Rajput Shayari in Hindi यदि आप राजपूत हैं। तो यहां पर हम आपको राजपूत शायरी प्रस्तुत कर रहे हैं। आप इनमे से कुछ बेस्ट शायरी को चुन सकते हैं। और अपने फ्रेंड वैगरह को शेयर कर सकते हैं। यहां पर कुछ बेस्ट राजपूत शायरी आपके लिए दी गई हैं।
राजपूत के जीने का अंदाज अनोखा है ।
राजपूतों को कमजोर समझना ,
तुम्हारी नजरों का धोखा है।

……
राजपूतों की दोस्ती ,
और भगवान का वादा
हमेशा अटल होता है।
……
राजपूत अगर अपनी जिद पर
आ जाएं ,
तो दुनिया उल्ट देते हैं।
……..
कहानियां तो कहानीकार लिखते हैं।
वो राजपूत ही हैं ,
जो हर इतिहास मे दिखते हैं।
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मिटाए नहीं मिटती हस्ती हमारी ,
हम राजपूत हैं जनाब ,
हर समय मे आग से खेलती है
यह बस्ती हमारी ।

……..
मर गए हमें मिटाने वाले ,
हम राजपूत हैं जनाब ,
दुश्मनों को धूल चटाने वाले ।
……..
जिसके सर पर राजपूत का हाथ है ,
समझो भगवान भी उसके साथ है।
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कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से ,
वरना विदा हो जाएगा इस संसार से ।

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ना छेड़ोगे ,
तो पानी के गोले हैं।
एक एक बार छेड़ दिया ,
तो भभकते शोले हैं।
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देश की आन हैं राजपूत ,
देश की शाान हैं राजपूत ,
देश की पहचान हैं राजपूत ।
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वो हर मौसम मे लड़लेते हैं।
हर किसी का चेहरा पढ़ लेते हैं।
हम राजपूत हैं ,
उंचाइयों पर भी आसानी से चढ़ लेते हैं।

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खून मे हो जिगरा जिनके ,
मुंह मे हो सिगरा जिनके ,
वो राजपूत हैं ,
दिमाग मे हो ढिगरा जिनके ।
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हर कोई राजपूतों की नकल करता है।
मगर नकल करने से क्या होगा ,
राजपूत तो जिगरे वालो का नाम है।
……….
हम राजपूत हैं ,
हमारे तो खून मे आग है ,
डर किस बात का हमें ,
मौत भी हमारे आगे बेताब है।
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जब चलती है राजपूत की तलवार ,
तो हर तरफ बहती है खून की धार ।
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अगर पता लगाना है अपनी औकात का ,
तो नाम ही काफी है राजपूत जात का ।
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कंधे पर रखते हैं दुनाली ,
राजपूत का वार कभी
नहीं जाता है खाली ।

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यमराज से जो डरे उसे यमदूत कहते हैं।
और राजपूत से जो डरे ,उसे अछूत कहते हैं।
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जिगरे मे जिसके दम हो ,
हौसले जिसके पास अनन्त हो ,
वह राजपूत कभी ना पस्त हो ।
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ऐ पगली हम जिगरा वाले हैं
यह मत भूल ,
जब हम चलते हैं शान से ,
तो उड़ती है पीछे से धूल ।
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जो गुस्ताखी करेगा राजपूतों की शान मे ,
वो जलता दिखेगा श्मशान मे ।
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दिल होने से क्या होता ,
जिगरा होना चाहिए ,
राजपूत होने से क्या होता है ,
राजपूत जैसा दम होना चाहिए ।

……
पगली हमें आख ना दिखाया कर ,
हम राजपूत हैं ,
कैसे लड़ना है ,
यह हमें ना सिखाया कर ।
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अगर प्यार से गला काटदे तो मंजूर है ,
मगर अकड़ से कोई छूकर तो दिखाए साला ।
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जिसकी सात पुश्तों ने ,
दुश्मनों का खून बहाया हो ,
वो राजपूत कैसे ,
जंग से पराया हो ।
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पैदा होते हैं दिल मे आग का दरिया लेकर ,
हम सीने मे तलवार रखते हैं ,
और तुम आये हो सरिया लेकर ।
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राजपूत की शान है ,
गम को आंखों से पीने की ।
आदत नहीं है इनको कभी
सर झुका कर जीने की ।

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बिना कश्ती के कभी किनारा नहीं मिलता ,
अगर साथ ना होता राजपूतों का ,
तो देश के दुश्मनों से कभी छुटकारा नहीं मिलता ।
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राजपूत देश की शान हैं ,
इसिलिए तो वो महान हैं।
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मौत से राजपूत कभी घबराए नहीं ,
रण से पीछे लौट कर वो कभी आए नहीं ।
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राजपूतों के खून मे उबाल
आज भी खानदानी है ।
दुनिया इनके शौक की नहीं ,
इनकी हिम्मत की दिवानी है।

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डूबती नहीं कश्ती जिनकी मझधारों मे ,
दुश्मनों का सर काटदें जो इशारों मे ।
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अगर कोई प्यार से जान मांगे तो देदेंगे ,
हम राजपूत हैं जनाब ,
अगर कोई रोब दिखाए ,
तो जान लेलेंगे ।
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सीना तान कर चलते हैं वो ,
सर पर कफन बांध कर चलते हैं वो ,
वो राजपूत हैं जनाब ,
दिल की धड़कन बांध कर चलते हैं वो ।
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पल पर में खून का दरिया बहादेंगे ,
दुश्मनी का अंत क्या होता है ,
आ हम राजपूतों से भिड़ हम सीखा देंगे ।
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यमराज भी जिन से डरते हैं ,
बड़े बड़े राजा भी जिनको प्रणाम करते हैं।
वो राजपूत हैं जनाब ,
कइयों का पल मे हिसाब करते हैं।
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शेर जंगल मे सीना तान कर चलता है।
वो राजपूत है ,
जो अपनी कमर मे तलवार बांध कर चलता है।
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वो हवा का रुख बदल देते हैं ,
वो राजपूत हैं यार ,
गुलामी नहीं करते किसी की ,
जिधर मन करा चल देते हैं।
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अपने तलवार की धार तेज करो ,
टिक नहीं पाओगे तुम राजपूतों के सामने ,
खुद को ना यूं सेज करो ।
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गुलाम कभी किसी के बनते नहीं ,
बिना तलवार कभी चलते नहीं ,
राजपूत हैं यह एक बार जो वादा कर दिया ,
फिर कभी वो बदलते नहीं ।
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पानी को आग कभी जला नहीं सकती ,
दम तो है राजपूतों मे यार ,
कोई तलवार उनका खून बहा नहीं सकती ।
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जख्म भले ही गहरे हों ,
अगर इरादे राजपूतों की तरह
मजबूत हों तो क्या नहीं हो सकता ।
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राजपूतों ने भले ही जागिर छोड़दी ,
मगर लड़ना वो आज भी नहीं भूले ।
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गोली की रफ़्तार से भी तेज हैं हम ,
पानी के बहाव से भी तेज हैं हम ।
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जमाना हमारा दिवाना है ,
इसिलिए तो राजपूताना है।
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सर धड़ से अलग हो जाए ,
फिर भी वो लड़ेगा ,
राजपूत ही है , जो हर बार
आगे बढ़ेगा ।
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बंदिशों मे रहना राजपूतों की फितरत नहीं ।
जो इनको रोक से ऐसी कोई कुदरत नहीं ।
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बाहर से शांत हैं ,
मगर अंदर से तूफानी हैं ।
हम राजपूत हैं जनाब ,
लड़कर मर मिटना हमारी कहानी है।
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शरीर भले ही कमजोर है ,
मगर जिगरा शेर जैसा है।
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इतिहास मे भी राजपूत अकेले थे ,
आज भी अकेले हैं।
जिनके दम पर तू उछल रहा है ,
वह सब हमारे चेले हैं ।
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मौत हमारा क्या बिगाड़ेगी ,
हम खुद एक मौत हैं।
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राजपूत हैं हम दिल की सुनते हैं।
वो पत्थर को भी चीर सकता है ,
जिसे हम चुनते हैं।
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इतिहास उठाकर देखले बेटा ,
राजपूत हर जगह लौहा लेते आएं हैं।
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राजपूत या तो दुश्मनी करते नहीं ,
अगर दुश्मनी करते हैं ,
तो फिर उसे बख्सते नहीं ।
……
पहचान हमारी राजपूतानी है।
इसलिए तो तलवार हमारी निशानी है।
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बात न कर तू मर्दानगी की ,
हम राजपूत हैं ,
एक बार वादा कर लिया ,
तो फिर उसे तोड़ते नहीं ।
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राजपूत होने के लिए
दिल नहीं बेटा जिगरा चाहिए ।
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बत्तमीजी दिखाने वालों को
हम राजपूत झेलते नहीं सीधा
पेलते हैं।
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दोस्ती करोगे ,
तो हरकदम पर साथ देंगे ,
अगर राजपूतों से दुश्मनी करोगे ,
तो बरबाद करदेंगे ।
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आवाज की बात ना कर हमारे सामने ,
लोग राजपूतों की खामोशी से डर जाते हैं।
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अक्सर खामोश रहने वाले समंदर
की ताकत तू क्या पहचानेगा ,
जिस दिन सामना होगा ,
किसी राजपूत से तू तेरी औकात जानेगा ।
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अगर हम राजपूत अपनी पर आ गए ,
तो अपने बाप की भी नहीं सुनते हैं।
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जिस दिन सामने वाला
अपनी औकात भूल गया ,
समझलेना राजपूत के सामने
वह फांसी के फंदे पर झूल गया ।
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अगर राजपूत से प्यार से
बात करोगे ,
तो प्यार पाओगे ,
अगर दुश्मनी मोल लोगे ,
तो कमा से जाओगे ।
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हम राजपूत हैं जिगरा वाले ,
डर से हमारा कोई वास्ता नहीं होता ।
जंहा हम कदम रख देते हैं ,
दुश्मनों को भागने का कोई रास्ता
नहीं होता ।
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सबसे ज्यादा डराने वाला भूत है मगर ,
खौफ का दूसरा नाम राजपूत है।
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बंदे तूने राजपूत का प्यार देखा है।
गुस्सा नहीं ,
जिस दिन अपनी पर आ गए ,
सरकार तक बदल देने की ताकत रखते हैं।
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सौ सुनार की ,
एक लुहार की ,
सबसे बड़ी ताकत हैं राजपूत ,
इस संसार की ।
……
वक्त को हम बदल देते हैं ,
राजपूत हैं जनाब ,
जंहा मन करा चल देते हैं।
……
आग मे भी जलके देखा है ,
तेल मे भी तलके देखा है ,
जिसे मिटा नहीं सकता कोई ,
राजपूत एक ऐसी रेखा है।
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डरके मरना राजपूतों का इतिहास नहीं ,
राजपूत वो है ,
जिसके लिए मौत भी कुछ खास नहीं ।
……
जिसने राजपूत का मजाक उड़ाया ,
उसे तो भगवान भी नहीं बचा सकते ।
……
हर पल राजपूताना तलवार खून मांगती है।
यह खून पिलाने वाला जनून मांगती है।
……
अगर दम है ,
तो राजपूत का सामना करके दिखा ,
अगर दम है तो आग पर चलके दिखा ।
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हम कोई चूहे नहीं ,
जो बिल्ली के डर से छुप जाएं ,
हम तो शेर हैं जंगल के ।
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शेर अगर पिंजरे मे बंद तो ,
तो वो चूहा नहीं हो जाता ।
राजपूत अगर शांत है ,
तो वो डरपोक नहीं हो जाता ।
……
दिल चीर के दिखादेंगे ,
हम राजपूत हैं जनाब ,
अपना वक्त आने दे ,
बतादेंगे ।
……
धोखे को बर्दाश्त हम करेंगे नहीं ,
राजपूत हैं हम ,
चाहे जो सामने आ जाए ,
डरेंगे नहीं ।
…….