इस लेख मे हम बात करेंगे पीपल को जल चढ़ाने के लाभ पीपल को जल देने के फायदे पीपल के पेड़ को जल चढ़ाने से क्या लाभ होता है दोस्तों पीपल के पेड़ की पूजा को महत्वपूर्ण माना गया है। आपने देखा होगा कि अक्सर महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करने जाती हैं। और रोज उसके उपर जल चढ़ाकर आती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि पीपल के पेड़ को जल देने के फायदे क्या हैं ? वैसे भी भारतिए संस्क्रति के अंदर पेड़ों मे देवताओं का वास माना जाता है। और इस वजह से पेड़ों की पूजा करना देवताओं की पूजा करने के समान ही होता है। इसी वजह से कुछ लोग सुबह शाम पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने के लिए जाते हैं। और पीपल के पेड़ के अंदर तो नवग्रह और देवताओं का वास होने की वजह से यह और अधिक पवित्र माना जाता है।
वैसे सनातन धर्म के अंदर प्रक्रति की अनेक चीजों को पवित्र माना गया है। और इनको धर्म से जोड़ा गया है। जिनमे एक पीपल का नाम भी आता है। और धर्म से जुड़ा होने की वजह से लोग इसकी पूजा करते हैं। गीता के अंदर भगवान ने कहा है कि पीपल के अंदर तीनों देवों का वास होता है। स्कंदपुराण के अनुसार विष्णु तने मे क्रष्ण शाखाओं मे और पतो मे भगवान हरि और फलो मे देवताओं का वास होता है।
दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा कि श्मशान के अंदर अक्सर पीपल को पेड़ लगाया जाता है। दोस्तों हिंदु धर्म के अंदर पीपल के पेड़ को इंसान की आत्मा की तरह देखा जाता है। और यह माना जाता है कि यह कभी भी मरता नहीं है। दोस्तों आपको पता होगा कि पीपल का पेड़ नविनिक्रत नहीं होता है। जबकि केले के पेड़ को इंसान के शरीर की तरह माना जाता है। मतलब श्मसान के अंदर पीपल का पेड़ आत्मा की अमरता का भी प्रतीक है।
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पीपल के पेड़ मे जल चढ़ाने के फायदे ब्रहस्पति को प्रसन्न करने के लिए
पीपल के पेड़ को हिंदु लोग ब्रहस्पति से जोड़कर देखते हैं। और ऐसा माना जाता है की पीपल के पेड़ मे जल चढ़ाने से ब्रहस्पति प्रसन्न होते हैं। यदि किसी की कुंडली के अंदर ब्रहस्पति कमजोर होता है तो उस व्यक्ति को पीपल के पेड़ मे जल चढ़ाना चाहिए । ब्रहस्पति को धन से जोड़कर भी देखा जाता है। और ऐसा करने से धन लाभ होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। आप अपनी कुंडली के अंदर देख सकते हैं यदि आपका ब्रहस्पति कमजोर है तो आप ऐसा कर सकते हैं। यदि आपको कुंडली देखनी नहीं आती है तो आप किसी पंड़ित की मदद ले सकते हैं।
1.शनी ग्रह को शांत करने के लिए
दोस्तों आपको पता ही होगा की शनि सबसे खतरनाख ग्रह माना जाता है। जिस व्यक्तिे शनि की साढे साती लग जाती है उसके तो उल्टे दिन शूरू हो जाते हैं। आमतौर पर पंड़त यदि किसी जातक की कुंडली के अंदर शनि को दोषी पाते हैं तो उस जातक को पीपल के पेड़ के अंदर जल और कच्चा दूध चढ़ाने का आदेश देते हैं। पीपल के पेड़ के अंदर शनि का भी वास माना जाता है।
2.त्रि देवों की पूजा
दोस्तों पीपल के पेड़ के अंदर त्रि देवों का वास माना जाता है। और इसकी पूजा करने या पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। इसके उपर नियमित जल चढ़ाने से नव ग्रहों की शांति मिलती है और कुंडली के दोष दूर होते हैं। पीपल का पेड़ जीवित ईश्वर के समान होता है। इसकी पूजा करने से जल्दी अच्छे परीणाम मिलते हैं। इस वजह से भी पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाया जाता है।
3.माता लक्ष्मी की क्रपा के लिए
दोस्तों पीपल के पेड़ के अंदर माता लक्ष्मी का वास माना जाता है। और जो जातक पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाता है। तो ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उस व्यक्ति की गरीबी दूर होती है। इस वजह से भी पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाया जाना चाहिए।
4.मनोकामना पूर्ण
ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ के अंदर जल चढ़ाने से मनोकामना पूर्ण होती है। पीपल के देवता प्रसन्न होते हैं। और आपकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं। यदि आपकी कोई मनोकामना है तो पीपल के सामने उसे रखे और फिर उसको तय समय तक जल चढ़ाएं ऐसा करने से आपको अवश्य ही फायदा होगा ।
5.कष्टों से राहत और खुशहाली के लिए
यदि आपके घर के अंदर अशांति का माहौल रहता है तो आपको अमावस्या और शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए । ऐसा करने से घर मे सम्रद्वि आती है। और घर के अंदर शांति का माहौल बनता है।
6.दोष शांत होते हैं
दोस्तों कई बार हमारे उपर कई प्रकार के दोष लग जाते हैं। जैसे पित्र दोष , काल सर्प दोष यदि आपकी कुंडली के अंदर भी काल सर्प जैसे दोष हैं तो आपको पिपल के पेड़ पर जल अवश्य ही चढ़ाना चाहिए । ऐसा करने से यह दोष शांत होते हैं और अच्छे परिणाम मिलते हैं।
7.मोक्ष प्राप्ति के लिए
दोस्तों यदि पुराणों की माने तो पीपल के पेड़ को लगाने से संसार से मोक्ष मिलता है। यदि आप जन्म मरण के चक्र मे बार बार फंसे नहीं रहना चाहते हैं तो आपको अपने जीवन के अंदर एक बार एक पीपल का पेड़ अवश्य ही लगाना चाहिए । ऐसा करने से आप बहुत अधिक पुण्य के भागीदार हो जाते हैं।
8.दुर्भाग्य से मुक्ति
कुछ लोगों का भाग्य साथ नहीं देता है।वे किसी कार्य के अंदर बहुत अधिक प्रयास करने के बाद भी सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसे लोगों का भाग्य अच्छा नहीं होता है। यदि आप भी कुछ ऐसा ही महसूस कर रहे हैं तो आपको पीपल के पेढ़ पर जल चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से कार्य सफल होते हैं और दुर्भाग्य दूर होता है।
9.रोगदूर होते हैं
यदि आपको पेवर ऑक्सिजन चाहिए तो आपको पीपल के पेड़ के नीचे सुबह शाम जल चढ़ाने जाना चाहिए । वैज्ञानिकों के अनुसार पीपल का पेड़ 24 घंटे ऑक्सिजन छोड़ता है। और शुद्व ऑक्सिजन आपके लिए फायदे मंद होती है। वैसे भी आजकल शुद्व ऑक्सिजन का मिलना मुश्किल हो रहा है। पीपल की ऑक्सिजन आपको बीमार होने से बचाती है। जो एक जल चढ़ाने का वैज्ञानिक फायदा है।
10.इंसान के पापों का नाश होता है
पुराणों के अंदर यह कहा गया है कि पीपल की पूजा करने से और उस पर जल चढ़ाने से इंसान के द्वारा किये गए पापों का नाश होता है। यदि किसी इंसान ने अपनी जिंदगी के अंदर बहुत अधिक पाप किये हैं तो वह मरने के बाद नरक मे जाता है। लेकिन यदि वह पीपल की पूजा करता है और अपने बुरे कर्मों को छोड़ देता है तो उसे नरक मे दी जाने वाली यातनाओं से कुछ राहत मिल सकती है।
11.आयु बढ़ती है
दोस्तों ऐसा भी माना जाता है कि इंसान की आयु पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से बढ़ जाती है। आयु का मतलब है कि जिस इंसान की ऑक्सिमिक मौत होनी लिखी होती है वह टल जाती है और इंसान बूढ़ा होकर अपनी उम्र पूरी लेकर मरता है।
12.कष्टों से मुक्ति
दोस्तों इंसानी जिंदगी के अंदर अनेक प्रकार के कष्ट आते रहते हैं । कभी घर के अंदर कोई बीमार हो जाता है तो कभी घर मे धन की कमी हो जाती है। इसके अलावा भी बहुत तरीके के कष्ट होते हैं यदि आप एक सुखी जीवन चाहते हैं तो आप पीपल के पेड़ के उपर जल चढ़ा सकते हैं और पीपल के चारो ओर कच्चा सूत लपेटदेना चाहिए। यह आपके कष्टों को नष्ट करता है।
13.मन को स्थिर करता है
दोस्तों कुछ ज्योतिषी यह भी बताते हैं कि पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से आपके मन का भटकाव कम होता है। यदि आपका मन अधिक भटकता है तो आपको यह टोटका आजमाना चाहिए । हालांकि इस बात का तो पता नहीं कि यह कितना काम करता है। लेकिन एक फायदा आप इसे मान सकते हैं।
14.बुद्वि को बढ़ाने वाला
दोस्तों पीपल के पेड़ को बुद्वि को बढ़ाने वाला माना गया है। यदि आप पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं या आप उसकी प्ररिक्रमा करके आते हैं तो आपके दिमाग को शांति मिलती है। और शांत दिमाग कार्य को बेहतर ढंग से कर सकता है।
15.आत्मज्ञान प्राप्ति के लिए
दोस्तों पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना और उसकी पूजा इस वजह से भी की जाती है । क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से आत्मज्ञान का बोध होता है। गौतम बुद्व ने भी पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। इसके अलावा हिंदु संत भी ज्ञान प्राप्त करने के लिए पीपल के पेड़ का प्रयोग करते हैं। इस वजह से भी यह पवित्र माना जाता है।
16.संतान प्राप्त करने के लिए
कुछ लोग पीपल के पेड़ की पूजा संतान प्राप्त करने के लिए करते हैं। इसकी वजह है कि जिन लोगों की कुंडली के अंदर ग्रह कष्ट कारक होते हैं वे पीपल की पूजा करते हैं और पीपल के अंदर नवग्रह का वास माना जाता है। इन ग्रहों को प्रसन्न करने से संतान पैदा हो सकती है।
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने के वैज्ञानिक फायदे
दोस्तों पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने के केवल ज्योतिषी फायदे नहीं हैं। वरन वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह सामने आया है कि कहीं ना कहीं हमारा धर्म विज्ञान से जुड़ा हुआ है। हमारे पूर्वज पहले से ही जानते हैं कि पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से वैज्ञानिक फायदें होंते हैं। जिनको धर्म से जोड़ दिया जाए तो और ही बेहतर होगा । तो आइए फ्रेंडस हम जानते हैं कि पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने के क्या वैज्ञानिक फायदे हैं।
17.ओेजोन का उत्सर्जन
दोस्तों वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह साबित हुआ है कि पीपल के पेड़ दिन के समय मे अधिक ओजोन का उत्सर्जन करता है।जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा ताजी हवा फेफड़ों को मजबूत करती है। और इसके नीचे जाने से शुक्राणुओं की क्षमता मे बढ़ोतरी होती है। इसी वजह से पीपल को संतान प्राप्ति के लिए भी जाना जाता है।
18.एंटी बैक्टेरियल गुण
दोस्तों हवा के अंदर लाखों करोड़ों की संख्या के अंदर बैक्टीरिया होते हैं। कुछ खराब भी होते हैं जोकि हमे रोग ग्रस्त कर सकते हैं। और पीपल के पतों के अंदर वह क्षमता होती है कि यह इन बैक्टिरिया को मार देता है। और जब आप पीपल के नीचे जल चढ़ाने जाते हैं तो एकदम से साफ और सुथरी हवा का सेवन करते हैं।
19.सबसे बड़ा ऑक्सिजन दाता
दोस्तों पीपल की सबसे बड़ी खास बात हम आपको उपर बता चुके हैं। पीपल दिन के अंदर ही नहीं रात मे भी ऑक्सिजन देता है। मतलब पीपल एक ऐसा पेड़ है जो रात मे भी आपको ऑक्सिजन देगा ।
पीपल को जल चढ़ाने के लाभ
दोस्तों पीपल के पेड़ केा जल देने के पीछे ज्योतिषिय कारण अधिक हैं। लेकिन यदि आप ज्योतिष को नहीं मानते हैं तो भी आप इसे जल दे सकते हैं। क्योंकि सुबह सुबह आपको पीपल के पेड़ के नीचे ताजी ऑक्सिजन मिलती है जो आपके लिए बेहतर है। इसके अलावा आपको शुद्व और ताजी हवा मिलती है। जिसके लिए कुछ लोग पैसे खर्च करते हैं। लेकिन फिर भी इस बात की कोई गांरटी नहीं होती की वह जो ले रहे हैं वह ताजी ही हवा है।
पीपल मे जल किस तरह से डालना चाहिए
दोस्तों यदि आप पीपल पर जल को चढ़ा रहे हैं , तो फिर आपको सही तरह से जल को चढ़ाना होगा । यदि आप सही तरह से पीपल पर जल नहीं चढ़ाते हैं , तो फिर कोई भी फायदा नहीं होने वाला है। हम आपको विधि बताने वाले हैं। जिसकी मदद से यदि आप पीपल पर जल को चढ़ाते हैं , तो इससे आपको काफी अधिक फायदा होगा ।
शनिवार के दिन प्रातः काल पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से मन को शांति प्राप्त होती है। और शनिवार के दिन सूर्यउदय से पहले पीपल पर जल आपको चढ़ाना चाहिए । और परिक्रमा करनी चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं। तो इसका फायदा यह होगा कि आपके जीवन के अंदर शांति आ जाएगी ।
शनिवार के दिन आपको सुबह जल्दी उठना होगा । और उसके बाद पीपल के पेड़ की पूजा करनी होगी । उसके नीचे एक तेल का दीपक जलाना होगा ।फिर पीपल के पेड़ के कुछ पत्तों को तोड़कर गंगाजल से धो लें और उनको घर लेकर आ जाएं ।फिर हल्दी के घोल से पीपल के पत्तों पर अनामिका उंगली से ह्रीं लिखना होगा । और उसके बाद उन पत्तों को भगवान के आगे आपको रख देना होगा ।
ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यह एक अच्छा उपाय है , जिसको आप कर सकते हैं।
पीपल के वृक्ष की कथा
दोस्तों आपको बतादें कि पीपल के संबंध मे एक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार एक बार लक्ष्मी और अलक्ष्मी भगवान विष्णु के पास गई और कहां कि आप जगत के पालहार हैं , तो आप हमें रहने के लिए स्थान दें । उसके बाद विष्णु ने पीपल के अंदर उनको वास करने को कहा ।
और यह कहा जाता है , कि जो शनिवार के दिन पीपल की पूजा करता है। उसके घर मे किसी भी तरह की दरिद्रता नहीं है। और रविवार के दिन पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए । इस दिन यदि आप पीपल की पूजा करते हैं , तो इसको अशुभ माना जाता है।
उसके बाद कहा जाता है कि जब विष्णू ने माता लक्ष्मी से विवाह करने के बारे मे कहा तो लक्ष्मी ने मना कर दिया । क्योंकि उनकी बहन दरिद्रा का विवाह नहीं हुआ था ।दरिद्रा से पूछा से बाद मे भगवान ने पूछा की वह कैसा वर चाहती है , तो दरिद्रा ने बताया कि वह एक ऐसा वर चाहती है , जोकि कभी पूजा पाठ नहीं करता था । तो फिर विष्णू ने उसके लिए ऋषि नामक एक वर को चुना और दोनो की शादी करदी गई । उसके बाद दरिद्रा का पति ऐसे स्थान को तलास करने गये जंहा पर कोई पूजा पाठ नहीं होती हो लेकिन उसे कोई ऐसा स्थान नहीं मिला । उसके बाद विष्णू ने उनको कहा कि वे पीपल के पेड़ मे वास करें । और रविवार के दिन पीपल के पेड़ मे देवताओं का वास नहीं होता है। वरन दरिद्रा का वास होता है। इसकी वजह से रविवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा नहीं की जाती है।
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