patanjali amla juice ke fayde , patanjali amla juice benefits in hindi पतंजलि आंवला जूस के फायदे के बारे मे हम आपको इस लेख के अंदर बताने वाले हैं। यदि आप इसके बारे मे जानना चाहते हैं तो फिर आपकों इसके बारे मे विस्तार से बताने वाले हैं। वैसे आंवला के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। आंवला हमारे लिए हर तरह से फायदेमंद होता है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्राद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं। और भारत के बाग बगीचों के अंदर भी यह देखने को मिलता है। इसकी जो उंचाई होती है वह 20 से 25 फुट तक होती है। आपको इसके बारे मे पता ही होगा ।
आंवला आमतौर पर एक हरें रंग का फल होता है जोकि कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर माना गया है आपको इसके बारे मे समझना चाहिए ।और आंवले के अंदर विटामिन सी होता है जोकि कई तरह से फायदेमंद होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
आँवला दाह, पाण्डु, रक्तपित्त, अरुचि, त्रिदोष, दमा, खाँसी, श्वास रोग, कब्ज, क्षय, छाती के रोग, हृदय रोग, मूत्र विकार आदि समस्याओं को दूर कर सकता है। और यदि आप मोटापे का शिकार हैं तो यह आपके मोटापे को दूर कर सकता है। इसके अलावा घने केस को बनाने के लिए भी आंवले का इस्तेमाल किया जाता है।
और यह माना जाता है कि आंवले का फल बहुत ही उपयोगी होता है। उससे ही आंवले का जूस भी बिना होता है । जिससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना उपयोगी होता है।
आँवले के 100 ग्राम रस में 921 मि.ग्रा. और गूदे में 720 मि.ग्रा. विटामिन सी पाया जाता है। आर्द्रता 81.2, प्रोटीन 0.5, वसा 0.1, खनिज द्रव्य 0.7, कार्बोहाइड्रेट्स 14.1, कैल्शियम 0.05, फॉस्फोरस 0.02, प्रतिशत, लौह 1.2 मि.ग्रा., निकोटिनिक एसिड 0.2 मि.ग्रा. पाए जाते हैं।
वैसे दोस्तों आपको बतादें कि आंवला काफी फायदेमंद होता है। और यह एक तरह से काफी उपयोगी भी होता है। आप मार्केट से इसको खरीद सकते हैं। एक जो आंवला का जूस आता है आप उसे पी सकते हैं और दूसरा पूरे आंवले ही आते हैं जोकि चासनी के अंदर डाले हुए आते हैं। जिनका सेवन आप कर सकते हैं। इसके अलावा आंवले का सेवन करने के और भी कई सारे तरीके हो सकते हैं। जिनके बारे मे हमे जानकारी नहीं है। लेकिन यह समस्या पर निर्भर करता है। कि किस तरह से आपको आंवले का सेवन करना चाहिए ? यह किस तरह से फायदेमंद होता है।
पतंजलि आंवला जूस के फायदे के बारे मे हम आपको विस्तार से बताने का प्रयास करते हैं। तो आइए जानते हैं पतंजलि आंवला जूस के फायदे के बारे मे ।
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पतंजलि आंवला जूस के फायदे Patanjali Amla juice Ke Fayde कब्ज से राहत
दोस्तों कब्ज के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। कब्ज एक प्रकार की समस्या होती है जोकि आमतौर पर मल के कड़े होने से होती है। और जब मल कड़ा हो जाता है तो उसे बाहर निकालने के लिए काफी अधिक फोर्स को लगाना होता है। और जब फोर्स लगता है तो शरीर के अंदर घाव पैदा हो सकता है। और आंवले का जूस कब्ज के अंदर काफी फायदेमंद होता है। यदि आपको भी कब्ज हो रखी है तो आप आंवले का जूस का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी कब्ज को नैचुरली रूप से दूर करेगा और कुल मिलाकर फायदेमंद भी होगा ।
कब्ज का सबसे बड़ा लक्षण यही होता है कि आप रोजाना मल त्याग नहीं कर पाते हैं तो फिर आप कब्ज के शिकार है। और अन्य स्थितियों के अंदर आपका पेट दर्द भी हो सकता है। और मल काफी सख्त होता है।
हालांकि आजकल कब्ज से जुड़ी अनेक प्रकार की दवाएं हैं जिनका उपयोग आप कर सकते हैं। और इन दवाओं से आपकी जो कब्ज की समस्या होती है वह पूरी तरह से दूर हो जाती है। लेकिन आंवले जैसी चीजें आपको किसी भी तरह से नुकसान नहीं करती हैं।
- सासों की बदबू
- लेपित जीब
- बहती नाक
- भूख में कमी
- सरदर्द
- चक्कर आना
- जी मिचलाना
- चहरे पर दाने
- मुँह में अल्सर
दोस्तों आपको बतादें कि कब्ज के उपर दिये गए लक्षण होते हैं जिनकी मदद से आप आसानी से पहचान सकते हैं कि किसी को कब्ज है या नहीं है।
कब्ज को दूर करने के आप अन्य उपाय भी आजमा सकते हैं। जैसे कि दिन के अंदर अधिक से अधिक आपको पानी पीना चाहिए जोकि आपके लिए जरूरी है। आमतौर पर जो तरल पदार्थ का सेवन हम करते हैं वह हमारे मल को सख्त होने से बचाने का काम करता है।
पतंजलि आंवला जूस के फायदे पेट गैस को दूर करता है
दोस्तों आंवला पेट गैस को दूर करने का काम करता है। यदि आप रोजाना आंवले के जूस का सेवन करते हैं तो यह पेट गैस को दूर करने का काम करता है। आपको इसके बारे मे पता ही होगा । दोस्तों पेट गैस एक बहुत ही कॉमन समस्या बन चुकी है। आजकल आपको इस तरह के कई लोग मिलेंगे जिनको पेट गैस काफी गम्भीर रूप से परेशान कर रही है। वैसे पेट गैस का समय पर ईलाज करवाना जरूरी हो जाता है। कारण यह है कि यदि आप समय पर इसका ईलाज नहीं करवाते हैं तो उसके बाद यह सूजन का कारण भी बन जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
पेट गैस सबसे अधिक उन लोगों के अंदर होती है जो अम्ल प्रकार का भोजन करते हैं । जैसे कि चाय अधिक पीने से पेट गैस हो सकती है। और जो लोग बैठे रहते हैं या बैठे रहकर काम करते हैं उनके अंदर पेट गैस बढ़ने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं।
पेट गैस के यदि हम लक्षणों की बात करें तो कई सारे लक्षण प्रकट हो सकते हैं
जैसे कि आपका पेट भारी भारी रह सकता है।
- पेट फुला फुला रहता है ।
- भूख कम लग सकती है।
- पेट मे दर्द हो सकता है।
- और पाद अधिक आता है।
यदि आपको यह सभी लक्षण नजर आते हैं तो आपको यह समझ जाना चाहिए कि पेट के अंदर गैस बन रही है और उसका उपचार करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। खैर जो भी हो आप आंवले को पतंजलि स्टोर से मंगवालें और उसके बाद इसका सेवन करें काफी फायदा होगा ।
पेट गैस को दूर करने के कई सारे नुस्खे होते हैं। आप उनको भी अपने घर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन मार्केट के अंदर मिलने वाले देशी नुस्खे और अपने खान पान के अंदर बदलाव करके ही आप पेट गेस को कम कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप यह सोच रहे हैं कि बस दवाओं से ही इसको ठीक किया जा सकता है तो आप गलत सोच रहे हैं इसको कम करने के लिए दवाओं की नहीं खानपान के अंदर बदलाव करने की जरूरत है।
हालांकि पेट गैस जो होती है वह बाद मे आपके शरीर मे सूजन का कारण भी बन सकती है। इसलिए यदि आपको अधिक गैस का एहसास होता है तो इसका उपाय करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।
वैसे यह देखने मे आया है कि जो लोग अधिक शारीरिक मेहनत करते हैं उनको गैस की समस्या नहीं होती है। भले ही वे कितनी भी चाय पीते हों। पहले मेरे साथ भी यही होता था । और मैं अधिक से अधिक चाय पीता था लेकिन पेट गैस की समस्या नहीं होती थी लेकिन आजकल अधिक चाय पीने पर पेट गैस की समस्या हो रही है।
Patanjali Amla juice Ke Fayde रोगप्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाता है
दोस्तों आंवला आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने का काम करता है। यदि आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए । यह काफी फायदेमंद होता है।
वैसे भी यह नैचुरली रूप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। यदि आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता अच्छी है तो आप कम बीमार होंगे। लेकिन यदि आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर है तो फिर आप अधिक बीमार पड़ेंगे ।
वैसे तो आपने कोरोना काल के अंदर भी देखा होगा कि जब रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है तो कोरोना किस तरह से हमला कर देता है। लेकिन यदि शरीर के अंदर रोगप्रतिरोधक क्षमता होती है तो कोरोना का कोई असर नहीं होता है। असली बात जो सरकारों ने छुपाई वह यह थी कि भारत की 90 फीसदी आबादी को कोरोना हुआ था। लेकिन इसकी टेस्टिंग नहीं की गई थी। खुद हमारे घर के अंदर और आस पास के लोगों को कोरोना हुआ हालांकि मुझे किसी तरह का असर नहीं हुआ इसका कारण गिलोय का अधिक सेवन करना था।
इसलिए दोस्तों यदि आप शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाना चाहते हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप आंवले का जूस बाजार से ले आएं और उसके बाद उसका सेवन करना शूरू करदें। कुछ ही दिनों के अंदर आप शरीर के अंदर काफी उर्जा महसूस करेंगे ।
दोस्तों हमारे शरीर के अंदर कुछ खास एंटिबॉडी कोशिकाएं होती हैं जोकि एंटिजन से लड़ने का काम करती है। जब शरीर के अंदर कोई रोगाणू प्रवेश करता है तो एंटिबॉडी उसको नष्ट करने का काम करती है। लेकिन यह जब कमजोर हो जाती है तो वह नष्ट नहीं हो पाता है ।
इस तरह से हम कह सकते हैं। कि रोगप्रतिरोधेक क्षमता को बेहतर बनाना जरूरी होता है ताकि आप काफी स्वस्थ रह सकते हैं। और आप एक बार आंवले के जूस का सेवन करके देखें। यदि यह आपको कुछ फायदा करता है तो फिर आप इसका सेवन आगे जारी रख सकते हैं। लेकिन यदि किसी तरह का फायदा नहीं करता है तो फिर आगे सेवन करने का कोई तुक नहीं है।
लेकिन मुझे इस बात का यकीन है कि यह आपको फायदा करेगा । हालांकि अभी तक मैंने इसका सेवन नहीं किया है लेकिन कई सारी पतंजलि की दूसरी चीजों का सेवन किया है यह काफी फायदेमंद थी।
patanjali amla juice benefits in hindi मोटापे को नियंत्रित करने के लिए
दोस्तों आंवले का जूस मोटापे को नियंत्रित करने का काम करता है।यदि आप भी मोटापे का शिकार हैं तो फिर आपको आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए । यह काफी उपयोगी है। और उसके बाद आप देखेंगे कि आपका मोटापा गायब हो रहा है।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बतादें कि आंवले के जूस का सेवन भारत के अंदर काफी तेजी से बढ़ रहा है। कारण यह है कि यह एक मोटापा कम करने का प्रभावशाली उपाय है जिसका उपयोग आपको करना चाहिए ।
यदि आप भी मोटापे को कम करना चाहते हैं तो आंवले के जूस का सेवन करें। यह आपके पेट की चर्बी को कम कर देता है। और जो अतिरिक्त फैट होती है उसको भी बर्न करने का काम करता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
आंवले में पाये जाने वाले पोषक तत्व शरीर के इम्यून सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को बेहतर करते हैं। हालांकि मोटापे को यह जल्दी ही कम नहीं करता है। लेकिन यदि आप इसका सेवन धीरे धीरे करते हैं तो उसके हिसाब से ही मोटापा कम होने लग जाता है।
वैसे कुछ लोग ऐसे होते हैं जोकि अपने मोटापे से काफी अधिक परेशान होते हैं। वैसे आपको भी पता है कि मोटापा अनेक तरह की परेशानियों का घर होता है। इसलिए मोटापा को कम करने का प्रयास आपको करना होता है।
अतिरिक्त फैट को बर्न करने के लिए आप कई तरीके अपना सकते हैं। सबसे पहला तरीका तो आप आंवले के जूस का सेवन करें। दूसरा तरीका यह है कि आप कुछ समय तक रोजाना एक्सरसाइज किया करें। यदि आप यह रोजाना करते हैं तो फिर धीरे धीरे आपका मोटापा कम होना शूरू हो जाएगा ।
और यदि आप काफी अधिक मोटे हैं तो फिर भोजन को कम खाना शूरू करें। हालांकि कुछ लोग जन्म से ही उसी प्रकार के मोटे होते हैं तो मोटापा एकदम से कम नहीं होता है धीरे धीरे मोटापा कम होता है आपको इसके बारे मे पता ही होगा ।
इसलिए आप विज्ञापनों पर भरोशा ना करें जोकि दो दिन मे आपके वजन को कम करने का दवा करते हैं। असल मे वजन को कम करने और मोटापे को घटाने मे काफी अधिक समय लगता है। इसके बारे मे तो आपको कम से कम पता होना चाहिए ।
पतंजलि आंवला जूस के फायदे बॉडी डिटॉक्स को दूर करने मे
दोस्तों पतंजलि आंवला जूस हमारी बॉडी के अंदर से डिटॉक्स को दूर करने मे काफी अधिक मदद करने का काम करता है। आपको समझ आना चाहिए । आमतौर पर जब हम ,खाना वैगरह खाते हैं तो बॉडी के अंदर जहर बनता रहता है। और यदि यह जहर शरीर के अंदर रहता है तो यह कई प्रकार की बीमारियों को पैदा कर सकता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
जैसे शरीर के अंदर पिंपल्स हो जाते हैं और बाल झड़ने लग जाते हैं। और पेट की चर्बी बढ़ने लगती है। आमतौर पर विषैले पदार्थ पसीने की मदद से बाहर निकलते हैं लेकिन यदि वे पसीने की मदद से या किसी और तरीके से बाहर नहीं निकल पाते हैं तो यह शरीर के अंदर एकत्रित हो जाते हैं जोकि एक तरह से घातक साबित होता है।इसलिए विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना बहुत ही जरूरी होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
यदि आप नियमित रूप से आंवले का सेवन करते हैं तो आपके शरीर के अंदर विषैले पदार्थ नहीं रह पाते हैं। और एक तरह से यह आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
शरीर की उर्जा को बढ़ाता है आंवले का जूस
दोस्तों शरीर के अंदर उर्जा होना आवश्यक होता है। आमतौर पर आपने यह देखा होगा कि जब शरीर के अंदर किसी भी प्रकार की उर्जा कम हो जाती है तो उसके बाद हमे काफी कमजोरी महसूस होने लग जाती है। और काफी थका हुआ सा हम महसूस करते हैं। और आंवले के जूस के अंदर जो विटामिन्स और मिन्रलस मौजूद होते हैं वे आपको एक तरह से उर्जा प्रदान करते हैं। एक बार आपको आंवले का जूस सेवन करके देखना चाहिए जिससे कि आपको कुछ ही दिन के अंदर पता चल जाएगा कि आप काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं।
यदि आपको कुछ ही दिनों के अंदर काफी उर्जा महसूस होती है तो उसके बाद आप इसका सेवन करना जारी रख सकते हैं नहीं तो सेवन करना बंद कर सकते हैं । एक तरह से यह काफी फायदेमंद साबित होगा ।
यदि आप हालहि के अंदर किसी बीमारी से उबरे हैं या दवाओं की वजह से काफी कमजोर महसूस कर रहे हैं और आपको शरीर की उर्जा को बढ़ाने की जरूरत है तो फिर आपको चाहिए कि आप आंवले के जूस का सेवन करें। आंवला का जूस काफी फायदेमंद होता है। आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए । आंवले का जूस आपके शरीर की उर्जा को बढ़ाता है और कमजोरी को दूर करने का काम करता है आपको पता होगा ।
नसों की कमज़ोरी दूर करता है आंवला का रस
दोस्तों दिमाग की नसों के अंदर जो कमजोरी होती है वह आपके शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। नसों के अंदर कमाजोरी आमतौर पर दो कारणों से होती है। पहला कारण यह हो सकता है कि आपके शरीर के अंदर किसी पोषक तत्व की कमी है। और दूसरा कारण यह हो सकता है कि आपको कहीं ना कहीं पर चोट लगी है जिसकी वजह से यह समस्या हो रही है।आंवला आमतौर पर डिजेनरेटिशन को नियंत्रित करता है और यह नसों की कमजोरी को दूर करने का काम करता है।
- जैसे कि सिर के अंदर अचानक से तेज दर्द होता है तो यह नसों के अंदर कमजोरी के संकेत हो सकते हैं और यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो फिर आपको अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए ।
- इसके अलावा यदि आपको चलने या फिरने मे दिक्कत महसूस हो रही है तो यह नसों की कमजोरी का संकेत हो सकता है। और इसलिए जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
- मेयर के अनुसार यदि नसों के अंदर कमजोरी होती है तो इंसान को देखने मे भी काफी समस्या होती है। नसों के अंदर कमजोरी देखने की समस्या को पैदा कर सकती है।
- इसके अलावा नसों की कमजोरी का यह भी एक बड़ा संकेत हो सकता है कि शरीर के अंदर तालमेल बैठाने मे समस्या आता है। जैसे कि हम शरीर के अंगों के साथ आसानी से तालमेल बैठा पाते हैं
पतंजलि आंवले के जूस के फायदे हर्ट के लिए
दोस्तों आजकल हर्ट अटैक की समस्याएं काफी अधिक देखने को मिल रही हैं। और हार्ट अटैक की जो समस्या है वह अभी कुछ सालों के अंदर काफी अधिक बढ़ चुकी है। इसका जो सबसे बड़ा कारण है वह नकली खान पान ही होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
नकली खान पान की वजह से हार्ट अटैक अधिक आ रहे हैं। और एक बार झटका आने के बाद भी लोग अपने खान पान के अंदर बदलाव नहीं करते हैं।और इसका परिणाम यह होता है कि दूसरा झटका आता है। वैसे भी हार्ट अटैक का कोई ईलाज नहीं है। यदि आप ठीक से खान पान करते हैं तो आप बच सकते हैं। नहीं तो फिर कोई भी फायदा नहीं है। आप किसी भी तरह से बच नहीं सकते हैं।
दोस्तों यदि आप आंवले का सेवन करते हैं तो यह आपको हार्ट अटैक से भी बचाने का काम करता है। जैसे कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को आंवला कम करता है। इसके अलावा इसके अंदर विटामिन सी पाया जाता है जोकि धमनियों के संकुचन को रोकने का काम करता है। यदि आपको हार्ट अटैक आ चुका है तो आपको एक बार आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
वह आपको इसके बारे मे काफी बेहतर तरीके से बताएगा । यदि आप उसके नियमों को फोलो करते हैं तो आपको किसी भी तरह से दूसरा हार्ट अटैक नहीं आएगा ।
पतंजलि आंवला जूस के फायदे दिमाग तेज करता है
पतंजलि आंवला जूस के फायदे दिमाग तेज करता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । और वैसे भी अपने कई लोगों से यह कहते हुए सुना भी होगा कि आंवले का सेवन दिमाग के लिए काफी उपयोगी होता है। यह दिमाग को ठंडक प्रदान करता है। इसके अंदर कुछ खास प्रकार के गुण पाये जाते हैं जोकि दिमाग को तेज करने का काम करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
वैसे आजकल हर क्षेत्र के अंदर बहुत अधिक कंपिटिशन बढ़ चुका है। और सफल होने के लिए हर इंसान को तेज दिमाग चाहिए होता है। और अपने दिमाग की यादाश्त को बढ़ाने के लिए हम कई तरह के उपाय करते हैं जिसके अंदर यह भी एक उपाय है । आप इस उपाय को भी कर सकते हैं। आंवले के जूस का सेवन करने से आपके दिमाग की शक्ति बढ़ती है और आपका दिमाग काफी बेहतर तरीके से काम करता है।
यदि आप एक स्टूडेंट हैं तो आंवले के जूस का सेवन कर सकते हैं और इसके अंदर आपको काफी फायदा देखने को मिलेगा ।बेहतर यही होगा कि आप कुछ समय इसका सेवन करें और उसके बाद इसका प्रभाव देखें।
दांतों के लिए आंवला होता है फायदेमंद
दोस्तों दांतों के लिए आंवला काफी फायदेमंद होता है । आजकल आप देख ही रहे हैं कि दांतों के साथ क्या क्या समस्याएं हो रही हैं। खासतौर पर दांत के अंदर कैविटी और दांत मे दर्द इस तरह की बहुत सी समस्याएं कम उम्र के अंदर ही हो रही हैं। और जब डॉक्टर के पास जाते हैं तो उनके पास इन सभी समस्याओं का कोई भी ईलाज नहीं होता है। वे जो इलाज अपनाते हैं वे आमतौर पर प्रभावी नहीं होते हैं। लेकिन यदि आप आंवले का सेवन करते हैं तो यह आपके दांतों को भी बीमारियों से बचा सकता है।
और यदि आपके दांत के नसों मे इन्फेक्सन है तो डॉक्टर आपको दांत को उखाड़ने के लिए बोलेगा और रूटकैनाल जैसा ट्रिटमैंट उतना अधिक सफल नहीं हो पाता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
दांतों के लिए आंवले की पतियां भी काफी फायदेमंद होती हैं। यह दांतों की समस्या के लिए किया जा सकता है। इससे दांतों की समस्याएं दूर होती हैं।
आजकल हमारा खानपान इसी प्रकार का हो चुका है कि हम ऐसी चीजों का सेवन करते हैं जोकि दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं जैसे कि चॉकलेट आदि का सेवन हम करते हैं। इसी प्रकार से अधिक ठंडी और गर्म चीजों के सेवन करने की वजह से भी दांतों की उपरी परत खराब हो जाती है । जिससे कि उनकी लाइफ कम हो जाती है।
वैसे किसी भी तरह का उपचार क्यों ना हो आपके नैचुरल दांतों की जगह कोई भी नहीं ले सकता है। इसलिए अपने दांतों की सही से देखभाल करना जरूरी हो जाता है। वरना आपके लिए नुकसान का सौदा हो सकता है।
इसलिए आपको नियमित ब्रश करना चाहिए । दांतों की सही तरीके से साफ सफाई यदि आप करते हैं तो फिर आपके दांतों की उम्र काफी लंबी हो जाती है।
कैंसर को रोकने मे मदद करता है आंवला
दोस्तों कैंसर का नाम सुनते ही हम घबरा जाते हैं लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि आंवले के अंदर जबरदस्त रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। इस तरह से यह कैंसर को रोकने मे काफी मददगार हो सकता है।
और आपको पता ही है कि कैंसर एक बहुत भयंकर रोग होता है। यदि आप कैंसर से बचना चाहते हैं तो सिर्फ आंवले का ही सेवन करने से आप नहीं बच सकते हैं आपको खान पानी की चीजों के अंदर सुधार करना होगा आपको अधिक से अधिक देशी खाना खाना होगा । आप शहरों की जहरीली चीजों का उपयोग कम करदें। आप अधिक से अधिक नैचुरल चीजें खानी होगी । यही आपके लिए सही होगा और इसके बारे मे आपको पता भी होना चाहिए । क्योंकि कैंसर तब होता है जब आप जहरीली चीजों का सेवन करते हैं। और अजकल हर चीजी की पैदावार को बढ़ाने के लिए जहर का उपयोग किया जा रहा है।
इसलिए बेहतर यही होगा कि आप नैचुरल चीजों का सेवन करें। शहर की चीजों का कम से कम सेवन करें। आज से यदि आप 100 साल पीछे जाएंगे तो भारत जैसे देश के अंदर सिर्फ गिने चुने कैंसर के मरीज थे लेकिन अब यदि आप देखेंगे तो आप पाएंगे कि घर घर के अंदर कैंसर के मरीज आ चुके हैं। और यह सब हम जो जहर खाते हैं नकली घी तेल सब्जी उसी से पैदा होता है। जबकि सबसे बड़ी बात यह है कि जानवरों के कैंसर के मामले इतने नहीं देखें गए हैं। कारण यही है कि वे शायद हम से कम नकली चीजें । खाते हैं। घास का क्या नकली हो सकता है।
यदि आप कैंसर से बचना चाहते हैं तो आपको बस देशी खाना खाना होगा । यदि आप देशी खाना खाते हैं तो आपको कैंसर छू भी नहीं सकता है। यह एक तरह से आपके लिए फायदेमंद ही होगा ।
आंवला पूरी तरह से कैंसर को नहीं रोग सकता है लेकिन शरीर की अच्छी रोगप्रतिरोधक क्षमता आपके शरीर मे कैंसर के पनपने से पहले ही नष्ट कर देती है। आंवले के जूस का सेवन करें। आपको इससे काफी फायदा मिलेगा ।
खून को साफ करने मे पतंजलि आंवला जूस के फायदे
दोस्तों पतंजलि जूस के फायदे होते हैं कि यह आमतौर पर खून को साफ करने मे मदद करता है। जब हम कई बार ऐसे भोजन को खा लेते हैं जिसके हानिकारक तत्व हमारे खून के अंदर मिल जाते हैं । और इसकी वजह से पिंपल्स का होना ,फोड़े फुंसी और चर्म रोग हो सकता है।
वजन कम होना ,थक जाना पेट की समस्याएं आदि ब्लड की वजह से होती है। इन सब समस्याओं से बचने के लिए ब्लड को समय समय पर साफ करना जरूरी हो जाता है। यदि आप उसे ठीक से साफ करते हैं तो यह आपके लिए काफी बेहतर होगा । आंवले के जूस के अंदर खून को साफ करने का गुण होता है।
यदि आपको उपर दिये गए लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो फिर आप यह कर सकते हैं कि पतंजलि आंवले का जूस खरीद कर लें आएं और उसके बाद बस उसका सेवन करें। ऐसा करने से आपका खून साफ हो जाएगा और खून के अंदर जो जहरीले तत्व हैं वह अपने आप ही बाहर निकल जाएंगे ।
इस तरह से आप आंवले का जूस सेवन कर सकते हैं। और खून के खराब होने या फिर गंदा होने से जो समस्याएं पैदा होती हैं आप उन समस्याओं से बहुत ही आसानी से बच सकते हैं। तो आप एक बार आंवले के जूस का सेवन करें और उसके बाद आप अपनी थकावट को दूर करने मे काफी कामयाब होगे ।
बढ़ती उम्र को रोकने के लिए आंवले का प्रयोग
दोस्तों आंवले के जूस का प्रयोग बढ़ती उम्र को रोकने के लिए किया जाता है। वैसे भी इस दुनिया के अंदर हर कोई नहीं चाहता है कि वह बूढ़ा हो लेकिन क्या करें नैचर का रूल ही इस प्रकार का होता है कि हर इंसान जवान होने के बाद बूढ़ होता जाता है। आंवले के जूस का सेवन करने का यह फायदा है कि वह बढ़ती उम्र को रोक सकता है। और आपको जवां दिखा सकता है। यह एक तरह से नैचुरल तरीका है जिसकी मदद से आप अपनी बढ़ती उम्र की गति को धीमी कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आंवला आपकी बढ़ती उम्र को कम कर देता है। इसका मतलब यह है कि आप के उपर उम्र का प्रभाव कम होता है इसके लिए आप योगा का सहारा भी ले सकते हैं। जिसकी मदद से आप लंबे समय तक जवां दिख सकते हैं आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ आना चाहिए ।
हड्डियों को मज़बूत करता है आंवला
तो दोस्तों आपको बता दें कि आंवले का सेवन करना हड्डियों को मज़बूत करता है । क्योंकि इसके अंदर कैल्शियम अच्छी मात्रा मे होता है। यदि आप इसका सेवन करते हैं तो आपको हडियों से जुड़ी बीमारी कम होने का खतरा होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना होगा ।ऑस्ट्रोपोरोसिस, अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारी हडियों की समस्याओं की वजह से होती हैं आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । इसके अलावा आंवले के जूस का सेवन करने से फैक्चर होने की संभावना भी काफी कम हो जाती है।
गले मे खराश को कम करता है आंवला
दोस्तों गले के अंदर खराश एक प्रकार की आम समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए गलें के अंदर खराश किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए आंवले का सेवन करना गले के अंदर खराश को कम करने का काम करता है।
गले के अंदर खराश किसी एलर्जी की वजह से हो सकती है या फिर यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है।इसके अलावा जुकाम की वजह से गले के अंदर एलर्जी हो सकती है। और खुजली भी हो सकती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
वैसे गले के अंदर जो खराश होता है वह कोई गम्भीर बीमारी का संकेत नहीं होता है आप इसका ईलाज अपने घर पर ही कर सकते हैं। लेकिन यदि गले के अंदर खराश काफी अधिक समय से है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
एंटिबायोटिक्स, एनाल्जेसिक, एंटी-एलर्जिक और स्टेरॉयड्स दवाएं गले के अंदर खराश को कम कर देती हैं। इसके अलावा जांच के लिए खून टेस्ट की भी आवश्यकता पड़ सकती है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना जरूरी होता है।
यदि हम गले के अंदर खराश के लक्षणों की बात करें तो यह कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जिससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि गले के अंदर जो खराश है वह किस वजह से है ?
- बंद नाक
- आंखों में खुजली
- त्वचा में खुजली
- नाक बहना
- साइनस पर दबाव
- छींक आना
- थकान
- आंखों में पानी आना
इसके अलावा गले के अंदर खराश खाने पीने की चीजों की वजह से हो सकती है। यह एक प्रकार की एलर्जी होती है जिसके लक्षण काफी गम्भीर हो सकते हैं।और यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया गया तो बाद मे काफी गम्भीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- गले के अंदर कुछ ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कि कुछ बुरी तरह से अटका हुआ है।
- ब्लड प्रेसर कम होना
- त्वचा का लाल होना ।
- आंखों के आसपास की त्वचा मे लालिमा आना
- कान में खुजली
- होठों, जीभ और गले में सूजन
- सांस लेने मे परेशानी और पेट मे दर्द।
- मुंह सूखा रहना
- गहरे रंग का पेशाब आना
- अत्यधिक प्यास लगना
दोस्तों आपको बतादें कि यदि लंबे समय तक गले के अंदर खराश बना रहता है। यदि आपको 10 दिन से अधिक गले के अंदर खराश है तो उसके बाद आपको डॉक्टर को दिखाना बहुत ही अधिक जरूरी हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- निगलने में कठिनाई
- सांस लेने में कठिनाई
- मुंह खोलने में कठिनाई
- जोड़ों में दर्द
- बलगम के साथ खून आना
- गले में कोई गांठ महसूस होना
- कान में दर्द
- गले में खराश होने की समस्या
बैक्टीरियल संक्रमण की वजह से आपके गले के अंदर खराश हो सकता है। तो आपको चाहिए कि आप एक बार संक्रमण की जांच करवाएं और यदि संक्रमण मौजूद है तो उसके बाद इसका ईलाज करवाने की सख्त जरूरत होगी । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । टोन्सिल्स में संक्रमण या सूजन और जलन के वजह से भी यह समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
मोनोन्यूक्लिओसिस और शर्दी जुकाम जैसी समस्याओं की वजह से भी गले के अंदर खराश पैदा हो सकता है। यदि इसका भी समस्या पर उपचार नहीं करवाया जाता है तो उसके बाद समस्या गम्भीर हो सकती है।
निर्जलीकरण एक प्रकार की समस्या होती है। यदि शरीर उतना जल बाहर निकाल रहा है जितना की वह अंदर ले भी नहीं रहा है तो इस समस्या को निर्जलीकरण के नाम से जाना जाता है।यह आमतौर पर गर्म तापमान की वजह से हो सकता है। इससे मुंह के अंदर लार नहीं बनती है। और इसकी वजह से काफी बड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि किसी के गले के अंदर दर्द 7 दिन से अधिक हो जाता है तो फिर यह किसी चोट की वजह से भी हो सकता है । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।धूम्रपान, वायु प्रदूषण, चिल्लाने, नाक का द्रव गले में बहने या नमी की कमी के कारण गले में खराश होना आदि समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आपको एलर्जी की समस्याएं हैं तो उसकी वजह से भी आपके गले के अंदर खराश हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कई बार क्या होता है कि पेट के अंदर पैदा होने वाला ऐसिड गले से बाहर आ जाता है जिसकी वजह से यह समस्या होती है। और गले के अंदर एक तरह से खराश पैदा हो जाता है।
इसके अलावा यह जो समस्या होती है वह कई तरह की दवाएं भी कर सकती हैं। जिससे कि सूखी खांसी और गले मे खराश हो सकता है। यह आमतौर पर दवाओं का साइड इफेक्ट होता है जब आप दवाएं लेना बंद कर देते हैं तो यह समस्या आपने आप ही दूर हो जाती है।
हिचकी मे आंवले के फायदे
दोस्तों हिचकी के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। हिचकी कभी कभी आती है तो वह रूकती ही नहीं है। और यदि आप किसी जरूरी मिटिंग के अंदर बैठे हैं तो हिचकी समस्या को काफी बड़ा कर सकती है और आप लोग काफी बुरे लग सकते हैं। वैसे तो हिचकी को रोकने के कई सारे उपाय होते हैं जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन इसके अंदर हिचकी को रोकने के लिए आंवला भी एक प्रकार का उपाय होता है। उसके बारे मे भी आपको जान लेना चाहिए ।
10-20 मिली आंवला रस तथा 2-3 ग्राम पीपल के पत्ते के चूर्ण में 2 चम्मच शहद मिला लें । और इसका दिन के अंदर दो बार सेवन करें। इससे क्या होगा कि जो हिचकी की समस्या होती है वह अपने आप ही दूर हो जाएगी । इस तरह से यह एक प्रभावी तरीका होता है जिसकी मदद से आप हिचकी को रोक सकते हैं।
बुखार में आंवला के फायदे
दोस्तों बुखार मे भी आंवला काफी फायदेमंद होता है। यह एक तरह से शरीर को उर्जा प्रदान करता है और संक्रमण से लड़ रहे शरीर को मदद भेजता है। मोथा, इद्रजौ, हरड, बहेड़ा, आंवला, कुटकी तथा फालसा का काढ़ा बनाकर पीयें । इससे आपको बुखार की जो समस्या है वह दूर हो जाएगी । कुल मिलाकर बुखार किसी भी तरह की बीमारी नहीं होती है। लेकिन यह किसी ना किसी बीमारी का लक्षण होता है। और जब हमारा शरीर किसी तरह के संक्रमण से लड़ता है तो उसकी वजह से शरीर को काफी अधिक बुखार आ जाता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होगा ही है। यदि आने वाला बुखार सामान्य है तो यह ठीक हो जाएगा । खास कर सर्दी जुकाम की वजह से यदि बुखार आता है तो यह आसानी से ठीक हो जाता है।
लेकिन यदि किसी भयंकर बीमारी की वजह से बुखार आता है तो उसके बाद डॉक्टर को यह पता लगाना होता है कि बुखार किस वजह से आ रहा है ? और फिर डॉक्टर यह तय करता है कि आपको किस तरह का उपचार दिया जाना चाहिए ।
बुखार अलग अलग प्रकार का होता है। जिसकी वजह कई सारी हो सकती हैं तो आइए जानते हैं
- निम्न स्तर के बुखार की सीमा लगभग 100 डिग्री F – 101 डिग्री F तक होती है।
- उच्च स्तर के बुखार की सीमा 103 डिग्री F-104 डिग्री F तक देखने को मिलता है। 102 डिग्री F वयस्कों के लिए मध्यवर्ती बुखार होता है जोकि किसी शिशु के अंदर देखने को मिलता है।
- 104 डिग्री F या उससे अधिक यदि तापमान चला जाता है तो उसके बाद काफी समस्या होती है और यह किसी भी तरह से तेज बुखार का लक्षण हो सकता है।
- यदि आपको 24 घंटे से अधिक समय तक बुखार है और बुखार के तापमान के अंदर किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है तो यह बुखार आमतौर पर टाइफाइड निमोनिया और मूत्र संक्रमण की वजह से हो रहा है। आपको पता होना चाहिए ।
- टाइफाइड और संक्रमित एंडोकार्डिटिस के रोगियों कें अंदर जो बुखार होता है वह या तो उतरता ही नहीं है या फिर उतरता चढ़ता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- मलेरिया, प्यूमिया( pyemia) और सेप्टीसीमिया की वजह से यदि बुखार है तो यह 24 घंटे के अंदर कुछ ही समय तक रहता है। और बाद मे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है।
- मियादी बुखार के अंदर होता है यह है कि बुखार एक क्रम के अंदर होती रहती है। जैसे कि आज बुखार हो गया तो कुछ दिनों तक इसके किसी भी प्रकार के कोई भी लक्षण प्रकट नहीं होंगे । और उस समय के बाद अपने आप ही लक्षण प्रकट होने लग जाएंगें।
- स्टिल्स रोग (Still’s disease), रुमेटाइड गठिया (Rheumatoid arthritis), क्रोहन रोग आदि इस प्रकार के रोग हो सकते हैं जिसकी वजह से इस प्रकार के बुखार के लक्षण देखने को मिल सकता है।
बुखार के कई सारे लक्षण होते हैं जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं बुखार के लक्षणों के बारे मे
- आंखों में दर्द
- कमजोरी
- भूख में कमी
- सिर दर्द
- उल्टी
- दस्त
- सुस्त होना
- नाक का बहना
- गले में खराश, खाँसी,
- आवाज़ का कर्कश हो जाना
- नींद में कमी
आंवले के जूस के फायदे उल्टी मे
दोस्तों आंवले के जूस काफी फायदेमंद होता है। यह आमतौर पर उल्टी के अंदर काफी फायदेमंद होता है। उल्टी वैसे तो एक आम प्रकार की समस्या होती है जोकि पेट के अंदर गड़बड़ी होने की वजह से हो सकती है।10-20 मिली आंवला के रस (patanjali amla juice) में 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर सेवन करने से जो उल्टी होती है उसकी समस्या अपने आप ही दूर हो जाती है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । तो आइए जानते हैं उल्टी के कारणों के बारे मे ।
- यदि आपको अधिक पेट गैस की समस्या है तो आपको उल्टी हो सकती है। इसलिए बेहतर यही है कि आपको पेट गैस को कम करने के बारे मे सोचना चाहिए या फिर इसके लिए आपको प्रयास करने की जरूरत है।
- यदि किसी के सर के अंदर चोट लग जाती है तो उसके बाद उल्टी की समस्या हो सकती है। आमतौर पर सर के अंदर चोट लग जाने की वजह से उल्टी होना बहुत ही आम बात होती है। यदि आपके सर के अंदर चोट लगी है और उल्टी के साथ खून आ रहा है तो फिर आपको चाहिए कि आप जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करें। और उसके बाद अपनी सीटी स्कैन करवाएं ।
- इसके अलावा कई बार हम गलत दवा का सेवन कर लेते हैं जिसकी वजह से भी उल्टी हो सकती है। तो आपको गलत दवा का सेवन नहीं करना चाहिए । ऐसा एक बार मेरे साथ भी हो चुका है। गलत दवा का सेवन करने से उल्टी होने लगी थी।
- उल्टी तब भी हो सकती है जब हम सफर कर रहे होते हैं। इस तरह की उल्टी अपने आप ही रूक जाती है और यह किसी भी तरह से हानिकारक नहीं होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इस तरह की उल्टी से बचने के लिए बस के अंदर खिड़की के पास आपको बैठना होगा ।
- इसके अलावा जो गर्भवति महिला होती हैं उनको उल्टी आना भी एक प्रकार की आम समस्या होती है। उनको सुबह सुबह उल्टी आती है। यह आपने कई गर्भवति महिलाओं के बारे मे देखा ही होगा । इसी प्रकार से जो कैंसर का मरीज होता है उसे भी उल्टी की समस्या होती है। आपको पता होना चाहिए ।
food poisoning की वजह से भी उल्टी आ सकती है। यदि आपको food poisoning की समस्या हो जाए तो उल्टी हो सकती है।वैसे आपको बतादें कि उल्टी काफी हानिकारक होती है। क्योंकि इसकी वजह से शरीर के अंदर पानी की कमी हो सकती है। इस वजह से जितना जल्दी हो सके उल्टी को रोकने का प्रयास करना चाहिए ।
और कई बार क्या होता है कि हम खांसते हैं इसकी वजह से बलगम आता है और उसके साथ उल्टी जैसा भी महसूस हो सकता है। उल्टी आमतौर पर कई रोगों के लक्षणों को भी प्रकट कर सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- पेट में दर्द
- बुखार
- चक्कर आना
- नाड़ी का तेज होना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- छाती में दर्द
- बेहोशी
- भ्रम
- बहुत ज्यादा नींद आना
- मुंह का सुखना
- और सुस्ती ।
आदि यह सभी उल्टी के लक्षण हो सकते हैं। आमतौर पर उल्टी आने से पहले इसके संकेत आपको मिल जाते हैं। लेकिन उल्टी को रोकना काफी कठिन काम होता है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा । क्योंकि उल्टी काफी डेंजरस होती है।
अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करने वाले दिमाग के हिस्से से ही उल्टी को नियंत्रि किया जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । उल्टी आमतौर पर कई वजहों से हो सकती हैं। जिसके बारे मे हम आपको यहां पर बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं उन वजहों के बारे मे जोकि उल्टी के कारण बन सकते हैं।
यदि आपके पेट के अंदर जलन हो रही है तो इसका मतलब यही है कि आपके पेट के अंदर संक्रमण हो चुका है और इसकी वजह से उल्टी हो सकती है। यह बुखार को भी पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।नोरोवायरस और रोटावायरस आदि के संक्रमण की वजह से उल्टी हो सकती है।
फूड पॉइजनिंग भी एक ऐसी समस्या होती है जिसकी वजह से उल्टी होने लग जाती है। यह सब एक प्रकार के विषैले पदार्थ की वजह से होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
शराब, धूम्रपान और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लामेट्री दवाएं आदि की वजह से पेट के अंदर जलन पैदा होती है जिसकी वजह से उल्टी होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होगा । पेट में अल्सर होने की वजह से भी उल्टी हो सकती है। पेट के अंदर मौजूद अल्सर आमतौर पर पेट के छाले होते हैं जिसकी वजह से भी उल्टी हो सकती है।
गेस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स रोग के अंदर भी उल्टी की समस्या हो सकती है। इसके अंदर पेट के अम्ल पदार्थ उपर की तरफ आने लग जाते हैं जिसकी वजह से उल्टी की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कुछ लोगों के अंदर सिरदर्द होता है। और यही सिरदर्द उल्टी का कारण बन सकता है। हालांकि सभी लोगों के अंदर यह समस्या देखने को नहीं मिलती है।
इंट्राक्रेनियल दबाव भी एक प्रकार की समस्या होती है। किसी भी दिमागी चोट की वजह से दिमाग पर इंट्राक्रेनियल दबाव बढ़ जाता है जिसकी वजह से भी उल्टी होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कई बार क्या होती है कि किसी तरह की गंध दिमाग को प्रभावित कर देती है जिसकी वजह से भी उल्टी आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जैसे मरे हुए जानवरों की गंध की वजह से भी उल्टी आती है।
हैपेटाइटिस, पित्ताश्य के रोग, अग्नाश्य के रोग, गुर्दे के रोग कुछ ऐसी समस्याएं हैं जोकि उल्टी का कारण बन सकते हैं। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । तभी आप कुछ कर सकते हैं।
डायबिटीज के जो मरीज होते हैं उनके अंदर उल्टी और मतली की समस्या विशेष तौर पर देखने को मिलती हैं। उनके अंदर इंसूलीन का स्तर संतुलित नहींद होता है। जिसकी वजह से यह समस्या बार बार हो सकती है।
दिल का दौरा पड़ने जैसी समस्याओं में भी उल्टी और मतली का अनुभव हो सकता है। ऐसा तब हो सकता है जब यह शरीर के निचले हिस्से को प्रभावित करता है।
निमोनिया और ब्रोंकाइटिस की वजह से भी उल्टी होने की समस्या काफी अधिक हो जाती है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
सुजाक के अंदर आंवले के फायदे
दोस्तों सुजाक के बारे मे तो आपने सुना ही होगा सुजाक एक यौन रोग होता है जिससे कि इंसान के गुप्त अंग के अंदर धाव हो जाता है और उसके बाद उससे पस निकलता है।इसके जीवाणु मुंह, गला, आंख तथा गुदा में भी बढ़ते हैं खास तौर पर यह गिले क्षेत्र पर अधिक हमला करता है।
किसी भी यौन सक्रिय व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है। इसके होने के बाद इसके जो लक्षण होते हैं वह 5 से 6 दिन के अंदर प्रकट हो जाते हैं लेकिन कई बार लक्षणों को प्रकट होने मे महिने भर का समय लग जाता है। शाब करते समय जलन, लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव इसके लक्षण हो सकते हैं।
अंडग्रंथि के अंदर इसकी वजह से दर्द हो सकता है और सूजन भी हो सकती है। इसके अलावा महिला के अंदर पेशाब करते समय जलन होती है और अधिक मात्रा के अंदर रक्तस्त्राव होता है।और यदि कोई गर्भवति महिला को यह समस्या है तो उसे जल्दी से जल्दी इसका उपचार करने की आवश्यकता है।
क्योंकि जब बच्चा गर्भ नलि से होकर गुजरता हो तो इससे बच्चे को संक्रमण हो सकता है और बाद मे यही संक्रमण बच्चे को अंधा कर सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
2-5 ग्राम आंवला के चूर्ण को एक गिलास जल में मिला लें। इसे पिलाएं और इससे आप गुप्त अंग को भी धो सकते हैं। जिससे कि सूजन और जलन बहुत ही आसानी से ठीक हो जाती है। और यदि समस्या काफी अधिक बढ़ रही है तो इसका जल्दी से ईलाज करने के लिए उचित प्रयास करना जरूरी हो जाता है।
धातु रोग में आंवला के फायदे
धातु रोग के अंदर भी आंवला काफी फायदेमंद होता है दोस्तों यदि हम बात करें धातु रोग मे फायदे कि तो इसके लिए आपको करना यह है कि आंवले के गुठली रहित 10 ग्राम चूर्ण को धूप में सुखा लें। इसमें दोगुनी मिश्री मिला लें और उसके बाद इसे ताजे जल के साथ सेवन करें। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा ।
धातु रोग एक प्रकार का यौन रोग होता है। जिसके अंदर होता यह है कि ना चाहते हुए भी शुक्राणु अपने आप ही बाहर निकलने लग जाते हैं। यही एक तरह से धातु रोग होता है।
पाचन तंत्र या शारीरिक कमजोरी, मूत्र और जननांगों से संबंधित समस्या, यौन असंतोष, मूत्र निकास मार्ग का सिकुड़ना, मलाशय से संबंधित विकार जैसी समस्याओं की वजह से यह रोग हो सकता है। लेकिन यदि आप सही तरीके से इसका उपचार करवाते हैं तो उसके बाद समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । धातु रोग को आप कई तरह से कंट्रोल कर सकते हैं।
कुष्ठ रोग में आंवला के फायदे
कुष्ठ रोग का नाम तो आपने सुना ही होगा । कुष्ठ रोग के अंदर आंवला काफी फायदेमंद होता है।आंवला और नीम के पत्ते को समान मात्रा में लेकर महीन चूर्ण बना लें। इसकी 2 से 6 ग्राम या 10 ग्राम तक रोज सबुह शहद के साथ चाटें। ऐसा करने का फायदा यह है कि कुष्ठ रोग जैसी भयंकर बीमारी से आपको लाभ मिलता है।
कुष्ठ रोग आमतौर पर सदियों पुरानी बीमारी है जिसको छूआछूत का रोग भी समझा जाता है क्योंकि यह बीमारी छूने से आसानी से फैल सकती है।और यह शिशु से लेकर किसी भी बूढे इंसान के अंदर भी बहुत ही आसानी से फैल सकती है।
माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक एक प्रकार के बैक्टिरिया की वजह से यह होता है। और यह एक तरह से लंबे समय से चलने वाला इन्फेक्सन होता है जोकि श्वस्न तंत्र के अंदर हो सकता है।और यह नशों हाथ पैर और नाक के अंदर यह समस्या होती है।
यह जो कुष्ठ रोग है वह नसों के अंदर घाव और कमजोरी पैदा कर देता है।इस रोग के लक्षणों को देखकर ही डॉक्टर आपको आसानी से बता सकते हैं कि आपको कुष्ठ रोग की समस्या है या फिर नहीं है ?
आपको बतादें कि कुष्ठ रोग जो होता है उसका ईलाज संभव होता है और यदि आप इसका समय पर ईलाज नहीं करवाते हैं तो यह विकलांगता भी पैदा कर सकता है। इसलिए यदि किसी को कुष्ठ रोग की समस्या है तो उसका जल्दी ही ईलाज करवाने की जरूरत है।
यदि दोस्तों हम कुष्ठ रोग के लक्षणों की बात करें तो यह शूरूआती के अंदर प्रकट नहीं होते हैं। वरन यह आमतौर पर धीरे धीरे प्रकट होते हैं। तो आइए जानते हैं कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे मे विस्तार सें ।
- सुन्न होना
- तापमान में बदलाव महसूस ना होना
- स्पर्श महसूस ना होना
- सुई या पिन आदि चुभने जैसा महसूस होना
- कम महसूस होना
- नसें क्षतिग्रस्त होना
- वजन कम होना
- नसे क्षतिग्रस्त होना
- फोड़ों का बनना
- बड़े-बड़े अल्सर बनना
- समय के साथ उँगलियाँ छोटी होती जाना
- चेहरे का रूप बिगड़ना
दोस्तों यदि आपको जरा भी इस बात का शक लगता है कि आपको कुष्ठ रोग के लक्षण हैं तो आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपको जो निर्देश दिया जाता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी चीज होती है।
कुष्ठ रोग के फैलने के बारे मे यदि हम बात करें तो इसके बारे मे पूरी जानकारी तो नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि कुष्ठ रोग से ग्रस्ति इंसान जब खुली हवा के अंदर खांसता है और छींकता है तो उसकी वजह से कुष्ठ रोग पास वाले इंसानों के अंदर फैल जाता है।
यदि कोई इंसान काफी लंबे समय मे किसी कुष्ठ रोगी के संपर्क मे होता है तो उसे भी कुष्ठ रोग होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
आपको बतादें कि कुष्ठ रोगी से थोड़ा बहुत संपर्क करने से यह रोग नहीं फैल सकता है। जैसे कि हाथ मिलाने से और शारीरिक संपर्क से भी यह रोग नहीं फैलता है।
यदि महिला गर्भवति है तो कुष्ठ रोग उसके बच्चे के अंदर किसी भी स्थिति मे नहीं फैलता है। संक्रमित लोगों से लगातार शारीरिक संबंधी बनाते रहने से यह हो सकता है। इसके अलावा यदि आप खुले पानी मे नहाते हैं तो आपको कुष्ठ रोग हो सकता है।
वैसे आपको यह बतादें कि वर्तमान मे ऐसा कोई टीक उपलब्ध नहीं है जोकि कुष्ठ रोग से पूरी तरह से सुरक्षा करता हो । टीके तो उपलब्ध है लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।
यदि परिवार का कोई सदस्य कुष्ठ रोग से ग्रस्ति हो चुका है तो आपको चाहिए कि आप उसका पूरी तरह से ध्यान रखें। और उसे अलग भी रखें ताकि यह संक्रमण किसी दूसरे के अंदर ना फैले ।
यदि हम कुष्ठ रोग के ईलाज की बात करें तो यह बस एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से ही रोका जा सकता है। और इसका जो कोर्स होता है वह 6 महिने से लेकर एक साल तक चल सकता है। लेकिन नसों की क्षति को फिर से सही नहीं किया जा सकता है। इसलिए कुष्ठ रोग का समय पर ईलाज करवाना जरूरी हो जाता है।
बवासीर में आंवला के लाभ
बवासीर का नाम तो आपने सुना ही होगा बवासीर एक प्रकार की बीमारी होती है जोकि अधिक तेल और मिर्च मसालों के खाने से होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । खैर बवासीर जो बीमारी होती है वह काफी दर्दनाक होती है।
जिस किसी को बवासीर होती है उसको चाहिए कि एक हांडी लें और उसके अंदर पीसे हुए आंवला का लेप करें। उसके बाद उसके अंदर डालकर छाछ पीयें । इससे बवासीर मे काफी लाभ होता है।
बवासीर के अंदर नसों मे सूजन आ जाता है और इसकी वजह से मल का त्याग करने मे काफी कठिनाई होती है। और यदि इसका समय पर ईलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह काफी भयंकर रूप धारण कर लेती है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए । यदि हम बवासीर के प्रकार की बात करें तो यह आमतौर पर दो प्रकार का होता है।
खूनी बवासीर – खूनी बवासीर भी एक प्रकार की समस्या होती है जिसके अंदर किसी तरह की तकलीफ नहीं होती है। बस खून आता है। और खून काफी तेजी से टपकता रहता है। मस्सा अंदर की तरफ होता है जोकि धीरे धीरे बड़ा होने लग जाता है। और उसके बाद यह बाहर भी आने लग जाता है। इस तरह से बाद मे यह काफी बड़ा हो जाता है और दबाने पर भी अंदर नहीं जाता है तो फिर डॉक्टर आपको ऑपरेशन के लिए भी कह सकते हैं। लेकिन उसके बाद भी यदि आप खान पान के अंदर सुधार नहीं करते हैं तो उसके बाद मस्सा बड़ा हो जाता है और समस्या काफी भयंकर हो सकती है।
बादी बवासीर आमतौर पर तब होता है जब ट्टी काफी कड़ी होती है। और इस तरह के बवासीर के अंदर काफी दर्द भी होता है और मन के अंदर बैचेनी होती है और खून भी आता है।जलन, दर्द, खुजली, शरीर में बेचैनी, काम में मन न लगना आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं।और मस्सा अंदर होने की वजह से रस्ता छोटा पड़ता है और धाव बन जाता है और इस घाव की वजह से खून भी आने लग जाता है।बवासीर का सही समय पर ईलाज करवाना जरूरी होता है। यदि सही समय पर इसका ईलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह भंगदर हो जाता है और फिर इसका ईलाज करना और ही अधिक कठिन हो जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
भगंदर के अंदर होता यह है कि यह आमतौर पर शरीर के किसी दूसरे हिस्से को जोड़ देता है। जिसकी वजह से समस्याएं होती हैं । इसके अलावा यदि इसका समय पर ईलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह कैंसर का रूप धारण कर लेता है। इस वजह से इसका समय पर ईलाज करना जरूरी हो जाता है।
कुछ लोगों के अंदर यह समस्या पीढ़ीदर पीढी होती रहती है। जिसकी वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जिन लोगों को कब्ज की समस्याएं होती है उनको यह रोग होने के चांस अधिक बढ़ जाते हैं। यदि आपको कब्ज रहती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें या फिर आप भी घरेलू उपचार आजमा सकते हैं।
जब कब्ज होती है तो मरीज मल को त्याग नहीं कर पाता है और उसे लंबे समय तक उकडू बैठा रहना पड़ता है जिसकी वजह से रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है और वे फूल कर लटक जाती हैं। बस उसके बाद बवासीर हो जाता है।
अब आपके दिमाग मे यह भी आता होगा कि बवासीर के लक्षण क्या होते हैं ? तो हम आपको इसके कुछ लक्षण के बारे मे बताने वाले हैं। जिनकी मदद से आप इसको आसानी से पहचान सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे मे विस्तार सें ।
- गुदा के आस पास कठोर गांठ जैसी होना जिसमे दर्द होना और खून आना
- शौच के बाद खून का आना
- बार बार मल को त्याग करने की इच्छा होना ।
- शौच के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना।
- गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।
यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको चाहिए कि आप अपने डॉक्टर से बात करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
यदि बवासीर का उपचार की बात करें तो इसका उपचार बहुत ही आसान है आप तली हुई चीजों को खाना ही बंद करदें। और मिर्च मसाले का कम सेवन करें। दूध और दही का सेवन आप अधिक कर सकते हैं। उसके कुछ ही दिनों के अंदर आपको आराम मिल जाएगा । और यदि बवासीर शूरूआती अवस्था के अंदर है तो यह आसानी से ठीक भी हो जाएगा।
लेकिन यदि शूरूआती अवस्था के अंदर नहीं है तो फिर ठीक होना कठिन होगा । यदि किसी को बावासीर की समस्या होती है तो तुरंत ही उसे सावधानी बरतनी चाहिए । यदि इग्नोर किया जाता है तो उसके बाद समस्या काफी अधिक बढ़ सकती है।
और बाद मे आपको दर्द तो सहना ही होगा इसके अलावा ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है। हमारे एक जानकार का हाल ही मे बवासीर की वजह से ऑपरेशन हुआ है आपको इसके बारे मे भी पता होना जरूरी है। आप समझ गए होंगे ।
नाक मे खून बहने की दशा मे आंवले के फायदे
दोस्तों यदि नाक के अंदर खून बहने की समस्या हो रही है तो इसके लिए आप आंवले का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको करना यह होता है कि जामुन, आम तथा आंवले को कांजी आदि को अच्छी तरह से पीस लें और मस्तक के उपर लेप करें। इससे नाक के अंदर खून बहने की समस्या अपने आप ही ठीक हो जाएगी । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
आंवले के नुकसान
दोस्तों हर चीज के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसी तरीके से आंवले के भी फायदे और नुकसान होते हैं जिसके बारे मे हम बात करने वाले हैं तो आइए जानते हैं आंवले के नुकसान के बारे मे विस्तार से ।
- आंवले के नुकसान यह है कि यदि आपकी त्वचा रूखी है तो आपको अधिक आंवले के जूस का सेवन नहीं करना चाहिए । नहीं तो आपके साथ कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आपकी त्वचा और अधिक रूखी हो सकती है। बालो का झड़ना और खुजली की समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना जरूरी हो जाता है।
- जो महिलाएं स्तनपान करवाती हैं उनको आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए । कारण यह है कि इसकी वजह से डायरिया और डिहाइड्रेशन की समस्याएं हो सकती हैं। आंवले का सेवन यदि उनको करना ही है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपको जो डॉक्टर निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए ।
- ब्लड शुगर लेवल जिन लोगों का पहले से कम होता है उनको आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह नुकसान कर सकता है। इसलिए यदि आपका भी ब्लड शुगर लेवल कम है तो आपको आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए । वरना यह नुकसान कर सकता है।
- जिन लोगों को सर्जरी करवानी है उनको आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि आंवले के सेवन करने से ब्लीडिंग का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इस वजह से आंवले का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता है। बाकि आप एक बार अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उनका पालन करना चाहिए यदि आपके लिए काफी अधिक जरूरी हो जाता है।
- आंवले में एंटीप्लेटलेट गुण होते हैं इसका मतलब यह है कि यह खून के थक्के को बनने से रोक सकता है। लेकिन यदि आपको भी किसी तरह की खून की समस्या है तो आंवले का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपको जो डॉक्टर निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए यही जरूरी भी है।
- आंवला विटामिन C से भरपूर होता है और इसकी प्रकृति अम्लीय होने की वजह से यह आमतौर पर हाईपर ऐसिडिटी वाले लोगों के लिए सही नहीं होता है। यदि आपको भी इस प्रकार की समस्या है तो फिर आपको चाहिए कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना चाहिए यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी चीज होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice का सेवन क्या गर्भवति महिलाएं कर सकती हैं ?
दोस्तों आंवला जूस का सेवन किसी गर्भवति महिलाओं को नहीं करना चाहिए । यदि उनको इसका सेवन करना भी पड़ता है तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उसके बाद जो निर्देश आपके डॉक्टर आपको देते हैं उनका आपको पालन करना चाहिए यही आपके लिए अच्छा होगा डॉक्टर की बिना अनुमति के यदि आप आंवले के जूस का सेवन करते हैं तो फिर आपको नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice कहां पर मिलता है ?
दोस्तों पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice आसानी से आपको मिल जाएगा । यह किसी भी पतंजलि स्टोर पर आपको बहुत ही आसानी से मिल जाएगा । यदि आपको वहां पर भी नहीं मिलता है तो आप इसको किसी भी ऑनलाइन स्टोर से प्राप्त कर सकते हैं। वहां पर यह बहुत ही आसानी से मिल जाएगा ।
पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice का सेवन किस तरह से करें
पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice का सेवन यदि आप करना चाहते हैं तो आप बाबा रामदेव का विडियो देख सकते हैं। और सुबह खाली पेट इस जूस का सेव कर सकते हैं। लेकिन आपको 20 मिली से अधिक इस जूस का सेवन नहीं करना चाहिए । नहीं तो यह काफी नुकसान खड़ा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
आंवले के जूस का सेवन दिन के अंदर दो बार कर सकते हैं। बस उसके बाद एकदम से ठीक हो जाएगा सारा कुछ सिस्टम ।
पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice क्या स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है ?
दोस्तों पतंजलि आंवला का जूस स्तनपान करने वाली महिलओं के लिए सही नहीं है। यदि कोई महिला स्तनपान करवाती है तो उसे आंवले का जूस का सेवन नहीं करना चहिए । और यदि सेवन करती भी हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी चीज होगी ।
पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice का ओवर डोज होने पर ?
दोस्तों पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice के ओवर डोज होने पर कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। लेकिन यह उतने अधिक भयंकर साइड इफेक्ट नहीं होते हैं जितना की समझा जाता है। इसलिए हम आपको यही सजेशन देना चाहेंगे कि आप बस जितना इसकी मात्रा आपको बताई जाती है आपको उतनी ही सेवन करनी चाहिए । उससे अधिक मात्रा का आपको सेवन नहीं करना चाहिए । नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है। यही आपके लिए सही होगा । अधिक मात्रा मे सेवन करने से इसको बचना होगा । हालांकि ऐलोपेथी कि तरह इनका भयंकर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं लेकिन दुष्प्रभाव तो होते ही हैं।
पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice का कितने दिनों तक सेवन करना चाहिए ?
देखिए इसके बारे मे हम आपको कुछ भी नहीं बता सकते हैं। यदि आपको इसके बारे मे जानकारी चाहिए तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा और आपको डॉक्टर जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना होगा । यदि आपके लिए सही होगा । पतंजलि आंवला जूस patanjali amla juice आपको कितने दिन सेवन करना चाहिए और क्यों सेवन करना चाहिए इसके बारे मे आप अपने डॉक्टर से बात करें यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
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