Phobia kya hai or ye kitne type ka hota hai

दोस्तों यह एक अजीब प्रकार का मानसिक रोग है। इस रोग के होने पर व्यक्ति के मन मे अजीब सा डर बैठ जाता है। जबकि उस डर का कोई आधार नहीं होता है। यानि phobia  एक ऐसा रोग है जिसमे रोगी किसी ‌‌‌वस्तु याकार्य से असंतुलित मात्रा के अंदर डरता है।

  मान लिजिये किसी को मकड़ा से phobia  हो गया तो वह मकड़ा से ‌‌‌आवश्यकता सेअधिक डरेगा । किसी व्यक्ति को पानी से phobiaहोगया तो वह पानी के पास जाने से डरने लगेगा । वह अपने आप ही सोचने लगता है कि जब वह पानी के पास जायेगा तो डूब जायेगा । जबकि आप जानते हैं कि कोई केवल पानी की भरी बाल्टी के अंदर कैसे डूब सकता है। किंतु phobiaकेरोगी उसके पास भी नहीं जाना चाहेगा ।

यदि किसी को बिल्ली से phobia  हो गया तो वह बिल्ली को देखते ही डरने लगेगा । और बिल्ली के डर से घर से बाहर नहीं निकलेगा । क्योंकि उसके दिमाग के अंदर ‌‌‌आवश्यकता से अधिक डर बैठ जायेगा।   वैसे दोस्तों phobia किसी भी तरह की वस्तु से या स्थान से हो सकता है। यह कोई जरूरी नहीं कि बिल्ली से ही हो । जैसे कई व्यक्ति भीड़ के अंदर जाने से डरते हैं तो कुछ उच्च स्थान से डरते हैं। वैसे phobia  एकतरह का डर ही होता है पर जब यह डर अधिक हो जाता है तो इसको ही phobia कहा जाता है।  

Phobia  के एक केस का उदाहरण

  अन्ना नाम की एक महिला के बिल्ली से phobia हो गया । उसके घर के सामने घास के अंदर बिल्लियां उछल कूद करती थी। वह उनको देखकर कल्पना करने लगी की ।यदि वह अपने घर से बाहर निकली तो यह बिल्लियां उसको नोचने लगेंगी । यह उसका बेकार का डर था। इसकी वजह से वह अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी।  

phobia के कुछ लक्षण

  यदि किसी को phobia हो गया है तो उसमे निम्न लक्षण दिखेंगें   1. व्यक्ति उन चीजो से दूर रहता है जिसकी वजह से phobia  होता है। 2. सिरदर्द पेटदर्द तनाव भी हो सकता है। 3. अधिक चिंता से दौरा भी पड़ सकता है। 4.किसी वस्तु से बेकार मे डरना       Phobia  तीन प्रकारकाहोता है। संक्षिप्त के अंदर हम इनके बारे मे जिक्र कर रहे हैं।  

specific phobia

‌‌‌इस प्रकार का phobia किसी भी व्यक्ति को होने पर वह उस‌‌‌चीजसेडरने लगता है जिससे उसको phobia हुआ है। जैसे किसी को सांप से phobia हुआ है। तो वह सांप से डरने लगेगा । यह डर उसके मन मे असंगत मात्रा ‌‌‌मे होता है। इस प्रकार के phobia के अंदर किसी वस्तु से व जीव आदि से होने वाला phobia आता है। किसी वस्तु के अंदर कोई भी निर्जिव वस्तु से हो सकता है। और ‌‌‌जीवित वस्तु के अंदर मकड़ा सांप आदि से हो सकता है।   कई व्यक्तियों को खून को देखकर बहुत ही डर लगता है। यदि वे उससे असंगत मात्रा मे डरने लगते हैं। यानि उनको खून से phobia होता है । खून को देखकर वे अलग अलग प्रकार की कल्पना करने लगते हैं जैसे अब उसके खुद का खून होगा । कुछ इसी प्रकार से । यह specific phobia के अंदर आता है। कई व्यक्ति को जब बीमारी से भी phobia हो जाता है जिसकी वजह से वह बहुत अधिक घबराता है। वह सोचने लगता है  िकवह अब बीमार हो जायेगाऔरमरजायेगा । इस प्रकार की असंगत कल्पना करने लगता है।  

Agoraphobia  

Agoraphobia के हो जाने पर व्यक्ति किसी सर्वाजनिक स्थान पर जाने से डरने लगता है जैसे कि भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर और किसी आम स्थान पर । ऐसे स्थान पर वह यह सोच कर नहीं आते हैं कि यहां पर जल्दी ही कोई बस या गाडी आयेगी और उनको टक्कर मार देगी । इस ‌‌‌प्रकार के बेकार का डर रोगी के मन के अंदर बैठ जाता है। इस प्रकार के phobia का रोगी खरीददारी और भीड़भाड़ के अंदर जाना पसंद नहीं करता है।     इस बात का पता चला है कि Agoraphobia के 60% तक रोगी होते हैं और यह रोग महिलाओं के अंदर अधिक होता है।   कुछ ऐसे रोगी भी होते है जिनमे ‌‌‌शुरूआत के अंदर आतंक का दौरा भी पड़ सकता है। बार बार रोगी यह देखता है कि दरवाजाबंद किया है कि नहीं । पंलग के नीचे झंग कर देखना कोई है कि नहीं ? इस प्रकार के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।  

Social phobia

  इस प्रकार का phobia  जिस किसी व्यक्ति को हो जाता है वह किसी दूसरे लोंगों से बात करने मे घबराहट अनुभव करता है। वह किसी से मिलने जुलने की कोई इच्छा नहीं करता है। और ऐसे किसी प्रोग्राम के अंदर भाग नहीं लेता जिसमे उसको बहुत से लोगों के सामने कुछ बोलना हो। यानि इस प्रकार का phobia होने पर व्यक्ति के दिमाग मे एक विचार आता है । वह वहां पर जायेगा तो लोग क्या सोचेगें ? वह कुछ बोलेगा तो लोग गलत तो नहीं समझेंगें ? यानि इस प्रकार के question  उसके दिमाग मे बार बार आते हैं। यहां तक की वह ‌‌‌सामान्य बातें करने मे भी घबराताहै।  

Final words

  दोस्तों अब आपको यह तो पता चल ही गया है कि phobiaक्या होता है? phobiaहमारे मन के अंदर एक प्रकार का डर बैठ जाता है और वह डर बहुत अधिक होता है जिसकी वजह से हम आसानी से काम नहीं कर पाते हैं जिस चीज का हमारे दिमाग के अंदर डर बैठता है। उसको देखकर या उसके बारे मे सोच कर डरने लगते हैं। यही phobiaहै। एक बात आपको समझ लेनी चाहिये कि phobiaकेअंदर डर की मात्रा अधिक होती है जबकि सामान्य डर के अंदर ऐसा नहीं होता है।        

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।