आपने डायनासोर का तो नाम सुना ही होगा ।और इनपर बनी फिल्मों के अंदर देखा होगा कि डायनासोर एक विशाल जीव होते हैं।और उनके पंख भी होते हैं।डायनासोर पर कई सारी फिल्मे बन चुकी है। जिसमे जुरैसिक पार्क द लॉस्ट वर्ल्ड और गॉडजिला । इन फिल्मों के अंदर जिस प्रकार से डायनासोर को दिखाया जाता है। रियल के अंदर डायनासोर कुछ वैसे ही होते हैं। लेकिन उनको किसी ने देखा नहीं क्योंकि आज से लाखों साल पहले वे धरती पर पाए जाते थे । अब वे सारे विलुप्त हो चुके हैं।
फिल्मों के अंदर दिखाए जाने वाले डायना सोर महज एक कल्पना है। और विभिन्न वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर उनके रेखा चित्र बनाए गए थे । इस लेख के अंदर हम जानेगे की डायनासोर किस तरह से रहते थे । क्या खाते पीते थे ।
हांलाकि इंसान डायनासोर को तो नहीं देख सकता किंतु उनके विभिन्न जगहों से मिले अवशेषों से बहुत सारी जानकारी जुटा ली है।
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क्या खाते थे डायनासोर
फिल्मों के अंदर डायनासोर को पते और मांस खाते दिखाया गया है। लेकिन रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों को डायनासोर के मल मे लकड़ी खाने के भी प्रमाण मिले हैं।हांलाकि ऐसी बात नहीं है कि वे हमेशा ही लकड़ी खाते होंगे किंतु कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार जब डायनासोर धरती पर
थे । तब यहां पर ज्यादा घासफूस नहीं था ।इस वजह से वे कई बारलकड़ी भी खालिया करते थे ।डायनासोर शाकहारी और मांसहारी दोनों ही प्रकार के होते हैं। बताया जाता है कि मांसहारी डायनासोर अपना भोजन शिकार करके खाते थे ।
कुछ जिवाश्म ऐसे भी मिले हैं जिनमे यह साबित होता है कि डायनासोर फल और कांटे भी खालिया करते थे ।
कैसे पालते थे डायनासोर अपने बच्चे
मादा और नर मे संसर्ग होने के बाद मादा अंडे देती थी। और डायनासोर के अंडे काफी बड़े होते थे ।
पता चला है कि डायनासोर अपने अंडों की बहुत अधिक निगरानी रखते थे । और उनमे से चूजें निकलने के बाद उनका भी ध्यान रखा जाता था। ताकि उनको कोई नुकसान न पहुंचा सके । और अंडों से यह भी पता चलता है कि अंडे मे मादा होगी या नर ।
होते थे पंखो वाले डायनासोर
पहले वैज्ञानिक मानते थे कि डायनासोर के पंख नहीं होते हैं किंतु सन 1990 मे चीन मे मिले डायनासोर के कंकालों से यह साबित होता है कि डायनासोर के पंख होते थे ।लेकिन फिर भी वैज्ञानिक मानते हैं कि यह पंख उडने के लिएडायना सोर बहुत कम प्रयोग करते होंगे।
हांलाकि डायनासोर के पंख किस काम आते थे इस बात का कुछ पता नहीं है।हांलाकि कुछ वैज्ञानिक यह मानते हैं कि हो सकता है डायनासोर पंखों की मदद से एक दूसरे को संदेस देते हों। यह भी हो सकता है यह मादा को रिझाने के लिए काम आते हों।
कैसा था डायनासोर का रंगरूप
वैज्ञानिकों के अनुसार डायनासोर की चमड़ी गहरी काले रंग की रही होगी ।खास कर समुद्री डायनासोर की चमड़ी कुछ ऐसी थी। सिनोसारोप्टेरिक्सनाम डायनासोर की चमड़ी पर धारियां होने के संकेत मिलते हैं। फिर भी कहा जाता है की ज्यादातर डायनासोर की चमड़ी अखरोटया गहरे भूरे रंग की रही होगी । हांलाकि अभी भी वैज्ञानिकों के पास इसका कोई सबूत नहीं है। वे सिर्फ कुछ प्रमाणों के आधार पर अनुमान लगा रहे हैं।
कैसे निकालते होंगे डायनासोर आवाजे
वैज्ञानिकों ने डायनासोर की आवाजों के बारे मे पता लगाने के लिए वर्चुअल तरीके की डायनासोर बनाई गई उसमे से हवा गुजारी गई। जिससें यह अनुमान लगाया जा रहा है कि डायनासोर चिंघाड़ते होंगे।या दहाड़ने जैसी आवाज उनके मुह से निकलती रही होगी ।
डायनासोर तो खत्म हो गए किंतु वे अपने पीछे कई सारे सबूत भी छोड़गर गए हैं। जैसे कंकाल पैरों के निशान अब वैज्ञानिक इनकी मदद से यह जानने मे जुटे हैं कि डायनासोर कैसे चलते होंगे । या दौड़ते होंगे ।एक जगह पर डायनासोर के पैरों से जमीन खुदाई के निशान भी मिले हैं जिससे यह साबित होता है कि वे मादा को रिझाने के लिए ऐसा करते होंगे ।
डायनासोर की लगभग 2668 प्रजातियां थी । और इनकी उम्र लगभग 200 साल के आस पास पाई जाती है। भारत मे गुजरात की नर्मदा नदी के पास 7 करोड़ साल पूराना डायनासोर का कंकाल मिला है।
लम्बाई और अन्य तथ्य
कहा जाता है की डायनासोर की लम्बाई अधिकतम 45 फिट और वजन अधिकतम 6350 किलो होता था। और कई डायनासोर काफी तेज दौड़ सकते थे। डायनासोर के पीछले पैर काफी बड़े होतेथे किंतु आगे वाले काफी छोटे होते थे। और मांसहारी डायनासोरअंदर से खोखले होते थे ।
मांसहारी डायनासोर के बड़ें बड़े दांत होते थे। और पैरों के नाखुन भी लम्बे होते थे । यह उनको शिकार करने मे मदद करते थे । जबकि शाकहारी डायनासोर के पंजे साधारण होते थे ।
डायनासोर की पूंछ
आपने डायना सोर की पूंछ की लम्बाई के बारे मे सुना होगा । कई डायनासोर की पूंछ की लम्बाई 45 मीटर तक बताई जा रही है। वैज्ञानिकों के अनुसार लम्बी पूंछ डायनासोर के भागने के दौरान बैलेंस बनाने मे मदद करती थी । हांलाकि सभी डायनासोर की पूंछ इतनी लम्बी नहीं थी।