phobia ke bare me hum pahle he jikar kr chuke hai phobiaek type ka dar hai. joki demag ke andar baith jaata hai .ye dar kisi vastu ya sthan ke liye hota hai aaj hum bhobia ke ilaj par baat krege
jab kisi ko bhobia ho jaata hai to wo us vastu ya sthan se bhaut darne lag jaata hai .yadi phobia ka sahi time par koi upchar nhi kiya gayato rogi ko bhaut pareshani hoti hai. vyakti dainik jeevan ke kariye ko sahi dhang se nhi kar pata hai
phobiaके उचार तीन तरीको से किया जा सकता है। वैसे और भी phobia के उपचारकि विधियां हैं किंतु वो अधिक प्रभावी नहीं हैं।
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दवाओं प्रयोग से
मार्कटके अंदर कुछ दवाएं भी उपलब्ध हैं जोकि phobia के उपचार के अंदर मदद करती हैं। इन दवाओं का प्रयोग किसी डाक्टर की देखरेख मे ही किया जाना चाहिये । इनके side effect भी होते हैं। और सबसे खास बात यह कि इनको लेते रहने तक तो रोगी ठीक रहता है किंतु बाद मे वह वापस वैसा ही हो जाता है। phobia के उपचार मे प्रयोग की जाने वाली दवाएं निम्न हैं। propanediols ,benzodiazepines
Behavioral treatment
इसविधि से 90 % Phobia के रोगियोंको फायदा पहुंचा है। यह बहुत ही आसान विधि है। इसके अंदर रोगी को जिस चीज से phobia होता है। उसी के सामने ले जाया जाता है। जैसे किसी को सांप से phobia है तोपहले डाक्टर सांप को अपने गले हाथ आदि मे लेता है और फिर धीरे धीरे रोगी को ऐसा करने को प्रेरित करता है। यह phobia के उपचार की बेस्ट विधि है। और इसका फायदा भी अधिक होता है। इसका कोई भी side effect नहींहै।
जैसे किसी कोमकड़े से phobia हो गया तो मकड़े को रोगी के सामने लाया जाता है। पहली दफा तो रोगी इससे बहुत डरता है किंतु बाद मे जब उसे पता चलता है कि मकड़ा उसे कोई नुकसान नहीं पहंचा सकता तो उसकी यह समस्या धीरे धीरे दूर हो जाती है।
जैसेकिसी को उच्च स्थान से डर लगता है तो उसको उच्चे स्थान पर ले जाकर काफी समय से अभ्यिास करायाजाता है जिससे उसका डर दूर होता चला जाता है।
हांलाकिइस विधि से उपचार मे समय लगता है। किंतु यह सही विधि है और simple भी ।
रक्तसे phobia वाले व्यक्ति जब रक्त को देखते हैं तो बेहोश भी हो सकते हैं क्योंकि उनका blood प्रेसर कम होजाता है और हदय की गति कम हो जाती है। ऐसी स्थिति के अंदर रोगी को तनाव रहित रहने का प्रशिक्षण दियाजाता है। फिर रोगी रक्त को देखकर बेहोस नहीं होता है। ओस्ट ने 30 लोगों को तनाव रहित कर उपचारकिया था।
Cognitive treatment
इसकेअंदर रोगी को उसके झूठे विश्वास के बारे मे बताया जाता है वह जोसोच रहा है वो सही नहीं है। धीरे धीरे उसके दिमाग के अंदर इस बात को बैठाया जाता है। किंतु अन्य दूसरी विधियों के बिना हम केवल इस विधि से ही phobia का उपचार नहीं कर सकते ।
More tips
1 जब आपकोलगे की आप किसी चीज से अनावश्यक रूप्से थोड़ा डरने लगे हैं तो तूरन्त ही अपने आपको उस चीज के अधिक नजदीग ले जाने की कोशिश करें ताकि आपके अंदर phobia की कोई संभावना न हों ।
2 phobia के उपचारमे Behavioral treatment काप्रयोग कर रोगी को समझाये की उसका विश्वास निर्थकहै।
3 दवाओं का प्रयोगतभी करें जब जरूरत हो वरना न करें क्योंकि इनके बहुत से side effect होते हैं।
4 समय समयपर अपने डाक्टर से सलाह लेते रहें ।
जब हमे किसीचीज से phobia होने लगता है तो हम उसके पास जाने से डरने लगते हैं। असंगत डर हमारे दिमाग मे बैठ जाता है। ऐसा भी हो सकता है । पहले यह डर कम हो और बाद मे बढ़ कर phobia बन जाये तो इस प्रकार के सभी डर को दिमाग से बाहर रखने की कोशिश करनी चाहिये ताकि phobia से बचा जा सके ।
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