pila peshab kyu hota hai , peshab pila kyu hota haiपेशाब का रंग पीला क्यों होता है ? यह सवाल आपके दिमाग मे भी आता है। कई बार आपने देखा होगा कि पेशाब काफी अधिक पीला आता है। और कई बार यह भी देखा होगा कि यह हल्का पीला आता है। असल मे यदि पेशाब का रंग हल्का पीला है तो यह कोई समस्या नहीं है। लेकिन यदि आपके पेशाब का रंग गहरा पीला आ रहा है तो यह किसी समस्या के बारे मे संकेत देता है । हालांकि जरूरी नहीं है कि आपको समस्या ही है। कई बार दवा और दूसरे कारणों की वजह से पीले रंग का पेशाब आने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
इसके अलावा आपको पानी अधिक मात्रा मे पीना चाहिए । यदि आप पानी को अधिक मात्रा के अंदर पीते हैं तो फिर समस्या काफी अधिक हो जाती है।और कम पानी पीने से भी पेशाब का रंग पीला हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । पेशाब का पीला रंग कई कारणों से होता है। इसके अलावा यदि आपके पेशाब का रंग दूसरे किसी कलर का आ रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश दे रहा है आपको उसका पालन करना चाहिए । और अन्य किसी रंग के पेशाब के लिए आपको जल्दी से जल्दी जांच करवानी चाहिए ।पीला, लाल, हरा, लाल या फिर हल्का गुलाबी, नारंगी रंग का पेशाब यदि आता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
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pila peshab kyu hota hai आप कम पानी पीते हैं
जैसे कि आप पेशाब कर रहे हैं और आप यह देखते हैं कि पेशाब का रंग पीला हो गया है तो उसके बाद आपको अधिक पानी का सेवन करना चाहिए । पानी का सेवन यदि आप अधिक करते हैं तो आप देखेंगे कि आपके जो पेशाब का रंग है वह काफी हल्का पीला हो गया है। पेशाब के अंदर कई तरह के कचरे होते हैं। और उन कचरे की वजह से भी पेशाब का रंग पीला होता है। जब आप अधिक पानी पी लेते हैं तो उसके बाद पेशाब का रंग ठीक हो जाता है। यदि आप पानी भी अधिक पी रहे हैं और उसके बाद भी आपके पेशाब का रंग काफी बेकार रह रहा है तो उसके बाद आपको समस्या हो सकती है। और एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । यह एक बहुत ही जरूरी चीज
हो जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
अधिक पसीना बहाने से पेशाब का रंग पीला हो सकता है
दोस्तों जब आप इस तरह का कोई काम करते हैं जिसकी वजह से पसीना काफी अधिक बहता है तो फिर पेसाब का रंग काफी अधिक पीला हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि आप खेत मे काम करते हैं तो फिर इसकी वजह से अधिक पसीना बहाना पड़ता है। और अधिक पसीना बहाने की वजह से पेसाब का रंग पीला हो जाता है। क्योंकि शरीर के अंदर जो पानी होता है वह आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता है। और उसके बाद पेशाब का रंग पीला दिखाई देता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
इसलिए यदि आप अधिक पानी पीते हैं तो इसकी वजह से पेशाब का रंग पीला हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। खास कर यदि आप खेत मे काम करते हैं किसान हैं तो फिर आपको अधिक पसीना बहाना पड़ता है और उसके बाद आपको अधिक पानी पीना चाहिए ।
ताकि शरीर के अंदर पानी की कमी हो जाए । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
आपके खाने पीने की चीजों की वजह से पेशाब का रंग पीला हो सकता है
दोस्तों कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनकी वजह से पेशाब का रंग पीला हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । बाहर की चीजें खाना, जंक फूड्स का सेवन, डिब्बा बंद फूड्स आदि की वजह से पेशाब का रंग पीला हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।विटामिन बी, सी, बी-12 आदि को अधिक शामिल करते हैं,
तो भी पेशाब का रंग पीला हो जाता है। बेरीज, टमाटर, चुकंदर, शकरकंद, ब्रोकोली आदि । यदि आप यह सब चीजें खा रहे हैं और आपको पेशाब का रंग पीला दिखाई देता है तो फिर आपको एक बार अपने यह सारी चीजों को खाना बंद कर देना चाहिए और उसके बाद कुछ ही समय के अंदर आप यह देखेंगे कि आपके पेशाब का रंग काफी बदल चुका है और यह सही हो चुका है। इसके बारे मे आपको पता होगा । लेकिन यदि यह सब चीजें खाने के बाद भी पेशाब का रंग नहीं बदलता है तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।
pila peshab kyu hota hai दवाओं की वजह से
दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा कि दवाओं की वजह से पेशाब का रंग पीला हो जाता है। इसके अंदर कई तरह की दवाएं आती हैं। जैसे कई आयुर्वेदिक दवाएं भी इस तरह की होती हैं जोकि आपके पेशाब के रंग को पीला बनाने का काम करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कोरोनिल टेबलेट पेरासीटामोल और भी बहुत (एज़ुल्फिडाइन) शामिल हैं; फेनाज़ोपाइरीडीन (पाइरिडियम); कुछ जुलाब; और कुछ कीमोथेरेपी दवाएं।
यदि आप कोई दवा ले रहे हैं और दवा लेने की वजह से पेशाब पीले रंग का आ रहा है तो आप कुछ समय के लिए वह दवा लेना बंद कर दें। और उसके बाद आप देख सकते हैं कि धीरे धीरे आपके पेशाब का कलर बदल जाएगा । यह एक अच्छा तरीका है पेशाब के कलर के बारे मे पता लगाने का ।
क्या दवाओं की वजह से पीले रंग का पेशाब आ रहा है ? तो उसके बाद आपको इसके बारे मे आसानी से पता चल जाएगा । हालांकि इस तरह से पैदा हुआ पीले रंग का पेशाब नुकसान नहीं करता है इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
पीले रंग का पेशाब पित्त की थैली मे समस्या का संकेत हो सकता है
दोस्तों पित्त की थैली का नाम तो आपने सुना ही होगा कई बार क्या होता है कि पित्त की थैली के अंदर समस्या होती है और पित्त की थैली मे समस्या होने की वजह से भी पेशाब पीले रंग का हो सकता है। इसके अलावा पीले या सफेद रंग का मल है तो यह कहा जा सकता है कि आपके पित्त की थैली के अंदर ही समस्या है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । दोस्तों पित्त की थैली के बारे मे आप आजकल अच्छी तरह से जानते ही हैं।पित्ताशय की थैली पेट के दाहिनी तरफ लिवर के नीचे स्थित एक छोटा सा अंग होता है। इस अंग का मुख्य कार्य पित्त को जमा करना है।
और इसके अंदर जो पित्त जमा होता है वह आमतौर पर आपके भोजन को पचने मे मदद करने का काम करता है। जब पित्त की पत्थरी हो जाती है तो भोजन को पचने मे समस्या आती है और यूरिन का कलर गहरा हो जाता है। इसके अलावा आपको और भी कई तरह की समस्याएं सामना करने को मिलती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
वैसे आपको बतादें कि पित्त की थैली मे एक बड़ी समस्या जोकि आजकल देखने को मिलती है वह पत्थरी की ही होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और पित्त की थैली की पत्थरी की जो सबसे बड़ी समस्या होती है वह यह होती है कि इसका पता लगाना कोई आसान काम नहीं होता है। क्योंकि कई बार यह दर्द पैदा नहीं करती है।
दोस्तों यदि हम पित्त की पत्थरी के कारणों की बात करें तो इसके अंदर कोलेस्ट्रॉल आता है जोकि कई समस्याओं की जड़ होता है। यदि लिवर कोलेस्ट्रॉल को अधिक मात्रा मे उत्पादन करने लग जाता है तो उसके बाद समस्या हो सकती है। और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना बहुत जरूरी होता है यह पित्त की पत्थरी होने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
और कई बार क्या होता है कि कई लोगों की पित्त की थैली किसी वजह से ठीक से खाली नहीं हो पाती है। और इसकी वजह से भी पित्त की थैली के अंदर पत्थरी होने की संभावना होती है। यदि आपको किसी तरह की समस्या है तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।
पीलिया होने की वजह से पेशाब का रंग पीला हो जाता है
शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाने के कारण त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है । और यदि किसी को पीलिया हो जाता है तो उसको पीले रंग का पेशाब आने लग जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता ही होगा । हालांकि सिर्फ पीले रंग का पेशाब ही नहीं आता है वरना और भी कई सारे लक्षण दिखाई देते हैं आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
बिलीरुबिन लिवर से फिल्टर होकर जाता है और किसी वजह से जब यह खून से लिवर से नहीं जाता है और फिल्टर नहीं होता है तो इस समस्या को पीलिया के नाम से जाना जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
वैसे आपको बतादें कि पीलिया सबसे अधिक बच्चों को ही होता है और यदि आप समय पर ईलाज नहीं करवाते हैं तो उसके बाद आपका लिवर फैल हो सकता है। और समस्या काफी अधिक बढ़ सकता है। इसलिए किसी को भी पीलिया हो जाता है तो समय पर ईलाज करवाना जरूरी हो जाता है।
प्री-हिपेटिक पीलिया, पोस्ट-हिपेटिक पीलिया और हेपैटोसेलुलर पीलिया आदि तीन प्रकार होता है। दोस्तों पीलिया का जो वायरस होता है वह दूषित मल के अंदर मौजूद होता है और यह दूषित मल की मदद से बहुत ही आसानी से फैल जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यह दूषित भोजन और पानी से बहुत ही आसानी से फैल जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
सिर्फ पीले रंग का मूत्र आने से ही कुछ नहीं होता है। इसके अलावा भी कई सारे इस पीलिया के लक्षण होते हैं। यदि आपके अंदर यह लक्षण दिखाई देते हैं तो इसका मतलब यही है कि आपको पीलिया की समस्या हो चुकी है। और आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए आप समझ सकते हैं।
- बुखार होना
- थकान होना
- वजन घटना
- कमजोरी
- भूख नहीं लगना
- पेट में दर्द
- सिर में दर्द
- शरीर में जलन होना
- हल्के रंग का मल होना
- कब्ज
- पेशाब का रंग गहरा होना
- कुछ मामलों में खुजली और उलटी होना
पीलिया के लक्षणों को तो हमने इसलिए आपको दिया है कि आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको पेशाब का पीला रंग किसी पीलिया की वजह से तो नहीं है। यदि इसके साथ ही अन्य लक्षण आ रहे हैं तो इसका मतलब यही है कि आपको पीलिया हो चुका है।
बिलीरुबिन का काम लिवर से गंदगी को साफ करना है और यदि इसकी मात्रा अधिक हो जाती है तो इसकी वजह से पीलिया की समस्या हो जाती है। जब लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है या लिवर में किसी तरह का संक्रमण फैल जाता है तो हेपैटोसेलुलर पीलिया होता है।
37 सप्ताह या 8.5 महीने से पहले जन्मे शिशु को पीलिया होने के चांस काफी अधिक होता है। और खास कर उन बच्चों को पीलिया होने का चांस काफी अधिक होता है जिन्होंने बचपन मे अपनी मां का दूध नहीं पिया है तो आप समझ सकते हैं कि पीलिया किस तरह से काम करता है ?
यदि आपको भी किसी तरह की पीलिया की समस्या है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन आपको करना चाहिए । पीलिया के अंदर पीला पेशाब आता है और अन्य लक्षणों के बारे मे उपर बताया गया है तो इसके आधार पर आप पीलिया को बहुत ही आसानी
से पहचान सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। इस तरह से पीलिया के बारे मे आप बेहतर जानने के लिए नेट पर भी सर्च कर सकते हैं।
ब्लैडर में संक्रमण
ब्लैडर इन्फेक्शन एक प्रकार का यूरीन इन्फेक्सन होता है। जिसके अंदर पेशाब का रंग पीला गहर हो जाता है। ब्लैडर एक प्रकार का अंग होता है जिसका काम होता है। मूत्र को संग्रह करना और उसको बाहर निकालना ।गुर्दे से मूत्र बाहर आता है और उसके बाद यह ब्लैडर के अंदर एकत्रित हो जाता है। और उसके बाद जब मूत्र बाहर निकलता है तो ब्लैडर मे संकुचन होता है।
बैक्टीरिया के अंदर जब प्रवेश कर जाता है तो इन्फेक्सन हो जाता है और यह मामले अचानक से होते हैं और कभी कभी बार बार होता है।इस संक्रमण की वजह से मुत्राशय के अंदर सूजन हो जाती है। और यदि इसका समय पर ईलाज नहीं किया जाता है तो यह समस्या बड़ी पैदा कर सकता है।
यीस्ट (Yeast) या वाइरस (Virus) आदि की वजह से भी संक्रमण हो सकता है। इसके बारे मे पता होना चाहिए ।ब्लैडर इन्फेक्शन की समस्या वैसे तो गम्भीर तो नहीं होती है लेकिन यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो फिर यह संक्रमण गुर्दे तक फैल सकता है। और बाद मे समस्या पैदा कर सकता है।
ब्लैडर इन्फेक्शन की समस्या पुरूषों की तुलना मे महिलाओं मे अधिक होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
ब्लैडर इन्फेक्शन के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं तो आइए जानते हैं ब्लैडर इन्फेक्शन के लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।
- पेशाब में दर्द और जलन
- पेशाब में खून आना या उसका रंग गहरा होना
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब में बदबू आना
- बार बार पेशाब करने की इच्छा होना ।
- उल्टी
- बुखार
- ठण्ड लगना
- पेशाब में खून आना
- पेट दर्द या पीठ दर्द
ब्लैडर इन्फेक्शन की वजह से पीठ के अंदर दर्द हो सकता है और गुर्दे के अंदर भी दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।इसके अलावा कई बार उपर दिये गए लक्षण किसी और समस्या का भी संकेत हो सकता है। जैसे कि किडनी रोग प्रोस्टेट संक्रमण, मूत्राशय का ट्यूमर, किडनी ट्यूमर या मूत्र मार्ग की पथरी होने का संकेत भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
ब्लैडर इन्फेक्सन के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से इन्फेक्सन हो सकता है। तो आइए जानते हैं ब्लेडर इन्फेक्सन के कारणों के बारे मे विस्तार से ।
इन्फेक्शन संक्रमण की संभावना इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास किस तरह की रोगप्रतिरोधक क्षमता है यदि आपके पास अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता है तो उसके बाद आप आसानी से रोगों से लड़ सकते हैं। यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो फिर आप संक्रमण से नहीं लड़ सकते हैं।
- मूत्र मार्ग मे संक्रमण का सबसे बड़ा कारण मल होता है। मल के अंदर कई तरह के बैक्टिरिया होते हैं जोकि संक्रमण पैदा कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- बैक्टीरिया कभी भी आस पास की त्वचा से होकर मूत्र मार्ग के अंदर प्रवेश कर जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा महिलाओं के अंदर मूत्र मार्ग की लंबाई कम होने की वजह से संक्रमण होने के चांस काफी अधिक हो जाता है।
- इसके अलावा जिन बच्चों की उम्र कम होती है उनको मूत्र मार्ग के अंदर संक्रमण होने की संभावना काफी कम ही होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- कभी-कभी ब्लैडर इन्फेक्शन फफूंद भी इसके अंदर संक्रमण होने का चांस काफी बढ़ा देता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- कभी भी ब्लेडर संक्रमण का कारण वायरस भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- उम्र के साथ-साथ पुरुषों में उनकी पौरुष ग्रंथि का आकार बढ़ सकता है, जिससे मूत्र के प्रवाह में रुकावट आती है। इसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- पुरूषों की तुलना मे महिलाओं के मूत्राशय की लंबाई अधिक होती है जिससे संक्रमण की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है।
- प्रेगनेंसी
- शुगर
- उम्र का बढ़ना
- यूरिनरी रिटेंशन
- मूत्र मार्ग में सर्जरी होना
- मूत्रमार्ग का संकुचित होना
- कम चलना फिरना
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
- तरल पदार्थों का कम सेवन करना
इस तरह से उपर दिये गए कारणों की वजह से ब्लैडर संक्रमण का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं। यदि आपको ब्लैडर संक्रमण हुआ है तो जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन भी करना चाहिए।
ब्लैडर इंफेक्शन से बचाव की बात करें तो इसके लिए आप कई तरह के कदम उठा सकते हैं। यदि आपको बार बार ब्लैडर इंफेक्शन हो रहा है तो इसके लिए एंटिबायोटिक दवाओं का सेवन किया जा सकता है। लेकिन आपको अपनी रोग प्ररिोधक क्षमता को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए ।
- इसके लिए आपको चाहिए कि आप रोजाना पेशाब करें मतलब जब भी आपको लगे की आपको पेशाब करना चाहिए तब ही आपके पेशाब करना चाहिए । यह बहुत ही जरूरी है।
- यदि आप यौन संबंध बनाते हैं तो उसके बाद आपको पेशाब करना चाहिए । यह बहुत ही जरूरी होता है। हालांकि हम मेसे अधिकतर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- यदि आप महिला हैं तो पेशाब करने के बाद अपने अंगों को सही तरह से पोंछना चाहिए । यह बहुत ही जरूरी होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- इसके अलावा आपको चाहिए कि आप रोजाना अधिक से अधिक पानी का सेवन करें । पानी का सेवन करना आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- यदि आप एक महिला हैं और आपको कई बार यौन संक्रमण हो जाता है तो इसकी वजह से डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। और इस सलाह के हिसाब से जब भी आपको दिक्कत महसूस हो एंटिबायोटिक की दवाएं आप ले सकते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- ब्लैडर इंफेक्शन का परीक्षण की बात करें तो इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर आपसे कुछ परीक्षण कर सकते हैं और इस परीक्षण की मदद से डॉक्टर यह पता लगा सकते हैं कि आपको ब्लैडर इंफेक्शन हुआ है या फिर नहीं हुआ है। इसके हिसाब से दवा दे सकते हैं।
- इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करेंगे और आपके लक्षणों के बारे मे पूछेंगे कि आपको किस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं उसके बाद यदि लक्षण ब्लैडर इन्फेक्सन से मिलते हैं तो फिर आगे की कार्यवाही करेंगे ।
- अगर इससे ब्लैडर इन्फेक्शन का पता नहीं लग पाता है, तो आपके डॉक्टर आपका यूरिन टेस्ट करेंगे।
- इसके अलावा आपके डॉक्टर ब्लेडर संक्रमण की जांच करने के लिए यूरिन कल्चर टेस्ट भी कर सकते हैं। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) एक प्रकार का परीक्षण होता है। जिसके अंदर आपके मूत्र मार्ग के अंदर एक टयूब सी डाली जाती है। और उस टयूब से एक कैमरा जुड़ा होता है जिससे यह पता चलता है कि आपको मूत्रमार्ग के अंदर किसी तरह की समस्या तो नहीं है।
- अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन से ट्यूमर और अन्य समस्याओं का पता चलता है।
- इसके अलावा एक्सरे भी होता है जिसकी मदद से मुत्राशय और गुर्दे की तस्वीरें ली जाती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
- वोईडिंग सिस्टयूरेथ्रोग्राफी (Voiding cystourethrography) के अंदर डॉक्टर आपके मुत्राशय के अंदर एक प्रकार की डाई डाली जाती है और उसके बाद यह देखा जाता है कि यह समस्या क्या है ?
किडनी में इंफेक्शन
दोस्तों किडनी में इंफेक्शन भी एक प्रकार की समस्या होती है।जिसकी वजह से पेशाब का रंग काफी गहरा हो जाता है। यह संक्रमण सीधे ही किडनी के अंदर नहीं होता है। वरन यह आपके मूत्र मार्ग के अंदर से शूरू होता है और उसके बाद आपकी किडनी तक जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
किडनी में इंफेक्शन यदि आप ठीक से ईलाज नहीं करवाते हैं तो उसके बाद संक्रमण आपके खून मे फैल सकता है और उसके बाद आपकी स्थिति काफी डेंजर हो सकती है। उसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि किसी वजह से किडनी के अंदर संक्रमण हो जाता है। उसके बाद ईलाज की आवश्यकता होती है। और इसके लिए एंटिबायोटिक दवा का उपयोग किया जाता है। और आपको अपने डॉक्टर की देखरेख के अंदर इसका ईलाज किया जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
किडनी इन्फेक्शन के लक्षण की बात करें तो इसके अंदर कई सारे लक्षण आते हैं। इन लक्षणों की मदद से आप बहुत ही आसानी से यह पहचान सकते हैं कि आपको किडनी के अंदर संक्रमण हो गया है।
- बुखार।
- ठंड लगना।
- पीछे की ओर, एक तरफ या पेट और जांध के बीच के भाग में दर्द होना।
- पेट दर्द।
- बार-बार पेशाब आना।
- पेशाब करने के दौरान जलन या दर्द होना।
- मतली और उल्टी।
- मूत्र में मवाद या रक्त आना।
- मूत्र में बदबू आना या धुंधला मूत्र आना।
दोस्तों यदि हम किडनी संक्रमण की बात करें इसके कारणों के बारे मे जाने तो इसके कई सारे कारण होते हैं । यह कारण ही किडनी संक्रमण के लिए काफी अधिक जिम्मेदार होते हैं। आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- बैक्टीरिया इसके अंदर प्रवेश करने से पहले आपको मूत्र मार्ग से प्रवेश करते हैं और उसके बाद यह आपके किडनी तक जा सकते हैं। यदि आपके हर्ट के अंदर कृत्रिम वाल्व लगायें गए हैं तो संक्रमण वहां तक जा सकता है। और उसके बाद आपकी मौत हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- आपको बतादें कि महिलाओं के अंदर इस तरह का संक्रमण होने का चांस काफी अधिक होता है। क्योंकि महिलाओं का मूत्रमार्ग काफी छोटा होता है। इस वजह से बैक्टिरिया मूत्रमार्ग से होते हुए आपकी किडनी तक पहुंच सकता है। खास कर गर्भवति महिलाओं को इसका जोखिम काफी अधिक होता है।
- इसके अलावा जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर होती है उनको यह संक्रमण होने का चांस काफी अधिक होता है। यदि आपको भी शुगर और मधुमेह की समस्या है तो इस संक्रमण के होने के चांस काफी अधिक होता है कैंसर और एचआईवी की वजह से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है।
- नसों या रीढ़ की हड्डी की क्षति आदि की वजह से भी गुर्दे के अंदर संक्रमण हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
- वेसिकुरेटेरल रिफ्लक्स (vesicoureteral reflux) में, मूत्राशय से मूत्र की एक छोटी मात्रा वापस मूत्रवाहिनी और गुर्दे मे जाने लग जाता है जिसकी वजह से संक्रमण होने का जोखिम हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि यह समस्या है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।
- किडनी इन्फेक्शन से बचाव के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं जिसकी वजह से आप किडनी संक्रमण से बच सकते हैं तो आइए जानते हैं उन कारणों के बारे मे विस्तार से ।
- आपको तरल पदार्थ सबसे अधिक पीना चाहिए । यदि आप अधिक पानी पीते हैं तो यह संक्रमण को कम करता है क्योंकि बैक्टिरिया पानी के रस्ते से बाहर निकल जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- यदि पेशाब आ रहा है तो पेशाब को रोकने की कोशिश ना करें । अधिक से अधिक पेशाब करें । ऐसा करने का फायदा यह होगा आपको संक्रमण के चांस काफी कम हो जाता है।
- इसके अलावा यदि आप यौन संबंध बनाते हैं तो जल्दी से जल्दी पेशाब करने का प्रयास करें ताकि सभी तरह के बैक्टिरिया आसानी से बाहर निकल सकें। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- पेशाब और मल त्याग करने के बाद अपने अंगों को अच्छी तरह से धोना चाहिए ताकि संक्रमण फैलने का खतरा काफी कम हो जाएगा । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- यदि हम किडनी इन्फेक्सन की बात करें जिसके अंदर इसके परीक्षण की बात करें तो आसानी से डॉक्टर इसका पता लगाने के लिए परीक्षण करते हैं। सबसे पहले मल और मूत्र का परीक्षण करते हैं जिससे कि इसके बारे मे डॉक्टर को आसानी से पता चल सके।
- अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन भी किया जा सकता है। जिससे कि किडनी संक्रमण का पता चल जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- वायडिंग सिस्टोस्टोयुरेथ्रोग्रा एक प्रकार का टेस्ट होता है जोकि अक्सर बच्चों के लिए किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
पेशाब का रंग कैसा होना चाहिए ।
दोस्तों पेशाब का रंग आमतौर पर पीला ही होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह आमतौर पर कई बार गहरा पीला होता है तो कई बार काफी कम पीला होता है। जब आप सुबह उठते हैं तो पेशाब का रंग गहरा पीला होता है और सुबह उठने के बाद आप तरल पदार्थ पीना शूरू कर देते हैं जिसकी वजह से पेशाब का रंग हल्का पीला हो जाता है। यूरोक्रोम नामक एक वर्णक पेशाब के अंदर होता है जिसकी वजह से पेशाब पीले रंग का होता है। यदि पेशाब का रंग पीले रंग की बजाय किसी अन्य रंग का आ रहा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना चाहिए । यही आपके लिए अधिक सही होगा आप समझ सकते हैं।
पेशाब का रंग बदलना
दोस्तों वैसे तो पेशाब के रंग के बारे मे हमने आपको उपर बताया है। लेकिन आपको बतादें कि पेशाब का रंग आमतौर पर कई सारी चीजों पर निर्भर करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । नमक और यूरिया तथा यूरिक एसिड आदि पेशाब के अंदर होते हैं आमतौर पर किडनी रक्त से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है और उसके बाद वह पेशाब बनाती है। पेशाब एक कचरे के रूप मे आपके शरीर से बाहर निकल जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि हम पेशाब के अंदर रंग के बदलाव की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं
जैसा कि आप दिन के समय अधिक पानी पीते हैं तो इसकी वजह से पेशाब का रंग हल्का पीला रहता है। इसी प्रकार से पेशाब का रंग और भी चीजों पर निर्भर करता है इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।जैसे कि आप जामुन खाते हैं या चुकंदर खाते हैं तो इसकी वजह से भी आपके पेशाब का रंग बदल सकता है तो यह आपके लिए किसी तरह की कोई भी चिंता की बात नहीं होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
एंटीबायोटिक्स, लेक्सेटिव और कैंसर के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ कीमोथेरेपी दवाएं शामिल हैं। इसकी वजह से भी पेशाब का रंग बदल सकता है। हालांकि इसकी वजह से पेशाब का रंग बदलना कोई भी चिंता की बात नहीं होती है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
इसके अलावा यदि पेशाब का रंग बदलता है तो वह आपके लिवर की समस्या का संकेत होता है इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए मतलब पेशाब लिवर की समस्या का संकेत देता है।
पेशाब का रंग पीला होने का कारण
दोस्तों पेशाब का रंग पीला होने के कारणों पर हम चर्चा कर चुके हैं। इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि आप अधिक पानी नहीं पीते हैं तो आपके पेशाब का रंग अधिक पीला हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अलावा , बीटा कैरोटीन और विटामिन बी 12 की वजह से भी पेशाब का रंग पीला हो जाता है। यदि आपके पेशाब का रंग पीला है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । और आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
पेशाब का रंग लाल क्यों हो जाता है
दोस्तों कई बार आपने देखा होगा कि आप देखते हैं कि पेशाब लाल रंग का आ रहा है। लेकिन लाल रंग का पेशाब हमेशा ही खतरे की घट्टी नहीं होता है क्योंकि लाल रंग का पेशाब अक्सर तब आता है जब आप लाल रंग की अधिक चीजें खाते हैं जैसे कि चुकदंर आदि का सेवन करते हैं तो पेशाब का रंग लाल हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।टीबी की दवा रिफांपिन तथा सेन्ना और मल को सॉफ्ट (मुलायम) करने वाली दवा भी गुलाबी या लाल रंग के यूरिन का कारण हो सकते हैं। और यदि आपको याद हो तो आपने कोई भी लाल रंग वाला खाना नहीं खाया है तो फिर आपके पेशाब का लाल रंग खून की वजह से हो सकता है। यदि पेशाब का लाल रंग दिखाई देता है तो जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी चीज है आप समझ ही गए होंगे ।
पेशाब का रंग काला होना
दोस्तों पेशाब का काला रंग आमतौर पर दुर्लभ मामलों के अंदर होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।मैक्रोबिड, फ्लैगाइल और रोबैक्सिन दवाएं आपके पेशाब को काले रंग का बना सकती हैं। यदि आप इस तरह की कोई दवाएं ले रहे हैं और उसके बाद आपका पेशाब काले रंग का आ रहा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपको जो निर्देश मिलता है उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा पेशाब काले रंग का होना अधिक किसी दवा का इफेक्ट होता है।
पेशाब का रंग सफेद होना
दोस्तों यदि आपका पेशाब सफेद रंग का आता है तो यह आपके शरीर के अंदर किसी ना किसी बीमारी का ही संकेत होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।जैसे कि मूत्र पथ के अंदर संक्रमण का होना और किडनी की पत्थरी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा फाइलेरियल संक्रमण एक प्रकार की बीमारी होती है । इसके अंदर होता यह है कि यूरीन का रंग सफेद हो जाता है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
पेशाब का रंग हरा होना
दोस्तों जैसा कि हमने आपको यह बताया है कि पेशाब का रंग हरा होना एक प्रकार की बीमारी का संकेत भी हो सकता है। यह आमतौर पर कई प्रकार की दवाओं की वजह से भी हो सकता है जैसे कि प्रोपोफोल, टैगमैट, मेथाइलिन ब्लू, एमिट्रिप्टाइलाइन और इंडोसिन आदि । यदि आपको किसी तरह का संक्रमण
पोरफाइरिया की वजह से भी पेशाब का रंग हरा हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इस तरह से दोस्तों हमने पेशाब के रंग पीले होने के बारे मे विस्तार से जाना और इसके कारणों पर विस्तार से चर्चा की उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब पसंद आएगा । यदि आपके मन मे किसी तरह का कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
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This post was last modified on July 14, 2022