पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे ,patanjali ashwagandha capsule ke fayde ,भारत में पांरपरिक रूप से अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार के अंदर किया जाता है। और इसको नगदी फसल मे रूप मे भी उगाया जाता है। आप इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके पत्तों से घोड़ों के मूत्र जैसी गंध आती है। इसकी वजह से इसको अश्वगंधा के नाम से जाना जाता है।
विश्व में विदानिया कुल के पौधे स्पेन, मोरक्को, जोर्डन, मिश्र, अफ्रीका, पाकिस्तान, भारत तथा श्रीलंका, में प्राकृतिक रूप में पाये जाते है। और यदि हम बात करें भारत की तो भारत के अंदर इसकी खेती की जाती है।राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश एंव हिमाचल प्रदेश आदि राज्य ऐसे हैं।
जिनके यहां पर इसकी खेती की जाती है। आपको इस बात को समझना होगा । यदि हम बात करें patanjali ashwagandha capsule की तो इसके कई सारे फायदे होते हैं। जिनके बारे मे हम आपको यहां पर बताने वाले हैं।
वैसे अश्वगंधा का पौधा तेल निकालने के लिए किया जाता है। आमतौर पर अश्वगंधा दो प्रकार के होते हैं जिनके बारे मे भी आपको जानने की जरूरत है तो आइए जानतें हैं कि अश्वगंधा के प्रकार के बारे मे ।
लेकिन वैसे तो इसकी 3000 से अधिक प्रजातियां होती हैं जोकि दुनिया के अलग अलग हिस्सों के अंदर पाई जाती हैं ।
छोटी असगंध काफी छोटी होने की वजह से इसका नाम छोटी असगंध होता है। आमतौर पर इसकी जड़ काफी बड़ी होती है।वैसे यह जो होती है वह राजस्थान के नागौर के अंदर देखने को मिलती है।
इसके अलावा बड़ी या देशी असगंध की झाड़ी आमतौर पर बड़ी होती है और इसकी जो जड़ें होती हैं वह काफी छोटी होती हैं। इसके अंदर कब्ज को कम करने की क्षमता होती है तो इस वजह से इसकी मदद से कब्ज को ठीक करने की दवा बनाई जाती है।
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patanjali ashwagandha capsule ke fayde
patanjali ashwagandha capsule के बारे मे हम इस लेख के अंदर जानेंगे । आमतौर पर यह कई तरह से फायदेमंद होता है। लेकिन आपको इसको ऐसे ही नहीं लेना चाहिए डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लेना चाहिए । वरना फायदे की बजाय नुकसान होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है आप बात को समझ सकते हैं।
patanjali ashwagandha capsule ke fayde रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मे सहायक
दोस्तों आपको पता ही है कि अश्वगंधा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। यह इसके अंदर काफी सहायक होती है। वैसे भी शरीर के अंदर रोगप्रतिरोधक क्षमता का होना बहुत ही जरूरी होता है। जिस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है वह बार बार बीमार पड़ता है। और कोरोना काल के अंदर तो आपने देखा ही होगा कि वे लोग कोरोना की चपेट के अंदर काफी जल्दी ही आ गए जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम थी । और एक बार कोरोना हो जाने के बाद तो दवाओं की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। ऐसी स्थिति के अंदर
शरीर पर दूसरे छोटे मोटे बैक्टिरिया और वायरस भी हमला कर देते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर और अधिक बीमारी होना तय होता है। इस तरह से दोस्तों यदि आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोकधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो अश्वग्धा का सेवन करें। यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नैचुरली रूप से बढ़ाने का काम करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता एक तरह से सफेद रक्त कणिका होती हैं जोकि ब्लड के माध्यम से शरीर के अंदर यात्रा करती हैं और कुछ एंटिबॉडी होती है जोकि किसी विशेष प्रकार के बैक्टिरिया की पहचान करने के लिए होती हैं तो कुछ सभी प्रकार के बैक्टिरिया के लिए होती हैं।
अश्वगंधा का सेवन हम करते हैं तो कोई भी छोटी मोटी बीमारी हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं।और जैसे कुछ लोगों को बार बार जुकाम होता है तो ऐसी स्थिति के अंदर अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए यह उनके लिए काफी फायदेमंद होता है। अश्वगंधा कैप्सूल मार्केट के अंदर आता है।
अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो रोगों से शरीर को बचा के रखते हैं। और इस तरह से अश्वगंधा के अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता होती है या फिर यह शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रधान करने का काम करती है। आप समझ ही गए होंगे कि मैं क्या कहना चाहता हूं।
अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे शरीर की कमजोरी को दूर करती है
दोस्तों शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए भी अश्वगंधा कैप्सूल का उपयोग किया जाता है। यदि आपको कमाजोरी महसूस हो रही है तो फिर अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करना चाहिए यह काफी फायदेमंद होता है। यह आपके शरीर को उर्जा प्रदान करता है।जिससे कि शरीर को बल मिलता है और शरीर की कमजोरी दूर होती है। दोस्तों यदि आप अधिक मेहनत वाले काम करते हैं
जिनके अंदर अधिक शरीर की उर्जा खर्च होती है तो आपको हर समय तो नहीं लेकिन कम से कम साल के अंदर एक बार तो अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करना चाहिए । यह आपके लिए एक तरह से अतिरिक्त उर्जा को प्रदान करती है जिससे कि आप बिना थके हुए काफी लंबे समय तक बहुत ही आसानी से काम कर सकते हैं। आपको यह भी समझना होगा ।इसके अलावा आप यदि अधिक दुबले पतले हैं और आपको किसी भी तरह का खाया पिया असर नहीं करता है तो फिर आपको डॉक्टर की सलाह से अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए ।
जब आप अश्वगंधा लेना शूरू करेंगे तो उसके बाद कुछ ही दिनों के अंदर इसका फर्क दिखना शूरू हो जाएगा । और आपको समझ आ जाएगा कि आपके शरीर की उर्जा बढ़ रही है। और यदि आप लंबे समय तक काम करेंगे तो उसके बाद भी नहीं थकेंगे । इस तरह से आप काफी फायदेमंद चीजें कर सकते हैं।
वैसे जो मजदूर होते हैं और हम जैसे किसान होते हैं उनके लिए यह कैप्सूल काफी फायदेमंद होता है। वे इसे ले सकते हैं और उसके बाद काफी तेजी से खेत के अंदर बिना थके काम कर सकते हैं। वैसे भी आजकल इंसानों के अंदर जान बची ही कहां पर है। इसी प्रकार का नकली खानपान हो चुका है कि थोड़ा सा काम करने के बाद बहुत ही आसानी से आप और हम थक जाते हैं। एक जमाना हुआ करता था जब इंसान काफी अधिक काम करने के बाद भी नहीं थकता था लेकिन उस समय जो खाना खाया जाता था वह पूरी तरह से नैचुरल था।
patanjali ashwagandha capsule ke fayde तनाव को दूर करने मे
दोस्तों अश्वगंधा कैप्सूल का फायदा तनाव दूर करने मे भी है। इसके अंदर एंटिडिप्रेशन गुण पाये जाते हैं जोकि हमारे दिमाग को रिलेक्स करने का काम करता है। वैसे भी आपको पता ही है कि आजकल का जीवन कुछ इसी प्रकार से हो चुका है कि जीवन के अंदर काफी अधिक समस्याएं मौजूद हैं।
और उन समस्याओं से हम लड़ नहीं पाते हैं जिसकी वजह से तनाव पैदा हो जाता है। इस तरह से हम समझ सकते हैं कि तनाव एक बहुत ही भयंकर समस्या है। आजकल जॉब नहीं मिलती है तो उसकी वजह से तनाव हो सकता है या फिर आपके पास धन नहीं है तो इसकी वजह से भी तनाव हो सकता है। इसके अलावा भी बहुत सारी समस्याएं हैं जिसकी वजह से तनाव का सामना करना पड़ सकता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
अश्वगंधा आपके दिमाग के अंदर उन सभी हार्मोन के प्रभावों को कम करने का काम करता है जोकि तनाव पैदा करते हैं। यह आमतौर पर आपके दिमाग के अंदर उन कैमिकल के प्रभाव को बढ़ाता है जोकि तनाव को कम करते हैं। इस तरह से यह काफी फायदेमंद चीजें होती हैं।
आमतौर पर जब इंसान तनाव के अंदर होता है तो उसके बाद वह सुसाइड भी कर सकता है। क्योंकि यह एक ऐसी ही चीज होती है। आमतौर पर इसके लिए डॉक्टर के पास जाना होता है। वैसे भी भारत के अंदर मनोचिकित्सक की संख्या बहुत ही कम है । और तनाव जैसी स्थिति के अंदर लोग डॉक्टर के पास जाना भी नहीं चाहते हैं।
अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण होने की वजह से यह काफी फायदेमंद होती है। और सबसे बड़ी बात तो यह होती है की इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
अनिद्रा की स्थिति के अंदर अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे
दोस्तों अनिद्रा की स्थिति के अंदर भी अश्वगंधा कैप्सूल काफी फायदेमंद होता है।अश्वगंधा के सेवन करने से आमतौर पर थकान दूर हो जाती है और बॉडी को रिलेक्स मिलता है और इससे नींद भी काफी अच्छी आती है। वैसे देखा जाए तो आजकल कम नींद आने की समस्या कई लोगों के अंदर देखने को मिलती है। खास कर कम उम्र के लोगों के अंदर भी कम नींद आने की समस्या काफी मौजूद है। और जब नींद कम आती है तो आपका सिर ही भारी नहीं होता है। इसके अलावा आपका पेट खराब भी रहने लग सकता है और इसके अलावा आंखे भी काफी प्रभावित होती है। वैसे तो नींद नहीं आने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा कारण यह होता है कि रूटीन का नहीं होना । आमतौर पर स्मार्टफोन का युग होने की वजह से हम रात को कभी भी समय पर नहीं सो पाते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर नींदा का जो पैटर्न होता है वह पूरी तरह से डगमगा जाता है और उसके बाद यदि हम कम सोना शूरू कर देते हैं तो फिर यह समस्या होने लग जाती है आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
यदि आपको भी नींद की समस्या है। मतलब की नींद कम आती है तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए समस्या अपने आप ही ठीक हो जाएगी । और यदि आपके पास अश्वगंधा कैप्सूल है तो
उसे लेकर ट्राई कर सकते हैं। हालांकि यह तुंरत ही असर नहीं करता है किसी नींद की गोली की तरह इसको असर होने मे काफी समय लगता है। लेकिन असर जरूरी ही करता है।
आंखों के लिए अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे
दोस्तों आंखों के लिए अश्वगंधा कैप्सूल काफी फायदेमंद होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । आजकल आप देख रहे हैं कि छोटे से छोटे बच्चे की आंखों कमजोर हो रही हैं और चश्मा लग रहा है। यदि हम अश्वगंधा कैप्सूल का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो इससे आंखों की रोशनी के अंदर सुधार होता है। और आंखों पर से चश्मा हट सकता है। दोस्तों आज के समय मे जो आंखे खराब होने का कारण होता है वह यह है कि हमारा खान पान ही सही नहीं है। जहरीला खानपान होने की वजह से समय से पहले अंधापन विकसित हो जाता है।
पुराने जमाने के अंदर लोग समय से पहले अंधे होते ही नहीं थे और ना ही उनको किसी भी तरह की चश्मा लगाने की कोई आवश्यकता महसूस होती थी। इसका कारण यह था कि वे पूरी तरह से देशी खाना खाते थे और वह उनके शरीर के लिए किसी भी तरह से हानिकारक नहीं था बल्कि फायदेमंद ही था।
यदि आज भी आप नैचुरल चीजों को खाते हैं तो आज भी आपकी आंखें पहले जैसी हो सकती हैं। और इसके अलावा आंखों पर प्रदूषण का भी काफी अधिक भयंकर प्रभाव पड़ता है। कारण यह है कि प्रदूषण की वजह से आंखों मे अनेक तरह के रोग हो जाते हैं।
इसके अलावा यदि आप लंबे समय से कम्प्यूटर मोबाइल और टीवी आदि पर बैठे रहते हैं तो उसके बाद समस्या हो सकती है। कारण यह है कि इसकी वजह से आंखों पर दबाव पढ़ता है और आंखे खराब हो सकती हैं। रात के अंधेरे मे कभी भी मोबाइल नहीं चलाना चाहिए ।
यदि आप रात के अंधेरे के अंदर मोबाइल चलाते हैं तो इसकी वजह से भी आंखे खराब हो सकती हैं। यदि किसी को यह लगता है कि उसकी आंखें खराब हो चुकी हैं या कम दिखाई दे रहा है तो उनको जल्दी से जल्दी डॉक्टर से चैक करवाना चाहिए । क्योंकि यदि आप समय पर चश्मा नहीं लगाते हैं तो उसके बाद आपकी आंखे और अधिक खराब हो जाती हैं और धीरे धीरे अंधापन भी हो सकता है। इसलिए समय पर चश्मा लगाना बेहद ही जरूरी होता है। आपको समझ लेना चाहिए ।
अश्वगंधा बालों के विकास मे उपयोगी होता है
दोस्तों आपको पता ही है कि इस जीवन के अंदर हमारी सुंदरता कितनी उपयोगी होती है। हर इंसान सुंदर दिखना चाहता है और एक तरह से सुंदर बाल भी खास कर महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने का काम करते हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं। अश्वगंधा बालों के लिए काफी फायदेमंद चीज होती है जिसका उपयोग आपको करना चाहिए । अश्वगंधा का उपयोग बालों के लिए किस तरह से करते हैं इसके बारे मे हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं।
आजकल बाल झड़ने की समस्या काफी आम होती है। और उम्र से पहले ही बाल सफेद होने लग जाते हैं। यदि आपको भी इस तरह की समस्या है तो उसका ईलाज अश्वगंधा की मदद से किया जा सकता है। यह एक तरह से काफी फायदेमंद होता है।
यदि आप अपने बालों को काला और घना करना चाहते हैं तो एक कप नारियल का तेल लें और उसके बाद उसे ओवन के अंदर पकाएं । कुछ समय तक जब वह पक जाता है तो उसके बाद उसके अंदर अश्वगंधा पाउडर डालदें । जोकि मार्केट के अंदर बहुत ही आसानी से मिल जाता है। उसके बाद कुछ समय गर्म करें। फिर इसको शीशी के अंदर भरकर रखलें।
और शैंपू का यूज करने से 30 मीनट पहले आपको इसका यूज करना चाहिए जोकि काफी फायदेमंद होगा । और उसके बाद आप अपने सिर को धो सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो इसको रात को सोने से पहले लगा सकते हैं। जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा ।
इसके अलावा दूसरा हेयर मास्क आप अपना सकते हैं। इसके अंदर आपको गिलोय की जरूरत होगी । और नारियल का तेल 3 चम्मच और अश्वगंधा पाउडर दो चम्मच लेना होगा । उसके बाद एक पेस्ट तैयार करें और उस पेस्ट को अपने बालों पर लगभग 30 मिनट तक लगाए रखें। यह रोजाना यदि आप करते हैं तो इससे बालों का गिरना कम हो जाएगा और उसके बाद आप गंजापन से तो बचेंगे ही इसके अलावा नए बाल उगने लग जाएंगे । इस तरह से यह काफी फायदेमंद होता है। कुल मिलाकर यह काफी अच्छा है।
मेलेनिन के उत्पादन मे अश्वगंधा सुधार करती है। यह एक ऐसा तत्व होता है जोकि बालों को प्राकृतिक रंग देने का काम करता है। इसका मतलब यह है कि आपके बाल नैचुरल रूप से कालें होते हैं जोकि आपके लिए अच्छी बात ही है।
इसके अलावा अश्वगंधा बालों के अंदर रक्त प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है जिससे कि नए बालों को पोषण मिलता है और इससे नए बाल तो उगते ही हैं। इसके अलावा बाल झड़ना भी कम हो जाते हैं।
और यह भी देखने को आया है कि यदि किसी के बाल सफेद हो रहे हैं। खास कर उम्र से पहले तो अश्वगंधा का उपयोग करना चाहिए । इससे बालों का सफेद होना कम हो जाता है और नए बाल उगते हैं। आमतौर पर इसके लिए अश्वगंधा का पेस्ट और उसको खाया भी जा सकता है। यह दोनों की तरीके काफी प्रभावी होते हैं।
पतंजलि अश्वगंधा चूर्ण के फायदे patanjali ashwagandha churna benefits in hindi झुर्रियों को कम करता है
दोस्तों पतंजलि अश्वगंधा चूर्ण के फायदे (patanjali ashwagandha churna benefits in hindi आमतौर पर झुर्रियों को कम करने का काम करता है। यह पूरी तरह से नैचुरली रूप से किया जाता है। जब इंसान की उम्र ढलने लग जाती है तो उसके शरीर की कोशिकाएं मरने लग जाती हैं और उसके बाद नीचे लटक जाती हैं। ऐसी स्थिति के अंदर चेहरा दिखने मे काफी खराब लगता है। और यदि आप एक एक्ट्रर हैं तो आपका सुंदर दिखना काफी मायेने रखता है।
इसलिए आपको अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करना चाहिए । यह काफी फायदेमंद होता है और आपकी झूर्रियों को कम करने का काम करता है। एक बार आप सेवन करके ट्राई कर सकते हैं। यदि यह आपके लिए काफी फायदेमंद लगता है तो इसका सेवन करना जारी रख सकते हैं नहीं तो कोई बात नहीं है।
वैसे आपने देखा होगा कि झूर्रियों को कम करने के लिए कई लोग अपने चेहरे की सर्जरी भी करवाते हैं लेकिन यह सब पैसे वालों का काम होता है। वे कई बार सर्जरी का सहारा लेते हैं लेकिन हम जैसे लोग सर्जरी भी नहीं करवा सकते हैं। लेकिन यदि नैचुरल तरीके से झुर्रियों को कम किया जा सकता है तो एक तरह से यह काफी फायदेमंद ही होगा । आप एक बार अश्वगंधा कैप्सूल का उपयोग करके देखें। अगर यह आपको फायदा देता है तो आप उपयोग करना जारी रख सकते हैं। लेकिन यदि फायदा नहीं देता है तो फिर उपयोग करना बंद कर सकते हैं।
हालांकि कुछ लोग झूर्रियों को कम दिखाने के लिए मैकअप का सहारा भी लेते हैं। यदि आप सही तरीके से मैकअप कर लेते हैं तो उसके बाद झुर्रियां आपके लिए परेशानी का सबब नहीं बनती हैं आप भी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
लेकिन यह एक तरह से समस्या का स्थाई समाधान नहीं होता है। मैकअप खराब होते ही सब कुछ वैसा का वैसा हो जाता है।
खांसी और जुकाम मे अश्वगंधा के फायदे
दोस्तों आजकल हर इंसान काफी कमजोर हो चुका है तो खांसी और जुकाम होना तो बहुत ही आम हो चुका है । इसके बारे मे आपको भी पता ही होगा ।
अश्वगंधा चूर्ण खांसी और जुकाम के अंदर भी काम करता है। इसके लिए आप इसको ले सकते हैं। इसकी तासीर गर्म होती है और इसके अंदर एंटि ऑक्सीडेंट के गुण पाये जाते हैं जोकि एक तरह से काफी फायदेमंद होते हैं। इस बात को आप भी अच्छी तरह से समझ सकते हैं।यदि आपको खांसी और जुकाम है तो इसका सेवन किस तरह से करना है। इसके बारे मे आप एक बार अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं और आपको डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । तभी यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो जाएगा ।
वैसे तो मार्केट के अंदर खांसी जुकाम की बहुत सारी दवाएं मौजूद हैं लेकिन आपको जहां तक हो सकते इस तरह की दवाओं का सेवन करना चाहिए जोकि आपके शरीर के लिए किसी भी तरह से नुकसान नहीं करती हों। इस तरह की दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए जो नुकसान करती हो ।
गले मे इन्फेक्सन को दूर करने के लिए अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे
दोस्तों गले के अंदर जब इन्फेक्सन हो जाता है तो इसकी वजह से कई सारी समस्याएं होने लग जाती हैं। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यदि हम गले के अंदर इन्फेक्सन के लक्षणों की बात करें तो आमतौर पर बार बार खांसी आना और गले के अंदर खुजली जैसा महससू होना गले मे इन्फेक्सन के लक्षण हो सकते हैं। आपको चाहिए कि आप एक बार दवा का सेवन करें। और यदि आपको दवा असर नहीं करते हैं तो फिर दूसरे किसी डॉक्टर के पास जाना चाहिए । और डॉक्टर जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना चाहिए । यही आपके लिए जरूरी होगा ।
मांसपेसियों व हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है अश्वगंधा कैप्सूल
दोस्तों अश्वगंधा कैप्सूल मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसका मतलब यह होता है। कि यह खास कर उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जोकि बॉडी बिल्डर होते हैं। क्योंकि यह मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है। फिर भी ऐसा नहीं है कि मांसपेशियां मजबूती हर किसी को नहीं चाहिए होती है। यदि आपकी भी मांसपेशियां काफी अच्छी स्थिति के अंदर होगी तो उसके बाद आपके लिए एक तरह से काफी फायदेमंद चीजें होंगे । जैसे कि आप किसी भी काम को बेहतर ढंग से कर पाएंगे और जल्दी थकान भी नहीं होंगी ।
इसके अलावा हड्डियों के लिए भी अश्वगंधा कैप्सूल काफी फायदेमंद होता है। इसका मतलब यह है कि हड्डियों को यह मजबूत बनाता है। इसके अंदर कुछ खास प्रकार के गुण होते हैं जोकि हडियों के फैक्चर होने की संभावना को काफी कम कर देता है। एक तरह से यह आपके लिए काफी अच्छी बात ही है।
आमतौर पर जब मांसपेशियां काफी अधिक पॉवरफुल हो जाती हैं तो उसके बाद यह थकान को दूर कर सकती हैं और एक तरह से यह काफी फायदेमंद होता है। आपको बेहतर नींद लेने मे भी काफी मदद करती हैं। इस तरह से अश्वगंधा कैप्सूल काफी फायदेमंद होता है।
यदि आपको अपनी फिटनेस पर खासतौर पर ध्यान देना पड़ता है तो फिर आपको अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करना चाहिए । यह आपकी फिटनेस को काफी बेहतर करने का काम करता है। आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे वजन को बढ़ाएं
दोस्तों अश्वगंधा कैप्सूल वजन को बढ़ाने का काम करता है। इसका मतलब यह है कि यदि आप काफी दुबले पतले हैं तो फिर आपको अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करना चाहिए यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । कुछ लोग अपने वजन को बढ़ाने के लिए अनेक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। और यदि आप भी काफी तरीके आजमा चुके हैं और आपका वजन नहीं बढ़ रहा है तो एक बार अश्वगंधा कैप्सूल को लेकर आपको ट्राई करना चाहिए । यह एक तरह से आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
हालांकि मार्केट के अंदर और भी कई सारे तरीके हैं जिसकी मदद से आप अपना वजन बढ़ सकते हैं। लेकिन नैचुरल तरीका सबसे बेस्ट होता है। जैसे कि आप अपने खान पान के अंदर सुधार करके अपना वजन को बढ़ा सकते हैं। जोकि आपके लिए किसी भी तरह का दुष्प्रभाव लेकर नहीं आएगा । आप भी इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं।
अश्वगंधा के उपयोग से आमतौर पर पाचन तंत्र दुरस्त होता है। और भोजन ठीक से पचता है जिसकी वजह से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं जोकि वजन को बढ़ाने मे काफी फायदेमंद होता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
दिमाग के लिए फायदेमंद होता है अश्वगंधा कैप्सूल
दोस्तों अश्वगंधा कैप्सूल दिमाग के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसका मतलब यह है कि इसका सेवन करने से यह दिमाग के अंदर बेहतर तरीके से खून की सप्लाई करता है एक तरह से यह दिमाग को शांत रखने का काम करती हैं। और आपके लिए फायदेमंद चीजें होती हैं।
वैसे भी आपको बतादें कि दिमाग का शांत होना बहुत ही जरूरी होता है। कारण यह है कि यदि दिमाग शांत नहीं होगा तो फिर समस्याएं ही समस्याएं होंगी। इसके अंदर जो सबसे पहली समस्या यह है कि आप किसी भी काम को कभी भी बेहतर ढंग से नही कर पाएंगे ।
जब आपका दिमाग शांत होता है तो उसके बाद आप बेहतर नींद ले सकते हैं। आमतौर पर जब दिमाग के अंदर तेजी से विचार चल रहे होते हैं तो फिर हम किसी काम को ठीक से नहीं कर पाते हैं और चैन से सो भी नहीं पाते हैं आप भी इस बात को अच्छी तरह से जानते ही हैं। इसलिए दिमाग का शांत होना जरूरी होता है।
मधुमेह के लिए पतंजलि अश्वगंधा के फायदे
रक्त शर्करा का स्तर सामान्य स्तर से आगे बढ़ जाता है जिससे कई गंभीर समस्याएं होती हैं। रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन इंसुलिन कहा जाता है।
और जब शरीर के अंदर रक्त शर्करा का स्तर अधिक हो जाता है तो इसके कई लक्षण सामने आने लग जाते हैं और यदि समय पर मधुमेह का ईलाज नहीं किया जाता है तो फिर यह कई समस्यओं का कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से समझ सकते हैं। प्यास, बार-बार पेशाब, भूख, थकान और धुंधला दृष्टि आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको भी यह लक्षण बार बार प्रकट हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए । वह जो निर्देश आपको देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
यदि किसी को मधुमेह की समस्या है तो फिर आपको चाहिए कि आप अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करें। यह आमतौर पर मधुमेह को समाप्त तो नहीं करता है लेकिन यह उसके प्रभाव को कम कर सकता है। लेकिन यदि आपको मधुमेह का ईलाज करना है तो उसके खानपान पर भी ध्यान देना होगा तभी यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा ।
मधुमेह आमतौर पर कई प्रकार का होता है।टाइप 1 मधुमेह ( Type 1 Diabetes in Hindi ) यदि किसी को है तो इसका मतलब यह है कि आपके शरीर इंसूलीन नहीं बनाता है और आमतौर पर यह आपके लिए एक तरह की समस्या है।
टाइप 1 मधुमेह बच्चों और किसी के अंदर भी दिखाई दे सकता है। यह आमतौर पर कभी भी हो सकता है।
टाइप 2 मधुमेह ( Type 2 Diabetes in Hindi ) आमतौर पर तब होता है जब आपका शरीर इंसूलीन को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। आपको बतादें कि यह जो मधुमेह है वह बचपन मे या किसी भी समय विकसित हो सकता है वृद्ध लोगों को भी यह समस्या काफी अधिक देखने को मिल सकती है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने में सहायक होता है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन आमतौर पर पुरूषों के लिए काफी अधिक महत्व का होता है। यह हार्मोन आमतौर पर नर की से x लाइफ को बेहतर करने का काम करता है।इसके लिए आपको करना यह होता है कि रात को सोने से पहले इस दवा को लें । इससे आपको काफी फायदा होगा ।इसके अलावा आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श भी कर सकते हैं। और डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसके बारे मे जानना चाहिए । इस तरह से आप कुछ कर सकते हैं। जिससे कि आपकी समस्या हल हो जाए।
गलगंड के अंदर अश्वगंधा के फायदे
गलगंड एक प्रकार का रोग होता है।गलगंड रोग के अंदर थायराइड ग्रंथि का आकर बढ़ जाता है। और यह एक प्रकार की तितली के आकार की ग्रंथि होती है।इस रोग की वजह से गले के अंदर सूजन आ जाती है। और गले के अंदर गांठ भी बन जाती है।और समय के साथ यदि इसका उपचार नहीं करवाया गया तो उसके बाद यह समस्या और अधिक गम्भीर रूप धारण कर सकती है। आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए ।यदि किसी को गलगंड रोग की समस्या है तो अश्वगंधा चूर्ण और गुड की गोली बनाएं और इसका सेवन करें। इसके अलावा अश्वगंधा के पत्तों का लेप करें। जिससे कि सूजन कम हो जाता है।
घेंघा रोग के कुछ लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप इसको आसानी से पहचान सकते हैं।
- निगलने में कठिनाई होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- गला बैठना
- खांसी होना
थायराइड ग्रंथि एक प्रकार का हार्मोन बनाती है और यदि यह कम या अधिक हार्मोन को बनाती है तो दोनो ही स्थितियों के अंदर यह रोग हो जाता है। गलगंड के प्रकार की बात करें तो यह आमतौर पर दो प्रकार का होता है। पहले प्रकार को डिफ्यूस स्मॉल गोइटर के नाम से जाना जाता है जिसके अंदर पूरी ग्रंथि का ही आकार बढ़ जाता है तो दूसरा जो प्रकार होता है उसके अंदर आधी ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।यदि आपको घेंघा रोग की वजह से सांस लेने मे तकलीफ हो रही है यादाश्त खोना मांसपेशियों के अंदर ऐंठन जैसी समस्याएं हो रही हैं तो फिर आपको जल्दी से जल्दी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
यदि हम घेंघा रोग के प्रमुख करणों की बात करें तो इसका सबसे बड़ा करण होता है कि आप आयोडीन का कम मात्रा मे सेवन करते हैं जिससे कि यह समस्या पैदा हो जाती है। इसलिए आपको चाहिए कि आप आयोडीन को अच्छी मात्रा मे सेवन करें। थाइराइड ग्रंथि के लिए आयोडीन का सेवन करना काफी जरूरी हो जाता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। हालांकि आजकल आयोडीन युक्त नमक ही आता है। और वह शहरों के अंदर बहुत ही आसानी से उपलब्ध है। आप उसके खरीदकर लेकर आ सकते हैं। आसानी से मिल भी जाता है।
इसलिए आयोडीन का सेवन करना उतना अधिक मुश्किल नहीं है। हालांकि घेंघा रोग के और भी कारण हो सकते हैं। जैसे कि कई बार थायराइड ग्रंथि अधिक हार्मोन को बनाने लग जाती है जिसकी वजह से घेंघा रोग हो जाता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
ग्रेव्स रोग रोग के अंदर आपकी ही प्रतिरक्षा प्रणाली आपकी थायराइड ग्रंथि को नुकसान पहुंचाने लग जाती है जिससे कि यह समस्या विकसित हो जाती है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
टीबी रोग में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे
दोस्तों टीबी का नाम तो आपने भी सुना ही होगा ।माइकोबैक्टीरियम तपेदिक की मदद से यह होता है। वैसे यदि इसका समय पर उपचार नहीं करवाया जाता है तो फिर यह एक तरह से काफी घातक रूप ले सकता है। इसलिए इसका समय पर उपचार करवाना जरूरी हो जाता है। यह एक तरह से संक्रामक रोग होता है जो कि टीबी से ग्रस्ति रोगी के छिंकने या फिर खांसने की वजह से फैलता है।वैसे तो यह शरीर के किसी भी हिस्से पर यह हमला कर सकता है। लेकिन यह जो आमतौर पर सबसे अधिक प्रभावित करता है वह फेफड़े होते हैं। यदि रोगी को बिना उपचार किये छोड़ दिया जाता है तो 50 फीसदी रोगियों की मौत हो जाती है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। जोकि कुल मिलाकर बुरी बात है।
टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 24 मार्च का दिन विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है। और यदि हम टीबी के लक्षणों की बात करें तो यह कई सारे लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यदि आपको लंबे समय तक खांसी आती है तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा रात मे पसीना आना , बलगम मे खून आना , वजन कम होना आदि टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप समय पर इसका उपचार करवाते हैं तो यह ठीक हो सकती है। लेकिन यदि आप समय पर उपचार नहीं करवाते हैं तो उसके बाद इसके ठीक होने के चांस काफी कम हो जाते हैं।
वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत में वर्ष 2019 में लगभग 24.04 लाख टीबी रोगी थे।और भारत सरकार ने सन 2025 तक टीबी को देश से खत्म करने का प्लान रखा है। हालांकि इसके अंदर कितनी अधिक सफलता मिलती है इसका तो पता नहीं है। लेकिन टीबी को खत्म करने की दिशा के अंदर काफी अधिक प्रयास किये जा रहे हैं।
अश्वगंधा चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को असगंधा के ही 20 मिलीग्राम काढ़े के साथ सेवन करें। ऐसा करने से काफी फायदा होता है। हालांकि यदि किसी को टीबी है तो आयुर्वेदिक डॉक्टर के पास आपको जाना चाहिए और जो डॉक्टर आपको निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए जरूरी है। और दवाएं समय पर लेना बहुत ही जरूरी होता है। यदि आप समय पर दवाएं नहीं लेते हैं तो फिर यह रोग काफी भयंकर रूप धारण कर लेता है। अधिकतर लोग क्या करते हैं कि वे कुछ समय दवा लेने के बाद उस दवा को छोड़ देते हैं जब वे ठीक महसूस करते हैं लेकिन इस स्थिति के अंदर टीबी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ होता है।
और कुछ समय बाद वह फिर अपना असर दिखाना शूरू कर देता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
छाती के दर्द में अश्वगंधा के लाभ
दोस्तों छाती के अंदर किसी तरह का सामान्य दर्द है तो उसके अंदर अश्वगंधा काफी फायदेमंद होता है। वैसे तो छाती के अंदर दर्द कई वजहों से हो सकता है। कई बार यह हार्ट अटैक का भी संकेत हो सकता है। लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि आपको यह दर्द सामान्य है तो अश्वगंधा चूर्ण आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। आप इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा का जल के साथ सेवन करें । ऐसा करने से छाती के अंदर जो दर्द होता है वह अपने आप ही दूर हो जाता है। इस तरह से आप इस दर्द से छूटकारा पा सकते हैं।
लेकिन यदि आपको छाती का दर्द किसी भी तरह के घरेलू उपचार से ठीक नहीं हो रहा है तो उसके बाद आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और वह जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए । क्योंकि कभी कभी छाती का दर्द किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।
अश्वगंधा के फायदे चोट लगने पर
दोस्तों चोट लगना एक प्रकार की आम समस्या होती है। और चोट हर किसी को लग सकती है। कई बार हमारी गलती से चोट लग जाती है। और चोट लगने के बाद काफी अधिक दर्द महसूस होता है। ऐसी स्थिति के अंदर अश्वगंधा चूर्ण काफी फायदेमंद होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । इसके लिए आपको करना यह होता है कि अश्वगंधा पाउडर के अंदर दूध और घी को मिला लेना होता है और फिर गुड़ के साथ इसको रोजाना सेवन करना होता है। इस वजह से आपको चोट वाले स्थान पर दर्द कम होता है। मतलब यही है कि दर्द को कम करने का यह एक देशी तरीका है। जिसका उपयोग आप कर सकते हैं।
प्राचीन काल के अंदर आज की तरह दर्द की दवाएं नहीं थी यदि किसी को भारी चोट लग जाती थी तो इसी प्रकार के नुस्खें का इस्तेमाल किया जाता था। और वास्तव मे यह तेजी से तो काम नहीं करता था लेकिन काम जब करता था तो इसका प्रभाव भी काफी अच्छा होता था।
अश्वगंधा गठिया के इलाज के लिए फायदेमंद
गठिया एक प्रकार का रोग होता है। गठिया कि यदि हम बात करें तो यह एक तरह से जोड़ों की सूजन होती है। और यह कई प्रकार का होता है। इसकी वजह से जोड़ों के अंदर सूजन होती है। और उनके अंदर दर्द होता है। गठिया अधिक उम्र वाले व्यक्तियों मे पाया जाता है। बच्चों के अंदर यह रोग शायद ही कभी होता है।
और मोटापे की वजह से भी गठिया होने के चांस बढ़ जाते हैं। यदि आप अधिक मोटापे के शिकार हैं तो फिर आपको गठिया होने की समस्या हो सकती है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आपको अपना वजन कम करने के बारे मे अच्छी तरह से विचार कर लेना चाहिए ।
यदि हम गठिया के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। लेकिन यह आम जोड़ों के दर्द से सदैव ही अलग होता है। कारण यह है कि आम जोड़ों के दर्द के अंदर आपको किसी भी तरह की सूजन महसूस नहीं होती है। लेकिन गठिया के अंदर जोड़ों मे दर्द तो होता ही है। इसके अलावा सूजन भी होता है।
इसकी वजह से काफी अधिक थकान हो सकता है। और भूख कम लग सकता है और एनीमिया की समस्याएं भी हो सकती हैं। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
ऑस्टियोआर्थराइटिस भी एक प्रकार का गठिया होता है जिसके अंदर जोड़ों को कवर करने वाला कार्टिलेज नीचे जो जाता है जिससे कि दर्द होता है और सूजन हो सकता है। इस समस्या से छूटकारा पाने का तरीका है कि आपको ईलाज करवाने की जरूरत है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस जो होता है वह एक प्रकार की ओटो इम्यून की बीमारी होती है।इसकी वजह से जोड़ों के उत्तकों के आस पास सूजन हो सकता है। इसके अलावा यह अन्य अंगों के अंदर सूजन का कारण भी बन सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस आमतौर पर बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। पुरानी, गैर संक्रामक, सूजन और ऑटोइम्यून संयुक्त बीमारी है।
2 ग्राम अश्वगंधा पाउडर को सुबह और शाम गर्म दूध या पानी या फिर गाय के घी के साथ रोजाना सेवन करें। इससे आपको काफी लाभ पहुंचेगा । इसके अलावा यदि आप गठिया के रोग से छूटकारा पाना चाहते हैं तो फिर आपको आयुर्वेदिक डॉक्टर से भी संपर्क करना होगा जो आपके इस रोग को ठीक कर सकता है। लेकिन इसकी दवाएं काफी लंबी चल सकती हैं। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
इंद्रिय दुर्बलता या यौन क्षमता को बढ़ाने का काम करता है अश्वगंधा कैप्सूल
दोस्तों यदि हम अश्वगंधा कैप्सूल की बात करें तो यह आपकी यौन क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। कई पुरूष इस प्रकार की समस्या से पीड़ित हैं जिनकी यौन क्षमता काफी कमजोर हो गई होती है। इस समस्या से नीजात पाने के लिए आप अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं जोकि आपकी कई तरह की यौन समस्यओं को बहुत ही आसानी से हल कर सकता है। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
इसके लिए आप अश्वगंधा पाउडर या चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप उसे खांड के अंदर मिलाकर रख सकते हैं और उसके बाद रोजाना गाय के दूध के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। जिससे कि आपको काफी फायदा मिलेगा ।
आप इसको भोजन करने से 3 घंटे पहले सेवन कर सकते हैं जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
ल्यूकोरिया के इलाज में अश्वगंधा से फायदा
ल्यूकोरिया के अंदर भी अश्वगंधा काफी फायदेमंद होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना चाहिए । यदि किसी को ल्यूकोरिया की समस्या है तो 2-4 ग्राम असगंधा की जड़ के चूर्ण को मिश्री के अंदर मिलाएं और गाय के दूध के साथ सुबह और शाम को सेवन करना चाहिए । जिससे कि काफी फायदा होगा ।
ल्यूकोरिया एक फीमेल के अंदर होने वाली बीमारी होती है। जिसके अंदर की महिला के अंग के अंदर सफेद रंग का बदबूदार पदार्थ निकलता है। यह आमतौर पर एक आम बीमारी होती है जोकि कई महिलाओं के अंदर होती है। और यह कई बार किसी गर्भाश्य से जुड़ी बड़ी बीमारी का भी संकेत हो सकता है।
वेजाइना से चिपचिपा, दुर्गंधयुक्त, गाढ़ा पानी निकलता है. आयुर्वेद में ल्यूकोरिया को श्वेत प्रदर या वाइट डिस्चार्ज कहते हैं। आमतौर पर यह अपने आप मे खुद रोग नहीं होता वरन किसी समस्या का संकेत होता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
अस्वस्थ आहार, अधिक नमकीन, खट्टे, चटपटे, प्रदाही, चिकने तथा मांस-मदिरा आदि का सेवन करती हैं इसकी वजह से भी यह रोग होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं । इसके अलावा असुरक्षित संबंध या फिर pubilc टायलेट का इस्तेमाल करने की वजह से भी यह रोग हो सकता है।
ल्यूकोरिया के कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप इसको बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं और इस समस्या से छूटकारा पा सकते हैं। यदि किसी को यह समस्या है तो फिर उसे अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
- योनिमार्ग में तेज खुजली होना
- कमजोरी महसूस होना एवं चक्कर आना
- कमर में दर्द बना रहना
- बार बार पेशाब आना
- भूख ना लगना ।
- आखों के नीचे काले घेरों का पड़ना
- थोड़ा-सा मेहनत करने पर भी थक जाना
- आंखों के सामने अंधेरा आना
ल्यूकोरिया के यदि हम कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप उन कारणों पर ध्यान देते हैं तो फिर आप इसकी समस्या का काफी आसानी से उपचार कर सकते हैं।
पीरियड्स आने के बाद यदि थोड़ी मात्रा के अंदर सफेद पानी निकलता है तो यह एक तरह से बहुत ही सामान्य बात होती है। लेकिन यदि यह अधिक मात्रा के अंदर पानी निकल रहा है तो फिर यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
- महिलाओं में यह पोषण की कमी, वेजाइना के साफ-सुथरा न रहने से, खून की कमी और तला हुए तेज मसालेदार भोजन करने से होता है
- और अधिक तनाव और मेहनत की वजह से भी यह हो सकता है।
- इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से भी यह समस्या हो सकती है।
- यदि आपको इस रोग के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका आपको पालन करना जरूरी हो जाता है।
अश्वगंधा के नुकसान
जैसा कि आपको पता ही होगा कि हर चीज के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। आमतौर पर फायदे और नुकसानों के बारे मे आपको अच्छी तरह से जानने के बाद ही चीजों को प्रयोग करना चाहिए । और वैसे भी फायदे तो जानने होते ही हैं। इसके अलावा नुकसान के बारे मे भी पता होना चाहिए ।
- यदि आपको नींद नहीं आने की समस्या है तो आपको रात के अंदर अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए । यह नींद की समस्या को पैदा कर सकता है। एक बार ट्राई कर सकते हैं। यदि आपको अच्छा महसूस नहीं होता है तो उसके बाद अश्वगंधा का सेवन आपको नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह आपके लिए सही नहीं होगा ।
- गर्भवस्था के अंदर यदि कोई महिला है तो उसे अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह ब्लीडींग और सिरदर्द की समस्या को बढ़ा सकता है। और यदि इसको लेती भी हैं तो उसके बाद एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए और उसके बाद ही इसका सेवन करना चाहिए यही आपके लिए काफी अधिक बेहतर होगा ।
- थाइरॉयड की समस्या यदि किसी को है तो उसे अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह थाइरायड हार्मोन को बढ़ा सकता है। इसलिए समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए अश्वगंधा लेने से आपको बचना होगा ।
- आपको पता ही है कि अश्वगंधा की जो तासीर होती है वह गर्म होती है। और यदि कोई इसका सेवन करता है तो यह शरीर का तापमान को बढ़ा देता है जिससे कि बुखार और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यदि अश्वगंधा का सेवन भी करते हैं तो फिर सर्दी के अंदर इसका सेवन करना ठीक रहता है।
- यदि आप अश्वगंधा का अधिक इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपके पेट के अंदर दर्द, दस्त, उल्टियां, पेट गैस जैसी समस्यां हो सकती हैं इसलिए अश्वगंधा का इस्तेमाल सीमित मात्रा के अंदर किया जाना काफी जरूरी हो जाता है।
- डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको अश्वगंधा के सेवन करने से बचना होगा । और यदि आप पहले से किसी तरह की डायबिटीज की दवाएं ले रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप अश्वगंधा के सेवन करने से बचे और एक बार अपने डॉक्टर से बात करें आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए जरूरी भी होगा और आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
- यदि किसी की बीपी पहले से कम होती है और वह बीपी को सही करने की दवाएं ले रहा है तो उसको चाहिए कि अश्वगंधा का सेवन ना करें। क्योंकि इसका सेवन करने से पहले ही बीपी कम है और वह और अधिक कम हो सकती है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से जान लेने के बाद ही अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए ।
patanjali ashwagandha capsule को क्या गर्भवति महिलाएं ले सकती हैं ?
दोस्तों यदि गर्भवति महिलाएं इसका सेवन करती हैं तो उनको इसका सेवन पूरी तरह से सावधानी से करना जरूरी हो जाता है। इसका कारण यह है कि यह उनको नुकसान कर सकता है। और उनको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और जो डॉक्टर निर्देश देते हैं उनका पालन करना चाहिए । यह जरूरी हो जाता है। जैसा कि हमने आपको बताया कि गर्भवति महिलाओं के लिए यह नुकसान करने का काम करता है।
patanjali ashwagandha capsule क्या स्तनपान करने वाली महिलाएं कर सकती हैं
हां स्तन पान करने वाली महिलाएं इसका सेवन कर सकती हैं। उनको उपर इसका किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं है। लेकिन आपको यह बतादें कि इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क करें । और आपको जो डॉक्टर निर्देश देता है। उसका पालन करना जरूरी है। यदि आप पालन नहीं करते हैं तो फिर कोई भी फायदा नहीं होगा और हो सकता है कि आपको इसका नुकसान हो जाए । तो अपने पास के आयुर्वेदिक डॉक्टर के पास जाएं और उससे इसके बारे मे आपको पूछना होगा ।
patanjali ashwagandha capsule के सेवन करने से गुर्दे पर क्या प्रभाव पड़ सकता है
दोस्तों यदि आप patanjali ashwagandha capsule का सेवन करते हैं तो आपको गुर्दे पर किसी भी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। कारण यह है कि यह आपके गुर्दे के लिए अच्छा होता है। लेकिन यदि आप गुर्दे से जुड़े किसी रोग से पिड़ित हैं तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यदि आप डॉक्टर के निर्देश का पालन नहीं करते हैं तो फिर आपको नुकसान हो सकता है।
patanjali ashwagandha capsule जिगर को किस तरह से नुकसान पहुंचाता है ?
patanjali ashwagandha capsule का सेवन करने से जिगर को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है। लेकिन यदि आप पहले से ही किसी तरह की जिगर की बीमारी से पिड़ित हैं तो आपको चाहिए कि आप दवा का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए। यही आपके लिए सही होगा और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ भी सकते हैं।
patanjali ashwagandha capsule हर्ट पर किस तरह का प्रभाव डालता है
दोस्तों यदि आप patanjali ashwagandha capsule का सेवन कर रहे हैं तो यह हर्ट पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं डालता है। यह आपके हर्ट के लिए बुरा नहीं है। लेकिन यदि आपने हाल ही मे हर्ट की सर्जरी करवाई है या फिर हर्ट से जुड़ी आप किसी तरह की दवाएं ले रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही भी होगा ।
patanjali ashwagandha capsule के सेवन करने से क्या लत लग सकती है?
patanjali ashwagandha capsule कोई शराब नहीं है। इसके सेवन करने से किसी भी तरह की लत नहीं लगती है। यह आमतौर पर एक दवा होती है। जिसको आप आसानी से छोड़ सकते हैं। हालांकि आप इसके बारे मे एक बार अपने डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं और और आपको जो आपका डॉक्टर परामर्श देता है उसका पालन करना जरूरी हो जाता है।
patanjali ashwagandha capsule लेने के बाद क्या मशीन या गाड़ी चला सकते हैं
patanjali ashwagandha capsule आपके दिमाग को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करता है। उल्टा यह आपके दिमाग को फ्रेस करने का काम करता है तो इसका सेवन करने के बाद आप आसानी से गाड़ी चला सकते हैं। लेकिन इसको लेने के कुछ समय तक आपको इसके प्रभाव को अच्छी तरह से देखना होगा । उसके बाद आप गाड़ी या फिर भारी मशीनरी चला सकते हैं। यह किसी भी तरह से नुकसान नहीं करता है। आपको यह भी अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
लेकिन यदि इसका सेवन करने के बाद आपको किसी भी तरह की उल्टी हो रही है या फिर किसी तरह का नुकसान हो रहा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
patanjali ashwagandha capsule क्या दिमागी विकारों के अंदर मदद करता है ?
वैसे यह किसी खास दिमागी रोगों के लिए नहीं होता है लेकिन यह आपके दिमाग के अंदर खून के बहाव को सही करता है जिससे कि दिमाग को रिलेक्स करता है। और तनाव जैसी यदि आपको दिमागी समस्या है तो उसके अंदर भी यह आपकी मदद कर सकता है। उपर इसके बारे मे दिखाया गया है कि यह किस तरह से दिमागी विकारों के अंदर मदद करने का काम करता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
patanjali ashwagandha capsule को बिना डॉक्टर की अनुमति के ले सकते हैं
patanjali ashwagandha capsule को आप बिना डॉक्टर की अनुमति के ले तो सकते हैं। लेकिन आपको चाहिए कि एक बार अपने डॉक्टर से जरूरी ही परामर्श करें और वह जो निर्देश देता है। उसका आपको पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही भी होगा और अच्छा भी होगा । आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना होगा ।
patanjali ashwagandha capsule को हम कहां से खरीद सकते हैं ?
दोस्तों patanjali ashwagandha capsule को हम बहुत ही आसानी से खरीद सकते हैं। यह आम मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलता है। आपको यदि इसको खरीदना है तो आपको किसी पतंजली स्टोर पर जाना होगा और वहां से आप इसको खरीद सकते हैं। यदि आपको यह वहां पर भी नहीं मिलता है तो फिर आप इसको किसी भी ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। वहां पर यह आपको बहुत ही आसानी से मिल जाता है। हालांकि वहां पर आपके घर तक आने मे आपका काफी पैसा खर्च हो सकता है। इसलिए आपको हो सके जहां तक अपने पास के पतंजली स्टोर से ही खरीदना होगा ।
patanjali ashwagandha capsule लेने के बाद क्या शराब पी सकते हैं?
patanjali ashwagandha capsule का यदि आप सेवन कर रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप इसको लेने के 4 घंटे बाद शराब नहीं पीने चाहिए । आप यदि शराब पीते हैं तो इससे आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप शराब ना पीयें। यदि आप शराब पीना बंद नहीं कर सकते हैं तो उसके लिने के 4 घंटे बाद ही पीयें। और आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । और उसके हिसाब से ही आपको काम करना चाहिए ताकि आपको किसी भी तरह का नुकसान ना हो ।
patanjali ashwagandha capsule का सेवन कितनी मात्रा के अंदर करना चाहिए ?
दोस्तों यदि आप patanjali ashwagandha capsule का सेवन कर रहे हैं तो इसको कितनी मात्रा के अंदर करना है। इसका पता आपको करने के लिए उस कैप्सूल के पाउच पर देखें वहां पर लिखा होता है। इसके अलावा आप इंटरनेट पर देख सकते हैं। और अपने डॉक्टर से भी आप परामर्श कर सकते हैं। आपके डॉक्टर आपको सही तरीके से बतादेंगे कि आपको इसका सेवन कितनी मात्रा के अंदर करना होगा ? ताकि सब कुछ ठीक हो जाए ।
patanjali ashwagandha capsule को हम कहां पर स्टोर कर सकते हैं ?
दोस्तों patanjali ashwagandha capsule को ठीक से स्टोर करना काफी जरूरी हो जाता है। यदि आप इसको ठीक से स्टोर नहीं करते हैं तो उसके बाद यह खराब हो सकता है। आपको इसके बारे मे भी पता होना जरूरी है। सबसे पहले तो आपको इस कैप्सूल को तेज धूप से बचाना भी जरूरी हो जाता है। क्योंकि इससे यह खराब हो सकता है। और दूसरा आपको यह करना होगा कि आप इस कैप्सूल को भूलकर भी फ्रीज के अंदर ना रखें यदि आप इसको फ्रीज के अंदर रखते हैं तो इससे भी यह खराब हो सकता है।
और बच्चों से इसको दूर रखना तो बहुत ही जरूरी हो ता है। क्योंकि बच्चे इसको निगल सकते हैं जिससे कि बड़ी समस्या हो सकती है। इसके बारे मे भी आपको अच्छे से पता होना काफी जरूरी हो जाता है।
patanjali ashwagandha capsule को खाना खाने के बाद ले या पहले ?
patanjali ashwagandha capsule को लेने के बारे मे आपको ठीक से पता कर लेना चाहिए । वैसे तो इसको खाना खाने के बाद ही लेना जरूरी हो जाता है। और दूसरा आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना भी काफी अधिक जरूरी होता है।
patanjali ashwagandha capsule लेने के बाद क्या क्या नुकसान हो सकते हैं ?
patanjali ashwagandha capsule के नुकसान के बारे मे हम आपको उपर बता चुके हैं। आप उपर देखकर यह पता लगा सकते हैं कि इसके सेवन करने से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं। हालांकि नुकसान गम्भीर नहीं होते हैं और कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन यदि यह अपने आप ही ठीक नहीं होते हैं तो
उसके बाद आपको अपने डॉक्टर से इसके बारे मे परामर्श करना चाहिए यह काफी जरूरी हो जाता है।
patanjali ashwagandha capsule क्या बच्चों को दिया जा सकता है ?
patanjali ashwagandha capsule के बारे मे हमे इस तरह की जानकारी नहीं है। यदि आप अपने बच्चों को यह कैप्सूल दे रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें। आपको डॉक्टर ही यह बताएंगे कि इस कैप्सूल को बच्चों को दिया जा सकता है या फिर नहीं दिया जा सकता है।
patanjali ashwagandha capsule के अधिक डोज का सेवन करने से क्या होगा ?
यदि आप इसके अधिक डोज का सेवन कर लेते हैं तो जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर जो निर्देश आपको देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए जरूरी होगा । और यदि आपको किसी तरह का साइड इफेक्ट यदि नजर आ रहा है तो उसके बाद जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास जाएं ।
यही आपके लिए सबसे जरूरी चीजों मे से एक होगा । आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
patanjali ashwagandha capsule यदि एक्सपायरी हो जाता है तो क्या करें ?
दोस्तों patanjali ashwagandha capsule यदि एक्सपायरी हो जाता है तो आपको चाहिए कि आप इसके बारे मे ज्यादा ना सोचें और इसको अपने घर से बाहर फेंक दें। क्योंकि यह आपके लिए सही नहीं होगा । यदि आप इसका सेवन कर लेते हैं तो उसके बाद आपको काफी भयंकर नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना जरूरी हो जाता है।
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