने की जरूरत पड़ती है।यह आमतौर पर किसी सदमे की वजह से हो सकती है। अल्जाइमर की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है।
डीमेनशिया (demantia) को एक तरह से पागलपन के तौर पर देखा जाता है। लेकिन आपको बतादें कि यह समय के साथ पागलपन के अंदर बदल जाता है। इसलिए इसका समय पर इलाज करना काफी अधिक जरूरी हो जाता है।डीमेनशिया (demantia) के कुछ लक्षण होते हैं। जिसकी मदद से आप यह पता कर सकते हैं। कि मरीज को डीमेनशिया (demantia) है या फिर नहीं है।
- याददाश्त की हानि: इस रोग के अंदर मरीज को हाल की चीजों को याद करने मे काफी अधिक कठिनाई का अनुभव होता है। तो ऐसी स्थिति के अंदर आपको समझना चाहिए कि यह रोग दश्तक दे चुका है।
- चिंता या भ्रम: इसके अलावा इस तरह के रोगी को चिंता या फिर भ्रम की समस्या होती है। जिसकी वजह से चीजों को भूलने या फिर याद करने मे समस्या आती है।
- भाषा में कठिनाई: इस तरह के रोगी को शब्दों को याद करने मे या फिर बोलने मे काफी अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
- सोचने में कठिनाई: समस्याओं को हल करने या निर्णय लेने में कठिनाई
- सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन: अजीब या आक्रामक व्यवहार
- किसी बात को बार बार दौहराने की समस्या भी इस तरह के रोगी के अंदर पैदा हो सकती है।
- दोस्तों को अपनी बातें को बताने मे काफी अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
- इसके अलावा इस तरह के रोगी सामाजिक तौर तरीको को भूल जाता है।
- अजीब अजीब तरह की बातें कर लग जाना । जिसकी वजह से रोगी को दूसरे लोग पागल समझने लग जाते हैं ।
- इसके अलावा बुरी भाषा का प्रयोग करना और बार बार गाली देना भी इसकी एक बड़ी समस्या होती है।
- इस तरह का रोगी अपने ही अंदर खोया रहता है , और मेल जोल को पूरी तरह से बंद कर देता है। जिसकी वजह से समस्या और अधिक विकट हो जाती है ।
- बिना वजह के रोना चिल्लाना और बेहूदा हरकते करना ।
- इसके अलावा खाने को अक्सर रोगी भूल जाता है।
- गलत तरीके से कपड़ों को पहनना और साफ सुथरा होने मे कठिनाई महससू करना ।
- दिन तारीखें और वार महिने को भूल जाना ।
- किसी काम को शूरू करने के बाद भूल जाना कि क्या कर रहे थे ।
- इसके अलावा चीजों को गलत जगह पर रखना भी एक समस्या है।
इस तरह का रोग धीरे धीरे विकसित होता है। पहले तो रोगी को यह पता ही नहीं चलता है , कि यह रोग हो चुका है। उसके बाद ही कुछ समय बाद जब समस्या काफी अधिक गम्भीर हो जाती है , तो रोगी को इसके बारे मे पता चलता है।
तो यह डीमेनशिया (demantia) के कुछ लक्षण होते हैं। जिसकी मदद से आप इस रोग के बारे मे जान सकते हैं। और एक बार पता चलने के बाद आप इस रोग का आसानी से उपचार करवा सकते हैं। समय पर यदि आपको पता चल जाता है , तो इसके लक्षणों को कुछ हद तक कम भी किया जा सकता है।
डीमेनशिया के कई संभावित कारण की यदि हम बात करें , तो इस रोग के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं। हमारे दिमाग के अंदर कई सारी नसें होती हैं। और उनमे से किसी भी नस को किसी भी वजह से जैसे टयूमर एचआई वी संक्रमण या फिर आघात से नुकसान होता है , तो डीमेनशिया पागलपन होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे कुछ अन्य कारण भी हम जान लेते हैं। जिससे कि आपको चीजों को समझने मे काफी हद तक मदद मिलेगी ।
- आयु: डीमेनशिया के बारे मे यह कहा जाता है , कि यह 65 आयु के बाद ही होता है। और इलाज ना करवाने पर यह काफी अधिक गम्भीर हो सकता है।
- आनुवंशिकी: कुछ प्रकार के डीमेनशिया आनुवंशिक हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
- मस्तिष्क की चोट: मस्तिष्क की चोट डीमेनशिया होने की वजह बन सकती है। इसके लिए आप डॉक्टर से बात करें ।
- बढ़े हुए टॉक्सिन: मस्तिष्क में बढ़े हुए टॉक्सिन डीमेनशिया की वजह से बन सकते हैं।
- धूम्रपान: धूम्रपान की वजह से डीमेनशिया होने का खतरा बढ़ जाता है।
- मधुमेह: मधुमेह डीमेनशिया का खतरा बढ़ा सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर डीमेनशिया का खतरा बढ़ा सकता है।
- हृदय रोग: यदि किसी को हर्ट रोग है , तो इसकी वजह से भी डीमेनशिया होने का खतरा काफी अधिक बढ़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
डिमेंशिया के प्रकार (Types Of Dementia)
डिमेंशिया के प्रकार (Types Of Dementia) के बारे मे यदि हम बात करें , तो आपको बतादें कि यह कई प्रकार का होता है। और इसके प्रकार के हिसाब से इसका उपचार भी अलग अलग होता है। तो आइए जानते हैं। इसके प्रकार के बारे मे ।
- अल्जाइमर (Alzheimer’s) भी एक डिमेंशिया का ही प्रकार है। जिसके अंदर क्या होता है कि मरीज के दिमाग के अंदर समस्या होती है। और इसकी वजह से दिमाग मे अतिरिक्त प्रोटीन का निर्माण होता है । और व्यक्ति को काम करने मे समस्याएं महसूस होने लग जाती हैं।
- लेवी बॉडीज डिमेंशिया (Lewy Bodies Dementia) भी एक दूसरे प्रकार का डिमेंशिया होता है , जोकि दिमाग के अंदर अधिक मात्रा मे प्रोटीन जमा होने की वजह से हो जाता है।इसके अंदर यादाश्त मे कमी का होना मती भ्रम का होना जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।अलावा सोने में समस्या, वहम, शरीर में संतुलन न रख पाना और बाथरूम जाने में समस्या जैसे लक्षण इसके होते हैं। यदि आपको इस तरह के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं , तो उसके बाद आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और जल्दी ही उपचार करवाने पर सब कुछ ठीक हो जाएगा ।
- पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Dementia) एक प्रकार की न्यूरोडीजेनेरेटिव समस्या होती है। और आगे चलकर काफी अधिक भयंकर होती है। और इसके अंदर नर्व डैमेज होने की वजह से यह समस्या काफी अधिक देखने को मिलती है। यदि किसी को यह रोग हो चुका है , तो उसे जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए नहीं तो समस्या काफी अधिक गम्भीर हो सकती है। इसके अंदर मरीज को गाड़ी चलाने , बोलने मे और छोटे बड़े काम करने मे काफी अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- मिश्रित डिमेंशिया (Mixed Dementia) के अंदर होता यह है ,कि मरीज को एक ही समय के अंदर कई सारी बीमारियां जकड़ लेती हैं। जिसके अंदर बहुत ही बड़ी समस्या देखने को मिलती है। सबसे आम प्रकार के मिश्रित डिमेंशिया में अल्जाइमर रोग और वाहिका संबंधी डिमेंशिया शामिल हैं।यह दोनों एक प्रकार के प्रगतिशील विकार होते हैं। और समय के साथ इनकी स्थिति काफी अधिक बदतर होती जाती है। मिश्रित डिमेंशिया के लक्षण आमतौर पर अल्जाइमर रोग या वाहिका संबंधी डिमेंशिया के लक्षणों के समान होते हैं। इसके कुछ लक्षण हम आपको पहले ही बता चुके हैं। इस प्रकार के डेमेंशिया का निवारण करने के लिए डॉक्टर कई सारी चीजें कर सकते हैं। इसके अंदर डॉक्टर मरीज के इतिहास को जान सकते हैं। या फिर वे एमआरआई या सीटी स्कैन जैसी चीजों की मदद ले सकते हैं और उसके बाद जांच वैगरह कर सकते हैं। इस रोग की अनेक दवाएं भी उपलब्ध हैं । जिनको डॉक्टर के परामर्श के बाद ही लेना चाहिए । इसके अलावा मरीज को परिवार और दोस्तों के देखभाल की सबसे अधिक जरूरत पड़ती है।
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